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नई दिल्ली । अंतरिक्ष की दुनिया सदा से रहस्‍य और रोमांच से भरी है। अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा ने हाल ही में एक नई और रोमांचक खोज की है। नासा ने प्‍लूटो की सतह पर एक असाधारण आकार के ग्‍लेशियर की तस्‍वीर ली है। खास बात यह है कि यह ग्‍लेशियर हार्ट शेप यानी कि दिल के आकार का है। पृथ्‍वी वासियों को इससे ज्‍यादा जुड़ाव महसूस होगा। नासा ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर को कैप्शन के साथ शेयर किया, जिसमें लिखा है, “हमारे न्यू होराइजंस अंतरिक्ष यान ने इस दिल के आकार के ग्लेशियर पर कब्जा कर लिया है। यह प्लूटो की सतह पर स्थित है, जिसमें पहाड़, चट्टानें, घाटियां, क्रेटर और मैदान भी शामिल हैं। ये मीथेन और नाइट्रोजन बर्फ की हो सकती हैं।वैज्ञानिकों ने बीते समय में मंगल ग्रह पर ग्‍लेशियर का पता लगाया था। पृथ्‍वी के ग्‍लेशियर और अन्‍य ग्रहों के ग्‍लेशियर में सबसे बड़ा अंतर तो गुरुत्‍वाकर्षण का ही है। मंगल पर मिले ग्‍लेशियरों के निशान के बारे में वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यहां किसी समय में मूविंग मतलब गतिमान ग्‍लेशियर थे।

पृथ्वी पर हमारे जलवायु में बदलाव ने ग्लेशियरों को हमारे पूरे भूवैज्ञानिक इतिहास में आगे बढ़ने और पीछे हटने का कारण बना दिया है। इन्‍हें हिमनदों और अंतर-हिमनद काल के रूप में जाना जाता है। इन ग्लेशियरों में यू-आकार की घाटियां शामिल हैं। मंगल ग्रह पर ये विशेषताएं नदारद हैं। इसके बाद अब नासा के प्रमुख वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि सुदूर अतीत में इसकी सतह पर कोई भी ग्लेशियर स्थिर थे। हालांकि, अमेरिकी और फ्रांसीसी ग्रह वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा किए गए नए शोध से पता चलता है कि मंगल के ग्लेशियर पृथ्वी की तुलना में अधिक धीरे-धीरे आगे बढ़े।

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