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एक भारत उत्कृष्ट भारत

Nykaa की फाउंडर फाल्गुनी अमीरों की लिस्ट में शामिल हो गई हैं

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ब्यूटी और पर्सनल केयर सेगमेंट की दिग्गज कंपनी 

 बुधवार को शेयर मार्केट में लिस्ट हुआ. कंपनी का शेयर मार्केट में डेब्यू इतना धमाकेदार रहा कि कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1 लाख करोड़ के पार हो गया. यही नहीं, कंपनी की फाउंडर फाल्गुनी नायर अमीरों की लिस्ट में शामिल हो गई हैं. नायर के पास कंपनी के लगभग आधे शेयर हैं, जिनकी कीमत अब 6.5 बिलियन डॉलर हो चुकी है. 

 के मुताबिक, नायर आज के आईपीओ लिस्टिंग के बाद भारत की सबसे अमीर सेल्फ-मेड महिला अरबपति बन चुकी हैं. बता दें किकी पैरेंट कंपनी  स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाली पहली ऐसी यूनिकॉर्न कंपनी है, जिसका नेतृत्व महिला हाथों में है.

नायिका का आईपीओ तीन दिन के लिए खुला था और 1 नवंबर को बंद हुआ था. आईपीओ में ऑफर को 82 गुना बार सब्सक्राइब किया गया. कंपनी के 2,64,85,479 शेयरों के ऑफर पर 2,16,59,47,080 शेयरों की बिडिंग आई. कंपनी ने इस आईपीओ के जरिए 5,352 करोड़ जुटाए.

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर आज नायिका के शेयर 2,001 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर खुले. यह कीमत इसके इशू प्राइस से 78 फीसदी ज्यादा है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी के शेयर इशू प्राइस से 79 फीसदी ज्यादा 2,018 रुपये प्रति शेयर के रेट से ट्रेडिंग के लिए खुले. 

इसकी शुरुआत ऑनलाइन मार्केटप्लेस के तौर हुई. इसके बाद इसने अपना खुद का ब्यूटी एंड पर्सनल केयर ब्रांड खड़ा करने के साथ-साथ फैशन सेगमेंट और रिटेल सेक्टर में बड़ी जगह बनाई. नायिका का ब्यूटी और पर्सनल केयर के लिए Nykaa का एक प्राइमरी ऐप है, इसके अलावा Nykaa Fashion भी है, जहां एपेरल, एसेसरीज़, फैशल ने जुड़े प्रॉडक्ट्स होते हैं. इसके ऐप्स पर रिटेल स्टोर्स से 4,000 से ज्यादा ब्यूटी, पर्सनल केयर और फैशन ब्रांड्स जुड़े हुए हैं. 

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जाग रहा है सूरज

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 सूरज में लगातार स्पॉट बन रहे हैं और इनमें होने वाले विस्फोट से निकलती किरणें लगातार धरती की तरफ आ रही हैं. 3 और 4 नवंबर को सूरज से तेज सौर किरणें निकलीं जिसकी वजह से अमेरिका समेत धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में नॉदर्न लाइट्स देखने को मिलीं. 1 और 2 नवंबर को भी वैज्ञानिकों ने धरती की तरफ तेज सौर किरणों के आने की संभावना जताई थी. वैज्ञानिकों ने बताया है कि सूरज से अचानक निकलने वाली सौर किरणों की वजह क्या है

सूरज के सक्रिय होने की एक साइकिल होती है. इसे सोलर साइकिल कहते हैं. सोलर साइकिल 11 साल की होती है. सूरज 11 साल तक शांत रहता है और इसके बाद इसमें विस्फोट होने लगते हैं. इसे कोरोनल मास इजेक्शन कहते हैं. इसमें सन स्पॉट बनने लगते हैं और जब ये स्पॉट फटते हैं, तब इससे निकलने वाली किरणें धरती की तरफ आती हैं. नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन में स्पेस वेद प्रेडिक्शन सेंटर के प्रोग्राम कॉर्डिनेटर Bill Murtagh के मुताबिक, पिछले कुछ सालों से सूरज में कोई गतिविधि नहीं हो रही थी. वो शांत था, लेकिन अब ऐसा नहीं है.

सौर तूफानों का असर क्या होगा?

वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगले कुछ सालों तक हमें ऐसे सौर तूफानों और सौर गतिविधियों के लिए तैयार रहना होगा. इसकी वजह से सैटेलाइट्स और ग्रिड्स को नुकसान हो सकता है. पिछले हफ्ते सूरज से कई सौर तूफान धरती की तरफ आए. यानी इस  दौरान कई कोरोनल मास इजेक्शन हुए. सूरज से आग के बुलबुले निकल रहे हैं और ये एक बार में अरबों टन प्लाज्मा गैस और चुंबकीय फील्ड पैदा कर रहा है. ये तेजी से सौर मंडल में फैलने लगता है जिससे गर्म लहरें तेजी से धरती की तरफ आने लगती हैं. 

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नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफ़ज़ई ने शादी कर ली है

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नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफ़ज़ई ने ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर में शादी कर ली है. 24 वर्षीय मलाला ने असर मलिक के साथ निकाह किया और अपनी शादी को ‘अपने जीवन का एक मूल्यवान दिन बताया’

.पाकिस्तान की जानी-मानी महिला अधिकार कार्यकर्ता को तालिबान चरमपंथियों ने 2012 में सिर में गोली मार दी थी जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए बर्मिंघम लाया गया और तब से वो वहीं रह रही हैं

.यूसुफजई का जन्म पाकिस्तान में हुआ. पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की हिमायत करने वाली मलाला यूसुफजई पर तालिबान आतंकियों ने 2012 में हमला किया. उस वक्त उनकी उम्र 11 साल थी. लड़कियों की शिक्षा और अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली मलाला पाकिस्तान में आतंकियों के निशाने पर रहीं. 

स्कूल से घर लौट रही मलाला पर हुआ यह हमला घातक था, लेकिन मलाला का हौंसला भी कम न था. ब्रिटेन में लंबे इलाज के बाद वह ठीक हुईं और एक बार फिर अपने अभियान में जुट गईं.

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ब्राजील में एक बच्चा पूंछ के साथ पैदा हुआ है जिसे देखकर डॉक्टर्स भी चौंक गये

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मेडिकल साइंस की दुनिया इतनी हैरान करने वाली है कि ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जिसे देखकर कई बार बड़े-बड़े डॉक्टर्स भी चौंक जाते हैं। इसी कड़ी में ब्राजील से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक बच्चा पूंछ के साथ पैदा हुआ है। इतना ही नहीं पूंछ का अंतिम हिस्सा गोल था। इस केस में डॉक्टरों ने बड़ी ही बहादुरी से सर्जरी की है।

दरअसल, यह मामला ब्राजील के अल्बर्ट अस्पताल से सामने आया है। ‘मिरर यूके’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां एक बच्चे का जन्म हुआ यह भी बताया गया कि इस पूंछ का आखिरी सिरा गेंद जैसा गोल था, हालांकि पूंछ में कॉर्टिलेज और हड्डी का कोई हिस्सा नहीं पाया गया। अल्ट्रासाउंड स्कैन के बाद डॉक्टरों ने बताया कि पूंछ उसके तंत्रिका तंत्र से जुड़ी नहीं थी।

डॉक्टरों की एक टीम ने बच्चे के परिजनों को बताया कि इसे ऑपरेशन द्वारा हटाया जा सकता है।तो उसे देखकर डॉक्टर हैरान रह गए, उस बच्चे की पूंछ निकली हुई थी। बच्चे के माता-पिता भी काफी परेशान दिख रहे थे किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए। डॉक्टरों ने पाया कि बच्चे की पूंछ की लंबाई करीब चार इंच की है।

इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि इस पूंछ को सर्जरी के जरिए हटाया जाएगा। डॉक्टरों की एक टीम ने ऑपरेशन कर उस पूंछ को सफलतापूर्वक निकाल दिया। इतना ही नहीं जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक सर्जरी केस रिपोर्ट्स में बच्चे के जन्म और पूंछ को हटाने की सर्जरी के बारे में बड़े ही विस्तृत तरीके से बताया गया है। 

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि यह बच्चा समय से पहले ही करीब 35 हफ्ते के गर्भ के बाद पैदा हुआ था। डॉक्टरों ने बताया कि गर्भ में बच्चे के भ्रूण में एक पूंछ विकसित होती है, लेकिन बाद में वह सामान्य रूप से शरीर में समा जाती है। हालांकि,दुर्लभ मामलों में ऐसा नहीं होता है और पूंछ बढ़ती रहती है।

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चार धाम यात्रा प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

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चार धाम राजमार्ग परियोजना में सड़कों को चौड़ा करने पर आपत्ति जताने वाली एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सैनिकों को उच्च सीमा वाले क्षेत्रों में नहीं ले जाया जा सकता है।

रणनीतिक 900 किलोमीटर लंबी चार धाम राजमार्ग परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के चार शहरों (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ) को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

रक्षा मंत्रालय ने पहले के एक आदेश को वापस लेने के लिए एक आवेदन दायर किया है जिसमें अदालत ने कहा था कि चौड़ाई 5.5 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।

एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा, “सेना ने कभी नहीं कहा कि हमें ये चौड़ी सड़कें चाहिए। राजनीतिक सत्ता में किसी उच्च व्यक्ति ने कहा कि हम चार धाम यात्रा पर राजमार्ग चाहते हैं। सेना अनिच्छा से साथ उनके साथ चली गई।”

गोंसाल्वेस ने बताया कि इस साल बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है, जिससे पहाड़ों में नुकसान और बढ़ गया है। उन्होंने कहा, “राजमार्ग का विकास प्रतिष्ठित चार धाम परियोजना के लिए किया गया था।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने गोंजाल्विस से पूछा कि क्या उनके पास सीमा के दूसरी ओर हिमालय की स्थिति पर कोई रिपोर्ट है जहां चीनियों ने इमारतों और प्रतिष्ठानों का निर्माण किया है। गोंसाल्वेस ने कहा, “चीनी सरकार पर्यावरण की रक्षा के लिए नहीं जानी जाती है। हम कोशिश करेंगे और देखेंगे कि क्या हमें वहां की स्थिति के बारे में कोई रिपोर्ट मिल सकती है।”

उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा तक सड़कों के चौड़ीकरण पर चार धाम राजमार्ग परियोजना की निगरानी कर रही है।

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COP26: जलवायु परिवर्तन का मानव जीवन पर प्रभाव

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जलवायु में हो रहे बदलाव को लेकर हो रहे सीओपी26 शिखर सम्मेलन के दौरान इसराइल की मंत्री काराइन एलहरर सुर्ख़ियों में आ गईं. ऐसा इसलिए क्योंकि व्हीलचेयर के लिए बेहतर इंतज़ाम न होने के चलते वो इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो सकीं. काराइन विकलांग होने के कारण व्हीलचेयर से ही चलती हैं.

दूसरे विकलांग लोगों के लिए उनका इस सम्मेलन में शरीक न हो पाने की घटना, वैसा ही अनुभव है जैसा वो खुद अनुभव करते हैं. कई विकलांगों को अक्सर ये महसूस होता है कि उनकी शारीरिक चुनौतियों के कारण उन्हें जलवायु में हो रहे बदलाव जैसे मसलों पर होने वाली बातचीत से दूर कर दिया जाता है या फिर वो ऐसी चर्चा में पीछे छूट जाते हैं.

जुलाई 2018 में कनाडा का मॉन्ट्रियल लू की तगड़ी चपेट में आ गया. कई दिनों तक वहां का तापमान 35.5 सेल्सियस (95.9 फारेनहाइट) तक बढ़ा रहा. अस्पताल हीटस्ट्रोक के मरीज़ों से पट गए और 61 लोग इससे मारे गए. इनमें से एक चौथाई को स्कित्ज़ोफ्रेनिया की बीमारी थी.

बाढ़ में विकलांगों को होने वाली समस्याएं

इस गर्मी में, जर्मनी के सिंजिग शहर में विकलांगों की देखरेख करने वाले एक घर में रह रहे 12 विकलांगों की बाढ़ की चपेट में आकर मौत हो गई. अचानक पानी बढ़ जाने पर ये लोग उस घर से निकल पाने में नाकाम रहे. वैज्ञानिकों और नेताओं ने इस बाढ़ का कारण जलवायु परिवर्तन को बताया है.

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मध्यप्रदेश की बेटी शिवानी ने अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती स्पर्धा में जीता रजत पदक

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 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश की बेटी शिवानी पवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला कुश्ती चेम्पियनशिप में रजत पदक जीतने पर हार्दिक बधाई दी है।
   मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि सर्बिया गणराज्य में 1 से 7 नवम्बर की अवधि में सम्पन्न चैम्पियनशिप में प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के ग्राम उमरेठ की निवासी सुश्री शिवानी ने 50 किलोग्राम वर्ग में प्रतिष्ठित मुकाबला जीता है। शिवानी ने मध्यप्रदेश और भारत का नाम गौरवान्वित किया है। इस चेम्पियनशिप में भारत से 30 खिलाड़ियों और मध्यप्रदेश से एकमात्र खिलाड़ी शिवानी ने हिस्सा लिया। अंडर 23 चेम्पियनशिप में सम्मानजनक जगह बनाने वाली मध्यप्रदेश की दंगल गर्ल दिल्ली में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। इसके पहले उन्होंने सितम्बर माह में अमेठी में सम्पन्न राष्ट्रीय सीनियर कुश्ती स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया था

शिवानी पवार की मां पुष्पा पवार ने बताया शिवानी की स्कूलिंग पंडित विशंभर नाथ हाईस्कूल उमरेठ में हुई। 8वीं कक्षा तक उसे फुटबॉल और रनिंग का शौक था। स्कूल कोच कलशराम मर्सकोले ने पहले उसे फुटबॉल में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। शिवानी ने फुटबॉल के पहले ही राउंड में स्टेट निकाल लिया।

शुरुआत में समाज के ताने भी मिले

शिवानी की मां ने कहा जब हमने शिवानी को कुश्ती में भेजने का फैसला किया तो शुरुआत में समाज के ताने भी मिले। लोग कहा करते थे कि लड़की है, लड़की को कोई कुश्ती में भेजता है क्या। वैसे तो शिवानी का अब छिंदवाड़ा आना कम ही होता है, लेकिन फिर भी जब भी होता है, यही लोग अब सोचते हैं कि शिवानी से मुलाकात हो जाए और बातचीत कर लें। शिवानी की छोटी बहन भारती पवार का कहना है कि सामाजिक दबाव के बाद भी हमारे माता पिता दोनों ने ही कभी मुझे कुश्ती और बाहर निकलने से मना नहीं किया। हमें हमेशा प्रोत्साहित किया।

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भारत में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं.जिम्मेदार कोन हैं

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भारत में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं. इनमें से आधे से ज्यादा गंभीर रूप से कुपोषित श्रेणी में आते हैं. जिन राज्यों में कुपोषित उनमें महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात सबसे ऊपर हैंये आकंड़े एक आरटीआई (RTI) के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

ने दिए हैं.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने चिंता जताई है कि कोविड महामारी के चलते गरीब लोगों में स्वास्थ्य और पोषण संकट और बढ़ सकता है. मंत्रालय के मुताबिक, 14 अक्टूबर, 2021 तक देश में 17.76 लाख बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित

एक ही साल में बढ़ गए 91% मामले

33.23 लाख कुपोषित बच्चों का यह आंकड़ा देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पोषण ट्रैकर ऐप से लिया गया है.पिछले साल के आंकड़ों की तुलना में नवंबर 2020 और 14 अक्टूबर, 2021 के बीच गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या में 91 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.-

महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात में सबसे ज़्यादा कुपोषित बच्चे 

पोषण ट्रैकर से मिले आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में कुपोषित बच्चों की संख्या सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश में 1.86 लाख, तमिलनाडु में 1.78 लाख असम में 1.76 लाख और तेलंगाना में 1.52 लाख बच्चे कुपोषित हैं. नई दिल्ली भी पीछे नहीं है. राजधानी नई दिल्ली भी पीछे नहीं है. राजधानी दिल्ली में 1.17 बच्चे कुपोषित हैं.

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अमोनिया का स्तर बढ़ने से यमुना नदी में गाद बढ़ रही है जिस से यमुना नदी के किनारे छठ पूजा के लिए आने वालो परेशानी हो रही हैं

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छठ के महापर्व की शुरुआत आज से हो गई है. दीपावली के 6 दिन बाद कार्तिक मास की छठी तिथि को छठ का पर्व मनाया जाता है. 4 दिन मनाए जाने वाले इस पर्व के पहले दिन नहाय-खाय की परंपरा होती है. राजधानी दिल्ली में भी छठ का त्योहार मनाया जा रहा है, लेकिन यहां के छठ घाटों से जो तस्वीरें सामने आ रहीं हैं वो चौंकाने वालीं हैं. यहां की यमुना नदी में जहरीला झाग या गाद इकट्ठा हो गया है और इसी बीच श्रद्धालुओं ने स्नान किया. हालांकि, कोरोना के चलते दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा की अनुमति नहीं दी है

पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने और दिवाली के बाद हुई आतिशबाजी के कारण राजधानी दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है. यमुना नदी में अमोनिया का लेवल बढ़ गया है यमुना में झाग के बीच स्नान करने की तस्वीरें सामने आने के बाद सियासत भी तेज हो गई है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरा है. वहीं, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी केजरीवाल सरकार को घेरते हुए कहा कि इसी वजह से यमुना किनारे छठ पूजा मनाने पर रोक लगाई थी. 

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‘रामायण सर्किट’- आज दिल्‍ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पहली ट्रेन रवाना होगी

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भगवान श्री राम  के जीवन से जुडे़ कई प्रमुख धार्मिक स्‍थलों के दर्शन के लिए भारतीय रेलवे द्वारा ‘रामायण सर्किट’चलाने का ऐलान किया गया था. वहीं, आज दिल्‍ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पहली ट्रेन रवाना होगी. इस दौरान यह अपनी 17 दिनों की यात्रा में अयोध्या, सीतामढ़ी और चित्रकूट सहित कई प्रमुख स्‍थानों पर जाएगी.

भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थानों के दर्शन करवाने के लिए भारतीय रेलवे ने रामायण सर्किट ट्रेन चलाने का ऐलान किया था. यह ट्रेन अयोध्या समेत कई जगह जाएगी. रामायण सर्किट (Ramayana Circuit) पर पहली  ट्रेन रविवार को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना होगी. आईआरसीटीसी (IRCTC) ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और कोविड-19 संबंधी हालात में सुधार के मद्देनजर रेलगाड़ियों के जरिए घरेलू पर्यटन को फिर से शुरू करने की दिशा में यह योजना बनाई है.

आईआरसीटीसी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस डीलक्स एसी ट्रेन में दो प्रकार के कोच हैं- फर्स्ट एसी और सेकंड एसी. सुरक्षा के लिहाज से ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और हर कोच के लिए सिक्योरिटी गार्ड की भी व्यवस्था है. ट्रेन में दो डाइनिंग रेस्टोरेंट, एक मॉर्डन किचन, कोच में शावर रूम जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने कल बयान में बताया कि इस तरह की एक यात्रा सात नवंबर से शुरू हो रही है. उसके बाद चार अन्य रेलगाड़ियां भी रवाना होंगी.

दक्षिण भारत के धार्मिक पर्यटन बाजार के मद्देनजर आईआरसीटीसी श्री रामायण यात्रा एक्सप्रेस-मदुरै का संचालन करेगा. यह ट्रेन मदुरै से शुरू होगी और हम्पी, नासिक, चित्रकूट, इलाहाबाद, वाराणसी जाएगी तथा मदुरै वापस आएगी. यह ट्रेन 16 नवंबर को रवाना होगी. इसमें बताया गया कि श्री रामायण यात्रा एक्सप्रेस-श्री गंगानगर 25 नवंबर को रवाना होगी.

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