बैंक ऑफ़ बड़ौदा द्वारा किया गया किसानो का सम्मान l
भारत का नामी बैंक द्वारा किया गया किसान सम्मान मैं पांचवे सालगिरह के अवसर पर मंगलवार, 29 नवंबर 2022 को जबलपुर मैं किसान मेला 2022 का आयोजन किया गया l बैंक ऑफ बड़ौदा ने बताया की किसान पंखवाडा का पांचवे वर्ष पूर्ण होने पर ये आयोजन किया गया जिसमे श्री राजेश मल्होत्रा मुख्य महाप्रबंधक एवं श्री गिरीश डालाकोटी महाप्रबंधक और श्री अंचल प्रमुख, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, भोपाल अंचल दद्वारा किया गया था l जबलपुर, कटनी नर्सिगपुर और पन्ना जिलों के 500 से अधिक किशानो की भागीदारी के साथ किया गया l इस वर्ष के बड़ौदा किसान पखवाड़ा मैं, बैंक 760 से अधिक कार्यक्रमों उद्धरण स्वरूप किसान बैठक, चौपाल, मृदा परीक्षण शिविर, पशु स्वश्थ जांच शिविर का आयोजन कर रहा है और इसके साथ ही, बैंक इस ने विभिन्न योजनाओ के तरह रु. 101. 00 करोड़ रुपये से अधिकस्वीकृत किया हैं l मध्य प्रदेश और छतीशगढ मैं 25,000 से अधिक किशानो से संपर्क कर रहा हैं बैंक आपने ग्राहको अत्याधुनिक डिजिटल बैंकिग प्लेटफॉर्म के माध्यम से, सभी बैंकिग उत्पादों और सेवाओं का सहज और निबार्ध तरीके से प्रदान करता हैंl हल ही मैं शुरू किया गया बैंक का बॉब वर्ल्ड मोबाइल ऐप ग्राहको को एक ही ऐप के माध्यम से बचत, निवेश, उधार और खरीदारी का अनुभव प्रदान कर रहा हैं ऐप गैर ग्राहकों को भी वीडियो केवाईसी के माध्यम से खाता खोलने की दिशा में सहायक प्राप्त हो रही है।बैंक का दृष्टिकोण इसके विविध ग्राहक उधार से मेल खाता है और मध्य विश्वास और सुरक्षा की भावना पैदा करता है बैंक सही दिशा में अपने दृष्टिकोण की ओर आगे बढ़ रहा है और वह वर्ल्ड डिजिटल रूपांतरण की दिशा में बैंक के रोडमैप प्रमाण हैl
बैंक ने अपने कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश जी को नमन करते हुए किया जिसके लिए गणेश बनने की एक परफॉर्मेंस स्टेज पर सभी के सामने प्रस्तुत की गई इसी के साथ-साथ पुराने कल्चर को बनाए रखते हुए राजस्थानी कठपुतली डांस सभी के सामने पेश किया गयाl
यह राजस्थान के प्रमुख नृत्य मे से एक है।
यह प्राचीनतम नृत्य है
कठपुतली विश्व के प्राचीनतम रंगमंच पर खेला जाने वाले मनोरंजक कार्यक्रम में से एक है कठपुतलियों को विभिन्न प्रकार की गुड्डे गुड़ियों, जोकर आदि पात्रों के रूप में बनाया जाता है इसका नाम कठपुतली इस कारण पड़ा क्योंकि पूर्व में भी लकड़ी अर्थात काष्ठ से बनाया जाता था इस प्रकार काष्ठ से बनी पुतली का नाम कठपुतली पड़ा। प्रत्येक वर्ष २१ मार्च को विश्व कठपुतली दिवस भी मनाया जाता है।