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डिजिटल भारत l कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो पढ़ाई से पूरी तरह विमूख होते हैं, जिन्‍हें पढ़ना-लिखना बिल्‍कुल अच्‍छा नहीं लगता। पढ़ाई के नाम से वो ऐसे भागते हैं जैसे उन्‍हें कितना बड़ा काम करने को दे दिया गया हो। कई बार ऐसा होता है कि माता-पिता को बच्चे को पढ़ाने का सही तरीका पता नहीं होता है और उन्हें लगता है कि बच्चे को डांट या मार देना ही एक ऐसा विकल्प है जिससे डरकर वह पढ़ाई करने लगेगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई में यह सही तरीका है। जी नहीं, यह सही तरीका नहीं है।
अगर आपके बच्चे को पढ़ाई करना बिल्कुल भी नहीं पसंद हैं उसे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने का सबसे पहला स्टेप यह होना चाहिए कि सबसे पहले आप उसकी समस्या को पहचानें, जैसे कि बच्चे को पढ़ाई के दौरान कौन सा सब्जेक्ट अच्छा लगता है और कौन सा नहीं लगता, उसे कौन सी चीज याद करने में दिक्कत होती है, क्‍या उसे लिखने में परेशानी होती है। जब तक आप पढ़ाई को लेकर उसकी समस्या को नहीं समझेंगी तब तक आप पढ़ाई को लेकर उसके नकारात्मक रवैये को नहीं समझ पाएंगी। एक बार जब आप समस्या की जड़ तक पहुंच जाएंगी तो फिर आप उसका समाधान भी निकाल लेंगी।
बच्चे को डेली कम से कम बीस मिनट तक पढ़ने की आदत डालवाएं। डेली पढ़ने से ना केवल बच्चे का विकास होगा, बल्कि उसकी शब्दावली में भी वृद्धि होगी और उसका लर्निंग प्रोसेस बढ़ेगा। बच्चे को हमेशा सही टाइम पर पढ़ना, ब्रेक लेना और सोना सिखाएं। बिना ब्रेक के लगातार पढ़ते रहने से वो तनावग्रस्त हो सकते हैं।
पढ़ाई में बच्चे को आपके मदद की जरूरत होती है इसलिए लर्निंग प्रोसेस में उनकी मदद जरूर करें। उन विषयों के बारे में जानने का कोशिश करें करें, जिनमें बच्चे की रुचि है, और साथ ही उन विषयों के बारे में भी जानने की कोशिश करें जिनमें उनकी रुचि नहीं है।
अगर आप अपने जीवन में सीखना चाहते हैं, तो ये आपके लिए बहुत अच्छा होगा क्योंकि गलतियां हर किसी से होती है। इसमें समय के साथ सुधार बहुत जरूरी है। खासकर, अपने बच्चे के भविष्य को स्वर्णिम बनाने के लिए आपको भी सीखने की आदत डाल देनी चाहिए। इससे आप अपने बच्चे को हर परिस्थिति में जीवन जीने की कला सीखा सकते हैं। आइए तरीके जानें।
अपने बच्चों के प्रति स्नेह रखें
हर एक रिश्ते में स्नेह की भावना जरूरी है। अगर आप अपने बच्चों के साथ हमेशा स्नेह और लगाव रखेंगे तो आपके बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे, और आपको सारी बातें बताएंगे। इसके लिए आप अपने बच्चे को हमेशा जादू की झप्पी दें, उसे गले लगाएं, उनके साथ खेलें। बच्चों को प्यार दिखाने में बिल्कुल संकोच न करें। अगर आप अपने बच्चों के साथ स्नेह न रखेंगे, तो वे अवसाद के शिकार हो सकते हैं।
कई बार माता पिता के कहने पर बच्चा पढ़ने तो बैठ जाते हैं लेकिन उनका ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता। माता पिता डांट फटकार कर बच्चों पर दबाव बनाते हैं। हालांकि डांटने या जबरन पढ़ाने से बच्चे की रुचि पढ़ाई में नहीं बढ़ती। यहां अभिभावकों को कुछ ऐसे तरीके बताए जा रहे हैं जो उन्हें पढ़ाई से मुंह चुराने नहीं देंगे और खुद ब खुद उनका मन पढ़ाई में लगने लगेगा।
बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करें लेकिन उन पर दबाव न डालें। पढ़ाई का दबाव बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस कारण उनको पढ़ाई बोझ की तरह लगती है। उनपर जरूरत से अधिक दबाव न बनाएं, हंसते-खेलते बच्चों को पढ़ाई की कठिन बातें समझाने की कोशिश करें।

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