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प्रेगनेंसी के बाद कैसे रखे माँ का खयाल

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डिजिटल भारत l मां बनना दुनिया में सबसे बड़ी ब्लेसिंग है। क्योंकि नन्हें कदमों के घर में आते ही घर की रौनक बढ़ जाती है। मां के साथ साथ घर के सभी सदस्यों का ध्यान बच्चे की ओर चला जाता है। लेकिन ये भी सच है कि न्यू मॉम को प्रेग्रेंसी के टाइम में जितनी केयर की जरूरत थी, उतनी ही डिलीवरी के बाद भी। क्योंकि डिलीवरी के बाद महिला के शरीर में कई शारीरिक व भावनात्मक बदलाव होते हैं। ऐसे में सबके बच्चे की केयर में लगे रहने के कारण मां खुद को काफी अकेला फील करने लगती है, जो तनाव का कारण बनता है। ऐसे में खुद को हेल्दी रखने व पोस्टपार्टम डिप्रेशन से दूर रखने के लिए नीचे बताए कुछ टिप्स को फॉलो करना न भूलें।
डिलीवरी के बाद के 40 डेज अहम
आपको अपनी डिलीवरी के बाद भी अपनी डाइट का वैसे ही ध्यान रखने की जरूरत है, जैसे आप प्रेग्रेंसी के दौरान खुद का ध्यान रखती थीं। इसके लिए आपको पौष्टिक डाइट लेने की जरूरत है, जिससे शरीर को ताकत मिले। आप अपनी डाइट में दूध, दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां, दलिया, मखाने, फ्रूट्स, पनीर शामिल करके फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम व आयरन की भरपूर मात्रा लें। छोटी-छोटी मील दिन में कई बार लें।डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते है जिसे ये बदलाव कई बार आपके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालते है। जो महिलाएं पहली बार मां बनती हैं उन्हें यह जानकारी नहीं होती कि उन्हें डिलीवरी के बाद किन बातों का ध्यान रखना है, क्या खाना है, क्या करना है, किस तरह की एक्सरसाइज करनी चाहिए, किस तरह के आहार का सेवन करना चाहिए।इस बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने बात की अपोलो दिल्ली और आर्केडी वीमेन हेल्थ केयर एंड फर्टिलिटी की डायरेक्टर, स्त्री रोग विशेषज्ञ और टेस्ट ट्यूब बेबी स्पेशलिस्ट डॉ. पूजा दिवान से।

नई मां के लिए जरूरी है पोस्ट-डिलीवरी केयर में इन 7 बातों का ध्यान रखना (post delivery care of mother)
1 आराम है सबसे ज्यादा जरूरी
बच्चे को जन्म देना कठिन काम है और आप शायद अस्पताल में ज्यादा सो न पाई हों। प्रसव के बाद पहले कुछ सप्ताह आपके लिए जब भी संभव हो आराम करने का एक महत्वपूर्ण समय होता है। जब आपका बच्चा सोता है, तो सोने या आराम करने की कोशिश करें। यह आराम आपको ठीक होने में मदद करेगा।2 2 भारी सामान उठाने से बचें
ठीक होने के दौरान आपको अपने बच्चे के वजन से ज्यादा भारी कुछ भी उठाने से बचना चाहिए। यदि आपकी सी-सेक्शन डिलीवरी हुई है, तो यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। भारी सामान उठाने से आपके पेट में जोर पड़ सकता है।
3 अपने हाथ धोएंयह एक छोटी सी बात लग सकती है, लेकिन सुनिश्चित करें कि आप अपने हाथों को बार-बार धोते रहें। बाथरूम जाने के बाद, अपने बच्चे का डायपर बदलने के बाद और अपने बच्चे को दूध पिलाने से पहले भी अपने हाथ धोएं।
4 सीढ़ियां चढ़ने से बचेंपहले सप्ताह के दौरान, आपको सीढ़ियां चढ़ने की मात्रा को कम करने का प्रयास करना चाहिए। इस दौरान प्रतिदिन सीढ़ियां चढ़ने और उतरने की संख्या को सीमित करना आपके लिए अच्छा होगा। किसी भी तरह की अतिरिक्त शारीरिक गतिविधि या प्रेशर आपकी रिकवरी को धीमा कर सकता है
5 बच्चे की हाइपर केयर से बचेंपहले कुछ हफ्तों में अपने बच्चे के शेड्यूल और जरूरतों को सीखना काफी कठिन होता है। आपको अपने शिशु को हर दिन नहलाने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय गीले कपड़े से पोंछे ताकि आपके बच्चे का चेहरा, हाथ और डायपर क्षेत्र रोजाना साफ हो। लोगों से मिलना सिमित करें
6 लोग आपके पास आना और आपके बच्चे से मिलना चाहेंगे। पहले कुछ हफ्तों के लिए लोगों को सीमित करना या उनसे मिलने के लिए मना करना पूरी तरह से ठीक है। इस समय के दौरान, आप अपने बच्चे के साथ अपने नए जीवन के साथ तालमेल बिठा रही होंगी, साथ ही अपने प्रसव से ठीक हो रही होंगी। तो ऐसे में लोगों से भी मिलना आपको प्रभावित कर सकता है।
7 खुद को करें एक्सप्रेस, बच्चे के जन्म के बाद महिला को कई तरह के मूड स्विंग्स होते हैं, लेकिन वह अपने मन की भावनाओं को अपने भीतर ही दबाकर रखती है, जिससे उसका इमोशनल ब्रेकडाउन भी होता है। इसलिए खुद का ख्याल रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को एक्सप्रेस करना सीखें। भले ही आपके मन में जो भी फीलिंग हो, उसे अपने पार्टनर से शेयर करें।Postpartum Diet Tips: ड‍िलीवरी के बाद नई मां ऐसे रखें अपनी डाइट का खास ख्यालPostpartum Diet Tips: मां बनना एक महिला के जीवन का सबसे अहम पल होता है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि जितना प्रेगनेंसी के दौरान सेहत और खान-पान का ख्याल रखना जरूरी है उतना ही डिलीवरी के बाद भी.Postpartum Diet Tips In Hindi: मां बनना एक महिला के जीवन का सबसे अहम पल होता है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है. क्योंकि इस दौरान मां के साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत का ख्याल भी जरूरी होता है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि जितना प्रेगनेंसी के दौरान सेहत और खान-पान का ख्याल रखना जरूरी है उतना ही डिलीवरी के बाद भी. डिलीवरी (After Pregnancy Care) के बाद महिलाओं की सेहत पर काफी असर पड़ता है ऐसे में उन्हें अपनी सेहत का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. डिलीवरी के बाद इम्यूनिटी काफी कमजोर पड़ जाती है, ऐसे में शरीर को कई समस्याएं हो सकती हैं. लेकिन अगर आप अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल करते हैं, तो आप अपने शरीर को डिलीवरी के बाद भी हेल्दी रख सकती हैं.

1. गुड़ डिलीवरी के बाद नई मां अपनी डाइट में गुड़ को शामिल कर सकती हैं. क्योंकि गुड़ में ज‍िंक और सेलेन‍ियम जैसे पोषक तत्‍व पाए जाते हैं, जो शरीर में खून की कमी को दूर करने और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.

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2. अनार अनार में आयरन, फाइबर, ओमेगा-6 फैटी एसिड और विटामिन सी की अच्‍छी मात्रा पाई जाती है, जो इम्यूनिटी और खून को बढ़ाने के साथ शरीर को कई लाभ पहुंचा सकते हैं. प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद आप अनार को डाइट में शामिल कर सकते हैं.

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3. खजूर-

सर्दियों के मौसम में खजूर का सेवन फायदेमंद माना जाता है. नई मां के लिए खजूर खाना लाभकारी हो सकता है. खजूर में फाइबर, खन‍िज और व‍िटाम‍िन्‍स की अच्‍छी मात्रा होती है. डिलीवरी के बाद शरीर कमजोर हो सकता है, ऐसे में खजूर का सेवन शरीर को एनर्जी देने में मददगार हो सकता है.

4. हरी पत्तेदार सब्‍ज‍ियां-

हरी पत्तेदार सब्जियों को प्रेगनेंसी के दौरान खाना फायदेमंद माना जाता है. इनमें पाए जाने वाले गुण शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं. आप डिलीवरी के बाद भी अपनी डाइट में हरी सब्जियों को शामिल कर सकते हैं.

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सोना चंदी के भाव आसमान से भी ऊपर,क्यों है चंदी निवेश के लिए बेस्ट

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डिजिटल भारत l भारतीय सर्राफा बाजार में 3 जून 2024 को सोने के भाव में कमी आई है। अब सोने की कीमत 71405 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है। 31 मई 2024 को सोने के शाम के भाव की तुलना में 951 रुपये की तेजी आई है। चांदी के भाव में कमी देखी गई है।भारतीय सर्राफा बाजार में 3 जून 2024 को सोने के भाव में कमी आई है। अब सोने की कीमत 71405 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है। 31 मई 2024 को सोने के शाम के भाव की तुलना में 951 रुपये की तेजी आई है। चांदी के भाव में कमी देखी गई है। चांदी के भाव में 88950 रुपये प्रति किलो हो गया है। राष्ट्रीय स्तर पर 999 शुद्धता वाले चांदी के भाव में 31 मई से 3499 रुपये की कमी आई है31 मई की शाम को 999 शुद्धता वाले 23 कैरेट सोने की कीमत 71405 रुपये थी। 3 जून को 999 वाले 24 कैरेट सोने की कीमत 71405 रुपये हो गई है। 31 मई की शाम को 999 शुद्धता वाली चांदी की कीमत 92449 रुपये थी। 3 जून को 999 शुद्धता वाली चांदी की कीमत 88950 रुपये हो गई है।3 जून को 995 शुद्धता वाले सोने की कीमत 71119 रुपये हो गई है। 916 शुद्धता वाले सोने की कीमत 65407 रुपये हो गई है। 750 शुद्धता वाले सोने की कीमत 53554 रुपये हो गई है। 585 शुद्धता वाले सोने की कीमत 41772 रुपये हो गई है।बस कुछ दिनों में फिर सोने-चांदी में आएगी तेजीसोने, चांदी की कीमत में तेजी से गिरावट का कारण अर्थशास्त्री भले ही वायदा कारोबार और साईप्रस द्वारा काफी मात्रा में जमा सोना बाजार में उतारने की बात कह रहे है लेकिन असलियत कुछ और है। ज्योतिषशास्त्री और स्टॉक गुरू जयगोविंद शास्त्री कहते हैं कि यह घटना ऐसे समय में ही क्यों हुई जब बुध कुंभ से अपनी नीच राशि मीन में पहुचे।

वास्तव में बाजार का इस तरह लुढ़कने का कारण कुछ और नहीं बुध की यह स्थिति है। ज्योतिष का नियम है कि जब बुध अपनी नीच राशि मीन में होते हैं तब अर्थव्यवस्था में गिरावट एवं आर्थिक अपराध की घटनाओं में वृ्द्धि होती है। बुध कालपुरुष की बुद्धि हैं इसलिए जब ये नीच राशिगत होते हैं तो अपने से संबंधित क्षेत्र जैसे बैंक, बीमा एवं कमोडिटी बाज़ार के निवेशकों को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

बुध के मीन राशि में होने के कारण ही पश्चिम बंगाल में हुआ आर्थिक घोटाला सामने आया! ऐसे अवसरों का पहले भी कई लोगों ने दुरूपयोग किया है जैसे हर्षद मेहता, अब्दुकरीम तेलगी जिनके कारण हज़ारों निवेशकों को अर्श से फर्श पर आना पड़ा है और कई निवेशक तो इसी नुकसान के कारण आत्महत्या भी कर चुके हैं!

लेकिन अब ये स्थिति समाप्त होने वाली है क्योंकि आज शाम बुध मीन से निकलकर मेष राशि में पहुंच रहा है। जहां पर यह सूर्य, मंगल, शुक्र, और केतु के साथ इनका मेल होगा। इसी मेल के परिणामस्वरूप सोने-चांदी में हो रही भारी गिरावट थमेगी साथ ही 4 मई की मध्यरात्रि में शुक्र अपने घर वृष राशि में आ जाएंगे।

जिससे खरीदारी में भारी वृद्धि होगी। शुक्र की दशा-दिशा भी कमोडिटी बाज़ार को खासा प्रभावित करती है इसलिए इनका मंगल-सूर्य के चंगुल से मुक्त होकर अपने घर में पहुचना निवेशकों और स्टॉक मार्केट के लिए उम्मीद की किरण जगाएगा। निवेशकों के लिए सलाह है कि अबतक आपने धैर्य रखा है तो कुछ दिन और धैर्य बनाए रखिए। अप्रैल माह के अंत के साथ बाज़ार में गिरावट का अंत हो सकता है। बुध का मेष राशि में और शुक्र का वृष में पहुंचना आमजनता के लिए शुभ फलदायी रहेगाचांदी में निवेश किस तरह से आपके लिए फायदेमंद है यह जानने के लिए हमने ज्वेलरी बेचने वाली लागू बंधू फर्म के डायरेक्टर कुणाल लागू से बात की। उन्होंने चांदी के गहनों में निवेश के कुछ फायदे बताए हैं। उनके मुताबिक, चांदी के गहनों में इस वक्त निवेश करना आगे चलकर आर्थिक स्थिरता के लिए जरूरी होगा।

चांदी में निवेश आपकी जेब पर नहीं पड़ेगा भारी
कुणाल के मुताबिक, चांदी के गहने सोने या प्लेटिनम की तुलना में ज्यादा सुविधाजनक और किफायती हैं। यही कारण है कि इन्हें खरीदना और कलेक्ट करके रखना आसान है। अगर आप अपनी संपत्ति को अलग-अलग जगह में निवेश करना चाहते हैं, तो चांदी भी एक ऑप्शन हो सकती है। हां, आप बॉन्ड्स, गोल्ड और डायमंड खरीद सकते हैं, लेकिन चांदी को भी अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का हिस्सा बनाएं।चांदी है फिजिकल निवेश
महंगाई के दौरान क्या होता है यह हम सभी को पता है। कैश से ज्यादा फिजिकल चीजों का दाम बढ़ जाता है और ऐसे समय में चांदी के गहने ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसमें जरूरी मेटल जैसे गोल्ड, सिल्वर आदि शामिल हैं। जरूरत के समय पर इन मेटल्स की ज्यादा कीमत मिल सकती है। अगर मार्केट में कोई उतार-चढ़ाव आता है, तो भी फिजिकल निवेश ज्यादा फायदेमंद लगता है। मार्केट के उतार-चढ़ाव के समय चांदी के जेवर ज्यादा आसानी से बेचे जा सकते हैं।फैशन के मामले में बेस्ट है चांदी
सिल्वर ज्वेलरी के डिजाइन ज्यादा आकर्षक बनाए जा सकते हैं और डिमांड के हिसाब से इन्हें हल्का या भारी किया जा सकता है। जिन लोगों को भारी सिल्वर सेट चाहिए उन्हें भी बेहतर डिजाइन के ऑप्शन मिल सकते हैं। सिल्वर ज्वेलरी के साथ एक बात और देखी जा सकती है कि इसकी डिमांड समय के साथ-साथ बढ़ती है और साथ ही इसकी वैल्यू भी बढ़ती है। इसके मेकिंग चार्जेस भी सोने की तुलना में कम होते हैं जिसके कारण आपको ज्यादा फायदा मिलता है।चांदी की कीमत नहीं होती कम
ज्वेलरी के मेकिंग चार्जेस काफी ज्यादा होते हैं, लेकिन यहीं चांदी की बात करें, तो यह सोने की तुलना में कम मेकिंग चार्जेस के साथ बनाई जा सकती है। ऐसे में अगर आप कुछ गहने, मूर्तियां या सिक्के खरीदते हैं, तो समय के साथ उनकी कीमत में इजाफा होगा। यह कलेक्शन के लिए भी अच्छे हो सकते हैं और इन्हें सालों-साल सहेज कर रखा जा सकता है।चांदी को बेचना है सबसे आसान
हां, कोई भी खुद गहना बेचने के हिसाब से नहीं खरीदता है, लेकिन अगर जरूरत पड़े, तो चांदी को किसी भी तरीके से बेचना ज्यादा आसान होगा। सिक्के, गहने, मूर्तियां, बर्तन आदि सब कुछ बेचना ज्यादा आसान है। निवेश के तौर पर देखें तो चांदी की लिक्विडिटी ज्यादा है और मौजूदा अर्थव्यवस्था में इसका ज्यादा फायदा लिया जा सकता है।

चांदी के जेवर साफ करना भी सोने के मुकाबले ज्यादा आसान होता है जिसके कारण इनकी चमक सालों साल बरकरार रहती है। ऐसे में आजकल मार्केट में सोने का पानी चढ़े हुए चांदी के जेवर भी मिलने लगे हैं। ऐसे में अगर आप कम पैसा निवेश कर सोने जैसे दिखने वाले जेवर चाहते हैं, तो वो भी आसानी से मिल सकते हैं। स्टाइल और क्वालिटी के मामले में आपको चांदी का सर्टिफिकेट भी मिलता है। बेहतर होगा कि आप जहां से भी चांदी खरीद रहे हैं वहां से उसकी शुद्धता की पहचान जरूर कर लें।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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Akasa Air में मिला ‘सिक्योरिटी अलर्ट चालक दल समेत 193 लोग थे सवार विमान को किया अहमदाबाद डायवर्ट

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डिजिटल भारत l Akasa Air: अकासा एयर के प्रवक्ता ने बताया है कि 03 जून, 2024 को दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान भरने वाली एयरलाइन की फ्लाइट क्यूपी 1719 के बोर्ड को एक सुरक्षा अलर्ट मिला। विमान में 186 यात्री, 1 शिशु और चालक दल के छह सदस्य समेत कुल 193 लोग सवार थे।विस्तार
दिल्ली से मुंबई जा रहे अकासा एयर के एक विमान के बारे में बड़ी खबर सामने आ रही है। अकासा एयर के प्रवक्ता ने बताया है कि 03 जून, 2024 को दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान भरने वाली एयरलाइन की फ्लाइट क्यूपी 1719 के बोर्ड को एक सुरक्षा अलर्ट मिला। विमान में 186 यात्री, 1 शिशु और चालक दल के छह सदस्य समेत कुल 193 लोग सवार थे।सुरक्षा खतरे के डर से पायलट ने मुंबई एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग की और सुरक्षा अधिकारियों को इस घटना की सूचना दी गई। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336, 504, 506 और 323 के तहत मामला दर्ज किया गया है।New Delhi: उड़ानों में बम मिलने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। एक बार फिर, एक फ्लाइट में बम की सूचना के कारण उड़ानों को डायवर्ट किया गया है। दरअसल, बम धमकी के चलते दिल्ली (New Delhi) से मुंबई जा रही फ्लाइट को अहमदाबाद डायवर्ट किया गया।

अहमदाबाद में सुरक्षा के मद्देनजर सभी यात्रियों को फ्लाइट से बाहर निकाला गया और फिर फ्लाइट की जांच की जा रही है। यह फ्लाइट अकासा एयरलाइन्स की है, जिसमें बम की सूचना मिली थी। फ्लाइट में बम की खबर के बाद यात्रियों में हड़कंप मच गया। फिलहाल जांच जारी है।यात्रियों के बीच मचा हड़कंप
फ्लाइट में बम की जानकारी सामने आने के बाद अकासा एयरलाइन्स ने आधिकारिक बयान जारी किया है। बयान के अनुसार, अकासा एयर के प्रवक्ता को जिम्मेदार ठहराया गया है। बता दें कि 3 जून 2024 को दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान भरने वाली अकासा एयर की उड़ान QP 1719 को सुरक्षा चेतावनी मिली थी। इस फ्लाइट में 186 यात्री सवार थे, जिसमें 1 बच्चा और 6 चालक दल के सदस्य भी थे।अहमदाबाद में हुई इमरजेंसी लैंडिंग
सुरक्षा चेतावनी मिलने के बाद निर्धारित सुरक्षा प्रक्रियाओं के अनुसार विमान को अहमदाबाद की ओर मोड़ दिया गया। फ्लाइट के कैप्टन ने सभी आवश्यक आपातकालीन प्रक्रियाओं का पालन किया। दिल्ली से मुंबई जा रही फ्लाइट को सुबह 10:13 बजे सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतारा गया।

यहां लैंड करने के बाद सभी यात्रियों को विमान से नीचे उतारा गया और फ्लाइट की जांच की जा रही है। अकासा एयर जमीन पर सभी सुरक्षा उपायों और प्रोटोकॉल का पालन और समर्थन कर रहा है।अहमदाबाद में हुई इमरजेंसी लैंडिंग
सुरक्षा चेतावनी मिलने के बाद निर्धारित सुरक्षा प्रक्रियाओं के अनुसार विमान को अहमदाबाद की ओर मोड़ दिया गया। फ्लाइट के कैप्टन ने सभी आवश्यक आपातकालीन प्रक्रियाओं का पालन किया।

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इन चीजों को खाने से हो सकता है केंसर

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डिजिटल भारत I आजकल के दौर में कैंसर एक आम समस्या हो गया है। गलत लाइफस्टाइल व खराब खानपान इसका मुख्य कारण तो है ही। साथ ही गलत चीजों का सेवन करने से भी कैंसर होता है जिसमें मुख्य कारण है धुम्रपान। लेकिन क्या आपको पता है कि सिगरेट पीने के अलावा और किन कारणों से कैंसर की शिकायत होती है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि धुम्रपान के अलावा और किन चीजों से कैंसर होता है। शराब के अधिक सेवन करने से डायबिटीज, मोटापा जैसी गंभीर बीमारियां तो होती ही हैं। साथ में कैंसर होने का भी खतरा बना रहता है। एक ताजा स्टडी के अनुसार शराब का सेवन करने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर की संख्या में तीस फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। इसलिए शराब का सेवन करने से बचें। विटामिन, प्रोटीन और मिनरल युक्त आहार
कैंसर के दौरान सर्जरी और थेरेपी के बाद चोट को भरने और इन्फेक्शन से लड़ने के लिए अधिक मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है. इसके लिए मछली, अंडे, लीन मीट, कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट, नट बटर, सूखे बीज और मेवे, मटर और मसूर की दाल, सोयाबीन का सेवन कर सकते हैं. इन फूड्स का सेवन आप अपने टेस्ट और लक्षण के हिसाब से कर सकते हैं.Health Tips : कैंसर में क्या खाएं, क्या नहीं खाएं और किन चीजों से करें परहेज?
Health Tips : कैंसर के इलाज के दौरान कई थेरेपी और सर्जरी की जाती हैं. इलाज के समय कई बातों का खयाल रखना आवश्यक होता है. इस दौरान डाइट का भी खासतौर से ध्यान रखा जाता है. आइए जानें डाइट में किन चीजों को शामिल कर सकते हैं.”कैंसर से लड़ने वाले खाद्य पदार्थ”
जब आप “कैंसर से लड़ने वाले खाद्य पदार्थों” की सूची देखते हैं, तो वे अक्सर फाइटोकेमिकल्स से भरपूर पादप खाद्य पदार्थ होते हैं , जिन्हें फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी कहा जाता है। फाइटोकेमिकल्स पौधों में पाए जाने वाले यौगिक हैं जो कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों को रोकने में मदद कर सकते हैं।

सूची में आमतौर पर जामुन, ब्रोकोली, टमाटर, अखरोट, अंगूर और अन्य सब्जियां, फल और मेवे सबसे ऊपर हैं।

“यदि आप उन विशिष्ट खाद्य पदार्थों को देखें जो कैंसर के खतरे को कम करते हैं, तो यह लगभग सभी पौधों के खाद्य पदार्थ हैं जिनमें फाइटोकेमिकल्स होते हैं,” वोह्लफोर्ड कहते हैं।

लेकिन वह खरीदारों को चेतावनी देती है कि वे उत्पाद अनुभाग में अन्य स्वस्थ खाद्य पदार्थों को छोड़कर “कैंसर से लड़ने वाले” खाद्य पदार्थों की एक विशिष्ट सूची पर ध्यान केंद्रित न करें।

“ध्यान रखें कि 4,000 से अधिक फाइटोकेमिकल्स हैं जिनकी खोज और शोध किया गया है,” वह कहती हैं। “ऐसा कोई एक सुपर-फूड नहीं है जिसमें ये सभी शामिल हों। वे सभी अलग-अलग कार्य और लाभ प्रदान करते हैं।”

अपने कैंसर से लड़ने वाले भोजन की सूची में विविधता जोड़ने का एक अच्छा तरीका यह सुनिश्चित करना है कि आप विभिन्न प्रकार के रंगों को शामिल करें। आप विभिन्न प्रकार के पादप खाद्य पदार्थ खाकर अधिकतम सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।अपना वजन नियंत्रित करने में मदद के लिए स्वस्थ भोजन की एक सूची बनाएं
किसी भी चीज को बहुत अधिक खाने से शरीर में वसा बढ़ सकती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। मोटापा 12 प्रकार के कैंसर से जुड़ा हुआ है ।

वोह्लफोर्ड कहते हैं, “जिन खाद्य पदार्थों में कैलोरी और चीनी कम होती है और फाइबर अधिक होता है, वे आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। ये सभी चीजें आपके द्वारा उपभोग की जाने वाली कैलोरी की संख्या को कम करती हैं।” स्वस्थ वजन बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो आप कर सकते हैं। आपके कैंसर के खतरे को कम करने के लिए।”

किराने की दुकान पर जाने से पहले इन सुझावों को ध्यान में रखें। जब आप स्टोर पर पहुंचेंगे तो वे आपकी सूची को सरल बनाने और स्वास्थ्यप्रद विकल्प चुनने में आपकी मदद कर सकते हैं।

अपना मेनू सरल रखें. एक स्वस्थ, स्वादिष्ट भोजन बनाने के लिए आपको सामग्री की जटिल सूची की आवश्यकता नहीं है।

जमी हुई सब्जियों और फलों से डरो मत (सॉस या जूस में नहीं)।
साबुत अनाज चुनें . फाइबर रक्त शर्करा नियंत्रण और वजन प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है
ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें जो सूजन से लड़ें । इसमें सैल्मन और सार्डिन जैसी वसायुक्त मछली, ब्राउन चावल जैसे साबुत अनाज और दही और कोम्बुचा जैसे प्रोबायोटिक्स शामिल हैं।
एक और युक्ति: स्टोर के बाहरी किनारों से खरीदारी करें। स्टोर की परिधि में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ कम हैं।

वोह्लफ़ोर्ड कहते हैं, “हालांकि कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो गलियारे के नीचे बहुत अच्छे हैं, एक सामान्य नियम के रूप में, पूरे खाद्य पदार्थ स्टोर की परिधि के आसपास होते हैं।”

यदि आप किसी पैकेज में कुछ खरीदने जा रहे हैं, तो पहले पोषण लेबल पढ़ें। यदि आइटम में दो या तीन से अधिक सामग्रियां हैं, तो एक अलग विकल्प के बारे में सोचें। पोषण लेबल आपको उस भोजन में नमक और चीनी के बारे में बहुमूल्य जानकारी भी देगा , जिस पर आप विचार कर रहे हैं।क्या कृत्रिम मिठास से कैंसर होता है?
इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि एस्पार्टेम जैसे कृत्रिम मिठास कैंसर का कारण बनते हैं।

सुक्रालोज़ या एस्पार्टेम जैसे कृत्रिम मिठास फ़िज़ी पेय के आहार संस्करणों से लेकर च्यूइंग गम तक कई उत्पादों में पाए जा सकते हैं।

कृत्रिम मिठास और कैंसर के बारे में और पढ़ें  ।

क्या अंडे से होता है कैंसर?
नहीं, अंडे खाने से कैंसर नहीं होता है।

अध्ययनों में अंडे और विभिन्न प्रकार के कैंसर के बीच संबंध को देखा गया है, लेकिन इस बात का कोई अच्छा सबूत नहीं है कि अंडे कैंसर के खतरे को प्रभावित करते हैं। स्वस्थ संतुलित आहार के हिस्से के रूप में अंडे प्रोटीन का स्रोत प्रदान कर सकते हैं ।

क्या डिब्बाबंद भोजन खाने से कैंसर होता है?
नहीं, डिब्बाबंद या डिब्बाबंद भोजन खाने से कैंसर का खतरा प्रभावित नहीं होता है।

कुछ टिन और डिब्बे बिस्फेनॉल-ए (बीपीए) नामक किसी चीज़ से ढके होते हैं। कुछ लोगों को आश्चर्य हुआ है कि क्या बीपीए कैंसर के खतरे को प्रभावित करता है, लेकिन इसका कोई अच्छा सबूत नहीं है। BPA युक्त डिब्बों में रखा भोजन खाने से कैंसर नहीं होता है।

क्या सोया (सोया) खाने से कैंसर का खतरा प्रभावित होता है?
सोया उत्पाद खाने से स्तन कैंसर सहित कैंसर का खतरा प्रभावित नहीं होता है।

टोफू और सोया दूध जैसे सोया उत्पादों में आइसोफ्लेवोन्स नामक रसायन होते हैं। ये मानव हार्मोन एस्ट्रोजन की तरह होते हैं, लेकिन इनका प्रभाव बहुत हल्का होता है। इसीलिए कुछ लोगों को आश्चर्य हुआ है कि क्या सोया उत्पादों और स्तन कैंसर के बीच कोई संबंध है। लेकिन न तो सोया उत्पाद और न ही आइसोफ्लेवोन्स कैंसर के खतरे को प्रभावित करते हैं। जब आप स्वस्थ होते हैं, तो आपके लिए आवश्यक पोषक तत्व और कैलोरी प्राप्त करने के लिए पर्याप्त भोजन करना आमतौर पर कोई समस्या नहीं होती है। अधिकांश पोषण दिशानिर्देश बहुत सारी सब्जियाँ, फल और साबुत अनाज उत्पाद खाने पर जोर देते हैं; आपके द्वारा खाए जाने वाले लाल मांस की मात्रा को सीमित करना, विशेष रूप से प्रसंस्कृत या उच्च वसा वाले मांस; वसा, चीनी, शराब और नमक में कटौती करना; और स्वस्थ वजन पर बने रहें। लेकिन जब आपका कैंसर का इलाज चल रहा हो, तो ये चीजें करना कठिन हो सकता है, खासकर यदि आपके दुष्प्रभाव हों या आप ठीक महसूस नहीं कर रहे हों।

यदि आपको कैंसर है तो अच्छा पोषण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि बीमारी और उसके उपचार दोनों ही आपके खाने के तरीके को बदल सकते हैं। वे आपके शरीर द्वारा कुछ खाद्य पदार्थों को सहन करने और पोषक तत्वों के उपयोग के तरीके को भी प्रभावित कर सकते हैं।

कैंसर के उपचार के दौरान आपको अपनी ताकत बढ़ाने और कैंसर और उसके उपचार के प्रभावों का सामना करने में मदद करने के लिए अपने आहार में बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है। इसका मतलब यह हो सकता है कि जब आप अच्छे स्वास्थ्य में हों तो ऐसी चीज़ें खाना जिनकी आमतौर पर अनुशंसा नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, आपको अपना वजन बनाए रखने के लिए उच्च-प्रोटीन, उच्च-कैलोरी खाद्य पदार्थों की आवश्यकता हो सकती है, या आइसक्रीम या मिल्क शेक जैसे गाढ़े, ठंडे खाद्य पदार्थों की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि आपके मुंह और गले में घावों के कारण कुछ भी खाना मुश्किल हो रहा है। आपके शरीर को आवश्यक पोषण प्राप्त करने के सर्वोत्तम तरीकों का पता लगाने का प्रयास करते समय कैंसर के प्रकार , आपके उपचार और आपके किसी भी दुष्प्रभाव पर विचार किया जाना चाहिए।

कैंसर से पीड़ित लोगों की पोषण संबंधी ज़रूरतें हर व्यक्ति में अलग-अलग होती हैं। आपकी कैंसर देखभाल टीम आपके पोषण लक्ष्यों की पहचान करने और उन्हें पूरा करने में आपकी मदद करने के तरीकों की योजना बनाने में आपकी मदद कर सकती है। जब आप कैंसर का इलाज करा रहे हों तो अच्छा भोजन करने से आपको मदद मिल सकती है:

बेहतर महसूस करना।
अपनी ताकत और ऊर्जा बनाए रखें.
अपना वजन और अपने शरीर में पोषक तत्वों का भंडार बनाए रखें।
उपचार संबंधी दुष्प्रभावों को बेहतर ढंग से सहन करें ।
संक्रमण का खतरा कम करें.
ठीक हो जाओ और तेजी से ठीक हो जाओ।
अच्छा भोजन करने का अर्थ है कैंसर से लड़ने के लिए आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाना। इन पोषक तत्वों में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, पानी, विटामिन और खनिज शामिल हैं।

प्रोटीन
हमें विकास के लिए, शरीर के ऊतकों की मरम्मत के लिए और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। जब आपके शरीर को पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलता है, तो यह आवश्यक ईंधन के लिए मांसपेशियों को तोड़ सकता है। इससे बीमारी से उबरने में अधिक समय लगता है और संक्रमण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। कैंसर से पीड़ित लोगों को अक्सर सामान्य से अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है। सर्जरी, कीमोथेरेपी या विकिरण थेरेपी के बाद, ऊतकों को ठीक करने और संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए आमतौर पर अतिरिक्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

प्रोटीन के अच्छे स्रोतों में मछली, मुर्गी पालन, दुबला लाल मांस, अंडे, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, नट्स और नट बटर, सूखे बीन्स, मटर और दाल और सोया खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

वसा
वसा पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वसा और तेल शरीर के लिए ऊर्जा के समृद्ध स्रोत के रूप में काम करते हैं। शरीर वसा को तोड़ता है और उनका उपयोग ऊर्जा को संग्रहीत करने, शरीर के ऊतकों को बचाने और रक्त के माध्यम से कुछ प्रकार के विटामिनों के परिवहन के लिए करता है।

आपने सुना होगा कि कुछ वसा आपके लिए दूसरों की तुलना में बेहतर हैं। अपने हृदय और कोलेस्ट्रॉल स्तर पर वसा के प्रभाव पर विचार करते समय, संतृप्त वसा की तुलना में मोनोअनसैचुरेटेड (जैतून, कैनोला और मूंगफली के तेल) और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा (ये मुख्य रूप से कुसुम, सूरजमुखी, मक्का और अलसी के तेल और समुद्री भोजन में पाए जाते हैं) का चयन करें। या ट्रांस वसा.

संतृप्त वसा मुख्य रूप से मांस और मुर्गी, संपूर्ण या कम वसा वाले दूध, पनीर और मक्खन जैसे पशु स्रोतों में पाए जाते हैं। कुछ वनस्पति तेल जैसे नारियल, पाम कर्नेल तेल और पाम तेल संतृप्त होते हैं। संतृप्त वसा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकती है और हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकती है। आपकी 10% से कम कैलोरी संतृप्त वसा से आनी चाहिए।

हमारे आहार में अधिकांश ट्रांस वसा स्नैक फूड और आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल या वनस्पति शॉर्टिंग से बने बेक किए गए सामानों से आते हैं। ट्रांस वसा के इन स्रोतों को अमेरिका में खाद्य आपूर्ति से काफी हद तक हटा दिया गया है। ट्रांस वसा कुछ पशु उत्पादों, जैसे डेयरी उत्पादों, में भी कम मात्रा में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं। ट्रांस वसा खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं। जितना हो सके ट्रांस वसा से बचें।

कार्बोहाइड्रेट
कार्बोहाइड्रेट शरीर की ऊर्जा का प्रमुख स्रोत हैं। कार्बोहाइड्रेट शरीर को शारीरिक गतिविधि और उचित अंग कार्य के लिए आवश्यक ईंधन देते हैं। कार्बोहाइड्रेट के सबसे अच्छे स्रोत – फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज – आवश्यक विटामिन और खनिज, फाइबर और फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी प्रदान करते हैं। (फाइटोन्यूट्रिएंट्स पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों में मौजूद रसायन हैं जिनकी हमें जीवित रहने के लिए आवश्यकता नहीं है, लेकिन यह स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं।)

फाइबर पौधों के खाद्य पदार्थों का वह हिस्सा है जिसे शरीर पचा नहीं पाता है। फाइबर 2 प्रकार के होते हैं. अघुलनशील फाइबर भोजन के अपशिष्ट को शरीर से तेजी से बाहर निकालने में मदद करता है, और घुलनशील फाइबर मल में पानी के साथ जुड़कर मल को नरम रखने में मदद करता है।

कार्बोहाइड्रेट के अन्य स्रोतों में ब्रेड, आलू, चावल, स्पेगेटी, पास्ता, अनाज, मक्का, मटर और बीन्स शामिल हैं। मिठाइयाँ (मिठाइयाँ, कैंडी और चीनी के साथ पेय) कार्बोहाइड्रेट की आपूर्ति कर सकती हैं, लेकिन विटामिन, खनिज, या फाइटोन्यूट्रिएंट्स के रूप में बहुत कम प्रदान करती हैं।

पानी
पानी और तरल पदार्थ या तरल पदार्थ स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। शरीर की सभी कोशिकाओं को कार्य करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यदि आप पर्याप्त तरल पदार्थ नहीं लेते हैं या उल्टी या दस्त के कारण तरल पदार्थ खो देते हैं, तो आप निर्जलित हो सकते हैं (आपके शरीर में उतना तरल पदार्थ नहीं है जितना होना चाहिए)। यदि ऐसा होता है, तो आपके शरीर को काम करने में मदद करने वाले तरल पदार्थ और खनिज खतरनाक रूप से असंतुलित हो सकते हैं। आप जो भोजन खाते हैं उससे आपको पानी मिलता है, लेकिन एक व्यक्ति को हर दिन लगभग चार 8-औंस गिलास तरल पदार्थ भी पीना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शरीर की सभी कोशिकाओं को वह तरल पदार्थ मिले जिनकी उन्हें ज़रूरत है। यदि आपको उल्टी हो रही है, दस्त हो रहा है, या फिर आप अधिक नहीं खा रहे हैं तो आपको अतिरिक्त तरल पदार्थों की आवश्यकता हो सकती है। ध्यान रखें कि सभी तरल पदार्थ (सूप, दूध, यहां तक ​​कि आइसक्रीम और जिलेटिन) आपके तरल लक्ष्यों में गिने जाते हैं।जड़ी बूटी
जड़ी-बूटियों का उपयोग सैकड़ों वर्षों से बीमारी के इलाज के लिए किया जाता रहा है, जिसके परिणाम मिश्रित रहे हैं। आज, जड़ी-बूटियाँ कई उत्पादों में पाई जाती हैं, जैसे गोलियाँ, तरल अर्क, चाय और मलहम। इनमें से कई उत्पाद हानिरहित और उपयोग में सुरक्षित हैं, लेकिन अन्य हानिकारक दुष्प्रभाव पैदा कर सकते हैं। कुछ लोग कैंसर के उपचार और सर्जरी से ठीक होने में भी बाधा डाल सकते हैं। यदि आप जड़ी-बूटियों वाले उत्पादों का उपयोग करने में रुचि रखते हैं, तो पहले अपने कैंसर डॉक्टर, नर्स या फार्मासिस्ट से इस बारे में बात करें।कैंसर के मरीजों को आमतौर पर खाने में मन न लगना, भूख कम होना, उपचार के कारण खाने का स्वाद न आना, उल्टी और दस्त जैसे कई प्रकार की दिक्‍कतों का सामना करते हैं। जिसके कारण उनके शरीर में पर्याप्त पोषण नहीं पहुंच पाता। पर्याप्त पोषण की कमी रोगी की सामान्य स्थिति को प्रभावित करती है, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं और अधिक दुष्प्रभावों और संक्रमणों की चपेट में आ जाते हैं। जिसके बाद, ये समस्याएं कैंसर के उपचार में काफी दिक्‍कतों का कारण बनती हैं और इस रुकावट से उपचार का सही परिणाम आना काफी मुश्किल हो जाता है।

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शिक्षा अधिकारी और शिक्षा केंद्र के डीपीसी प्राइवेट स्कूल सिंडिकेट में सम्मिलित होने का खुलासा -जबलपुर

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डिजिटल भारत I प्राइवेट स्कूल फीस वसूली और बुक, ड्रेस, फिक्सिंग के मामले में लगातार पोल खोली जा रही है स्कूल संचालक सिंडिकेट बनाकर फीस वृद्धि से लेकर पुस्तक बदलना, ड्रेस बदलने और तो और स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने आदि में अभिभावकों से अवैध वसूली को लेकर एक नई नई बात सामने आ रही है इन सभी मामलों का कमीशन जिले के जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, जिला शिक्षा केंद्र के जिला समन्वयक डीपीसी “योगेश शर्मा” को भी पहुंचता था। प्राइवेट स्कूलों के सिंडिकेट में न केवल जिले स्तर पर बलिक राजधानी स्तर पर डीपीआई एवं प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा को भी इसका हिस्सा बराबरी से पहुंचता है। इसके साथ-साथ शिक्षा का अधिकार (आरटीई) में प्रत्येक निजी स्कूलों में 25% बच्चों के आवंटन में भी डीपीसी के द्वारा अवैध वसूली कर फर्जी बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति प्रतिवर्ष स्कूलों को उनके खातों में डाली जाती थी। जो लाखो रुपए हुआ करते है।2015 से लगातार जिला शिक्षा केंद्र में डीपीसी शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत एक ही प्रबंधक के द्वारा चलाए जा रहे एक से अधिक स्कूलों में बहुत आसानी से डबल डबल बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति कर डीपीसी के द्वारा अवैध वसूली कमीशन के रूप में की जाती रही है। आश्चर्य की बात यह है कि डीपीसी अकेला नहीं जिला पंचायत की सीईओ एवं जिले के कलेक्टर एवं मिशन संचालक के हस्ताक्षर से ही राशि स्कूलों के खाते में जमा की जाती है। मतलब सीधा साफ है की, डीपीसी जिला पंचायत की सीईओ एवं कलेक्टर को अंधेरे में रखकर प्राइवेट स्कूलों से आरटीई को लेकर डार्क में रख कर किया करते थे। इसी सैटिंग के चलते कभी इन अधिकारियों के द्वारा इन निजी स्कूलों का निरीक्षण भी नहीं किया गया और ना ही शासन के आदेशों निर्देशो से निजी स्कूलों को अवगत कराया गया। हर महीने प्राइवेट स्कूलों से मोटी रकम लेकर अपना उल्लू सीधा करते रहे। इस बाबत कई शिकायत है, डीपीसी की न केवल कलेक्ट्रेट में बलिक शासन में तथा साथ-साथ लोकायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक एवं आर्थिक अपराध (SP EOW) को भी की जाती रही है किंतु किसी के भी कान में “जू नहीं रेगी” जब आज वर्तमान कलेक्टर एवं मिशन संचालक स्वयं “दीपक सक्सेना” ने सब की आंखें खोल दी। तो राज्य स्तर पर उनका सम्मान कर दिया गया और पूरे प्रदेश में जबलपुर की नजीर देते हुए निजी स्कूलों पर गाज गिराई जा रही है। अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग “अखिल भारतीय मजदूर अधिकार संगठन” ने जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह से ज्ञापन के माध्यम से की है संगठन के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह चड्ढा ने आरोप लगाया है कि जिला शिक्षा अधिकारी की लापरवाही की वजह से फीस वसूली और बूक कमीशन खोरी बड़े पैमाने पर हुई है इस मामले में शिक्षा विभाग की भूमिका संदिग्ध है इसलिए अधिकारियों की भी जांच की जानी चाहिए।*

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क्या है? टी20 विश्व कप का फॉर्मेट,क्या हुए है बदलाव

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डिजिटल भारत l टी20 विश्व कप 2024 को शुरू होने में अब बस कुछ समय बचा है। इस साल टी20 विश्व कप के मैच वेस्टइंडीज और अमेरिका के नौ स्थानों पर खेले जाएंगे। इनमें वेस्टइंडीज के छह और अमेरिका के तीन स्थान हैं। इंग्लैंड की टीम डिफेंडिंग चैंपियन है। उसने 2022 में पाकिस्तान को हराकर खिताब अपने नाम किया था। भारतीय टीम की नजर दूसरी बार चैंपियन बनने पर है। टीम इंडिया ने 2007 में उद्घाटन संस्करण में यह खिताब अपने नाम किया था। इसके 17 साल बीत गए, लेकिन टीम एक भी बार टी20 विश्व कप का खिताब नहीं जीत पाई। हालांकि, 2014 में भारतीय टीम फाइनल में और 2016-2022 में सेमीफाइनल में जरूर पहुंची, लेकिन खिताब नहीं जीत पाई। अब रोहित शर्मा की अगुआई वाली भारतीय टीम से काफी उम्मीदें हैं। तीन चरण में होगा टूर्नामेंट
लीग स्टेजः 1-18 जून के बीच खेला जाएगा। हर ग्रुप की टीमें आपस में एक-एक मैच खेलेंगी। हर ग्रुप की शीर्ष दो टीमें अगले चरण में जगह बनाएंगी।
सुपर-8: 19-24 जून के बीच खेला जाएगा। हर ग्रुप की शीर्ष दो टीमें यहां भाग लेंगी। कुल आठ टीमें आपस में एक-एक मैच खेलेंगी। यहां से शीर्ष चार टीमें नॉकआउट स्टेज में पहुंचेंगी।
नॉकआउटः सुपर-8 में बेहतर खेल दिखाने वाली सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी। पहला सेमीफाइनल 26 जून और दूसरा सेमीफाइनल मैच 27 जून को होगा। इसके बाद दोनों सेमीफाइनल के विजेताओं के बीच 29 जून को टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा।टी20 विश्व कप का आयोजन कब से कब तक होगा?
टी20 विश्व कप का आयोजन दो जून (भारतीय समयानुसार) से लेकर 29 जून तक होगा।

टी20 विश्व कप में कितनी टीमें भाग ले रही हैं?
टी20 विश्व कप में 20 टीमें भाग ले रही हैं। मेजबान वेस्टइंडीज और अमेरिका के अलावा भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, नीदरलैंड, इंग्लैंड, आयरलैंड, कनाडा, स्कॉटलैंड, ओमान, नेपाल, युगांडा, पापुआ न्यू गिनी और नामीबिया की टीमें हिस्सा ले रहा है।

टी20 विश्व कप का फॉर्मेट क्या है?
पहले दौर में 20 टीमें पांच-पांच टीमों के ग्रुप में मैच खेलेंगी। भारत को ग्रुप-ए में रखा गया है।
हर एक ग्रुप से शीर्ष दो टीमें सुपर-8 राउंड के लिए क्वालिफाई करेंगी।
सुपर-8 राउंड में आठ टीमों को चार-चार टीमों के दो ग्रुप में बांटा जाएगा।
सुपर-8 राउंड में हर एक ग्रुप से शीर्ष दो टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करेंगी।
दो सेमीफाइनल के विजेता 29 जून को टी20 विश्व कप 2024 के फाइनल में भिड़ेंगे।भारत का पहला मैच कब और किससे है?
भारत का पहला मैच पांच जून को आयरलैंड से न्यूयॉर्क के नासाउ काउंटी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में होगा।भारत का पहला मैच कब और किससे है?
भारत का पहला मैच पांच जून को आयरलैंड से न्यूयॉर्क के नासाउ काउंटी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में होगा।
पुरुष T20 विश्व कप 2024 शेड्यूल
तारीख
मैच
वेन्यू
1 जून 2024
यूएसए बनाम कनाडा
डलास
2 जून 2024
वेस्ट इंडीज़ बनाम पापुआ न्यू गिनी
गुयाना
2 जून 2024
नामीबिया बनाम ओमान
बारबाडोस
3 जून 2024
श्रीलंका बनाम दक्षिण अफ्रीका
न्यूयॉर्क
3 जून 2024
अफगानिस्तान बनाम युगांडा
गुयाना
4 जून 2024
इंग्लैंड बनाम स्कॉटलैंड
बारबाडोस
4 जून 2024
नीदरलैंड बनाम नेपाल
डलास
5 जून 2024
भारत बनाम आयरलैंड
न्यूयॉर्क
5 जून 2024
पापुआ न्यू गिनी बनाम युगांडा
गुयाना
5 जून 2024
ऑस्ट्रेलिया बनाम ओमान
बारबाडोस
6 जून 2024
यूएसए बनाम पाकिस्तान
डलास
6 जून 2024
नामीबिया बनाम स्कॉटलैंड
बारबाडोस
7 जून 2024
कनाडा बनाम आयरलैंड
न्यूयॉर्क
7 जून 2024
न्यूजीलैंड बनाम अफगानिस्तान
गुयाना
7 जून 2024
श्रीलंका बनाम बांग्लादेश
डलास
8 जून 2024
नीदरलैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका
न्यूयॉर्क
8 जून 2024
ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड
बारबाडोस
8 जून 2024
वेस्ट इंडीज़ बनाम युगांडा
गुयाना
9 जून 2024
भारत बनाम पाकिस्तान
न्यूयॉर्क
9 जून 2024
ओमान बनाम स्कॉटलैंड
एंटीगुआ
10 जून 2024
दक्षिण अफ्रीका बनाम बांग्लादेश
न्यूयॉर्क
11 जून 2024
पाकिस्तान बनाम कनाडा
न्यूयॉर्क
11 जून 2024
श्रीलंका बनाम नेपाल
फ्लोरिडा
11 जून 2024
ऑस्ट्रेलिया बनाम नामीबिया
एंटीगुआ
12 जून 2024
यूएसए बनाम भारत
न्यूयॉर्क
12 जून 2024
वेस्ट इंडीज़ बनाम न्यूज़ीलैंड
त्रिनिदाद
13 जून 2024
इंग्लैंड बनाम ओमान
एंटीगुआ
13 जून 2024
बांग्लादेश बनाम नीदरलैंड
सेंट विंसेंट
13 जून 2024
अफगानिस्तान बनाम पापुआ न्यू गिनी
त्रिनिदाद
14 जून 2024
यूएसए बनाम आयरलैंड
फ्लोरिडा
14 जून 2024
दक्षिण अफ्रीका बनाम नेपाल
सेंट विंसेंट
14 जून 2024
न्यूज़ीलैंड बनाम युगांडा
त्रिनिदाद
15 जून 2024
भारत बनाम कनाडा
फ्लोरिडा
15 जून 2024
नामीबिया बनाम इंग्लैंड
एंटीगुआ
15 जून 2024
ऑस्ट्रेलिया बनाम स्कॉटलैंड
सेंट लूसिया
16 जून 2024
पाकिस्तान बनाम आयरलैंड
फ्लोरिडा
16 जून 2024
बांग्लादेश बनाम नेपाल
सेंट विंसेंट
16 जून 2024
श्रीलंका बनाम नीदरलैंड
सेंट लूसिया
17 जून 2024
न्यूज़ीलैंड बनाम पापुआ न्यू गिनी
त्रिनिदाद
17 जून 2024
वेस्ट इंडीज बनाम अफगानिस्तान
सेंट लूसिया
19 जून 2024
ए2 बनाम डी1
एंटीगुआ
19 जून 2024
बी1 बनाम सी2
सेंट लूसिया
20 जून 2024
सी1 बनाम ए1
बारबाडोस
20 जून 2024
बी2 बनाम डी2
एंटीगुआ
21 जून 2024
बी1 बनाम डी1
सेंट लूसिया
21 जून 2024
ए2 बनाम सी2
बारबाडोस
22 जून 2024
ए1 बनाम डी2
एंटीगुआ
22 जून 2024
सी1 बनाम बी2
सेंट विंसेंट
23 जून 2024
ए2 बनाम बी1
बारबाडोस
23 जून 2024
सी2 बनाम डी1
एंटीगुआ
24 जून 2024
बी2 बनाम ए1
सेंट लूसिया
24 जून 2024
सी1 बनाम डी2
सेंट विंसेंट
26 जून 2024
सेमी फाइनल-1
गुयाना
27 जून 2024
सेमी फाइनल-2
त्रिनिदाद
29 जून 2024
फाइनल
बारबाडोस

आईसीसी ने हाल ही में T20 वर्ल्ड कप 2024 का लोगो लांच कर दिया है जिसमें अंतर्राष्ट्रीय टी20 क्रिकेट के बेसिक थीम को शामिल किया गया है. लोगो में बल्ले, गेंद और ऊर्जा का रचनात्मक मिश्रण है. इसके साथ ही बांग्लादेश में आयोजित होने वाले महिला T20 वर्ल्ड कप 2024 का भी लोगो लांच किया गया है.

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क्या होता है थायरॉड ओर हाइपोथॅरियड मै अंतर व लक्षण

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डिजिटल भारत I थायरॉइड क्या है? थायरॉइड गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। ये सांस की नली की ऊपर होती है। यह मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक होती है। इसी थायरॉइड ग्रंथि में गड़बड़ी आने से ही Thyroid से संबंधित रोग होते हैं। Thyroid ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन बनाती है। ये हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और बॉडी में सेल्स को नियंत्रित करने का काम करता है। थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं की गति को नियंत्रित करता है। शरीर की चयापचय क्रिया में भी Thyroid ग्रंथि खास योगदान होता है।

थायरॉइड हार्मोन क्या काम करता है?थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता के लक्षण क्या है?
Thyroid ग्रंथि की अतिसक्रियता के कारण शरीर में मेटाबोलिज्म बढ़ जाता है। जिसके निम्नलिखित लक्षण देखने को मिलते हैं।

घबराहट
अनिद्रा
चिड़चिड़ापन
हाथों का काँपना
अधिक पसीना आना
दिल की धड़कन बढ़ना
बालों का पतला होना एवं झड़ना
मांसपेशियों में कमजोरी एवं दर्द रहना
अत्यधिक भूख लगना
वजन का घटना
महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता
ओस्टियोपोरोसिस से से हड्डी में कैल्शियम तेजी से खत्म होना आदि।थायराइड के लक्षण (Symptoms of Thyroid in Hindi)
थायराइड के लक्षण इसके प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। हाइपरथायरायडिज्म के निम्न लक्षण हो सकते हैं:-

वजन कम होना
घबराहट होना
मूड बदलना
घेंघा
सांस फूलना
गर्मी लगना
नींद कम आना
चिंता और परेशानी होना
दिल की धड़कन तेज होना
अधिक प्यास लगना
आंखों में लालपन और सुखानपान
हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण:-
वजन बढ़ना
थकान महसूस होना
बालों का झड़ना
अधिक ठंड लगना
डिप्रेशन
गला बैठना
मानसिक तनाव होना
मांसपेशियों में अकड़न
नाखून और बालों का कमजोर होना
त्वचा का रूखा और कमजोर होनाथायरॉइड समस्याओं के प्रारंभिक चेतावनी संकेत और लक्षण क्या हैं?
अलग-अलग थायराइड स्थितियों के अलग-अलग लक्षण होते हैं। हालाँकि, चूंकि आपके थायरॉयड की शरीर की कुछ प्रणालियों और प्रक्रियाओं, जैसे हृदय गति, चयापचय और तापमान नियंत्रण में एक बड़ी भूमिका होती है, ऐसे कुछ लक्षण हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए, जो थायरॉयड स्थिति का संकेत हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

हृदय गति धीमी या तेज़ होना।
अस्पष्टीकृत वजन घटना या वजन बढ़ना।
सर्दी या गर्मी सहन करने में कठिनाई होना।
अवसाद या चिंता.
अनियमित मासिक धर्म.
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने थायरॉइड फ़ंक्शन की जांच के लिए रक्त परीक्षण कराने के बारे में अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें।थायराइड की स्थिति का इलाज कैसे किया जाता है?
थायरॉइड स्थितियों के लिए कई उपचार विकल्प हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि स्थितियां क्या हैं और वे कितनी गंभीर हैं। उपचार के तीन मुख्य विकल्पों में शामिल हैं:

दवाई।
शल्य चिकित्सा।थायराइड रोग का इलाज दवाओं और सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। थायराइड के लक्षण के अनुसार रोगी का इलाज किया जाता है।

दवाएं: हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में अलग-अलग दवाएं दी जाती हैं।
हाइपरथायरायडिज्म: हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति में एंटी थायराइड (मेथिमाजोल और प्रोपाइलथियोरासिल) दवाएं दी जाती हैं। ये दवाएं थायराइड को नया थायराइड हार्मोन बनाने से रोकती हैं।
हाइपोथायरायडिज्म: हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में मानव निर्मित हार्मोन (thyroxine sodium tablets) दवा लेने की सलाह दी जाती है।
बीटा-ब्लॉकर्स दवाएं: बीटा-ब्लॉकर्स दवाएं शरीर में थायराइड हार्मोन के प्रभाव को रोकती हैं। इनका इस्तेमाल हाइपरथायरायडिज्म के इलाज में किया जाता है।
रेडियोएक्टिव आयोडीन: इस उपचार की मदद से थायराइड की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाया जाता है। इस कारण से अधिक हार्मोन बनने से रोका जा सकता है। रेडियोएक्टिव आयोडीन का इस्तेमाल हाइपरथायरायडिज्म के इलाज में किया जाता है।
सर्जरी: सर्जरी की मदद से थायरायड (थायराइडेक्टोमी) को हटा दिया जाता है। इसके बाद हार्मोन बनना बंद हो जाता है। डॉक्टर जीवन भर थायरायड प्रतिस्थापन हार्मोन (thyroid replacement hormones) लेने की सलाह देते हैं। सर्जरी से हाइपरथायरायडिज्म का इलाज होता है।
यह सर्जरी दो मुख्य तरीकों से की जा सकती है:

गर्दन के सामने एक चीरे के साथ: गर्दन के सामने का चीरा थायरायडेक्टॉमी का पारंपरिक संस्करण है। अगर थायरायड विशेष रूप से बड़ा है या इसमें बहुत बड़े नोड्यूल हैं, तो इस तरीके का इस्तेमाल किया जाता है।
कांख में चीरे के साथ सर्जरी: ये एक प्रकार की वैकल्पिक सर्जरी है। बगल में एक चीरा लगाने के बाद एक सुरंग बनाई जाती है। इसे एलिवेटेड रिट्रैक्टर कहा जाता है। इस सुरंग से थायराइड को निकाला जाता है। इस प्रक्रिया को अक्सर स्कारलेस (बिना दाग वाला) कहा जाता है क्योंकि चीरा बगल के नीचे होता है।
हटाई गई लोब्स की संख्या के आधार पर थायराइड की सर्जरी के प्रकार

हेमी थायराइडेक्टोमी (Hemi Thyroidectomy): यदि थायराइड के एक तरफ नोड्यूल (एक) उपस्थित होता है, तो सर्जन थायराइड के एक लोब को हटा देते हैं।
टोटल थायराइडेक्टोमी (Total Thyroidectomy): कुल या टोटल थायराइडेक्टोमी सभी या अधिकांश (एक से अधिक) थायराइड ऊतक को निकालने के लिए की जाती है।
तकनीकी के आधार पर थायराइड की सर्जरी

ओपन थायराइडेक्टोमी (Open Thyroidectomy): इस ऑपरेशन में, सर्जन सीधे थायराइड नोड्यूल को हटा देते है। इस प्रकार की सर्जरी की जरूरत कम ही पड़ती है।
इंडोस्कोपिक थायराइडेक्टोमी (Endoscopic Thyroidectomy): एंडोस्कोपिक थायराइडेक्टोमी का उपयोग करके बड़े नोड्यूल्स को हटाना आसान होता है। इस सर्जरी में न्यूनतम इन्वेसिव शल्य – चिकित्सा का इस्तेमाल किया जाता है।
रोबोटिक थायराइडेक्टोमी (Robotic Thyroidectomy): बेहतर कॉस्मेटिक परिणाम के साथ रोबोटिक थायराइडेक्टोमी का इस्तेमाल किया जा रहा है। रोबोटिक थायराइडेक्टोमी नवीन तकनीकी पर आधारित है।
सर्जरी का कौन-सा विकल्प अपनाया जाएगा, ये मरीज की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। अगर मरीज स्वस्थ्य नहीं है या बड़े थायराइड नोड्यूल, ग्रेव्स रोग जैसी स्थिति है तो, डॉक्टर एलिवेटेड रिट्रैक्टर सर्जरी के लिए मना कर सकते हैं।

डॉक्टर से थायराइड के लक्षण, थायराइड के लिए सर्जरी आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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एक छोटी सी लॉन्ग के फायदे जानकर आप हो जाएंगे हैरान

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डिजिटल भारत I लौंग एक बंद फूल की कली होता है जो मर्टेसिआइ कुल के वृक्ष सिज्जीयम एरोमैटिकम पर उगता है। लौंग का रंग गहरा भूरा होता है और इसकी गंध बढ़िया होती है तथा यह गर्म, अत्यधिक मीठा, तीखा और थोड़ा कसैला होता है।
लौंग को सम्मान का प्रतीक माना जाता है और यह विश्व का एक मूल्यवान और महंगा मसाला है। सामान्य तौर पर इसका उपयोग गरम मसाला, सलाद, अचार और बिरयानी में किया जाता है।1 मुख्य रूप से लौंग का उत्पादन इंडोनेशिया, मलेशिया, भारत, श्रीलंका, तंज़ानिया और मेडागास्कर में किया जाता है। लौंग में एंटीऑक्सीडेंट, दर्द निवारक, एंटी-बैक्टीरियल और वायरसरोधी जैसे कई चिकित्सीय गुण पाए जाते हैं
पाचन के लिहाज से भी लौंग बहुत लाभकारी होती है. इसे रोज आप सुबह खाली पेट खाने लगें तो मेटाबॉलिज्म मजबूत हो जाएगा. यह कब्ज, एसिडिटी, अपच और पेट में अल्सर जैसी परेशानी में भी आराम दिलाने का काम करता है.
वहीं, लौंग खाने से दांत का दर्द भी दूर होता है. क्योंकि इसमें यूजेनॉल नाम का दर्द निवारक तत्व पाया जाता है. इससे साइनस की भी समस्या से निजात मिलती है. इसके अलावा लौंग लिवर की भी परेशानी से निजात दिलाने का काम करता है
गुप्तांगों में रक्त प्रवाह बढ़ता है
Erectile Dysfunction का कारण ही है गुप्तांगों में रक्त प्रवाह का कम होना । अगर गुप्तांगों तक ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं होगा तो स्तंभन दोष का सामना करना पड़ सकता है । आप जब भी इस समस्या के समाधान के लिए डॉक्टर के पास जायेंगे, तो वे ऐसी दवाइयां और तेल सुझाएंगे जिनसे पुरुष गुप्तांगों में रक्त का प्रवाह बेहतर हो सके
टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाता है
अगर आप रोजाना डॉक्टर की सलाह के साथ उचित मात्रा में लौंग का सेवन करते हैं तो आपके टेस्टोस्टेरोन लेवल में भी बढ़ोत्तरी होगी । दरअसल अगर आप ध्यान दें पुरुषों में सभी यौन समस्याएं टेस्टोस्टेरोन की कमी की ही वजह से होती हैं । यही पुरुष यौन विशेषताओं जैसे चेहरे के बाल, आवाज का गहरा होना और लिंग व अंडकोष की वृद्धि के लिए भी जिम्मेदार है । साथ ही Sperm Production से लेकर Libido को भी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है
प्रजनन क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव डालता है
वर्तमान समय में लगातार Infertile Males की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों ने बताया है कि भारत में हर साल 12 से 18 मिलियन से अधिक जोड़ों में बांझपन का निदान किया जाता है । उन्होंने बताया है कि जहां तीन दशक पहले एक सामान्य भारतीय वयस्क पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या 60 मिलियन/मिलीलीटर हुआ करती थी, वहीं अब यह लगभग 20 मिलियन/मिलीलीटर है ।

लीवर के लिए लौंग के संभावित उपयोग:
लीवर रक्षक गुण का पता लगाने के लिए एक जानवर मॉडल पर लौंग के अर्क का परीक्षण किया गया था। लौंग के अर्क ने सीरम में एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज़, एलेनिन ट्रांसएमिनेज और क्षारीय फॉस्फटेज एंजाइम की गतिविधि को पहले जैसा किया और इस प्रकार लिवर की रक्षा करने का गुण दिखाया।1 यद्यपि, यदि आप लीवर में किसी प्रकार की दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो दवा के रूप में लौंग का इस्तेमाल करने के पहले स्वास्थ्य सेवाप्रदाता से संपर्क करें।
एंटीऑक्सीडेंट के रूप में लौंग के संभावित उपयोग:
परीक्षणों में लौंग और यूजेनॉल ने जबरदस्त एंटीऑक्सीडेंट का गुण प्रदर्शित किया है। लौंग में लिपिड पेरोक्सीडेशन को कम करने और हाइड्रोजन छोड़ने की उच्च क्षमता होती है।1 संयुक्त राज्य के कृषि विभाग के साथ-साथ विश्वविद्यालयों और निजी कंपनियों के डाटाबेस से यह संकेत मिलता है कि लौंग में उच्च मात्रा में पॉलीफेनौल्स और अन्य एंटीऑक्सीडेंट यौगिक पाए जाते हैं। लौंग की कली के अर्क का इस्तेमाल एक खाद्य एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कर सकते हैं।

दर्द निवारक के रूप में लौंग के संभावित उपयोग:
13वीं शताब्दी से ही लौंग के दर्द निवारक गुण का दस्तावेजीकरण किया गया है। जोड़ों के दर्द, दांत के दर्द एवं स्पास्मोडिक दर्द में लौंग का तेल असरदार हो सकता है।2 डेंटल क्लिनिक में लौंग के तेल का एनालजेसिक (दर्द निवारक) एजेंट के रूप में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है क्योंकि यह दांत के दर्द में आराम दे सकता है। यह सूजन पैदा करने वाले मध्यस्थों (ल्यूकोट्रियन) और प्रोस्टाग्लैंडीन को दबा सकता है। इसके अतिरिक्त, यह माना जाता है
पेट संबंधी बीमारियों में लौंग के संभावित उपयोग:
लौंग का तेल पेट फूलने और गैस की समस्या से निजात पाने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, मोशन सिकनेस, मतली, हिचकी और उल्टी जैसी पेट की बीमारियों में लौंग का तेल एक असरदार औषधि का काम कर सकता है।

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उप निर्वाचन आयुक्त ने वीसी लेकर मतगणना की तैयारियों की समीक्षा ली

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डिजिटल भारत I उप निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग अजय भादू ने बुधवार को लोकसभा निर्वाचन 2024 की मतगणना की तैयारियों के संबंध में प्रदेश के सभी अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने एनआईसी इंदौर से इस वीसी से जुड़कर प्रदेश के सभी लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतगणना के लिये की गई तैयारियों एवं किये गये प्रबंधों की जानकारी दी। जबलपुर सहित प्रदेश के सभी 29 लोकसभा संसदीय क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारी तथा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी वीसी में वर्चुअली शामिल हुए।
वीसी में उप निर्वाचन आयुक्त भादू ने कहा कि मतगणना कार्य से जुड़ी सभी तैयारियां व जरूरी व्यवस्थाएं शीघ्र दुरूस्त कर ली जायें और बिना किसी बाधा के मतगणना कार्य संपन्न कराएं। मतगणना स्थल पर सभी जरूरी संसाधन एवं व्यवस्थाएँ उपलब्ध रहें। सभी मतगणना कर्मियों को 31 मई तक प्रशिक्षण दे दें। मतगणना स्थल में सिर्फ प्राधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दें। उप निर्वाचन आयुक्त ने सभी रिटर्निंग अधिकारियों तथा कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर मतगणना की अब तक की तैयारियों का फीडबैक लिया और उन्हें स्मूथ काउंटिंग कराने के निर्देश दिये।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने सभी जिलों में मंगलवार, 4 जून को होने वाली मतगणना को लेकर की जा रही तैयारियों के बारे में उप निर्वाचन आयुक्त को विस्तार से जानकारी दी। राजन ने बताया कि सभी रिटर्निंग अधिकारियों तथा जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा पुलिस प्रशासन से बेहतर समन्वय स्थापित कर मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रथम चरण का काउंटिंग रेण्डमाईजेशन भी पूरा हो गया है। सभी जिलों में मतगणना कर्मियों की फाईनल ट्रेनिंग 31 मई तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि मतगणना के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के सभी दिशा-निर्देशों एवं प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। सभी मतगणना स्थलों पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। सुचारू व निर्बाध मतगणना के लिये पर्याप्त टेबल्स गणनाकर्मी, माईक्रो ऑर्ब्जवर्स और अन्य जरूरी संसाधनों की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। ऐसी व्यवस्थायें की जा रही है कि मतगणना के परिणाम शीघ्र आयें। उन्होंने बताया कि 4 जून को पोस्टल बैलेट की गिनती रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा मतगणना स्थल पर ही एक अलग कक्ष में की जायेगी।वीसी में अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कौल, पुलिस महानिरीक्षक तथा राज्य पुलिस नोडल अधिकारी अंशुमन सिंह, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बसंत कुर्रे व तरूण राठी एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना(PMAY),कब तक है जारी?

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डिजिटल भारत I प्रधानमंत्री आवास योजना एक योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा 25 जून 2015 को शुरू किया गया था। इस योजना का मिशन उन गरीब लोगों के लिए घर बनाना है जिनके पास अपना घर नहीं है जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है। .
इससे पहले, इंद्र आवास योजना के नाम से जानी जाने वाली यह योजना वर्ष 1985 में शुरू की गई थी। 2015 में यह योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में बदल गई।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य मैदानी और समतल क्षेत्रों में घर बनाना और 120000 रुपये और पहाड़ी और कठिन क्षेत्रों के लिए 1300000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

प्रधानमंत्री आवास योजना 2024 का उद्देश्य भारतीय सरकार द्वारा गरीब और निचले वर्ग के लोगों को स्थायी आवास प्रदान करना है। यह योजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों को समर्थन प्रदान करती है ताकि वे स्वयं के लिए एक घर खरीद सकें और सुरक्षित रह सकें। इस योजना के तहत, आवास की तरह लाभार्थियों को स्थायी आवास प्रदान किया जाएगा। इस योजना का लाभ 31 दिसंबर 2024 तक मिलेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत, 1.22 करोड़ नए घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।
होम लोन पर ब्याज सब्सिडी
आवास मंत्रालय ने कौशल विकास पर केंद्रित ‘शहरी आजीविका मिशन’ के दूसरे चरण को शुरू करने की तैयारी में हैं। इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गरीबों को लोन देने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा, महीनों की चर्चा के बाद, यह शहरी गरीबों के लिए होम लोन के लिए ब्याज सब्सिडी योजना शुरू करने का इरादा रखता है। इसकी घोषणा पीएम मोदी ने 15 अगस्त को की थी। सभी मंत्रालयों और विभागों ने अपनी योजनाओं को अंतिम रूप दे दिया है। कैबिनेट सचिव उनकी समीक्षा कर रहे हैं। नई सरकार के पहले तीन महीनों के लिए निर्धारित किए जा रहे लक्ष्यों के विवरण में कई परियोजनाएं और प्लानिंग शामिल हैं।
पीएमएवाई क्या है?
1 जून 2015 को शुरू की गई पीएम आवास योजना शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके 2022 तक हाउसिंग फॉर आल मिशन के तहत भारत में आवास की कमी को खत्म करने का लक्ष्य रखती है। इसके दो घटक हैं –
पीएमएवाई शहरी
पीएमएवाई ग्रामीण
प्रधानमंत्री आवास योजना जारी है या नहीं?
केंद्र सरकार ने PMAY कार्यक्रम के दोनों घटकों की वैधता बढ़ा दी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2.95 करोड़ घरों के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पीएमएवाई-ग्रामीण कार्यक्रम की वैधता 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दी है। PMAY-G के लिए पहले की समय सीमा 31 मार्च, 2021 थी।

इसी तरह, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त 2022 में PMAY-शहरी योजना को दिसंबर 2024 तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी, जबकि पहले मार्च 2022 की समय सीमा थी।
हालांकि, योजना के तहत घर खरीदारों के लिए क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) का लाभ केवल 30 सितंबर, 2022 तक उपलब्ध था। इससे पहले, 31 मार्च, 2022 को CLSS के तहत लाभ प्राप्त करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। स्पष्टता की कमी के कारण, भारत में ज्यादातर बैंकों ने लोन लेने वालों को CLSS देना फिलहाल बंद कर दिया है।
हालांकि कुछ कार्यक्रमों की समय सीमा बढ़ा दी गई है, किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए धारा 80 EEA के तहत दिए जाने वाले लाभ 31 मार्च, 2022 को समाप्त हो गए, क्योंकि सरकार ने केंद्रीय बजट 2022-23 में इस धारा को जारी रखने की कोई घोषणा नहीं की।
PMAY: मुख्य विशेषताएं
पीएमएवाई का फुल फॉर्म प्रधानमंत्री आवास योजना
PMAY कार्यक्षेत्र PMAY-शहरी उर्फ ​​प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी
PMAY-ग्रामीण उर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण

आधिकारिक वेबसाइट – PMAY शहरी:
प्रक्षेपण की तारीख – 25 जून 2015
वैधता PMAY-शहरी: 30 सितंबर, 2022
PMAY-ग्रामीण: 31 मार्च, 2024
पता – प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) आवास और शहरी कार्य मंत्रालय निर्माण भवन, नई दिल्ली-110011
PMAY संघटक भाग सीटू स्लम पुनर्विकास में
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना
साझेदारी में किफायती आवास
लाभार्थी के नेतृत्व वाली निर्माण योजना
टोल फ्री नंबर 1800-11-6163 – हुडको
1800 11 3377, 1800 11 3388 – एनएचबी

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