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जम्मू-कश्मीर में चुनावी सियासत गरमा रही है। सूत्रों के अनुसार मई तक यहां चुनाव हो सकते हैं। भाजपा महासचिव बीएल संतोष नेहाल में एक अहम बैठक लेकर पार्टी कैडर को चुनावी माेड पर आने के निर्देश दिए हैं।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर राजनितिक पार्टियों की तैयारियां…

पीडीपी: जम्मू की फिक्र का राग अलाप कर महबूबा का बड़ा दांव
पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती पार्टी की नियमित रूप से छोटी-छोटी रैलियां कर रही हंै। महबूबा के स्टैंड में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। वेइन दिनों भाजपा पर जम्मू की उपेक्षा का आरोप लगा रही हैं। उनका ये दांव जम्मू क्षेत्र में पीडीपी का आधार बढ़ाने के लिए है।

कांग्रेस:राहुल गांधी की यात्रा से कश्मीर में पार्टी को फायदे की

भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में आने और गुलाम नबी आजाद की पार्टी से कई नेताओं की पार्टी में वापसी से कांग्रेस उत्साहित दिख रही है।प्रदेशाध्यक्ष रसूल वानी का कहना है कि 20 जनवरी को आने वाली भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी का जनाधार बढ़ेगा।

नेशनल कॉन्फ्रेंस: चुनाव को हक बता रही, बहिष्कार से इनकार
चुनावों के संभावित ऐलान को पार्टी जनता का हक बता रही है। रणनीति यह मैसेज देना है कि चुनाव का ऐलान करना भाजपा की ओरसे कश्मीरियों को सौगात नहींं है। उमर अब्दुल्ला ने चुनाव लड़ने का ऐलान तो किया है पर गुपकार गठबंधन पर रुख नहीं बताया।

आजाद पार्टी: दलबदलुओं से परेशान, अभी रणनीति का ऐलान नहीं
पूर्व सीएम गुलाम नबी की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का शुरुआती जोश ठंडा है। पार्टी नेतृत्व दल-बदल से जूझ रहा है। सभी क्षेत्रों मेंपार्टी का संगठनात्मक ढांचा भी तैयार नहीं है। पार्टी ने अभी तक चुनावी रणनीति की घोषणा नहीं की है।

आप: पंजाब की सफलता को जम्मू क्षेत्र में भी भुनाने की तैयारी की जा रही है
आम आदमी पार्टी हाल में पंजाब में चुनावी सफलता को जम्मू में भुनाने की तैयारी में जुटी है। आप को उम्मीद है कि पंजाब का असरजम्मू में भी पड़ेगा। पार्टी उपाध्यक्ष नजीर यतू ने जल्द चुनाव की मांग की है।

भाजपा और अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी केबीच नजदीकियां बढ़ने और गठबंधन की संभावना से घाटी में नए समीकरण बन सकते हैं। भाजपा की कवायद को देख कर अन्यपार्टियां भी तैयारियों में जुट गई हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीडीपी और कांग्रेस विधानसभा क्षेत्रों में फैले अपने-अपने नेताओं कोएक्टिव कर रही हैं। चुनावी सुगबुगाहट के बीच राज्य में गठबंधन की राजनीति की तस्वीर फिलहाल स्पष्ट नहीं हैं। एनसी और पीडीपी केबीच गुपकार गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने पर दोनों पार्टियों के नेता बयान देने से बच रहे हैं।

श्रीनगर में रविवार शाम करीब 6 बजे हवाल चौक में आतंकियों ने CRPF के बंकर पर ग्रेनेड से हमला किया। इस हमले में जवानों कोतो कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन एक नागरिक समीर अहमत मल्ला घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहालइसकी कोई तस्वीर सामने नहीं आई है।

दूसरी घटना: पुलवामा में जवान से राइफल छीनी 

रविवार सुबह पौने 12 बजे दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के राजपोरा इलाके में CRPF के जवान से AK-47 राइफल छीन ली गई।राइफल छीनने वाला युवक 25 साल का इरफान बशीर गनी है। शाम तक राइफल छीनने वाले युवक को उसके परिवार के लोग लेकरथाने पहुंचे और हथियार वापस किया। इससे पहले आतंकियों ने 183 बटालियन के एक जवान से AK-47 राइफल छीनी थी।

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें…

2022 में कश्मीर में 172 टेररिस्ट मारे गए, आतंकियों ने 3 कश्मीरी पंडितों सहित 29 लोगों की हत्या की

कश्मीर में आतंकियों के साथ साल 2022 में सुरक्षाबलों की 93 मुठभेड़ हुई, जिनमें 172 आतंकी मारे गए। इनमें 42 विदेशी थे। वहीं, आतंकवादियों ने इस साल 29 नागरिकों की हत्या कर दी, जिनमें से 3 कश्मीरी पंडितों सहित 6 हिंदू थे। कश्मीर के ADGP विजयकुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकियों में सबसे ज्यादा 108 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा औरइसी से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट के थे।

आतंकवादियों की भर्ती में 37% की गिरावट
विजय कुमार ने कहा कि इस साल आतंकवादियों की भर्ती में पिछले साल की तुलना में 37% की गिरावट हुई है, जो अब तक सबसेज्यादा है। सबसे अधिक 74 आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए, इनमें से 65 आतंकवादियों को मुठभेड़ में खत्म कर दियागया। इन 65 में से 58 आतंकी यानी 89% संगठन में शामिल होने के पहले महीने में ही मार दिए गए।

वहीं, 17 आतंकवादी गिरफ्तार किए गए हैं। फिलहाल घाटी में इस साल भर्ती हुए 18 आतंकवादी एक्टिव हैं। सुरक्षाबलों ने इस सालमुठभेड़ों और सर्च ऑपरेशन के दौरान 360 हथियार बरामद किए हैं। इसमें 121 AK सीरीज की राइफलें, 8 M4 कार्बाइन और 231 पिस्तौल शामिल हैं।

कश्मीर में इस साल 26 जवान शहीद
आतंकियों ने इन साल कश्मीर में 29 लोगों की हत्या की है। जिसमें 21 स्थानीय निवासी और 8 प्रवासी मजदूर थे। स्थानीय लोगों में 3 कश्मीरी पंडितों सहित 6 हिंदू और 15 मुस्लिम थे। आतंकियों के साथ मुठभेड़ों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 14 जवानों सहित 26 सुरक्षाबलों के जवान शहीद हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर में एनकाउंटर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए…
जम्मू में 4 आतंकवादी ढेर, ट्रक में छिपकर आए थे तलाशी के दौरान फायरिंग करने लगे

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