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कांग्रेस पार्टी ने जारी किया अपना घोषणापत्र जाने क्या है? वादे

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डिजिटल भारत l लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपना घोषणापत्र (Congress Manifesto 2024) जारी कर दिया है. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने इसे ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है. इस मेनिफेस्टो में कांग्रेस ने जनता को 25 गारंटियां दी हैं, जिसमें सबसे अहम गरीब परिवार की महिलाओं को सालाना 1 लाख रुपए की मदद देने का वादा है.

इतना ही नहीं, अपने मेनिफेस्टो में कांग्रेस पार्टी ने वादा किया है कि देश में उसकी सरकार बनने पर वह जाति आधारित जनगणना कराएगी और आरक्षण की अधिकतम सीमा को बढ़ा कर 50 प्रतिशत से ज्यादा करेगी. कांग्रेस ने यह भी कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को वह सभी वर्गों के गरीबों के लिए बिना भेदभाव के लागू करेगी. घोषणा पत्र में कांग्रेस ने यह भी कहा है कि सरकार में आने के बाद वह नई शिक्षा नीति को लेकर राज्य सरकारों के साथ परामर्श करेगी और इसमें संशोधन करें करेगी.
कांग्रेस ने जिन मुद्दों को अपने घोषणापत्र में उठाया है, उनकी अहमियत समझाते हुए राजनीतिक विश्लेषक और अंग्रेज़ी अख़बार ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ के राजनीतिक संपादक विनोद शर्मा कहते हैं, ”लोकतंत्र का मतलब महज़ वोट डालना नहीं है, और इसके बहुत सारे हिस्से हैं जिन्हें संविधान निर्माताओं ने मौलिक अधिकारों की श्रेणी में रखा है.”

केरल और तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए विनोद शर्मा कहते हैं, ”दोनों प्रदेशों में राज्यपाल राज्य सरकार के बीच लगातार टकराव के हालात बने रहे हैं और दूसरी सरकारें भी जीएसटी के पैसे समय पर न मिलने जैसी शिकायतें करती हैं.”

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ही उत्तर प्रदेश में मदरसों पर आए हाई कोर्ट के एक ऑर्डर पर रोक लगा दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मदरसा क़ानून को ग़लत बताया था. लेकिन सर्वोच्च अदालत ने हाईकोर्ट के इस फ़ैसले पर स्टे लगा दिया है.
विनोद शर्मा कहते हैं कि ‘वर्तमान केंद्र और कई राज्यों की सरकारें कभी नागरिकता क़ानून संशोधन, और ‘लव जिहाद’ जैसे मुद्दे लाकर लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता पर बराबर हमले करती रहती हैं. साथ ही वोटरों को ये जानने का अधिकार है कि उसका मत सही व्यक्ति को गया है या नहीं.’

वहीं केरल में कांग्रेस पार्टी की नेता शमा मोहम्मद का कहना था कि नरेंद्र मोदी सरकार नागरिकता क़ानून लाती है लेकिन उसमें वो श्रीलंका के तमिल हिंदुओं, म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों और अन्य को क्यों भूल जाती है? आख़िर इन लोगों को भी तो भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है.

कांग्रेस के घोषणापत्र में जिसे ‘न्याय पत्र’ बताया गया है, उसमें ईवीएम के साथ वीवीपैट के इस्तेमाल की बात कही गई है ताकि वोटरों के वोटों का मिलान किया जा सके और वोटर ये जान सकें कि उनका वोट किसको गया है.
कांग्रेस ने युवाओं के रोज़गार के संबंध में ट्रेनिंग के लिए लाख रुपये प्रति युवा देने का वादा किया है. उसने यह भी कहा है कि अग्निपथ योजना को ख़त्म कर दिया जाएगा और उसकी जगह बहाली की पुरानी व्यवस्था क़ायम की जाएगी.

नरेंद्र मोदी सरकार की फौज में बहाली की अग्निपथ स्कीम बेहद विवादास्पद रही है. इसको लेकर फौज के पूर्व अफ़सर भी हैरत जताते रहे हैं.युवाओं में भी फौज में चंद सालों की भर्ती स्कीम को लेकर बेहद नाराज़गी दिखी थी हालांकि धीरे-धीरे ये शांत पड़ गई.

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा का कहना है कि फौज में भर्ती को दूसरे क्षेत्रों में नौकरियों की तरह नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि ये देश की रक्षा का सवाल है.

आलोक शर्मा से जब ये पूछा गया कि युवाओं को एक लाख की राशि देने की उनकी योजना क्या नरेंद्र मोदी सरकार की योजना की नकल नहीं है जो इस तरह की राशि युवाओं को रोज़गार के लिए देती है. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की योजना क़र्ज है जिसे चुकाना पड़ता है जबकि हम युवाओं के प्रशिक्षण के लिए ये राशि देंगे, और उन्हें ये पैसे वापस नहीं करने होंगे.

ग़रीब महिलाओं को एक लाख रुपये प्रति परिवार देने का वादा किया गया है.

कृषि के क्षेत्र में कांग्रेस के बड़े वादों में से एक है किसानों की क़र्ज़ माफ़ी का वादा और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर गारंटी देने वाला क़ानून.

अभी भी पंजाब के किसानों के कई समूह पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर एमएसपी पर क़ानून की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. 2020 में भी दिल्ली के पांच बॉर्डरों पर किसानों ने चौदह माह तक धरना दिया था.

कांग्रेस की छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने भी किसानों को देश में सबसे अधिक धान का मूल्य दिया था, साथ ही क़र्ज़ माफ़ी भी की थी. लेकिन पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में इन वादों के बावजूद कांग्रेस पार्टी को बीजेपी से हार का सामना करना पड़ा था.

न्यूनतम मज़दूरी को कम से कम 400 रुपये रोज़ाना करने का वायदा भी कांग्रेस के घोषणा पत्र में है.

‘न्याय के दस्तावेज’ के रूप में याद रखेगी जनता
कांग्रेस के घोषणापत्र पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘हमारा घोषणा पत्र देश के राजनीतिक इतिहास में ‘न्याय के दस्तावेज’ के रूप में याद किया जाएगा. राहुल गांधी के नेतृत्व में चलाई गई भारत जोड़ो न्याय यात्रा पांच स्तंभों पर केंद्रित थी. यात्रा के दौरान युवा न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिसदारी न्याय की घोषणा की गई. इन पांच स्तंभों में से 25 गारंटियां निकलती हैं और हर 25 गारंटियों में किसी न किसी को लाभ मिलेगा.’

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वाहनों से मतदाताओं को ढोया नहीं जा सकेगा, आयोग ने लगाये वाहनों के उपयोग पर कई प्रतिबंध

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डिजिटल भारत l निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के तहत मतदान के दिन मतदाताओं को वाहनों से ढोने पर
प्रतिबंध लगाया है। आयोग के मुताबिक मतदान के दिन कोई भी उम्मीदवार, उसका निर्वाचन अभिकर्ता या उसकी
सहमति से अन्य कोई भी व्यक्ति मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक ले जाने और वहां से वापस लाने के लिए
वाहनों की सुविधा उपलब्ध नहीं करायेगा। आयोग ने कहा है कि यदि कोई उम्मीदवार ऐसा करता है तो वह भ्रष्ट
आचरण माना जायेगा और इस प्रकार के भ्रष्ट आचरण पर उसे दण्ड दिया जा सकता है। इसके साथ ही लोक
प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 133 के अधीन उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
निर्वाचन आयोग ने मतदान के दिन वाहनों के दुरूपयोग को रोकने कई तरह के प्रतिबंध भी लगाये हैं । इसके
अनुसार मतदान के दिन विधानसभा चुनाव लड रहे प्रत्येक उम्मीदवार को उसके निर्वाचन क्षेत्र के लिए केवल तीन
वाहनों के उपयोग की अनुमति ही दी गई है। इसमें से एक का उपयोग उम्मीदवार स्वयं अपने लिए कर सकेगा
जबकि दूसरा वाहन का उपयोग उसका निर्वाचन अभिकर्ता तथा तीसरे वाहन का उपयोग उसके कार्यकर्ता कर सकेंगे।
इसके लिए भी उम्मीदवार को रिटर्निंग अधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त करना जरूरी होगा।
निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं के निर्वाचन विधि का उल्लघंन करके वाहनों से मतदान बूथों तक ले जाने
और वापस लाने पर रोक लगाने की दृष्टि से मतदान क्षेत्रों में मतदान के दिन सभी तरह के यंत्र चलित या अन्यथा
चलित वाहनों जिसमें टैक्सी, निजी कार, ट्रक, बस, मिनी बस, ट्रक, ट्रेक्टर, आटोरिक्शा, स्कूटर, स्टेशन वैगन आदि के
संचालन को विनियमित किया है।
आयोग ने कहा है कि मतदान क्षेत्र में मतदान के दिन बस व मिनी बस जैसे सार्वजनिक परिवहन के
वाहनों को चलाये जाने की अनुमति तो होगी लेकिन निश्चित मार्गों और निश्चित स्थानों के बीच ही इन्हें चलाया
जा सकेगा। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि निजी वाहनों एवं टैक्सियों को मतदान के दिन मतदान केन्द्रों को
छोड़कर अस्पतालों, विमानपत्तनों, रेल्वे स्टेशनों, बस अड्डों मित्र या रिस्तेदारों के घरों, क्लबों, एवं रेस्टारेण्ट जैसे
स्थानों तक यात्रियों को ले जाने के लिए चलने दिया जायेगा । लेकिन मतदाताओं के ढोने के लिए मतदान केन्द्रों
के समीप छुपे तौर पर इन्हें आने नहीं दिया जायेगा। इन वाहनों के यातायात को इस प्रकार दूसरे मार्ग पर ले जाया
जायेगा ताकि उनके दुरूपयोग पर प्रभावी रूप से नियंत्रण किया जा सके।
आयोग के अनुसार मतदान के दिन निजी उपयोग के लिए जिसका संबंध निर्वाचन से न हो, निजी वाहनों को
चलाने की अनुमति होगी। इसके अलावा अनिवार्य सेवाओं के लिए प्रयुक्त वाहनों मसलन अस्पताल वाहन, रोगी
वाहन, दुग्ध वाहन, पानी के टैंकर, विद्युत ड्यूटी वाहन, पुलिस वाहन को भी मतदान के दिन चलाये जा सकेंगे।
आयोग ने निजी वाहन स्वामियों को या तो स्वयं के लिए या उनके अपने परिवार के सदस्यों के उनके
मताधिकार के उपयोग के लिए मतदान केन्द्र परिसर तक निजी वाहन ले जाने की अनुमति दी है। लेकिन इस शर्त
पर कि ऐसे वाहन मतदान केन्द्र के 200 मीटर के दायरे में केवल एक बार ही प्रवेश कर सकेंगे। आयोग ने मतदान
के दिन वाहनों के उपयोग पर लगाये गये इन प्रतिबंधों का उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है और
कहा कि दुरूपयोग पाये जाने पर ऐसे वाहनों को जप्त कर लिया जायेगा।

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हस्ताक्षर के पहले लगाई जायेगी मतदाता की बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही, इंकार करने पर मतदान नहीं करने दिया जायेगा

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डिजिटल भारत l भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में मतदान केन्द्र पर वोट डालने पहुंचे
मतदाता की बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही का निशान मतदाता रजिस्टर पर उसके हस्ताक्षर करने के पहले लगाया
जायेगा। ऐसा इसलिए किया जायेगा ताकि मत देने के बाद मतदाता के मतदान केन्द्र छोड़ने तक अमिट स्याही को
सूखने और एक सुस्पष्ट अमिट चिन्ह बनने के लिए पर्याप्त समय मिल जाये। मतदाता की अंगुली पर अमिट
स्याही नाखून से लेकर अंगुली के पहले पोर तक लगायी जायेगी।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अमिट स्याही लगाने के पहले मतदान अधिकारियों द्वारा मतदाता की बायीं
तर्जनी का निरीक्षण भी किया जायेगा। यदि निरीक्षण में यह देखने में आता है कि किसी मतदाता ने अमिट स्याही
के चिन्ह को प्रभावहीन करने के लिए अपनी अंगुली पर तैलीय या चिकनाईयुक्त पदार्थ लगा लिया है तो मतदान
अधिकारी द्वारा उस मतदाता की अंगुली पर अमिट स्याही का चिन्ह लगाने के पहले किसी कपड़े के टुकड़े की
सहायता से ऐसा तैलीय या चिकनाईयुक्त पदार्थ को हटा दिया जायेगा ।
आयोग के निर्देशों में मतदान अधिकारियों से स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई मतदाता निर्देशों के
विपरीत अपनी बायीं तर्जनी का निरीक्षण करने या अमिट स्याही लगाने से इंकार करे या उसकी बायीं तर्जनी पर
ऐसा कोई चिन्ह पहले से ही हो अथवा वह स्याही को हटाने की दृष्टि से कोई भी कृत्य करे तो उसे मत देने के
लिए अनुमति नहीं दी जाये।
आयोग ने यह भी कहा है कि मतदाता को अपना मत रिकार्ड करने के लिए मतदान कक्ष में जाने की अनुमति
देने के पहले नियंत्रण यूनिट के प्रभारी मतदान अधिकारी द्वारा भी उसकी अंगुली की दुबारा जांच की जानी चाहिए।
यदि मतदाता ने स्याही को हटा दिया है या स्याही का चिन्ह अस्पष्ट है तो उसकी बायीं तर्जनी पर दुबारा अमिट
स्याही का चिन्ह लगा दिया जाये।
आयोग के मुताबिक मतदान कर चुके मतदाता की पहचान के लिए अमिट स्याही का चिन्ह मतदाता की
बायीं तर्जनी की अंगुली पर लगाया जायेगा। लेकिन यदि किसी मतदाता की बायीं तर्जनी न हो तो अमिट स्याही
उसकी ऐसी किसी भी अंगुली में लगाई जायेगी जो उसके बायें हाथ में हो । यदि उसके बाये हाथ में कोई भी अंगुली
न हो तो स्याही उसकी दायें हाथ की तर्जनी पर लगाई जायेगी और यदि उसके दायें हाथ की तर्जनी भी न हो तो
उसकी दायीं तर्जनी से प्रारंभ करते हुए उसके दायें हाथ की किसी भी अन्य अंगुली पर स्याही लगाई जायेगी ।
परन्तु यदि किसी मतदाता के किसी भी हाथ में कोई भी अंगुली न हो तो स्याही उसके बायें या दायें हाथ के ऐसे
सिरे (ठूंठ) पर जो भी उसके हो लगायी जायेगी।

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आज शाम 6 बजे से मतदान की समाप्ति तक बंद रहेंगी शराब दुकानें

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डिजिटल भारत l विधानसभा का निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर
सौरभ कुमार सुमन ने आज एक आदेश जारी कर मतदान समाप्ति के नियत समय के 48 घण्टे पूर्व की अवधि से
मतदान समाप्ति की अवधि तक तथा मतगणना दिवस पर सम्पूर्ण जिले की राजस्व सीमा में शुष्क दिवस घोषित
किया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 ग के
प्रावधानों के तहत जारी किये गये इस आदेश के मुताबिक जिले की राजस्व सीमा में मतदान समाप्ति के नियत
समय के 48 घण्टे पूर्व अर्थात 15 नवंबर की शाम 6 बजे से मतदान की समाप्ति अर्थात 17 नवंबर की शाम 6
बजे तक शुष्क दिवस रहेगा । इसी प्रकार 3 दिसम्बर को मतगणना के दिन को भी शुष्क दिवस घोषित किया गया
है
शुष्क दिवस की अवधि में जिले की सभी मदिरा दुकानों, एम्बी वाईन आउटलेट, देशी मद्य भण्डारागार
जबलपुर एवं सिहोरा तथा विदेशी मदिरा मद्य भण्डारागार करमेता से मदिरा का विक्रय, परिवहन अथवा प्रदाय को
पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है
आदेश के अनुसार जिले के सभी मतदान क्षेत्र में किसी भी होटल, आहार गृह, क्लब, मधुशाला में अथवा अन्य
किसी सार्वजनिक तथा निजी स्थान में कोई भी स्प्रिटयुक्त, किण्वित या मादक लिकर या वैसी ही प्रकृति के अन्य
पदार्थ का भी विक्रय, संग्रहण, एवं परिवहन भी प्रतिबन्धित रहेगा ।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने आबकारी एवं पुलिस विभाग को आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के
निर्देश दिये हैं आदेश में हिदायत दी गई है कि शुष्क दिवस की अवधि में जिले में किसी भी प्रकार के मादक
द्रव्य का अवैध कब्जा, परिवहन, विक्रय इत्यादि न हो ।

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कांग्रेस प्रत्यासी राजेश पटेल को क्षेत्र में मिल रहा अपार जन समर्थन एक जुट हुई कांग्रेस, बदला नजर आने लगा माहौल

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डिजिटल भारत l इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा से 10 साल से विधायक रहे सुशील इंदु तिवारी पुनः भाजपा से प्रत्यासी है तो वहीं कांग्रेस ने ओबीसी कार्ड खेलकर पनागर विधानसभा में राजेश पटेल को प्रत्यासी बनाया गया है जिन्हें जनसंपर्क के दौरान पनागर ही नही बरेला क्षेत्र में भी जनता का भरपूर प्यार और जन समर्थन मिल रहा है, पनागर प्रत्यासी राजेश पटेल पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं अपने अध्यक्ष के कार्यकाल में राजेश पटेल ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार दौरा कर अपनी पहचान बना चुके थे अब वो कांग्रेस से विधानसभा प्रत्यासी के रूप में फिर से जनता के बीच में हैं अब जनता भी उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष के बाद पनागर में विधायक बनना देखना चाह रही है जिसके चलते इस चुनाव में उन्हें जनता के बीच वही स्नेह और सम्मान मिल रहा है।
हाल में हुए जिला पंचायत चुनाव में राजेश पटेल ने अपने छोटे भाई विवेक पटेल को जिला पंचायत चुनाव में भारी मतों से विजयी बनाया था जो आज जिला पंचायत में उपाध्यक्ष पद पर है, विवेक पटेल भी जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहते ग्रामीण अंचलों में लगातार दौरा किया जिसका पूरा लाभ भी इस चुनाव में राजेश पटेल को मिलता नजर आ रहा है।
तो वहीं पूर्व में निर्दलीय प्रत्यासी रहे भारत सिंह यादव की पत्नी श्रीमती प्रभा यादव भी राजेश पटेल के पक्ष में खुलकर मैदान में प्रचार प्रसार कर रहे हैं तो वहीं सेवादल के राष्ट्रीय महासचिव सत्येंद्र यादव भी समस्त 310 बूथों में अपनी टीम के साथ राजेश पटेल के समर्थन में जीत दिलाने पुरजोर मेहनत कर रहे हैं, वहीं प्रदेश महामंत्री विनोद श्रीवास्तव ने भी अपनी टीम कांग्रेस को विजयी बनाने लगा रखी है, ब्लॉक कांग्रेस पनागर और बरेला, युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई के साथ ओबीसी एससी एसटी संयुक्त मोर्चा मध्यप्रदेश जन जागरण मोर्चा (कमलनाथ ग्रुप) के साथ कुर्मी क्षत्रिय महासभा के खुले समर्थन ने इस चुनाव को और भी रोमांचक बना दिया है, कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक डोर में एक जुट होकर चुनाव लड़ रही है जिससे यह चुनाव काफी रोमांचक स्थिति में पंहुच चुका है। अब जनता को ही तय करना है कि आगामी 17 नवंबर तक इस तरह से जनता का मिल रहा जनसमर्थन वोट में तब्दील हो रहा है या जनता के मन में 10 साल से विधायक रहे सुशील इंदु तिवारी को तीसरी बार चुनकर पुनः विधायक बनाना चाह रही है यह तो 3 दिसंबर को आने वाला परिणाम में ही दिखाई देगा

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दो दिन में 5 हजार 300 से अधिक चुनाव कर्मियों ने किया डाक मत पत्र से मतदान

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डिजिटल भारत l विधानसभा चुनाव कराने संलग्न अधिकारियों कर्मचारियों को डाकमत पत्र से मतदान की दी गई सुविधा का
लाभ उठाते हुये दो दिनों में 5 हजार 300 चुनाव कर्मियों द्वारा मतदान किया जा चुका है। चुनाव कर्मियों को
जिनमें मतदान दल में शामिल अधिकारी-कर्मचारी, माइक्रो आब्जर्बर्स विशेष पुलिस अधिकारी बनाये गये कर्मचारी
तथा चुनाव कार्य से संलग्न वाहनों के ड्राइवर, कंडक्टर एवं क्लीनिक भी शामिल है, डाक मत पत्र से मतदान की
सुविधा माढ़ोताल स्थित श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में चल रहे मतदान कर्मियों के दूसरे चरण के प्रशिक्षण
के दौरान उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिये यहां प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र पर तीन-तीन फेसिलिटेशन सेण्टर
बनाये गये है।
जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक इन फेसिलिटेशन सेण्टर्स पर पहले दिन मंगलवार 7 नवंबर को 2
हजार 848 चुनाव कर्मियों ने तथा दूसरे दिन आज बुधवार 8 नवंबर को करीब 2 हजार 500 चुनाव कर्मियों द्वारा
डाकमत पत्र से अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया गया है। चुनाव कर्मियों को डाकमत पत्र से मतदान की
सुविधा गुरूवार 9 नवंबर को भी उपलब्ध रहेगी। ड्रायवर-कंडक्टर-क्लीनर 11 नवंबर तक कर सकेंगे डाकमत पत्र से मतदान
जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक चुनाव कर्मियों की तरह चुनाव कार्य में संलग्न किये गये वाहनों के
ड्राईवर, कंडक्टर एवं क्लीनर को भी डाकमत पत्र से मतदान की सुविधा उपलब्ध होगी।

ड्राइवर, कंडक्टर एवं क्लीनर 11 नवंबर तक श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी के भवन क्रमांक दो में बने फेसिलिटेशन सेण्टर में मतदान कर सकेंगे। डाकमत पत्र से मतदान के लिये इन्हें अपना वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड और ड्यूटी आदेश लेकर
फेसिलिटेशन सेण्टर पर पहुंचना होगा। अन्य जिलों में रहने वाले शासकीय सेवक भी कर सकेंगे डाकमत पत्र से मतदान जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार डाकमत पत्र से मतदान की सुविधा जिले में पदस्थ ऐसे मतदान कर्मियों को भी होगी जिनके नाम दूसरे जिले की मतदाता सूची में हैं लेकिन वे शासकीय सेवा जबलपुर जिले में कर रहे हैं। ऐसे शासकीय सेवकों को डाकमत पत्र से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण के दौरान श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में अलग से फेसिलिटेशन सेण्टर स्थापित किया गया है।
रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में 11 नवंबर से डाले जा सकेंगे डाकमत पत्र से वोट जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में मतदान दलों का दूसरे चरण का प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद चुनाव कर्मियों को डाकमत पत्र से मतदान की सुविधा देने जिले की आठों विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में फेसिलिटेशन सेण्टर स्थापित किये जायेंगे। रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में बनाये जाने वाले इन फेसिलिटेशन सेण्टर्स पर चुनाव कर्मी 11 नवंबर से मतदान कर सकेंगे।

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दिव्यांग और अस्सी वर्ष से अधिक मतदाताओं से डाकमत से मतदान कराने आज से घर-घर जायेंगे मतदान दल

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डिजिटल भारत l भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांग एवं अस्सी वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को डाकमत पत्र के
माध्यम से घर से ही मतदान करने की दी गई सुविधा के मुताबिक जबलपुर जिले की सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों
के ऐसे 1 हजार 891 मतदाताओं से मतदान कराने मंगलवार 7 नवंबर से मतदान दल उनके घर पहुंचेंगे। डाकमत
पत्र से घर से मतदान करने की फार्म 12-डी में सहमति देने वाले इन मतदाताओं से मतदान कराने कुल 69 दलों
का गठन किया गया है। प्रत्येक दल में एक पीठासीन अधिकारी और एक मतदान अधिकारी क्रमांक एक होगा।
इनके अलावा एक माइक्रो आब्जर्वर, एक सुरक्षा कर्मी, एक वीडियोग्राफर भी दल के साथ मौजूद रहेगा।
जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक दिव्यांग और अस्सी वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को घर से
डाकमत पत्र से मतदान की दी गई सुविधा के तहत मतदान दल पहले चरण में 7 और 8 नवंबर को इन
मतदाताओं के घर पहुंचेंगे और मतदान करायेंगे। इस दौरान यदि वे अनुपस्थित रहे तो 9 और 10 नवंबर को दूसरे
चरण में मतदान दल दोबारा उनके घर पहुंचेंगे। इसकी बकायदा घर में मौजूद परिवार के सदस्यों को सूचना दी
जायेगी जिसमें दिन और समय का उल्लेख भी रहेगा। दुबारा भी घर में अनुपस्थित रहने पर ऐसे मतदाताओं को
मतदान की सुविधा नहीं होगी वे मतदान केन्द्र पर जाकर भी अपना वोट नहीं डाल सकेंगे।
जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक दिव्यांग और अस्सी वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं से घर-घर
जाकर डाकमत पत्र से मतदान कराये जाने वाले मतदान दलों के रूट चार्ट की सूचना चुनाव लड़ रहे सभी
उम्मीदवारों को दी जा चुकी है। मतदान के दौरान उम्मीदवारों के मतदान अभिकर्ता अथवा राजनैतिक दलों के बूथ
लेवल अभिकर्ता भी दिव्यांग एवं अस्सी प्लस मतदाताओं के घर पर मौजूद रह सकेंगे। मतदान की इस समूची
प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी भी कराई जायेगी। जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार विधानसभा क्षेत्र पाटन में दिव्यांग एवं अस्सी वर्ष से अधिक आयु के 356 मतदाताओं से घर से मतदान कराने 10 मतदान दल गठित किये गये हैं। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र बरगी में 236 मतदाताओं से मतदान कराने दस, जबलपुर पूर्व के 197 मतदाताओं से मतदान कराने सात, जबलपुर उत्तर
के 268 मतदाताओं से मतदान कराने दस, जबलपुर केण्ट के 219 मतदाताओं से मतदान कराने आठ, जबलपुर
पश्चिम के 220 मतदाताओं से मतदान कराने आठ, पनागर के 140 मतदाताओं से मतदान कराने छह तथा
विधानसभा क्षेत्र सिहोरा के दिव्यांग एवं अस्सी वर्ष से अधिक आयु के 255 मतदाताओं से घर से डाकमत पत्र के
जरिये मतदान कराने दस मतदान दलों का गठन किया गया

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बिना अनुमति के रैली निकालने एवं अनुमति की शर्त का उल्लंघन करने पर दो प्रत्याशियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज

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डिजिटल भारत l चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर बिना अनुमति रैली निकालने तथा आमसभा के लिये दी गई
अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने पर विधानसभा क्षेत्र जबलपुर पूर्व से चुनाव लड़ रहे दो प्रत्याशियों के खिलाफ
एफआईआर दर्ज कराई गई है।
अनुविभागीय अधिकारी आधारताल अनुराग सिंह के मुताबिक जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से
एआईएमआईएम के प्रत्याशी गजेन्द्र सोनकर द्वारा 3 नवम्बर को शाम 5.30 बजे भानतलैया से मंडी मदार टैकरी
तरफ 40 से 50 साथियों के साथ पैदल रैली निकाली जा रही थी। रैली में ई-रिक्शा क्रमांक एमपी 20 आर.ए.
1223 भी था जिसमें गजेन्द्र सोनकर के बैनर-पोस्टर लगे थे। उन्होंने बताया कि मौके पर एफएसटी दल क्रमांक
पांच के प्रमुख सहायक प्राध्यापक पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय अनिल शिंदे द्वारा रैली की अनुमति
के बारे में पूछे जाने पर प्रत्याशी गजेन्द्र सोनकर द्वारा कोई अनुमति नहीं होना बताया गया। ई-रिक्शा की विंड
स्क्रीन पर भी कोई अनुमति नहीं लगी थी।
अनुविभागीय अधिकारी आधारताल ने बताया कि बिना अनुमति रैली निकालकर आदर्श आचार संहिता का
उल्लंघन करने के इस मामले में एफएसटी दल प्रमुख अनिल शिंदे द्वारा हनुमानताल थाने में एफआईआर दर्ज
कराई गई। बिना अनुमति निकाली जा रही रैली की वीडियोग्राफी भी एफएसटी दल द्वारा कराई गई है। हनुमानताल
थाना द्वारा इस मामले में भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171-एच एवं धारा 188 के तहत प्रकरण कायम
कर लिया गया है।
एसडीएम आधारताल के मुताबिक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दूसरे मामले में जबलपुर
विधानसभा के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अंचल सोनकर के विरूद्ध एफएसटी दल क्रमांक आठ के प्रमुख
सहायक प्राध्यापक पशु चिकित्सा डॉ. मनीष जाटव द्वारा रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय से मिली आमसभा की
अनुमति की शर्तों के उल्लंघन के मामले में बेलबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उन्होंने बताया कि एफ
एस टी दल को 3 नवंबर की शाम लगभग 6.30 बजे सूचना प्राप्त हुई थी कि प्रत्याशी अंचल सोनकर के संबंध
में अंबेडकर चौक से घमापुर चौक के बीच का आधे एक तरफ के मुख्य मार्ग को टेंट लगाकर बाधित किया जा रहा
है। एफएसटी दल द्वारा मौके पर पहुंचकर वीडियो ग्राफी कराई गई। आयोजन के संबंध में मौके पर रिटर्निंग
अधिकारी कार्यालय जबलपुर पूर्व द्वारा जारी अनुमति देखने पर पाया गया कि इसमें कार्यक्रम स्थल पाण्डेय
अस्पताल के सामने मेन रोड घमापुर का उल्लेख है जबकि अनुमति में दी गई शर्तो का उल्लंघन कर सम्पूर्ण सड़क
(एक तरफ) में मंच बना लिया गया जिससे बाधा उत्पन्न हुई। बेलबाग थाने ने इस मामले में भारतीय दण्ड संहिता
की धारा 188 के तहत प्रकरण पंजीवद्ध किया है।

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प्रदेश में 17 नवंबर को सुबह 7 से शाम 6 बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिले के कुछ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह 7 से दोपहर 3 होगा मतदान

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डिजिटल भारत l मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश में 17 नवंबर को सुबह 7 से शाम 6
बजे तक मतदान प्रक्रिया चलेगी। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है।
राजन ने बताया कि मतदान शुरू होने के डेढ़ घंटे पहले सुबह 5:30 बजे से मॉकपोल की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। यह
प्रक्रिया अभ्यर्थी या उसके अधिकृत एजेन्ट की उपस्थिति में होगी। यदि कोई अभ्यर्थी या उसका एजेन्ट 5:30 बजे
मतदान केन्द्र पर उपस्थित नहीं होता है, तो 15 मिनट तक उसका इंतजार किया जाएगा। इसके बाद मतदान दलों
और अन्य सदस्यों की उपस्थिति में मॉकपोल की प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी। न्यूनतम 50 वोट से मॉकपोल किये
जाने का प्रावधान है, जिसमें नोटा भी शामिल होगा। मॉकपोल की प्रक्रिया प्रारंभ करने से पूर्व बैलेट यूनिट एवं
वीवीपीएटी को वीवीपीएटी कम्पार्टमेंट में रखा जाएगा। कंट्रोल यूनिट को पीठासीन अधिकारी की टेबल या मतदान
अधिकारी के टेबल पर रखना होगा।
राजन ने बताया कि प्रदेश के बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिलों के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 7
से दोपहर 3 बजे तक मतदान प्रक्रिया चलेगी। इसमें बालाघाट जिले के तीन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 108-बैहर
(अ.ज.जा.), 109-लांजी और 110 -परसवाड़ा के सभी मतदान केंद्र, मंडला जिले के 105-बिछिया विधानसभा निर्वाचन
क्षेत्र के-47 मतदान केंद्रों पर, 107-मंडला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 8 मतदान केंद्रों तथा
डिण्डोरी जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-104 डिण्डोरी के 40 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक
मतदान प्रक्रिया चलेगी। समस्‍त श्रमिकों को 17 नवम्‍बर मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश के निर्देश
विधानसभा आम निर्वाचन 2023 का निर्वाचन कार्यक्रम जारी किया गया है, जिसमें 17 नवम्‍बर को
मतदान किया जाना निर्धारित है। उक्‍त दिशा निर्देशों के अनुसार श्रमायुक्‍त के निर्देश तथा लोक प्रतिनिधित्‍व
अधिनियम 1951 की धारा 135 (ग) के प्रावधान अनुसार प्रदेश की समस्‍त विधानसभाओं के क्षेत्रों में आने वाले
सभी कारोबार, व्‍यवसाय, उद्योगिक उपक्रम या किसी अन्‍य स्‍थापना में नियोजित प्रत्‍येक श्रमिक को चाहे वह
दैनिक मजदूर या आकस्मिक श्रेणी का ही हो उसे विधानसभा निर्वाचन 2023 में मतदान करने का अधिकार है।
ऐसे समस्‍त श्रमिकों को 17 नवम्‍बर मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश मंजूर किया जाना आवश्‍यक है। साथ
ही यह भी उल्‍लेख किया गया है कि यदि कोई कामगार किसी ऐसे उद्योग या स्‍थापना में नियोजित है जो उस
विधानसभा क्षेत्र के बाहर है जहां आम निर्वाचन हो रहें है। तब भी उन्‍हें मतदान के लिये सवैतनिक अवकाश की
पात्रता होगी। प्रभारी सहायक श्रमायुक्‍त ने जिले के सभी कारोबार, व्‍यवसाय, उद्योगिक उपक्रम या अन्‍य
स्‍थापना के प्रबंधकों या नियोजकों को निर्देशित किया है कि वे कार्यरत सभी कामगारों को विधानसभा निर्वाचन में
मताधिकार का उपयोग सुविधाजनक एवं निर्बाध रूप से सुनिश्चित करने की दृष्टि से लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम
1951 के उक्‍त प्रावधान का पालन सुनिश्चित करते हुये मतदान दिवस को समस्‍त श्रेणी के कामगारों को
सवैतनिक अवकाश अनिवार्यत: प्रदान करें।

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कम महिला वोटर टर्नआउट को शत प्रतिशत मतदान में बदलने आयोजित किये गये जागरूकता के कार्यक्रम

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डिजिटल भारत l विधानसभा के 17 नवंबर को होने वाले चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान के उद्देश्य से पिछले निर्वाचनों के
कम वोटर टर्न आउट वाले चिन्हित किये गये मतदान केंद्रो में आयोजित की जा रही गतिविधियों के तहत आज
बुधवार को जिला निर्वाचन कार्यालय के स्वीप सेल द्वारा शहरी विधानसभा क्षेत्रों में जागरूकता के विभिन्न कार्यक्रम
आयोजित किये गये।
इन कार्यक्रमों में जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र क्रमांक-40 में महिला वोटर टर्न आउट
शत-प्रतिशत पहुँचाने का लक्ष्य लेकर जिला स्वीप शाखा द्वारा एपीसी तरुण राज दुबे के नेतृत्व में संबंधित बीएलओ
संभागीय अधिकारी नगर निगम तथा प्रियदर्शनी अंजुमन महाविद्यालय की समेकित जिम्मेदारी तय की गई । इसे
अभियान बनाते हुए अंजुमन महिला महाविद्यालय की प्राचार्य शबाना अंजुम, निर्वाचन साक्षरता क्लब की
नोडल अधिकारी रेशमा शेख के समन्वय में महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने “डाले वोट, बूथ पर जायें,
लोकतंत्र का पर्व मनाए” थीम पर रोचक नुक्कड़ नाटक मतदान केंद्र पर किया गया तथा नागरिकों को मतदान करने
तथा अन्य को भी वोट डालने प्रेरित करने का संकल्प दिलाया गया।
विधानसभा क्षेत्र जबलपुर उत्तर में जागरूकता कार्यक्रम में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक वार्ड स्थित मतदान
केंद्र क्रमांक -216 से सबंधित क्षेत्र की महिला मतदाताओं को वोट के प्रति जागरूक करने एपीसी राजेश तिवारी,
मानकुँवर बाई महिला महाविद्यालय प्राचार्य डॉ संध्या चौबे, ईएलसी नोडल श्रद्धा तिवारी द्वारा समन्वित
प्रयास कर नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर शत-प्रतिशत मतदान का स्पष्ट संदेश प्रसारित कर उपस्थित महिलाओं
से अनिवार्य मतदान हेतु संकल्प लिया गया।


विधानसभा क्षेत्र जबलपुर पश्चिम के मतदान केंद्र क्रमांक-149 से सबंधित क्षेत्र के मतदाताओं को जागरूकता
करने हेतु संकल्प लिया गया अपील की गई तथा शपथ दिलवाई गई तथा इससे जुड़े क्षेत्र का हवाबाग महिला
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सैयद सहेवार, ईएलसी नोडल अधिकारी रुचि केसरवानी एपीसी मोनिका लकड़ा, सेक्टर
अधिकारी माधव सिंह यादव एवं महाविद्यालय के छात्रों द्वारा हाथों में तख्ती लेकर व्यापक भ्रमण कर क्षेत्र में
जागरूकता की लहर फैलाई गई|
विधानसभा क्षेत्र जबलपुर केंट के अंतर्गत सेंट अलायसियस महाविद्यालय के संयोजन में विद्यार्थियों
द्वारा अपने अभिभावकों को वोट देने हेतु संकल्प लिया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा समस्त स्टाफ तथा
अन्य सभी को अधिक से अधिक मतदान करने हेतु प्रेरित किया गया।
जिला निर्वाचन कार्यालय के स्वीप समन्वयक प्रमोद श्रीवास्तव ने बताया कि मतदाता जागरूकता के
कार्यक्रम व्यापक रूप से निरंतर जारी रहेंगे।

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