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जबलपुर दर्पण । मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में फर्जीवाडे का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है जहां एक ओर कोरोना काल मे फर्जी नर्सिंग कॉलेज और अस्पतालों की असलियत सामने आई थी वहीं दूसरी ओर फर्जीवाड़े पर कार्यवाही के लिए मामला हाईकोर्ट तक भी गया है। लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष विशाल बघेल ने जबलपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मध्यप्रदेश में 2020-21 में सैकड़ों की संख्या में अपात्र संसाधन विहीन नर्सिंग कॉलेज खोले जाने का आरोप लगाया जिसके बाद ट्राइबल क्षेत्र में खुले 55 नर्सिंग कॉलेजों से होते हुए पूरे प्रदेश भर के 670 नर्सिंग कॉलेजों की जांच तक जा पहुंचा।

याचिकाकर्ता द्वारा समय-समय पर एक के बाद एक दस्तावेज पेश कर नर्सिंग काउंसिल और मध्य प्रदेश सरकार की कारगुजारी उजागर की गईं , इसी दौरान मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल द्वारा 2020 में मान्यता दिए गए 100 से ज्यादा कालेज जांच में दोषी पाए गए और उनकी मान्यताएं भी समाप्त की गई । दोषियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर लंबे समय से कोर्ट में संघर्ष कर रहे लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ रही महिला अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे समय-समय पर हुई जांचों में कुछ आरोप प्रमाणित भी पाए गए थे इसके आधार पर नर्सिंग काउंसिल में पदस्थ रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैयाँ, और श्रीमती सुनीता शिजू अभी तक कार्यवाही की शिकार हुई है।

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