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डिजिटल भारत Iटीवी की पॉपुलर एक्ट्रेस हिना खान के फैंस के लिए एक शॉकिंग खबर है. एक्ट्रेस को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है. हिना खान का कैंसर स्टेज थ्री पर है और उनका इलाज शुरू हो गया है. एक्ट्रेस ने पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट किया है और फैंस से प्राइवेसी की रिक्वेस्ट की है.

हिना ने पोस्ट करके लिखा- ‘मैं सभी अफवाहों को एड्रेस करना चाहती हूं. मैं अपने फैंस और जो मुझसे प्यार करते हैं और केयर करते हैं उन्हें कुछ जरुरी न्यूज बताना चाहती हूं कि मुझे स्टेज थ्री ब्रेस्ट कैंसर हुआ है. इस चैलेंजिंग बीमारी के बावजूद मैं सभी को ये बताना चाहती हूं कि मैं ठीक कर रही हूं. मैं मजबूत, दृढ़ निश्चय और इस बीमारी से लड़ने के लिए तैयार हूं. मेरा इलाज शुरू हो गया है. मैं इससे लड़ने के लिए जो जरुरी है वो सबकुछ करने के लिए तैयार हूं.’
स्तन कैंसर के आंकड़ों की 2018 की रिपोर्ट में 1,62,468 नए पंजीकृत मामले और 87,090 मौतें दर्ज की गईं। कैंसर के विकास के उच्च चरणों में जीवित रहना अधिक कठिन हो जाता है, और 50% से अधिक भारतीय महिलाएँ स्तन कैंसर के चरण 3 और 4 से पीड़ित हैं

भारत में स्तन कैंसर महिलाओं के बीच एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। हर साल हजारों महिलाएं इस घातक बीमारी से जूझती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों के बावजूद, स्तन कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस लेख में, हम जानेंगे कि भारत में कितनी महिलाएं स्तन कैंसर से जूझ रही हैं, इसके प्रमुख कारण क्या हैं, और इस बीमारी से बचाव के उपाय क्या हो सकते हैं।

स्तन कैंसर का प्रसार
भारत में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारतीय कैंसर सोसायटी के अनुसार, प्रत्येक आठ भारतीय महिलाओं में से एक को अपने जीवनकाल में स्तन कैंसर होने का जोखिम होता है। साल 2020 में, भारत में स्तन कैंसर के लगभग 1.5 लाख नए मामले सामने आए थे। इसके अलावा, 2021 में यह आंकड़ा और भी बढ़ गया है। यह वृद्धि दर चिंता का विषय है और स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है।

स्तन कैंसर के प्रमुख कारण
स्तन कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

आनुवंशिक कारण: अगर किसी महिला के परिवार में पहले से ही किसी को स्तन कैंसर हुआ है, तो उसकी संभावना बढ़ जाती है।
हार्मोनल असंतुलन: हार्मोनल परिवर्तन, जैसे मासिक धर्म का जल्दी शुरू होना या रजोनिवृत्ति का देर से होना, स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
जीवनशैली: अत्यधिक शराब का सेवन, धूम्रपान, और मोटापा भी स्तन कैंसर के कारकों में शामिल हैं।
बांझपन और देर से गर्भधारण: जो महिलाएं देर से गर्भधारण करती हैं या जिन्हें संतान नहीं होती, उनमें भी स्तन कैंसर का जोखिम अधिक होता है।
रेडिएशन: अगर किसी महिला ने पूर्व में किसी अन्य कारण से रेडिएशन थेरपी ली हो, तो उसे स्तन कैंसर होने का खतरा हो सकता है।
स्तन कैंसर से बचाव के उपाय
स्तन कैंसर से बचाव के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:

नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित रूप से मैमोग्राफी और अन्य स्वास्थ्य जांच कराने से स्तन कैंसर का पता जल्दी लग सकता है।
स्वस्थ आहार: फल, सब्जियाँ, और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाने से स्तन कैंसर का जोखिम कम हो सकता है।
व्यायाम: नियमित व्यायाम से मोटापा कम होता है और हार्मोनल संतुलन बना रहता है।
शराब और धूम्रपान से बचाव: शराब और धूम्रपान का सेवन कम करने से भी स्तन कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
हार्मोनल थेरपी से परहेज: हार्मोनल थेरपी लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, खासकर अगर परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास हो।
स्तनपान: स्तनपान कराने से स्तन कैंसर का जोखिम कम हो सकता है।
भारत में स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई
भारत सरकार और कई गैर-सरकारी संगठन स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके रोकथाम के लिए प्रयासरत हैं। विभिन्न जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य जांच शिविर, और मुफ्त मैमोग्राफी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा, मीडिया और सामाजिक मंचों पर भी स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है।

जागरूकता अभियान
स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इनमें प्रमुख हैं:

पिंक रिबन अभियान: पिंक रिबन अभियान के तहत स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
स्तन कैंसर जागरूकता माह: अक्टूबर महीने को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, जिसमें विभिन्न कार्यक्रम और स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाते हैं।
मीडिया और सोशल मीडिया: मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करके भी स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है।
निवारक उपायों का महत्व
स्तन कैंसर से बचाव के उपायों का पालन करने से न केवल इस बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है, बल्कि इसके जल्दी पता लगाने में भी मदद मिल सकती है। इसके लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित स्वास्थ्य जांच कराना, और जागरूक रहना महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष
स्तन कैंसर भारत में महिलाओं के बीच एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। हालांकि इसके प्रसार के कई कारण हैं, लेकिन बचाव के उपायों को अपनाकर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। जागरूकता और स्वास्थ्य जांच के माध्यम से हम इस बीमारी का समय पर पता लगा सकते हैं और इसका प्रभावी उपचार कर सकते हैं। इसलिए, हर महिला को अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहना चाहिए और स्तन कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

स्तन कैंसर के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता, समय पर जांच, और स्वस्थ जीवनशैली ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। मिलकर हम इस गंभीर बीमारी पर विजय पा सकते हैं।

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