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डिजिटल भारत l राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को 13 राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की घोषणा की. इनमें से एक राज्यपाल की नियुक्ति पर सवाल खड़े होने लगे. इन 13 लोगों में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस सैयद अब्दुल नजीर भी शामिल हैं. उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. जस्टिस नजीर 39 दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे.
कांग्रेस ने जस्टिस नजीर की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने इसे लेकर कई सवाल उठाए, उन्होंने इसे सही प्रैक्टिस नहीं माना. कांग्रेस की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं कि न्यायिक व्यवस्था के लोगों को सरकारी पद क्यों दिए जा रहे हैं.
इस पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया है. किरेन रिजिजू ने इस पूरे विवाद को लेकर पलटवार करते हुए लिखा है, राज्यपाल की नियुक्ति पर एक बार फिर से पूरा इको सिस्टम जोरों पर है. उन्हें बेहतर तरीके से यह समझना चाहिए कि वे अब भारत को अपनी निजी जागीर नहीं मान सकते. अब भारत, संविधान के प्रावधानों के अनुसार भारत के लोगों द्वारा चलता है.
कांग्रेस नेता ने उठाए थे सवाल

दरअसल जस्टिस अब्दुल नजीर की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए राशिद अल्वी ने कहा था कि जज को सरकारी पद देना दुर्भाग्यपूर्ण है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी रिटायर्ड जज सुप्रीम कोर्ट के हैं, सरकार कहीं ना कहीं उन्हें दूसरे पदों के लिए भेज देती है जिससे लोगों का यकीन न्यायिक व्यवस्था पर कम हो रहा है.

जस्टिस गोगोई को राज्यसभा भेजने को भी बताया गलत

जस्टिस गोगोई को अभी तो राज्यसभी दी थी ओर अब आपने जस्टिस नजीर को गवर्नर बना दिया. राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद का सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बहुत लोग सवालिया निशान लगाते चले आ रहे हैं कि सरकार के दबाव में हुआ है. राशिद अल्वी ने आगे कहा, जस्टिस गोगोई के बनने के बाद जस्टिस नजीर को गवर्नर बनाना उन लोगों के शक को और मजबूत करता है.

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