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जम्मू-कश्मीर में अचानक से आतंकी हमलों और साजिशों में तेजी, घाटी में बढ़े हमले, भारतीय सेना को शक- पाकिस्तानी फौज के कमांडो दे रहे हैं आतंकियों को ट्रेनिंग

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पुंछ से मिले सुराग, पुंछ के जंगलों में करीब 8 दिन से घुसपैठ और एनकाउंटर्स का सिलसिला जारी है। सेना और पुलिस को शक है कि इस इलाके में मौजूद आतंकियों को पाकिस्तानी फौज के कमांडोज ने ट्रेनिंग दी है

जम्मू-कश्मीर में अचानक से आतंकी हमलों और साजिशों में तेजी देखी गई। 9 दिन में भारतीय सेना के 2 जूनियर कमीशंड अफसरों समेत कुल 9 जवान शहीद हुए। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस को शक है कि जंगलों में मौजूद कुछ आतंकियों को पाकिस्तानी सेना के कमांडोज ने ट्रेनिंग देकर घुसपैठ कराई है। आतंकी हमलों में कुछ गैर कश्मीर मूल के लोग भी मारे गए हैं।

अब सेना और पुलिस को शक है कि यह आतंकी पाकिस्तानी फौज की एलीट कमांडो यूनिट ने ट्रेंड किए हैं, इसीलिए यह हमला करने के बाद हजारों सैनिकों की मौजूदगी में भी भाग निकलते हैं। हो सकता है इनमें पाकिस्तानी कमांडोज खुद भी मौजूद हों। इसकी पुष्टि तभी होगी जब वो मारे जाएं या पकड़े जाएं। फिलहाल, इन आतंकियों को एक क्षेत्र में घेरने की रणनीति पर काम चल रहा है। इसके लिए पैरा कमांडो और हेलिकॉप्टर्स की भी मदद ली जा रही है।

पुंछ से मिले सुराग, पुंछ के जंगलों में करीब 8 दिन से घुसपैठ और एनकाउंटर्स का सिलसिला जारी है। सेना और पुलिस को शक है कि इस इलाके में मौजूद आतंकियों को पाकिस्तानी फौज के कमांडोज ने ट्रेनिंग दी है और इसीलिए वे भारतीय सेना और दूसरे सुरक्षा बलों पर हमले कर रहे हैं। बीते कुछ साल में भारतीय सेना पर यह सबसे घातक हमले हैं।

घना जंगल पुंछ के इस इलाके में करीब 9 किलोमीटर का घना जंगल है। इसको चारों तरफ से घेरा गया है और सर्च ऑपरेशन भी चल रहा है, साथ ही फायरिंग भी जारी है। 10 अक्टूबर को हुए एनकाउंटर में हमारे पांच जवान शहीद हुए थे। इनमें एक JCO भी शामिल थे। यह एनकाउंटर डेरा वाली गली में हुआ था जो पुंछ जिले का ही हिस्सा है और एलओसी के करीब है।

15 अक्टूबर को इसी इलाके के करीब एक सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने हमला किया। यह नार खास का इलाका है। इसमें एक जेसीओ समेत दो सैनिक शहीद हुए। दो दिन बाद इनके शव मिले।

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Google का ये खुलासा, खतरे की घंटी! 140 देशों में से INDIA इस मामले में छठे नंबर पर

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इजराइल, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, चीन , सिंगापुर, भारत, कजाखस्तान, फिलिपींन्स, ईरान और यू के । इजराइल ने सबसे ज्यादा रैंसमवेयर सैम्पल्स जमा करवाए थे और जोकि न्यूनतम केसेस का 600 गुना ज्यादा है। इस रिपोर्ट के हिसाब से रैंसमवेयर समस्या सबसे ज्यादा प्रभावित देश हैं

Google की एक रिपोर्ट का कहना है कि Ransomware की मुसीबत झेल रहे दुनिया के 140 देशों की लिस्ट में भारत छठवें नंबर पर है। रिपोर्ट में कहा गया है डेढ़ साल में लगभग 80 मिलियन से ज्यादा रैंसमवेयर सैम्पल्स का एनालिसिस करने के बाद गूगल इस नतीजे पर पहुंचा है। इस एनालिसिस के लिए 140 देशों से 80 मिलियन से ज्यादा रैंसमवेयर सैम्पल्स जमा किए गए थे।

ये एनालिसिस गूगल के लिए VirusTotal ने किया है। 2004 में लॉन्च हुई VirusTotal का सितंबर 2012 में गूगल ने अधिग्रहण कर लिया था। फिर जनवरी 2018 में VirusTotal, गूगल क्लाउड प्लेटफार्म (GCP) की साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्रॉनिकल सिक्योरिटी के कण्ट्रोल में चली गयी।

दुनिया भर के सिक्योरिटी प्रैक्टिशनर्स, रिसर्चर्स और आम लोगों को इन रैनसमवेयर अटैक्स का असली रूप समझने में मदद करती है। इस रिपोर्ट से साइबर प्रोफेशनल्स को संदेहपूर्ण फाइल्स, डोमेन्स, URLs और IP एड्रैस को अच्छे से एनालिसिस करने में सहायता मिलती है। VirusTotal के विसेन्ट डियाज़ ने ये जानकारी देते हुए पहली रैनसम वेयर एक्टिविटी रिपोर्ट के बारे में बताया।

डियाज़ ने बताया कि साल 2020 के पहले दो क्वार्टर्स में रैनसम वेयर एक्टिविटीज बेहद ज्यादा बढ़ गयी थीं मगर फिर बाद में इनमें एकदम से कमी आ गयी। 2020 और 2021 के पहले 6 महीनों में लगभग 130 अलग रैनसम ग्रुप्स एक्टिव थे। इनमें से कम से कम 100 रैनसम ग्रुप्स की एक्टिविटीज कभी नहीं रुकती।

हैकर्स रैनसम अटैक के लिए अलग अलग तरीके इस्तेमाल करते हैं। ये मैलवेयर अटैकर्स रैनसम अटैक के लिए बॉटनेट मैलवेयर या दूसरे रिमोट एक्सेस ट्रोजन्स (RATs) का इस्तेमाल करते हैं।

ज्यादातर केसेस में अटैक के लिए नए रैनसमवेयर सैम्पल्स का इस्तेमाल हो रहा है। इजराइल रैनसमवेयर एक्टिविटीज के सबसे ज्यादा निशाने पर रहता है और इजराइल द्वारा रिपोर्ट की गई ऐसी एक्टिविटीज बोटमलाइन से 600 गुना ज्यादा थी।

भारत भी लगातार रैनसमवेयर एक्टिविटीज के निशाने पर रहता है और 140 देशों की लिस्ट में भारत का स्थान छठवां है, जोकि चिंता का विषय है। रिपोर्ट ने बताय की गूगल Chrome OS क्लाउड पर किसी भी तरह के रैनसम वेयर अटैक नहीं हुआ है।

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केरल में लगातार हो रही भारी बारिश से हालात काफी बिगड़

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डिजिटल भारत I केरल में लगातार हो रही भारी बारिश से हालात काफी बिगड़ गए हैं। राज्य में बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाओं में अब तक 15 लोगों की मौत हो गई है और 8 लापता हैं। कोट्टायम, इडुक्की और पठानमथिट्टा के पहाड़ी इलाके बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हैं। इडुक्की के थोडुपुझा और कोक्कयार, कोट्टायम के कूटिक्कल में मौतें हुई हैं।

वहीं, मीनाचल और मनीमाला में नदियां उफान पर हैं।  केरल (Kerala) के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने राज्य में बारिश के कारण बिगड़े हालात को देखते हुए देर रात एक आपातकालीन बैठक बुलाई. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में स्थिति वास्तव में काफी गंभीर है. हम लोगों की जान बचाने की हर संभव कोशिश करेंगे. हमने सेना, नौसेना और वायु सेना से मदद मांगी है.

 बारिश  से जुड़ी घटनाओं में कई लोग घायल हुए हैं। साथ ही कई लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। यहां तक कि कई जिलों में बांध अपनी पूरी क्षमता के करीब पहुंच गए हैं। राज्य के पहाड़ी इलाकों में कई छोटे कस्बे और गांव बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट गए हैं।

तिरुवनंतपुरम, कोल्लम समेत इन 15 जिलों में  अलर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम और कोझीकोड जिलों में भारी बारिश के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, रविवार को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश हुई। इस बीच मौसम विभाग ने उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों के लिए भारी बारिश को लेकर रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

वायुसेना के जवान राहत और बचाव कार्य में जुटे

डिफेंस PRO ने बताया कि इंजीनियरिंग और मेडिकल यूनिट के साथ कन्नूर से सेना के जवानों का दल बचाव कार्यों के लिए वायनाड पहुंच गया है। बेंगलुरु से इंजीनियरिंग टास्क फोर्स के जल्द ही वायनाड पहुंचने की उम्मीद है। सेना की ओर से अब तक कुल 3 कॉलम तैनात किए गए हैं। राहत सामग्री के साथ नेवी चॉपर के जरिए बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा जारी है। वायुसेना स्टेशन शंगमुघम में वायु सेना के 2 हेलिकॉप्टर MI-17 स्टैंडबाय पर हैं। केरल के CM विजयन बोले- हालात गंभीर.

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस हालात को गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि IMD ने अरब सागर के ऊपर बने कम दबाव प्रणाली के कारण राज्य में व्यापक भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के मद्देनजर केरल के कुछ हिस्सों में स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। केंद्र सरकार जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

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हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, अब LAC के पास बड़ी संख्या में UAV, फाइटर जेट और टैंक तैनात किया

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डिजिटल भारत I जानकारी के मुताबिक चीन ने अपने नगारी गुनसा एयरबेस पर बड़ी संख्या में लड़ाकू विमानों और य़ूएवी को तैनात किया है। इसके अलावा नागारी इलाके में बड़ी संख्या में टैंक और आर्टिलरी को भी उसने तैनात कर रखा है।
नई दिल्ली: चीन एक फिर भारत से लगते अपने सीमावर्ती इलाकों में बड़ी संख्या में फाइटर जेट, यूएवी, टैंक और तोपखानों की तैनाती कर रहा है। जानकारी के मुताबिक चीन ने अपने नगारी गुनसा एयरबेस पर बड़ी संख्या में लड़ाकू विमानों और य़ूएवी को तैनात किया है। इसके अलावा नागारी इलाके में बड़ी संख्या में टैंक और आर्टिलरी को भी उसने तैनात कर रखा है।
एलएसी के करीब चीन द्वारा युद्धक साजो सामान की बड़े पैमाने पर तैनाती ने स्वाभाविक तौर पर भारत की चिंताएं बढ़ा दी है। यह इलाका पैंगोंग त्सो से करीब 100 किमी की दूरी है।
इस तरह की भारी तैनाती से चीन की मंशा पर एक बार फिर संदेह पैदा हो रहा है। भारतीय सेना चीन की इस तैनाती पर निगरानी रखे हुए है। भारतीय सेना के मुताबिक वह पूरे हालात पर नजर बनाए हुए है। चीन की पीएलए वहां अपनी तैनाती बढ़ा रही है और भारतीय सेना ने भी उसी मुताबिक तैयारी कर रखी है।


गौरतलब है कि एलएसी पर पिछले साल से जारी तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच विभिन्न स्तरों पर कई बार बातचीत हो चुकी है। लद्दाख के इलाके में दोनों देशों की सेनाएं कुछ प्वाइंट से पीछे भी हटी हैं
सेना ने कहा कि रविवार को 13वें दौर की बैठक में, बाकी के क्षेत्रों में मुद्दों का समाधान नहीं निकला और भारतीय पक्ष ने जोर देकर कहा कि वह चीनी पक्ष से इस दिशा में काम करने की उम्मीद करता है। भारतीय सेना ने कहा कि वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने इस बात का उल्लेख किया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जो हालात बने वे यथास्थिति को बदलने के चीन के ‘एकतरफा प्रयासों’ के कारण पैदा हुए हैं और यह द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन भी करते हैं।

बीजिंग में, चीन की पीएलए की वेस्टर्न थियेटर कमान ने जारी एक वक्तव्य में कहा, ‘‘भारत ने तर्कहीन और अवास्तविक मांगों पर जोर दिया, जिससे वार्ता में कठिनाई हुई।’’ उसने कहा कि सीमा पर ‘‘हालात को तनावरहित और शांत करने के लिए चीन ने बहुत अधिक प्रयास किए और अपनी ओर से गंभीरता का पूरी तरह से प्रदर्शन किया।’

लेकिन चीनी पक्ष उनसे सहमत नहीं लगा और वह आगे बढ़ने की दिशा में कोई प्रस्ताव भी नहीं दे सका। अत: बैठक में बाकी के क्षेत्रों के संबंध में कोई समाधान नहीं निकल सका।’’ गतिरोध के लिए दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर दोष मढ़ा, वहीं पता चला है कि भारतीय पक्ष ने पेट्रोलिंग पॉइंट 15 (पीपी-15) से सैनिकों की वापसी की रूकी हुई प्रक्रिया का मुद्दा और देप्सांग तथा डेमचक से जुड़े मुद्दे भी वार्ता में उठाए।

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देश में अब रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है।

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डिजिटल भारत I देश में अब रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। रविवार को फिर से सरकारी तेल कंपनियों ने डीजल और पेट्रोल के दाम में इजाफा किया है। वहीं तेल के बढ़ते दामों को लेकर फ़िलहाल केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने भी इशारा कर दिया है कि अभी तेल के दामों में कोई कमी नहीं होगी।

सरकारी तेल कंपनियों द्वारा ईंधन के दाम में बढ़ोतरी किए जाने के बाद रविवार को दिल्ली में डीजल और पेट्रोल दोनों के दाम में 35-35 पैसे का इजाफा हुआ। दिल्ली में अब लोगों को एक लीटर पेट्रोल के लिए 105.84 रुपए और एक लीटर डीजल के लिए 94.57 रुपए का भुगतान करना होगा। वहीं आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई में भी ईंधन का दाम आसमान पर है। मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 111.77 रुपए तो एक लीटर डीजल 102.52 रुपए में मिलेगा।

कमोबेश यही हाल चेन्नई और कोलकाता जैसे महानगरों का भी है। तेल के बढ़ते दामों की वजह से कोलकाता में पेट्रोल 106.43 रुपए प्रति लीटर और डीजल 97.68 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। जबकि चेन्नई में डीजल 98.92 रुपए और पेट्रोल 103.01 रुपए मिल रहा है।

केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने देश में पेट्रोल, डीजल के दाम (Petrol Diesel Price Hike) में हो रही बढ़ोतरी के लिये वैश्विक बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम में आई तेजी को जिम्मेदार बताया. प्रधान ने माना कि हाल के दिनों में पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल को माल एवं सेवाकर (GST) के दायरे में लाने के बारे में कोई भी निर्णय जीएसटी काउंसिल (GST Council) को लेना है. माना जा रहा है कि पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से इनके दाम में कमी आ सकती है.

70 डॉलर प्रति बैरल के पार कच्चा तेल

उन्होंने कहा, पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने के पीछे मुख्य वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच जाना है. इससे घरेलू बाजार में भी दाम बढ़ गये जिसका उपभोक्ताओं पर नकारात्मक असर पड़ा है. भारत अपनी कुल जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है.

वहीं केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी इशारों इशारों में कहा है कि फ़िलहाल तेल के दामों में कमी नहीं होगी। शनिवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कोरोना काल से पहले की तुलना में आज पेट्रोल और डीजल की खपत में क्रमशः 10-15% और 6-10% की वृद्धि हुई है। मैं कीमत पर नहीं जाऊंगा। हम पेट्रोल और डीजल के दामों में स्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं।

डीजल के बाद अब किसानों को सता रही डीएपी, अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी कीमत तो हो गई बड़ी किल्लत

डीजल- पेट्रोल के बढ़ते दामों के बाद किसानों को अब डीएपी की किल्लत भी सता रही है। किसानों को रबी फसल की बुवाई से पहले उचित मात्रा में डीएपी नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते किसान परेशान होकर खाद वितरण केंद्रों का चक्कर लगाने पर मजबूर हो रहे हैं। दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ने की वजह से डीएपी की किल्लत हो रही है। पिछले चार सालों की तुलना में इस साल अक्टूबर के शुरुआती दिनों में डीएपी समेत दूसरे खादों के स्टॉक सबसे निचले स्तर पर थे।

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वन्यजीव प्रेमी अब रातापानी सेंचुरी में टाइगर सफारी कर सकते हैं। यहां पूरे 36 किमी में घूम सकेंगे

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डिजिटल भारत I वन्यजीव प्रेमी अब रातापानी सेंचुरी में टाइगर सफारी कर सकते हैं। यहां पूरे 36 किमी में घूम सकेंगे। यह देश की पहली ऐसी सेंचुरी बन गई है, जहां टाइगर रिजर्व जैसी सफारी की शुरुआत हुई है। सफारी का रूट झिरी से लेकर करमई तक होगा। यह सेंचुरी का बफर जोन है। पर्यटकों की संख्या बढ़ने पर यहां सफारी वाहन की संख्या बढ़ाई जाएगी।

सफारी किराया

झिरी से करमई तक प्रति व्यक्ति सफारी किराया 450 रुपए

झिरी से कैरी महादेव तक प्रति व्यक्ति किराया 400 रु.

अभी यहां प्राइवेट वाहनों को ‘पहले आओ- पहले पाओ  की तर्ज पर झिरी और करमई गेट से प्रवेश की अनुमति दी गई है। सफारी वाहन की संख्या बढ़ने पर प्राइवेट वाहनों का सेंचुरी के अंदर प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। शनिवार को रातापानी सेंचुरी के डीएफओ विजय कुमार ने दो सफारी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

पेंच टाईगर रिजर्व के वन क्षेत्रों का गौरवशाली इतिहास रहा है। इसके प्राकृतिक सौंदर्य एवं समृद्धि का वर्णन आईने-अकबरी एवं अन्य कई प्राकृतिक इतिहास की पुस्तकें जैसे आर.ए. स्ट्रेन्डल की ‘‘सिवनी, कैम्प लाईफ इन दा सतपुड़ा” फोर्सेथ की ‘‘हाई लैण्डस आफ सेन्ट्रल इंडिया”  डनबर ब्रेन्डर की ‘‘वाईल्ड एनीमल्स आफ सेन्ट्रल इंडिया में है। स्टेन्डल की आत्मकथा जैसी किताब ‘‘सिवनी रूदियार्ड किपलिंग की ‘‘दा जंगल बुक” लिखने में मुख्य प्रेरणा स्त्रोत थी।

“दा जंगल बुक “ का क्षेत्र”

पेंच टाईगर रिजर्व एवं इसके आसपास का क्षेत्र रूडियार्ड किपलिंग के प्रसिद्ध ‘‘दा जंगल बुक” का वास्तविक कथा क्षेत्र है। रूडियार्ड किपलिंग ने आर.ए. स्ट्रेन्डल की पुस्तक ‘‘सिवन”, ‘‘मैमेलिया आफ इंडिया एण्ड सीलो “और ‘‘डेनीजेन्स आफ दा जंगल” को भौगौलिक संरचनाओं तथा वन्य प्राणियों के व्यवहार के लिए आधार बनाया था। मोंगली की कल्पना सर विलियम हेनरी स्लीमेन के पैम्पलेट ‘‘एन एकाउन्ट आफ वूल्फ्स नरचरिंग चिल्ड्रेन इन देयर डेनस” से की गयी है। जिसमें वर्ष 1831 में सिवनी के पास सन्तबावड़ी नामक ग्राम में भेड़ियो के साथ पले-बढ़े एक बालक के पकड़े जाने की रिपोर्ट है। ‘‘दा जंगल बुक” में वर्णित स्थान, वैनगंगा नदी, उसकी घाटी जहां शेर खान मारा गया था, ग्राम कान्हीवाड़ा और सिवनी की पर्वत मालायें आदि सिवनी जिले में वास्तविक स्थान है।

वर्ष 1977 में 449.39 वर्ग कि.मी. वन क्षेत्र को पेंच अभ्यारण्य क्षेत्र घोषित किया गया था। वर्ष 1983 में इसमें से 292.850 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को पेंच राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था, एवं 118.47 वर्ग कि.मी. क्षेत्र पेंच अभ्यारण्य के रूप में रखा गया। वर्ष 1992 में भारत सरकार द्वारा पेंच राष्ट्रीय उद्यान, पेंच अभ्यारण्य एवं कुछ अन्य वन क्षेत्रों को सम्मिलित कर 757.850 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को देश का 19 वां प्रोजेक्ट टाईगर रिजर्व बनाया गया। वर्ष 2002 में पेंच राष्ट्रीय उद्यान एवं पेंच अभ्यारण्य का नाम क्रमशः इंदिरा प्रियदर्शनी पेंच राष्ट्रीय उद्यान एवं पेंच मोगली अभ्यारण्य रखा गया। पेंच जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत वर्ष 1973 से 1988 के मध्य पेंच नदी पर तोतलाडोह जलाशय का निर्माण किया गया। जिससे 72 वर्ग कि.मी. क्षेत्र डूब में आया। इसमें से 54 वर्ग कि.मी. डूब क्षेत्र मध्यप्रदेश एवं शेष महाराष्ट्र में है।

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6 CRPF जवान जख्मी ,रायपुर रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में धमाका

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डिजिटल भारत I शनिवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर रेलवे स्टेशन पर धमाका हो गया. रायपुर 211 बटालियन के जवान स्पेशल ट्रेन से जम्मू जा रहे थे. तभी ग्रेनेड ट्रेन की बोगी में रखते वक्त फट गया. यह घटना सुबह के 6 बजे का बताया जा रहा है. इस धमाके में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 6 जवान घायल हो गए है. सीआरपीएफ के एक हवालदार की हालात गंभीर है. और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.                                                                                                                                                                                                   मौके पर सीआ पुलिस ने बताया कि सुबह करीब 6.30 बजे CRPF की स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 2 पर खड़ी थी। इसमें जवानों की तीन कंपनियों की शिफ्टिंग हो रही थी। सामान लोडिंग के दौरान विस्फोटक से भरा एक बॉक्स बोगी नंबर 9 के गेट के पास हाथ से छूट गया। इससे ब्लास्ट हो गया। हादसे में हेड कांस्टेबल चवन विकास लक्ष्मण, कांस्टेबल रमेश लाल, रविंद्र कर और दिनेश कुमार पैकरा घायल हो गए।रपीएफ के सीनियर अधिकारी पहुंच गए हैं

हेड कांस्टेबल के हाथ-पैर और कमर में चोट                                                                                              

हेड कांस्टेबल चवन विकास लक्ष्मण को रायपुर के नारायणा हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। सर्जन डॉ. नीरज पांडेय ने बताया कि चौहान की कमर, हाथ, पैर और सिर में चोट है। सिर में फ्रैक्चर हो गया है। उनका ऑपरेशन करना पड़ेगा। राहत की बात ये है कि उनकी स्थिति खतरे से बाहर है। बाकी 3 जवान फर्स्ट एड लेकर ट्रेन के साथ रवाना हो गए है

CRPF ने मामले की जांच के आदेश दिए

CRPF 211वीं बटालियन के कमांडेंट संजीव रंजन ने बताया कि ऑर्म्स एम्युनिशन बॉक्स को रखने के बाद एम्युनेशन का फ्यूज बॉक्स बोगी के शौचालय के पास फट गया। जीआरपी रेलवे स्टेशन रायपुर में मामला दर्ज कराया गया है। हेड कांस्टेबल का उपचार है। सीआरीपीएफ के भी डॉक्टर पहुंच गए हैं। उसका सीटी स्कैन किया गया है। हादसे के बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

CRPF ने कहा- यह लापरवाही नहीं, हादसा

घायल जवान को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे CRPF के DIG राजकुमार ने बताया कि ट्रांसपोर्टेशन के समय ब्लास्ट हुआ था। सभी जवान खतरे से बाहर हैं। ट्रेन नागपुर जा रही थी। कई बार सामान ले जाने में झटका लग जाता है। यह सेंसेटिव मटेरियल है। यह लापरवाही नहीं है, किसी सामान को ले जाने के दौरान ऐसा हादसा हो सकता है।

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6 CRPF जवान जख्मी ,रायपुर रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में धमाका

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हेड कांस्टेबल के हाथ-पैर और कमर में चोट                                                                                              

CRPF ने मामले की जांच के आदेश दिए

CRPF ने कहा- यह लापरवाही नहीं, हादसा

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दिन व दिन दिख रहा प्रदूषण का केहर , प्रदूषण नहीं रुका तो पानी में डूब जाएंगे मुंबई समेत 50 शहर

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डिजिटल भारत I इंसानी गतिविधियों की वजह से निकलने वाले प्रदूषण खासतौर से कार्बन उत्सर्जन का असर वायुमंडल में सदियों तक रहता है. जि यानी ग्लोबल वार्मिंग. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुद्री जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. अगर लगातार इसी तरह कार्बन उत्सर्जन होता रहा तो मुंबई समेत एशिया समेत एशिया के 50 शहर समुद्री पानी में डूब जाएंगे. ये 50 शहर चीन, भारत, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और वियतनाम से होंगे. ये खुलासा एक नई रिपोर्ट में किया गया है. दुनियाभर के जो देश हाई-टाइड वाले जोन में आते हैं, वहां पर समुद्री जलस्तर बढ़ने से 15 फीसदी की आबादी प्रभावित होगी. यह स्टडी हाल ही क्लाइमेट कंट्रोल नाम की साइट पर प्रकाशित हुई है.

जिसमें भारत से मुंबई को खतरे में दिखाया गया है.  इस स्टडी में यह बताया गया है कि दुनियाभर के करीब 184 जगहें ऐसी जगहें ऐसी हैं जहां पर समुद्री जलस्तर बढ़ने का सीधा असर होगा. इन शहरों का बड़ा हिस्सा या फिर पूरे शहर पानी में डूब जाएंगे. इससे पहले अगस्त में IPCC की क्लाइमेट रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि सिर्फ सिर्फ 79 साल और…यानी 2100 में भारत के 12 तटीय शहर करीब 3 फीट पानी में.. चले जाएंगे. क्योंकि लगातार बढ़ती गर्मी से ध्रुवों पर जमा बर्फ पिघलेगी. उससे समुद्री जलस्तर बढ़ेगा.

फिर क्या…चेन्नई, कोच्चि, भावनगर  जैसे शहरों का तटीय इलाका छोटा हो जाएगा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने सी लेवल प्रोजेक्शन टूल  बनाया है. जिसका आधार है इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑ(IPCC) की हाल ही में आई रिपोर्ट. इस रिपोर्ट में कहा भी गया है कि 2100 तक दुनिया प्रचंड गर्मी बर्दाश्त करेगी. कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण नहीं रोका गया  तो तापमान में औसत 4.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी. अगले दो दशकों में ही तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा. जब इतना तापमान बढ़ेगा, तो जाहिर बात है कि ग्लेशियर पिघलेंगे. उसका पानी मैदानी और समुद्री इलाकों में तबाही लेकर आएगा

नासा के प्रोजेक्शन टूल में दुनियाभर का नक्शा बनाकर दिखाया गया है.  है. यह पहली बार है ,आईपीसीसी हर 5 से 7 साल में दुनियाभर में पर्यावरण की स्थिति की रिपोर्ट देता है. इस बार की रिपोर्ट बहुत भयावह है. यह पहली बार है जब नासा ने पूरी दुनियाअगले कुछ दशकों में बढ़ने वाले जलस्तर को मापने का नया टूल बनाया है. यह टूल दुनिया के उन सभी देशों के समुद्री जलस्तर को माप सकता है, जिनके पास तट है. अगले 20 साल में धरती का तापमान निश्चित तौर पर 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा. ऐसा जलवायु परिवर्तन की वजह से होगा. IPCC की नई जुटाए गए मौसम और प्रचंड गर्मी से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है. इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जो प्रचंड गर्मी  पहले 50 सालों में एक बार आती थी, अब वो हर दस साल में आ रही है. यह धरती के गर्म होने की शुरुआत है.

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पत्थरों को काटकर बनाए गए थे 400 मकबरे ,तुर्की में सिंकदर के समय का ‘खजाना’ मिला

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डिजिटल भारत I तुर्की में पुरातत्वविदों ने पत्थरों को काटकर बनाए गए 400 मकबरों को खोजा है. ये कब्रगाह करीब 1800 साल पुराने हैं. इनके अंदर खूबसूरत वॉल पेंटिंग्स हैं. यानी दीवारों पर पेंटिंग की गई है. साथ ही कुछ बहुमूल्य वस्तुएं मिली हैं, जिन्हें लोग खजाना कह रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि ये मकबरे रोमन साम्राज्य के समय के पत्थरों से काटकतुर्की के एजियन सागर से पूर्व में करीब 180 किलोमीटर दूर स्थित ऐतिहासिक शहर ब्लॉनडोस में ये पत्थर से कटे मकबरे मिले हैं  

असल में ये घाटियां यूसाक कैनयन का हिस्सा हैं.   यह कैनयन दुनिया के सबसे बड़े कैनयन सिस्टम में से एक है. ब्लॉनडोस के ही लोगों ने यूसाक की घाटियों की ढलान पर नेक्रोपोलिस का निर्माण किया  इस इलाके में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया यही थी कि मजबूत पत्थर को काटकर मकबरा बना दिया जाता था. जिसके अंदर अंतिम संस्कार किया जाता था बिरोल कैन ने कहा कि पुरातत्वविद नेक्रोपोलिस के बारे में पिछले 150 सालों से जानते हैं. लेकिन कभी भी ब्लॉनडोस में तरीके से खनन नहीं किया गया. इसलिए हमने साल 2018 में एक सिस्टम के अनुसार खनन कार्यक्रम शुरु किया. अभी तक हमने इस जगह पर दो मंदिर, एक थियेटर, एक सार्वजनिक बाथरूम, एक जिम्नेजियम, एक बैसिलिका, शहर की दीवारें, एक बड़ा दरवाजा, रोमन साम्राज्य के हीरो हेरून की समाधि और पत्थरों से कटे मकबरे खोजे हैं.

इस शहर को सिकंदर के बनाए गए थे  यह शहर रोमन और बिजेनटाइन साम्राज्य तक अपने स्वर्णिम युग में था. इन गुफाओं में सार्कोफैगी  नाम की प्रक्रिया की जाती थी. यानी इनमें मारे गए. जीवों और इंसानों को रखा जाता था. ऐसा कई पीढ़ियों तक किया गया था ब्लॉनडोस शहर चारों तरफ से घाटियों से घिरा है. यानी यह एक ऊंची पहाड़ी पर बना है

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