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डिजिटल भारत I प्राइवेट स्कूल फीस वसूली और बुक, ड्रेस, फिक्सिंग के मामले में लगातार पोल खोली जा रही है स्कूल संचालक सिंडिकेट बनाकर फीस वृद्धि से लेकर पुस्तक बदलना, ड्रेस बदलने और तो और स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने आदि में अभिभावकों से अवैध वसूली को लेकर एक नई नई बात सामने आ रही है इन सभी मामलों का कमीशन जिले के जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, जिला शिक्षा केंद्र के जिला समन्वयक डीपीसी “योगेश शर्मा” को भी पहुंचता था। प्राइवेट स्कूलों के सिंडिकेट में न केवल जिले स्तर पर बलिक राजधानी स्तर पर डीपीआई एवं प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा को भी इसका हिस्सा बराबरी से पहुंचता है। इसके साथ-साथ शिक्षा का अधिकार (आरटीई) में प्रत्येक निजी स्कूलों में 25% बच्चों के आवंटन में भी डीपीसी के द्वारा अवैध वसूली कर फर्जी बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति प्रतिवर्ष स्कूलों को उनके खातों में डाली जाती थी। जो लाखो रुपए हुआ करते है।2015 से लगातार जिला शिक्षा केंद्र में डीपीसी शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत एक ही प्रबंधक के द्वारा चलाए जा रहे एक से अधिक स्कूलों में बहुत आसानी से डबल डबल बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति कर डीपीसी के द्वारा अवैध वसूली कमीशन के रूप में की जाती रही है। आश्चर्य की बात यह है कि डीपीसी अकेला नहीं जिला पंचायत की सीईओ एवं जिले के कलेक्टर एवं मिशन संचालक के हस्ताक्षर से ही राशि स्कूलों के खाते में जमा की जाती है। मतलब सीधा साफ है की, डीपीसी जिला पंचायत की सीईओ एवं कलेक्टर को अंधेरे में रखकर प्राइवेट स्कूलों से आरटीई को लेकर डार्क में रख कर किया करते थे। इसी सैटिंग के चलते कभी इन अधिकारियों के द्वारा इन निजी स्कूलों का निरीक्षण भी नहीं किया गया और ना ही शासन के आदेशों निर्देशो से निजी स्कूलों को अवगत कराया गया। हर महीने प्राइवेट स्कूलों से मोटी रकम लेकर अपना उल्लू सीधा करते रहे। इस बाबत कई शिकायत है, डीपीसी की न केवल कलेक्ट्रेट में बलिक शासन में तथा साथ-साथ लोकायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक एवं आर्थिक अपराध (SP EOW) को भी की जाती रही है किंतु किसी के भी कान में “जू नहीं रेगी” जब आज वर्तमान कलेक्टर एवं मिशन संचालक स्वयं “दीपक सक्सेना” ने सब की आंखें खोल दी। तो राज्य स्तर पर उनका सम्मान कर दिया गया और पूरे प्रदेश में जबलपुर की नजीर देते हुए निजी स्कूलों पर गाज गिराई जा रही है। अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग “अखिल भारतीय मजदूर अधिकार संगठन” ने जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह से ज्ञापन के माध्यम से की है संगठन के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह चड्ढा ने आरोप लगाया है कि जिला शिक्षा अधिकारी की लापरवाही की वजह से फीस वसूली और बूक कमीशन खोरी बड़े पैमाने पर हुई है इस मामले में शिक्षा विभाग की भूमिका संदिग्ध है इसलिए अधिकारियों की भी जांच की जानी चाहिए।*

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