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एक भारत उत्कृष्ट भारत

प्रकृति ने हमें खाने के लिए कई प्रकार के फल दिए हैं। बस इन्हें खाने का सही समय जान कर हम अपने आप को सेहतमंद बना सकते हैं

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डिजिटल भारत l सुबह खाली पेट खाने के लिए पपीता सबसे अच्छा फल है। पहले तो, ये आपके शरीर के पीएच को बैलेंस रखता है और दूसरा इसका फाइबर पेट का मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है। फिर ये आपकी आंतों को साफ करता है और कब्ज की समस्या नहीं होने देता। इसी तरह कुछ ऐसे फल भी हैं जिनका असमय सेवन करना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। जैसे कि विटामिन सी से भरपूर फल एसिडिटी पैदा कर सकते हैं, तो कुछ शुगर बढ़ा सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप जानें कौन सा फल कब खाना चाहिए?

कौन सा फल कब खाना चाहिए

  1. सेब खाने का सही समय नाश्ता
    सुबह नाश्ते में फल सेब खाने के कई फायदे हैं। इसमें इतने एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कि आपकी इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। साछ ही इसका फाइबर और विटामिन ए जैसे तत्व पेट, आंखों और स्किन की समस्याओं से बचाव में मदद करते हैं।

इस 1 चीज की कमी से पत्तों की तरह झड़ सकते हैं आपके बाल, आज ही जानें और दूर करें इसकी कमी

  1. सुबह 10 बजे के करीब खाएं संतरा
    संतरे और अंगूर जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थ या एसिडिक फूड्स (acidic foods) को खाना एसिड रिफ्लक्स को ट्रिगर कर सकता है, इससे एसिडिटी और अपच की समस्या हो सकती है। ऐसे में कोशिश करें कि दिन की शुरुआत और रात में संतरा ना खाएं। इसकी जगह आप दिन में 10 बजे के करीब खाएं और इसका विटामिन सी और डी पाएं।
  2. दिन में खाएं शरीफा
    शरीफा बहुत ही मीठा फल है। अगर आपको डायबिटीज नहीं हो आप इसे नाश्ते में या इसके बाद खाएं ताकि जिन भर के समय में इसका शुगर शरीर पचा ले। साथ ही शरीर को इसके तमाम फाइबर, कैल्शियम और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिल जाएं।
  3. दोपहर में खाएं केला
    दोपहर में लंच के बाद केला खाना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इस दौरान आप इसे काला नमक के साथ खाएं ताकि ये तेजी से पच जाए, पाचन क्रिया को तेज करे और बॉवेल रेट बढ़ाए। इससे आप ब्लोटिंग और कब्ज की समस्या से बचे रहेंगे।

सुबह खाली पेट भीगे हुए चने के फायदे कर देंगे हैरान, मोटापा, डायबिटीज सहित इन गंभीर बीमारियों से भी होगा बचाव,

  1. शाम में स्नैक्स के समय खाएं अंगूर और अनार
    शाम में स्नैक्स के समय अंगूर और अनार (pomegranate and grapes) जैसे फलों को खाना शरीर में फाइबर, कैल्शियम, विटामिन सी, आयरन और पानी की मात्रा बढ़ाने में मदद कर सकता है। ये शरीर में हार्मोनल गड़बड़ियों को कम करते हैं, भूख को नियमित रखते हैं, पेट को सही मात्रा में भरते हैं और रात में ज्यादा खाने से बचाते हैं।
  2. रात में खाएं कीवी
    रात में कीवी खाने के फायदे अलग ही हैं। दरअसल, कीवी फ्रूट सेरोटोनिन (serotonin) और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो सोने से पहले खाए जाने पर नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। तो, इस तरह आप इन तमाम फलों को अलग-अलग खा कर इनके फायदे पा सकते हैं।
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महिलाओं की त्रिकोणीय T20 सीरीज में भारतीय टीम ने जीत से शुरुआत की है

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7वें नंबर की खिलाड़ी सुपरस्टार, डेब्यू किया, रिकॉर्ड तोड़ा, दिलाई भारत को जीत

डिजिटल भारत l साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई उस खिलाड़ी ने, जिसने इसी मैच से इंटरनेशनल डेब्यू किया. हम बात कर रहे हैं भारत की जीत में चमकने वाले अमनजोत कौर की, जिन्होंने 7वें नंबर पर उतरकर 9 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है और टीम का जीत से नाता जोड़ा है
अमनजोत कौर, एक ऑलराउंडर हैं. यानी वो बैटिंग और बॉलिंग दोनों में महारत रखती हैं. लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ जीत दिलाने को बस उनकी बल्लेबाजी ही भारत के लिए काफी रही. उन्होंने मुश्किल वक्त में क्रीज पर उतरकर तेज तर्रार रन बनाए, जिसने साउथ अफ्रीका के लिए भारत से पार पाना मुश्किल कर दिया.

डेब्यू पर चमकी अमनजोत
मुकाबले में भारतीय महिलाओं ने पहले बैटिंग की. लेकिन, शुरुआत जो एक बार बिगड़ी, वो पटरी पर तब तक नहीं लौटी, जब तक कि अमनजोत कौर क्रीज पर नहीं उतरीं. भारत की आधी टीम निपट गई और स्कोर बोर्ड पर बस 69 रन थे. दीप्ति शर्मा एक छोर संभाले डटीं थी, ऐसे में उन्हें साथ मिला अपनी टीम की सबसे नई खिलाड़ी और इस मैच से डेब्यू कर रहीं अमनजोत कौर का.

7वें नंबर पर उतर तोड़ा 9 साल पुराना रिकॉर्ड
कौर ने 7वें नंबर पर उतरकर अपनी पहली इंटरनेशनल इनिंग में 30 गेंदों का सामना किया और नाबाद 41 रन बनाए. इनकी इस इनिंग में 7 चौके शामिल रहे. ये 7वें नंबर या उससे नीचले क्रम में किसी भी महिला बल्लेबाज का बनाया सर्वाधिक स्कोर का नया भारतीय रिकॉर्ड है. इससे पहले ये कीर्तिमान झूलन गोस्वामी के नाम था, जो उन्होंने साल 2014 में बनाया था.

साउथ अफ्रीका की 27 रन से हार
दीप्ति शर्मा के साथ अमनजोत कौर ने अर्धशतकीय साझेदारी की, नतीजा ये हुआ कि भारत ने 6 विकेट पर 20 ओवर में 147 रन बनाए. इस तरह साउथ अफ्रीका को 148 रन का लक्ष्य मिला, लेकिन, भारत की कहर बरपाती गेंदबाजी के आगे वो बस 120 रन ही बना सके और 27 रन से मुकाबला हार गईं.

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ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने कार की सीट बेल्ट हटाने पर मांगी माफी, विपक्षी लेबर पार्टी ने साधा निशाना

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डिजिटल भारत l ब्रिटेन में कार में सीट बेल्ट लगाने में विफल रहने वाले यात्रियों को 100 पाउंड का ऑन-द-स्पॉट जुर्माना किया जा सकता है। अगर मामला अदालत में जाता है तो यह बढ़कर 500 पाउंड हो जाता है। सिर्फ वैध चिकित्सा मामले में छूट दी जा सकती है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गुरुवार को उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड में गाड़ी चलाते समय सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाने के दौरान अपनी सीट बेल्ट हटाने के लिए माफी मांगी. सुनुक के डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने केवल थोड़ी देर के लिए अपनी सीट बेल्ट हटाई थी और स्वीकार करते हैं कि उन्होंने गलती की है.

पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, इंस्टाग्राम के लिए रिकॉर्ड की गई क्लिप में सुनक सुरक्षा उपकरण पहने बिना कैमरे को संबोधित करते हैं, जबकि वह जिस वाहन में होते हैं वह चलता रहता है.

सुनुक के डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने केवल थोड़ी देर के लिए अपनी सीट बेल्ट हटाई थी और स्वीकार करते हैं कि उन्होंने गलती की है. ब्रिटेन में कार में सीट बेल्ट न लगाने पर 100 पाउंड का “ऑन-द-स्पॉट” जुर्माना दिया जा सकता है, अगर मामला अदालत में जाता है तो यह बढ़कर 500 पाउंड हो जाता है.


यह पूछे जाने पर कि क्या सुनक को सरकारी कार में सवार होने के दौरान कोई छूट है, प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा, यह एक गलती थी और उन्होंने माफी मांग ली है. पोलिटिको के मुताबिक प्रवक्ता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री का मानना है कि सभी को सीट बेल्ट लगानी चाहिए.’


हालांकि पीएम के प्रवक्ता के बयान के बाद यह मुद्दा ठंडा होता नहीं दिख रहा है. पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, इस पीएम की गलती पर विपक्षी लेबर पार्टी ने निशाना साधा है.

एक लेबर प्रवक्ता ने सुनक की पिछली वायरल क्लिप (जिसमें वह डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने के लिए संघर्ष करते नजर आए थे की ओर इशारा करते हुए तंज कसा ‘ऋषि सुनक सीटबेल्ट को मैनेज करना, अपने डेबिट कार्ड को इस्तेमाल करना, ट्रेन सर्विस, अर्थव्यवस्था, इस देश का प्रबंधन करना नहीं जानते हैं. यह सूची हर दिन बढ़ रही है, और यह अंतहीन दर्दनाक दृश्य बना रही है.

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 42 एलएलडी जलशोधन संयंत्र की राइजिंग लाइन में लीकेज, सुबह और शाम दोनों समय नहीं मिलेगा पानी

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डिजिटल भारत l नगर निगम के जल वितरण व्यवस्था की बदइंतजामी के चलते ठंड के सीजन में भी लोगों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। गुरुवार की शाम भी लोग पानी के इंतजाम में जुटे रहे। दरअसल ललपुर जल प्रदाय योजना अंतर्गत 42 एलएलडी जलशोधन संयंत्र की राइजिंग लाइन में लीकेज आ गया है। सुधार कार्य कराने के लिए गुरुवार को ललपुर संयंत्र से शहर की 10 टंकियां नहीं भरी जा सकीं जिससे शाम को नलों से पानी नही आया। लोग पानी की तलाश में इधर-उधर भटकते रहे। बताया जाता है कि शुक्रवार को भी लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ेगा। क्योंकि राइजिंगमेन लाइन में सुधार कार्य के चलते सुबह और शाम दोनों समय पानी नहीं मिलेगा।


नगर निगम का दावा था कि सुबह जलापूर्ति के बाद सुधार कार्य कार्य शुरू कर करवा देंगे। लेकिन दोपहर तक नगर निगम का तकनीक अमला सुधार कार्य करने पहुंचा ही नहीं। बताया जाता है कि राइजिंगमेन लाइन में लीकेज सुधारने में ही कम से कम से दो दिन लग जाएंगे।


नगर निगम जल विभाग के कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि ललपुर जल प्रदाय योजनांतर्गत 42 एम.एल.डी. जल शोधन संयंत्र अंतर्गत राइजिंग मेन पाइप लाइन में लीकेज का सुधार कार्य शुरू करवा दिया गया है। शनिवार की सुबह जलापूर्ति सुचारू रूप से होने लगेगी। फिलहाल नगर निगम द्वारा टैंकरों के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में जलापूर्ति कराई जा रही है।
हाथीताल, भंवरताल, श्रीनाथ, टाउन हाल, बादशाह मंदिर, गुप्तेश्वर, पीएसएम, फूटाताल, नयागांव सहित अन्य टंकियों से जलापूर्ति अवरूद्ध रही।

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राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्से शीतलहर की चपेट में, रूह कपा देने वाली ठण्ड

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डिजिटल भारत l राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्से शीतलहर की चपेट में हैं। दिल्ली में तो 12 साल बाद सबसे लंबी शीतलहर रही है। इस साल जनवरी में आठ दिन ऐसे रहे हैं, जब तापमान चार डिग्री से काफी कम रहा है। गुरुवार सुबह दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा व आसपास बादल छाए रहे। छिटपुट बूंदाबांदी भी हुई। मौसम विभाग के अनुसार, आज रात तक हल्की बारिश होने के आसार हैं। इसके बाद 23 व 24 जनवरी को बारिश व ओले की आशंका व्यक्त की गई है। मौसम वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि आने वाले दिनों में दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी।
दिल्ली में 12 साल बाद सबसे लंबी शीत लहर रही है। इस साल जनवरी में आठ दिन ऐसे रहे हैं जब तापमान चार डिग्री से काफी कम रहा है। बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। यह शीत लहर का आठवां दिन था। इससे पहले पांच से नौ जनवरी तक न्यूनतम तापमान चार डिग्री से कम और 16 से 18 जनवरी तक तापमान तीन डिग्री से कम दर्ज हुआ था।

रात से होगी हल्की बारिश
अब पश्चिमी विक्षोभ के असर से गुरुवार रात से हल्की बारिश होगी। वहीं 23 से 24 जनवरी को फिर से हल्की बारिश का दौर शुरू होगा। इस दौरान 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवा चलेगी। वहीं, अब तापमान में बढ़ोतरी होनी शुरू होगी। 24 जनवरी तक अधिकतम तापमान 22 डिग्री और न्यूनतम तापमान नौ डिग्री पहुंचने की संभावना है। बुधवार को अधिकतम तापमान 19.6 और न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिल्ली में लोदी रोड में सबसे कम 2.2 डिग्री, रिज में 2.3, जाफरपुर में 2.9 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ। मौसम विभाग ने बुधवार तक शीत लहर जारी रहने का पूर्वानुमान जताया था।
अब पश्चिमी विक्षोभ के असर से गुरुवार रात से हल्की बारिश होगी। वहीं 23 से 24 जनवरी को फिर से हल्की बारिश का दौर शुरू होगा। इस दौरान 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवा चलेगी।
वहीं, अब तापमान में बढ़ोतरी होनी शुरू होगी। 24 जनवरी तक अधिकतम तापमान 22 डिग्री और न्यूनतम तापमान नौ डिग्री पहुंचने की संभावना है। बुधवार को अधिकतम तापमान 19.6 और न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिल्ली में लोदी रोड में सबसे कम 2.2 डिग्री, रिज में 2.3, जाफरपुर में 2.9 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ। मौसम विभाग ने बुधवार तक शीत लहर जारी रहने का पूर्वानुमान जताया था।

अब शीत लहर से मिलेगी राहत
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में अब शीत लहर से राहत मिलेगी। गुरुवार से शीत लहर का प्रकोप खत्म हो जाएगा। 19 जनवरी को अधिकतम तापमान 21 और न्यूनतम तापमान पांच डिग्री रहने का अनुमान है।
नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से ना केवल तापमान में बढ़ोतरी होगी बल्कि गुरुवार रात को हल्की बूंदाबांदी व बारिश का अनुमान है। आंशिक रूप से बादल छाए रहने की भी संभावना है। वहीं 20 से 22 जनवरी तक सुबह के समय हल्का कोहरा रहेगा।
इस साल कब कितने दिन कम रहा न्यूनतम तापमान
दिल्ली में वर्ष 2012 से 2023 तक शीत लहर इतनी लंबी नहीं चली। पांच जनवरी को न्यूनतम तापमान 3.0 डिग्री, छ: जनवरी को चार डिग्री, सात डिग्री 2.2 डिग्री, आठ जनवरी को 1.9 डिग्री, 16 जनवरी को 1.4 डिग्री, 17 जनवरी को 2.4 डिग्री व 18 जनवरी को 2.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था
इस साल कब कितने दिन कम रहा न्यूनतम तापमान
दिल्ली में वर्ष 2012 से 2023 तक शीत लहर इतनी लंबी नहीं चली। पांच जनवरी को न्यूनतम तापमान 3.0 डिग्री, छ: जनवरी को चार डिग्री, सात डिग्री 2.2 डिग्री, आठ जनवरी को 1.9 डिग्री, 16 जनवरी को 1.4 डिग्री, 17 जनवरी को 2.4 डिग्री व 18 जनवरी को 2.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था।

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युद्ध क्षेत्र में जा रहा हेलिकॉप्टर हुआ क्रैश, मारे गये गृहमंत्री डेनिस मोनास्टीर्सकी,इसी के साथ हजारो सैनिको को खो चका है : यूक्रेन युद्ध

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डिजिटल भारत l रूस-यूक्रेन युद्ध में दोनों ही पक्षों को भारी नुकसान पहुंचा है। दोनों ही देश एक दूसरे पर युद्ध के नियमों का उल्लंघन करने और आम जनता को निशाना बनाने के आरोप लगा रहे हैं। इस बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि पिछले 10 महीनों से जारी युद्ध में रूसी सेना के 100000 सैनिक मारे जा चुके हैं। इन आंकड़ों की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी है। रूसी रक्षा मंत्रालय के तरफ से भी अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। रूसी सेना ने कुछ महीने पहले सिर्फ 10 हजार सैनिकों के हताहत होने की जानकारी दी थी। इस बीच रूसी रक्षा मंत्री ने ऐलान किया है कि जल्द ही रूसी सेना में सैनिकों की संख्या को डेढ़ गुना किया जाएगा। रूसी सेना में 10 लाख सैनिक शामिल हैं, जिन्हें बढ़ाकर 15 लाख किया जाएगा।
1 लाख रूसी सैनिकों की मौत का दावा

यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रूस के साथ जारी युद्ध में पुतिन ने कुल 100400 सैनिकों को खाया है। यह युद्ध अपने 302वें दिन पहुंच चुका है। इसका मतलब यह है कि रूस ने औसतन एक दिन में 332 सैनिकों को खोया है। पश्चिमी देशों का दावा है कि रूसी सैनिकों की मौत की इतनी बड़ी संख्या उनकी सैन्य विफलता को बताती है। उनका दावा है कि रूसी सैनिकों का प्रशिक्षण का स्तर काफी खराब बै। इसके अलावा रूसी सैनिकों के पास उपयुक्त हथियार, कपड़े और बचाव के साधन नहीं हैं। रूसी सैनिकों के मौत का यह आंकड़ा अफगानिस्तान में सोवियत संघ की सेना को पहुंचे नुकसान से छह गुना अधिक है। यह इराक युद्ध में अमेरिकी सैनिकों के हताहतों की तुलना में 20 गुना ज्यादा है। यूक्रेन की राजधानी कीएव के बाहरी इलाक़े में एक किंडरगार्टन के पास हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में गृहमंत्री समेत 16 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल हैं.

42 वर्षीय गृहमंत्री डेनिस मोनास्टीर्सकी के अलावा उप-गुहमंत्री और गृहसचिव की भी मौत हो गई है.

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद डेनिस मोनास्टीर्सकी यूक्रेन के सबसे बड़े अधिकारी हैं जिनकी मौत हुई है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति दफ़्तर के उप-प्रमुख किरिलो टिमोशेन्को ने कहा कि गृहमंत्री युद्ध क्षेत्र में जा रहे थे जब उनका हेलिकॉप्टर क्रैश कर गया.

गृहमंत्री डेनिस मोनास्टीर्सकी राष्ट्रपति ज़ेलेन्सकी की कैबिनेट के एक प्रमुख सदस्य थे. फ़रवरी, 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था उसके बाद से रूसी मिसाइल हमलों में मारे जाने वाले लोगों की ख़बर देने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी.

उन्हें जुलाई 2021 में यूक्रेन का गृहमंत्री बनाया गया था. उनका जन्म साल 1980 में पश्चिमी शहर खमेलनिट्सकी में हुआ था. राजनीति में आने से पहले उन्होंने एक वकील की हैसियत से अपनी पेशेवर ज़िंदगी शुरू की थी.

साल 2014 में वो राजनीति में आए.

ज़ेलेन्सकी ने जब 2019 में राष्ट्रपति चुनाव जीता था तो उस जीत को हासिल करने वाली ज़ेलेन्सकी की टीम के वह प्रमुख सदस्य थे.

2019 में ही डेनिस मोनास्टीर्सकी सांसद बने और उन्हें एक अहम ज़िम्मेदारी देते हुए क़ानून-व्यवस्था से संबंधित संसदीय समिति का अध्यक्ष बना दिया गया.

पूर्व गृहमंत्री आर्सेन अवाकोव के अचानक इस्तीफ़े के बाद डेनिस मोनास्टीर्सकी का राजनीतिक ग्राफ़ बहुत बढ़ गया. आर्सेन अवाकोव एक मंझे हुए राजनेता थे जो कि चार अलग-अलग प्रशासकों के कार्यकाल में गृहमंत्री रहे थे.

उन्होंने दुनिया भर की मीडिया को इंटरव्यू दिया जिसमें सबसे ज़्यादा इस बात पर ज़ोर दिया कि यूक्रेन मानवीय आपदा से गुज़र रहा है और यह भी बताया कि यूक्रेन की इमरजेंसी सेवाओं के सामने क्या-क्या चुनौतियां हैं.

रूसी हमले में मारे गए लोगों के बारे में भी जानकारी देने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी.

उनके दोस्त और सांसद मारिया मेज़ेन्टसेवा ने कहा कि मोनास्टीर्सकी की मौत सबके लिए सदमा है क्योंकि उनका मंत्रालय रूस को हमले का जवाब देने में महत्वपूर्ण रोल अदा कर रहा था.

मारिया ने बीबीसी से कहा, “वो अपने सहयोगियों, दोस्तों और परिवार के लिए चौबीसो घंटे उपलब्ध रहते थे. वो राष्ट्रपति ज़ेलेन्सकी के बहुत ही क़रीब थे.”

मारिया कहती हैं, “हमलोग उन्हें हमेशा एक तेज़, हमेशा मुस्कुराने वाले, दोस्तों के दोस्त, यूक्रेन के एक देशभक्त जनसेवक की तरह याद करेंगे. मेरे पास शब्द नहीं हैं. मैं शान्त रहने की कोशिश कर रही हूं लेकिन यह बहुत मुश्किल है. यह सभी के लिए एक त्रासदी है.”

इस प्लेन क्रैश में उप-गृहमंत्री येवगेनी एनिन, ख़ुफ़िया विभाग के एक पूर्व अधिकारी और एक बड़े वकील भी मारे गए हैं.

यूक्रेन के विदेश मंत्री डेमित्रो कुलेबा ने उन सभी को यूक्रेन का सच्चा देशभक्त क़रार दिया है और कहा है कि उनकी मौत सभी के लिए एक बड़ा नुक़सान है.

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कोई आ रहा तो कभी भी कोई जा रहा एक ही हफ्ते में हुई 3 विदाई, खेल का बना मज़ाक भई ये कैसा Big Boss!

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डिजिटल भारत l बिग बॉस का खेल जितना मजेदार हो रहा है उतना ही अजीब भी. कई हफ्तों तक कोई भी नॉमिनेशन ना करने के बाद अब शो के एक साथ कई लोगों की बेवजह ही विदाई हो गई जिसके कारण अब शो का मजाक बन रहा है.

बिग बॉस का शो एक फॉर्मेट शो है जिसमें एंट्री और एग्जिट की एक बराबर प्रक्रिया है. कम वोटों के आधार पर कंटेस्टेंट को घर से बाहर किया जाता है तो वहीं वाइल्ड कार्ड एंट्री के अलावा बीच में किसी की घर में कोई एंट्री नहीं कराई जाती.

लेकिन ये क्या इस बार का सीजन कई मानों में वाकई अलग हैं. कंटेस्टेंट तो नियमों को बार-बार ताक पर रख ही रहे हैं लेकिन घर के सर्वे सर्वा यानि बिग बॉस के भी क्या कहने. घर में किसी भी वक्त किसी की भी एंट्री करा देते हैं तो जब मन चाहे कोई भी मुंह उठाकर घर से निकल जाता है. वहीं कुछ टाइम के बाद फिर से उन्हीं की एंट्री करा दी जाती है. अब ये देख लोगों का दिमाग चकरा गया है.

बिग बॉस के घर में पिछला हफ्ता कुछ ऐसा ही रहा. अब तक अच्छे खासे चल रहे शो में ना जाने क्या हुआ कि एक के बाद एक 3 कंटेस्टेंट एक साथ घर से बेघर हो गए. खास बात ये थी कि इनके जाने की वजह भी किसी को समझ नहीं आई लिहाजा अब शो का खूब मजाक बन रहा है. सबस पहले कम वोटों के आधार पर श्रीजिता डे को घर से शुक्रवार को ही बाहर कर दिया. जिसके अगले दिन अब्दु की घर से विदाई हुई. इसकी वजह थी अब्दु के घर के बाहर के प्रोजेक्ट जिन्हें टाला नहीं जा सकता था. इतना ही नहीं अब्दु के बाद साजिद खान भी घर से बाहर आ गए जिसकी वजह बताई गई उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म होना. अब सवाल ये कि क्या साजिद महज इतने दिनों का कॉन्ट्रैक्ट करके ही घर के भीतर दाखिल हुए थे. क्या वो शो को जीतने के लिए घर नहीं आए थे.

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कैंसर के कई लक्षण ऐसे होते हैं जो शुरुआती दौर में ही नजर आने लगते हैं

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डिजिटल भारत l कैंसर एक साइलेंट किलर है और यह फैक्ट है कि इसके लक्षणों पर लंबे समय तक ध्यान नहीं दिया जाता है, जो इस बीमारी और भी बदतर बना देता है. इस बीमारी में शरीर के अंदर का सेल्स बिना किसी कंट्रोल के तेजी से बढ़ने लगता है. इसके इलाज में देर हो जाए या ना किया तो व्यक्ति की मौत हो जाती है. कैंसर के कई लक्षण ऐसे होते हैं जो शुरुआती दौर में ही नजर आने लगते हैं.

यदि इन संकेतों का जल्द इलाज किया जाए तो मुसीबत ज्यादा खड़ी हो सकती है. इस स्टोरी में हम कुछ ऐसे लोगों की बात करेंगे, जिन्होंने डायग्नोस से पहले कुछ लक्षणों को अनुभव किया. इन कैंसर पीड़ितों ने अपना अनुभव सबके साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है.

पॉल लेविस बाउल कैंसर के चौथे स्टेज में डायग्नोस हुए थे. उनके प्रारंभिक लक्षण मलाशय से खून, अत्यधिक थकान और आंत की आदत में आंतरिक परिवर्तन थे. सोशल मीडिया पर बताते हुए पॉल ने कहा कि मेरे मामले में, लक्षण धीरे-धीरे लेकिन लगातार समय के साथ बनते गए.

वेव की तरह आने और जाने वाले तत्व भी थे. बीमारी डायग्नोस होने के बाद से मेटास्टेस अनियमित अंतराल पर आते हैं, जिसे वेव की तरह ही माना जा सकता है. उस आधार पर, मैं कहूंगा कि कुछ लक्षण लहरों में आते हैं लेकिन कुछ स्थिर हो सकते हैं. अन्य धीरे-धीरे समय के साथ बनते हैं

कैंसर से पीड़ित एक अन्य मरीज मेलिसा निव ने बताया कि उनको तीसरे स्टेज में बीमारी का पता चला जब कैंसर गर्भाशय ग्रीवा, ओवरी, अंडाशय, लिम्फ नोड्स और लिम्फ वैस्कुलर सिस्टम में फैल गया था. सबसे स्पष्ट लक्षण तेजी से वजन बढ़ना था. मेलिसा ने पोस्ट में खुलासा किया कि अनजाने में वजन बढ़ना और अनियंत्रित ब्लीडिंग पहले संकेत थे. हालांकि शुरुआत में उन्होंने तनाव के कारण खराब माहवारी को माना.

क्लेमेन्सिया नारजो बहुत ही दुर्लभ फेफड़े के कैंसर से स्टेज 4 में डायग्रोस हुए थे और वह हमेशा बेहतर महसूस करता था. कैंसर के साथ अपने अनुभव को शेयर करते हुए क्लेमेंसिया लिखती हैं कि वह हमेशा बेहतर महसूस करती थीं, हालांकि डायग्रोस से एक हफ्ते पहले सूखी खांसी हुई और व्यायाम करते समय मुझे सांस लेने में थोड़ी कमी महसूस हुई.

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ODI टीम में इन 3 प्लेयर्स को पूछ तक नहीं रहे सेलेक्टर्स

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डिजिटल भारत l वनडे वर्ल्ड कप 2023 का आयोजन भारत में ही होना है. इसके लिए टीम इंडिया ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया बहुत ही शानदार फॉर्म में चल रही है. टीम इंडिया ने श्रीलंका के खिलाफ सीरीज 3-0 से जीती. अब टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज खेलेगी. लेकिन टीम इंडिया में तीन स्टार खिलाड़ियों को जगह नहीं मिला है. इससे इन प्लेयर्स के करियर पर खतरा मंडराने लगा है.

भारतीय टीम के सुपरस्टार ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन को न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में जगह नहीं मिला है. इससे पहले उन्हें श्रीलंका के खिलाफ सीरीज से भी बाहर कर दिया गया था. बांग्लादेश दौरे पर अच्छा खेल नहीं दिखा पाए थे. लेकिन वह बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं और उन्होंने अपने दम पर टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं. उन्होंने टीम इंडिया की तरफ से 167 मैचों में 6793 रन बनाए हैं, जिसमें 17 शतक शामिल हैं.

पृथ्वी शॉ लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे. लेकिन उन्होंने लगातार मेहनत के दम पर उन्होंने फॉर्म वापस पाई और घरेलू क्रिकेट में खूब रन बनाए हैं. उन्होंने रणजी ट्रॉफी में असम के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए 379 रन बनाए, जो कि रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर है. उनके पास वह काबिलियत है कि वो किसी भी गेंदबाजी आक्रामण की धज्जियां उड़ा सके. उन्होंने भारत के लिए 6 वनडे मैचों में 189 बनाए हैं.

पिछले कुछ समय से अर्शदीप सिंह बहुत ही शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. लेकिन फिर भी सेलेक्टर्स ने उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में मौका नहीं दिया है. अर्शदीप पारी की शुरुआत में कातिलाना गेंदबाजी करते हैं और काफी किफायती साबित होते हैं. उन्होंने टीम इंडिया के लिए टी20 वर्ल्ड कप 2022 में सबसे ज्यादा विकेट हासिल किए. उन्होंने टीम इंडिया के लिए 3 वनडे मैच खेले हैं.

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कंपनी 11,000 लोगों की कर सकती है छुट्टी Microsoft के कर्मचारियों को बड़ा झटका,

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डिजिटल भारत l आईटी सेक्टर में लगातार कर्माचरियों की नौकरियों जा रही हैं. दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भी अब हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला लिया है. कंपनी ने बताया है कि ये छंटनी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और एचआर डिपार्टमेंट से की जाएंगी. कंपनी 5 फीसदी कर्मचारियों यानी करीब 11,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है. हालांकि इसको लेकर कंपनी की तरफ से कोई भी अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है.

बड़े लेवल पर हो सकती है छंटनी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्लोबल स्थितियों को देखते हुए कंपनी कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है. कंपनी अपने एचआर डिपार्टमेंट से करीब एक तिहाई लोगों को बाहर कर सकती है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह छंटनी पिछले सालों की तुलना में काफी बड़ी हो सकती है.

कितनी है कर्मचारियों की संख्या?
कर्मचारियों के आंकड़ों की बात करें तो 30 जून 2022 तक कंपनी के पास 2,21,000 लोगों की स्ट्रेंथ थी. इसमें से 1,22,000 कर्मचारी अमेरिका में कार्यरत हैं. वहीं, 99,000 कर्मचारी अन्य देशों में काम कर रहे हैं.

पर्सनल कंप्यूटर की गिरी सेल
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछली कई तिमाहियों में पर्सनल कंप्यूटर की सेल में गिरावट देखने को मिली है. इसके साथ ही विंडोज और अन्य डिवाइस की सेल में भी गिरावट आई है, जिसका सीधा असर कंपनी पर देखने को मिला है.

पहले भी कंपनी कर चुकी है छंटनी
बता दें पिछले साल जुलाई में भी कंपनी ने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. वहीं, अक्टूबर महीने में कंपनी ने न्यूज वेबसाइट Axios को बताया था कि कंपनी ने करीब 1000 कर्मचारियों की छंटनी की थी.

कई कंपनियां बना रहीं छंटनी का प्लान
आपको बता दें अमेजन, मेटा, ट्विटर समेत कई कंपनियां छंटनी का प्लान बना रही हैं. इसके साथ ही खबर मिली है कि गूगल भी बड़े लेवल पर छंटनी करने का प्लान बना रही है. ग्लोबल मार्केट में चल रही मंदी की वजह से आईटी कंपनियां यह फैसला ले रही हैं.

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