xr:d:DAFYQxtzkGA:1307,j:45471741697,t:23041910
0 0
Read Time:2 Minute, 57 Second

डिजिटल भारत I तेज धूप और भीषण गर्मी का असर सिर्फ लोगों पर नहीं फसलों पर भी पड़ा है। सब्जी के पौधे सूखने लगे हैं। इससे पैदावार करीब 50 फीसदी कम होने से बाजारों में हरी सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। महज 15 दिनों में हरी सब्जियों की कीमतें तीन गुना तक महंगी हो गई है। जिले में एक महीने से प्रचंड गर्मी का असर बना हुआ है। पारा लगातार 40 से 44 डिग्री सेल्सियस के ऊपर बना रहा। ऐसे मौसम में न सिर्फ जनजीवन प्रभावित हैं, बल्कि सब्जियों के पैदावार पर भी असर पड़ा है। स्थिति यह है कि मौसमी सब्जियां भी आसानी से नहीं मिल रही है। जो सब्जियां इन मौसम में 10 रुपए किलो मिल जाती थी। अब उनकी कीमत 30 रुपए किलो तक पहुंच गई है। सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि से गृहणियों के रसोई का बजट बढ़ गया है। लोगों की थाली से हरी सब्जी गायब होने लगी है। आलू प्याज जैसी सब्जी के दाम तो पहले से ही रुला रहे थे। लेकिन अब हरी सब्जियां भी तरेर रही है। मौसमी सब्जियां भी बजट से बाहर से बाहर हो चली है। पिछले पखवाड़े जिन सब्जियों के दाम 10 रुपए किलो थे, अब उनका दाम 30 रुपए तक पहुंच ग‌ए है। सब्जी के दामों में रोजाना वृद्धि देखी जा रही है
हरी सब्जियों का उत्पादन हुआ कम
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जनवरी- फरवरी में हुई बारिश की वजह से उत्पादन कम हुआ तो दूसरी तरफ अप्रैल- मई में हीटवेब रही। इसकी वजह से गर्मी के मौसम में हरी सब्जियों का उत्पादन कम हुआ और आलू की खपत ज्यादा रही।

प्रदेश की स्थिति
प्रदेश में करीब 198 कोल्ड स्टोर हैं। उद्यान विभाग की ओर से सीजन में करीब 245 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 222 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। इसमें 139 लाख मीट्रिक टन कोल्ड स्टोर में रखा गया, जिसमें करीब 20 फीसदी निकल चुका है। आलू के भाव में तेजी की वजह से कोल्ड स्टोर में रखने वाले व्यापारी अभी आलू निकाल नहीं रहे हैं। यूपी से करीब 102809.74 मीट्रिक टन आलू नेपाल भेजा गया, जिसकी कीमत करीब 94.44 करोड़ रुपये थी।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
इस खबर को साझा करें