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नेपाल । नेपाल के गोरखा रूस की वैगनर आर्मी में शामिल हो रहे हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि नेपाली युवा रूस में मिलिट्री ट्रेनिंग ले रहे हैं। दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 16 मई को ऐलान किया कि जो विदेशी लड़ाके यूक्रेन युद्ध में उनकी तरफ से लड़ेंगे, उनके और उनके परिवार के लिए रूसी नागरिकता हासिल करने की प्रक्रिया आसान बना दी जाएगी। द डिप्लोमैट की रिपोर्ट के मुताबिक इस घोषणा के बाद से सैकड़ों नेपाली युवा रूस की प्राइवेट आर्मी में शामिल हो रहे हैं। इनमें से कुछ लोग नेपाली आर्मी से रिटायर हुए हैं। इसकी एक वजह अग्निपथ योजना भी है। दरअसल, भारत सरकार ने पिछले साल जून में अग्निपथ स्कीम के तहत भारतीय सेना में रहने की अवधि को कम कर दिया था और उनकी पेंशन भी खत्म कर दी थी।

नेपाली सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल बिनोज बस्नयात ने यूरेशियन टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा- यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। इसमें नेपाल की सरकार भी कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि ये लोग अपनी मर्जी ने देश छोड़कर रूस जा रहे हैं। गोरखा होने के चलते इनकी सेहत अच्छी होती है और ये आसानी से लड़ाकों के ट्रेनिंग ग्रुप में शामिल हो जाते हैं। दूसरी तरफ, नेपाल में बेरोजगारी दर का 11.12% है। BBC के मुताबिक नेपाली युवाओं को रूस में मिलने वाला यह मौका इसलिए भी आकर्षक लग रहा है क्योंकि यहां वो बेहद कम समय में ही इतना पैसा कमा लेंगे जितना नेपाल में कमाने में सालों लग सकते हैं। द डिप्लोमैट के मुताबिक नेपाली युवाओं को रूस में ट्रेनिंग के दौरान इंश्योरेंस के साथ 50 हजार नेपाली रुपए सैलरी के तौर पर दिए जाते हैं।

तस्वीर वैगनर के लड़ाकों की है। इनमें सबसे आगे वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोजिन खड़े हैं। (फाइल फोटो)
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