DIGITAL BHARAT

एक भारत उत्कृष्ट भारत

एटीएम कार्ड बदलकर खातों से रूपयों आहरण करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह

0 0
Read Time:4 Minute, 30 Second

डिजिटल भारत l आदेश के परिपालन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय अग्रवाल एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध समर वर्मा तथा नगर पुलिस अधीक्षक केंट शशांक एवं नगर पुलिस अधीक्षक गोहलपुर अखिलेश गौर के मार्गदर्शन मे सायबर सेल, क्राईम ब्रांच तथा थाना गोहलपुर एवं गोराबजार पुलिस की टीम गठित कर लगायी गयी।

       गठित टीम द्वारा बैंक फुटेज एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर घटना में प्रयुक्त वाहन की पतासाजी करते हुए अंतर्राज्जीय गिरोह के 4 आरोपी क्रमशः 1-सचिन सिंह ठाकुर पिता जगपाल सिंह उम्र 28 वर्ष निवासी रुड़की हरिद्वार उत्तराखंड, 2-कल्याण सिंह कश्यप् पिता गसवीर सिंह कश्यप् उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम कुनियाखेड़ा जिला सहारनपुर उत्तरप्रदेश, 3-अर्जुन चौहान पिता राजकुमार चौहान उम्र 27 वर्ष सदरबजार जिला सहारनपुर उत्तरप्रदेश, 4-शिव ठाकुर उर्फ शिवा पिता राजेश ठाकुर उम्र 28 वर्ष निवासी पठारी जिला हरिद्वार उत्तराखंड को अभिरक्षा में लेकर  पूछताछ की गयी चारों आरोपियों द्वारा विभिन्न राज्यों में एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करना स्वीकार किया। आरोपियों की निशादेही पर विभिन्न बैंको के बैंको के 63 नग एटीएम कार्ड तथा घटना में प्रयुक्त वाहन क्रमांक यूपी 07 एपी 0719 सुजुकी रिट्ज कार जप्त करते हुये चारों  आरोपियें को विधिवत गिरफ्तार कर मान्नीय न्यायालय के समक्ष पेश करते हुये और भी प्रकरणों में पूछताछ हेतु पुलिस रिमाण्ड मे लिया जा रहा है।
            प्रारम्भिक पूछताछ पर मण्डला जिले में 2 घंटनायें कारित करना स्वीकार करते हुये बताये कि यूट्यूब में देखकर तरीका वारदात सीखा है।
  उल्लेखनीय है कि पकडे गये चारों आरोपियों के द्वारा देश के अन्य राज्यों में भी ए.टी.एम. कार्ड बदलकर धोखाधड़ी की कई घटनायें की गयी है।

तरीका वारदात :- एटीएम में पैसे निकालने व मदद करने के नाम पर बातों में लगाकर एटीएम पिन देख लेते थे व मौका पाकर एटीएम कार्ड बदलकर नजदीक के ही एटीएम मशीन से पैसे निकाल कर व शापिंग कर धोखाधड़ी करते थे।

उल्लेखनीय भूमिका- एटीएम कार्ड बदल कर लोगों के खाते से रूपये निकालकर धोखाधडी करने वाले शातिर आरोपियो को गिरफ्तार करते हुये घटना में प्रयुक्त वाहन जप्त करने में थाना प्रभारी गोहलपुर श्री विजय तिवारी, थाना प्रभारी गोराबाजार श्री विजय परस्ते, सायबर सेल निरीक्षक सुश्री शबाना परवेज थाना गोहलपुर के उप निरीक्षक शैलेन्द्र सिंह, उप निरीक्षक सरनाम सिह, सउनि विनोद सुरकेल, सायबर सेल के प्रधान आरक्षक नितिन जोशी, आरक्षक कृष्णचंद्र तिवारी, अरविंद सूर्यवंशी, अभिदीप भट्टाचार्य, जितेन्द्र राऊत, मनोज चौधरी, सौरभ शुक्ला, क्राईम ब्रांच के सहायक उप निरीक्षक धनंजय सिह, आरक्षक मुकुल गौतम , मोहित उपाध्याय थाना गोहलपुर के आरक्षक आलोक यादव, नीरज, नितेश, थाना गोराबाजार के आरक्षक धर्मेद्र सिह पुलिस लाईन के आरक्षक गौरव शर्मा की सराहनीय भूमिका रही।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

रुद्राक्ष महोत्सव सीहोर 2023! चर्चाओं में है कुबेरेश्‍वर धाम दूसरे दिन भी लगा श्रद्धालुओं का तांता, रुद्राक्ष वितरण काउंटर बंद

0 0
Read Time:5 Minute, 25 Second

डिजिटल भारत l एक और बात है जहां से उन्होंने कर्मकांड का कार्य शुरू किया उस क्षेत्र में अधिकतर लोग वैष्णव मत के ही हैं। आज भी वे मासिक राधा नाम कीर्तन करते हैं। साथ ही उन्होंने श्रीनाथ जी की हवेली से इसकी शुरुआत की थी, पर अब वे शैव मत के भगवान शिव की बात करते हैं।

कथा वाचन के साथ बताते हैं टोटके
वे शिव महापुराण का वाचन करते हैं और टोटके बताते हैं। उनके टोटके विवाह, नौकरी, संतान और परीक्षा में सफल होने संबंधी होते हैं। इसके साथ ही कर्ज से मुक्ति और धनवान बनने को लेकर वो टोटके बताते हैं।

कुबेरेश्‍वर धाम में अव्‍यवस्‍थाओं के बीच दूसरे दिन भी लगा श्रद्धालुओं का तांता, रुद्राक्ष वितरण काउंटर बंद
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के आश्रम कुबेरेश्वर धाम में सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन गुरुवार को ही अनुमान से कहीं अधिक लोगों के पहुंचने से हालात बिगड़ गए। शुक्रवार को दूसरे दिन भी कुबेरेश्‍वर धाम में श्रद्धालुओं का तांता लगा है। हालांकि कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा कह चुके हैं कि व्यवस्था सुधरने तक रुद्राक्ष वितरण नहीं होगा, लेकिन लोग कुबेरेश्वर धाम लौटने वाले से ज्यादा आने वाले नजर आ रहे हैं। इसी के चलते कुबेरेश्वर धाम में दूसरे दिन भी अव्यवस्थाएं नजर आ रही है। यहां पानी की पर्याप्त इंतजाम नहीं है। जबकि भोजन की तैयारी की जा रही है। बिठ्ठेलेश्वर समिति के लोग कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे है। खास बात यह है कि पूरा परिसर से लगे हुए रास्ते सहित खेत के आसपास गंदगी होने से लोगों को परेशानी हो रही है। उधर समिति की ओर से गुरुवार देर रात ही फिलहाल रुद्राक्ष वितरण बंद करने की घोषणा कर दी गई थी। शुक्रवार सुबह से रुद्राक्ष वितरण काउंटर खुले भी नहीं हैं, इसके बावजूद कई लोग रुद्राक्ष पाने की आस में अब भी काउंटरों के आगे जमा हैं। हालांकि बड़ी संख्‍या में लोगों के लौटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
बताया जाता है कि कल मची अफरातफरी के बीच करीब 15 लोग लापता हो गए। लोग अपनोंं की तलाश में कोतवाली के चक्‍कर काट रहे हैं, लेकिन उन्‍हें ज्‍यादा मदद नहीं मिल पा रही है।


कुबेरेश्वर धाम में लोगों के आने का सिलसिला अब भी जारी है। भोपाल-इंदौर हाइवे पर फिलहाल गुरुवार जैसे भीषण जाम के हालात तो नहीं हैं, लेकिन श्रद्धालुओं के बसों में भरकर आने का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो हालात फिर से बिगड़ भी सकते हैं। इधर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और आयोजन समिति की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर अब भी हजारों लोग मौजूद हैं। उधर, गुरुवार को कुबेरेश्वर धाम से लापता कई लोगों को के फ़ोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

सुबह तक करते रहे ट्रेन का इंतजार
गुरुवार को पहले दिन कुबेरेश्वर धाम पहुंचे लोगों को जब परेशानी का सामना करने के बाद भी रुद्राक्ष नहीं मिले और वितरण नहीं करने की बात सामने आई तो 60 फीसदी लोग वापस लौटना शुरू हो गए। जिससे बढ़ी संख्या में लोग रेलवे स्टेशन पहुंच गए। सबसे अधिक लोग इंदौर रूट पर जाने वाले थे, जिससे पूरा भोपाल रेलवे स्टेशन लोगों से पट गया।
रात भर चली बसें, वसूला मनमाना किराया, यहां-वहां चादर बिछाकर सोए लोग
कुबेरेशवर धाम के दोनो तरफ लगे जाम के बाद बड़ी संख्या में लोग पैदल ही करीब दस किमी के जाम से जूझते हुए बस स्टैंड पहुंचे, लेकिन यहां इंदौर जाने वाली बसें नहीं मिलने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि भोपाल के लिए वाहन मिल रहे थे, लेकिन किराया 100 से 200 रुपये तक लिया जा रहा था। हालत यह रही कि हजारों लोग बस स्टैंड के आसपास ही सो गए।

Happy
Happy
100 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

एक बार फिर नहीं मिला खेलने का मौका ! टीम इंडिया में अनदेखी का शिकार हुआ ये घातक खिलाड़ी

0 0
Read Time:2 Minute, 53 Second

डिजिटल भारत l टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा मैच दिल्ली में खेला जा रहा है. इस मैच में टीम इंडिया नई प्लेइंग 11 के साथ उतरी है. कप्तान रोहित शर्मा ने सूर्यकुमार यादव की जगह श्रेयस अय्यर को टीम में शामिल किया. लेकिन एक खिलाड़ी इस मैच में अपनी जगह नहीं बना सका है. ये खिलाड़ी पहले मैच में भी टीम का हिस्सा नहीं था.

इस खिलाड़ी को फिर नहीं मिली जगह

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने तीन स्पिनर्स को प्लेइंग 11 में शामिल किया है. लेकिन घातक चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव इस मैच का हिस्सा नहीं बन सके हैं. वह पहले मैच में भी प्लेइंग 11 में चुने नहीं गए थे. कुलदीप यादव इस समय काफी शानदार फॉर्म में भी हैं, लेकिन उन्हें बेंच पर ही बैठना पड़ रहा है.

इस मैच में बतौर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल को टीम में शामिल किया गया है. पहले मैच में भी ये तीनों खिलाड़ी प्लेइंग 11 का हिस्सा बने थे. हालिया समय में इन खिलाड़ियों ने काफी शानदार प्रदर्शन किया है, ऐसे में कुलदीप यादव को आने वाले मैचों में भी बेंच पर बैठना पड़ सकता है.

अपने आखिरी मैच में किया शानदार प्रदर्शन

कुलदीप यादव ने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच बांग्लादेश के दौरे पर खेला था. चटगांव में खेले गए अपने पिछले टेस्ट मैच में कुलदीप यादव व ने कहर मचाते हुए 40 रन बनाए थे और 8 विकेट भी झटके थे, जिसके लिए उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया था. लेकिन इस सीरीज के अगले ही मैच में उन्होंने प्लेइंग 11 से बाहर का रास्ता दिखाया गया था.

टीम इंडिया की प्लेइंग 11

रोहित शर्मा, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, रवींद्र जडेजा, श्रीकर भरत, अक्षर पटेल, रविचंद्रन अश्विन, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

अब महज 5 दिन में बन जाएगा Passport! पूरी तरह से ऑटोमेटिक होगा Verification

0 0
Read Time:2 Minute, 32 Second

डिजिटल भारत l क्या आप देश से बाहर कहीं घूमने की योजना बना रह हैं? लेकिन पासपोर्ट नहीं होने की वजह से आपके प्लान में बाधा आ रही है तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है. जो लोग पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं उनके लिए बड़ी खुशखबरी है. दिल्ली में पासपोर्ट वेरिफिकेशन सुविधा पूरी तरह से ऑटोमेटिक होने जा रही है. अब पासपोर्ट पाने में भी कम दिन का इंतजार करना पड़ेगा. 15 दिन के बजाय अब 5 दिन में पासपोर्ट मिल जाएगा. इतने कम समय में पासपोर्ट बनवाकर देश से बाहर जहां भी जाना चाहें, जा सकते हैं. हालांकि, पासपोर्ट का सत्यापन फिलहाल दिल्ली में ही फुल ऑटोमटिक होने वाला है. आइए जानते हैं कि पासपोर्ट कैसे बनवाया जा सकता है.

पासपोर्ट कैसे बनवाएं?

अगर आप एक भारतीय नागरिक हैं और पासपोर्ट बनवाने की चाहत रखते हैं तो इसके लिए आप ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं. पासपोर्ट बनवाने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने के खातिर आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा.

ये स्टेप्स करें फॉलो

  • सबसे पहले Passport Seva Online Portal पर रजिस्ट्रेशन करें.
  • इसके बाद Passport Seva Online Portal पर Login करें.
  • फिर अप्लाई फॉर बैकग्राउंड वेरिफिकेशन फॉर जीईपी लिंक पर क्लिक करें.
  • इसके बाद फॉर्म में जानकारियां भर दें और फिर सबमिट कर दें.
  • अब Pay And Schedule Appointment का लिंक दिख रहा होगा, उसपर क्लिक करें. फिर Appointment जिस जगह का बुक करना चाहते हैं उसको चुनें.
  • Appointment बुक करने के लिए ऑनलाइन पेमेंट करें.
  • इसके बाद Print Application Receipt के ऑप्शन पर क्लिक करें. अब प्रिंटर से आवेदन का प्रिंट निकल आएगा. आपके मोबाइल पर Appointment का मैसेज भी आएगा, उसको सेव कर लें.

अगर पासपोर्ट सत्यापन की सुविधा पूरी तरह से ऑनलाइन हो जाएगी तो पुलिस वेरिफिकेशन आदि को फिजिकल रूप से कराने का झंझट नहीं रहेगा.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

बेटियों ने लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिलने से जताई खुशी

0 0
Read Time:6 Minute, 56 Second

डिजिटल भारत l

श्रीमती राजवती यादव की बेटी को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिलने से जताई खुशी

नरसिंहपुर जिले के ग्राम देवाकछार की राजवती यादव की बेटी को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया है। यादव कहती हैं कि इस योजना से उनकी बेटी को पढ़ाई में मदद मिलेगी। इससे भविष्य में कोई दिक्कत नहीं होगी।
यादव ने बताया कि मेरी बेटी को सरकार द्वारा कक्षा 6 वीं में 2 हजार रुपये, कक्षा 9 वीं में प्रवेश पर 4 हजार रूपये और कक्षा 11 वीं एवं 12 वीं में प्रवेश पर 6- 6 हजार रुपये मिलेंगे। इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है। इसके लिए वे चौधरी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।

नि:शुल्क राशन मिलने से खुश हैं अजमेय सिंह लोधी

नरसिंहपुर राज्य शासन के निर्देशानुसार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जिले में सभी उचित मूल्य दुकानों पर गरीब भाई-बहनों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत नि:शुल्क राशन प्रदाय किया जा रहा है। इसी क्रम में जिले के ग्राम उमरिया के अजमेय सिंह लोधी ने को हर महिने नि:शुल्क राशन प्राप्त हो रहा है। लोधी ने खुशी जताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद दिया।

राज्य शासन की वत्स पालन प्रोत्साहन योजना से सुधरी हीरालाल चौधरी की आर्थिक स्थिति

नरसिंहपुर राज्य शासन का उद्देश्य है कि प्रदेश में भारतीय देशी नस्ल के गौवंश को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित करना एवं उनके पास उपलब्ध उच्च आनुवाशिंक गुणों वाले वत्सों का संरक्षण एवं संर्वधन करना। इसी उद्देश्य से शासन ने प्रदेश में वत्स पालन प्रोत्साहन योजना शुरू की है। जिले के विकासखंड चांवरपाठा के ग्राम करहैया के हीरालाल चौधरी को वत्स पालन प्रोत्साहन योजना का लाभ मिला है। चौधरी कहते हैं कि इस राज्य शासन की बहुत अच्छी योजना है। इससे भारतीय देशी नस्ल के गौवंश पालन में मदद मिलती है। इस योजना से मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। इसके लिए वे राज्य शासन की इस योजना की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देते हैं। उल्लेखनीय है कि ऐसे पशुपालक जिनके पास भारतीय देशी उन्नत नस्ल के पशु (गाय) है तथा जिनका दुग्ध उत्पादन उस नस्ल के पशुओं के औसत दुग्ध उत्पादन से 30 प्रतिशत अधिक है एवं उसका वत्स उच्च आनुवाशिंक क्षमता वाले भारतीय नस्ल के सांड़ के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान अथवा प्राकृतिक गर्भाधान द्वारा पैदा हुआ है। ऐसी गायों के पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए राशि 5 हजार रुपये एवं उनके वत्सों के संरक्षण के लिए 500 रुपये की राशि प्रतिमाह पशु आहार/ औषधी के रूप में 0-4 माह की उम्र से दो वर्षो तक प्रदाय की जाती है। इस योजना में नर एवं मादा दोनो प्रकार के वत्स लाभान्वित हो सकेंगे।

जिले की परवीन बानो की बिटिया को मिला लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ

नरसिंहपुर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नरसिंहपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत नकटुआ की परवीन बानो ने दिल से धन्यवाद दिया है। लाड़ली लक्ष्मी योजना में लाभान्वित रूकमणी ने कहा कि मामाजी इसी प्रकार हमारे बच्चों को आशीर्वाद देते रहें। रूकमणी धानक ने बताया कि उसकी बच्ची को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ आशीर्वाद स्वरूप मिल गया है। अब मेरी बेटी भी लखपति बन जायेगी। परवीन बानो बताती हैं कि बेटी के जन्म पर माँ- बाप को उसकी शिक्षा एवं विवाह की चिंता हो जाती थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना में बेटी का पंजीयन होने पर वह लखपति हो जाती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण में मिला श्री अरविंद यादव को पक्का मकान

नरसिंहपुर प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण से पात्र हितग्राहियों का पक्का मकान का सपना साकार हो रहा है। जिले की ग्राम पंचायत मर्रावन के अरविंद यादव का पक्के मकान का सपना भी इस योजना ने पूरा किया है।
यादव बताते हैं कि उन्हें पीएम आवास योजना से स्वयं का पक्का मकान बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपये की राशि प्राप्त हुई। इस राशि की मदद से उन्होंने अपना पक्का मकान बना लिया है। वे बताते हैं कि कच्चे मकान में खराब मौसम के कारण होने वाली असुविधा से बचने के लिए हर व्यक्ति का सपना होता है कि वो अपना पक्का मकान बनायें। शासन की प्रधानमंत्री आवास योजना में उनका पक्का मकान बन गया है। पक्का मकान बन जाने से वे और उनका परिवार बहुत खुश है। इसके लिए वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार प्रकट करते हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

कलेक्टर क्षितिज सिंघल की अध्यक्षता में अनुश्रवण समिति की बैठक

0 0
Read Time:2 Minute, 2 Second

डिजिटल भारत l सिवनी 15 फरवरी 23 जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित सिवनी के प्रधान कार्यालय में बैंक प्रशासक एवं कलेक्ट क्षितिज सिंघल की अध्यक्षता में PACS कम्प्यूटराइजेशन हेतु गठित जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति (DLIMC ) की बैठक आयोजित हुई।

बैठक में उपायुक्त सहकारिता सिवनी, बैंक मुख्य कार्यपालन अधिकारी, बैंक मुख्य लेखापाल एवं मुख्यालय समस्त स्टाफ व DLIMC कमेटी के सदस्य समिति प्रवन्धक समिति बांकी, पलारी एवं सिवनी की उपस्थिति रही।

कलेक्टर सिंघल द्वारा बैंक के कार्यों एवं बैंक के वित्तीय स्थिति की विस्तृत समीक्षा करते हुए अमानतों में वृद्धि करने हेतु व कृषि ऋण वसूली के लिए बैंक मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देशित किया गया।
 उन्होंने जिले में बैंक के समस्त शाखा प्रबंधक, समस्त समिति प्रबंधक को दिए गए कृषि ऋण वसूली के लक्ष्यों के विरुद्ध शत प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करने एवं उक्त वसूली कार्य में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करने के निर्देश दिए। बैंक प्रशासक एवं कलेक्टर सिंघल ने मध्यप्रदेश शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों को दिये जा रहे महंगाई भत्ता में की गई बढ़ोतरी की स्वीकृति प्रदान की गई, जिसके लिए बैंक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

बॉलीवुड के सबसे ख़ूबसूरत चेहरों मधुबाला का नाम सुमार

0 0
Read Time:7 Minute, 58 Second

डिजिटल भारत l भारतीय बॉलीवुड के सबसे ख़ूबसूरत चेहरों की जब भी बात होती है तो लोग मधुबाला का नाम सबसे पहले लेते हैं.

और मधुबाला का नाम लेते ही आपके जेहन में उनकी कई छवियां उभर आती हैं. महल में सस्पेंस जगाने वाली मधुबाला हों या फिर मिस्टेर एंड मिसेज 55 की शहरी बाला. या फिर हावड़ा ब्रिज की मादक डांसर हो या फिर मुगले आज़म की कनीज अनारकली जिसका जलवा किसी शहजादी से कम नहीं लगता.

मोहक, ख़ूबसूरत, दिलकश और ताज़गी से भरपूर, जिसके चेहरे से नूर टपकता रहा हो, तो आप मधुबाला के अलावा शायद ही किसी दूसरे चेहरे के बारे में सोच पाएं.

14 फरवरी 1933 को जन्मी मधुबाला के चाहने वाले आज भी अनगिनत हैं.
मधुबाला की ख़ूबसूरती का अंदाज़ा लगाना हो तो 1990 में एक फ़िल्मी पत्रिका मूवी के बॉलीवुड की आल टाइम ग्रेटेस्ट अभिनेत्रियों की लोकप्रियता वाले सर्वेक्षण को देखिए, उसमें 58 फ़ीसदी लोगों के वोट के साथ मधुबाला नंबर एक पर रहीं थीं, उनके आसपास कोई दूसरा नहीं पहुंच पाया था. इसमें नरगिस 13 फ़ीसदी वोटों के साथ दूसरे पायदान पर रहीं थीं.
सबसे ख़ूबसूरत मधुबाला
मधुबाला के साथ ही अपना डेब्यू करने वाले राजकपूर ने मधुबाला के बारे में एक बार कहा था लगता है कि ईश्वर ने खुद अपने हाथों से संगमरमर से उन्हें तराशा है. पेंगुइन इंडिया से प्रकाशित और भाईचंद पटेल की संपादित बॉलीवुड टॉप 20- सुपरस्टार्स ऑफ़ इंडिया में राजकपूर का ये बयान दर्ज है. इसी पुस्तक के मुताबिक शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने अपने फ़िल्मी जगत में काम करने के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब एक दिन उन्होंने शूटिंग करते हुए मधुबाला को देखा था उन्हें लगा कि उनका दिन बन गया.

शम्मी कपूर ने अपनी ऑटोबोयोग्राफी शम्मी कपूर द गेम चेंजर में एक पूरा चैप्टर मधुबाला को समर्पित किया है. इसका शीर्षक है- फेल मेडली इन लव विद मधुबाला. शम्मी कपूर इसमें कहते हैं- मैं ये जानता था कि मधु किसी और के प्यार में हैं, लेकिन इसके बाद भी मैं ये स्वीकार करना चाहता हूं कि मैं उनसे पागलों की तरह प्यार करने लगा था. इसके लिए किसी को दोष नहीं दिया जा सकता था, क्योंकि मैं ने उनसे ख़ूबसूरत औरत कभी नहीं देखी.
दिलीप कुमार-मधुबाला की प्रेम कहानी
दोनों को एक समय में भारतीय फिल्म इतिहास की सबसे रोमांटिक जोड़ी माना जाता था, दोनों एक दूसरे से प्यार भी करते थे. 1955 में पहली बार फ़िल्म इंसानियत के प्रीमियर के दौरान मधुबाला दिलीप कुमार के साथ सार्वजनिक तौर पर नज़र आईं थीं. ये पहला और इकलौता मौका था जब दिलीप कुमार और मधुबाला एक साथ सार्वजनिक तौर पर साथ नजर आए थे.
इस मौके को कवर करने वाले पत्रकार के. राजदान ने बाद में लिखा था कि मधुबाला इससे ज़्यादा ख़ुश पहले कभी नज़र नहीं आई थीं. रॉक्सी सिनेमा में हुए इस प्रीमियर में मधुबाला हमेशा दिलीप कुमार के बांह थामे हुए नज़र आती रहीं.

शम्मी कपूर ने इस बात का जिक्र भी किया है कि किस तरह से दिलीप कुमार केवल मधुबाला को देखने के लिए मुंबई से पूना तक कार चला कर आया करते थे और दूर खड़े होकर मधुबाला को देखा करते थे.

बहरहाल, एक आम धारणा ये है कि मुधबाला के पिता नहीं चाहते थे कि मधुबाला और दिलीप कुमार की शादी हो. इसको लेकर फ़िल्मी पत्र पत्रिकाओं में काफ़ी कुछ छपता भी रहा है. लेकिन दिलीप कुमार ने अपनी आत्मकथा दिलीप कुमार- द सब्सटेंस एंड द शैडो में इससे उलट बात कही है.
मधुबाला-दिलीप ऐसे हुए अलग?
उन्होंने लिखा है, “जैसा कि कहा जाता है, उसके उलट मधु और मेरी शादी के ख़िलाफ़ उनके पिता नहीं थे. उनके अपनी प्रॉडक्शन कंपनी थी और वे इस बात से बेहद ख़ुश थे कि एक ही घर में दो बड़े स्टार मौजूद होंगे. वे तो चाहते थे कि दिलीप कुमार और मधुबाला एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले अपने करियर के अंत तक उनकी फिल्मों में डूएट गाते नजर आएं.”
दिलीप कुमार के मुताबिक उनकी यही बात मधुबाला के पिता अयातुल्ला ख़ान को पसंद नहीं आई और उन्होंने दिलीप कुमार को जिद्दी और अड़ियल मानना शुरू कर दिया. दिलीप के मुताबिक मधुबाला का रुझान हमेशा अपने पिता की तरफ़ रहा और वो कहती रहीं कि शादी होने के बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा.

ऐसा भी नहीं था कि दिलीप शादी के लिए तैयार नहीं थे, 1956 में ढाके की मलमल फ़िल्म की शूटिंग के दौरान एक दिन उन्होंने मधुबाला से कहा भी काज़ी इंतज़ार कर रहे हैं चलो मेरे घर आज शादी कर लेते हैं. लेकिन उनकी बातों पर मुधबाला रोने लगीं. दिलीप कुमार कहते रहे कि अगर आज तुम नहीं चली तो मैं तुम्हारे पास लौटकर नहीं आऊंगा, कभी नहीं आऊंगा.

किशोर कुमार से शादी
इस अलगाव के चलते ही मधुबाला ने शादी करने का मन बनाया होगा. लेकिन वो किशोर कुमार से एक दिन शादी कर लेंगी, इसका भरोसा किसी को नहीं था. लेकिन जिस वक्त मधुबाला और दिलीप कुमार की राहें अलग होने लगी थीं, उसी वक्त किशोर कुमार का अपनी पहली पत्नी रोमा देवी से तलाक़ हुआ था. और दोनों एक साथ कई फ़िल्मों में काम कर रहे थे.

इस वजह से दोनों के बीच एक आकर्षण हुआ हो और 1960 में किशोर कुमार और मधुबाला ने आपस में शादी कर ली. किशोर कुमार के साथ शादी के फ़ैसले ने मधुबाला को दिलीप कुमार से अलग होने के तुलना में कहीं ज़्यादा आघात पहुंचाया.

किशोर कुमार को मधुबाला की बीमारी के बारे में पता तो था लेकिन उसकी गंभीरता का अंदाजा नहीं था. वे मधुबाला को इलाज़ के लिए लंदन ले गए, जहां डॉक्टरों ने जवाब देते हुए कहा कि अब ज्यादा से ज्यादा मधुबाला एक से दो साल ही जी पाएंगी.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

विदेश में पढ़ने का है सपना तो केंद्र सरकार इसे करेगी पूरा, जानें क्या है प्रोसेस : Study Abroad

0 0
Read Time:3 Minute, 40 Second

डिजिटल भारत l विदेश में पढ़ाई करने वाले उन छात्रों के लिए सुनहरा मौका है, जिन्हें अपने इस सपने को पूरा करने के लिए पैसों की सख्त जरूरत है। दरअसल, केंद्र सरकार की एक ऐसी योजना है, जिस पर अमल कर आप अपना सपना हकीकत में तब्दील कर सकते हैं। जी हां, केंद्र सरकार की सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय विदेश में पढ़ने के लिए छात्रों को स्कॉलरशिप देता है। सबसे जरूरी बात इस स्कॉलरशिप के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होने वाले हैं।

कल से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप (NOS) स्कीम के लिए रजिस्ट्रेशन 15 फरवरी, 2023 से शुरू हो रहा है। NOS एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसका उद्देश्य अनुसूचित जातियों, विमुक्त घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों, भूमिहीन कृषि मजदूरों और पारंपरिक कारीगर श्रेणियों से संबंधित कम आय वाले छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना है। इसके तहत इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 31 मार्च तक मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।

क्या है प्रोसेस ?

आधिकारिक नोटिफिकेशन के मुताबिक, “NOS पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए 15-02-2023 से 31-03-2023 (मध्यरात्रि) तक इच्छुक उम्मीदवारों के पास यह रजिस्ट्रेशन कराने का मौका है। सभी इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे आवेदन जमा करने से पहले एनओएस (SC) 2023-24 की स्कीम गाइडलाइन को देखें जो कि पोर्टल पर उपलब्ध है।

किन्हें मिलेगा फायदा ?

NOS केंद्र सरकार की खास स्कीम है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जातियों (SC), विमुक्त घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों (Denotified Nomadic and Semi-Nomadic Tribes), भूमिहीन कृषि मजदूरों और पारंपरिक कारीगर श्रेणियों (Landless Agricultural Labourers and Traditional Artisans category) से संबंधित कम आय वाले छात्रों को विदेशों में हायर एजुकेशन प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करना है।

कौन-कौन से कोर्स के लिए है ये योजना ?

ये स्कीम चुने गए उम्मीदवारों को विदेश में सरकार या अधिकृत निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों यूनिवर्सिटी में मास्टर स्तर के कोर्स और पीएचडी कोर्स करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। हर साल, 125 योग्य उम्मीदवारों को ये स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। योग्य उम्मीदवार 31 मार्च तक nosmsje.gov.in पर फॉर्म जमा कर सकते हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

सरल नहीं है फ़िल्मी जगत की रेखा होना, जाने रेखा की अनसुनी कहानी

0 0
Read Time:8 Minute, 57 Second

डिजिटल भारत l भानुरेखा गणेशन उर्फ़ रेखा हिन्दी फ़िल्मों की एक अभिनेत्री हैं। प्रतिभाशाली रेखा को हिन्दी फ़िल्मों की सबसे अच्छी अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है। वैसे तो रेखा ने अपने फ़िल्मी जीवन की शुरुआत बतौर एक बाल कलाकार तेलुगु फ़िल्म रंगुला रत्नम से कर दी थी, लेकिन हिन्दी सिनेमा में उनकी प्रविष्टि १९७० की फ़िल्म सावन भादों से हुई।
रेखा का जन्म चेन्नई में 10 अक्टूबर 1954 को हुआ. इनके पिता तमिल अभिनेता “जैमिनी गणेसन” और माता तलगू अभिनेत्री “पुष्पवल्ली” थीं. रेखा का पूरा नाम “भानु रेखा गणेसन” था. रेखा अपने पिता के नक्शे कदम पर चलती रही. इन्होंने चेन्नई में पढाई की. इनको हिंदी, तमिल और इंग्लिश तीनों भाषाओं का ज्ञान था. रेखा के जन्म के समय उनके माता पिता शादीशुदा नही थे. रेखा की एक सगी बहन, एक सौतेला भाई और पांच सौतेली बहने है. रेखा को अभिनय में ज्यादा रुचि नही थी, लेकिन रेखा के परिवार की आर्थिक स्थिती अच्छी न होने कारण उनको अपना स्कूल छोड़ना पड़ा.
रेखा का फ़िल्मी दुनिया का सफ़र बहुत ही उतार और चढ़ाव वाला रहा. रेखा ने अपने जीवन में लगभग 170 फिल्में की, जिनमें से कुछ फिल्में सफल हुई और कुछ में वे असफल भी रही, किन्तु वे फिल्म करती रही. रेखा ने अपने फिल्म जगत के सफर में हर तरह के किरदार के रूप में अभिनय किया, फिर चाहे वह मुख्य किरदार हो या सहायक किरदार, सभी किरदारों में उन्हें बहुत सराहा गया.

    रेखा ने अपने 40 सालों के लंबे करियर में लगभग 180 से उपर फिल्मों में काम किया है। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई दमदार रोल किए और कई मजबूत फीमेल किरदार को पर्दे पर बेहतरीन तरीके से पेश किया और मुख्यधारा के सिनेमा के अलावा उन्होंने कई आर्ट फिल्मों मे भी काम किया जिसे भारत में पैरलल सिनेमा कहा जाता हैै। उन्हें तीन बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिल चुका है, दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का और एक बार सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का जिसमें क्रमशः खूबसूरत, खून भरी मांग और खिलाडि़यों का खिलाड़ी जैसी फिल्में शामिल हैं।

    उमराव जान के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुका है। उनके करियर का ग्राफ कई बार नीचे भी गिरा लेकिन के उन्होंने अपने को कई बार इससे उबारा और स्टेटस को बरकरार रखने के लिए उनकी क्षमता ने सभी का दिल जीता। 2010 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया। वे बाल कलाकार के तौर पर तेलगु फिल्म रंगुला रतलाम में दिखाई दीं जिसमें उनका नाम बेबी भानुरेखा बताया गया।

सिलसिला में रेखा ने अपनी जिंदगी को पर्दे पर उतारने का सबसे मुश्किल काम कर दिखाया. एक पूर्व प्रेमिका के दर्द को आंखों में उन्होंने इस कदर उतारा कि लोगों को सिलसिला एक फिल्म नहीं एक सच्ची कहानी लगने लगी. सिर्फ लीड हीरोइन ही नहीं रेखा ने कई निगेटिव रोल भी निभाए जिनमें खिलाड़ियों का खिलाड़ी अहम थी.

    अमिताभ की जया से शादी हो जाने के बाद भी उन्हें प्यार करती थीं। रेखा के दिल में शायद अमिताभ बच्चन से दूर होने की पीड़ा हद से पार हो चुकी थी इसलिए उन्होंने साल 1990 में उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से शादी कर ली। मुकेश अग्रवाल उस समय के मशहूर हॉटलाइन ग्रुप और निकिताशा ब्रांड के मालिक थे।

    फिल्म 'मैगजीन' में रेखा और मुकेश की साथ में तस्वीरें देखकर सबको यही लगा कि आखिरकार रेखा की जिंदगी में जिस प्यार की कमी थी वो उन्हें मिल गया लेकिन यह रिश्ता भी रेखा की जिंदगी में एक अलग तूफान लेकर आया। शादी के अगले साल ही 1991 में रेखा के पति मुकेश अग्रवाल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उस समय खबरें छपी थीं कि जिस दुपट्टे से मुकेश ने फांसी लगाकर आत्महत्या की वो दुपट्टा रेखा का था। यहां तक कि रेखा और मुकेश के रिश्तों के बीच में दरार क्यों आई ऐसे निजी सवाल भी रेखा से सरेआम किए गए।

    किताब में उस्मान ने बताया है कि जब रेखा ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी में मांग में सिंदूर लगाकर पहुंची तो वहां हंगामा बरपा हो गया। वहां मौजूद मेहमानों और मीडिया ने रेखा की मांग में सिंदूर देखकर ये अंदाजा लगाया कि उन्होंने गुपचुप शादी कर ली है। इतना ही नहीं जब उसी पार्टी में रेखा अमिताभ के पास जाकर उनसे बातचीत करने लगीं तो चारों तरफ कानाफूसी होने लगी और वहां मौजूद जया बच्चन के चेहरे पर हवाइयां उड़ती देखी गईं। किताब में रेखा ने ये भी बताया है कि जब एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने एक शेर पढ़ा तो उसे लोगों ने अमिताभ के लिए समझ लिया जबकि उन्होने वो शेर जया बच्चन के लिए पढ़ा था।

रोचक बाते :

• रेखा ने अपने फ़िल्मी करिअर में 180 फिल्मे की है.
• रेखा एक ब्राह्मण थी जो आधी तमिल और आधी तेलगु थी क्योकि उनके पिता जेमिनी गणेशन तमिल थे और उनकी माता पुश्पावली तेलगु थी. जब उनका जन्म हुआ तो उनके माता पिता अविवाहित थे.
• रेखा उन फिल्म अभिनेत्रियों में से एक थी जो राजनीती में आयीं किन्तु फिर भी उन्हें पद्म श्री मिला.
• शुरूआती दिनों में रेखा इतनी उभर नही पीई क्योकि तब रंगरूप को ज्यादा अहमियत दी जाती थी.
• 1976 में रेखा अमिताभ की फिल्म दो अनजाने आयी. इसी फिल्म से दोनों एक दुसरे को पसंद करने लगे. रेखा को यहा से नया मोड़ मिला.
• 1978 की फिल्म “घर” में रेखा का करिअर अतुलनीय रहा. जिसके करण फ़िल्मफेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेशन हुआ.
• 1978 में ही मुकद्दर का सिकंदर फिल्म रेखा की सफल फिल्मो में से एक है. इस फिल्म को उस दशक की ब्लॉकब्लास्टर फिल्मो का दर्जा मिला.
• खूबसूरत फिल्म के लिए रेखा को फिल्मफयर अवार्ड से नवाजा गया.
• 1981 में सिलसिला रेखा और अमिताभ की जोड़ी की आखरी फिल्म थी, इसके पहले इनकी जोडी ने काफी हिट फिल्मे दी. यह फिल्म रेखा, अमिताभ बच्चन, जया बच्चन की त्रिकोण प्यार के ऊपर आधारीत थीं. काहा जाता है यही से इनके प्यार का अंत हुआ.
• 1981 में रेखा की “उमराव जान” आयी जिसमे उनके अतुलनीय किरदार के लिए उन्हें “नेशनल अवार्ड” से सम्मानित किया गया था.
• 1996 में “खिलाडियों का खिलाडी” के लिए रेखा को तीसरा फिल्मफेयर अवार्ड मिला.
• रेखा को 1998 में अपना दूसरा फिल्मफयर अवार्ड “खून भरी मांग” के लिए मिला.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

रिसोर्ट मे शादियां नई सामाजिक बीमारी, हर रस्म में होता है…. स्टैंडर चैक

0 0
Read Time:5 Minute, 54 Second

डिजिटल भारत l सामाजिक भवन अब उपयोग में नहीं लाए जाते हे,
शादी समारोह हेतु यह सब बेकार हो चुके हैं
कुछ समय पहले तक शहर के अंदर मैरिज हॉल मैं शादियां होने की परंपरा चली परंतु वह दौर भी अब समाप्ति की ओर है!
अब शहर से दूर महंगे रिसोर्ट में शादीया होने लगी है!
शादी के 2 दिन पूर्व से ही ये रिसोर्ट बुक करा लिया जाते हैं और शादी वाला परिवार वहां शिफ्ट हो जाता है
आगंतुक और मेहमान सीधे वही आते हैं और वहीं से विदा हो जाते हैं।
जिसके पास चार पहिया वाहन है वही जा पाएगा,
दोपहिया वाहन वाले नहीं जा पाएंगे
बुलाने वाला भी यही स्टेटस चाहता है

और वह निमंत्रण भी उसी श्रेणी के अनुसार देता है
दो तीन तरह की श्रेणियां आजकल रखी जाने लगी है
किसको सिर्फ लेडीस संगीत में बुलाना है !
किसको सिर्फ रिसेप्शन में बुलाना है !
किसको कॉकटेल पार्टी में बुलाना है !
और किस वीआईपी परिवार को इन सभी कार्यक्रमों में बुलाना है!!
इस आमंत्रण में अपनापन की भावना खत्म हो चुकी है!
सिर्फ मतलब के व्यक्तियों को या परिवारों को आमंत्रित किया जाता है!!

महिला संगीत में पूरे परिवार को नाच गाना सिखाने के लिए महंगे कोरियोग्राफर 10-15 दिन ट्रेनिंग देते हैं!
मेहंदी लगाने के लिए आर्टिस्ट बुलाए जाने लगे हैं
मेहंदी में सभी को हरी ड्रेस पहनना अनिवार्य है जो नहीं पहनता है उसे हीन भावना से देखा जाता है लोअर केटेगरी का मानते हैं

फिर हल्दी की रस्म आती है
इसमें भी सभी को पीला कुर्ता पजामा पहनना अति आवश्यक है इसमें भी वही समस्या है जो नहीं पहनता है उसकी इज्जत कम होती है

इसके बाद वर निकासी होती है
इसमें अक्सर देखा जाता है जो पंडित को दक्षिणा देने में 1 घंटे डिस्कशन करते हैं
वह बारात प्रोसेशन में 5 से 10 हजार नाच गाने पर उड़ा देते हैं
एक नई परंपरा भी है बैंड वाले के पास जो गाड़ी रहती है उसमें सोमरस रखा जाता है बाराती बारी-बारी से उसके पास जाते हैं और अपना काम करके आते जाते हैं

इसके बाद रिसेप्शन स्टार्ट होता है
स्टेज पर वरमाला होती है पहले लड़की और लड़के वाले मिलकर हंसी मजाक करके वरमाला करवाते थे,,,,,, आजकल स्टेज पर कंडे के धुंए की धूनी छोड़ देते है
दूल्हा दुल्हन को अकेले छोड़ दिया जाता है
बाकी सब को दूर भगा दिया जाता है
और फिल्मी स्टाइल में स्लो मोशन में वह एक दूसरे को वरमाला पहनाते हैं
साथ ही नकली आतिशबाजी भी होती है

स्टेज के पास एक स्क्रीन लगा रहता है
उसमें प्रीवेडिंग सूट की वीडियो चलती रहती है
जिसमें यह बताया जाता है की शादी से पहले ही लड़की लड़के से मिल चुकी है और कितने अंग प्रदर्शन वाले कपड़े पहन कर
कहीं चट्टान पर
कहीं बगीचे में
कहीं कुए पर
कहीं श्मशान में कहीं नकली फूलों के बीच

प्रत्येक परिवार अलग-अलग कमरे में ठहरते हैं
जिसके कारण दूरदराज से आए बरसों बाद रिश्तेदारों से मिलने की उत्सुकता कहीं खत्म सी हो गई है!!
क्योंकि सब अमीर हो गए हैं पैसे वाले हो गए हैं!
मेल मिलाप और आपसी स्नेह खत्म हो चुका है!
रस्म अदायगी पर मोबाइलो से बुलाये जाने पर कमरों से बाहर निकलते हैं !
सब अपने को एक दूसरे से रईस समझते हैं!
और यही अमीरीयत का दंभ उनके व्यवहार से भी झलकता है !
कहने को तो रिश्तेदार की शादी में आए हुए होते हैं
परंतु अहंकार उनको यहां भी नहीं छोड़ता !
वे अपना अधिकांश समय करीबियों से मिलने के बजाय अपने अपने कमरो में ही गुजार देते हैं!!

हमारी संस्कृति को दूषित करने का बीड़ा ऐसे ही अति संपन्न वर्ग ने अपने कंधों पर उठाए रखा है

मेरा अपने मध्यमवर्गीय समाज बंधुओं से अनुरोध है
आपका पैसा है , आपने कमाया है,
आपके घर खुशी का अवसर है खुशियां मनाएं,
पर किसी दूसरे की देखा देखी नही!

कर्ज लेकर अपने और परिवार के मान सम्मान को खत्म मत करिएगा!
जितनी आप में क्षमता है उसी के अनुसार खर्चा करिएगा
4 – 5 घंटे के रिसेप्शन में लोगों की जीवन भर की पूंजी लग जाती है !

दिखावे की इस सामाजिक बीमारी को अभिजात्य वर्ग तक ही सीमित रहने दीजिए!

अपना दांपत्य जीवन सर उठा के, स्वाभिमान के साथ शुरू करिए और खुद को अपने परिवार और अपने समाज के लिए सार्थक बनाइए !

Happy
Happy
100 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %