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मिशन की खूबी 
समुद्र के नीचे भारत का यह पहला मिशन है। इसलिए यह मिशन भारत के लिए और भी ज्यादा खास है। इस मिशन के तहत भारत लंबे समय तक समुद्र की गहराई में खोज करेगा और गूढ़ रहस्यों को दुनिया के सामने रखेगा। यह मिशन भारत के महासागर मिशन का हिस्सा है। 

धरती के ऊपर अंतरिक्ष जितने रहस्यों से पटा पड़ा है। उससे भी ज्यादा रहस्य धरती के नीचे भी है। और तो और समुद्री जीवन भी अपनेआप में गूढ़ रहस्य है। इसी रहस्य को जानने के लिए भारत ने अपना पहला मानवयुक्त समुद्री मिशन लांच कर दिया है। इस मिशन का उद्देश्य समुद्र की गहराई में अनुसंधान करना है। इस मिशन की शुरुआत करते ही भारत भी उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो समुद्र पर अध्ययन व अनुसंधान कर रहे हैं। 

छह हजार करोड़ रुपये का है मिशन 
समुद्रयान राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान के महासागर मिशन का हिस्सा है। इस पूरी समुद्रयान परियोजना के लिए 6 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। समुद्रयान मत्स्य-6000 टाइटेनियम धातु से बना है। इसका व्यास 2.1 मीटर है। यह यान तीन लोगों को समुद्र की गहराई में ले जाने में सक्षम है। 

मत्स्य-6000 दिसंबर 2024 तक अपने सभी परीक्षणों के लिए तैयार हो जाएगा। इसे 2022-23 के अंत तक 500 मीटर  तक के लिए तैयार कर लिया जाएगा। 

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