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कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, खुद को किया आइसोलेट

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मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन करीबी अधिकारियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण खुद पृथक-वास में चले गए हैं। राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा कि पुतिन ने कोविड-19 की जांच कराई लेकिन संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। पुतिन कोविड-19 रोधी टीके स्पूतनिक-वी की दोनों खुराकें ले चुके हैं। उन्होंने दूसरी खुराक अप्रैल में ली थी।

प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति बिल्कुल स्वस्थ हैं लेकिन संक्रमितों के संपर्क में आने के कारण पृथक-वास में रहेंगे। प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि पुतिन कब तक पृथक-वास में रहेंगे लेकिन कहा कि वह अपना कार्य जारी रखेंगे। पुतिन किसके संपर्क में आए, इस बारे में पेसकोव ने कोई टिप्पणी नहीं की। इससे पहले ‘क्रेमलिन’ ने बताया कि पुतिन और ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमली रहमान के बीच फोन पर बातचीत हुई।

रूस के राष्ट्रपति ने सोमवार को कई कार्यक्रमों में शिरकत की। उन्होंने रूस के पैरालंपिक खिलाड़ियों से मुलाकात की, बेलारूस के साथ समन्वित सैन्य अभियान में शामिल हुए और सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद से भेंट की। पैरालंपिक खिलाड़ियों से मुलाकात के दौरान पुतिन ने कहा था कि जल्द ही उन्हें ‘‘पृथक-वास में जाना पड़ सकता है।’’

जब राष्ट्रपति को पता था कि उनके करीबी घेरे में कोविड-19 के मामले आ चुके हैं तो उन्होंने सोमवार को कई कार्यक्रमों में शिरकत क्यों की, यह पूछे जाने पर पेसकोव ने कहा कि ‘‘डॉक्टरों की राय के बाद राष्ट्रपति ने पृथक-वास में जाने का फैसला किया और सोमवार को कार्यक्रमों से किसी को कोई खतरा नहीं हुआ।’’

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आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन पर चीन को लगी ‘मिर्ची’, कहा- ‘गुटबाजी’ काम नहीं आएगी

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चीन ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में आयोजित होने वाले आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन को लेकर निशाना साधते हुए कहा है कि दूसरे देशों को निशाना बनाने के लिए ‘गुटबाजी’ काम नहीं आएगी और इसका कोई भविष्य नहीं है। राष्ट्रपति बाइडन वाशिंगटन में 24 सितंबर को प्रत्यक्ष तरीके से आयोजित पहले क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन करेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के निवर्तमान प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा हिस्सा लेंगे।

क्वाड के आगामी शिखर सम्मेलन को लेकर टिप्पणी के लिए पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देशों के बीच सहयोग के जरिए तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘चीन का मानना है कि किसी भी क्षेत्रीय सहयोग ढांचे को समय की प्रवृत्ति के साथ होना चाहिए और क्षेत्र के देशों के बीच आपसी विश्वास तथा सहयोग के अनुकूल होना चाहिए। इसके जरिए किसी तीसरे पक्ष को निशाना नहीं बनाना चाहिए या उनके हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।’’

लिजियान ने कहा कि दूसरे देशों को निशाना बनाने के लिए ‘गुटबाजी’ नहीं होनी चाहिए और ये तरीके काम नहीं करेंगे तथा इनका कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात का उल्लेख करना चाहता हूं कि चीन न केवल एशिया प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक विकास का इंजन है, बल्कि यह शांति की रक्षा करने वाली मुख्य शक्ति भी है।’’ साथ ही कहा कि चीन की उन्नति दुनिया में ‘‘शांति के लिए अच्छी खबर’’ है।

नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग को खुला रखने के संबंध में नयी रणनीति विकसित करने के लिए क्वाड के गठन के लंबित प्रस्ताव को आकार दिया था। मार्च में राष्ट्रपति बाइडन ने डिजिटल तरीके से क्वाड शिखर सम्मेलन आयोजित किया। दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच क्वाड का शिखर सम्मेलन आयोजित होगा।

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टेक्सास में दस्तक देने से पहले मजबूत हुआ तूफान ‘निकोलस’

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टेक्सास खाड़ी तट पर दस्तक देने से पहले ‘निकोलस’ सोमवार को पहली श्रेणी के तूफान में तब्दील हो गया और इससे मेक्सिको से लुइसियाना के तटीय इलाकों में भारी बारिश तथा बाढ़ आने का अनुमान है। मियामी में राष्ट्रीय तूफान केंद्र में वैज्ञानिकों ने कहा कि तूफान के दस्तक देने से कुछ घंटों पहले 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। 

बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील ह्यूस्टन में अधिकारियों ने चिंता जतायी कि मंगलवार सुबह भारी बारिश से सड़कें और मकान जलमग्न हो सकते हैं। प्राधिकारियों ने शहर में जल निकासी के वाहनों को तैनात किया और 40 से अधिक स्थानों पर अवरोधक लगाए। ह्यूस्टन स्कूल डिस्ट्रिक्ट ने तूफान के मद्देनजर कक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की। 

खराब मौसम के कारण कई कोविड-19 जांच और टीकाकरण केंद्र भी बंद रहे। सोमवार देर रात को निकोलस फ्रीपोर्ट से करीब 75 किलोमीटर दूर दक्षिणपश्चिम में स्थित था। राष्ट्रीय तूफान केंद्र ने बताया कि तूफान 17 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ रहा है और उसके रातभर आगे बढ़ने की उम्मीद है। 

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पीएम मोदी ने ‘थपथपाई’ सीएम योगी की पीठ, कहा-यूपी में अपराध करने से पहले 100 बार सोचता है अपराधी

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अलीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पहले गुंडों और माफिया का राज होता था लेकिन अब उत्तर प्रदेश में अपराधी कोई अपराध करने से पहले 100 बार सोचते हैं। अलीगढ़ में जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार पूरी इमानदारी के साथ राज्य के विकास में जुटी हुई है।

अलीगढ़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंता करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जिस यूपी को देश के विकास में एक रुकावट के तौर पर देखा जाता था वही यूपी आज देश के बड़े अभियानों का नेतृत्व कर रहा है, शौचालय बनाने का अभियान हो, गरीबों को अपना पक्का घर देना हो, उज्जवला के तहत गैस कनेक्शन हो, बिजली कनेक्शन हो, पीएम किसान सम्मान निधी हो, हर योजना तथा मिशन में योगी जी के यूपी ने देश के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।”

जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “एक दौर था जब यहां (उत्तर प्रदेश) शासन-प्रशासन गुंडो और माफियाओं की मनमानी से चलता था, लेकिन अब वसूली करने वाले, माफिया राज चलाने वाले सलाखों के पीछे हैं, मैं पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोगों को विशेष तौर पर याद दिलाना चाहता हूं, इसी क्षेत्र में 4-5 साल पहले परिवार अपने ही घरों में डरकर जीते थे, बहन बेटियों को घर से निकलने में स्कूल कॉलेज जाने में डर लगता था, जबतक बेटियां घर वापस नहीं आएं, माता पिता की सांसे अटकी रहती थी, जो माहौल था, उसमें कितने ही लोगों को अपना पुश्तैनी घर छोड़ना पड़ा, पलायन करना पड़ा, आज यूपी में कोई अपराधी ऐसा करने से पहले 100 बार सोचता है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की और कहा, “योगी जी की सरकार में गरीब की सुनवाई भी है और सम्मान भी, उनके नेतृत्व में यूपी की बदलती कार्यशैली का बहुत बड़ा प्रमाण है सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन अभियान, उत्तर प्रदेश अभी तक 8 करोड़ से अधिक टीके लगा चुका है। देश में 1 दिन में सबसे ज्यादा टीकाकरण का रिकॉर्ड भी यूपी के ही नाम पर है। कोरोना के इस संकटकाल में गरीब की चिंता सरकार की सर्वोच्च  प्राथमिकता है, कोई गरीब भूखा न रहे इसके लिए महीनों से मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। गरीबों को भुखमरी से बचाने के लिए जो काम दुनिया के बड़े बड़े देश नहीं कर पाए वो आज भारत कर रहा है। यह हमारा उत्तर प्रदेश कर रहा है।”

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प्रियंका गांधी को बनाया जाए उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा, कांग्रेस नेता की मांग

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नयी दिल्ली: कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी यूपी चुनाव को लेकर राज्य के दौरे पर हैं। वहीं, विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कांग्रेस में अंदरखाने चर्चा जोरों पर है। इस बीच कांग्रेस की नगालैंड इकाई के अध्यक्ष के. थेरी ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के लिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के नाम की पैरवी करते हुए मंगलवार को कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य के लोगों को प्रियंका को अपना मुख्यमंत्री चुनने में खुशी होगी।

नगालैंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘प्रियंका गांधी वाद्रा विवेकशील हैं। उत्तर प्रदेश को उन्हें अपना मुख्यमंत्री चुनने में कोई परेशानी नहीं होगी। मुझे भरोसा है कि हर किसी को इसमें खुशी मिलेगी।’’ बता दें कि उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने विभिन्न मौकों पर यह कहा है कि अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव प्रियंका के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। हालांकि, मुख्यमंत्री पद के चेहरों को लेकर पार्टी की ओर से अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है।

प्रियंका गांधी कांग्रेस महासचिव होने के साथ उत्तर प्रदेश के लिए पार्टी की प्रभारी भी हैं। इस बीच प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में महिला विरोधी अपराधों का हवाला देते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिला विरोधी सोच के अगुवा हैं। उन्होंने हाथरस में एक साल पहले दलित युवती के साथ हुए कथित दुष्कर्म एवं हत्या के मामले का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, ‘‘आज से एक साल पहले हाथरस में बलात्कार की भयावह घटना घटी थी और उप्र सरकार ने परिवार को न्याय व सुरक्षा देने की जगह धमकियां दीं थीं और उनसे बेटी के ससम्मान अंतिम संस्कार का हक भी छीन लिया था।’’

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी के मुताबिक, उस वक्त सरकार के अधिकारियों व भाजपा के नेताओं ने बयान देकर “बलात्कार” न होने जैसी बातें कही थीं व पूरी सरकारी मशीनरी की ऊर्जा पीड़िता का चरित्र हनन करने में खर्च की गई थी। प्रियंका ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया, ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर इतना खराब रुख रखने वाली सरकार के मुखिया से आप संवेदनशीलता की आस रख भी कैसे सकते हैं?’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वैसे भी उप्र के मुख्यमंत्री महिला विरोधी सोच के अगुआ हैं। वो कह चुके हैं कि महिलाओं को स्वतंत्र नहीं होना चाहिए।’’

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यूपी में योगी सरकार ने बंद किए 150 अवैध बूचड़खाने, 319 गौ तस्कर गिरफ्तार

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सत्ता में काबिज होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खानों पर हंटर चलाना शुरू कर दिया था। इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गायों की रक्षा और तस्करी पर रोक लगाने के अपने चल रहे मिशन के तहत 150 अवैध बूचड़खानों को बंद कर दिया है और 356 पशु माफियाओं की पहचान की है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, राज्य सरकार ने पिछले 4.5 वर्षों में यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत बुक किए गए 1823 आरोपियों और 68 तस्करों की 18 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है।

शहरी विकास विभाग के अनुसार निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने पर कई जिलों में प्रतिदिन 300, 400 और 500 पशुओं को वध करने की क्षमता वाले 150 बूचड़खानों को बंद कर दिया गया है। वर्तमान में राज्य में निर्धारित मानकों का पालन करने वाले 35 बूचड़खाने ही चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में गाय की तस्करी हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है, जिसके कारण राज्य में लगातार हिंसा की घटनाएं होती रही हैं। बूचड़खानों के संचालन और रखरखाव के नियमों को पहले ठीक से लागू नहीं किया गया था और नियमों का पालन सुनिश्चित किए बिना अंधाधुंध बूचड़खाने खोलने के इच्छुक लोगों को अनुमति दी गई थी।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने निराश्रित गायों के लिए एक नई गाय गोद लेने की पहल भी शुरू की, ताकि किसानों को आगे आने और आवारा मवेशियों को अपनाने और उन्हें पालने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस योजना के तहत इच्छुक किसानों और पशुपालकों को आवारा पशुओं को पालने के लिए 900 रुपये प्रति माह का भत्ता दिया जाता है। ग्रामीण विकास एवं पशुधन विभाग के अनुसार इस वर्ष जुलाई तक राज्य में 43,168 से अधिक लोगों को 83,203 से अधिक गायें दी जा चुकी हैं। राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लगभग 5,86,793 गायों के आवास के लिए कुल 5,278 स्थाई गौशालाएं बनाई गई हैं।

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हिंदी दिवस: हिंदी भाषा, राष्ट्रवाद और व्यवहारिकता के बीच की कड़ी को समझें

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नई दिल्ली: आज 14 सितंबर को पूरा देश हिंदी दिवस मना रहा है। इसकी शुरुआत 1949 में हुई, जब हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने फैसला किया कि हिंदी भारत की राजभाषा होगी। राजभाषा पर चर्चा के दौरान 13 सितंबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा कि “किसी विदेशी भाषा से कोई राष्ट्र महान नहीं हो सकता। कोई भी विदेशी भाषा आम लोगों की भाषा नहीं हो सकती है। भारत के हित में, भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के हित में, ऐसा राष्ट्र बनाने के हित में जो अपनी आत्मा को पहचाने, जिसमें आत्मविश्वास हो, जो संसार के साथ सहयोग कर सके, उसके लिए हमें हिंदी को अपनाना चाहिए।” पंडित नेहरू ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाए जाने का ऐलान किया और पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया।

हिंदी भाषा और राष्ट्रवाद

विदेशों में अपनी मातृ भाषा में प्रोफेशनल एजुकेशन दी जाती है और इसी से प्रेरित होकर भारत में भी हिंदी भाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की शुरुआत की गई थी। लेकिन, ये कोशिश कामयाब नहीं हो सकी। भोपाल के अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने साल 2016 में इसकी शुरुआत की। ये देश का पहला विश्वविद्यालय है, जहां हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की शुरुआत की गई।

राष्ट्रवाद से प्रेरित ये प्रयोग सफल नहीं हो सका और कई परेशानियों के चलते कोर्स बंद करना पड़ा। इसके बाद इन छात्रों को अन्य संस्थानों में एडजस्ट कर दिया गया। सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल में कुल 90 सीटी के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन सिर्फ 12 छात्रों ने आवेदन किया था। छात्रों की कम संख्या और साथ ही कोर्स को ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन की मंजूरी भी हासिल नहीं थी। इसलिए, इस बात की चर्चा ज़ोर पकड़ने लगी कि हिंदी में इंजीनियरिंग करने के बाद रोज़गार के अच्छे मौके नहीं मिल पाएंगे। इस मामले में तत्कालीन कुलपति ने कहा था कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य सिर्फ रोज़गार सुनिश्चित करना नहीं है, बल्कि हम चाहतें हैं कि छात्र नौकरी करने की जगह नौकरी प्रदान करें।

हिंदी भाषा और व्यवहारिकता

देश में करीब 43.63 फीसदी जनता की पहली भाषा हिंदी है। हिंदी भाषा का दायरा वक्त के साथ बढ़ता भी रहा है। जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है कि 1971 से 2011 के बीच हिंदी बोलने वालों की संख्या 6 फीसदी बढ़ी जबकि बाकी सभी भाषाओं को जानने वालों की संख्या में गिरावट आई। कुल हिंदीभाषियों में 90 फीसदी से ज़्यादा जनसंख्या भारत के 12 राज्यों में बसती है। इसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश सबसे ऊपर हैं। मध्य भारत से लेकर दक्षिण भारत में हिंदीभाषियों की छिटपुट आबादी बिखरी हुई है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड चार ऐसे राज्य हैं, जहां हिंदी जानने वालों की अच्छी-खासी आबादी है। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत और तटीय क्षेत्रों से जुड़े ज्यादातर राज्यों में हिंदी का प्रभाव काफी कम है।

मतलब हमारे देश की करीब आधी आबादी हिंदी बोलती, समझती है। इसके बावजूद उच्च शिक्षा और प्रोफेशनल कोर्सेज़ में एक माध्यम के तौर पर हिंदी के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हिंदी भाषा के लिए अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय की कोशिश की तारीफ की जानी चाहिए। लेकिन, व्यवहारिकता को समझते हुए इसे नए तरीके से आगे बढ़ाए जाने की ज़रूरत है।

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सुप्रीम कोर्ट ने दो दशक पुरानी शादी रद्द करने की दी अनुमति, कहा- रिश्ता भावनात्मक रूप से मर चुका है

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नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को दो दशक पुराने एक विवाह को यह कहते हुए समाप्त कर दिया कि दंपति के बीच यह रिश्ता भावनात्मक रूप से मर चुका है और दोनों पक्षों को अब साथ रहने के लिए राजी करने का कोई अर्थ नहीं है। न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए विवाह को समाप्त कर तलाक का आदेश पारित किया।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने पति को आठ सप्ताह के अंदर पत्नी को 25 लाख रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद दस्तावेज की जांच करने और न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) की दलीलों पर विचार करने के बाद, मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी किए बिना, दोनों पक्षों के बीच विवाह भावनात्मक रूप से मृत है और उन्हें एक साथ रहने के लिए राजी किए जाने का कोई तुक नहीं है।’’

पीठ ने कहा, “इसलिए, यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त अधिकार के प्रयोग के लिए उपयुक्त मामला है। दोनों पक्षों के विवाह को समाप्त किया जाता है। रजिस्ट्री को तदनुसार एक आदेश तैयार करने का निर्देश दिया जाता है।” पीठ ने निर्देश दिया कि पत्नी द्वारा भरण-पोषण के लिए दायर याचिका 25 लाख रुपये की राशि प्राप्त होने के बाद वापस ले ली जाएगी।

पश्चिम बंगाल में एक पुलिस अधिकारी ने 1997 में शादी की और इसे विशेष विवाह कानून, 1954 के तहत पंजीकृत कराया। इसके बाद, 2000 में हिंदू रीति-रिवाजों और रीति-रिवाजों के तहत दोनों की शादी हुयी। पति ने पत्नी द्वारा क्रूरता और छोड़ दिए जाने का आरोप लगाते हुए पांच मार्च, 2007 को जिला न्यायाधीश, अलीपुर के समक्ष विवाह समाप्त किए जाने का मुकदमा दायर किया था।

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आज हॉट सीट पर नजर आएंगे डिंडोरी जिले के पुलिस जवान विजय मेश्राम

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देश के बहुचर्चित शो कौन बनेगा करोड़पति शो में शामिल होकर लौटे आरक्षक विजय मेश्राम का स्थानीय लोगों व पदस्थ पुलिस स्टाफ द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। जानकारी अनुसार शो का प्रसारण आज बुधवार को रात्रि 9:00 बजे से सोनी टीवी पर किया जाएगा। बताया गया कि बालाघाट जिले के मूलतः निवासी श्री मेश्राम डिंडोरी पुलिस बल में वर्ष 2013 से पदस्थ हैं, जो वर्तमान में करंजिया क्षेत्र के गोपालपुर चौकी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मिली जानकारी अनुसार पिछले दिनों कौन बनेगा करोड़पति शो में शामिल होकर वापस डिंडोरी लोटे श्री मेश्राम का लोगों ने बैंड बाजा, रंग गुलाल व फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया गया। श्री मेश्राम ने शो के दौरान आदिवासी बाहुल्य जिले डिंडोरी व मंडला के बारे में संक्षिप्त परिचय भी दिया है। कौन बनेगा करोड़पति शो में शामिल होकर लौटे पुलिस जवान ने डिंडोरी व बालाघाट जिले का नाम रोशन किया है। शो में शामिल होकर लौटे श्री मेश्राम का इष्ट मित्रों, पदस्थ पुलिस स्टाफ, शुभचिंतकों व परिजनों ने पुलिस जवान को बधाइयां एवं शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।

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भाजपा मंडल शाहपुर में कामकाजी बैठक हुई संपन्न,कार्यक्रम की बनाई रूप-रेखा

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 भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के निर्देशन में व संभागीय संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरुआ के मार्गदर्शन में तथा भाजपा जिलाध्यक्ष नरेन्द्र राजपूत के नेतृत्व में कामकाजी बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में भाजपा मंडल शाहपुर में मंडल अध्यक्ष सुशील राय व कार्यक्रम प्रभारी जिला महामंत्री अवधराज बिलैया, जिला मीडिया प्रभारी सुधीर दत्त तिवारी, जिला मंत्री अनुराग गुप्ता व कीर्ति गुप्ता सहित अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में बैठक किया गया। आयोजित बैठक के सभी अतिथियों के द्वारा भारत माता जी के तैलीय चित्र में तिलक लगाकर, पुष्प-हार पहनाई गई। कार्यक्रम के प्रभारी अवधराज बिलैया ने आगामी कार्यक्रम सेवा और समर्पण अभियान के संबंध में कहा कि विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 17 सितंबर को जन्मदिन है। प्रदेशभर में जन्मदिन को सेवा और समर्पण अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम किया जाना है, जिसके लिए प्रत्येक कार्यक्रमों के प्रभारी बनाये गए है। मंडल में होने वाले कार्यक्रमों के प्रभारियों की जानकारी देते हुए मंडल अध्यक्ष सुशील राय ने बताया कि हमे प्रधानमंत्री के जन्मदिवस के अवसर पर सभी कार्यक्रमों को पूरी निष्ठा के साथ करना है। आयोजित कार्यक्रमों की फोटोग्राफ्स सोशल मीडिया में अपलोड किया जाना है, साथ ही जो प्रधानमंत्री को स्मृति चिन्ह देश विदेश से मिले है, उनकी ऑनलाइन नीलामी भी की जायेगी, जिसमें रजिस्ट्रेशन भी कराना है। कार्यकर्ताओं से नमो एप डाउनलोड कराने की अपील करते हुए नमो टीका लक्ष्य हमारा हर बूथ पर एक सौ ग्यारह के साथ मंडल एवं बूथ स्तर तक कार्यक्रम आयोजित होंगे। आयोजित कार्यक्रम का आभार व्यक्त मंडल उपाध्यक्ष गणेश चौबे ने किया। बैठक में भाजपा वरिष्ठ शंकर लाल नामदेव, जिला कार्यसमिति सदस्य नारायण चौबे, राजेन्द्र तंतवाय, कमलेश साहू, हीरा नायक, मंडल महामंत्री रामानुज राव, नीरज रजक, हीरा नायक, पुहुप सिंह, राजेश ठाकुर, उषा मारवी, यदुनंदन नामदेव, छिददी बर्मन, दौलत बर्मन, कमलेश कनोजिया, गोविंद यादव, दशरथ मरावी, लोक सिंह परस्ते, बलवंत कुशराम, प्रेम लाल बनवासी, पदम् दास पनारिया, जिया लाल झारिया, मोती लाल यादव, संतोष कुमार अहिरवार, प्रसादी लाल यादव, ज्ञान सिंह मरावी सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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