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‘राहुल गांधी पर भरोसा नहीं ! पांच राज्यों के चुनाव नतीजे के बाद कांग्रेस की बैठक,

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पार्टी के भविष्य को लेकर शीर्ष नेतृत्व चिंतित, इन दिग्गज नेताओं पर गिर सकती है गाज

पंजाब में जहां कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा तो उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. ऐसे में अब इन राज्यों में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं की चुनाव रणनीति पर भी सवाल उठने लगे हैं.

सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि तीन राज्यों खासकर पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के हाथों में थी. पार्टी के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद इन नेताओं पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.

सबसे निराशाजनक प्रदर्शन उत्तर प्रदेश पा रहा है, जहां पार्टी महज 3 सीटों पर ही सिमट गई है. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस के जिन नेताओं को तीन राज्यों में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली थी अब उनकी कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं. पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने हार की जिम्मेदारी ली है.

पांच राज्यों में हुए चुनाव परिणाम में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जल्द ही पार्टी अध्यक्ष सोने गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाएंगी, जिसमें पार्टी की हार और प्रदर्शन को लेकर मंथन होगा. बताया जा रहा है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में तीन राज्यों में चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं पर भी गाज गिर सकती है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजस्थान कांग्रेस के तीन नेताओं के पास बड़ी जिम्मेदारी थी. लेकिन इन नेताओं की रणनीति भी पार्टी को दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंचा सकी. अलवर के पूर्व सांसद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन थे तो पूर्व विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर और जुबेर खान उत्तर प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी हैं. ऐसे में इन नेताओं पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है.

पार्टी आलाकमान को सबसे ज्यादा पंजाब में पार्टी का हार है. पंजाब में राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अजय माकन और हरीश चौधरी की रणनीति पूरी तरह से फेल हुई है और पार्टी को यहां सत्ता से हाथ धोना पड़ा. हरीश चौधरी जहां पंजाब के प्रभारी हैं तो अजय माकन स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन थे. माना जा रहा है कि इन नेताओं फिर भी रिपोर्ट लेने के बाद गाज गिर सकती है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां पूरे चुनाव प्रबंधन की मॉनिटरिंग कर रहे थे. वहीं, सचिन पायलट लगातार इन तीन राज्यों में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे थे, लेकिन बावजूद इसके, पार्टी का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा.

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी राजस्थान कांग्रेस के 9 विधायकों सहित कई नेताओं को चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली थी. राजस्थान कांग्रेस के विधायक भी उत्तराखंड में पार्टी को जीत नहीं दिला पाए. जिन नेताओं को उत्तराखंड में जिम्मेदारी मिली थी उनमें विधायक प्रशांत बैरवा, दानिश अबरार, इंद्राज गुर्जर, कृष्णा पूनिया, वेद प्रकाश सोलंकी, इंदिरा मीणा, चेतन डूडी, रफीक खान और पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल शामिल हैं.

पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने के बाद जहां भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी अपनी सफलता को लेकर जश्न मना रही हैं, वहीं कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी फिलहाल मंथन में जुटी हैं। खासकर कांग्रेस में तो लगातार खराब प्रदर्शन को लेकर शीर्ष नेतृत्व पर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं। अब पांचों राज्यों के नतीजे आने के बाद आत्ममंथन के लिए जो बैठक हुई, उसमें कुछ बड़े नेताओं ने सीधे तौर पर राहुल गांधी को आड़े हाथों ले लिया। इन नेताओं का कहना था कि उन्हें राहुल के नेतृत्व पर बिल्कुल भरोसा नहीं है।

रिपोर्ट्स की मानें तो जिस बैठक में ये बात कही गई, उसमें कांग्रेस के कई पदाधिकारी और बड़े नेता शामिल रहे। इनमें एक नाम राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा का रहा। इसके लिए सांसद कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह भी बैठक में शामिल रहे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुछ अन्य नेता इस मीटिंग से वर्चुअल तौर पर जुड़े थे।

बताया गया है कि बैठक के दौरान इन नेताओं ने कांग्रेस पर अस्तित्व के संकट का खतरा भी बताया और साफ किया कि अगर अभी कदम नहीं उठाए गए तो आगे पार्टी को अगर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इन नेताओं ने पंजाब में कांग्रेस के विकल्प के तौर पर आम आदमी पार्टी के उभार पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस तरह के बदलाव पार्टी को उन सभी राज्यों में हाशिए पर धकेल देंगे,

कांग्रेस के जी-23 ग्रुप से जुड़े हुए एक और वरिष्ठ नेता का कहना है कि उनको तो पंजाब समेत अन्य राज्यों के परिणामों का पहले से ही अंदाजा था। उक्त नेता का कहना है कि जब तक पार्टी में चापलूस और नेतृत्व की आंखों में धूल झोंकने वाले लोगों को राइट टाइम नहीं किया जाता है तब तक पार्टी ऐसे ही बिखराव की ओर बढ़ती रहेगी। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जी-23 से जुड़े नेताओं से हुई बातचीत के अनुसार यह था कि पंजाब में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो रही है और उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी की मेहनत बेकार जा रही है।

कद्दावर नेताओं को नजरअंदाज किया गया

जी-23 ग्रुप से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पंजाब में कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर जिस तरीके से टिकट वितरण किया गया और पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का पूर्व मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच तू-तू मैं-मैं हुई, उससे पार्टी के कार्यकर्ताओं का न सिर्फ मनोबल टूटा बल्कि उनको दूसरे बेहतर विकल्प भी मिले। वो कहते हैं कि चुनाव के दौरान पंजाब से पार्टी के बड़े नेताओं का अलग हो जाना भी पार्टी नेतृत्व की कमजोरी रही।

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योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया इस्तीफा, सपा में होंगे शामिल

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पार्टी के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी से भी इस्तीफा देते हुए समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली है। हालांकि उन्होंने अभी सपा में शामिल होने की बात नहीं स्वीकारी है लेकिन अखिलेश यादव ने ट्वीट करके यह साफ कर दिया है कि स्वामी प्रसाद उनके साथ आ गए हैं। मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य भी बीजेपी सांसद है।

यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे गए अपने इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। स्वामी प्रसाद का आरोप है कि उन्होंने अपना दायित्व निभाया लेकिन पार्टी ने उपेक्षा वाला रवैया अपनाया, जिसके कारण वह इस्तीफा दे रहे हैं।

मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है

स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, मेरी किसी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है। मैंने सामाजिक न्याय के लिए लगातार संघर्ष किया है। आगे भी करता रहूंगा। मुझे जहां भी सामाजिक न्याय साकार होता दिखेगा, मैं वहीं रहूंगा।

अपना इस्तीफा राजभवन भेजने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने तमाम सोशल मीडिया अकाउंट पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।’

एक और विधायक बृजेश प्रजापति का इस्तीफा

कई बार बात के बाद भी सुनवाई नहीं हुई

पत्रकारों से बातचीत में स्वामी प्रसाद ने कहा कि किसानों, दलितों, नौजवानों के साथ जो व्यवहार हो रहा है वह बर्दाश्त नहीं है। मैंने मंत्रिमंडल के साथ बाहर भी मंत्रियों से बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में बिना सम्मान के बीजेपी में नहीं रह सकता था। उन्होंने कहा कि इस्तीफे से पहले उन्होंने सुनील बंसल और डेप्युटी सीएम से बात की।

बीजेपी पर लगाए ये आरोप

योगी मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है लेकिन दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।

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लाइफ रिस्क में डालकर तुम्हारी फिल्में देखें? करण जौहर की अपील पर बरसे

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देश में कोरोना वायरस ने नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. राजधानी दिल्ली ‘येलो’ अलर्ट पर है. इस वजह से दिल्ली सरकार ने स्कूल, कॉलेज, जिम और सिनेमा हॉल बंद करने का फैसला लिया है. दिल्ली में थिएटर्स बंद होने के बाद फिल्म इंडस्ट्री टेंशन में आ चुकी है. हर किसी को दोबारा लॉकडाउन लगने का डर सता रहा है. वहीं करण जौहर ने भी दिल्ली सरकार से थिएटर्स खोलने की अपील की है.

करण जौहर ने की थिएटर्स खोलने की अपील

करण जौहर ने अपने ट्वीटर से ट्वीट के माध्यम से ट्वीट करते हुए दिल्ली सरकार से अपील की है कि वो सिनेमाघरों को खोल दें. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि हम दिल्ली सरकार से सिनेमाघरों संचालित करने की अनुमति देने की अपील करते हैं. सिनेमाघर के3 बाहर अन्य सेटिंग्स की तुलना में वातावरण को स्वच्छ बनाने और कोरोना के सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों को बनाये रखने की बेहतर व्यवस्था है. उन्होंने इस ट्वीट में दिल्ली सरकार और दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टैग किया है.

फिल्म निर्माता करण जौहर (Karan Johar) ने दिल्ली की सरकार से सोशल मीडिया पर अपील की है कि वो फिल्म थिएटर्स को खोल दें. वहां कोरोना की गाइडलाइंस बेहतर तरीके से फॉलो हो सकती है.

शाहिद कपूर की जर्सी की रिलीज डेट टल गई

कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए जहां कई राज्यों को सरकारों नाईट कर्फ्यू लगा कर सिनेमाघरों में 50% दर्शक क्षमता का नियम लागू किया है. वहीं दिल्ली सरकार ने पूरी तरह से सिनेमाघरों को बंद करने का ऐलान कर दिया है.जिसकी वजह से फिल्म जगत में हलचल मंच गई है. इसी हफ्ते रिलीज होने वाली फिल्म जर्सी के रिलीज डेट को टाल दिया गया है क्योंकि दिल्ली ऐसी जगह है जहां से बॉलीवुड फिल्मों की एक मोटी कमाई होती है. फिल्म रिलीज के बाद मेकर्स भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

वरुण और कृति- थिएटर एसोसिएशन के समर्थन

आपको बता दें, दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद थिएटर एसोसिएशन के लोग मनीष सिसोदिया से मिलजुल रहे हैं. वहीं बॉलीवुड नके कई कलाकार इस पर अपनी राय रख रहे हैं. एक दिन पहले ही वरुण धवन और कृति सैनन ने मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की दिल्ली सरकार से इस नए नियम पर पुनर्विचार करने और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अनुमति देने की अपील का समर्थन किया था. अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में कैसे संतुलन बनाती है.

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दिल्ली के कुछ बेहद खूबसूरत चर्च यहाँ की सजाबट देखले लायक

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क्रिसमस जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा कहा जाता है। क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट से पड़ा। बाइबल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही हर साल क्रिसमस मनाया जाता है। इस तारीख को लेकर कई बार विवाद भी हुआ। लेकिन 336 ई। पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया। इसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने आधिकारिक तौर पर जीसस के जन्म को 25 दिसंबर को ही मनाने का ऐलान किया।

इस बार क्रिसमस डे का सेलिब्रेशन कुछ अलग होगा। कोरोना महामारी के चलते कई देशों में क्रिसमस तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। वहीं, सुरक्षा के लिहाज से कई क्रिसमस पार्टी स्पोट पर भी पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे में क्रिसमस फेस्टिवल का रंग कुछ अलग देखने को मिलेगा लेकिन दोस्तों और परिवार के साथ क्रिसमस का त्योहार खुशियों भरा ही रहेगा। सभी अपने हिसाब से इस दिन को खास बनाने के लिए अरेंजमेंट कर चुके हैं।

क्रिसमस सेलेब्रेशन को यादगार बनाने की एक वजह ये भी है कि दिल्ली के चर्च बेहतरीन चर्चों में से एक माने जाते हैं. क्रिसमस को स्पेशल बनाने के लिए पर्यटक यहां पहले से घूमने की तैयारी करने लगते हैं. अगर आप भी अपने दिन को खास बनाना चाहते हैं, तो अपनी घूमने की लिस्ट में दिल्ली के इन मशहूर चर्चों को भी शामिल कर सकते हैं.

सेंट अल्फोंसा चर्च शहर के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है, जो वसंत कुंज के फार्महाउस के बीच बसा हुआ है. हरी-भरी हरियाली के बीच स्थित इस चर्च का नाम संत अल्फोंसा के नाम पर रखा गया है. बता दें कि 2002 में बनाया गया सेंट अल्फोंसा चर्च के अंदरूनी हिस्सों में बहुत खुबसूरत कलाकृति है. स्थापत्य की नक्काशी और प्रतिमाएं मंत्रमुग्ध करने वाली व सौंदर्यपूर्ण लगती हैं

दिल्ली के गोल मार्किट में स्थित ‘सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च’ शहर के सबसे ख़ूबसूरत और फ़ेमस चर्चों में से एक है. क्रिसमस के समय और उसके दौरान ये चर्च पर्यटकों से भरा रहता है. ख़ासकर क्रिसमस के मौके पर यहां का माहौल देखने लायक होता है. इस दौरान चर्च परिसर में एक बड़ी सी स्‍क्रीन भी लगाई जाती है, जहां विजिटर्स चर्च के अंदर चल रही गतिविधियों को देख सकते हैं

दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाक़े में स्थित ‘सेंट जेम्स चर्च’ दिल्ली का सबसे पुराना चर्च है. 19 वीं शताब्दी में बना सेंट जेम्स चर्च सबसे पुराने चर्चों में से एक है और पर्यटन के लिए एक प्रमुख स्थल है. बताया जाता हा कि इसकी स्थापना 1836 में हुई थी. ये कश्मीरी गेट के चहल-पहल के बीच एक हरे-भरे क्षेत्र में स्थित है.

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काम कर रही महिलाओं के साथ प्रियंका ने खाना खाया, जनता से 7 वादे किए

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साल 2022 के शुरुआत में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने तरीके से लोगों को जोड़ने में लगी हैं. चाहे भापजा हो, सपा, बसपा, आप या कांग्रेस. कोई रथ यात्रा निकाल रहा तो कोई बड़े-बड़े वादे कर रहा. प्रियंका गांधी, जो कांग्रेस की महासचिव हैं. उन्होंने बाराबंकी में सात बड़े ऐलान किए. दरअसल, बाराबंकी से उन्होंने प्रतिज्ञा यात्रा को हरी झंडी दिखाई और UP में सरकार बनाने के बाद वो जनता के लिए जो करेंगी, वो सब गिनाए.

क्या हैं वो सात वादे?

कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों को प्रतिज्ञा का नाम दिया है. कांग्रेस के मुताबिक,

पहली प्रतिज्ञा- चुनावी  टिकटों में महिलाओं को 40 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जाएगी.

दूसरी प्रतिज्ञा- 12वीं पास लड़कियों को स्मार्टफोन और ग्रेजुएशन पास लड़कियों को स्कूटी दी जाएगी.

तीसरी प्रतिज्ञा- किसानों का पूरा कर्जा माफ होगा.

चौथी प्रतिज्ञा- 20 लाख सरकारी रोजगार दिए जाएंगे.

पांचवीं प्रतिज्ञा- बिजली बिल सबका हाफ, कोरोना काल का बकाया माफ.

छठवीं प्रतिज्ञा- कोरोना के दौरान पड़ी आर्थिक मार के चलते हर परिवार को 25 हज़ार रुपये की मदद दी जाएगी

सातवीं प्रतिज्ञा- 2500 रुपये प्रति क्विंटल में गेहूं-धान और 400 रुपये प्रति क्विंटल में गन्ना बिकवाये जाएंगे.

महिला किसानों के हाथ से खाया खाना

प्रियंका गांधी वाड्रा खेत में काम कर रही महिलाओं के पास पहुंचीं. उनके साथ खेत में कुछ समय बैठीं. बातें कीं. कहा कि जब उनकी सरकार आएगी तब महिलाओं के लिए अलग से घोषणापत्र जारी किया जाएगा. लेकिन वह अभी यहां उन लोगों की समस्याएं जानने के लिए आई हैं. जिनका निवारण वो सरकार बनने के बाद करेंगी. महिलाओं के हाथ से आलू का पराठा, गुड़ और सलाद खाया, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रियंका गांधी की यह यात्रा एक नवंबर तक चलेगी. इस दौरान लोगों को कांग्रेस की सात प्रतिज्ञाएं बताई जाएंगी. 31 अक्टूबर को गोरखपुर में प्रियंका की बड़ी रैली होने वाली है. यूपी में सत्ता से 32 सालों से बाहर कांग्रेस को प्रतिज्ञा यात्रा से बड़ी आस है. यूपी में चुनावी एजेंडा सेट करने में जुटी प्रियंका गांधी का फोकस किसान, महिला, दलित और मुस्लिम वोटरों पर है. कांग्रेस कुल चार प्रतिज्ञा यात्रा निकालेगी. पहले चरण में बाराबंकी और सहारनपुर से यात्राएं शुरू हो चुकी हैं, लेकिन वाराणसी में अभी परमिशन नहीं मिली है. यहां कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर चार पहिया वाहन से सांकेतिक रूप से यात्रा निकालेंगे. चौथा चरण दिवाली पर शुरू होगा.

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एक ऐसा स्पा भी हैं जहां इंसान नहीं सांप करते हैं मसाज;

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पीठ पर छोड़ दिए जाते हैं दर्जनों सांप

बता दें कि स्नेक मसाज (Snake Massage) में शख्स के शरीर पर दर्जनों सांप छोड़ दिए जाते हैं और फिर सांप शख्स के शरीर पर रेंगते हुए मसाज करते हैं. हालांकि कई लोग स्नेक मसाज के दौरान बुरी तरह डर भी जाते हैं.

शरीर की थकान को दूर करने के लिए लोग मसाज करवाते हैं लेकिन तब क्या हो जब आपका मसाज कोई इंसान नहीं बल्कि सांप करें. हां ये सच है. मिस्र (Egypt) देश की राजधानी काहिरा (Cairo) के एक स्पा (Spa) में ऐसा ही होता है. यहां हाथों से नहीं बल्कि सांपों से मसाज करवाया जाता है. इसे स्नेक मसाज (Snake Massage) कहा जाता है

स्नेक मसाज में होता है इन सांपों का इस्तेमाल

जान लें कि स्नेक मसाज में जहरीले सांपों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. मसाज वही सांप करते हैं जो जहरीले नहीं होते हैं. इसीलिए इन सांपों से कोई खतरा नहीं होता है. हालांकि लोग इन सांपों से शुरुआत में डरते हैं लेकिन धीरे-धीरे वो इनके आदी हो जाते हैं. जब ये सांप शरीर पर चलते हैं तो शरीर को आराम मिलता है.

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चंद्र ग्रहण के दौरान बना नकारात्‍मक माहौल

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 चंद्र ग्रहण अहम खगोलीय घटना होती है लेकिन धर्म-ज्‍योतिष में भी इसे बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. आज 19 नवंबर 2021, शुक्रवार को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण सुबह 11:34 बजे से शुरू हो चुका है. यह ग्रहण शाम को 05:59 बजे तक चलेगा. यह सदी का सबसे देर तक चलने वाला आंशिक चंद्र ग्रहण है. आज से 580 साल पहले इतना लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण लगा था.

 चंद्र ग्रहण को धर्म और ज्‍योतिष में अशुभ माना गया है इसीलिए ग्रहण के दौरान खाने-पीने, शुभ काम करने की मनाही रहती है. वहीं जिन राशियों पर ग्रहण का नकारात्‍मक असर ज्‍यादा रहता है, उनके जातकों को इस दौरान संभलकर चलने की सलाह दी जाती है. यह चंद्र ग्रहण वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लग रहा है, लिहाजा वृषभ राशि के साथ-साथ सूर्य के स्‍वाम्त्वि वाली सिंह राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण अशुभ है. जिस तरह शास्त्रों में ग्रहण के दौरान पालन करने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं, उसी तरह ग्रहण के बाद के लिए भी नियम बताए गए हैं. ग्रहण समाप्‍त होते ही ये काम करने से ग्रहण का अशुभ असर कम हो जाता है. लिहाज चंद्र ग्रहण के कारण आप पर हुए अशुभ असर से बचना चाहते हैं तो ग्रहण के बाद ये काम जरूर कर लें. 

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तीनों कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापस ले लिया

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तीनों कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापस ले लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद सोशल मीडिया में रिएक्शन की बाढ़ आ गई हैतीनों कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापस ले लिया है. दिल्ली की अलग-अलग सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने से पहले यह फैसला को चुनाव से जोड़कर देख रहा है तो कोई इसे मास्टरस्ट्रोक बता रहा है.

दरअसल, गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व के मौके पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को

समझा नहीं पाए. शायद हमारी तपस्या में कमी रही. भले ही किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था. हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ऐलान के बाद सोशल मीडिया में रिएक्शन की बाढ़ आ गई. एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा, ‘उप चुनावों की हार ने मोदी जी को बहुत कुछ

सीखा दिया, पहले पेट्रोल डीजल की कीमतें कम, अब तीनों किसान कानून वापिस लेने पड़े, झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए.’

भक्त कहते थे मोदी है नही झुकेगा

‘झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए’

यूपी चुनाव में हार देखते हुए तीनों कृषि क़ानून वापस लिए गए ।

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अधूरी परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करें- मुख्यमंत्री

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 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अधूरी परियोजनाओं का कार्य तेज गति से पूरा किया जाए। परियोजनाओं में विलंब एवं गड़बड़ी करने पर निर्माण एजेंसियों पर पेनाल्टी लगाकर कार्यवाही की जाएगीस ठेकेदारों को ब्लेक लिस्टेड किया जाएगा। परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए निर्माण एजेंसी एवं संबंधित विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में प्रगति ऑनलाइन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट फ्रेमवर्क की परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।

नई कार्य-संस्कृति का विकास करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी विभाग मिलकर नई कार्य-संस्कृति का विकास करें। एक साथ बैठकर सभी एजेंसियाँ कार्य पूरा करने के संबंध में लक्ष्य निर्धारित करें। सभी एजेंसियाँ आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें।

कोठा- बैराज परियोजना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विदिशा जिले की कोठा- बैराज परियोजना के कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए विलंब का कारण पूँछा। उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त की और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को समय पर कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए।

माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दतिया जिले की माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना की समीक्षा के दौरान जल संसाधन विभाग पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस परियोजना के कार्य के लिए अभी तक जमीन ही ढूँढ रहे हैं, काम का यह तरीका ठीक नहीं है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जमीन ढूँढने के कार्य में सहयोग करें। इस कार्य की एक माह बाद पुनरू समीक्षा की जाएगी। जिस दौरान कोई विलम्ब का कोई भी कारण शेष न रहे। उन्होंने वर्ष 2022 में परियोजना अतंर्गत पानी की  शुरुआत कराने के निर्देश में दिए।

स्लीमनाबाद टनल
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कटनी जिले में बरगी परियाजना के अंतर्गत स्लीमनाबाद टनल के कार्य में हर संभव सहयोग करने के लिए कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी कीमत पर जून 2023 तक  टनल में पानी की शुरुआत कर दी जाए।

बाण सागर समूह जल प्रदाय योजना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की शहडोल जिले की बाण सागर समूह जल प्रदाय योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निर्माण एजेंसी द्वारा परियोजना के कार्य में लापरवाही बरतने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।  बाण सागर मल्टीविलेज वाटर सप्लाई स्कीम की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि वन विभाग के कारण अनुमति का कार्य प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि समन्वय बनाकर परियोजना का कार्य पूरा किया जाए।

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प्रदूषण के खिलाफ और सख्त कदम उठायगी दिल्ली सरकार

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दिल्ली एनसीआर इलाके में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए और भी कड़े कदमों की घोषणा की गई है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो वीकेंड पर लॉकडाउन लगाने के लिए भी तैयार है.वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने मंगलवार 16 नवंबर की रात दिल्ली एनसीआर इलाके में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए नए निर्देश दिए. दिल्ली और आसपास के सभी शहरों में स्कूल और कॉलेज अगले आदेश तक बंद रहेंगे. इसके अलावा एनसीआर के सभी राज्यों यानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, और राजस्थान में 21 नवंबर तक सभी निर्माण संबंधी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. एनसीआर के 300 किलोमीटर के दायरे में सक्रिय कोयले से चलने वाले 11 बिजली के संयंत्रों में से सिर्फ पांच चलते रहेंगे और बाकियों को फिलहाल बंद कर दिया जाएगा.

द्योगिक प्रदूषण पर भी लगाम दिल्ली में सिर्फ आवश्यक वस्तुओं को लाने वाले ट्रकों को आने की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा बाकी सभी तरह के ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर 21 नवंबर तक बैन रहेगा.

सरकारों को सड़कों की सफाई करने वाली मशीनों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कहा गया है. इलाके में मौजूद गैस से चलने की क्षमता वाले सभी उद्योगों से कहा गया है कि वो अपना परिचालन गैस पर ही करें अन्यथा उन्हें बंद कर दिया जाएगा. बिना स्वीकृति प्राप्त ईंधनों पर चलने वाले उद्योगों को बंद करने का निर्देश दिया गया है. लॉकडाउन का प्रस्ताव 10 सालों से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 सालों से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. दिल्ली सरकार को जल्द से जल्द पर्याप्त संख्या में सीएनजी बसें सड़कों पर उतारने के लिए कहा गया है.

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