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डिजिटल भारत I जबलपुर में ट्रेनों को सुरक्षित पटरियों पर चलाने के लिए रेलवे द्वारा निजी गार्डों की मदद ली जाएगी। निजी गार्ड रेलवे पटरियों में होने वाले क्रेक के साथ ही इनमें होने वाले नुकसान पता समय पर लगाएंगे I

म.प्र भोपाल ट्रेनों को सुरक्षित पटरियों पर चलाने के लिए अब रेलवे द्वारा निजी गार्डों की मदद ली जाएगी। जबलपुर में ट्रेनों को सुरक्षित पटरियों पर चलाने के लिए निजी गार्डों की तैनाती होगी। ये गार्ड रेलवे पटरियों में होने वाले क्रेक के साथ ही इनमें होने वाले नुकसान पता समय पर लगाएंगे। जिसके लिए जबलपुर रेल मंडल द्वारा कवायद प्रारंभ कर दी गई है। यह निजी गार्ड रात को पटरियों की सुरक्षा करने के लिए गश्त भी करेंगे।


रेलवे कर्मियों के साथ निजी गार्ड करेंगे निगरानी
दरअसल, रेलवे, पटरियों की सुरक्षा के लिए ट्रैकमेन, पेट्रोलमेन तैनात करता है। इन्हें इस बार भी किया गया, लेकिन ठंड के दिनों में पटरियों में क्रेक आने, ट्रैक को नुकसान पहुंचने और कोहरे होने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। यही वजह है कि इस बार रेलवे इस काम में अपने कर्मचारियों के साथ निजी कर्मचारियों की भी मदद ले रहा है। बता दें कि पटरियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियर विभाग की रहती है।

रेलवे सूत्रों की मानें तो ठण्ड के दिनों में कोहरे व खराब मौसम के कारण रेलवे पटरियों में क्रेक आने, ट्रैक को नुकसान पहुंचने और कोहरे से होने वाली दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती हैं। रेलवे विभाग द्वारा ट्रैक की देखरेख के लिए ट्रैकमैन व पेट्रोलमैन तैनात किया जाता है। इस बार इनके साथ ही निजी गार्ड की भी तैनाती की जाएगी। पटरियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियर विभाग की रहती है। रेलवे द्वारा तैनात कर्मचारियों के माध्यम से ठण्ड के दिनों में रात के समय पटरियों की सुरक्षा करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अब इस कार्य में निजी गार्ड को भी शामिल किया जाएगा। इन निजी कर्मचारियों को कलेक्ट्रेट गाइड लाइन के मुताबिक वेतन का भुगतान होगा।

जबलपुर मंडल के लगभग 800 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक की निगरानी इन निजी गार्ड द्वारा कि जाएगी। वर्तमान में एक ट्रैकमैन के जिम्मे आठ किलोमीटर लंबी पटरियों की निगरानी की जाती है। किंतु कर्मचारी कम होने के कारण ठण्ड के इन दिनों में एक कर्मचारी 12 किलोमीटर लंबी पटरियों की सुरक्षा के लिहाज से गश्त कर रहा है। डबल ट्रैक होने के कारण एक बार में दोनों ट्रैक देखने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लगभग 500 निजी सुरक्षा कर्मचारियों को भी पटरियों की निगरानी में तैनात किया जाएगा। जिसके लिए रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा टेंडर भी जारी कर दिया गया है। बताया गया है कि जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

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