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डिजिटल भारत I उत्तर भारत समेत केरल राज्य में भारी बारिश के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। उत्तराखंड व केरल में पिछले दिनों आइ बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी क्षति पहुंचाई है। दोनों ही राज्यों में देखा जाए तो कुल अब तक 76 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

 उत्तराखंड इन दिनों बारिश की मार झेल रहा है. जिला अल्मोड़ा में भारी बारिश कहर बनकर टूट रही है. बीते 36 घंटो से लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

इधर भिकियासैंण तहसील के रापड़ गाँव में दो बच्चों की मकान ढहने से मौत हो गई है. जबकि नगर के हीराढूंगरी मोहल्ला में एक 14 साल की लड़की की दबकर मौत हो गई है. दोनों ही जगह पर एक-एक अन्य व्यक्ति मलबे में दबे हैं दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कुछ इलाकों में मौसम अभी शांत बना हुआ है. दिल्ली के आसपास तो सूरज और बादलों में लुका-छिपी का सा खेल चल रहा है. लेकिन उत्तर भारत के पहाड़ी और दक्षिण भारत के इलाकों में बारिश लगातार कहर बरसा रही है. वर्तमान में बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान केरल में देखने को मिल रहा है. यहां बारिश के कारण अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं. मौसम को देखते हुए अलप्पुज्हा में शनिवार को होने वाली सालाना नेहरू रेस स्थगित कर दी गई है.

नदियों में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए राज्य सरकार ने इटुक्की बांध के एक फाटक को खोलने का फैसला किया है.

भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लापता हो गए। हिमालयी राज्य उत्तराखंड के अधिकारियों ने कहा कि एक दिन पहले इसी तरह की घटनाओं में छह लोगों की मौत के बाद मंगलवार को ताजा भूस्खलन में 35 लोगों की मौत हो गई।

सबसे बुरी तरह प्रभावित नैनीताल क्षेत्र में ही मंगलवार तड़के सात अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 30 की मौत हो गई। बता दें कि वहां बादल फटने के बाद काफी तेज बारिश शुरू हो गई। इसके बाद भूस्खलन, जिससे भारी संकट पैदा हो गया।

इसके अलावा दक्षिणी भारतीय राज्य केरल में भारी बारिश के कारण आइ बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 35 लोग मारे गए हैं और अधिकारियों का मानना है कि मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। सेना और नौसेना के बचाव अभियान पिछले दिनों तक जारी रहे। बीते दिनों तक हजारों लोग तटीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों में फंसे हुए बताए गए थे, जबकि कई लापता बताए गए थे।

बताया गया कि राज्य में मानसून के मौसम में हर साल बाढ़ आती है लेकिन पिछले 10 वर्षों में आवृत्ति में वृद्धि हुई है। बुधवार से और बारिश होने की संभावना को देखते हुए सड़कों की सफाई के लिए अभियान चलाया जा रहा है।बता दें कि 2018 में, केरल को विनाशकारी बाढ़ का सामना करना पड़ा था, जब मानसून के मौसम में भारी बारिश ने 400 से अधिक लोगों की जान ले ली और सैकड़ों हजारों लोगों को उनके घरों से बाहर निकला पड़ा।

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