डिजिटल भारत l आमतौर पर शादी में लडके वाले दहेज लेते है। लडकी वालों को लडके वालो की मांग के अनुसार नगदी और गाडी दी जाती है। लेकिन आज आपको एक ऐसे देश के बारे में बता रहे है जहां इसका बिल्कुल उल्टा होता है। यहां लडक़े को लडक़ी के परिवार को पैसे देने पड़ते हैं। बाजार में लडक़े को पसंद आई लडक़ी को उसके परिवारवालों को भी बहू मानना होता है। इस नियम का पालन सख्ती से होता है।
क्या आपने कभी दुल्हन की मंडी देखी है? आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा कहीं होता है? क्या आज के समय में कहीं महिलाओं को बेचना अलाउड भी है? तो आपको बता दें कि हम मजाक नहीं कर रहे हैं. बुल्गारिया में एक ऐसी जगह है, जहां बिलकुल लीगल है दुल्हन का बाजार. जी हां, इस मार्केट में लोग घूमकर अपने लिए पत्नी खरीदते हैं.
हम बात कर रहे हैं बुल्गारिया में लगने वाली मंडी की, जहां दुल्हन बिकती है. बुल्गारिया के स्तारा जागोर नाम की जगह पर दुल्हन की ये मंडी लगती है. इस जगह पर मर्द अपने परिवार के साथ आता है और अपने लिए पसंद की लड़की चुनता है. जो लड़की लड़के को पसंद आती है, उसकी मोल-मोलाई की जाती है. लड़की के घरवाले जब दिए जा रहे दाम से संतुष्ट हो जाते हैं, तब उस कीमत में अपनी बेटी को लड़के के हवाले कर दिया जाता है. लड़का उस लड़की को घर ले आता है और उसे अपनी पत्नी का दर्जा दे देता है.
गरीबों के लिए लगता है बाजार
कई पुश्तों से लग रहा है ये बाजार दुल्हन खरीदने का चलन गरीब परिवारों में यहां कई पुश्तों से चला आ रहा है। इस पर कानूनी रोक भी नहीं। गर्मियों या सर्दियों के दौरान बुल्गारिया के स्टारा जागोर में ये बाजार लगाया जाता है।
दुल्हन का ये बाजार गरीब लड़कियों के लिए लगाया जाता है. आमतौर पर शादियों में काफी खर्च होता है. ऐसे परिवार जो अपनी बेटी की शादी नहीं करवा पाते, वो इस मंडी में अपनी बेटी को ले कर जाते हैं. इसके बाद लड़के वाले आते हैं और पसंद की लड़की को छांट लेते हैं. लड़की के घरवालों के हिसाब से पैसे देकर वो उस लड़की को खरीद लेते हैं. ये प्रथा बुल्गारिया में सालों से चली आ रही है. इस बाजार को लगाने के लिए सरकार भी इजाजत देती है. फिर भी लोग नहीं मानते.
अलग-अलग है कीमत
इस बाजार में बिकने वाली लड़कियों की कीमत अलग तय होती है. जिस लड़की ने इससे पहले किसी मर्द नहीं बनाया है, उसकी ज्यादा कीमत होती है. साथ ही मार्केट में बिकी दुल्हन को घर ले जाने से पहले भी कई नियम का पालन करना पड़ता है. इस मार्केट में कलाइदझी समुदाय के लोग अपनी बेटी बेचते हैं. उन्हें खरीदने वाले का भी इसी समुदाय का होना अनिवार्य है. साथ ही लड़की वालों का गरीब होना जरुरी है. आर्थिक रूप से मजबूत परिवार अपनी बेटी को नहीं बेच सकते. साथ ही खरीदी गई लड़की को बहू का दर्जा देना जरुरी है.