0 0
Read Time:4 Minute, 12 Second

डिजिटल भारत I इंसानी गतिविधियों की वजह से निकलने वाले प्रदूषण खासतौर से कार्बन उत्सर्जन का असर वायुमंडल में सदियों तक रहता है. जि यानी ग्लोबल वार्मिंग. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुद्री जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. अगर लगातार इसी तरह कार्बन उत्सर्जन होता रहा तो मुंबई समेत एशिया समेत एशिया के 50 शहर समुद्री पानी में डूब जाएंगे. ये 50 शहर चीन, भारत, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और वियतनाम से होंगे. ये खुलासा एक नई रिपोर्ट में किया गया है. दुनियाभर के जो देश हाई-टाइड वाले जोन में आते हैं, वहां पर समुद्री जलस्तर बढ़ने से 15 फीसदी की आबादी प्रभावित होगी. यह स्टडी हाल ही क्लाइमेट कंट्रोल नाम की साइट पर प्रकाशित हुई है.

जिसमें भारत से मुंबई को खतरे में दिखाया गया है.  इस स्टडी में यह बताया गया है कि दुनियाभर के करीब 184 जगहें ऐसी जगहें ऐसी हैं जहां पर समुद्री जलस्तर बढ़ने का सीधा असर होगा. इन शहरों का बड़ा हिस्सा या फिर पूरे शहर पानी में डूब जाएंगे. इससे पहले अगस्त में IPCC की क्लाइमेट रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि सिर्फ सिर्फ 79 साल और…यानी 2100 में भारत के 12 तटीय शहर करीब 3 फीट पानी में.. चले जाएंगे. क्योंकि लगातार बढ़ती गर्मी से ध्रुवों पर जमा बर्फ पिघलेगी. उससे समुद्री जलस्तर बढ़ेगा.

फिर क्या…चेन्नई, कोच्चि, भावनगर  जैसे शहरों का तटीय इलाका छोटा हो जाएगा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने सी लेवल प्रोजेक्शन टूल  बनाया है. जिसका आधार है इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑ(IPCC) की हाल ही में आई रिपोर्ट. इस रिपोर्ट में कहा भी गया है कि 2100 तक दुनिया प्रचंड गर्मी बर्दाश्त करेगी. कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण नहीं रोका गया  तो तापमान में औसत 4.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी. अगले दो दशकों में ही तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा. जब इतना तापमान बढ़ेगा, तो जाहिर बात है कि ग्लेशियर पिघलेंगे. उसका पानी मैदानी और समुद्री इलाकों में तबाही लेकर आएगा

नासा के प्रोजेक्शन टूल में दुनियाभर का नक्शा बनाकर दिखाया गया है.  है. यह पहली बार है ,आईपीसीसी हर 5 से 7 साल में दुनियाभर में पर्यावरण की स्थिति की रिपोर्ट देता है. इस बार की रिपोर्ट बहुत भयावह है. यह पहली बार है जब नासा ने पूरी दुनियाअगले कुछ दशकों में बढ़ने वाले जलस्तर को मापने का नया टूल बनाया है. यह टूल दुनिया के उन सभी देशों के समुद्री जलस्तर को माप सकता है, जिनके पास तट है. अगले 20 साल में धरती का तापमान निश्चित तौर पर 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा. ऐसा जलवायु परिवर्तन की वजह से होगा. IPCC की नई जुटाए गए मौसम और प्रचंड गर्मी से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है. इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जो प्रचंड गर्मी  पहले 50 सालों में एक बार आती थी, अब वो हर दस साल में आ रही है. यह धरती के गर्म होने की शुरुआत है.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
इस खबर को साझा करें