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एक भारत उत्कृष्ट भारत

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल के लालपुर ग्राम में जन-प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ की समीक्षा, राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस की तैयारियों का लिया जायजा

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डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शहडोल के लालपुर गाँव पहुँच कर राज्य-स्तरीय जनजातीय
गौरव दिवस की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि
यह हमारा सौभाग्य है कि जनजातीय गौरव दिवस पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू मध्यप्रदेश आ रही है। राष्ट्रपति
बनने के बाद उनकी यह पहली मध्यप्रदेश की यात्रा है। हम उनका शहडोल में भव्य स्वागत करें और कार्यक्रम को
ऐतिहासिक, अभूतपूर्व एवं गरिमामयी स्वरूप प्रदान करें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 15 नवम्बर भगवान
बिरसा मुंडा के जन्म-दिवस पर जनजातीय परंपराओं एवं संस्कृति पर आधारित लोक नृत्यों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम
सुनिश्चित किये जायेंगे। राष्ट्रपति का जनजातीय परंपराओं के अनुसार भव्य और गरिमामय स्वागत की तैयारियाँ
भी सुनिश्चित की जाये। कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा ने सभा स्थल की तैयारियों, बैठक, पार्किंग,
पेयजल, परिवहन एवं भोजन व्यवस्था की तैयारियों की जानकारी दी।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री
बिसाहूलाल सिंह, जनजातीय कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, विधायक जयसिंह मरावी, मनीषा सिंह,
शरद कोल, अध्यक्ष नगरपालिका बुढार श्रीमती शालिनी सरावगी, एडीजी डीसी सागर, मुख्य वन संरक्षक
लाखन सिंह उइके, कलेक्टर वंदना वैद्य सहित जन-प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री
चैहान ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुंडा के जन्म-दिवस पर राष्ट्रपति
श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में मध्यप्रदेश में सामाजिक समरसता लाने के उददेश्य से पेसा एक्ट लागू होगा।
मुख्यमंत्री चौहान शहडोल जिले के लालपुर में राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव उत्सव की तैयारियों पर पत्रकारों से
चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी मिलकर सामाजिक समरसता का परिचय देते हुए महामहिम
राष्ट्रपति का ऐसा ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण स्वागत करें, जो उन्हें हमेशा स्मरण रहें। मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों
से भी इस कार्यक्रम में सहर्ष सहभागिता की अपील की।

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‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए हम तैयार, आख़िरी फ़ैसला सरकार के हाथ -मुख्य चुनाव आयोग, दिखाने होंगे देशहित के कार्यक्रम

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डिजिटल भारत l अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के सवाल पर चुनाव आयुक्त ने ये प्रतिक्रिया दी.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “एक देश एक चुनाव व्यवस्था के तहत निश्चित रूप से एक बहुत बड़े तंत्र की ज़रूरत है लेकिन ये एक ऐसा मुद्दा है जिसपर संसद को फ़ैसला करना होगा. संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना चुनाव आयोग के क्षेत्राधिकार में नहीं आता. हालांकि, हमने सरकार को ये बता दिया है कि एक साथ चुनाव के प्रबंधन के लिए चुनाव आयोग पूरी तरह तैयार है.”

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार बुधवार को पुणे में चुनाव आयोग के विषेश अभियान की शुरुआत करने के लिए पहुंचे थे.
इस दौरान उन्होंने कहा, “मेट्रो शहरों में चुनाव के लिए लोगों की उदासीनता सबसे बड़ी चुनौती है और इससे लोगों की भागीदारी बढ़ाकर ही निपटा जा सकता है.”

लोकसभा और विधानसभाओं के एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था लागू कराना आसान नहीं होगा.

इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा, दल-बदल क़ानून में संशोधन करना होगा. इसके अलावा जनप्रतिनिधि क़ानून और संसदीय प्रक्रिया से जुड़े अन्य क़ानूनों में भी बदलाव करने होंगे.

चुनाव आयुक्त ने ये भी बताया कि देश में 100 साल से अधिक उम्र वाले 2.49 लाख मतदाता हैं और करीब 1.8 करोड़ वोटर 80 साल से अधिक उम्र के हैं. चुनाव आयोग अब उन युवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो 18 साल के होने जा रहे हैं.
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, “चूंकि एयरवेव्स/फ़्रीक्वेंसी सार्वजनिक संपत्ति है और इसका इस्तेमाल समाज की बेहतरी के लिए होना चाहिए, इसलिए जिन कंपनियों के पास चैनल अपलिंक करने और भारत में इसे डाउनलिंक करने की मंज़ूरी है उन्हें एक दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए राष्ट्री महत्व और समाज से जुड़े मुद्दे पर कार्यक्रम दिखाने होंगे.” “ये कार्यक्रम शिक्षा और साक्षरता का प्रसार, कृषि और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं तकनीकी, महिला कल्याण, समाज के कमज़ोर वर्गों के कल्याण, पर्यावरण और सांस्कृति धरोहरों के संरक्षण और राष्ट्रीय अखंडता से जुड़े होने चाहिए.”

अख़बार ने सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्र के हवाले से बताया है कि प्रसारकों और अन्य संबंधित इकाइयों से चर्चा के बाद जल्द ही इस कार्यक्रम के लिए टाइम स्लॉट और लागू करने की तारीख भी जारी कर दी जाएगी.

उन्होंने कहा मंत्रालय चैनल पर चलने वाले कंटेंट की निगरानी करेगा और अगर कोई नियमों की अनदेखी करता पाया गया तो उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.

मंत्रालय ने कहा कि वाइल्डलाइफ़ और विदेशी चैनलों को नियमों से छूट मिल सकती है. वहीं, स्पोर्ट्स चैनल को लाइव टेलीकास्ट के दौरान नियमों से छूट मिलेगी.

नए दिशानिर्देशों में समाचार एजेंसियों के लिए पाँच साल की मंज़ूरी पाने का भी प्रावधान किया गया है, जबकि ये अभी एक साल के लिए मिलता है.
केंद्रीय कैबिनेट ने ‘भारत में टेलिविज़न चैनलों के लिए अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए नए दिशानिर्देशों’ को मंज़ूरी दे दी है. इसके तहत अब हर चैनल के लिए रोज़ाना राष्ट्र और समाज के हित में कार्यक्रम चलाना अनिवार्य हो जाएगा.

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क़तर में गिरफ़्तार किया गया था पूर्व नौसैनिक भारत द्वारा अधिकारी भेज छुड़ाने की मांग

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डिजिटल भारत l भारत ने अपने एक वरिष्ठ अधिकारी को दोहा रवाना किया है ताकि वहाँ गिरफ़्तार किए गए अपने नौसेना के पूर्व अधिकारियों की रिहाई की कोशिशों को बल मिल सके.

मंगलवार को पूर्व नौसेना अधिकारियों को क़तर में गिरफ़्तार हुए 71 दिन पूरे हो गए. इस बीच सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों से इन पूर्व अधिकारियों की रिहाई की अपील भी तेज़ी से बढ़ी है.

हिरासत में रखे गए अधिकारियों के परिवार के बीच भी ये चिंता बढ़ती जा रही है कि भारत अभी तक अपने पूर्व अफ़सरों की रिहाई सुनिश्चित नहीं कर सका है.
बीते 10 दिनों से भी अधिक समय से भारत सरकार क़तर के साथ बातचीत कर रही है लेकिन अभी तक कोई समाधान निकलता नहीं दिखा है.

अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ तालिबान के इस बयान को भारत के लिए अहम माना जा रहा है.

अख़बार लिखता है कि तालिबान के दोहा कार्यालय के उप प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकज़ई की ओर से पश्तो ज़ुबान में जारी किए गए इस वीडियो मैसेज को अपने संगठन के सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर शनिवार को शेयर किया गया. ये वीडियो अफ़ग़ानिस्तान के मिल्ली टेलीविज़न चैनल पर भी प्रसारित हुआ है.

तालिबान की ओर से ये संकेत इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान का उस पर गहरा असर रहा है. पाकिस्तान ने भारत-अफ़ग़ानिस्तान संबंधों को अपने ख़िलाफ़ माना है.

अख़बार लिखता है कि बीते सप्ताह दूसरी बार भारतीय दूतावास के अधिकारी को पूर्व नौसैनिकों से मिलने की मंज़ूरी मिलने सहित कुछ ऐसे संकेत मिले थे, जिनसे लगा कि कुछ समय में ये अधिकारी रिहा कर दिए जाएंगे, लेकिन ये उम्मीद भी बेकार हो गई. पहली बार अधिकारियों और कॉन्सुलर की मुलाक़ात पिछले महीने हुई थी.

भारतीय नौसेना के ये पूर्व अधिकारी क़तर की एक कंपनी ‘अल-ज़ाहिरा अल-आलमी कन्सलटेन्सी एंड सर्विसेज़’ के लिए काम करते हैं. यह कंपनी क़तर की नौसेना को प्रशिक्षण और सामान मुहैया कराती है.
गिरफ़्तारी के दो सप्ताह बाद भारतीय दूतावास को मिली सूचना
दोहा में भारतीय दूतावास को इन आठ लोगों की गिरफ़्तारी की सूचना सितंबर महीने के मध्य में मिली थी. इससे दो सप्ताह पूर्व यानी 30 अगस्त को क़तर की ख़ुफ़िया एजेंसी स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने इन्हें गिरफ़्तार किया गया था.

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56” joined Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी को मिला पूजा भट्ट का साथ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का 56वां दिन

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पूजा भट्ट, बुधवार को हैदराबाद में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं, पूजा यात्रा में हिस्सा लेने वाली पहली बॉलीवुड सेलेब्रिटी हैं
बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट सिनेमाई दुनिया से थोड़ा दूर ही रहती हैं, लेकिन अक्सर किसी न किसी वजह से खबरों में रहती हैं। ऐसे में अब पूजा, भारत जोड़ो यात्रा के साथ जुड़ गई हैं। पूजा भट्ट, बुधवार को हैदराबाद में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं, पूजा यात्रा में हिस्सा लेने वाली पहली बॉलीवुड सेलेब्रिटी हैं, उन्हें यात्रा में राहुल के साथ पैदल चलते समय बातचीत करते हुए भी देखा गया।
https://twitter.com/ANI/status/1587646588205559808?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1587646588205559808%7Ctwgr%5Ebaef3f7aebcbcccc1e32e7c804e8bf5cf488d584%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.livehindustan.com%2Fentertainment%2Fstory-pooja-bhatt-joined-rahul-gandhi-and-walked-along-with-the-march-for-a-brief-period-on-the-56th-day-of-bharat-jodo-yatra-7295955.html

बता दें कि पूजा भट्ट अक्सर की देश विदेश से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखती हैं। ऐसे में अब वो राहुल के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं, जहां उन्हें राहुल के साथ तेज गति से पैदल चलते देख यात्रा मार्ग में मौजूद लोग काफी खुश नजर आए। भारत जोड़ो यात्रा बुधवार को हैदराबाद सिटी स्थित बालानगर मेन रोड के एमजीबी बजाज शोरूम से फिर से शुरू हुई। यह राहुल गांधी की अगुवाई वाली इस यात्रा का 56वां दिन है।
याद दिला दें कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। यात्रा पिछले सप्ताह तेलंगाना में प्रवेश करने से पहले तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से गुजरी। वहीं तेलंगाना में भारत जोड़ो यात्रा का आज आठवां दिन है। कांग्रेस की तेलंगाना इकाई ने यात्रा के समन्वय के लिए 10 विशेष समितियों का गठन किया है।
पूर्व मंत्री राउत की आंख और हाथ पैर में चोट
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हैदराबाद में पुलिस के धक्के से महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नितिन राउत घायल हो गए हैं। उन्हें हैदराबाद के वसावी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी एक आंख व हाथ-पैर में चोट आई है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को हैदराबाद की पहचान चार मीनार के सामने तिरंगा फहराया था। करीब 32 साल पहले उनके पिता और तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राजीव गांधी ने भी उसी स्थान से ‘सदभावना यात्रा’ की शुरुआत की थी। राहुल गांधी ने जब राष्ट्रीय ध्वज फहराया तब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, वरिष्ठ पार्टी नेता दिग्विजय सिंह, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति (टीपीसीसी) के अध्यक्ष रेवंथ रेड्डी भी मौजूद थे। राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो’ के नारे और सड़क किनारे खड़ी भीड़ के बीच चारमीनार पहुंचे। इस दौरान चारमीनार जाने वाली सड़कों पर बड़ी संख्या में पार्टी के झंडे के साथ कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इस मौके पर राहुल गांधी ने मंच पर पिता राजीव गांधी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि जिस स्थान पर राहुल गांधी ने तिरंगा फहराया है, उसी स्थान से 19 अक्टूबर 1990 को उनके पिता राजीव गांधी ने ‘सद्भावना यात्रा’ शुरू की थी। उन्होंने कहा कि हर साल उस दिन कांग्रेस यहां तिरंगा फहराती है। रमेश ने कहा कि इस बार 19 अक्टूबर को हम यहां तिरंगा नहीं फहरा सके थे, इसलिए मंगलवार को राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।

भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु़ के कन्याकुमारी से 7 सितंबर 2022 को शुरू हुई है। यह तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश से गुजरते हुए तेलंगाना पहुंच चुकी है। करीब 150 दिन चलने वाली यह यात्रा जम्मू-कश्मीर में खत्म होगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने रेप केस में टू फिंगर टेस्ट करने पर रोक, कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने वालों को दोषी माना जाएगा

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दरअसल, इस टेस्ट प्रक्रिया के दौरान जो गतिविधियां की जाती हैं, वो पीड़िता के साथ दोबारा रेप करने जैसी होती है. इस वजह से सर्वोच्च अदालत को इसे बैन करना पड़ा है.

जैसा कि इसके नाम से ही जाहिर है, इस टेस्ट में कोई डॉक्टर किसी महिला के प्राइवेट पार्ट में उंगली डालकर यह बताने का दावा करता है कि वह महिला सेक्सुअली एक्टिव है या नहीं। यानी वह महिला नियमित यौन संबंध बनाती है या नहीं।

ये हाथों से जांच की एक पुरानी प्रक्रिया है। आमतौर पर यह माना जाता है कि किसी महिला का टू फिंगर टेस्ट पॉजिटिव आता है तो वह सेक्सुअली एक्टिव है। इसके उलट अगर पॉजिटिव नहीं आता है तो वह सेक्सुअली एक्टिव नहीं है।

रेप केस की पुष्टि के लिए किए जाने वाले टू फिंगर टेस्ट के इस्तेमाल पर देश की सर्वोच्च अदालत ने पाबंदी लगा दी है. कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि रेप केस की जांच की ये प्रक्रिया गैर कानूनी है, इसे करने वाल शख्स भी बराबर का दोषी है. ऐसे में जो भी ये जांच करते हुए पकड़ा जाए, उसके खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की बेंच ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देशित किया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थिति में किसी रेप पीड़िता का टू फिंगर टेस्ट न हो सके. इसके साथ ही कोर्ट ने इस पर दुख भी जताया कि ये अमानवीय जांच आज तक जारी रही है.

 झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार बनाम शैलेंद्र कुमार राय के केस में ‘टू फिंगर टेस्ट को आधार मानते हुए रेप और हत्या के आरोपी को बरी कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटकर आरोपी को दोषी माना है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई जाने वाली सिलेबस से ‘टू-फिंगर टेस्ट’ को हटाने का भी आदेश दिया है।

कोर्ट ने कहा, ‘यह मानना गलत है कि सेक्सुअल तौर पर एक्टिव महिला का रेप नहीं किया जा सकता है। टू फिंगर टेस्ट सेक्सिस्ट और पितृसत्तात्मक है।’ सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रे पीड़ित महिलाओं का आगे से टू फिंगर टेस्ट नहीं होनी चाहिए।

यहां सवाल ये खड़ा होता है कि ये टू फिंगर टेस्ट क्या है? इस टेस्ट में ऐसा क्या है, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट इतनी सख्त नजर आ रही है? अभी तक इस टेस्ट का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा था? आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि ये टेस्ट क्या है. दरअसल, रेप पीड़िता द्वारा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद सबसे पहले मेडिकल के लिए ले जाया जाता है. इस दौरान कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं, ताकि ये साबित किया जा सके कि उक्त पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ है या नहीं? इसी दौरान टू फिंगर टेस्ट सबसे ज्यादा किया जाता है. चूंकि इस टेस्ट को करना आसान है. इसे मैन्युअली चेक करने के तुरंत बाद ही जांचकर्ता नतीजे पर पहुंच जाता है. समय ज्यादा नहीं लगता है.

डॉक्टर पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में दो उंगली डालकर टेस्ट

टू फिंगर टेस्ट के दौरान अस्पताल में डॉक्टर रेप पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में अपनी दो उंगली डालकर टेस्ट करते हैं. इसके जरिए ये पता करने की कोशिश की जाती है कि पीड़िता वर्जिन है या नहीं. यदि जांच के दौरान पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में डॉक्टर की उंगलियां आसानी से चली जाती हैं तो ये माना जाता है कि वो वर्जिन नहीं है. इसी आधार पर डॉक्टर अपनी रिपोर्ट दे देता था. लेकिन आज के जमाने में जब वर्जिनिटी कोई विषय नहीं रह गई है, तब इस तरह के टेस्ट से रेप का पता करना अमानवीय ही नहीं निजता का हनन भी है. यहां तक कि इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सही नहीं पाया गया है. यही वजह है कि इस जांच प्रक्रिया की लंबे समय से बहुत ज्यादा आलोचना होती रही है.

पीड़िता संग दोबारा रेप करने जैसा

सही मायने में देखा जाए तो टू फिंगर टेस्ट रेप के बाद पीड़िता के साथ दोबारा रेप करने जैसा है. आईपीसी की धारा 376 के तहत रेप तभी माना जाता है जब किसी महिला के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया जाए. इस दौरान सेक्शुअल ऑर्गन में पेनेट्रेशन होना जरूरी है. इस तरह टू फिंगर टेस्ट के दौरान भी ऊंगलियों के जरिए पेनेट्रेशन किया जाता है. ये भले ही पीड़िता की मूक सहमति या मजबूरी का फायदा उठाकर किया जाता है, लेकिन उनके साथ बार-बार रेप करने जैसा है. आईपीसी की धारा 375 के तहत कोई पति भी अपनी पत्नी की इच्छा के खिलाफ जाकर उसके साथ यौन संबंध बनाता है, तो उसे रेप की कैटेगरी में रखा जाता है. इसमें सजा का प्रावधान वही है, जो कि धारा 376 में है.

टू फिंगर टेस्‍ट पीड़िता को शारीरिक-मानसिक चोट पहुंचाता

ऐसा पहली बार नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट ने इस टेस्ट पर बैन लगाया है. इससे पहले 2013 में लिलु राजेश बनाम हरियाणा राज्‍य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टू फिंगर टेस्‍ट को असंवैधानिक करार दिया था. कोर्ट ने इसे रेप पीड़‍िता की निजता और उसके सम्‍मान का हनन करने वाला करार देते हुए कहा था कि यह शारीरिक और मानसिक चोट पहुंचाने वाला है. यह टेस्‍ट पॉजिटिव भी आ जाए तो नहीं माना जा सकता है कि संबंध सहमति से बने हैं. सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाद भी शर्मिंदा करने वाला यह टू फिंगर टेस्‍ट होता रहा है. 2019 में ही करीब 1500 रेप सर्वाइवर्स और उनके परिजनों ने कोर्ट में शिकायत की थी. इसमें कहा गया था कि देश की सर्वोच्‍च न्यायालय के आदेश के बावजूद यह टेस्‍ट हो रहा है. इस याचिका में टेस्‍ट को करने वाले डॉक्‍टरों का लाइसेंस कैंसिल करने की मांग की गई थी. 2014 में भारत ने भी इसे अवैज्ञानिक बताते हुए एक गाइडलाइन जारी की थी.

इसे बंद करें’ टू फिंगर टेस्‍ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक रेप केस में अपना फैसला सुनाते हुए कहा है, “कोर्ट ने रेप केस में टू फिंगर टेस्ट नहीं करने का कई बार आदेश दिया है. इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. इसके बजाय यह महिलाओं को बार-बार रेप की तरह ही प्रताड़ित करता है. यह टेस्ट गलत धारणा पर आधारित है कि एक सेक्शुअली एक्टिव महिला का बलात्कार नहीं किया जा सकता है. एक पीड़िता की गवाही का संभावित मूल्य उसके यौन इतिहास पर निर्भर नहीं करता है. यह सुझाव देना पितृसत्तात्मक और सेक्सिस्ट है कि एक महिला पर विश्वास नहीं किया जा सकता है जब वह कहती है कि उसके साथ केवल इसलिए बलात्कार किया गया क्योंकि वह सेक्सुअली एक्टिव है. इसे मेडिकल पाठ्यक्रम से भी हटा दिया जाना चाहिए.”

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गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से 132 लोगों की मौत, जानें- अब तक का पूरा घटनाक्रम,

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मोरबी पुल हादसे पर कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने किया कुछ ऐसा कि आप भी हो जाएंगे उनके फैन

अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने भी इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है. इसके अलावा उन्होंने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं से बचाव कार्य में हर संभव मदद करने की अपील की है.

पुल हादसे में करीब 91 लोगों की मौत की खबर है जबकि अब भी कई लापता हैं. इन्हें तलाशने के लिए राहत बचाव कार्य जारी है. लापता लोगों को ढूंढने में पुलिस, एनडीआरएफ के अलावा नौसेना के जवान भी शामिल हो गए हैं. इस बीच इस हादसे पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी दुख व्यक्त किया है. इसके अलावा उन्होंने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं से बचाव कार्य में हर संभव मदद करने की अपील की है.

क्या कहा कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने

खरगे ने इस हादसे को लेकर एक ट्वीट करते हुए लिखा, ‘गुजरात के मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज के गिरने से हुई त्रासदी से गहरा दुख हुआ है. मैं कार्यकर्ताओं से बचाव कार्य में हर संभव सहायता देने और घायलों की मदद करने की अपील करता हूं. मेरी संवेदना और प्रार्थना शोक संतप्त परिवारों के साथ है.’

अपील के बाद जुट गए कांग्रेस के कार्यकर्ता

राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरेगी की अपील के तुरंत बाद कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में घटनास्थल पर जमा हो गए. इसके बाद सभी राहत कार्यों में जुट गए. देर रात तक घटनास्थल पर पुलिस, एनडीआरएफ और नौसेना के जवान राहत बचाव कार्य में लगे रहे. इस संबंध में कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कुछ फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर शेयर करते हुए बताया है कि कैसे कांग्रेस के कार्यकर्ता जी-जान से लोगों को नदी से सकुशल बाहर निकालने में लगे हुए हैं. 

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पीछे-पीछे दौड़ने लगे सुरक्षाकर्मी और अन्य लोग,  राहुल गांधी ने स्कूली बच्चों के साथ लगाई दौड़

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52 साल के राहुल गांधी की फुर्ती देख सब हैरान, ऐसी दौड़ लगाई कि सब पीछे छूट गए!

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। इन वीडियो में राहुल गांधी कभी किसी का हाथ थामे नजर आते हैं तो कभी पुश अप्स लगाते, कभी बच्चों के साथ खेलते हुए नजर आते हैं तो कभी टंकी के ऊपर चढ़ते हुए। इनके जरिए राहुल गांधी लोगों का दिल जीत रहे हैं।

वे उनसे रेस लगाने को कहते हैं। जैसे ही राहुल गांधी की बच्चों के साथ रेस शुरू होती है तो वे कुछ इस तरह दौड़ते हैं कि सबको पीछे छोड़ देते हैं। इस दौरान राहुल गांधी का पूरा काफिला उनके साथ दौड़ने लगता है। 52 साल के राहुल गांधी की इस उम्र में ऐसी फुर्ती देखकर सब तारीफ कर रहे हैं।

इस उम्र में राहुल गांधी कितने फिट हैं। इस बात का सबूत देता है ये वीडियो। जब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग राहुल गांधी की खूब तारीफें कर रहे हैं।

कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की अगुवाई कर रहे राहुल गांधी रविवार को पदयात्रा के दौरान अचानक कुछ स्कूली छात्रों के साथ दौड़ने लगे. राहुल के अचानक दौड़ने के कारण उनके सुरक्षा कर्मी, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी और अन्य लोगों ने भी दौड़ना शुरू कर दिया. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने बताया कि राहुल ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ रविवार सुबह जडचर्ला से पदयात्रा शुरू की और उनके 22 किलोमीटर का सफर तय करने की उम्मीद है. तेलंगाना में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का यह पांचवां दिन है.

राहुल रविवार की पदयात्रा संपन्न करने से पहले शाम को शादनगर के सोलीपुर जंक्शन में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. उन्होंने शनिवार रात को जडचर्ला एक्स रोड जंक्शन पर रुकने से पहले 20 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा की थी. यात्रा तेलंगाना के सात लोकसभा और 19 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए कुल 375 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जिसके बाद यह सात नवंबर को महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी. चार नवंबर को यात्रा एक दिन का विराम लेगी.

वायनाड से सांसद राहुल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान खेल, व्यवसाय और मनोरंजन क्षेत्र की हस्तियों के साथ-साथ विभिन्न समुदायों के बुद्धिजीवियों और नेताओं से मुलाकात करेंगे. तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों ने कहा कि राहुल पूरे तेलंगाना में प्रार्थना स्थल, मस्जिद और मंदिर जाकर वहां पूजा-अर्चना भी करेंगे. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी. यात्रा का तेलंगाना चरण आरंभ करने से पहले राहुल ने केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में पदयात्रा की थी. तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस ने यात्रा के समन्वय के लिए 10 विशेष समितियों का गठन किया है.

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“वन नेशन, वन यूनिफॉर्म” यह देश की एकता और अखंडता से भी उतना ही जुड़ा: PM मोदी

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प्रधानमंत्री ने कहा कि यद्यपि संविधान के हिसाब से कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है लेकिन यह देश की एकता और अखंडता से भी उतना ही जुड़ा हुआ है.

विचार का प्रस्‍ताव रखा

पांच, 50 या 100 साल में यह हो सकता है. लेकिन हमें इसके बारे में विचार करना चाहिए.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस के लिए ‘एक देश, एक यूनिफॉर्म’ के विचार का प्रस्‍ताव रखा. विभिन्‍न बलों के बीच एकरूपता को लेकर अपनी बात रखते हुए पीएम ने कहा कि यह केवल एक विचार है और वह इसे राज्यों पर थोपने का प्रयास नहीं कर रहे हैं. उन्‍होंने राज्‍यों से सुझाव के तौर पर इस बारे में विचार करने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने कहा, “पुलिस के लिए  ‘वन नेशन, वन यूनिफॉर्म” केवल एक विचार है. मैं इसे आप पर इसे थोपने की कोशिश नहीं कर रहा हूं. बस इस पर विचार करें. यह हो सकता है.

देशभर में पुलिस की पहचान एक जैसी हो सकती है.

यहां राज्यों के गृह मंत्रियों के दो दिवसीय ‘‘चिंतन शिविर” को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए राज्यों के बीच निकट सहयोग की वकालत की. उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद ना सिर्फ संविधान की भावना है बल्कि यह केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी भी है. पीएम ने कहा कि उनका मानना है कि देशभर में पुलिस की पहचान एक जैसी हो सकती है. उन्होंने सभी राज्य सरकारों से पुराने कानूनों की समीक्षा करने और आज के संदर्भ में उनमें सुधार करने का आग्रह किया. उन्होंने कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की उभरती चुनौतियों के समाधान के लिए सभी एजेंसियों के बीच समन्वित कार्रवाई की भी गुजारिश की.मोदी ने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना ‘‘बहुत महत्वपूर्ण” है और इस राह में जो खामियां विद्यमान हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए.

कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध

प्रधानमंत्री ने कहा कि यद्यपि संविधान के हिसाब से कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है लेकिन यह देश की एकता और अखंडता से भी उतना ही जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘हर एक राज्य एक दूसरे से सीखे, एक दूसरे से प्रेरणा ले और आंतरिक सुरक्षा के लिए मिलकर काम करे. आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का साथ मिलकर काम करना संवैधानिक अनिवार्यता है और साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है.”पीएम ने कहा कि सभी एजेंसियों को, वह चाहे केंद्र की हों या राज्यों की, सभी को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए ताकि दक्षता बढ़े, बेहतर परिणाम सामने आए और आम जन को सुरक्षा मिले. उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है.

कानून-व्यवस्था के पूरे तंत्र के लिए भरोसेमंद होना बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए आम जन से पुलिस का संबंध और संवाद बेहतर होना चाहिए ताकि उनके बारे में अच्छी धारणा बने.पिछले वर्षों में भारत सरकार के स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े सुधार हुए हैं, जिसने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने का काम किया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रौद्योगिकी के लिए एक साझा मंच के बारे में सोचने की जरूरत है जिसे सभी के द्वारा साझा किया जा सके. राज्यों की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को भी एक दूसरे से साझा किया जा सकता है. साइबर अपराध हो या फिर ड्रोन प्रौद्योगिकी का हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई प्रौद्योगिकी पर काम करते रहना होगा. स्मार्ट प्रौद्योगिकी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा.”फर्जी खबरों के प्रवाह का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि ऐसी खबरों की सच्चाई सामने लाया जाना आवश्यक है और इसमें प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका है.उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी खबरों को जाचंने की प्रक्रिया या तंत्र के बारे में लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है ताकि किसी और से साझा करने से पहले वह उसे जांच सकें.”इस शिविर में राज्यों के गृह मंत्रियों के अलावा वहां के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय सुरक्षा बलों के महानिदेशक भी शामिल हुए.

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It is known to the public at large Shri Sanjeev Singh celebrity designer had planned to organize an event in Dubai on 06 Aug 2022 to 12 Aug 2022 under the name of Fashion Runway Night and invited to the varlous contestants payment but unfortunately due to unavoidable circumstances and lack of cooperation by the team of Dubai, event could not organized as per schedule and the same was postponed for any convenient date and time. T+ is pertinent to mention here that the contestants who had deposited participation fee shall not be returned in any condition as per the Rules and Requlation of Dubai team. It is further known to the public at large that the contestants who have filed their form of participation are requested to wait for fresh schedule of event and not to make any complaint against my client failing which they shall be responsible for cost, risk and consequences. A. K. DANISH navocaro . DELHI HIGH COURT Ch. No. K-35, Tis Hazari, Delhi-54 [email protected] Mobile No • 9810706377 A.K. DANISH

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भव्य- दिव्य मंदिर प्रांगण में भ्रमण : पूज्य गुरुजी जगद्ग़ुरु सुखानंद द्वाराचार्य स्वामी राघव देवाचार्य जी के साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

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डिजिटल भारत l विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के आंगन में बना श्री महाकाल लोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथो हुआ। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल का पूजन भी किया। वे जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
श्री महाकालेश्वर भव्य- दिव्य मंदिर प्रांगण में के ऐतिहासिक लोकार्पण के पश्चात दिव्य व अलौकिक लोक का पूज्य गुरुजी जगद्ग़ुरु सुखानंद द्वाराचार्य स्वामी राघव देवाचार्य जी के साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने भ्रमण किया।
शिवराज सिंह ने कहा कि आज से महाकाल कॉरिडोर श्री महाकाल लोक के नाम से जाना जायेगा. उन्होंने कहा कि नर्मदा को स्वच्छ बनाने के लिए फैक्ट्रियों के प्रदूषित जल को डायवर्ट किया जा रहा है.
श्री महाकाल जी के आशीर्वाद से उज्जैन्निय नगरी में भारतीय अध्यात्म व सनातन संस्कृति के इस विशालतम केंद्र एवं कलाकारों की अद्भुत कलाकारीता को देख कर आह्लादित हूँ।


उज्जैन स्थित ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर श्री महाकाल लोक में प्रवेश के लिए बुधवार को चार नए रास्ते खोल दिए गए। अधिकांश लोगों ने मंदिर के दक्षिण क्षेत्र में बने ‘श्री महाकाल लोक’ के नंदी द्वार से प्रवेश कर अवंतिकानाथ के दर्शन किए। भीतर जाकर श्रद्धालुओं ने आनंद और उल्लास की अनुभूति की, मगर गर्भगृह में विराजित भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने में उन्हें घंटाभर अधिक लगा।


शीघ्र दर्शन के लिए पुराने रास्ते भी रहेंगे खुले
उन्होंने बताया कि शीघ्र दर्शन के लिए पुराने पांच रास्ते भी पूर्ववत चालू हैं। जिन श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन करना हैं वे पुराने परंपागत पांच मार्गों में से कोई एक से आएं और जिन्हें मंदिर परिसर के नवविस्तारित क्षेत्र का अवलोकन करना है, वे त्रिवेणी संग्रहालय के सामने से नंदी द्वार के रास्ते आएं।
पहली बार धार्मिक नगरी उज्जैन में हो रही मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक में एक बहुत ही अद्भुत नजारा देखने को मिला.

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