बेंगलुरु । भारतीय फुटबॉल टीम ने लेबनान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर सैफ फुटबॉल चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया। अब बुधवार को फाइनल में मेजबान टीम का सामना कुवैत से होगा, जिसने दूसरे सेमीफाइनल में बांग्लादेश को 1-0 से पराजित किया। भारत और लेबनान की टीम निर्धारित समय के बाद एक्स्ट्रा टाइम में भी गोल नहीं कर सकी, जिसके बाद पेनल्टी शूटआउट से फैसला हुआ। शानदार फॉर्म में चल रही भारतीय टीम के लिए करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री, अनवर अली, नाओरेम महेश सिंह और उदांता सिंह कुमाम ने गोल किए। वहीं लेबनान के लिए वालिद शऊर और मोहम्मद सादेक ही गोल कर सके जबकि हसन मातोक और खलील बदेर चूक गए। भारतीय फुटबॉल टीम ने लेबनान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर सैफ फुटबॉल चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया। अब बुधवार को फाइनल में मेजबान टीम का सामना कुवैत से होगा, जिसने दूसरे सेमीफाइनल में बांग्लादेश को 1-0 से पराजित किया। भारत और लेबनान की टीम निर्धारित समय के बाद एक्स्ट्रा टाइम में भी गोल नहीं कर सकी, जिसके बाद पेनल्टी शूटआउट से फैसला हुआ। शानदार फॉर्म में चल रही भारतीय टीम के लिए करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री, अनवर अली, नाओरेम महेश सिंह और उदांता सिंह कुमाम ने गोल किए। वहीं लेबनान के लिए वालिद शऊर और मोहम्मद सादेक ही गोल कर सके जबकि हसन मातोक और खलील बदेर चूक गए।
ब्लू टाइगर्स की इस जीत में मैन ऑफ द मैच चुने गए गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू, जो हुसैन जीन के खिलाफ आमने-सामने की ‘लड़ाई’ में मजबूती से खड़े रहे। यहां तक कि माटौक की तीन सीधी फ्री-किक को बचाकर मुस्तैदी दिखाई, जिसमें एक अभूतपूर्व फिंगरटिप सेव भी शामिल था। लेबनान के खतरे को बेअसर करने के लिए वह कई बार अपनी लाइन से हटे और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह पेनल्टी में भारत के बचाव में आए और भारतीय टीम को लगातार दूसरे फाइनल में जगह बनाने में मदद की। 3 फरवरी 1992 को पैदा हुए गुरप्रीत सिंह पंजाब से आते हैं। 6 फीट 6 इंच के गुरप्रीत 2015 से भारतीय फुटबॉल टीम के साथ जुड़े हैं।