डिजिटल भारत I 19 अक्टूबर 2024 की रात राजस्थान के धौलपुर जिले में एक भयानक सड़क हादसा हुआ जिसने पूरे राज्य और देश को स्तब्ध कर दिया। इस हादसे में एक स्लीपर कोच बस ने एक टेंपो को जबरद स्त टक्कर मारी, जिससे 12 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में आठ बच्चे और तीन महिलाएं शामिल थीं। ये सभी एक परिवार से जुड़े लोग थे, जो भात कार्यक्रम में शामिल होकर अपने घर लौट रहे थे। इस दुर्घटना ने एक खुशियों से भरी रात को मातम में बदल दिया। यह हादसा भारतीय सड़कों पर आए दिन होने वाले सड़क हादसों की एक बानगी है, खासकर बसों और छोटे वाहनों के बीच टकराव की। धौलपुर हादसा भारतीय सड़कों पर बढ़ते खतरों और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करता है, जिससे हर साल हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं।
घटना: खुशी की रात कैसे मातम में बदल गई
यह हादसा 19 अक्टूबर 2024 की रात को करीब 11:00 बजे हुआ, जब पीड़ित लोग एक भात समारोह से लौट रहे थे। सभी धौलपुर के गुमट मोहल्ला के निवासी थे, और अपने रिश्तेदार के घर से लौट रहे थे। सनिपुर गाँव के पास नेशनल हाईवे 11-B पर उनकी टेंपो को एक तेज रफ्तार स्लीपर कोच बस ने पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि टेंपो पूरी तरह से कुचल गया और उसके अंदर बैठे लोगों के बचने की कोई उम्मीद नहीं थी।
परिणाम: तबाही का मंजर
घटना स्थल पर पहुंचने वाले स्थानीय लोगों के अनुसार, टक्कर इतनी जोरदार थी कि टेंपो में सवार सभी लोग मौके पर ही दम तोड़ चुके थे। शव चारों तरफ बिखरे हुए थे, और चीख-पुकार मची हुई थी। जिनमें अधिकतर छोटे बच्चे थे।
स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और सभी शवों को बाड़ी के सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचाया गया। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे में बचने वालों में 37 वर्षीय धर्मेंद्र और 11 वर्षीय साजिद का इलाज जारी है।
पीड़ित: मासूम जिंदगियां जो खत्म हो गईं हादसे में मारे गए लोगों में मुख्य रूप से एक ही परिवार के लोग शामिल थे, जिसमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल थे। मरने वालों में शामिल थे:
आसमा (13 वर्ष): एक होनहार लड़की जो शिक्षक बनने का सपना देख रही थी।
बंटी (35 वर्ष): पिता जिन्होंने अपने दो बेटों सलमान (7 वर्ष) और साकिर (5 वर्ष) के साथ अपनी जान गंवाई।
जरिना (30 वर्ष): एक माँ जो अपने बच्चों के साथ सफर कर रही थी।
अशियाना (10 वर्ष) और सानिज (9 वर्ष): मासूम बच्चे जो अपनी माँ के साथ हादसे का शिकार हो गए।
इन मासूम जिंदगियों का इस हादसे में खत्म होना पूरे मोहल्ले और समुदाय के लिए गहरा सदमा है।
भारत में सड़क सुरक्षा: एक बढ़ती हुई समस्या
भारत में सड़क हादसे कोई नई बात नहीं हैं। हर साल, लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं, जिनमें हजारों लोगों की मौत हो जाती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में दुनिया के लगभग 11% सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें होती हैं, जबकि यहां मात्र 1% वाहन ही पंजीकृत हैं
राजस्थान के धौलपुर जिले के जिस क्षेत्र में यह हादसा हुआ, वह दुर्घटनाओं के लिए कुख्यात है। खराब सड़कें, गलत संकेतक और तेज गति वाले वाहन इस तरह की दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। इस हादसे में भी बस की तेज रफ्तार ही मुख्य कारण बताई जा रही है।
कानूनी कार्रवाई और जांच
पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए बस और टेंपो को जब्त कर लिया। बाड़ी कोतवाली थाना अधिकारी शिव लहरी मीना ने बताया कि बस चालक की लापरवाही से यह हादसा हुआ। पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और वह फरार बताया जा रहा है
हादसे के बाद यह सवाल फिर से उठने लगे हैं कि आखिर कब तक सड़कों पर इस तरह की लापरवाहियां होती रहेंगी, और सरकार कब ठोस कदम उठाएगी?
सामुदायिक शोक और समर्थन
धौलपुर जिले के बाड़ी कस्बे और गुमट मोहल्ला में इस हादसे के बाद मातम का माहौल है। पूरा मोहल्ला शोक में डूबा हुआ है, और लोगों को इस बड़े हादसे से उबरने में काफी समय लगेगा। मृतकों के परिवारों को स्थानीय लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है, लेकिन इस हादसे का जो भावनात्मक और मानसिक आघात है, वह हमेशा के लिए गहरे निशान छोड़ जाएगा।
सरकार की प्रतिक्रिया: मुआवजा और सुरक्षा उपाय
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि वे इस दुर्घटना की जांच करें और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
निष्कर्ष
धौलपुर हादसा न केवल एक परिवार की तबाही है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की जरूरत है।
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