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जयपुर । चुनावी साल में सभी राजनीतक दल पूरी ताकत से फील्ड में उतर गए हैं। कांग्रेस सरकारी योजनाओं के बलबूते पर गांव गांव घर घर तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल अलग–अलग जिलों में ताबड़तोड़ सभाएं और रैलियां कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी की ओर से राजस्थान में दो बड़ी रैलियां हो चुकी। वहीं भारतीय जनता पार्टी केन्द्र सरकार की उपलब्धियों और प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों के मुद्दे पर लोगों के बीच अपनी पैठ जमाने में लगी है। प्रदेश में पार्टी को और ज्यादा मजबूत होने के लिए बीजेपी में कई बड़े चेहरों की एंट्री भी होने वाली है। इन चेहरों के बीजेपी में शामिल होने से गहलोत के लिए चुनौती भी बढ़ना तय है।

प्रदेश के कई बड़े नेता ऐसे हैं जो लम्बे समय से पार्टी से बाहर हैं। कुछ ने जानबूझकर पार्टी का दामन छोड़ दिया था तो कुछ पार्टी से निष्कासित हैं। ऐसे सभी नेताओं की घर वापसी की तैयारी की जा रही है ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी क्षेत्रवार और जातिगत वोट बैंक को साध सके। घर वापसी के साथ ही बीजेपी कांग्रेस में सेंध लगाने की तैयारी भी कर रही है। कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं के पारिवारिक सदस्य भी बीजेपी में एंट्री करने वाले हैं। कुछ दिनों पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय जगन्नाथ पहाड़िया के पुत्र ने बीजेपी की सदस्यता ली थी। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के भतीजे ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।पिछले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी का दामन छोड़ने वाले पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह की जल्द ही घर वापसी होने वाली है। 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से पूर्व मंत्री रहे सुरेन्द्र गोयल पार्टी से बगावत कर ली थी। वे भी अब जल्द ही पार्टी में वापसी करने वाले हैं। बीकानेर संभाग के बड़े चेहरे के रूप में स्थापित देवी सिंह भाटी के साथ विजय बंसल और रोहिताश्व शर्मा की भी जल्द ही घर वापसी होने वाली है। टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतने वाले ओमप्रकाश हुड़ला को भी वापस बीजेपी में लाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

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