DIGITAL BHARAT

एक भारत उत्कृष्ट भारत

नए साल में न करे ये काम, रखे इन बातो का ख़ास ख्याल

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डिजिटल भारत्त I नए साल के स्वागत की तैयारी हर कोई कर रहा है। नव वर्ष के आगमन के लिए लोग काफी उत्साहित होते हैं। उत्साह में धूमधाम से जश्न मनाते हैं। न्यू ईयर रिज़ॉल्यूशन बनाते हैं लेकिन अक्सर अधिक उत्साह में हमसे कुछ गलतियाँ हो जाती हैं, जिनके कारण साल की शुरुआत ही खराब होती है। नये साल पर घूमने जा रहे हों या घर पर पार्टी कर रहे हों, कुछ बातों को अवॉइड करें। वहीं साल की शुरुआत बेहतर तरीके से करें। आइये जानते हैं कि नये साल पर क्या करें और क्या न करें।
आधी रात को 12 अंगूर – साल भर के लिए सौभाग्य लाने के लिए हर महीने एक अंगूर।
सोचा: मैं सोच रहा हूं कि 12 औंस वाइन से काम चल सकता है, तो चलिए स्थानीय स्तर पर चलते हैं! इंजन हाउस 25 विभिन्न प्रकार की लाल और सफेद हस्तनिर्मित वाइन प्रदान करता है। मैं इस वर्ष चखने और चारक्यूरी बोर्ड के लिए रुकने की सलाह देता हूँ। यम!
पैसे कमाने की इस दुनिया की दौड़ और तनावपूर्ण इस जीवनशैली में हम अपने लिए जिना छोड़ देते हैं। नये साल में खुद को Importance देना सीखें और Life की हर छोटी और बड़ी खुशी का आनंद लें।

आपकी Life में जितना भी अच्छा Time आता है उसे अहसास करेंगे तो आप उनसे प्रेरित (Inspired) होंगे जिसके कारण आप उत्साह के साथ आगे बढ़ेंगे। New year में ये Promise करें कि आप आने वाले साल में खुद को वक्त देंगे और खुश रहेंगे।

आपके बटुए में नकदी होनी चाहिए – नए साल में समृद्धि का अनुभव करने के लिए, आपके बटुए में नकदी होनी चाहिए।
विचार: क्या इसमें वे सभी उपहार कार्ड और प्रमाणपत्र शामिल हैं जो मैंने अपने सभी स्थानीय पसंदीदा व्यवसायों का समर्थन करने के लिए अपने व्यक्तिगत मिशन में जमा किए हैं ? वे नकद समतुल्य हैं, है ना?

आधी रात को दरवाजे और/या खिड़कियाँ खोलें – पुराने साल और बुरी आत्माओं को बाहर आने दें।
विचार: थोड़ी ताजी हवा कभी दर्द नहीं देती; यह आपके घर को उस रात के खाने की गंध से छुटकारा दिलाने में भी मदद कर सकता है जो आपने एक रात पहले जलाया था। वे सभी आत्माएँ कहाँ समाप्त होती हैं? यह हॉन्टेड पिट्सबर्ग घोस्ट टूर का व्यवसाय है।

आपके घर में प्रवेश करने वाला पहला व्यक्ति – एक काले बालों वाला पुरुष सौभाग्य और उपहार लेकर दहलीज पार करने वाला पहला व्यक्ति होना चाहिए।
सोचा: आसान…मैं अपने बेटे को फोन करके कहूँगा, “अपनी माँ से मिलने आओ और मेरी पोती को अपने साथ ले आओ!” जहाँ तक मेरे उपहार की बात है, बेहतर होगा कि वह मेरी सूची में से कुछ स्थानीय हो ।

ये Life हर पल हमें कुछ सिखाती रहती है। Life में आने वाले हर पल अपने साथ नया अनुभव लेकर आते हैं। चाहे वह किसी घटना के रूप में हो या किसी व्यक्ति के रूप में। दुनिया का चाहे कोई भी व्यक्ति हो उसमे कुछ न कुछ कमी जरूर होती है कोई भी Perfect नहीं होता।

अगर आपकी किसी कमी या गलती को किसी के अच्छे व्यवहार या उसके अच्छे गुणों के कारण सुधरने का मौका मिलता है तो उससे वह चीज ग्रहण करने और सीखने में जरा भी संकोच न करें।

आने वाला New Year आपके लिए एक अच्छा अवसर है खुद की लाइफ को अच्छा बनाने का। नए साल में अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लें और पूरी शक्ति के साथ उसे हासिल करने के लिए कोशिश करते रहें।
New Year में आप बुरे विचारों (Negetive Thoughts) को अपने दिमाग में आने से रोकना सीखें हमेशा Positive सोचें। आप जो भी ज्यादा सोचते हैं वो सब आपकी लाइफ में घटित हो जाता है। Life के लिए सकरात्मक दृष्टिकोण (Positive Outlook) हमें हर परिस्थिति में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित (Inspired) करता है।

हमेशा निराश रहना Life के लिए अभिशाप बन जाता है इसलिए Life को हमेशा Positivity के साथ जिएं अपने दिमाग मे Negetivity को निकाल दें। नये साल में अपने दिमाग को अच्छे संकेत भेजे ताकि Life में अच्छा घटित हो।

बीते साल में जो आप हासिल नहीं कर पाए उसको सोच सोच कर दुखी और नए साल में निराश रहना छोड़ दें क्योंकि आप जितना उस चीज के बारे में सोचते रहेंगे आप उतना ही आगे के बारे में नहीं सोच पाएंगे।

इसीलिए पछताना छोड़ कर New Year में नए अवसर खोजें। अगर आप नए रास्ते खोजने में अपना ध्यान केंद्रित करेंगे तो ये प्रकृति आपके लिए नए अवसर जरूर ले कर आएगी। जो बीत गया उस पर पछताना छोड़ कर Naye Saal Me Kya Karna Chahiye उस के बारे में सोचें।

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नागरिकों को दिलाया देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प -: विकसित भारत संकल्प यात्रा

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डिजिटल भारत l केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत आज रविवार को भी शहर में दो
स्थानों बादशाह हलवाई मंदिर एवं रजक धर्मशाला के पास शिविर आयोजित किये गये। यात्रा के तहत बादशाह
हलवाई मंदिर में आयोजित शिविर में जहां विधायक राकेश सिंह भी शामिल हुए, वहीं कांचघर के पास स्थित रजक
धर्मशाला में आयोजित शिविर में पूर्व मंत्री अंचल सोनकर मौजूद रहे और कई हितग्राहियों को शासन की जन कल्याण की योजनाओं का लाभ अपनी उपस्थिति में दिलाया।
बादशाह हलवाई मंदिर के शिविर में विधायक राकेश सिंह ने अधिकारियों से कहा कि शासन की
योजनाओं से कोई पात्र वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी वर्गों को लाभांवित करने की
सोच के साथ योजनायें संचालित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास के अभूतपूर्व कार्य भी
हुये हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा इन योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने तथा नवाचारी
योजनाओं से देश मे हुये विकास की जानकारी देने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है।
शासन की कोई भी योजना हो हर पात्र व्यक्ति को इसका लाभ मिलना चाहिए। कोई भी पात्र व्यक्ति शिविर से
निराश होकर न लौटे और उन्हें कोई भी असुविधा न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये। इस अवसर
पर उन्होंने शिविर में बड़ी संख्या में उपस्थित नागरिकों को देश को विकसित राष्ट्र बनाने तथा देश की संस्कृति,
गौरव और अखंडता को बनाये का संकल्प दिलाया।
विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत शहर में रविवार को आयोजित किये गये दोनों शिविरों में बड़ी
संख्या में क्षेत्रीय नागरिकों और हितग्राहियों को केंद्र एवं राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने
अपना पंजीयन कराया । कई हितग्राहियों को मौके पर ही योजनाओं के तहत हितलाभों का वितरण भी किया गया
। शिविरों में जहाँ प्रचार रथ के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को केन्द्र एवं राज्य शासन की जनकल्याणकारी
योजनाओं की जानकारी दी गई, वहीं इन योजनाओं का लाभ लेने से शेष रह गये हितग्राहियों का पंजीयन किया
गया। शिविरों में कई हितग्राहियों को मौके पर ही योजनाओं का लाभ भी दिया गया।
शिविरों में आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना,
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा एवं वृद्धावस्था
पेंशन योजना तथा बैंकों से जुड़ी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री
जन-धन योजना, अटल पेंशन योजना एवं अटल पेंशन योजना के अलग-अलग स्टॉल लगाये गये थे। इन स्टालों पर
इन योजनाओं का लाभ लेने से शेष रह गये हितग्राहियों का पंजीयन किया गया।
शिविरों के दौरान स्थानीय नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। विभिन्न योजनाओं के
हितग्राहियों की ई-केवायसी करने, आधार लिंकिंग, आधार अपडेशन एवं आधार रजिस्ट्रेशन के लिये भी स्टॉल लगाये
गये थे। इसके साथ ही यात्रा के साथ चल रहे प्रचार रथ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सन्देश का प्रसारण किया
गया। लोगों को भारत को विकसित बनाने का संकल्प भी दिलाया गया। केंद्र शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त
कर चुके हितग्राहियों ने अपने अनुभव भी सुनाये।

शिविरों में पार्षद मालती चौधरी, शारदा कुशवाहा, राजकुमार पटैल, अविनाश चमकेल,
वर्षा मुकेश बिरहा, नगर निगम के अपर आयुक्त मनोज श्रीवास्तव एवं श्रीमती अंजू सिंह, कार्यपालन यंत्री कमलेश
श्रीवास्तव, संभागीय अधिकारी पवन श्रीवास्तव, वरिष्ठ समाजसेवी संदीप राठौर भी उपस्थित रहे ।

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विकसित भारत संकल्प यात्रा के आज भी सैंकड़ो हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का मिला लाभ

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पात्र हितग्राहियों से शिविर का लाभ लेने निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े ने की अपील 

डिजिटल भारत l केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत आज भी शहर के दो विधानसभा क्षेत्रों क्रमशः पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के संभाग क्रमांक 2 कछपुरा के अंतर्गत गुलौआ चौक वीरसावरकर वार्ड और पूर्व और केन्ट विधानसभा क्षेत्र के संभाग क्रमांक 7 के अंतर्गत सिद्धेश्वर चौक कंचनपुर में शिविर का आयोजन किया गया। जहॉं पर सैकड़ों हितग्राहियों ने निगमाध्यक्ष रिकुंज विज, वरिष्ठ समाज सेवी विजय ईश्वरदास रोहाणी, जोन अध्यक्ष विमल राय, पार्षद रीना ऋषि यादव, महेश सिंह राजपूत, अंजना अग्रहरि, शरद श्रीवास्तव, अनुराग साहू, पूजा श्रीराम पटैल, अंशुल राघवेन्द्र यादव एवं सैंकड़ो क्षेत्रीय जनों की उपस्थित में हितग्राहियों को केन्द्र एवं राज्य शासन की अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिला।
शिविर का निरीक्षण के उपरांत निगमाध्यक्ष रिकुंज विज ने रथ को वार्ड के कॉलोनियों में रवाना किया जहॉं पर लोगों को जागृति रथ के माध्यम से योजनाओं की जानकारी घर-घर दी जायेगी। इस संबंध में निगमाध्यक्ष रिकुंज विज ने सभी हितग्राहियों से चर्चा की और जन-जन तक केन्द्र एवं राज्य शासन की योजनाओं को पहुॅंचाने तथा पात्र हितग्राहियों को लाभांवित कराने का संकल्प लिया।


आयोजित शिविरों के संबंध में निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े ने आज जानकारी देते हुए बताया कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत आयोजित शिविरों में आज सैकड़ों हितग्राहियों को आयुष्मान भारत, स्वास्थ्य विभाग हेल्थ परीक्षण, आवास योजना, पी.एम. स्वनिधि, अटल पेंशन योजना, पशु पालन विभाग, एम-राशन मित्र योजना, सामाजिक सुरक्षा, वृद्धा पेंशन, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति योजना, जन-धन योजनाओं आदि का लाभ एक साथ दिया गया। इसके लिए उन्होंने अपर आयुक्त मनोज श्रीवास्तव, अंजू सिंह, सहायक आयुक्त अंकिता जैन, शिवांगी महाजन, एवं वेदप्रकाश, सहित सभी संभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शिविरों का संचालन बेहतर ढंग से हो और सभी पात्र हितग्राहियों को अधिक से अधिक लाभांवित कराने की दिशा में स्वयं सभी लोग पहल करें। निगमायुक्त ने उक्त सभी अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि सभी अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों के सम्माननीय प्रतिनिधियों से सम्पर्क स्थापित करें और उन्हें शिविरों की जानकारी देकर शिविरों में उन्हें आमंत्रित करें। आज आयोजित शिविरों में अपर आयुक्त मनोज श्रीवास्तव, श्रीमती अंजू सिंह, संभागीय अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह, सुरेन्द्र मिश्रा, राजस्व निरीक्षक ऋषि कुसरे, राम सजीवन विश्वकर्मा, गोकुल सिंह ठाकुर, एवं उनकी टीम के सदस्यगण भी उपस्थित रहे।

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हो रही है शादी , तो रखे इन बातो का ख्याल

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डिजिटल भारत l हमारे यहां शादियां 1-2 दिन का नहीं बल्कि लंबे समय तक चलने वाला समारोह होता है। ऐसे में कई लोग शादी के तैयारियों के बीच कुछ मुख्य बातों को भूल जाते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है कि कैसे आप शादी के तैयारी के बीच किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
शादी की जगह
आज कल लोग गर्मी में नहीं बल्कि सर्दियों में शादी करना पसंद करते है। ऐसे में आप जहां शादी कर रहे है अगर रात की शादी है तो इस बात का ध्यान रखें कि वह ओपन एरिया न हो। ओपन एरिया में ठंड काफी ज्यादा हो जाता है। ऐसे में मेहमानों को रात में काफी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पडता है।
सजावट हो खास
कोशिश करें की कम बजट में खास सजावट करवा लें। शादियों में बारगेनिंग करना जरूरी है। अगर आप शादी में अच्छे से खर्च नहीं करेंगे तो आपका बजट काफी ज्यादा गड़बड़ा जाएंगा। ऐसे में आप सजावट कम खर्च में ही करवाएं।

ठंड में मेहमानों का रखें खास ख्याल
ठंड में धुंध बढ़ जाती है। इस वजह से कई ट्रेन और हवाई जहाज देर से पहुंचते हैं। आपके मेहमानों के आने में देरी हो सकती है। इसलिए एक व्यक्ति को सिर्फ इसी काम में लगाना होगा कि वह मेहमानों के आने के समय की जांच करता रहे ताकि आप सही समय पर एयरपोर्ट और स्टेशन पर कार भेज सकें।
लड़की के मन में जहां नए परिवार में एडजस्ट करने की ढ़ेरों चिंताएं होती हैं, तो वहीं लड़का आर्थिक जिम्मेदारियों के कारण खुद को दबा हुआ महसूस करता है। लेकिन प्यार-विश्वास-समझ और देखभाल के बीच सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ज्यादातर जोड़े शादी के प्रति अपने दृष्टिकोण को लेकर बहुत ही ज्यादा भ्रमित होते हैं। वह नहीं जानते हैं कि इस रिश्ते को सफल बनने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था। मैंने शादी के बाद जाना कि असल में इस रिश्ते में बंधने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शादी जीवन का एक ऐसा फैसला है, जिसके लिए लोगों को बहुत ही सावधानीपूर्वक एनालिसिस करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस रिश्ते में बंधने के बाद आपको केवल अपने साथी से ही मतलब नहीं रह जाता है बल्कि उसके पूरे परिवार के साथ भी आपका रिश्ता जुड़ जाता है।
हमारी सोसाइटी का ताना-बाना ही कुछ ऐसा है कि शादी के एक साल होते ही ज्यादातर लोग बच्चा पैदा करने का अनजाना प्रेशर देने लगते हैं। यह प्रेशर ऐसा होता है, जिसे हम खुलकर महसूस भी कर सकते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह आपके और आपके साथी पर निर्भर होना चाहिए कि आप कब और किस तरह अपनी फैमिली को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
आपकी शादीशुदा जिंदगी में क्या चल रहा है, ये आप और आपके साथी से बेहतर कोई नहीं जानता है। ऐसे में दूसरों के साथ अपने रिश्ते की तुलना करना बहुत ही गलत है। मैं कहूंगी कि इससे बचना सबसे अच्छा रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप अपने रिश्ते में बुरा समय देखते हैं, तो आप दूसरे लोगों की बातें सुनने लग जाते हैं, जोकि कभी-कभार आपके लिए अच्छी-बुरी दोनों हो सकती हैं।

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ऐसे रखे सर्दियों में अपनी त्वचा का खास ख्याल

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डिजिटल भारत l हेल्दी त्वचा हर कोई चाहता है पर बदलते मौसम में सर्द हवा त्वचा की खूबसूरती छीन सकती है। फेमिना रीडर्स व एक्सपर्ट से जानें टिप्स, जिन्हें आजमाकर आप चेहरे की रंगत और निखार सकती हैं…

बनाए रखें त्वचा की नमी
इस मौसम में त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पीते रहें। रोजाना 5 भीगे हुए बादाम खाएं। घरेलू उपचार के तौर पर एक चम्मच बेसन में एक चम्मच नीबू का रस, एक चम्मच गुलाबजल और चुटकी भर हल्दी डालकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को स्क्रब की तरह चेहरे पर लगाकर 10 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर पानी लगाकर हल्के हाथ से मलते हुए छुड़ाएं। सादे पानी से चेहरा साफ कर लें।
काम आएंगे ग्लिसरीन-नींबू
सर्दियों के लिए त्वचा को तैयार करने और उसे शुष्क होने से बचाने के लिए कुछ बूंद ग्लिसरीन में नीबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं। रोज सुबह चेहरा साफ करने के बाद और रात में सोने से पहले इसे लगा सकती हैं। यह त्वचा को शुष्क हवा के दुष्प्रभाव से बचाता है और उसकी कुदरती नमी बनाए रखता है। इसके अलावा दही खाने और लगाने से भी त्वचा चिकनी बनी रहती है।
नहाने या चेहरे को धोने के बाद शरीर को हल्के हाथों यानी थपकी देकर पोछना है। जैसा कि हम आमतौर पर देखते हैं कि लोग तौलिए से शरीर को रगड़-रगड़ कर पोछते हैं जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी त्वचा और भी रूखी हो जाती है।
नहाने के बाद बारी आती है शरीर पर ऑयली पदार्थ लगाने की। इसके लिए हम अपनी पसंद के हिसाब से सरसो, नारियल, बादाम, आंवला तेल या फिर बॉडी लोशन या मॉइश्चराइजर क्रीम लगा सकते हैं। इसको शरीर पर हल्के हाथों से लगाना चाहिए।
सर्दियों में त्वचा रूखी-सूखी होने लगती है, जिसकी वजह से कई बार शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। ज्यादातर लोग अपनी त्वचा का ध्यान रखने के लिए स्किन केयर ट्रीटमेंट लेते हैं, जोकि हर किसी के बस की बात नहीं है। खासतौर पर जब बार आती है ड्राई स्किन वाले लोगों को उनको तो सर्दियों के मौसम में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में हम आपको सर्दियों में त्वचा में नमी बनाए रखने के कुछ घरेलू तरीके बताएंगे, जिनको अपनाकर आप अपनी ड्राई त्वचा का खास ध्यान रख सकते हैं। इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्चने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन सभी तरीकों को फॉलो करना काफी आसान है, तो आइए देर ना करते हुए आपको इस बारे में बताते हैं।
सनस्क्रीन को ना भूलें

लोगों को लगता है कि सर्दियों के मौसम में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना इतना जरूरी नहीं है। बल्कि ऐसा नहीं है, सर्दियों में भी लोगों को सनस्क्रीन का इस्तेमाल नियमित रूप से ही करना चाहिए। इससे त्वचा हानिकारक किरणों से बची रहती है। इसके इस्तेमाल से त्वचा सर्दियों में भी हाइड्रेट रहती है।

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वाहनों से मतदाताओं को ढोया नहीं जा सकेगा, आयोग ने लगाये वाहनों के उपयोग पर कई प्रतिबंध

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डिजिटल भारत l निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के तहत मतदान के दिन मतदाताओं को वाहनों से ढोने पर
प्रतिबंध लगाया है। आयोग के मुताबिक मतदान के दिन कोई भी उम्मीदवार, उसका निर्वाचन अभिकर्ता या उसकी
सहमति से अन्य कोई भी व्यक्ति मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक ले जाने और वहां से वापस लाने के लिए
वाहनों की सुविधा उपलब्ध नहीं करायेगा। आयोग ने कहा है कि यदि कोई उम्मीदवार ऐसा करता है तो वह भ्रष्ट
आचरण माना जायेगा और इस प्रकार के भ्रष्ट आचरण पर उसे दण्ड दिया जा सकता है। इसके साथ ही लोक
प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 133 के अधीन उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
निर्वाचन आयोग ने मतदान के दिन वाहनों के दुरूपयोग को रोकने कई तरह के प्रतिबंध भी लगाये हैं । इसके
अनुसार मतदान के दिन विधानसभा चुनाव लड रहे प्रत्येक उम्मीदवार को उसके निर्वाचन क्षेत्र के लिए केवल तीन
वाहनों के उपयोग की अनुमति ही दी गई है। इसमें से एक का उपयोग उम्मीदवार स्वयं अपने लिए कर सकेगा
जबकि दूसरा वाहन का उपयोग उसका निर्वाचन अभिकर्ता तथा तीसरे वाहन का उपयोग उसके कार्यकर्ता कर सकेंगे।
इसके लिए भी उम्मीदवार को रिटर्निंग अधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त करना जरूरी होगा।
निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं के निर्वाचन विधि का उल्लघंन करके वाहनों से मतदान बूथों तक ले जाने
और वापस लाने पर रोक लगाने की दृष्टि से मतदान क्षेत्रों में मतदान के दिन सभी तरह के यंत्र चलित या अन्यथा
चलित वाहनों जिसमें टैक्सी, निजी कार, ट्रक, बस, मिनी बस, ट्रक, ट्रेक्टर, आटोरिक्शा, स्कूटर, स्टेशन वैगन आदि के
संचालन को विनियमित किया है।
आयोग ने कहा है कि मतदान क्षेत्र में मतदान के दिन बस व मिनी बस जैसे सार्वजनिक परिवहन के
वाहनों को चलाये जाने की अनुमति तो होगी लेकिन निश्चित मार्गों और निश्चित स्थानों के बीच ही इन्हें चलाया
जा सकेगा। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि निजी वाहनों एवं टैक्सियों को मतदान के दिन मतदान केन्द्रों को
छोड़कर अस्पतालों, विमानपत्तनों, रेल्वे स्टेशनों, बस अड्डों मित्र या रिस्तेदारों के घरों, क्लबों, एवं रेस्टारेण्ट जैसे
स्थानों तक यात्रियों को ले जाने के लिए चलने दिया जायेगा । लेकिन मतदाताओं के ढोने के लिए मतदान केन्द्रों
के समीप छुपे तौर पर इन्हें आने नहीं दिया जायेगा। इन वाहनों के यातायात को इस प्रकार दूसरे मार्ग पर ले जाया
जायेगा ताकि उनके दुरूपयोग पर प्रभावी रूप से नियंत्रण किया जा सके।
आयोग के अनुसार मतदान के दिन निजी उपयोग के लिए जिसका संबंध निर्वाचन से न हो, निजी वाहनों को
चलाने की अनुमति होगी। इसके अलावा अनिवार्य सेवाओं के लिए प्रयुक्त वाहनों मसलन अस्पताल वाहन, रोगी
वाहन, दुग्ध वाहन, पानी के टैंकर, विद्युत ड्यूटी वाहन, पुलिस वाहन को भी मतदान के दिन चलाये जा सकेंगे।
आयोग ने निजी वाहन स्वामियों को या तो स्वयं के लिए या उनके अपने परिवार के सदस्यों के उनके
मताधिकार के उपयोग के लिए मतदान केन्द्र परिसर तक निजी वाहन ले जाने की अनुमति दी है। लेकिन इस शर्त
पर कि ऐसे वाहन मतदान केन्द्र के 200 मीटर के दायरे में केवल एक बार ही प्रवेश कर सकेंगे। आयोग ने मतदान
के दिन वाहनों के उपयोग पर लगाये गये इन प्रतिबंधों का उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है और
कहा कि दुरूपयोग पाये जाने पर ऐसे वाहनों को जप्त कर लिया जायेगा।

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हस्ताक्षर के पहले लगाई जायेगी मतदाता की बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही, इंकार करने पर मतदान नहीं करने दिया जायेगा

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डिजिटल भारत l भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में मतदान केन्द्र पर वोट डालने पहुंचे
मतदाता की बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही का निशान मतदाता रजिस्टर पर उसके हस्ताक्षर करने के पहले लगाया
जायेगा। ऐसा इसलिए किया जायेगा ताकि मत देने के बाद मतदाता के मतदान केन्द्र छोड़ने तक अमिट स्याही को
सूखने और एक सुस्पष्ट अमिट चिन्ह बनने के लिए पर्याप्त समय मिल जाये। मतदाता की अंगुली पर अमिट
स्याही नाखून से लेकर अंगुली के पहले पोर तक लगायी जायेगी।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अमिट स्याही लगाने के पहले मतदान अधिकारियों द्वारा मतदाता की बायीं
तर्जनी का निरीक्षण भी किया जायेगा। यदि निरीक्षण में यह देखने में आता है कि किसी मतदाता ने अमिट स्याही
के चिन्ह को प्रभावहीन करने के लिए अपनी अंगुली पर तैलीय या चिकनाईयुक्त पदार्थ लगा लिया है तो मतदान
अधिकारी द्वारा उस मतदाता की अंगुली पर अमिट स्याही का चिन्ह लगाने के पहले किसी कपड़े के टुकड़े की
सहायता से ऐसा तैलीय या चिकनाईयुक्त पदार्थ को हटा दिया जायेगा ।
आयोग के निर्देशों में मतदान अधिकारियों से स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई मतदाता निर्देशों के
विपरीत अपनी बायीं तर्जनी का निरीक्षण करने या अमिट स्याही लगाने से इंकार करे या उसकी बायीं तर्जनी पर
ऐसा कोई चिन्ह पहले से ही हो अथवा वह स्याही को हटाने की दृष्टि से कोई भी कृत्य करे तो उसे मत देने के
लिए अनुमति नहीं दी जाये।
आयोग ने यह भी कहा है कि मतदाता को अपना मत रिकार्ड करने के लिए मतदान कक्ष में जाने की अनुमति
देने के पहले नियंत्रण यूनिट के प्रभारी मतदान अधिकारी द्वारा भी उसकी अंगुली की दुबारा जांच की जानी चाहिए।
यदि मतदाता ने स्याही को हटा दिया है या स्याही का चिन्ह अस्पष्ट है तो उसकी बायीं तर्जनी पर दुबारा अमिट
स्याही का चिन्ह लगा दिया जाये।
आयोग के मुताबिक मतदान कर चुके मतदाता की पहचान के लिए अमिट स्याही का चिन्ह मतदाता की
बायीं तर्जनी की अंगुली पर लगाया जायेगा। लेकिन यदि किसी मतदाता की बायीं तर्जनी न हो तो अमिट स्याही
उसकी ऐसी किसी भी अंगुली में लगाई जायेगी जो उसके बायें हाथ में हो । यदि उसके बाये हाथ में कोई भी अंगुली
न हो तो स्याही उसकी दायें हाथ की तर्जनी पर लगाई जायेगी और यदि उसके दायें हाथ की तर्जनी भी न हो तो
उसकी दायीं तर्जनी से प्रारंभ करते हुए उसके दायें हाथ की किसी भी अन्य अंगुली पर स्याही लगाई जायेगी ।
परन्तु यदि किसी मतदाता के किसी भी हाथ में कोई भी अंगुली न हो तो स्याही उसके बायें या दायें हाथ के ऐसे
सिरे (ठूंठ) पर जो भी उसके हो लगायी जायेगी।

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125वर्षों से भी ज्यादा का है मनकेडी चंडी मेले का इतिहास, मुस्लिम परिवार द्वारा निभाई जा रही परंपरा

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डिजिटल भारत l हिंनदोस्तान गंगा जमिनी तहजीब के लिए विख्यात यूं ही नहीं माना जाता यहां पर बसने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी तहजीब की महक बरकरार है जिसमें धर्म से ऊपर इंसानियत और भाईचारे को माना जाता है प्रेम सौहार्द ही जिनके लिए सबसे बड़ा धर्म है। ऐसा ही कुछ बरगी नगर के छोटे से ग्राम मनकेडी में पिछले 100 वर्षों से भी ज्यादा लंबे समय से देखने मिल रहा है जहां 99.9% हिंदू आबादी के बीच में रहने वाला रहने वाला एक मुस्लिम परिवार अपने बाप दादा के समय से इस परंपरा को बखूबी निभा रहे हैं और अपने पुरखों की इस रवायत को आज भी नई पीढ़ियां निभा रही हैं।

✳️ भाई दूज पर भरता है प्रेम का मेला मनकेडी ग्राम के ग्राम प्रमुख हफीज खान मालगुजार ने बताया कि दीपावली के भाई दूज के अवसर पर हमारे गांव में पिछले 125 वर्षों से भी ज्यादा समय से हमारे परिवार के स्वर्गीय खुदा बख्श, स्वर्गीय शेख कल्लू तथा स्वर्गीय शेख अहमद खान मालगुजार द्वारा ग्राम में भाई दूज के अवसर पर आपसी प्रेम के लिए चण्डी मड़ई मेले का आयोजन किया जाता रहा है जिसे हम भी उसी परंपरा के अनुसार इसका निर्वहन कर रहे हैं।

✳️ दर्जन भर गांवों को भेजते हैं न्योता ग्राम के (बैगा) पंडा प्रहलाद आदिवासी तथा सूरज आदिवासी ने बताया कि मालगुजार परिवार द्वारा चंडी मेला कार्यक्रम के लिए आसपास के दर्जन भर ग्राम सहजपुरी,चौरई, रीमा, नयागांव, टेमर गुल्ला पाठ, भोंगा तथा हरदुली ग्रामों के ग्राम प्रमुख को हल्दी चावल तथा सुपारी भेज कर पारंपरिक न्योता दिया जाता है । तत्पश्चात ग्राम की ग्वालटोली द्वारा शाम 4:00 बजे मालगुजार परिवार के घर पहुंच कर नाचते गाते हुए समूचे गांव के साथ मालगुजार परिवार के प्रमुख को लेकर ग्वालटोली मेला स्थल तक पहुंचती है यहां पर पूरी विधि विधान से चंडी माता की पूजा अर्चना के बाद ग्राम के बैगा द्वारा मढईको ब्याहने की प्रक्रिया पूरी की जाती है और इस तरह से सभी मेले में शामिल होते हैं।

✳️पान खिलाकर होता है स्वागत आसपास के गांव से आमंत्रित की गई सभी ग्वालटोलियों को मेला स्थल में पहुंचने के बाद पान खिलाकर स्वागत किया जाता है तथा मालगुजार परिवार द्वारा विशेष नृत्य प्रस्तुति पर सभी ग्वालटोलियों को सम्मान स्वरूप प्रसाद और बख्शीश (पुरस्कार) हर टोली को दी जाती है तथा आसपास के सभी आमंत्रित अतिथि गणों को पान खिलाकर स्वागत किया जाता है इस अवसर पर ग्राम के दिमाग प्रसाद, डुमारी लाल सोनी ,डुमारी लाल झरिया, प्रहलाद आदिवासी, विमल नेताम, रामाधार आदिवासी, संतोष आदिवासी, सूरज प्रसाद, कृपाल आदिवासी, भूरा झरिया, रोशनी झरिया मुकेश तथा समस्त ग्रामीण का विशेष सहयोग रहता है

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नहीं रहे सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय, 75 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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डिजिटल भारत l सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार (14 नवंबर) को मुंबई में निधन हो गया। उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। सुब्रत रॉय का मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सहारा ग्रुप की प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर खबर जारी की है। लंबी बीमारी के बाद निधन
बयान में बताया गया है कि हाइपर टेंशन और डायबिटीज से पैदा हुई मुश्किलों के साथ लंबी लड़ाई के बाद सुब्रत रॉय को कार्डियक अरेस्ट आया और रात 10.30 बजे उनका निधन हो गया. सुब्रत रॉय को सेहत खराब होने के बाद 12 नवंबर को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था. सुब्रत रॉय ने रिटेल, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, एविएशन, मीडिया और फाइनेंशियल सर्विसेज के सेक्टर में एक विशाल साम्राज्य खड़ा किया था, लेकिन वो विवादों में भी घिरे रहे. उन्हें अपनी ग्रुप कंपनियों को लेकर कई रेगुलेटरी और कानूनी लड़ाइयों का भी सामना करना पड़ा, जिन पर पोंजी स्कीम चलाने का भी आरोप लगा, हालांकि कंपनी ने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया.
सुब्रत रॉय ने अपने साथ उन लाखों ग़रीब और ग्रामीण भारतीयों को जोड़ा, जिनके पास बैंकिंग की सुविधा नहीं थी और इन्हीं के सहारे सहारा ग्रुप खड़ा किया, लेकिन बाज़ार नियामक सेबी ने जब उनके ख़िलाफ़ क़दम उठाए तो दशकों का बनाया हुआ साम्राज्य हिलने लगा. दरअसल, यह मामला सहारा ग्रुप की कंपनियों से जुड़ा था, जिन्होंने रीयल एस्टेट में निवेश के नाम पर तीन करोड़ से ज़्यादा निवेशकों से क़रीब 24 हज़ार करोड़ रुपये जुटाए थे. एक समय ऐसा था जब सुब्रत रॉय के पास एक एयरलाइन, एक फॉर्मूला वन टीम, एक आईपीएल क्रिकेट टीम, लंदन और न्यूयॉर्क में आलीशान होटल थे. उन्होंने अपनी एयरलाइन-एयर सहारा, जेट एयरवेज को बेच दी, जो बाद में ख़ुद भी बंद हो गई. एक समय पर माना जाता था कि सहारा ग्रुप में भारतीय रेलवे के बाद सबसे ज़्यादा लोग काम करते हैं. इन लोगों की संख्या क़रीब 12 लाख बताई जाती थी.

फ़िल्मी सितारों से लेकर सभी राजनीतिक दलों में सुब्रत रॉय के दोस्त थे, लेकिन उन्हें समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के ज़्यादा क़रीब माना जाता था. दिसंबर 1993 में जब मुलायम सिंह दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो रॉय के साथ उनके रिश्ते और गहरे हो गए. वे मुलायम सिंह के क़रीबी अमर सिंह भी गहरे दोस्त सहारा का पतन
सुब्रत रॉय को 10 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि न चुकाने पर 4 मार्च 2014 को जेल जाना पड़ा. अदालत ने तब कहा था कि जब तक वे पाँच हज़ार करोड़ रुपये नक़द और पाँच हज़ार करोड़ रुपये की बैंक गारंटी नहीं देंगे, तब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा. 2013 में सहारा ग्रुप ने सेबी ऑफिस को 127 ट्रक भेजे थे, जिसमें तीन करोड़ से ज्यादा आवेदन फॉर्म और दो करोड़ रिडेम्पशन वाउचर शामिल थे. उन्हें दो साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा और 2016 में वे पैरोल पर बाहर आए. प्रॉपर्टी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फिर से जेल भेज दिया था. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर सुब्रत, नवंबर 2020 में 62 हज़ार 600 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करते हैं तो उनकी पैरोल रद्द कर दी जाए. टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा सहारा
साल 2001 से 2013 तक सहारा ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा. सहारा की टीम पुणे वॉरियर्स ने साल 2011 में आईपीएल में एंट्री ली थी. 2013 में सहारा ग्रुप की वित्तीय स्थिति ख़राब होने के बाद यह क़रार ख़त्म कर दिया.

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हर मतदाता दे सकेगा वोट,आयोग ने पहचान के लिए निर्धारित किये बारह वैकल्पिक दस्तावेज

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डिजिटल भारत l विधानसभा चुनाव के लिये शुक्रवार 17 नवंबर को होने वाले मतदान में ऐसे प्रत्येक मतदाता को मत
देने का अधिकार होगा जिसका नाम मतदाता सूची में शामिल है। ऐसे मतदाता जिन्हें फोटो परिचय पत्र जारी किये
गये हैं उन्हें वोट डालने के लिए फोटो परिचय पत्र मतदान केन्द्र ले जाना जरूरी होगा।
लेकिन किन्ही कारणों से फोटो मतदाता पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाने वाले मतदाताओं के लिये
निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान के दस्तावेजों में से कोई एक वैकल्पिक
दस्‍तावेज प्रस्तुत करना होगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार इस बार बीएलओ द्वारा मतदाताओं की सुविधा के
लिये घर-घर वितरित की गई मतदाता सूचना पर्ची को मतदाता की फोटो नहीं होने के कारण पहचान स्थापित करने
के लिये निर्धारित दस्तावेजों में मान्य नहीं किया जायेगा।
आयोग के मुताबिक कोई ऐसे मतदाता जो बीएलओ द्वारा मतदाता सूचना पर्ची के वितरण के दौरान घर
पर मौजूद नहीं थे वो भी अपना वोट डाल सकेंगे। लेकिन ऐसे मतदाता का नाम पीठासीन अधिकारी के पास मौजूद
एएसडी (एबसेंट, शिफ्टेड या डुप्लीकेट) वोटर्स की सूची में शामिल होना चाहिए।
आयोग के निर्देशों के अनुसार मतदान के दिन यदि ऐसा मतदाता मतदान केन्द्र पहुंचता है जिसे
मतदाता सूचना पर्ची प्राप्त नहीं हुई और उसका नाम एएसडी वोटर्स की सूची में शामिल है तो उसे अपना फोटो
मतदाता परिचय पत्र या आयोग द्वारा पहचान साबित करने के लिए निर्धारित किये गये वैकल्पिक दस्तावेज
पीठासीन अधिकारी को बताना होगा । पीठासीन अधिकारी फोटो मतदाता परिचय पत्र अथवा वैकल्पिक दस्तावेज के
आधार पर ऐसे मतदाता की पहचान संबंधी जांच करेगा तथा जांच के बाद ही उसे वोट डालने की अनुमति देगा ।
ऐसे मतदाता को मतदाता रजिस्टर में न केवल हस्ताक्षर करने बल्कि उसके अंगूठे का निशान भी मतदान रजिस्टर
में लिया जायेगा ।
आयोग ने मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए बारह वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों को
भी मान्य किया है। लेकिन मतदान केंद्र पर वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करने की ये अनुमति केवल
उन्हीं मतदाताओं के लिए होगी जो मतदाता फोटो परिचय पत्र नहीं ला सके हैं। मतदाता को इसमें से कोई एक
फोटो पहचान दस्तावेज को मतदान के पहले अपनी पहचान स्थापित करने के लिए मतदान अधिकारियों के समक्ष
प्रस्तुत करना होगा। फोटो मतदाता परिचय पत्र के फोटोग्राफ से मिलान करने पर यदि किसी मतदाता की पहचान
करना संभव नहीं है तो उस स्थिति में भी उस मतदाता को पहचान स्थापित करने के लिये मान्य बारह दस्तावेजों
में से कोई एक दस्तावेज दिखाना होगा।
निर्वाचन आयोग ने जिन फोटो पहचान दस्तावेजों को मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए मान्य
किया है, उनमें आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो सहित पेंशन
दस्तावेज, केंद्र अथवा राज्य सरकार या सार्वजनिक उपक्रम अथवा सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मियों को
जारी फोटो सहित सेवा पहचान पत्र, बैंक अथवा डाकघर द्वारा जारी फोटो सहित पासबुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के अधीन आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजनाओं के अधीन जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट
कार्ड, सांसद या विधानसभा एवं विधान परिषद के सदस्यों को जारी किये गये आधिकारिक पहचान पत्र तथा भारत
सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसेबिलिटी आईडी शामिल शामिल हैं।
आयोग ने कहा है कि प्रवासी निर्वाचक जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 20 क के अधीन
पासपोर्ट में दर्ज विवरणों के आधार पर मतदाता सूची में पंजीकृत हुए हैं मतदान केंद्र में उन्हें मूल पासपोर्ट के
आधार पर पहचाना जायेगा किसी अन्य पहचान के दस्तावेज से नहीं।

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