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एक भारत उत्कृष्ट भारत

उप निर्वाचन आयुक्त ने वीसी लेकर मतगणना की तैयारियों की समीक्षा ली

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डिजिटल भारत I उप निर्वाचन आयुक्त, भारत निर्वाचन आयोग अजय भादू ने बुधवार को लोकसभा निर्वाचन 2024 की मतगणना की तैयारियों के संबंध में प्रदेश के सभी अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने एनआईसी इंदौर से इस वीसी से जुड़कर प्रदेश के सभी लोकसभा संसदीय क्षेत्रों में मतगणना के लिये की गई तैयारियों एवं किये गये प्रबंधों की जानकारी दी। जबलपुर सहित प्रदेश के सभी 29 लोकसभा संसदीय क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारी तथा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी वीसी में वर्चुअली शामिल हुए।
वीसी में उप निर्वाचन आयुक्त भादू ने कहा कि मतगणना कार्य से जुड़ी सभी तैयारियां व जरूरी व्यवस्थाएं शीघ्र दुरूस्त कर ली जायें और बिना किसी बाधा के मतगणना कार्य संपन्न कराएं। मतगणना स्थल पर सभी जरूरी संसाधन एवं व्यवस्थाएँ उपलब्ध रहें। सभी मतगणना कर्मियों को 31 मई तक प्रशिक्षण दे दें। मतगणना स्थल में सिर्फ प्राधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दें। उप निर्वाचन आयुक्त ने सभी रिटर्निंग अधिकारियों तथा कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर मतगणना की अब तक की तैयारियों का फीडबैक लिया और उन्हें स्मूथ काउंटिंग कराने के निर्देश दिये।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजन ने सभी जिलों में मंगलवार, 4 जून को होने वाली मतगणना को लेकर की जा रही तैयारियों के बारे में उप निर्वाचन आयुक्त को विस्तार से जानकारी दी। राजन ने बताया कि सभी रिटर्निंग अधिकारियों तथा जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा पुलिस प्रशासन से बेहतर समन्वय स्थापित कर मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रथम चरण का काउंटिंग रेण्डमाईजेशन भी पूरा हो गया है। सभी जिलों में मतगणना कर्मियों की फाईनल ट्रेनिंग 31 मई तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि मतगणना के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के सभी दिशा-निर्देशों एवं प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। सभी मतगणना स्थलों पर त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। सुचारू व निर्बाध मतगणना के लिये पर्याप्त टेबल्स गणनाकर्मी, माईक्रो ऑर्ब्जवर्स और अन्य जरूरी संसाधनों की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। ऐसी व्यवस्थायें की जा रही है कि मतगणना के परिणाम शीघ्र आयें। उन्होंने बताया कि 4 जून को पोस्टल बैलेट की गिनती रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा मतगणना स्थल पर ही एक अलग कक्ष में की जायेगी।वीसी में अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कौल, पुलिस महानिरीक्षक तथा राज्य पुलिस नोडल अधिकारी अंशुमन सिंह, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बसंत कुर्रे व तरूण राठी एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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कैसे रखे बच्चो को मोटिवेटेड, जाने कुछ अनोखे टिप्स

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डिजिटल भारत l कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो पढ़ाई से पूरी तरह विमूख होते हैं, जिन्‍हें पढ़ना-लिखना बिल्‍कुल अच्‍छा नहीं लगता। पढ़ाई के नाम से वो ऐसे भागते हैं जैसे उन्‍हें कितना बड़ा काम करने को दे दिया गया हो। कई बार ऐसा होता है कि माता-पिता को बच्चे को पढ़ाने का सही तरीका पता नहीं होता है और उन्हें लगता है कि बच्चे को डांट या मार देना ही एक ऐसा विकल्प है जिससे डरकर वह पढ़ाई करने लगेगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई में यह सही तरीका है। जी नहीं, यह सही तरीका नहीं है।
अगर आपके बच्चे को पढ़ाई करना बिल्कुल भी नहीं पसंद हैं उसे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने का सबसे पहला स्टेप यह होना चाहिए कि सबसे पहले आप उसकी समस्या को पहचानें, जैसे कि बच्चे को पढ़ाई के दौरान कौन सा सब्जेक्ट अच्छा लगता है और कौन सा नहीं लगता, उसे कौन सी चीज याद करने में दिक्कत होती है, क्‍या उसे लिखने में परेशानी होती है। जब तक आप पढ़ाई को लेकर उसकी समस्या को नहीं समझेंगी तब तक आप पढ़ाई को लेकर उसके नकारात्मक रवैये को नहीं समझ पाएंगी। एक बार जब आप समस्या की जड़ तक पहुंच जाएंगी तो फिर आप उसका समाधान भी निकाल लेंगी।
बच्चे को डेली कम से कम बीस मिनट तक पढ़ने की आदत डालवाएं। डेली पढ़ने से ना केवल बच्चे का विकास होगा, बल्कि उसकी शब्दावली में भी वृद्धि होगी और उसका लर्निंग प्रोसेस बढ़ेगा। बच्चे को हमेशा सही टाइम पर पढ़ना, ब्रेक लेना और सोना सिखाएं। बिना ब्रेक के लगातार पढ़ते रहने से वो तनावग्रस्त हो सकते हैं।
पढ़ाई में बच्चे को आपके मदद की जरूरत होती है इसलिए लर्निंग प्रोसेस में उनकी मदद जरूर करें। उन विषयों के बारे में जानने का कोशिश करें करें, जिनमें बच्चे की रुचि है, और साथ ही उन विषयों के बारे में भी जानने की कोशिश करें जिनमें उनकी रुचि नहीं है।
अगर आप अपने जीवन में सीखना चाहते हैं, तो ये आपके लिए बहुत अच्छा होगा क्योंकि गलतियां हर किसी से होती है। इसमें समय के साथ सुधार बहुत जरूरी है। खासकर, अपने बच्चे के भविष्य को स्वर्णिम बनाने के लिए आपको भी सीखने की आदत डाल देनी चाहिए। इससे आप अपने बच्चे को हर परिस्थिति में जीवन जीने की कला सीखा सकते हैं। आइए तरीके जानें।
अपने बच्चों के प्रति स्नेह रखें
हर एक रिश्ते में स्नेह की भावना जरूरी है। अगर आप अपने बच्चों के साथ हमेशा स्नेह और लगाव रखेंगे तो आपके बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे, और आपको सारी बातें बताएंगे। इसके लिए आप अपने बच्चे को हमेशा जादू की झप्पी दें, उसे गले लगाएं, उनके साथ खेलें। बच्चों को प्यार दिखाने में बिल्कुल संकोच न करें। अगर आप अपने बच्चों के साथ स्नेह न रखेंगे, तो वे अवसाद के शिकार हो सकते हैं।
कई बार माता पिता के कहने पर बच्चा पढ़ने तो बैठ जाते हैं लेकिन उनका ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता। माता पिता डांट फटकार कर बच्चों पर दबाव बनाते हैं। हालांकि डांटने या जबरन पढ़ाने से बच्चे की रुचि पढ़ाई में नहीं बढ़ती। यहां अभिभावकों को कुछ ऐसे तरीके बताए जा रहे हैं जो उन्हें पढ़ाई से मुंह चुराने नहीं देंगे और खुद ब खुद उनका मन पढ़ाई में लगने लगेगा।
बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करें लेकिन उन पर दबाव न डालें। पढ़ाई का दबाव बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस कारण उनको पढ़ाई बोझ की तरह लगती है। उनपर जरूरत से अधिक दबाव न बनाएं, हंसते-खेलते बच्चों को पढ़ाई की कठिन बातें समझाने की कोशिश करें।

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क्या आप भी शौकीन है फ़ास्ट फ़ूड के, जाने इसके हानिकारक प्रभाव

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डिजिटल भारत l जंक फूड के दीर्घकालिक प्रभाव
जंक फूड हमारे दैनिक आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। फास्ट फूड चेन से लेकर सुविधा स्टोर तक, इसे ढूंढना और खाने के लिए ललचाना आसान है। हालांकि, जंक फूड के हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यहां कुछ सबसे महत्वपूर्ण तरीके दिए गए हैं जिनसे जंक फूड हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को आहार की गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। हम जिस तरह की चीजों का सेवन करते हैं उसका सेहत पर सीधा असर होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि हमारे शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान फास्ट और प्रोसेस्ड फूड्स से होता है। इस तरह की चीजें न सिर्फ तेजी से शरीर के वजन को बढ़ाने वाली हो सकती हैं, साथ ही इसके कारण कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का खतरा भी हो सकता है। फास्ट फूड्स का शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत पर असर देखा जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को आहार की गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। हम जिस तरह की चीजों का सेवन करते हैं उसका सेहत पर सीधा असर होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि हमारे शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान फास्ट और प्रोसेस्ड फूड्स से होता है। इस तरह की चीजें न सिर्फ तेजी से शरीर के वजन को बढ़ाने वाली हो सकती हैं, साथ ही इसके कारण कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का खतरा भी हो सकता है। फास्ट फूड्स का शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत पर असर देखा जाता है।
कुंजी ले जाएं
जंक फूड, जिसे विवेकाधीन भोजन या वैकल्पिक भोजन के रूप में भी जाना जाता है, किसी भी आहार के हिस्से के रूप में आवश्यक नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको आवश्यक रूप से उन सभी स्वादिष्ट व्यंजनों को छोड़ना होगा, लेकिन आप इसे कभी-कभार और कम मात्रा में ही खा सकते हैं। इससे आपको अत्यधिक वजन बढ़ने और जंक फूड से जुड़ी अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं से बचने में मदद मिलेगी। लब्बोलुआब यह है कि, अन्य स्वस्थ आदतों के साथ संतुलित आहार न केवल पुरानी बीमारियों के जोखिम को रोकने या कम करने में मदद करेगा बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देगा।

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पुणे पोर्श कांड पर उठे सवाल, जानें क्या है पूरा मामला

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डिजिटल भारत l इन सबके बीच आरोपी का एक वीडियो सामने आया, वीडियो में आरोपी दोस्तों के साथ शराब पीता हुआ दिख रहा था। पुलिस की मानें तो आरोपी नाबालिग ने हादसे से पहले कई पबों में पार्टी की थी। हादसे से पहले उसने दो पब में जाकर मात्र 90 मिनट में 48,000 रुपए खर्च कर दिए थे।
पुणे सड़क हादसा इन दिनों चर्चाओं में है। यहां एक तेज रफ्तार लग्जरी कार ने एक बाइक को टक्कर मार दिया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। कार 17 साल का नाबालिग चला रहा था, जो पूरी तरह नशे में धुत था। कोर्ट ने उसे निबंध लिखने की सजा देकर रिहा कर दिया था। बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी और उसे अवलोकन गृह भेज दिया। पुलिस ने आरोपी के पिता सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया।

मामले में महाराष्ट्र सरकार ने भी चिंता जाहिर की। वहीं, विपक्ष ने राज्य सरकार पर हमला बोला। विपक्ष ने आरोप लगाया कि स्थानीय एनसीपी विधायक सुनील टिंगरे ने इस मामले में पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। शिवसेना नेता ने सवाल किया कि एनसीपी के विधायक क्यों आधी रात को पुलिस स्टेशन गए थे।
क्या है मामला?
पुलिस के मुताबिक, शनिवार रात रियल एस्टेट एजेंट का नाबालिग बेटा दोस्तों के साथ पार्टी कर अपनी पोर्श कार से लौट रहा था। चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि उसकी पोर्श कार 200 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड से चल रही थी। कार पर नंबर प्लेट भी नहीं थी। उस समय ही मध्यप्रदेश के रहने वाले दो इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा भी बाइक से लौट रहे थे। तेज रफ्तार कार ने अश्विनी की बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही अश्विनी हवा में करीब 20 फुट तक उछला और फिर जमीन पर गिर गया। उसका दोस्त अनीश भी कार पर गिरा। गंभीर चोट के कारण दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। अश्विनी और अनीश इंजीनियर थे और पुणे की एक कंपनी में नौकरी करते थे।
क्या कहता है मोटर व्‍हीकल एक्‍ट?
मौजूदा कानून के मुताब‍िक, सड़क हादसे में किसी की मौत हो जाती है, तो पुलिस जांचकर दो धाराओं के तहत केस दर्ज करती है। इसमें एक सेक्‍शन है 304 और दूसरा 304 ए। आरोपी पर कौन सी धारा के तहत केस दर्ज होगा यह जांच अध‍िकारी पर न‍िर्भर करता है। दोनों धाराओं की सजा में काफी अंतर है। धारा 304 में सिर्फ दो साल की ही सजा हो सकती है वहीं 304ए में 10 साल की सजा का प्रावधान है। हालांक‍ि केन्‍द्र सरकार के नए भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कानून में सड़क दुर्घटना कानून में बदलाव क‍िया गया है। इस नए कानून के तहत सड़क हादसे में क‍िसी की मौत हो जाती है और ड्राइवर मौके से फरार हो जाता है, तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है। इतना ही नहीं आरोपी ड्राइवर पर 7 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस नए कानून का विरोध हुआ था।

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जाने क्यों रियल स्टेट में निवेश है जरुरी, कैसे कर सकते है काम धन राशी से स्टार्ट

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डिजिटल भारत l प्राचीन काल से, अचल संपत्ति का मालिक होना हैसियत, धन और विश्वसनीयता से जुड़ा रहा है। सोने के साथ-साथ, यह किसी के धन को सुरक्षित रखने का सबसे सुरक्षित तरीका था। जैसे-जैसे हमने आधुनिक युग में कदम रखा, निवेश के कई अन्य विकल्प विकसित हुए। स्टॉक, बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड डिजिटल या क्रिप्टो करेंसी जैसे विकल्पों ने निवेशकों को अपना पैसा लगाने के कई विकल्प दिए। लेकिन इन सभी में से, रियल एस्टेट अभी भी दीर्घकालिक, लाभदायक निवेश के लिए सबसे सुरक्षित और लाभकारी तरीकों में से एक बना हुआ है।
रियल एस्टेट मूल्य हमेशा समय के साथ बढ़ते हैं। अच्छे निवेश के साथ, जब बेचने का समय हो तो कोई भी भारी मुनाफा कमा सकता है। समय के साथ किराया भी बढ़ता है, जिससे नकदी प्रवाह बढ़ता है। यह ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है कि आप अपनी अचल संपत्ति को जितने लंबे समय तक अपने पास रखेंगे, आप उतना ही अधिक पैसा कमाएंगे। आवास बाजार हमेशा उन बुलबुलों और संकटों से उबरता है जिनके कारण घर की सराहना कम हो जाती है। सबसे अनिश्चित समय के बाद भी, कीमतें हमेशा सामान्य हो जाती हैं, और मूल्यवृद्धि वापस पटरी पर आ जाती है। निवेश के अन्य तरीकों में, जैसे शेयर बाजार में, नुकसान का जोखिम सर्वव्यापी है, लेकिन रियल एस्टेट किसी के निवेश पर अधिक नियंत्रण प्रदान करता है।
नकदी प्रवाह बंधक भुगतान और परिचालन खर्चों को कवर करने के बाद रियल एस्टेट निवेश से होने वाली शुद्ध आय है। रियल एस्टेट नकदी प्रवाह उत्पन्न करने की काफी क्षमता प्रदान करता है। एक स्थिर मासिक किराये की आय निष्क्रिय आय का एक उत्कृष्ट प्रोत्साहन है और निवेशक को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
कर लाभ
रियल एस्टेट पर कर कटौती से आय में कमी आ सकती है और कुल कर में कमी आ सकती है। किराये की आय पर कोई स्व-रोज़गार कर नहीं है। साथ ही, सरकार संपत्ति के मूल्यह्रास, बीमा, रखरखाव और मरम्मत के खर्च, कानूनी शुल्क और यहां तक ​​कि बंधक पर भुगतान किए गए ब्याज के लिए कर छूट प्रदान करती है।
रियल एस्टेट निवेश का एक बहुत ही महत्वपूर्ण लाभ अपने स्वयं के पैसे का केवल एक छोटा सा हिस्सा निवेश करके और संपत्ति खरीदने के लिए बाकी पैसे उधार लेकर लीवरेज का उपयोग करने की क्षमता है। यदि आप अपनी बचत से डाउन पेमेंट करते हैं और संपत्ति की शेष लागत को कवर करने के लिए आवास ऋण लेते हैं, तो आप कुल खरीद मूल्य के कम से कम 15% के लिए प्राइम रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आपके अपने पैसे का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही संपत्ति में निवेश किया गया है, लेकिन फिर भी आप संपत्ति के मालिक बने रहेंगे।
संपत्ति एक मूर्त संपत्ति है, जिसका उपयोग पूंजीगत प्रशंसा का आनंद लेते हुए कई राजस्व धाराओं को भुनाने के लिए किया जा सकता है। उच्च मूर्त संपत्ति मूल्य चिरस्थायी सुरक्षा सुनिश्चित करता है क्योंकि अन्य निवेशों जैसे कि कम या कोई ठोस मूल्य वाले स्टॉक के विपरीत, रियल एस्टेट में हमेशा मूल्य रहेगा।

REITs का पूरा नाम रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट है। अगर कोई निवेश छोटी राशि से रियल एस्टेट में निवेश करना चाहता है तो ये निवेश करने के सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। REITs में यूनिट्स में निवेश किया जाता है। REITs उसी कंपनी की ओर से जारी किए जाते हैं जो कि देश में ऑफिस, मॉल्स, होटल्स या अन्य प्रकार की रियल एस्टेट संपत्तियों का संचालन करती हो। ये शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं। भारत में BROOKFIELD INDIA REIT,EMBASSY OFFICE REIT और MINDSPACE BUSINESS REIT आदि लिस्टेड REITs हैं।

ऑनलाइन रियल एस्टेट निवेश प्लेटफॉर्म का उपयोग करें
रियल एस्टेट निवेश प्लेटफ़ॉर्म डेवलपर्स को उन निवेशकों से जोड़ते हैं जो ऋण या इक्विटी के माध्यम से परियोजनाओं को वित्तपोषित करना चाहते हैं। निवेशकों को महत्वपूर्ण जोखिम उठाने और प्लेटफ़ॉर्म पर शुल्क का भुगतान करने के बदले में मासिक या त्रैमासिक वितरण प्राप्त होने की उम्मीद है। कई रियल एस्टेट निवेशों की तरह, ये सट्टा और अतरल हैं – आप इन्हें आसानी से उस तरह से उतार नहीं सकते जैसे आप किसी स्टॉक का व्यापार कर सकते हैं।

समस्या यह है कि पैसा कमाने के लिए आपको पैसे की आवश्यकता हो सकती है। इनमें से कई प्लेटफ़ॉर्म केवल मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए खुले हैं , जिन्हें प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा ऐसे लोगों के रूप में परिभाषित किया गया है, जिन्होंने पिछले दो वर्षों में प्रत्येक में $200,000 (पति/पत्नी के साथ $300,000) से अधिक की आय अर्जित की है या जिनकी कुल संपत्ति $1 मिलियन है। या अधिक, जिसमें प्राथमिक निवास शामिल नहीं है। जो लोग उस आवश्यकता को पूरा नहीं कर सकते उनके लिए विकल्पों में फंडराइज और रियल्टीमोगुल शामिल हैं ।
किराये की संपत्तियों में निवेश के बारे में सोचें
टिफ़नी एलेक्सी ने 21 साल की उम्र में जब अपनी पहली किराये की संपत्ति खरीदी थी, तब उनका रियल एस्टेट निवेशक बनने का इरादा नहीं था। तब उत्तरी कैरोलिना के रैले में एक कॉलेज सीनियर के रूप में, उन्होंने स्थानीय स्तर पर ग्रेजुएट स्कूल में भाग लेने की योजना बनाई और सोचा कि किराए पर लेने की तुलना में खरीदारी करना बेहतर होगा।

“मैं क्रेगलिस्ट पर गया और एक चार-बेडरूम, चार-बाथरूम वाला कॉन्डो पाया जो छात्र-आवास शैली में स्थापित किया गया था। मैंने इसे खरीदा, एक शयनकक्ष में रहा और अन्य तीन शयनकक्षों को किराए पर दे दिया,” एलेक्सी कहते हैं।

सेटअप ने उसके सभी खर्चों को कवर किया और प्रति माह अतिरिक्त $100 नकद लाया – एक स्नातक छात्र के लिए मामूली बदलाव से बहुत दूर, और इतना कि एलेक्सी ने रियल एस्टेट बग को पकड़ लिया।

एलेक्सी ने एक रणनीति का उपयोग करके बाजार में प्रवेश किया जिसे कभी-कभी हाउस हैकिंग कहा जाता है, यह शब्द बिगरपॉकेट्स द्वारा गढ़ा गया है, जो रियल एस्टेट निवेशकों के लिए एक ऑनलाइन संसाधन है। इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि आप अपनी निवेश संपत्ति पर या तो कमरे किराए पर ले रहे हैं, जैसा कि एलेक्सी ने किया था, या एक बहु-इकाई भवन में इकाइयों को किराए पर देकर। साइट पर डेटा और एनालिटिक्स के उपाध्यक्ष डेविड मेयर का कहना है कि हाउस हैकिंग निवेशकों को चार इकाइयों तक की संपत्ति खरीदने की सुविधा देती है और फिर भी आवासीय ऋण के लिए अर्हता प्राप्त करती है।

प्रॉपर्टी खरीदते समय किन बातों रखें ध्यान?
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपको पूरी रिसर्च करें, जिस इलाके में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। उस इलाके की कनेक्टिविटी शहरे के मुख्य इलाकों से अच्छी होनी चाहिए।
रियल एस्टेट में निवेश के लिए ऐसे इलाकों का चुनाव चाहिए। जहां सरकार की ओर से मेट्रो लाइन आदि बनाई जा रही है। कनेक्टिविटी सुधरने के साथ ही उस इलाके तक पहुंच आसान होने के कारण कीमतों में उछाल आ जाता है।
अगर संभव हो ते प्रॉपर्टी लीज पर लें, क्योंकि इससे प्रॉपर्टी की लागत कम हो जाती है।
अगर फ्लैट ले रहे है तो बिल्डर का सीसी सर्टिफिकेट जरूर चेक करें।
साथ ही जिस प्रॉपर्टी को आप खरीद रहे हैं। वह स्थानीय प्राधिकरण द्वारा एप्रूव होनी चाहिए।

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महासागर के कुछ अनसुने सच जाने बातो की गहराई

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डिजिटल भारत l प्रशांत महासागर फिलीपींस तट से लेकर पनामा तक 9,455 मील चौड़ा और बेरिंग जलडमरूमध्य से लेकर दक्षिण अंटार्कटिका तक 10,492 मील लंबा है। हालांकि इसका उत्तरी किनारा सिर्फ 36 मील के बेरिंग जलडमरूमध्य द्वारा आर्कटिक सागर से जुड़ा है। इसके इतने बड़े क्षेत्र में फैले होने की वजह से ही यहां के निवासी, वनस्पति, पशु और इंसानों के रहन-सहन में धरती के अन्य भागों के सागरों की अपेक्षा बड़ी विभिन्नता है।
प्रशांत महासागर की औसत गहराई लगभग 14,000 फीट है और अधिकतम गहराई लगभग 36,201 फीट है। इसके पूर्वी और पश्चिमी किनारों में बड़ा अंतर है। पूर्वी किनारे पर पर्वतों का क्रम फैला है या समुद्री मैदान बहुत ही संकरे हैं जबकि इसके विपरीत इसके पश्चिमी किनारे पर पर्वत नहीं हैं बल्कि कई द्वीप, खाड़ियां, प्रायद्वीप और डेल्टा हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी किनारे पर दुनिया की बड़ी-बड़ी नदियां इसमें गिरती हैं।
आखिर इस महासागर का निर्माण कैसे हुआ, इसका पता आज तक नहीं चल पाया है। हालांकि कई भूविज्ञानियों ने इस बात का पता लगाना चाहा कि इस महासागर का निर्माण प्रारंभ में कैसे हुआ, लेकिन वो कोई भी सर्वमान्य सिद्धांत नहीं निकाल पाए। ऐसे में इसे रहस्यमय कह सकते हैं।
.इस महासागर की गहराई 4 किलोमीटर (4000 मीटर) है। इस सागर के दर्शन आप कन्या कुमारी (तमिलनाडु) से कर सकते हैं।

हिंद महासगर को एक युवा महासागर माना जाता है जिसने मात्र 3.6 करोड़ वर्ष पहले ही अपना वर्तमान रूप ग्रहण किया है।

इस महासागर में स्थित अधिकांश द्वीप महाद्वीपीय खंडों से टूटकर अलग हुए भाग हैं जैसे- अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह, श्रीलंका, मेडागास्कर तथा जंजीबार।

यह अंध महासागर और प्रशांत महासागर से जुड़ा हुआ है। मतलब ये महासागर अंटार्कटिका महाद्वीप के निकट प्रशांत एवं अटलांटिक महासागर से मिल जाता है। हिन्द और प्रशांत महासागर का पानी आपस में मिश्रित नहीं होता है।

वैसे तो महासागरों का पानी एक ही दिशा में बहता है परंतु हिन्द महासागर के पानी का बहाव गर्मी में भारत की ओर बहता है और सर्दियों में अफ्रीका की ओर बहता है।

इस महासागर में विश्व की दो बड़ी नदियां ब्रह्मपुत्र और गंगा की जलराशि विसर्जित हो जाती है। इस महासागर के अनेक चौड़े जलमग्न कटक और बेसीन हैं।

महासागर में जल की कुल मात्रा 292,131,000 घन किलोमीटर (70086000 घन मील) होने का अनुमान है।
समुन्द्र के बारे में एक रोचक तथ्य मैं आपको बताता हूँ। कहते हैं समुन्द्र अपने पास कुछ नहीं रखता। आप इसमें कुछ भी डालो यह वापस तट पर फेंक देता है। परंतु आज तक यह कोई नहीं बता पाया कि समुन्द्र चीज़ों को कब वापस करेगा

एक वैज्ञानिक अपना एक अनुभव सुनते है

990 में हम शैक्षणिक भ्रमण पर मद्रास (अब चेन्नई) में थे। शहर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के भ्रमण के लिए हमने बस लिया था। बस जब गोल्डन बीच पहुंची तो हमें 2 घंटे का समय गोल्डन बीच घूमने के लिए दिया गया। एक घंटे में हम घूम कर और अल्पाहार कर आराम से जूता चप्पल खोल समुन्द्र तट पर बैठ गए।

लहरें जहाँ तक अधिकतम आ रहीं थी उससे भी हम 1-2 मीटर दूर ही बैठे थे और हमारे जूते सामने रखे थे।

हम गपशप में मशगूल थे कि तभी एक बड़ी लहर आई और हमें भागने का मौका दिए बिना भीगा दिया। हमने पाया कि हमारे एक मित्र का बाएं पैर का जूता बंगाल की खाड़ी अपने में समेट ले गई थी। अभी अन्य जगह भी घूमने थे, मित्र दुखी हो गया। जूता भी नया था और उसने टूर के लिए ही खरीदा था।

हमने सुन रखा था कि समुन्द्र अपने में कुछ नहीं रखता इसलिए हम बहुत उम्मीद से जूता वापस आने का इंतज़ार करने लगे। समय बीतता गया और बस पकड़ने का वक़्त आ गया। बाएं पैर का जूता वापस नहीं आया।

दुःखी मन से हम बस पकड़ने के लिए उठे। जिसका जूता गया था उसने पता नहीं क्या सोचा और दाहिने पैर का जूता जो उसके हाँथ में था पूरी ताकत से समुन्द्र में फेंक दिया और गुस्से से चिल्लाया, ‘लो अब तुम ही पहनना।’

आप यकीन नहीं करेंगे जैसे ही इसने अपने दाएं पैर का जूता समुन्द्र में फेंका, बाएं पैर का जूता आहिस्ता से तैरते हुए हमारे सामने हाज़िर था।

अब तो मित्र का मुंह देखने लायक था। बस का समय हो गया था, इंतज़ार भी नहीं कर सकते थे। हम वापस मुड़े और बस पकड़ने बढ़ पड़े।

जब तक समुन्द्र दिखता रहा वो पलट कर देखता रहा कि कहीं उसके दाएं पैर का जूता भी वापस आ जाए। इस बार उसकी हिम्मत जूता वापस समुन्द्र में फेकने की नहीं हुई। जूता हमारे हॉस्टल तक वापस आया।

उस घटना के बाद भी हम बंगाल की खाड़ी के कई तटों पर गए। मित्र बताता तो नहीं था पर उसकी नज़रें अपने दाएं पैर के जूते का इंतज़ार करती थी।

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क्राईम ब्रांच की अवैध शराब कारोबारी पर कार्यवाही

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939 पाव देशी/अंग्रेजी शराब लगभग 75 हजार रुपए की एवं शराब बिक्री के नागद 3 हजार रूपये जप्त

उल्लेखनीय भूमिका- अवैध शराब कें कारोबार में लिप्त आरोपी को पकडने में एव निरीक्षक स्वर्णशिला, सहायक उप निरीक्षक टीकाराम, सहायक उप निरीक्षक सोबरन सिंह, प्रधान आरक्षक जयशंकर चौहान, पृथ्वी सिंह, आरक्षक दारा सिंह, राहुल तथा क्राईम ब्रांच के सहायक उप निरीक्षक वीरेन्द्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक प्रशांत सोलंकी, प्रधान आरक्षक नीरज तिवारी, मन्नू सिंह, सतेन्द्र यादव, सादिक अली, अखिलेश पाण्डेय, राकेश बहादुर, हरिशंकर, मानस उपाध्याय, आरक्षक अजय लोधी की सराहनीय भूमिका रही।थाना प्रभारी माढ़ोताल श्री विपिन ताम्रकार ने बताया कि आज दिनांक 2-4-24 को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि एक लड़का जो पिं्रटेड शर्ट, हाफ जींस का पेंट पहने है गोल्डन बाल हैं उम्र लगभग 20-25 वर्ष का होगा प्रभात नगर सरकारी स्कूल के सामने खड़ा है एवं अपने पास सफेद रंग की 2 बोरियों में अवैध शराब रखे हैं सूचना पर मुखबिर के बताये स्थान पर दबिश दी गई जहां मुखबिर के बताये हुलिये का लड़का पुलिस केा देखकर भागने का प्रयास किया जिसे घेराबंदी कर पकड़ा गया जिसने नाम पता पूछने पर अपना नाम दुर्गेश उर्फ बिट्टू बर्मन उम्र 23 वर्ष निवासी प्रभातनगर माढोताल बताया जो दोनों बोरियों में 310 पाव देशी शराब रखे मिला जिसे जप्त करते हुये आरोपी के विरूद्ध धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई।

 पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री आदित्य प्रताप सिंह द्वारा लोक सभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुये जिले मे पदस्थ समस्त राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को अवैध मादक पदार्थ की तस्करी  में लिप्त  लोगों को चिन्हित करते हुये उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु आदेशित किया गया है।आदेश के परिपालन में अति. पुलिस अधीक्षक शहर   सुश्री सोनाक्षी सक्सेना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध श्री समर वर्मा वं नगर पुलिस अधीक्षक गढा श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह,उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री बी.एस. गोठरिया के मार्ग दर्शन में क्राईम ब्रांच एवं थाना तिलवारा तथा माढोताल की टीम द्वारा 3 आरोपी को 939 पाव देशी/अंग्रेजी शराब के साथ रंगे हाथ पकडा गया है।  

थाना प्रभारी तिलवारा श्री ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि दिनॉक 2-4-24 को क्राईम ब्रांच को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि सुकून होटल के पीछे संजय यादव के घर के पास एक कमरे में 2 व्यक्यिों ने अधिक मात्रा में अवैध रूप से शराब रखे हुये है।
सूचना पर क्राईम ब्रांच एवं थाना तिलवारा की संयुक्त टीम द्वारा मुखबिर के बताये स्थान पर दबिश दी जहॉ एक कमरे के बाहर मुखबिर के बताये हुलिये के 2 व्यक्ति खडे दिखे, पुलिस को आता देख एक व्यक्ति भाग गया, दूसरे को घेराबंदी कर पकडा जिसने पूछताछ पर अपना नाम संजय यादव उम्र 40 वर्ष निवासी आमानाला पोस्ट सुनवारा थाना धनोरा जिला सिवन बताते हुये भागने वाले का नाम महेश यादव निवासी ग्राम घुन्सौर थाना तिलवारा बताया। कमरे की तलाशी लेने पर 3 बोरी में में 300 पाव देशी शराब एवं 9 पाव अंग्रेजी शराब रखी मिली जिसे जप्त करते हुये आरोपी संजय यादव एवं महेश यादव के विरूद्ध धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुये फरार महेेश यादव की सरगर्मी से तलाश जारी है।
इसी प्रकार आज दिनांक 2-4-24 को क्राईम ब्रांच को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम घाना में टाटा कामर्शियल के सामने वाली गली में रामस्वरूप रजक अपने घर के पीछे बाथरूम के पास देशी शराब के कार्टून रखे है जो 2-2, 4-4 पाव बेच रहा है सूचना पर क्राईम बं्राच एवं थाना तिलवारा की संयुक्त टीम द्वारा मुखबिर के बताये स्थान पर दबिश दी गई जहंा एक युवक बाथरूम के सामने एक सफेद रंग की बोरी रखंे खडा था जो पुलिस केा देखकर भागने का प्रयास किया जिसे घेराबंदी कर पकड़ा गया जिसने नाम पता पूछने पर अपना नाम रामस्वरूप रजक उम्र 22 वर्ष निवासी घाना बताया जो 6 कार्टून में देशी शराब के कुल 300 पाव तथा बोरी में 20 पाव रखे मिला।  आरोपी के कब्जे से 320 पाव देशी शराब एव शराब बिक्री के 3 हजार रूपये जप्त करते हुये आरोपी के विरूद्ध धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई।

उल्लेखनीय भूमिका:- अवैध शराब जप्त करने में सहायक उप निरीक्षक महेन्द्र प्रताप सिंह, आरक्षक निकेश, सुरजीत, जयकिशन की सराहनीय भूमिका रही।

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क्या है वर्ष 2024 के नए आयकर नियम, जाने पुरे बदलाब

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डिजिटल भारत l आयकर क्या है?
आयकर भारत की केंद्र सरकार को दिया जाने वाला एक प्रकार का प्रत्यक्ष कर है। यह सरकार के लिए राजस्व का प्राथमिक स्रोत है। यह विभिन्न विकासात्मक और कल्याणकारी गतिविधियों के वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह 1961 के आयकर अधिनियम द्वारा शासित है, और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा प्रशासित है। इनकम टैक्स कई प्रकार के होते हैं जैसे

व्यक्तिगत कर: यह व्यक्ति और एचयूएफ द्वारा अर्जित आय पर लागू होता है। इसकी गणना व्यक्ति की वेतन, गृह संपत्ति, पूंजीगत आय आदि से प्राप्त कुल कर योग्य आय से की जाती है।

कॉर्पोरेट आयकर: यह कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत पंजीकृत कंपनियों पर लागू होता है।

पूंजीगत लाभ कर

प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी)

लाभांश वितरण कर (डीडीटी)

न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी)

स्रोत पर कर कटौती

अंतरिम बजट 2024 अपडेट:

  1. मौजूदा कर दरों का रखरखाव: 2024 का अंतरिम बजट प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों दोनों के लिए वर्तमान कर दरों को अपरिवर्तित रखता है।
  2. निम्न आय समूहों के लिए कर छूट: सालाना 7 लाख रुपये तक कमाने वाले व्यक्तियों पर कोई कर देनदारी नहीं है, जिससे निम्न आय समूहों को राहत मिलती है।
  3. कर विवाद प्रावधानों को वापस लेना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2009-10 से संबंधित विवादों के लिए 25,000 रुपये और वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक के विवादों के लिए 10,000 रुपये तक के कर विवाद दावों को वापस ले लिया है।
  4. बढ़ी हुई अवकाश नकदीकरण सीमा: गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए अवकाश नकदीकरण की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।
  5. ईपीएफ निकासी पर टीडीएस दर में कमी: कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) निकासी पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) दर 30% से घटाकर 20% कर दी गई है, जिससे ईपीएफ ग्राहकों को राहत मिली है।
  6. वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती: वेतनभोगी कर्मचारी और पेंशनभोगी नई कर व्यवस्था के तहत 50,000 रुपये की मानक कटौती का दावा कर सकते हैं।
  7. उच्चतम अधिभार में कमी: 5 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों के लिए उच्चतम अधिभार को पिछले 37% से घटाकर 25% कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ग के लिए कर की दर कम हो गई है।
  8. नई कर व्यवस्था के लिए ऑप्ट-आउट प्रावधान: जबकि नई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट विकल्प होगी, करदाताओं के पास संबंधित मूल्यांकन वर्ष के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख से पहले ऑप्ट-आउट करने का विकल्प होगा।

नई कर व्यवस्था के तहत नए टैक्स स्लैब होंगे:
आय स्लैब

कर की दरें

3 लाख रुपये तक –शून्य

3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये – 5%

6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये — 10%

9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये –15%

12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये — 20%

15 लाख रुपये से ऊपर — 30%

  1. वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए मानक कटौती: वेतनभोगी कर्मचारी और पेंशनभोगी नई कर व्यवस्था के तहत 50,000 रुपये की मानक कटौती का दावा कर सकते हैं, जिससे उनकी कर योग्य आय कम हो जाएगी।
  2. उच्चतम अधिभार में कमी: 5 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों के लिए उच्चतम अधिभार 37% से घटाकर 25% कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप इस समूह के लिए कर की दर 39% कम हो गई है।
  3. डिफ़ॉल्ट नई कर व्यवस्था: नई आयकर (आईटी) व्यवस्था डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था बन जाती है, जो करदाताओं के लिए एक सरलीकृत कर संरचना प्रदान करती है। हालाँकि, व्यक्तियों के पास संबंधित मूल्यांकन वर्ष के लिए आईटी रिटर्न दाखिल करने की नियत तारीख से पहले बाहर निकलने का विकल्प होता है।
  4. बढ़ी हुई छुट्टी नकदीकरण सीमा: गैर-सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी नकदीकरण की बढ़ी हुई सीमा से लाभ होता है, जिसे 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया जाता है, जिससे अर्जित अवकाश लाभों के उपयोग में अधिक लचीलापन मिलता है।
  5. ईपीएफ निकासी पर टीडीएस दर में कमी: कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) निकासी पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) दर 30% से घटाकर 20% कर दी गई है, जिससे निकासी के दौरान ईपीएफ ग्राहकों पर कर का बोझ कम हो गया है।
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फलो को खाने का सही समय और टाइम जानते है आप ?

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डिजिटल भारत l हमारा जीवन तीन चीजों पर आधारित है। इनमें शरीर, दिमाग और आत्मा सम्मिलित हैं। जीवन के इन तीनों आधारों को संबल देते हैं, अच्छा भोजन, अच्छी नींद और सकारात्मक सोच। हमारा शरीर उस समय सबसे अच्छे तरीके से काम कर पाता है, जब वह पूरी तरह स्वस्थ हो। ऐसे ही हमारा मन तब बहुत अच्छा परिणाम दे पाता है, जब वह पूरी तरह तनावमुक्त हो। लेकिन आज के समय में हमारी जो जीवनशैली है, उसमें हर दिन स्वस्थ शरीर और तनावमुक्त दिमाग रख पाना लगभग असंभव है
सदिर्यों का मौसम है और लोगों को बाजारों में फल के बहुत सारे ऑप्शनस मिल जाते हैं. लाने को तो हम बाजार से सारे फल ले आते हैं पर क्या हमें सही तरीके से फल खाना आता है? क्या हम जानते है कि फल किस समय खाना चाहिए? क्या हमें फल नाश्ते के समय खाना चाहिए या फिर फलों के लिए शाम का समय ठीक है? क्या हम दो या तीन फलों को एक साथ खा सकते है या फिर फलों को एक साथ खाना हानिकारक है? आइए जानते है कि क्या है फल खाने का सही तरिका और सही समय.

कई लोगों को नाश्ते में फल खाना पसंद होता है. फल वैसे तो काफी पोषक तत्वों से भरे होते हैं जैसे की विटामिन, खनिज, फाइबर और कार्बोहाइड्रेटस. लेकिन फलों को सुबह खाली पेट नहीं खाना चाहिए, फल खाली पेट खाना नुकसानदायक हो सकता हैं. आयुर्वेद के अनुसार सुबह 6 से 10 के बीच का समय हमारे शरीर का कफ काल होता है. इस समय हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम काफी धीरे काम करता है. फल मीठे, खट्टे और कसैले स्वाद के होते हैं. फल ठंडे भी होते हैं. फलों में कफ के समान गुण होते हैं और खाली पेट इनका सेवन करने से कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इसके अलावा फलों में फाइबर और फ्रुक्टोज होता है, जिन्हें खाली पेट खाने से डाइजेस्टिव सिस्टम0 और भी ज्यादा धीरे काम करने लगता है.
क्या फल खाने के तुरंत बाद पानी पी सकते हैं?
कई लोग फल खाने के तुरंत बाद पानी पी लेते हैं. फल खाने के तुरंत बाद पानी पीने से डाइजेस्टिव सिस्टम का पीएच लेवल असंतुलित होने लगता है. ये खासकर के तब होता है जब हम ऐसे फलों का सेवन करते हैं जिसमें पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जैसे तरबूज, खरबूज, खीरा, संतरा आदि. ज्यादा पानी वाले फल पेट में एसिडिटी को कम कर देते हैं जिससे की पीएच लेवल में बदलाव आ जाता है जो की हानिकारक है.

फलों के छिलके में भी होते है कई पोषक तत्व
कई फल होते है जिनको बिना छिले भी खाया जा सकता है. लेकिन आजकल लोग हर फल को छिल कर ही खातें है. फल का सबसे फायदेमंद हिस्सा उसका छिलका ही होता है. छिलके में कई जरुरी विटामिन्स और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं. फलों के छिलके नहीं खाने से कई लोगों को उसका फायदा नहीं मिल पाता हैं.
भूलकर भी न करें ये गलती
आजकल लोग खाने के साथ फलों का सलाद खाना पसंद करते हैं। आयुर्वेद डॉ. चैताली राठौड़ के अनुसार ऐसा करना न सिर्फ आपकी सेहत खराब कर सकता है, बल्कि इससे आपको फलों का कोई लाभ भी नहीं मिलता है। भोजन के साथ फल खाने से आपको कई स्किन प्रॉब्लम और अपच हो सकती है। साथ ही शरीर में सूजन भी आ सकती है।

आप जितना समझते हैं उतना फायदेमंद नहीं है जूस
ये बात सच है कि फलों का जूस पीना सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन इससे भी ज्यादा फायदेमंद है फलों को चबाकर खाना। आयुर्वेद के अनुसार फलों को चबाने से इनमें मौजूद फाइबर भी शरीर में जाते हैं। साथ ही इसका स्वाद भी अधिक आता है। अगर आप बुजुर्ग हैं, फलों को चबा नहीं सकते तो ऐसी स्थिति में आप जूस का सेवन कर सकते हैं। नहीं तो फलों को चबाकर ही खाएं।

रात में फल खाने से बचें
डॉ. चैताली राठौड़ के अनुसार फल सेहत के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप सही समय पर इनका सेवन करें। आयुर्वेद के अनुसार अगर आप देर शाम या रात के समय फल खाते हैं तो यह कफ का कारण बन सकता है। इसी के साथ इन्हें पचाने में भी परेशानी होती है और इनके पोषण पूरे नहीं मिल पाते हैं।

इनके साथ न खाएं फल
आयुर्वेद के अनुसार कुछ फलों का सेवन दूध के साथ कभी नहीं करना चाहिए। जैसे जामुन और दूध का सेवन कभी साथ नहीं करना चाहिए। इससे बॉडी में एसिड बनता है। आमतौर पर लोग के दूध के साथ केला खाना पसंद करते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह कॉम्बिनेशन भी नुकसानदायक है। इससे आंत में भारीपन होता है। इसी के साथ आम और एवोकाडो को भी दूध के साथ नहीं खाना चाहिए।

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8 मार्च महिला दिवस, जाने कुछ बेहतरीन महिलाओ के बारे में……

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डिजिटल भारत l भारत देश में लिंग की असमानता का मुद्दा हमेशा से रहा है। महिलाओं को हमेशा से ही अपने सपनों को पूरा करने की आजादी नहीं थी। लेकिन फिर भी इन महिलाओं ने ऐसे व्यवसायों को चुना जिसमें केवल पुरुष ही जाया करते थे। इन महिलाओं ने अपने कार्य की उत्कृष्टता से सबको हैरत में डाला और अपना नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज कराया।। आगे की स्लाइड में देखिए ऐसी ही पांच अपने क्षेत्र की अग्रणी महिलाओं की कहानी।
21वीं सदी में भी वैश्विक स्तर पर एयरलाइन पायलटों में से महिला पायलटों की संख्या मात्र कुछ हजार है। आज की इतनी आधुनिक सोसाइटी में महिला पायलटों की इतनी कम संख्या अच्छा विषय नही हैं। लेकिन भारत को आजादी के कुछ सालों बाद ही पहली कमर्शियल महिला पायलट मिल गई थी। जिसने डैक्कन एयरवेज के लिए उड़ान भरी थी। ये महिला पायलट थीं कैप्टन प्रेमा माथुर जिन्होंने 1947 में अपना वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस प्राप्त किया और 1949 में नेशनल एयर रेस जीती।

रानी लक्ष्मीबाई (19 नवंबर – 17 जून 1858)
भारत में जब भी महिलाओं के सशक्तिकरण की बात होती है तो महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की चर्चा ज़रूर होती है। रानी लक्ष्मीबाई न सिर्फ़ एक महान नाम है बल्कि वह एक आदर्श हैं उन सभी महिलाओं के लिए जो खुद को बहादुर मानती हैं और उनके लिए भी एक आदर्श हैं जो महिलाएं ये सोचती है कि ‘वह महिलाएं हैं तो कुछ नहीं कर सकती.’ देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम (1857) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली रानी लक्ष्मीबाई के अप्रतिम शौर्य से चकित अंग्रेजों ने भी उनकी प्रशंसा की थी और वह अपनी वीरता के किस्सों को लेकर किंवदंती बन चुकी हैं।
ऊषा मेहता सावित्रीबाई फूले (25 मार्च 1920 – 11 अगस्त 2000)

कांग्रेस रेडियो जिसे ‘सीक्रेट कांग्रेस रेडियो’ के नाम से भी जाना जाता है, इसे शुरू करने वाली ऊषा मेहता ही थीं. भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के दौरान कुछ महीनों तक कांग्रेस रेडियो काफ़ी सक्रिय रहा था। इस रडियो के कारण ही उन्हें पुणे की येरवाड़ा जेल में रहना पड़ा। वे महात्मा गांधी की अनुयायी थीं।

बेगम हज़रत महल (1820 – 7 अप्रैल 1879)

जंगे-आज़ादी के सभी अहम केंद्रों में अवध सबसे ज़्यादा वक़्त तक आज़ाद रहा। इस बीच बेगम हज़रत महल ने लखनऊ में नए सिरे से शासन संभाला और बगावत की कयादत की। तकरीबन पूरा अवध उनके साथ रहा और तमाम दूसरे ताल्लुकेदारों ने भी उनका साथ दिया। बेगम हजरत महल की हिम्मत का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने मटियाबुर्ज में जंगे-आज़ादी के दौरान नज़रबंद किए गए वाजिद अली शाह को छुड़ाने के लिए लार्ड कैनिंग के सुरक्षा दस्ते में भी सेंध लगा दी थी।

कस्तूरबा गांधी (11 अप्रैल 1869 – 22 फरवरी 1942)
मोहनदास करमचंद गांधी ने ‘बा’ के बारे में खुद स्वीकार किया था कि उनकी दृढ़ता और साहस खुद गांधीजी से भी उन्न त थे।वह एक दृढ़ आत्म शक्ति वाली महिला थीं और गांधीजी की प्रेरणा भी। उन्होंने लोगों को शिक्षा, अनुशासन और स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी सबक सिखाए और आज़ादी की लड़ाई में पर्दे के पीछे रह कर सराहनिय कार्य किया है।

फातिमा बीबी
1989 में भारत को अपनी पहली महिला सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश, एम फातिमा बीवी मिली। उन्होंने केरल में निचली न्यायपालिका में अपने करियर की शुरूआत की और बाद में 1972 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बन गई। 1984 में वह उच्च न्यायालय की स्थायी न्यायाधीश बन गईं और सिर्फ पांच साल बाद 6 अक्टूबर को न्यायाधीश के रूप में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया, जहां वह 29 अप्रैल 1992 को सेवानिवृत्त हुईं।
पुनीता अरोड़ा
पुनीता अरोड़ा भारतीय सर्वोच्च सशस्त्र बल की लेफ्टिनेंट जनरल और बाद में भारतीय नौसेना की वाइस एडमिरल नियुक्त होने वाली पहली भारतीय महिला बनी। 1963 में सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे में नियुक्त होने के उन्होंने भारतीय सशस्त्र बल में 36 साल का समय गुजारा जिसमें उन्हें 15 पदकों से सम्मानित किया गया।

किरण मजूमदार शॉ
पहली एक बिलियन नेटवर्थ वाली महिला बिजनेस वुमन बनीं किरण मजूमदार शॉ। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में बलारेट कॉलेज आफ एडवांसड एजुकेशन से मेलटिंग और ब्रूइंग का अध्ययन किया। वह पूरे कोर्स में एक मात्र महिला थी। अपने उद्यम को शुरू करते समय बड़ी परेशानियों का सामना करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और वर्तमान में देश के सबसे सफल उद्यमियों में से एक हैं।

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