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डिजिटल भारत – प्रदेश में जुलाई माह की बारिश: रिपोर्ट और भविष्यवाणियाँ
बीते जुलाई माह में प्रदेश में उत्कृष्ट बारिश दर्ज की गई है। जुलाई के 31 दिनों में कुल 14.27 इंच बारिश हुई है, जिससे प्रदेश में अब तक कुल 18.8 इंच बारिश हो चुकी है, जो कि 50.40 प्रतिशत बारिश के बराबर है। मौसम वैज्ञानिकों ने अगस्त माह में भी इसी तरह की बारिश की संभावना जताई है।

जबलपुर में बारिश के आँकड़े:
जबलपुर में छह साल बाद जुलाई माह में जोरदार बारिश हुई है। इस माह में कुल 17.6 इंच वर्षा दर्ज की गई है। अब तक सीजन में जबलपुर में 25 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि यहाँ का वार्षिक औसत 52.5 इंच है। ऐसे में जुलाई में ही आधी बारिश का कोटा पूरा हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 94 साल पहले 1930 में जुलाई माह में सबसे ज्यादा 44 इंच बारिश दर्ज की गई थी।

आईएमडी की चेतावनी:
मौसम कार्यालय के अनुसार, जिले में आज कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है।

पिछले वर्ष के आँकड़े:
22 साल पहले, 2002 में, जबलपुर में जुलाई माह में केवल तीन इंच बारिश हुई थी। 2020 में छह इंच और 2021 में नौ इंच बारिश हुई थी। पिछले सात सालों में, 2016 में सबसे ज्यादा 25 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इसके बाद, 2017 में 15.5 इंच और बाकी वर्षों में औसतन 14-15 इंच बारिश हुई।

वैज्ञानिकों का विश्लेषण:
आईएमडी भोपाल की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, वर्तमान में दो ट्रफ और दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव हैं। 1 अगस्त से सिस्टम और स्ट्रॉन्ग होगा, खासकर पूर्वी हिस्से में। 2 और 3 अगस्त को भी तेज बारिश की संभावना है। मानसून द्रोणिका औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैली हुई है, जो जैसलमेर, जयपुर, ग्वालियर, सतना, जमशेदपुर से होकर पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक जा रही है।

चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति:
हिमाचल प्रदेश और आसपास के इलाकों में 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। झारखंड और आसपास के इलाकों में 3.1 और 7.6 किमी ऊपर दक्षिण की ओर झुका हुआ चक्रवाती परिसंचरण है। पूर्वोत्तर असम और आसपास के इलाकों में 1.5 और 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण है। बांग्लादेश और आसपास के इलाकों में 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण है। पूर्वोत्तर अरब सागर और सौराष्ट्र में दक्षिण की ओर झुकाव के साथ चक्रवाती परिसंचरण मौजूद है। दक्षिण गुजरात से केरल तक एक अपतटीय द्रोणिका भी बनी हुई है।

निष्कर्ष:
जुलाई माह में जबलपुर सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में उत्कृष्ट बारिश दर्ज की गई है, जिससे नदियों और जलाशयों का जलस्तर बढ़ा है। अगस्त माह में भी इसी प्रकार की बारिश की संभावना है, जिससे खेती और जल संसाधनों में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।

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