आर.बी.सी. 4-6 के दायरे को बढाने के लिए कैबिनेट ने दी मंजूरी
डिजिटल भारत l रविवार को राज्य मंत्रालय में संपन्न कैबिनेट की बैठक में आर.बी.सी. 4-6 के दायरे को बढाने को मंजूरी प्रदान कर दी । उक्त फैसले की जानकारी देते हुए प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए बाढ की स्थिति में कृषि योग्य भूमि वाले खेतों में रेत पत्थर आ जाने पर राजस्व पुस्तिका के परिपत्र 4-6 के अनुसार अब 12,200 प्रति हेक्टेयर की जगह 18 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर प्रदान किया जायेगा ।
इसके अतिरिक्त भू-स्खलन अथवा नदियों द्वारा रास्ता बदलने पर भूमि के नष्ट होने पर ऐसे प्रभावित कृषकों 47 हजार प्रति हेक्टेयर के मान से कृषकों सहायक राशि दी जायेगी । इसी प्रकार पशु व पक्षी हानि के लिए गाय, ऊंट, भैंस, याक आदि के लिए अब 37 हजार 500 रूपये की सहायता दी जायेगी जबकि भेड, बकरी, सुऊर की हानि पर 4 हजार रूपये प्रदान किये जायेंगे । गैर दुधारू पशुओं जैसे बैल, भैंसा, ऊंट, घोडा आदि के लिए अब 20 हजार रूपये की आर्थिक सहायता का प्रावधान कर दिया गया है । इसके साथ ही प्राकृतिक प्रकोप के कारण प्रभावित पशुओं के अस्थाई रखरखाव के लिए बडे पशुओं के 80 रूपये प्रति दिवस एवं छोटे पशुओं के लिए 45 रूपये प्रति दिवस के मान से सहायक की जायेगी ।
मकान के नष्ट होने पर मिलेंगे सवा लाख रूपये
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए राजस्व एवं परिवहन मंत्री ने बताया कि कच्चा या पक्का मकान क्षतिग्रस्त होने पर मैदानी क्षेत्रों में निवासरत आमजन को प्रति मकान 1 लाख 20 हजार एवं पहाडी क्षेत्रों में निवासरत आमजन के लिए प्रति मकान 1 लाख 30 हजार की आर्थिक सहायता दी जायेगी । इसी तरह झुग्गी-झोपडी या घास-फूस, मिट्टी से बने मकानों के क्षतिग्रस्त होने पर वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर 8 हजार रूपये अधिकतम सहायता प्रदान की जायेगी । श्री राजपूत ने बताया कि इसके अलावा गंभीर रूप से 50 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त पक्के मकान के लिए मैदानी क्षेत्र के लिए 1 लाख 20 हजार एवं पहाडी क्षेत्र के लिए 1 लाख 30 हजार रूपये प्रति मकान दिये जायेंगे ।
बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों की राहत राशि में बढोत्तरी
बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों को भी राहत राशि में बढोत्तरी की गई है । अब इन्हे औजारों अथवा उपकरण के क्षतिग्रस्त होने या तैयार कच्चे माल के क्षतिग्रस्त होने पर 5 हजार रूपये प्रति शिल्पकार का भुगतान किया जायेगा । इसी तरह बाढ और तूफान से प्रभावित मछुआरों को नाव नष्ट होने पर 15 हजार, जाल के क्षतिग्रस्त होने या मरम्मत के लिए 3 हजार एवं नाव की आंशिक क्षति होने पर 6 हजार रूपये प्रति नाव के हिसाब से सहायता राशि प्रदान की जायेगी । श्री राजपूत ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से मछली पालने वाले को मछली बीज नष्ट हो जाने पर 10 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि प्रदान की जायेगी ।