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एक भारत उत्कृष्ट भारत

जाग रहा है सूरज

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 सूरज में लगातार स्पॉट बन रहे हैं और इनमें होने वाले विस्फोट से निकलती किरणें लगातार धरती की तरफ आ रही हैं. 3 और 4 नवंबर को सूरज से तेज सौर किरणें निकलीं जिसकी वजह से अमेरिका समेत धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में नॉदर्न लाइट्स देखने को मिलीं. 1 और 2 नवंबर को भी वैज्ञानिकों ने धरती की तरफ तेज सौर किरणों के आने की संभावना जताई थी. वैज्ञानिकों ने बताया है कि सूरज से अचानक निकलने वाली सौर किरणों की वजह क्या है

सूरज के सक्रिय होने की एक साइकिल होती है. इसे सोलर साइकिल कहते हैं. सोलर साइकिल 11 साल की होती है. सूरज 11 साल तक शांत रहता है और इसके बाद इसमें विस्फोट होने लगते हैं. इसे कोरोनल मास इजेक्शन कहते हैं. इसमें सन स्पॉट बनने लगते हैं और जब ये स्पॉट फटते हैं, तब इससे निकलने वाली किरणें धरती की तरफ आती हैं. नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन में स्पेस वेद प्रेडिक्शन सेंटर के प्रोग्राम कॉर्डिनेटर Bill Murtagh के मुताबिक, पिछले कुछ सालों से सूरज में कोई गतिविधि नहीं हो रही थी. वो शांत था, लेकिन अब ऐसा नहीं है.

सौर तूफानों का असर क्या होगा?

वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगले कुछ सालों तक हमें ऐसे सौर तूफानों और सौर गतिविधियों के लिए तैयार रहना होगा. इसकी वजह से सैटेलाइट्स और ग्रिड्स को नुकसान हो सकता है. पिछले हफ्ते सूरज से कई सौर तूफान धरती की तरफ आए. यानी इस  दौरान कई कोरोनल मास इजेक्शन हुए. सूरज से आग के बुलबुले निकल रहे हैं और ये एक बार में अरबों टन प्लाज्मा गैस और चुंबकीय फील्ड पैदा कर रहा है. ये तेजी से सौर मंडल में फैलने लगता है जिससे गर्म लहरें तेजी से धरती की तरफ आने लगती हैं. 

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चार धाम यात्रा प्रोजेक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

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चार धाम राजमार्ग परियोजना में सड़कों को चौड़ा करने पर आपत्ति जताने वाली एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सैनिकों को उच्च सीमा वाले क्षेत्रों में नहीं ले जाया जा सकता है।

रणनीतिक 900 किलोमीटर लंबी चार धाम राजमार्ग परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के चार शहरों (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ) को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

रक्षा मंत्रालय ने पहले के एक आदेश को वापस लेने के लिए एक आवेदन दायर किया है जिसमें अदालत ने कहा था कि चौड़ाई 5.5 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।

एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा, “सेना ने कभी नहीं कहा कि हमें ये चौड़ी सड़कें चाहिए। राजनीतिक सत्ता में किसी उच्च व्यक्ति ने कहा कि हम चार धाम यात्रा पर राजमार्ग चाहते हैं। सेना अनिच्छा से साथ उनके साथ चली गई।”

गोंसाल्वेस ने बताया कि इस साल बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है, जिससे पहाड़ों में नुकसान और बढ़ गया है। उन्होंने कहा, “राजमार्ग का विकास प्रतिष्ठित चार धाम परियोजना के लिए किया गया था।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने गोंजाल्विस से पूछा कि क्या उनके पास सीमा के दूसरी ओर हिमालय की स्थिति पर कोई रिपोर्ट है जहां चीनियों ने इमारतों और प्रतिष्ठानों का निर्माण किया है। गोंसाल्वेस ने कहा, “चीनी सरकार पर्यावरण की रक्षा के लिए नहीं जानी जाती है। हम कोशिश करेंगे और देखेंगे कि क्या हमें वहां की स्थिति के बारे में कोई रिपोर्ट मिल सकती है।”

उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा तक सड़कों के चौड़ीकरण पर चार धाम राजमार्ग परियोजना की निगरानी कर रही है।

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COP26: जलवायु परिवर्तन का मानव जीवन पर प्रभाव

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जलवायु में हो रहे बदलाव को लेकर हो रहे सीओपी26 शिखर सम्मेलन के दौरान इसराइल की मंत्री काराइन एलहरर सुर्ख़ियों में आ गईं. ऐसा इसलिए क्योंकि व्हीलचेयर के लिए बेहतर इंतज़ाम न होने के चलते वो इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो सकीं. काराइन विकलांग होने के कारण व्हीलचेयर से ही चलती हैं.

दूसरे विकलांग लोगों के लिए उनका इस सम्मेलन में शरीक न हो पाने की घटना, वैसा ही अनुभव है जैसा वो खुद अनुभव करते हैं. कई विकलांगों को अक्सर ये महसूस होता है कि उनकी शारीरिक चुनौतियों के कारण उन्हें जलवायु में हो रहे बदलाव जैसे मसलों पर होने वाली बातचीत से दूर कर दिया जाता है या फिर वो ऐसी चर्चा में पीछे छूट जाते हैं.

जुलाई 2018 में कनाडा का मॉन्ट्रियल लू की तगड़ी चपेट में आ गया. कई दिनों तक वहां का तापमान 35.5 सेल्सियस (95.9 फारेनहाइट) तक बढ़ा रहा. अस्पताल हीटस्ट्रोक के मरीज़ों से पट गए और 61 लोग इससे मारे गए. इनमें से एक चौथाई को स्कित्ज़ोफ्रेनिया की बीमारी थी.

बाढ़ में विकलांगों को होने वाली समस्याएं

इस गर्मी में, जर्मनी के सिंजिग शहर में विकलांगों की देखरेख करने वाले एक घर में रह रहे 12 विकलांगों की बाढ़ की चपेट में आकर मौत हो गई. अचानक पानी बढ़ जाने पर ये लोग उस घर से निकल पाने में नाकाम रहे. वैज्ञानिकों और नेताओं ने इस बाढ़ का कारण जलवायु परिवर्तन को बताया है.

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भारत में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं.जिम्मेदार कोन हैं

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भारत में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं. इनमें से आधे से ज्यादा गंभीर रूप से कुपोषित श्रेणी में आते हैं. जिन राज्यों में कुपोषित उनमें महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात सबसे ऊपर हैंये आकंड़े एक आरटीआई (RTI) के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

ने दिए हैं.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने चिंता जताई है कि कोविड महामारी के चलते गरीब लोगों में स्वास्थ्य और पोषण संकट और बढ़ सकता है. मंत्रालय के मुताबिक, 14 अक्टूबर, 2021 तक देश में 17.76 लाख बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित

एक ही साल में बढ़ गए 91% मामले

33.23 लाख कुपोषित बच्चों का यह आंकड़ा देश के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पोषण ट्रैकर ऐप से लिया गया है.पिछले साल के आंकड़ों की तुलना में नवंबर 2020 और 14 अक्टूबर, 2021 के बीच गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या में 91 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.-

महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात में सबसे ज़्यादा कुपोषित बच्चे 

पोषण ट्रैकर से मिले आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में कुपोषित बच्चों की संख्या सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश में 1.86 लाख, तमिलनाडु में 1.78 लाख असम में 1.76 लाख और तेलंगाना में 1.52 लाख बच्चे कुपोषित हैं. नई दिल्ली भी पीछे नहीं है. राजधानी नई दिल्ली भी पीछे नहीं है. राजधानी दिल्ली में 1.17 बच्चे कुपोषित हैं.

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अमोनिया का स्तर बढ़ने से यमुना नदी में गाद बढ़ रही है जिस से यमुना नदी के किनारे छठ पूजा के लिए आने वालो परेशानी हो रही हैं

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छठ के महापर्व की शुरुआत आज से हो गई है. दीपावली के 6 दिन बाद कार्तिक मास की छठी तिथि को छठ का पर्व मनाया जाता है. 4 दिन मनाए जाने वाले इस पर्व के पहले दिन नहाय-खाय की परंपरा होती है. राजधानी दिल्ली में भी छठ का त्योहार मनाया जा रहा है, लेकिन यहां के छठ घाटों से जो तस्वीरें सामने आ रहीं हैं वो चौंकाने वालीं हैं. यहां की यमुना नदी में जहरीला झाग या गाद इकट्ठा हो गया है और इसी बीच श्रद्धालुओं ने स्नान किया. हालांकि, कोरोना के चलते दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा की अनुमति नहीं दी है

पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने और दिवाली के बाद हुई आतिशबाजी के कारण राजधानी दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है. यमुना नदी में अमोनिया का लेवल बढ़ गया है यमुना में झाग के बीच स्नान करने की तस्वीरें सामने आने के बाद सियासत भी तेज हो गई है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरा है. वहीं, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी केजरीवाल सरकार को घेरते हुए कहा कि इसी वजह से यमुना किनारे छठ पूजा मनाने पर रोक लगाई थी. 

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‘रामायण सर्किट’- आज दिल्‍ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पहली ट्रेन रवाना होगी

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भगवान श्री राम  के जीवन से जुडे़ कई प्रमुख धार्मिक स्‍थलों के दर्शन के लिए भारतीय रेलवे द्वारा ‘रामायण सर्किट’चलाने का ऐलान किया गया था. वहीं, आज दिल्‍ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पहली ट्रेन रवाना होगी. इस दौरान यह अपनी 17 दिनों की यात्रा में अयोध्या, सीतामढ़ी और चित्रकूट सहित कई प्रमुख स्‍थानों पर जाएगी.

भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थानों के दर्शन करवाने के लिए भारतीय रेलवे ने रामायण सर्किट ट्रेन चलाने का ऐलान किया था. यह ट्रेन अयोध्या समेत कई जगह जाएगी. रामायण सर्किट (Ramayana Circuit) पर पहली  ट्रेन रविवार को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना होगी. आईआरसीटीसी (IRCTC) ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और कोविड-19 संबंधी हालात में सुधार के मद्देनजर रेलगाड़ियों के जरिए घरेलू पर्यटन को फिर से शुरू करने की दिशा में यह योजना बनाई है.

आईआरसीटीसी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस डीलक्स एसी ट्रेन में दो प्रकार के कोच हैं- फर्स्ट एसी और सेकंड एसी. सुरक्षा के लिहाज से ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और हर कोच के लिए सिक्योरिटी गार्ड की भी व्यवस्था है. ट्रेन में दो डाइनिंग रेस्टोरेंट, एक मॉर्डन किचन, कोच में शावर रूम जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने कल बयान में बताया कि इस तरह की एक यात्रा सात नवंबर से शुरू हो रही है. उसके बाद चार अन्य रेलगाड़ियां भी रवाना होंगी.

दक्षिण भारत के धार्मिक पर्यटन बाजार के मद्देनजर आईआरसीटीसी श्री रामायण यात्रा एक्सप्रेस-मदुरै का संचालन करेगा. यह ट्रेन मदुरै से शुरू होगी और हम्पी, नासिक, चित्रकूट, इलाहाबाद, वाराणसी जाएगी तथा मदुरै वापस आएगी. यह ट्रेन 16 नवंबर को रवाना होगी. इसमें बताया गया कि श्री रामायण यात्रा एक्सप्रेस-श्री गंगानगर 25 नवंबर को रवाना होगी.

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अपने गांव में 12 वी पहली बार पास करने वाली लड़की ने पास की NEET परीक्षा

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अपने नीट परीक्षा के दूसरे प्रयास में कामयाबी पाई और कुल 202 नंबर स्‍कोर किए. स्टेटबोर्ड की किताबों का उपयोग करके और NGO की सहायता से उन्होंने NEET पर की है.कोयंबटूर की एक आदिवासी समुदाय की छात्रा एम शांगवी ने अपने दूसरे प्रयास में नीट परीक्षा पास की है. खास बात है कि शांगवी अपने गांव में पहली बार 12वीं कक्षा पास करने वाली पहली स्‍टूडेंट थीं. 

शांगवी ने अपने नीट परीक्षा के दूसरे प्रयास में कामयाबी पाई और कुल 202 नंबर स्‍कोर किए. उन्‍हें पहले सामुदायिक प्रमाण पत्र प्राप्त करनेप्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ा था. वर्ष 2021 में कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद उन्‍हें प्रमाण पत्र मिल सका था. बेहद परेशानियों और अभाव के बीच शांगवी ने अपनी पढ़ाई कर परीक्षा पास की है लॉकडाउन से जूझ रही उनकी मां ने आंशिक रूप से आंखों की रोशनी भी खो दी थी. स्टेटबोर्ड की किताबों का उपयोग करके और NGO की सहायता से उन्होंने NEET परीक्षा पास की है

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किसी दूसरे व्यक्ति के साथ खींच कर अपलोड की गई आपकी फोटो को अब फेसबुक Auto Tag नहीं करेगा

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फेसबुक ने बंद किया फेस रिकग्निशन सिस्टम, एक अरब लोगों के चेहरे की पहचान के टेम्प्लेट हटाएगी

हाल में खुद का नाम बदलने वाली फेसबुक ने एक और बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने मंगलवार को फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर दिया। यह सिस्टम चेहरे से किसी शख्स की पहचान कर लेता है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए फेसबुक अकाउंट को वेरिफाई कर पता करता था कि उसे इस्तेमाल कर रहा यूजर असली है या नकली।

यह सिस्टम अपने प्लेटफार्म से फेक प्रोफाइल हटाने के लिए लाया गया था। अब फेसबुक का कहना है कि कंपनी के रिब्रांड मेटा की ओर से जारी बयान में कंपनी ने कहा है कि हम फेसबुक पर फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर रहे हैं। जिन लोगों ने इसे अपनाया है, वे अब फोटो और वीडियो में ऑटोमैटिकली पहचाने नहीं जाएंगे। हम एक अरब से ज्यादा लोगों के चेहरे की पहचान के टेम्प्लेट हटा देंगे।

फेसबुक ने इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है. दरअसल, फेसबुक पर आरोप लगे कि वह खुद के फायदे के लिए यूजर्स की निजता का हनन कर रहा है जिसके बाद अपनी छवि सुधारने के लिए कंपनी ने ये कदम उठाया है. फेसबुक ने कहा है कि वह फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को बंद करेगा और एक अरब से भी ज्यादा लोगों के फेसप्रिंट मिटाएगा.

फेसबुक की इस टेक्नोलॉजी के विरोध की सबसे बड़ी वजह यूजर्स की निजता का हनन और बायोमेट्रिक इंफॉर्मेशन फेसबुक के पास होने को लेकर थी. हालांकि पिछले महीने फेसबुक की पूर्व कर्मचारी फ्रांसिस हॉगेन ने फेसबुक के अंदरूनी दस्तावेजों को लीक कर दिया, जिसके बाद फेसबुक का काफी विरोध हुआ. आरोप लगे कि कंपनी यूजर्स की निजता को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है. अपनी इसी गलती को सुधारने के लिए अपना व्यवसायिक नाम तक बदल लिया था.

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कनाडा के ओटावा से वापस लगाई गई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को उत्तर प्रदेश में वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में रखा जाएगा

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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार 11 नवम्बर को यह मूर्ति दिल्ली में प्राप्त करेगी। 11 नवम्बर को गोपाष्टमी के दिन मूर्ति हमें मिलेगी। उसके बाद इस प्रतिमा को उत्तर प्रदेश लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली से चलकर कासगंज से सोरों में विश्राम होगा।

यह प्रतिमा 11 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी, जहां से इस प्रतिमा को अलीगढ़, कन्नौज, अयोध्या के रास्ते 15 नवंबर को वाराणसी लाया जाएगा।

यूपी की राजधानी लखनऊ में हुए एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 100 साल पहले काशी से मां अन्नपूर्णा की मूर्ति चोरी हुई थी। यहां से यह मूर्ति अलग-अलग हाथों में पहुंचते-पहुंचते कनाडा के विश्वविद्यालय में पहुंची थी। अब यह मूर्ति उत्तर प्रदेश को 11 नवंबर को दिल्ली में प्राप्त होगी।

इस दौरान केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से हमें मूर्ति प्राप्त करने में सहयोग मिला है। 15 अक्टूबर को अन्नपूर्णा प्रतिमा दिल्ली संस्कृतिक मंत्रालय में पहुची है। यूपी के वाराणसी से यह मूर्ति ले जाई गई थी यूपी में जिस स्थान से मूर्ति गई थी, वहीं हम इस प्रतिमा को पहुचाएंगे। उन्होंने बताया कि अन्नपूर्णा देवी समेत अभी तक 55 मूर्ति और पेंटिंग वापस लाई गई हैं। उन्होंने बताया कि कई और मूर्तियां वापस लाने के लिए हमारी कई देशों से बातचीत चल रही है।

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 बाजारों में भारी भीड़ से कोरोना की तीसरी लहर आने खतरा बढ़ रहा हैं

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हमारे रिपोर्टर्स ने डॉक्टर्स से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर तीसरी लहर ने शहरों में दस्तक दी तो फिर मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा भारी दबाव आ जाएगा।

पिछले एक हफ्ते में देश के मुख्य शहरों के बड़े बाजारों में दिवाली की खरीददारी के लिए जिस तरह से लोगों की भीड़ उमड़ी है उससे करोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है।

40 से ज्यादा जिलों में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी

ताज्जुब की बात ये है कि आज भी देश के कई हिस्सों में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी है. देश में 40 से ज्यादा जिले ऐसे हैं, जहां के 50 प्रतिशत लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज नहीं लगवाई है. वहीं इन जगहों पर कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज की रफ्तार भी काफी कम है. आज दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन जिलों के डीएम के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगे. इस बैठक में संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे.

कम वैक्सीनेशन सरकार के लिए चिंता का विषय

जिस देश में 100 करोड़ वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बना और दुनिया ने इसकी तारीफ की, वहां पर कम वैक्सीनेशन सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है. क्योंकि देश में 11 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अबतक वैक्सीन की दूसरी डोज ली ही नहीं है. सिर्फ वैक्सीनेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक 6 बार हाई लेवल बैठक कर चुके हैं. 19 फरवरी 2021 को देश में एक करोड़ वैक्सीनेशन डोज पूरी हुई, जबकि 2 नवंबर को 107 वैक्सीन की 107 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है

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