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एक भारत उत्कृष्ट भारत

जाने कोन है दुनिया की सासबसे खुबसूरत 12 अदाकाराएं

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दुनिया की सबसे खूबसूरत महिलाओं के बारे में हर कोई जानना चाहता है। सभी लोगो के मन में यही सवाल होता है कि अबकी बार सबसे खूबसूरत महिला कौन होगी और किस देश की होगी। महिलाएं पुरुषों की तुलना में अपनी सुंदरता पर काफी ज्यादा ध्यान देती है। इस दुनिया मे खूबसूरत महिलाओं की कमी नहीं है लेकिन जो सबसे ज्यादा खूबसूरत है उनके आधार पर ये लिस्ट बनाई है।
हर लड़की सुन्दर दिखना चाहती है। हमेशा महिला की सुंदरता ही पुरुषों को उनकी तरफ खीँचती है। पूरी दुनिया में एक से एक बढ़कर सुंदर महिला है लेकिन आज हम इस लेख में उन देशो की महिलाओं के बारे में बताने जा रहे है जिनको सबसे ज्यादा खूबसूरत माना जाता है। इस लिस्ट में वो महिलाएं है जिन्हे सबसे बुद्धिमान, सुंदर, मजबूत, लोकप्रिय, आकर्षक और सबसे सफल महिला माना गया है। इनमे से कुछ को तो आप लोग जानते भी होंगे, लेकिन कुछ के बारे आज तक नहीं सुना होगा।

1.ऐश्वर्या राय

2.बेयोंस

3. एम्मा वाटसन

4.अलेक्सांद्रा दद्दारिओ

5. एंजेलीना जोली

6. गिगी हदीदो

7. केट अप्टन

8. दीपिका पादुकोने

9. राहेल मैकऐड्म्स

10.निकी करिमिक

11.मिला कुनिस

12. कंगना रनौत

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बेबी तब्बसुम बाल कलाकार बन कर ही जीत लिया था ऑडियंस का दिल बड़े हो कर दिए कई सुपर हिट्स ,78 साल की उम्र में अभिनेत्री तबस्सुम का हुआ निधन

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डिजिटल भारत l 78 साल की उम्र में अभिनेत्री तबस्सुम का निधन हो गया है. उनके बारे में बताया जाता है कि उन्होंने महज तीन साल की उम्र से फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था.
वरिष्ठ अभिनेत्री तबस्सुम गोविल का शुक्रवार शाम कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया. तबस्सुम गोविल ने बॉलीवुड में लंबे समय तक काम किया.

उन्होंने बचपन से ही फ़िल्मों की तरफ़ रुख कर लिया था. 1947 में बाल कलाकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और बेहद लोकप्रिय भी रहीं.

फ़िल्मों में क़दम रखते ही दर्शकों ने उन्हें बेबी तब्बसुम नाम दे दिया. फ़िल्मों में बाल कलाकार के तौर पर काम करते-करते उनका फ़िल्मों से लगाव गहराता गया तो उन्होंने अभिनेत्री के तौर पर भी अपनी किस्मत आजमाई और कुछ फिल्में भी की.

उनके सामने कई दौर बदले और जब दौर बदला तो उन्होंने खुद को भी बदल दिया. अभिनय छोड़ उन्होंने 1972 से 1993 तक दूरदर्शन के लिए सिलेब्रिटी टॉक शो ‘फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन’ होस्ट किया.
स्वतंत्रता सेनानी के परिवार में जन्मी तबस्सुम
9 जुलाई 1944 को जन्मीं तबस्सुम मूलतः अयोध्या से थीं. तबस्सुम का परिवार स्वतंत्रता सेनानी रहा. उनके पिता अयोध्यानाथ सचदेव और मां असगरी बेगम स्वतंत्रता सेनानी थे.

तबस्सुम की पढ़ाई मुंबई से ही हुई. उन्होंने तीन साल की उम्र से बाल कलाकार के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था. उन्होंने साल 1947 में बाल कलाकार के तौर पर अभिनेत्री नरगिस के साथ फिल्मी करियर की शुरुआत की. ये फिल्म थी ‘दीदार’ जिसमें उन्होंने नरगिस के बचपन का किरदार निभाया था.

उनके बाद 1947 में ही फ़िल्म ‘मेरा सुहाग’ और ‘बड़ी बहन’ भी रिलीज़ हुई. उन्होंने ‘बैजू बावरा’ (1952) में मीना कुमारी के बचपन का किरदार निभाया था.

साल 1952 में आई फ़िल्म ‘दीदार’ का वो गीत जिसके बोल हैं ‘बचपन के दिन भूला ना देना…’ बेहद लोकप्रिय हुआ था, वो गीत बेबी तबस्सुम पर फ़िल्माया गया था. इसे लता मंगेशकर और शमशाद बेग़म ने गाया था. बड़ी हुई तबस्सुम तो उन्होंने कई बड़ी-बड़ी फ़िल्मों में कैरेक्टर एक्ट्रेस के तौर पर काम करने का मौका मिला. तबस्सुम उन अभिनेत्रियों में से एक हैं जिन्होंने अभिनेता दिलीप कुमार, राज कपूर, नरगिस, मीना कुमारी, अशोक कुमार, राज कुमार, देवानंद, शशि कपूर जैसे कई कलाकारों के साथ कैरेक्टर एक्ट्रेस के तौर काम किया.
एक अभिनेत्री के तौर पर तबस्सुम ने खूब लोकप्रियता तो हासिल की ही थी. उसके साथ ही उन्होंने एक टीवी टॉक शो होस्ट के तौर पर अपनी बेहद ही तगड़ी पहचान बनाई थी. तबस्सुम ने पहले भारतीय टीवी टॉक शो ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ को 21 सालों तक होस्ट किया था. ये शो साल 1972 में दूरदर्शन पर शुरू होकर साल 1933 तक चला था. इस शो में वो तमाम बड़े फिल्मी सितारों का इंटरव्यू किया करती थीं. उनके इस शो को दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है, जिस वजह से ये शो तो हिट हुआ ही था साथ ही तबस्सुम को काफी पॉपुलैरिटी भी हासिल हुई थी.

तबस्सु (Tabassum) ने अपने फिल्मी करियर में ‘गंवार’, ‘हीर रांझा’ ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘शादी के बाद’ और ‘अली बाबा 40 चोर’ जैसी एक से बढ़कर एक कई शानदार फिल्मों में काम किया था.

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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में हुआ मध्यप्रदेश दिवस समारोह
वोकल फार लोकल और लोकल टू ग्लोबल थीम पर लगा मंडप

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डिजिटल भारत l प्रगति मैदान नई दिल्ली में चल रहे 41वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में आज मध्यप्रदेश दिवस
समारोह का सांस्कृतिक भव्यता के साथ आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्ष लघु उद्योग निगम श्रीमती
इमरती देवी, सचिव सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम श्री पी. नरहरि, महाप्रबंधक लघु उद्योग निगम श्री रोहित सिंह
और आवासीय आयुक्त श्री पंकज राग द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। विशेष आयुक्त श्रीमती अनुग्रह पी.
सहित मध्यप्रदेश शासन के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

श्रीमती इमरती देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री
शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लघु उद्योग निगम ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने में
हरसंभव सहायता दे रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला जैसे मंच से मध्यप्रदेश की
गरीब महिलाओं को विदेशों में अपनी कला और कौशल का प्रचार-प्रसार करने के अच्छे अवसर मिलेंगे। सचिव श्री
नरहरि ने बताया कि आजादी की 75वीं वर्षगाँठ पर आयोजित इस व्यापार मेले में मध्यप्रदेश मण्डप का निर्माण
’’वोकल फार लोकल और लोकल टू ग्लोबल’’ थीम पर किया गया है। मण्डप इन्दौर में निकट भविष्य में होने वाली
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और प्रवासी भारतीय दिवस में भाग लेने के लिए आगन्तुकों को निमंत्रित करता है। छतरपुर की माटी शिल्प और भोपाल की जरी-जरदोजी कला का
सजीव प्रदर्शन भी मण्डप में किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश दिवस समारोह में प्रदेश की समृद्ध संगीत और नृत्य विरासत का प्रदर्शन किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्री भेरू सिंह चौहान और समूह ने मालवा क्षेत्र के कबीर लोक गायन और श्री संजय महाजन
और समूह ने निमाड़ क्षेत्र के गणगौर लोक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। समारोह में शासकीय और निजी क्षेत्र में
उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार भी वितरित किये गये। मध्यप्रदेश माटी कला बोर्ड को पहला पुरस्कार और
मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन को दूसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश थीम पर केंद्रित मंडप

आईआईटीएफ 2021 में ‘आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश’ की थीम पर प्रदेश का मंडप बनाया गया है। इसमें प्रदेश की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों द्वारा स्व–सहायता समूहों, स्टार्ट–अप कारीगरों एवं शिल्पियों के उत्पादों को दर्शाया गया है। साथ ही प्रदेश के पर्यटन, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, लघु उद्योग निगम, मृगनयनी एंपोरियम, कृषि एवं किसान-कल्याण, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की योजनाओं और कार्यों को भी प्रदर्शित किया गया है। वहीं ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत मंडप में ‘एक जिला-एक उत्पाद’ के तैयार उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है।

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जाने क्या है social मीडिया मार्केटिंग और कैसे बड़े ब्रांड्स इनका उपयोग करते है

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डिजिटल भारत l आपने जरुर Social Media के बारे सुना होगा. क्यूंकि आप अपने रोजमर्रा के जिंदगी में Social Media जैसे की Facebook, Twitter, Instagram का इस्तमाल करते हैं. क्या आपने कभी ये सोचा है की इन सभी Social Media की मदद से भी marketing की जा सकती हैं.

इन सभी के इस्तमाल से भी अच्छी खासी marketing की का सकती है. Marketing का मतलब है की लोगों को अपने Brand के विषय में बताना और लोगों को ये चीज़ बताने के लिए ऐसे जगहों की जरुरत हैं जहाँ की लोगों का हमेशा से जाना आना रहता है और ऐसे में Social Media से ज्यादा सही जगह शायद ही Advertisers को कहीं और मिले.

आजकल Social Media Marketing एक बहुत ही Powerful तरीका बन गया है किसी भी business के लिए. क्यूंकि ये किसी भी business के लिए उपयुक्त है. अभी तो पहले से ही Customers अपने प्रिय Brands के साथ interact कर रहे हैं. इसलिए यदि आप अपने audience के साथ Social Platforms जैसे की Facebook, Twitter, Instagram और Pinterest में interact नहीं कर रहे हैं तब आप बहुत कुछ miss कर रहे हैं.

आज के ज़माने में मीम्स का इस्तमाल मार्केटिंग के क्षेत्र में नई तकनीक के रूप में हो रहा है और मीम्स के जरिये मार्केटिंग के इस नए तरीके को लोकल कम्पनी के साथ – साथ बड़े बॉन्ड्स भी इसी तकनीक का उपयोग कर रहे है आज जहा सारा सरे ब्रांड्स आज कल मीडिया मार्केटिंग में बाकी प्लेटफार्म ज्यादा फोकस करते है और इन प्लेटफॉर्म्स पर मीम्स सबसे ज्यादा ट्रैंड करती है ऐसे ही कुछ ब्रांड्स लगातार ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर मीम्स शेयर करते रहते है

  1. ज़ूमेटो
2. नेस्ले
3. Netflix
इस तरह से ये ब्रांड्स ट्रैंड कर रहे टॉपिक से रिलेटेड मीम्स से अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करते है
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जाने क्या है यूट्यूब एंड टॉप 10 चैनल जिनके के है सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर

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डिजिटल भारत l यूट्यूब अमेरिका की एक वीडियो देखने वाला प्लेटफॉर्म है, जिसमें पंजीकृत सदस्य वीडियो क्लिप देखने के साथ ही अपना वीडियो अपलोड भी कर सकते हैं। इसे पेपैल के तीन पूर्व कर्मचारियों, चाड हर्ले, स्टीव चैन और जावेद करीम ने मिल कर फरवरी 2005 में बनाया था,
यूट्यूब अपने पंजीकृत सदस्यों को वीडियो अपलोड करने, देखने, शेयर करने, पसंदीदा वीडियो के रूप में जोड़ने, रिपोर्ट करने, टिप्पणी करने और दूसरे सदस्यों के चैनल की सदस्यता लेने देता है। इसमें सदस्यों से लेकर कई बड़े कंपनियों के तक वीडियो मौजूद रहते हैं। इनमें वीडियो क्लिप, टीवी कार्यक्रम, संगीत वीडियो, फ़िल्मों के ट्रेलर, लाइव स्ट्रीम आदि होते हैं। कुछ लोग इसे वीडियो ब्लॉगिंग के रूप में भी प्रयोग करते हैं। गैर-पंजीकृत सदस्य केवल वीडियो ही देख सकते हैं, वहीं पंजीकृत सदस्य असीमित वीडियो अपलोड कर सकते हैं और वीडियो में टिप्पणी भी जोड़ सकते हैं। कुछ ऐसे वीडियो, जिसमें मानहानि, उत्पीड़न, नग्नता, अपराध करने हेतु प्रेरित करने वाले वीडियो या जो भी 18 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए घातक हो, उन्हें केवल 18+ आयु के पंजीकृत सदस्य ही देख सकते हैं
सामाजिक प्रभाव

2005 में यूट्यूब की शुरूआत से पहले, आम कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं के लिए ऑनलाइन वीडियो पोस्ट के लिए कुछ सरल तरीके उपलब्ध थे इण्टरफ़ेस का आसानी से उपयोग करने के अलावा यूट्यूब ने यह सम्भव बनाया है कि कोई भी वीडियो पोस्ट करने के लिए कम्प्यूटर का उपयोग कर सकता है जिसे कुछ ही मिनटों में लाखों लोग देख सकते हैं। यूट्यूब ने विविध विषयों के साथ वीडियो साझेदारी को इंटरनेट कल्चर का सबसे महत्वपूर्ण भाग बना दिया है। किसी टी वि शो, संगीत, विडियो, संगीत कंसर्ट या आपके लिए खुद बनाये सामग्री कीअनुमति के बिना व्यापर को अपलोड नही करें कॉपी अधिकार टिप्स पेज और समुदाय निर्देश आपको किसी दुसरे के कॉपी अधिकार के उल्लंघन नही करने में मदद करता है
ई मेल स्पैम फिल्टरिंग तकनीक के हालिया विकास और उनके व्यापक प्रयोग से स्पम्मेर्स यू ट्यूब को लोकप्रिय विडियो साइट्स के विज्ञापन के रूप में करने लगे हैं इसे रोकने के लिए यू ट्यूब ने उ आर एल के टिपण्णी के साथ उसे रोक २००६ से रोक दिया है, यदि एक प्रयोगकर्ता एक उ आर एल के साथ एक टिपण्णी पोस्ट करना चाहता है तो यह त्याग दिया जाएगा और नहीं दिखाया जाएगा अगस्त २००७ के रूप में यह फेअतुरे प्रोफाइल टिप्पणी तक बढ़ा प्रतीत होता है साथ ही प्रयोगकर्ता को एक संदेश “आपका टिपण्णी प्रक्रिया त्रुटी ” प्राप्त करेगा हलाँकि पोस्टिंग लिंक्स अभी भी बुलेटिन निजी संदेश या समूह चर्चा में सम्भव हैं साथ ही, यदि कोई प्रयोगकर्ता एक छूते समय में बहुत सी टिपण्णी पोस्ट करता है तो उससे इक कैप्चा को पूरा करने को कहा जा सकता है
ये है आज के टाइम के सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर बाले यूट्यूब चैनल

  1. टी – सीरीस
  2. कोकोमेलन – नुर्सरी रिमेंस
  3. सेट इंडिया
  4. पूडीएपीए
  5. mrबीट
  6. किड्स डीना शो
  7. लिखे नस्त्या
  8. WWE
  9. ज़ी म्यूजिक कंपनी
  10. व्लाद एंड निक्की
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410 क्विंटल गेंहू एवं चावल के राशन की हेरा फेरी : लगभग 2106 लोगो के घर नहीं पंहुचा 2 महीने का राशन

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डिजिटल भारत l भारत सरकार द्वारा Below Poverty Line के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए पहचान करना ही इस कार्ड का उद्देश्य होता है। तथा उनको भोजन, रहने की जगह और कपडे आदि जैसी बुनियादी सुविधा जैसे जरूरतों को पूरा करने के लिए यह सुबिधा है।
भारत में BPL Card Holder को बहुत सारे लाभ मिलते है। क्योंकि सरकार ने BPL Card Category में शामिल लोगों के लिए बहुत सारी योजनाओं का प्रावधान किया है, जो गरीबी रेखा के अधीन है। आज के समय में जिसके पास BPL Card है वह AAY Yojana के तहत भी लाभ ले सकता है।
जहाँ सरकार गरीबो के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नयी – नयी योजनायें निकलती है और उसमे अमल करती है जिनका उद्देश्य आम जनता के जीवन को बेहतर बनना होता है

मुफ्त राशन की योजना

कोरोना के दूसरी लेहेर को देखते हुए सरकार ने नवंबर तक एक निश्चित मात्रा में मुफ्त राशन की योजना निकली थीं मुफ्त राशन तो दूर की बात यहाँ 2 महीनो से राशन नहीं दिया गया और सितम्बर के माह में सिर्फ एक पैसे बाला राशन दिए गया जिसमे राशन के नाम पर सिर्फ चावल दिया गया इस घटना को देखते हुए विक्रेता एवं सहविक्रेता के विरोध में आवाज उठाते हुए
आदेश पटेल, विनोद सोनी, विकास लड़िया एवं अन्य ग्रामीण वासियों ने मिलकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने राशन को गवन करने वाली पांच पंचायतों का नाम दिया

पांच पंचायतों के नाम
बिल्हा ग्राम पंचायत
कुडन ग्राम पंचायत
विलखरवा ग्राम पंचायत
लामी ग्राम पंचायत
सिहोदा ग्राम पंचायत

खाद्य विभाग में आवेदन पत्र देते हुए ग्रामीण निवेदक


यहाँ के सभी ग्राम पंचायत में लगभग कार्ड धरियो की संख्या 2150 के लगभग है इन ग्राम पंचायत का एक माह का राशन वितरण नहीं किया गया है जिसमे लगभग 410 क्विंटल गेंहू एवं चावल शामिल है जिसका गवन किया गया है सभी की मूल राशि लगभग 7 से 8 लाख रुपया है
ग्रामीणों का कहना है की यह घोटाला गवन विक्रेता एवं सहविक्रेता द्वारा किया गया है ग्रामीण वासियो ने यह शिकायते लिख कर खाद्य विभाग व कलेक्टर ऑफिस में कलेक्टर सौरव सुमन के नाम ज्ञापन दिया पहुंचाया तथा उचित कार्यवाही की मांग करके गरीबो को उनका राशन वितरण करवाने के लिए आवेदन दिया l

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कलेक्टर ने किया कृषि उपज मंडी स्थित खाद वितरण केंद्र का निरीक्षण

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डिजिटल भारत l आदर्श केंद्र बनाने के दिये निर्देश

किसानों के बैठने के लिये छाँव की व्यवस्था और कुर्सियाँ लगाई जायें

कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने आज बुधवार को कृषि उपज मंडी जबलपुर स्थित डबल लॉक केंद्र का
निरीक्षण कर यहाँ खाद लेने आने वाले किसानों के लिये छाया और कुर्सियों का इंतजाम करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुये अधिकारियों से
कहा कि ऐसे सभी वितरण केंद्रों पर जहाँ बड़ी संख्या में किसान खाद लेने पहुँच रहे हैं वहाँ छाँव और कुर्सियों की
व्यवस्था की जाये, ताकि उन्हें खाद लेने के लिये लाइन में खड़े न रहना पड़े।
श्री सुमन ने कहा कि खाद वितरण केंद्रों पर किसानों को किसी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिये।
सभी शासकीय और निजी वितरण केंद्रों पर यूरिया, डीएपी और एनपीके की विक्रय दर का स्पष्ट उल्लेख हो।
उन्होंने निजी विक्रय केंद्रों से खाद के वितरण पर भी नजर रखने के निर्देश देते हुये कहा कि निर्धारित दर से
अधिक कीमत वसूलने वाले विक्रेताओं पर कठोर कार्यवाही की जाये। कलेक्टर ने कहा कि वे खुद डबल लॉक केंद्रों
और निजी विक्रय केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे और अनियमितता या गड़बड़ी पाये जाने पर सबंधित के
विरुद्ध कठोर कार्यवाही करेंगे।
कलेक्टर ने जबलपुर कृषि उपज मंडी स्थित डबल लॉक केंद्र के आसपास साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था
सुनिश्चित करने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि जबलपुर कृषि उपज मंडी स्थित डबल लॉक सेंटर को
आदर्श केंद्र का स्वरूप दिया जाये। उन्होंने कहा कि यहाँ खाद लेने आ रहे किसानों को बैठने के लिये कुर्सी ऑफर
की जाये तथा शीतल जल के साथ शरबत का इंतजाम भी किया जाये।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कृषि उपज मंडी स्थित डबल लॉक केंद्र में स्थापित सभी सात काउंटर से
किसानों को वितरित खाद के बारे में जानकारी ली। श्री सुमन ने मौके पर मौजूद किसानों से भी चर्चा की तथा उन्हें
आश्वस्त किया कि उनकी आवश्यकता के मुताबिक पर्याप्त मात्रा में यूरिया और डीएपी उपलब्ध कराया जायेगा।
कलेक्टर ने किसानों से कहा कि यदि कोई निजी विक्रेता उन्हें खाद के साथ अन्य कोई सामग्री लेने को बाध्य
करता है तो इसकी शिकायत करें। ऐसे निजी विक्रेताओं के विरूद्ध तत्काल एक्शन लिया जायेगा।
कलेक्टर ने अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि खाद के साथ अन्य सामग्री लेने किसानों को बाध्य करने
वाले निजी विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही करें। कलेक्टर निरीक्षण के दौरान निजी विक्रेताओं के यहां बॉल पेटिंग

का यूरिया, डीएपी, एनपीके और सुपर फास्फेट की शासन द्वारा निर्धारित विक्रय दरों का प्रदर्शन सुनिश्चित करने
की हिदायत भी दी।
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान खाद वितरण में अनियमितता रोकने टॉप 20 खरीददारों की सूची प्राप्त कर
उनका भौतिक सत्यापन करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। उन्होंने निजी खाद विक्रय केन्द्रों से भी शासकीय
दर पर ही किसानों को खाद का वितरण सुनिश्चित करने की हिदायत देते हुए कहा कि निजी दुकानों से खाद का
वितरण अधिकारियों-कर्मचारियों की निगरानी में ही हो।

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म.प्र. में स्व-सहायता समूहों से महिलाओं को आत्म-निर्भर बनाने हुआ अभूतपूर्व कार्य

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डिजिटल भारत l प्रदेश में स्व-सहायता समूह ने जन-आंदोलन का रूप लिया
मैं आज यहाँ आकर अभिभूत और आश्चर्यचकित हूँ

आत्म-निर्भर और विकसित भारत के लिये महिला शक्ति की अधिक से अधिक भागीदारी जरूरी

देश के विकास में मध्यप्रदेश की महिलाओं का अमूल्य योगदान
माता का स्थान पिता और आचार्य से पहले
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु स्व-सहायता समूह सम्मेलन में हुई शामिल

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को
आत्म-निर्भर बनाने में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। यहाँ लगभग 42 लाख महिलाएँ स्व-सहायता समूहों से जुड़ कर
आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त हुई है। इन महिलाओं को सरकार के माध्यम से कृषि एवं गैर कृषि कार्यों के
लिए 4 हजार 157 करोड़ रूपये का बैंक ऋण दिलवाया गया है। प्रदेश में ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना द्वारा
इनके उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुँचाया गया है। आजीविका मार्ट पोर्टल से 535 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य के
उत्पादों की ब्रिकी हुई है। प्रदेश में लगभग 17 हजार महिलाएँ पंचायत प्रतिनिधि बनी हैं। यहाँ कुछ महिलाओं द्वारा
अपनी सफलता के अनुभव सुनाए गये हैं, जो प्रेरणादायक हैं। मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूह ने जन-आंदोलन का
रूप ले लिया है। सभी महिलाओं के प्रयास और सरकार के सहयोग से यह संभव हो पाया है। इसके लिये मुख्यमंत्री
श्री शिवराज सिंह चौहान, मध्यप्रदेश सरकार सहित महिलाएँ सभी बधाई के पात्र है। मैं आज यहाँ आकर अभिभूत
और आश्चर्यचकित हूँ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष मनाने
की घोषणा की है। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि आत्म-निर्भर और विकसित भारत के बनाने में महिला शक्ति
की अधिक से अधिक भागीदारी जरूरी है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना है, जिससे सभी वर्ग की बेटियाँ निर्भीक
एवं स्वतंत्र महसूस करें और अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग कर सकें। महिलाओं के नेतृत्व में जहाँ-जहाँ कार्य
किये जाते हैं वहाँ सफलता के साथ संवेदनशीलता भी देखने को मिलती है। सभी महिलाएँ एक दूसरे को प्रेरित करें।
एकजुट होकर विकास के रास्ते पर आगे बढ़े।
वर्तमान समय में
श्रीमती सुमित्रा महाजन, जनजातीय चित्रकार श्रीमती भूरी बाई, श्रीमती दुर्गाबाई व्याम और रतलाम की मदर टेरेसा
कहीं जाने वाली डॉ. लीला जोशी महत्वपूर्ण नाम है। मुझे इन्हें पद्मश्री सम्मान देने का अवसर मिला। राष्ट्रपति
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भारत में महिलाओं की श्रेष्ठता को प्राचीन काल से माना जाता रहा है। हमारे यहाँ माता
का स्थान पिता और आचार्य से पहले रखा गया है – मातृ देवो भव, पितृ देवो भव, आचार्य देवो भव। ईश्वर से
पहले हम माता को देखते हैं। शिक्षा प्राप्त करने के लिये पहले माँ सरस्वती को नमन करते हैं। माता दुर्गा, माता
लक्ष्मी और माता काली, सभी श्रेष्ठता की प्रतीक है। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि आज आर्थिक, सामाजिक,
राजनैतिक, वैज्ञानिक, अनुसंधान, कला, संस्कृति, साहित्य, खेल-कूद, सैन्य बल आदि हर क्षेत्र में महिलाएँ प्रमुख
भूमिका निभा रही है। कम से कम संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करना महिलाओं को आता है। जब एक
महिला शिक्षित होती है तो पूरा परिवार, पूरा समाज शिक्षित होता है। महिलाओं का विकास ही देश का विकास है।
महिलाओं के विकास से ही भारत निकट भविष्य में विकसित देश के रूप में उभरेगा और पुन: विश्व गुरू का स्थान
प्राप्त करेगा। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी कहा करते थे कि
देश मात्र एक मिट्टी का टुकड़ा नहीं बल्कि राष्ट्र पुरूष है। उसकी दो संताने हैं एक बेटा और एक बेटी।
महिला सशक्तिकरण की प्रतीक है राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं।
उनका व्यक्तित्व गर से गहरा और हिमालय से ऊँचा है। उनका सहज, सरल स्वभाव धैर्य और व्यक्तित्व
अनुकरणीय है। उनका जीवन हमें प्रेरणा देता है। वे किसी राजा के नेता के घर नहीं साधारण परिवार में जन्मी हैं।
उनको विरासत में कुछ नहीं मिला। साधारण गरीब परिवार में जन्म लेकर वे अपनी मेहनत के बल पर आगे बढ़ी।
पार्षद से मंत्री तक का सफर तय किया। मंत्री के रूप में उनके द्वारा महिलाओं और जनजातीय वर्ग के लिए किए
गए कार्य सराहे गए। वे अब भारत के राष्ट्रपति के पद को सुशोभित कर रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि
मेरी यह इच्छा थी कि स्व-सहायता समूह की बहनों को राष्ट्रपति का मार्गदर्शन प्राप्त हो। आज हमें यह सुअवसर
मिला । मेरी बहनों की जिंदगी बन जाए तो मेरा मुख्यमंत्री बनना सार्थक होगा।

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राज्य के जबलपुर में फिल्म सिटी की संभावना को लेकर सरकार द्वारा 500 एकड़ जमीन की तलाश जारी इसी के साथ हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले को शीघ्र ही फिल्म सिटी की सौगात

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डिजिटल भारत l प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज जबलपुर (Jabalpur) में फिल्म सिटी की संभावना तलाशी जा रही है. शहर के तकरीबन 40 किलोमीटर दूर बरगी डैम के आस-पास ‘फिल्म सिटी’ के लिये 500 एकड़ जमीन की तलाश चल रही है. माना जा रहा है कि जबलपुर के बरगी इलाके में नदी, पहाड़ और जंगलों के बीच अच्छी जमीन मिल गई तो यहां फिल्म सिटी का निर्माण होगा, जो जबलपुर सहित पूरे मध्य प्रदेश के लिए बड़ी सौगात होगी. फिलहाल बरगी के पास पर्यटन विभाग ने तकरीबन 500 एकड़ से अधिक जमीन तलाश ली है. अब इस जमीन पर अंतिम फैसला बाकी है. फैसला होते ही इस जमीन पर फिल्म सिटी का निर्माण चालू हो जाएगा.

इन इलाकों में पहले से ही हो रही है शूटिंग

गौरतलब है कि जबलपुर के बरगी से लेकर भेड़ाघाट, मदन महल, त्रिपुर सुंदरी, ग्वारीघाट जैसी जगहों पर पहले से शूटिंग हो रही है. अगर बरगी में फिल्म सिटी बन जाएगी तो कई बड़े बजट की फिल्में यहां पर शूट होने लगेंगी. जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे. वैसे भी आजकल मध्य प्रदेश फिल्म मेकर के लिए बहुत अनुकूल हो गया है. यहां की हर जगह पर फिल्म की शूटिंग की जा सकती है. एक तरह से कहें तो पूरा मध्य प्रदेश ही फिल्म सिटी बन सकता है.

टूरिज्म एण्ड प्रमोशन विभाग, जबलपुर के सीईओ हेमंत सिंह के मुताबिक फिल्मों की शूटिंग के हिसाब से बरगी में जगह देखी जा रही है. भोपाल से पर्यटन विभाग द्वारा भेजे गए पत्र के बाद जगह देखी जा रही है. हमारी कोशिश है कि जल्द फिल्म सिटी बने.
Film City in HP, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले को शीघ्र ही फिल्म सिटी की सौगात मिल सकती है। इसके लिए नमिताज फिल्म सिटी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य सरकार को 1631 करोड़ का प्रोजेक्ट अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) और सहमति पत्र (एमओयू) साइन करने का प्रस्ताव दिया है। फिल्म सिटी सरांह-पिंजौर-चंडीगढ़ राज्य राजमार्ग पर पच्छाद के सुराला जनोत में बनाई जाएगी। सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। शीघ्र ही इसके लिए एनओसी जारी होगा और एमओयू साइन हो सकता है।
प्रस्ताव में कंपनी के पास पहले से 80 बीघा भूमि उपलब्ध है, जिस पर फिल्म सिटी को बनाया जाएगा। 500 बीघा भूमि जरूरत के अनुसार खरीदने की योजना है। प्रस्ताव में कहा है कि अनुमति मिलने के एक वर्ष के भीतर इस पर काम शुरू होगा। पांच वर्ष में इसे तैयार किया जाएगा। फिल्म सिटी फिल्म निर्माण से संबंधित है। प्रत्येक के लिए स्टूडियो और कार्यालयों का एक परिसर होगा।

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महिला स्व-सहायता समूह सम्मेलन आज, राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु करेंगी संबोधित

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मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में होगा सम्मेलन

डिजिटल भारत l राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु 16 नबम्बर को मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्व-
सहायता समूहों के सम्मेलन में भाग लेंगीं। मोतीलाल नेहरू स्टेडियम, लाल परेड ग्राउण्ड में हो रहे इस सम्मेलन में
प्रदेश की लगभग 15 हजार समूह सदस्य महिलाएँ सम्मिलित होंगी। राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार भोपाल आई
राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु महिला स्व-सहायता समूह के सम्मेलन को संबोधित करेंगी। प्रात: 11:30 बजे राष्ट्रपति
का कार्यक्रम स्थल पर आगमन होगा। राष्ट्रपति द्वारा आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की
प्रदर्शनी का अवलोकन किया जायेगा।
विभिन्न जिलों से आ रही दो समूह सदस्य कार्यक्रम के दौरान मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए बतायेंगी कि समूह के सहारे से किस तरह उनके जीवन में तरक्की की राह बनती गई और
उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिला। समूह सदस्यों द्वारा बनाई गई बस्तुएँ राष्ट्रपति को उपहार स्वरूप भेंट की
जायेंगी। सम्मेलन में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय जनजातीय कार्य
मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। भोपाल जिले के प्रभारी श्री भूपेन्द्र सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण
विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल एवं महापौर
भोपाल श्रीमती मालती राय सहित अन्य जन प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का प्रसारण विभिन्न माध्यमों
से किया जायेगा जिसे प्रदेश के विभिन्न जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर बड़ी संख्या में प्रदेशवासियों द्वारा देखा
जायेगा।

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