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करनाल: सरकार से बातचीत के बाद माने किसान, मामले की न्यायिक जांच करवाई जाएगी

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करनाल: हरियाणा के करनाल में किसानों और सरकार के बीच चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत के बाद सहति बन गई है। सरकार ने करनाल प्रकरण की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाने का फैसला किया है। एसडीएम आयुष सिन्हा को छुट्टी पर भेज दिया गया है। सरकार ने किसान के दो परिवार वालों की नौकरी देने की भी बात कही है। मामले की जांच एक महीने में रिटायर्ड जज करेंगे।हरियाणा सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने किसान नेताओं के साथ संयुक्त प्रसे कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि कल की वार्ता सकारात्मक वातावरण में हुई। आम सहमति से निर्णय हुआ है कि सरकार 28 अगस्त को हुए घटना की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच करवाएगी। जांच 1 महीने में पूरी होगी। उन्होंने आगे बताया कि इस दौरान एसडीएम आयुश सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। हरियाणा सरकार मृतक किसान सतीश काजल के 2 परिवारजनों को करनाल ज़िले में डीसी रेट पर सेंक्शन पोस्ट पर नौकरी देगी।प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अलग से मीडिया से बातचीत में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज यहां संयुक्त मोर्चे की बैठक करने की जरूरत नहीं है। हम 1 नौकरी मांग रहे थे, कल हमने 2 मांगी। एक हफ्ते में 2 नौकरियां मिल जाएंगी। SDM जबरन छुट्टी पर रहेंगे। उसके बाद उनपर अलग FIR दर्ज़ होगी।आपको बता दें कि शुक्रवार देर शाम हरियाणा सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत के लिए 13 किसान नेताओं का प्रतिनिधिमंडल गया था। बैठक 4 घंटे चली इसके बाद किसान नेताओं ने कहा कि बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई और कई मुद्दों पर सहमति भी बनी। बचे हुए मतभेदों को लेकर आज सुबह किसानों की सरकार के साथ बैठक हुई, जिसके बाद सरकार औ किसान नेता चढ़ूनी ने ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी।

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नेशनल लोक अदालत का आयोजन

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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रदेश में 11 सितंबर को उच्च न्यायालय स्तर से लेकर जिला न्यायालयों, तालुका न्यायालयों, श्रम न्यायालयों, कुटुम्ब न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा हैं। जिसमें न्यायालयीन लंबित दीवानी एवं आपराधिक शमनीय मामलों एवं बैंक, विद्युत, श्रम, जलकर, संपत्तिकर आदि प्री-लिटिगेशन प्रकरणों सहित सभी प्रकार के मामले निराकरण के रखे गये।नेशनल लोक अदालत में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में लगभग 1382 खण्डपीठों का गठन किया गया था। लगभग 1 लाख 90 हजार से अधिक लंबित प्रकरणों तथा 2 लाख से अधिक प्री-लिटिगेशन प्रकरणों को लोक अदालत हेतु रैफर्ड किया गया है। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ शनिवार 11 सितम्बर को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं मुख्य संरक्षक, म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जस्टिस श्री मोहम्मद रफीक के कर कमलों से कार्यपालन अध्यक्ष म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं न्यायमूर्ति श्री प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति श्री अतुल श्रीधरन, अध्यक्ष उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति सहित अन्य न्यायमूर्तिगण उच्च न्यायालय तथा अन्य गणमान्य अतिथिगण की गरिमामय उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर मासिक न्यूज लेटर मैगजीन एवं वृक्षारोपण अभियान बुकलेट का विमोचन किया गया। नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण पर कोर्ट फीस पक्षकार को वापसी योग्य होती है। लोक अदालत में दोनों पक्षकारों की जीत हुई , किसी भी पक्ष की हार नहीं हुई है। लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति से मामला रखा गया। सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में विवाद का निराकरण किया गये है, जिससे पक्षकारों के अमूल्य समय तथा व्यय होने वाले धन की बचत हुई ।और पक्षकारों में परस्पर स्नेह भी बना रहता है। लोक अदालत में मामला अंतिम रूप से निराकृत होता है, इसके आदेश की कोई अपील अथवा रिवीजन नहीं होती है। सदस्य सचिव मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण धरमिंदर सिंह राठौड़ ने सभी से आह्वान किया गया था। ऐसे इच्छुक पक्षकारगण जो न्यायालय में लंबित एवं मुकदमेबाजी के पूर्व (प्रिलिटिगेशन प्रकरण) उल्लेखित प्रकार के चिन्हित किये गये प्रकरणों, विवादों का उचित समाधान कर आपसी सहमति से लोक अदालत में निराकरण कराना चाहते थे। वो संबंधित न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क कर अपना मामला लोक अदालत में रखे जाने हेतु, अपनी सहमति व आवश्यक कार्यवाही 11 सितंबर के पूर्व पूर्ण करवा ली थी। ताकि मामला नेशनल लोक अदालत, 11 सितंबर को विचार में लेकर निराकृत किया जा सके।

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डेंगू बचाव समीक्षा बैठक जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार

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जिले में डेंगू बीमारी के बढ़ते प्रकोप और उससे रोकथाम हेतु साँसद राकेश सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों एवँ जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।साँसद ने बैठक में कहा कि कोविड जैसी महामारी से हम लड़ रहे है ।और बहुत हद तक इसका प्रभाव कम हुआ है किंतु जबलपुर जिले में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और उससे बचने के लिए जिले के सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को मिलकर कार्य करना होगा साथ ही सबसे महत्वपूर्ण है कि डेंगू के बारे में लोगो को सही जानकारी उपलब्ध हो ताकि इससे बचा जा सके इस हेतु वृहत स्तर पर जनजागरण अभियान चलाना होगा और लोगो को बताना होगा कि किन कारणों से डेंगू होता है साथ ही इससे कैसे बचा जा सकता है। साँसद ने बताया कि अधिकारियों से चर्चा के उपरांत यह सामने आया कि डेंगू के विषय मे लोगो को पूर्ण जानकारी नही होती और जब मरीज के प्लेटेस्ट कम होते है तो उसकी वजह हर बार डेंगू नही होती बल्कि वायरल की वजह से भी प्लेटेस्ट कम होते है और जैसे ही प्लेटेस्ट कम होते है लोगो घबरा जाते जाते है साथ ही प्लेटेस्ट की जो सीमा है वह क्लीनिकली 40 हजार है जिसके बाद चिकित्सक मरीज को प्लेटेस्ट लगाने हेतु बताते है और यह संख्या जब 20 हजार हो जाती है तो उसके बाद ही प्लेटेस्ट लगाया जाना आवश्यक होता है ऐसे में कई बार देखने मे आता है कि जिनके प्लेटेस्ट 40 हजार से अधिक भी होते है तो मरीज और उनके परिजन प्लेटेस्ट लगाने का आग्रह करते है इसीलिए इसकी जागरूकता जरूरी है कि कब प्लेटेस्ट की आवश्यकता है और कब नही।श्री सिंह ने बताया कि डेंगू के परीक्षण हेतु बैठक में तय किया गया कि प्राइवेट पैथोलॉजी लैब वालो की बैठक बुलाई जाए और उनको बताया जाए कि डेंगू के लिए एलाइजा टेस्ट ही किये जायें क्योकि एलाइजा टेस्ट में ही डेंगू के सही लक्षण मिलते है। श्री सिंह ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि डेंगू के परीक्षण में एलाइजा टेस्ट की किट की कोई कमी नही हों साथ ही जिन मरीजो को प्लेटेस्ट की आवश्यकता है उन्हें तत्काल उपलब्ध हो सके। साँसद श्री सिंह ने नगर निगम के अधिकारियों से भी चर्चा करते हुए कहा कि जिन स्थानों पर डेंगू फैला हुआ है वहाँ तो नियमित दवा का छिड़काव हो ही साथ ही ऐसे स्थान जहाँ इसकी संभावना है उनको भी चिन्हित करें और वहाँ भी सेनेटाइजेशन का कार्य नियमित कराया जाए।साँसद श्री सिंह ने बैठक में कहा कि डेंगू के इलाज और उसकी रोकथाम में किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए यदि कोई अधिकारी लापरवाही करता है तो प्रदेश शासन द्वारा उस पर कार्यवाही की जाएगी। बैठक में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव के आलोक में 164 वर्षों बाद 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भारत के राज्यो में सर्वप्रथम जबलपुर के गोंडवाना राज्य के प्रथम बलिदानी राजा शंकरशाह एवँ कुँवर रघुनाथ शाह की बलिदान गाथा पर 14 सितम्बर से 18 सितंबर तक विविध कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं इस संबंध में भी दिशा निर्देश दिए गए डेंगू की रोकथाम के लिए प्रशासन और सांसद द्वारा समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था लेकिन इस बैठक में जनप्रतिनिधियों के नाम पर सांसद राकेश सिंह विधायक अशोक रोहाणी और बरगी विधायक संजय यादव ही पहुंचे थे। जिला डेंगू की चपेट में जकड़ चुका है राजनीतिक पार्टियां और जनप्रतिनिधि आंदोलन तो कर रहे हैं लेकिन समीक्षा बैठक में उनकी अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं वही इस बैठक में पहुंचे बरगी विधायक संजय यादव ने डेंगू संक्रमण जिस तरह पैर पसार रहा है उसे कोविड-19 से ज्यादा घातक करार दिया है उन्होंने कहा सरकार और जिला प्रशासन डेंगू की रोकथाम में पूरी तरह असफल हो गया है।

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भारतीय कैंप में कोरोना वायरस की एंट्री के बाद खिलाड़ी घबराहट महसूस कर रहे थे: दिनेश कार्तिक

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मैनचेस्टर-दिनेश कार्तिक ने खुलासा किया है कि सहायक फिजियो योगेश परमार के कोविड-19 जांच में पॉजिटिव आने से भारतीय खिलाड़ियों को घबराहट हो रही थी जिसके कारण उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ पांचवां और अंतिम टेस्ट खेलने में असहजता हुई। शुक्रवार को टॉस के समय से लगभग दो घंटे पहले इस मैच को रद्द कर दिया गय। ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जाने वाले टेस्ट को अब बाद में किसी तारीख पर खेला जाएगा। कार्तिक अब आईपीएल बायो-बबल (जैव-सुरक्षित) माहौल का हिस्सा है। उन्होंने यूएई में केकेआर (कोलकाता नाईट राइडर्स) टीम में शामिल होने के लिए यहां से रवाना होने से पहले श्रृंखला के शुरुआती तीन टेस्ट में कमेंट्री की थी। सीनियर फिजियो नितिन पटेल के अलावा लंदन में चौथे टेस्ट के दौरान मुख्य कोच रवि शास्त्री और दो अन्य सहयोगी सदस्यों को जांच में कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने कुछ लोगों (भारतीय खिलाड़ियों) से बात की। श्रृंखला के सभी मैच लगभग आखिरी दिन तक खेले गये, सभी खिलाड़ी थके हुए है और टीम में पास सिर्फ एक फिजियो है।’’   उन्होंने स्काई स्पोर्ट्स से कहा, ‘‘ उनके पास दो फिजियो थे लेकिन उनमें से एक मुख्य कोच एवं दो अन्य कोच के साथ कोविड-19 के कारण पृथकवास में है। उनके पास एक ही फिजियो था जो अब कोरोना वायरस से संक्रमित है। यह बड़ी समस्या है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह कोई और होता,  आपको लॉजिस्टिक्स मदद की जरूरत होती तो कर देता। यह सब इतना डरावना नहीं होता, लेकिन जब फिजियो ही इसकी चपेट में आ गया तो मुझे लगता है कि उन्हें थोड़ी घबराहट होने लगी।’’ इस श्रृंखला का आयोजन सख्त बायो-बबल में नहीं हो रहा था, लेकिन खिलाड़ियों को यूएई के लिए उड़ान भरने से पहले पांचवें टेस्ट के दौरान बायो-बबल में रहने के लिए कहा गया था। खिलाड़ी इंग्लैंड के बायो-बबल से यूएई के बायो बबल में शामिल होंगे। कार्तिक ने कहा, ‘‘आपको यह भी समझना होगा कि इस श्रृंखला के खत्म होते ही उन्हें आईपीएल और फिर विश्व कप में भाग लेना है। उसके तुरंत बाद न्यूजीलैंड श्रृंखला है।”इन सब के बीच लगभग एक सप्ताह का समय है। लंबे समय से राष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे इस विकेटकीपर ने कहा, ‘‘ वे (दौरे पर आये भारतीय खिलाड़ी) कितने दिनों तक बायो बबल में रहेंगे? वे इंग्लैंड रवाना के लिए 16 मई में भारत में एकत्र हुए थे। लगभग चार महीने हो गये। पहले ही यह काफी लंबा समय है।’’ विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि एक बार जूनियर फिजियो के जांच (कोविड-19) में  पॉजिटिव होने के बाद खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मुश्किल समय का सामना करना पड़ा और ऐसा कोई रास्ता नहीं था जिससे श्रृंखला का निर्णायक मुकाबला तय कार्यक्रम के अनुसार हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसके अलावा आपको यह भी समझना होगा कि अगर मैच के दौरान तीसरे दिन अंतिम एकादश का कोई खिलाड़ी जांच में कोविड-19 पॉजिटिव होता है तो उसके साथ क्या होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ क्या उस खिलाड़ी से दूसरे भी संक्रमित होंगे? इससे सभी खिलाड़ी को खतरा रहेगा और उन्हें कम से कम दस दिनों तक इंग्लैंड में रहना होगा, ऐसे में आईपीएल का क्या होगा।’’ कार्तिक ने तर्क दिया, ‘‘ यह जरूरी नहीं कि अगर आज जांच में खिलाड़ी नेगेटिव आते है तो दो दिन बाद भी नेगेटिव ही रहेंगे। अगर एक भी खिलाड़ी जांच में पॉजिटिव आता है तो चीजें काफी बदल जाएंगी।’’ जब कार्तिक से पूछा गया कि क्या भारतीय खिलाड़ी आईपीएल में कोरोना वायरस के संक्रमण को ले जाने से डरे रहे  है तो उन्होंने कहा, ‘‘ बिल्कुल।  आपको यह समझना होगा कि ज्यादातर आईपीएल टीमों ने अपने खिलाड़ियों को पृथकवास पर रखा है। भारतीय टीम इस टेस्ट से पहले किसी गंभीर बायो बबल का हिस्सा नहीं थी। अगर अब कोई संक्रमित होता है तो चीजें काफी बदल जायेंगी। उन्हें पता है कि एक बबल (इंग्लैंड) से दूसरे बबल (यूएई) में जाना है।’’

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IPL 2021 : स्टीव स्मिथ को है उम्मीद, फाइनल में पहुंचेगी दिल्ली कैपिटल्स की टीम

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ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज स्टीव स्मिथ का मानना है कि उनकी टीम दिल्ली कैपिटल्स आईपीएल 2021 के दूसरे चरण में ज्यादा बेहतर करेगी। दिल्ली की टीम फिलहाल आठ मैचों में छह जीत के साथ 12 अंक लेकर तालिका में शीर्ष स्थान पर है।स्मिथ ने कहा, “हमें वहां से शुरू करना होगा जहां हमने खत्म किया था। हमने कुछ अच्छा क्रिकेट खेला जिसका नतीजा हमें मिला। मुझे लगता है कि हम और भी बेहतर कर सकते हैं इसलिए हमें टूर्नामेंट के आखिरी छोर पर अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलना होगा। फाइनल में पहुंचने के लिए आपको काफी अच्छा खेलना होगा, लेकिन उम्मीद है कि हम फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेल सकेंगे।”स्मिथ ने कहा कि दिल्ली को शेष आईपीएल के लिए खुद को फिर से तैयार करना होगा और उन्होंने साथ ही श्रेयस अय्यर के टीम में वापस आने पर खुशी व्यक्त की।स्मिथ ने कहा, “हमें एक साथ खेले हुए कुछ महीने हो गए हैं इसलिए हमें फिर से शुरू करना होगा। हमारे पास एक शानदार टीम है और हमारे पास अय्यर भी हैं, जो हमारे लिए और भी बहुत कुछ जोड़ता है। वह एक गुणवत्ता वाले खिलाड़ी हैं और उन्हें मैदान पर वापस देखकर अच्छा लगा।”बल्लेबाज ने कहा, “पिछले 18 महीनों में यह दुनिया में एक बहुत ही अनोखा समय रहा है। हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा और इससे उबरने की कोशिश करनी होगी और हमें स्थिति से उबरना जारी रखना होगा।”स्मिथ ने कहा, “मैं वास्तव में भाग्यशाली हूं कि मुझे टूर्नामेंट के दूसरे चरण के लिए वापस आने का मौका मिला। मैं इसके लिए उत्साहित हूं। दिल्ली टेबल पर एक शानदार जगह पर बैठी है, इसलिए उम्मीद है कि हम कुछ बेहतरीन क्रिकेट खेलते रहेंगे और टूर्नामेंट के अंत तक बने रहेंगे।”दिल्ली का आईपीएल 2021 के दूसरे चरण में मुकाबला 22 सितंबर को सनराइजर्स हैदराबाद के साथ दुबई में होगा।

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रद्द हुए टेस्ट मैच को लेकर ईसीबी सीईओ से बात करेंगे सौरव गांगुली

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इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम हैरीसन ने शुक्रवार को कहा कि रद्द हुए पांचवें टेस्ट के बदले बीसीसीआई द्वारा प्रस्तावित टेस्ट इस श्रृंखला से इतर एक अलग मैच होगा। हैरीसन ने स्काइ स्पोर्ट्स से कहा ,‘‘मुझे लगता है कि यह अलग हालात है। हमें कुछ और विकल्प दिये गए हैं जिन पर गौर करना होगा।’’ उनसे पूछा गया था कि यह एक अलग मैच होगा या श्रृंखला का निर्णायक मैच होगा। यदि यह एक अलग मैच होगा तो भारत को विजयी घोषित किया जायेगा लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। यह मैच अगले साल जुलाई में हो सकता है जब भारतीय टीम सीमित ओवरों के दौरे पर इंग्लैंड आयेगी। बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली निजी यात्रा पर इंग्लैंड जा रहे हैं और उनकी हैरीसन से मुलाकात 22 या 23 सितंबर को हो सकती है। इसमें अगले साल इस मैच के आयोजन पर भी बात हो सकती है।

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गणेश चतुर्थी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई है। आज से लेकर 19 सितंबर तक यह उत्सव मनाया जायेगा। गणेश उत्सव के पहले दिन श्री गणेश जी की घर में स्थापना की जाती है और पूरे दस दिनों तक उनकी विधि-विधान से पूजा करके आखिरी दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार भले ही ये गणेश उत्सव दस दिनों तक मनाया जाता है, लेकिन ये लोगों की श्रद्धा पर निर्भर करता है कि वो गणपति जी को कितने दिनों के लिए अपने घर लाते हैं। कई लोग एक दिन, तीन दिन, पांच दिन या सात दिनों के लिये भी गणपति जी को घर पर लाते हैं। गणेश उत्सव में मिट्टी की प्रतिमा का बहुत ही महत्व है  श्री गणेश भगवान की कृपा से इन दस दिनों के दौरान आपकी मनचाही सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। गणपति जी आपकी हर समस्या का समाधान निकालने के लिये आपके साथ ही मौजूद होंगे। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा और स्थापना विधि के बारे में।

धन-दौलत के लिए बुधवार के दिन करें ये उपाय, भगवान गणेश देंगे रिद्धि-सिद्धि का आर्शीवाद

गणेश चतुर्थी का  शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 9 सितंबर रात 12 बजकर 18 मिनट से

चतुर्थी तिथि समाप्त- 10 सितंबर  रात 9 बजकर 57 मिनट तक

मध्यान्ह पूजन मुहूर्त –  सुबह 11 बजकर 3 मिनट से दोपहर 1 बजकर 33 मिनट पर

वर्जित चंद्रदर्शन का समय –सुबह 9 बजकर 12 मिनट से शाम 8 बजकर 53  मिनट तक

भगवान गणेश की स्थापना का शुभ मुहूर्त

10 सितंबर  2021 को दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे के बीच गणेश स्थापना के लिये अच्छा मुहूर्त है।

बन रहे हैं ये संयोग

10 सितंबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा। इसके अलावा 9 सितंबर दोपहर 2 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 10 सितंबर दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला रवि योग रहेगा। इसके साथ ही दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक चित्रा नक्षत्र रहेगा

पूजन सामग्री

पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश की प्रतिमा, जल का कलश, पंचामृत,  रोली, अक्षत, कलावा, लाल कपड़ा, जनेऊ, गंगाजल, सुपारी, इलाइची, बतासा, नारियल, चांदी का वर्क, लौंग, पान, पंचमेवा, घी, कपूर, धूप, दीपक, पुष्प, भोग का समान आदि एकत्र कर लें।

भगवान गणेश की स्थापना विधि

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करे लें। गणपति का स्मरण करते हुए पूजा की पूरी तैयारी कर लें। इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें। एक कोरे कलश में जल भरकर उसमें सुपारी डालें और उसे कोरे कपड़े से बांधना चाहिए। इसके बाद सही दिशा में चौकी स्थापित करके उसमें लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। स्थापना से पहले गणपति को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद गंगाजल से स्नान कराकर चौकी में जयकारे लगाते हुए स्थापित करें। इसके साथ रिद्धि-सिद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी भी रख दें।

भगवान गणेश की पूजा विधि

स्थापना के बाद गणपति को फूल की मदद से जल अर्पित  करे। इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाए। इसके बाद लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग, इलायची और कोई मिठाई रखकर अर्पित कर दें। नारियल और भोग में मोदक अर्पित करें। षोडशोपचार के साथ उनका पूजन करें। गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं।  सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्‍ती से भगवान  गणेश की आरती करें। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

या फिर

ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।

दिन में 3 बार लगाएं भोग

अगर आपने अपने घर पर भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित की हैं तो उनका ख्याल बिल्कुल घर के सदस्य की तरह रखना होगा, इसलिए गणपति को दिन में 3 बार भोग लगाना अनिवार्य है। गणपति बप्पा को रोजाना मोदक का भोग जरूर लगाना चाहिए। आप चाहे तो मोतीचूर  या बेसन के लड्डू से भी भोग लगा सकते हैं।

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गोविंदा-कृष्णा अभिषेक की अनबन पर बोलीं सुनीता आहूजा, ‘मैं अपनी जिंदगी में उनका चेहरा नहीं देखना चाहती’

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बॉलीवुड एक्टर गोविंदा और उनके भांजे व कॉमेडियन कृष्णा अभिषेक के बीच अनबन की खबर कई बार सामने आ चुकी है। कई मौकों पर देखा गया है कि दोनों साथ में नज़र आने से बचते हैं। खबरों की मानें तो उनकी आपस में बात भी नहीं होती है। अब इस मामले में गोविंदा की पत्नी सुनीता का बयान सामने आया है। उन्होंने यह तक कह दिया कि वो कृष्णा की शक्ल तक नहीं देखना चाहती हैं। सुनीता ने ई टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा है कि पिछले साल गोविंदा ने एक बयान जारी कर कहा था कि वो पब्लिक प्लेटफॉर्म पर फैमिली प्रॉब्लम्स के बारे में बात नहीं करेंगे। उन्होंने अपना वादा भी पूरा किया, लेकिन अब इस मुद्दे पर बात करने की जरूरत है, क्योंकि कृष्णा ‘द कपिल शर्मा शो’ के उस एपिसोड का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं, जिसमें गोविंदा हिस्सा ले रहे हैं। बता दें कि गोविंदा अपनी पत्नी सुनीता आहूजा के साथ ‘द कपिल शर्मा शो’ में नज़र आएंगे। इस एपिसोड में कृष्णा हिस्सा नहीं ले रहे हैं। इस बाबत सुनीता ने कहा, ‘गोविंदा भले ही इस पर कुछ ना बोलें, लेकिन ये मुझे परेशान कर रहा है कि दोनों पक्ष स्टेज क्यों नहीं शेयर करना चाहती हैं।’सुनीता ने आगे ये कहा कि जिसको पाल पोसकर बड़ा किया है, वही अपमान करने पर उतर आए हैं। ये समस्याएं कभी नहीं सुलझ सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी जिंदगी में उनका चेहरा फिर कभी नहीं देखना चाहती हूं।’बता दें कि अभिनेता-कॉमेडियन कृष्णा अभिषेक अपने मामा एक्टर गोविंदा के साथ अपने संबंधों को लेकर अक्सर विवादों में रहते हैं। उनके बीच की कटुता कई बार सुर्खियों में रहती है। हालांकि, उन्होंने इसी साल अप्रैल महीने में आईएएनएस से कहा था कि उनके बयान को अक्सर तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है। उन्होंने कहा था, ”कई बार ऐसा हुआ है कि मैंने अपने मामा के बारे में कुछ कहा तो बयान के कुछ हिस्से को तोड़-मरोड़ कर पेश कर दिया गया । जैसे मैंने अगर कहा कि मैं गोविंदा को बेहद प्यार करता हूं, लेकिन वो मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं तो ऐसे में सिर्फ आखिरी लाइन खबरों की सुर्खियां बनकर सामने आती हैं।” कृष्णा आगे कहते हैं- ”इससे मुझ दुख होता है। मुझे लगता है कि जो मैं कहना चाहता हूं वो दूसरे लोगों के पास तोड़-मरोड़कर पहुंचता है। इसके साथ गलतफहमी भी पैदा होती है। अगर आप कोई सामान्य बयान भी देते हैं तो उसके छोटे-मोटे हिस्से को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है। इस तरह की नकारात्मक खबरों की वजह से उनके रिश्ते पर असर पड़ता है। मामा के साथ रिश्तों को लेकर कई बार निगेटिव खबरों की वजह से विवाद बढ़ा है।

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कपड़े का मास्क Vs सर्जिकल मास्क: जानिए कौन कितना सुरक्षित? अध्ययन में बड़ा खुलासा

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वाशिंगटन: कोरोना का संकट अभी टला नहीं है। डॉक्टर और विशेषज्ञ लगातार लोगों से मास्क पहनने की अपील कर रहे हैं। अब लोगों के मन में फिर से कपड़े के मास्क और सर्जिकल मास्क को लेकर कई तरह की शंकाएं उठ रही हैं। कपड़े का मास्क एक वर्ष तक असरदार हो सकता है, क्योंकि बार-बार धोने और सुखाने से संक्रमण फैलाने वाले कणों को छानने की उनकी क्षमता कम नहीं होती है। एक अध्ययन में यह कहा गया है। ‘एरोसोल एंड एयर क्वालिटी रिसर्च’ शोध पत्रिका में प्रकाशित शोध पिछले अध्ययनों की भी पुष्टि करता है कि सर्जिकल मास्क के ऊपर सूती कपड़े का मास्क लगाना, कपड़े के एक मास्क की तुलना में अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। अमेरिका में कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और अध्ययन की प्रमुख लेखिका मरीना वेंस ने कहा कि पर्यावरण के लिहाज से भी यह अच्छी खबर है। वह कॉटन मास्क जिसे आप धोते, सुखाते और दोबारा इस्तेमाल करते आ रहे हैं। यह शायद अभी भी ठीक है। इसे जल्दी फेंकने की जरूरत नहीं है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से हर दिन अनुमानित तौर पर 7,200 टन चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न हुआ है जिनमें एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक देने वाले मास्क भी हैं। वेंस ने कहा, ‘‘हम महामारी की शुरुआत के बाद से बाहर जाते समय इधर-उधर फेंके गए मास्क को देखकर परेशान थे।’’ शोधकर्ताओं ने कॉटन के दो-परत बनाए, उन्हें एक साल तक बार-बार धोने और सुखाने के माध्यम से परखा, और लगभग हर सात बार की सफाई के दौरान उनका परीक्षण किया। शोधकर्ताओं ने अलग-अलग तरीके से मास्क के असरदार होने की जांच की। कपास के रेशे बार-बार धोने और सुखाने के बाद टूटने लगे, लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया कि इससे कपड़े के अतिसूक्ष्म कणों को छानने की क्षमता पर कोई खास असर नहीं पड़ा। हालांकि, अध्ययन में देखा गया कि कुछ समय बाद इस तरह के मास्क से सांस लेने में थोड़ी मुश्किल होने लगी। अध्ययन में पाया गया कि सूती कपड़े के मास्क 0.3 माइक्रोन के सूक्ष्म कण को 23 प्रतिशत तक छानने में कामयाब रहे। सर्जिकल मास्क के ऊपर सूती कपड़े के मास्क लगाने से छानने की क्षमता बढ़कर 40 प्रतिशत हो गयी। शोधकर्ताओं ने कहा कि केएन-95 और एन-95 मास्क ने इन सूक्ष्म कणों में से 83-99 प्रतिशत को छानकर सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।

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लेबनान में सियासी गतिरोध दूर, नई सरकार का हुआ गठन

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बेरूत: नयी सरकार के गठन की घोषणा के बाद लेबनान के नए प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने विभाजित नेताओं से एक साथ आने का अनुरोध करते हुए शुक्रवार को कहा कि देश के नाटकीय आर्थिक पतन को रोकने के लिये वह हर संभव प्रयास करेंगे। देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक मिकाती ने अश्रुपूर्ण नेत्रों के साथ लेबनानी माताओं का जिक्र किया, जो अपने बच्चों को खाना नहीं खिला पातीं। उन्होंने उन छात्रों का भी जिक्र किया, जिनके माता-पिता अब उन्हें स्कूल भेजने का खर्च नहीं उठा सकते। मिकाती ने राष्ट्रपति भवन में नई सरकार की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा, “स्थिति गंभीर है लेकिन अगर सहयोग मिले तो उससे पार पाना असंभव नहीं है।” इस घोषणा से देश में 13 महीनों से जारी गतिरोध दूर हुआ है। गतिरोध के कारण देश में आर्थिक संकट और गहरा गया था तथा वित्तीय अराजकता जैसे हालात थे। बेरूत बंदरगाह पर चार अगस्त 2020 को हुए विनाशकारी धमाके के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री हसन दियाब की सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था और तबसे देश में कोई सशक्त सरकार नहीं थी। नई सरकार के गठन को लेकर तब से प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों में असहमति बनी हुई थी, जिससे देश में आर्थिक संकट और गहरा रहा था। राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से अरबपति कारोबारी मिकाती के नेतृत्व में 24 सदस्यीय मंत्रिमंडल की घोषणा की गई। बाद में मंत्रिपरिषद के महासचिव महमूद मक्किये ने भी सूची जारी की। मंत्रियों को उन्हीं राजनेताओं ने चुना है, जिन्होंने पिछले दशकों में देश पर शासन किया और उन पर कई लोगों द्वारा भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन का आरोप भी लगाया गया, जिसकी वजह से देश में मौजूदा संकट पैदा हुआ। उनमें से कई हालांकि अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, जिनमें सार्वजनिक अस्पताल के महानिदेशक फिरास अबियाद भी शामिल हैं, जो कोरोनोवायरस के खिलाफ देश की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं। महामारी से निपटने में पारदर्शिता के लिए उनकी प्रशंसा भी हुई थी। सेंट्रल बैंक के एक शीर्ष अधिकारी युसूफ खलील को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया है और न्यायाधीश बास्सम मालावी को नया आंतरिक मंत्री बनाया गया है।

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