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Diabetes के मरीज इन फलों से बना लें दूरी, वरना अचानक बढ़ सकता है ब्लड शुगर

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डिजिटल भारत l वैसे तो फलों को सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि ये अक्सर हेल्दी फूड्स की लिस्ट में नजर आते हैं, लेकिन डाबिटीज के मरीजों का मसला थोड़ा अलग है. उन्हें छोटी-छोटी बातों पर गौर करना होता है. कई फल ऐसे हैं जो थोड़े मीठे हैं और उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) काफी ज्यादा है, यही वजह है कि वो मधुमेह के रोगियों के लिए खतरनाक हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि डायबिटीज होने पर कौन-कौन से फलों से दूरी बना लेनी चाहिए.

1.आम को फलों का राजा कहा जाता है, इसका स्वाद हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करता है, लेकिन जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा है, उन्हें इस फल को डाइट से बाहर कर देना चाहिए क्योंकि इसमें शुगर और कार्ब्स अधिक होते हैं.

2.केला एक बेहद कॉमन फ्रूट है, जो शरीर की ताकत के लिए जरूरी है, लेकिन मधुमेह के रोगियों को इससे परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो शुगर पेशेंट के लिए अच्छा नहीं है.

3.डायबिटीज के मरीजों को अंगूर भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि इस फल के सेवन से ब्लड शुगर लेवल स्पाइक कर सकता है, जिससे तबीयत बिगड़ने का खतरा पैदा हो जाता है. हालांकि एक या दो अंगूर खाएंगे तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा.

4.लीची एक बेहद स्वादिष्ट फल है, जिसकी पैदावार खास तौर से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में होती है. डायबिटीज के मरीजों को ये फ्रूट नहीं खाना चाहिए, इसमें नेचुरल शुगर के साथ-साथ ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी ज्यादा होता है.

5.अनानास की मिठास हर किसी को अपने पास खींच लाती है, इसमें हाई शुगर के अलावा हाई कार्बोहाइड्रेस्ट भी होते हैं. यही वजह है कि डायबिटीज के मरीजों को इसे न खाने की सलाह दी जाती है, ये ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा देता है.

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वित्त मंत्री के साथ इन 5 लोगों ने बनाया है आपका बजट, जानिए किसने क्‍या भूमिका निभाई? Budget 2023

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डिजिटल भारत l वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना पांचवां बजट पेश करने वाली हैं। उनके नाम सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने कोविड महामारी के दौरान बजट पेश किया और लॉकडाउन के दौरान कई योजनाएं शुरू की गईं. वह महामारी और वैश्विक संकट के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मुख्य चेहरा रही हैं

आज यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं. मोदी सरकार 2.0 का ये आखिरी पूर्ण बजट है. आम आदमी से लेकर रईस लोग इस बजट को बहुत ही पैनी नजर देख रहे हैं. ऐसे में आपको ये बात जरूर जानना चाहिए कि आपके इस बजट को बनाने वाले लोग आखिर है कौन? देखिए तस्‍वीरें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना पांचवा बजट पेश करने वाली हैं. उनके नाम सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि कोविड महामारी के दौरान उन्‍होंने ही बजट पेश किया था और लॉकडाउन के समय कई योजनाओं की शुरुआत की गई थी. महामारी और ग्‍लोबल क्राइसेस में देश की अर्थव्‍यवस्‍था उभारने में वे मुख्‍य चेहरा रही हैं.

वर्तमान में वित्त सचिव टी वी सोमनाथन हैं, जो 1987 बैच के IAS ऑफिसर हैं. वे कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव रह चुके हैं. इसके अलावा वे 2015 से 2017 तक प्रधान मंत्री कार्यालय में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वे अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट हैं और योग्य चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) के अलावा लागत लेखाकार और कंपनी सेक्रेटरी (CS) भी हैं.

ये आर्थिक मामलों के सचिव हैं. जो कर्नाटक कैडर से 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं. ये बजट बनाने वाली टीम में सबसे महत्वपूर्ण सदस्यों में से एक हैं. आपको बता दें कि G20 केंद्रीय बैंक की सह-अध्यक्षता और वित्त मंत्री की बैठकों की जिम्मेदारी भी इन्‍हीं के पास है.

आप जानते ही हैं कि

मोदी सरकार कई सेक्‍टर में विनिवेश कर रही है. इसके लिए अलग से एक विभाग है, जिसे DIPAM के नाम से जाना जाता है. इस विभाग के सचिव तुहिन कांता पांडेय ही हैं. एयर इंडिया की बिक्री में भी इनकी अहम भू‍मिका थी. ऐसे में इस बजट में विनिवेश को लेकर जो भी प्रस्‍ताव आने वाले हैं. उसमें इनकी राय अहम होगी.

संजय मल्होत्रा हाल ही में राजस्व विभाग में राजस्‍व सचिव बनाए गए हैं. इससे पहले वे वित्तीय सेवा विभाग में थे. राजस्व अपेक्षाओं को संतुलित करने में इनकी अहम भूमिका होगी.

विवेक जोशी वित्‍त मंत्रालय में अहम भूमिका निभा रहे हैं. इन्‍हें बैंकिंग सेक्टर को नियंत्रित करने की अहम जिम्‍मेदारी सौंपी गई है. इस साल बजट में बैंकिंग सेक्टर में होने वाले फैसलों में भी इनकी अहम भूमिका होगी.

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अब एक चूक पड़ेगी भारी, टीम इंडिया में जगह पक्की करने का इन प्लेयर्स के पास आखिरी मौका

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डिजिटल भारत l भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरा टी20 मैच अहमदाबाद के मैदान पर खेलेगी. इस मैच को जीतकर टीम इंडिया की निगाहें सीरीज बराबर करने पर होंगी. अभी तक भारतीय टॉप ऑर्डर बुरी तरह से फ्लॉप नजर आया है. ऐसे में तीसरे टी20 मैच में कई प्लेयर्स अच्छा प्रदर्शन कर टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करना चाहेंगे.

फ्लॉप रहे ये खिलाड़ी

यह कहना उचित होगा कि रोहित शर्मा, विराट कोहली और लोकेश राहुल जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में शुभमन गिल, ईशान किशन और राहुल त्रिपाठी की तिकड़ी मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रही है.

तीसरे टी20 मैच के बाद भारत लंबे समय तक टी20 इंटरनेशनल मुकाबले नहीं खेलेगा, जिसके चलते युवा खिलाड़ियों के पास ऑस्टेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले अपनी छाप छोड़ने का अंतिम मौका है.

ईशान किशन नहीं दिखा सके दम

बांग्लादेश में दोहरा शतक जड़ने के बाद से ईशान बल्लेबाजी में लय हासिल करने में नाकाम रहे हैं, जबकि टर्न होती गेंद के खिलाफ गिल को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है. गिल वनडे प्रारूप की फॉर्म को टी20 में दोहराने में विफल रहे हैं. नियमित रूप से तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले कोहली की गैरमौजूदगी में मिले मौकों का त्रिपाठी फायदा नहीं उठा पाए हैं.

सूर्यकुमार यादव और हार्दिक पांड्या की पारियों ने भारत बड़ी मुश्किल से 100 रन के लक्ष्य को हासिल करने में सफल हो पाया. सीरीज की पिचें समीक्षा के दायरे में हैं और देखना होगा कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खिलाड़ियों को एक बार फिर स्पिन की अनुकूल पिच का सामना करना पड़ता है या नहीं.

गेंदबाजी विभाग में युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के एक साथ खेलने से भारत को विरोधी टीम पर दबाव बनाने में मदद मिली है. दूसरे टी20 में पिच से काफी मदद मिलने के बावजूद चहल से सिर्फ दो ओवर गेंदबाजी कराना काफी हैरानी भरा था, जबकि इस लेग स्पिनर ने सलामी बल्लेबाज फिन एलेन को भी आउट किया था.
नो बॉल से जूझने के बाद तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह लखनऊ में शानदार लय में दिखे, जिससे निर्णायक मुकाबले से पहले उनका मनोबल बढ़ा होगा. इस सीरीज के साथ वापसी करने वाले पृथ्वी शॉ को खिलाने की मांग हो रही है, लेकिन निर्णायक मैच में कप्तान पांड्या के अंतिम एकादश में बदलाव करने की संभावना नहीं है.

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प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रत्येक पक्षकार तक मध्यस्थता की पहुंच सुनिश्चित करें

प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रत्येक पक्षकार तक मध्यस्थता की पहुंच सुनिश्चित करें

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Digital Bharat : छह मध्यस्थता केंद्रों के ई-लोकार्पण अवसर पर बोले मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ

Digital Bharat : हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने कहा कि हमें प्रकरणों के लिए निराकरण के लिए प्रत्येक पक्षकार तक मध्यस्थता की पहुंच सुनिश्चित करनी होगी। मध्यस्थता पक्षकारों के मध्य प्रकरणों के निराकरण की एक प्रक्रिया है। यह वास्तव में पक्षकारों के मध्य विवादों के निराकरण के साथ-साथ बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों के निराकरण में भी लंबे समय तक प्रभावी रहने वाली प्रक्रिया है। वे छह मध्यस्थता केंद्रों के ई-लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थे। ये मध्यस्थता केंद्र सागर जिले की रेहली व देवरी, देवास जिले की टोंकखुर्द, खंडवा जिले की हरसूद, भिंड जिले की मेहगांव व उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील विधिक सेवा समितियों में खोले गए हैं। इस दौरान मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्रारिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू की मौजूदगी उल्लेखनीय रही।

मुख्य न्यायाधीश मलिमठ ने कहा हम देखते हैं कि पक्षकारों के बीच मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण होने पर पक्षकारगण संतुष्ट होते हैं। हमें आशा व विश्वास है कि इन मध्यस्थता केंद्रों के ई-लोकार्पण के बाद अधिक से अधिक संख्या में मध्यस्थता के लिए प्रकरण रेफर किए जाकर बड़ी संख्या में उनका निराकरण संभव हो सकेगा। वहीं प्रशासनिक न्यायमूर्ति शील नागू ने कहा कि हमें आशा है कि इन मध्यस्थता केंद्रों का उपयोग न्याय की तलाश में खड़े अंतिम व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने में किया जाएगा। अब तक संपूर्ण प्रदेश में 58 मध्यस्थता केंद्रों का लोकार्पण किया जा चुका है।

मीडिएशन एक्शन प्लान के तहत शनिवार को न्यायालय में मध्यस्थता जागरुकता कार्यक्रम रखा गया। इसमें मध्यस्थता से पक्षकारों को प्रकरणों के निराकरण के लिए जागरुकता करने की जानकारी दी। इससे पक्षकारों को लाभ होगा। इस मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएस रघुवंशी, न्यायाधीश डॉ. महजबीन खान, जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष बीएम पाराशर, सदस्य रेवाराम पटेल मौजूद थे।

जागरुकता कार्यक्रम में अधिवक्ताओं को पक्षकारों के प्रकरणों के निराकरण को लेकर जानकारी दी। उन्हें बताया कि मध्यस्थता के जरिए प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। इसके लिए प्रकरणों को मीडिएशन सेंटर तक भेजा जाएगा। यहां पक्षकारों को समझाइश दी जाएगी। इसके अलावा जागरुकता के लिए अधिवक्ताओं और पैरालीगल वालेंटियर्स को प्रशिक्षण देने तथा मध्यस्थता पर भी चर्चा हुई। समन्वयक जिला मीडिएशन मॉनीटरिंग कमेटी और न्यायाधीश डॉ. खान ने बताया अधिवक्ताओं को मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों को होने वाले लाभों के बारे में बताया। इसके पूर्व दोपहर में बैठक भी रखी।

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टोह ले रहे विधानसभा प्रभारी, हारी सीटें जीतने कितनी हैं तैयारी

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डिजिटल भारत l विधानसभा चुनाव में अब लगभग नौ माह का समय बाकी है। चुनावी तैयारियां हर संगठन ने शुरू कर दी है। संगठन ने भी अपनी कमजोर विधानसभा सीटों पर जीत की संभावना को तलाशना शुरू कर दिया है। स्थानीय की बजाए संगठन ने बाहर से दूत भेजे हैं जो जमीनी कार्यकर्ता से लेकर नेता तक से मेल जोल कर रहे हैं। परिवारिक संवाद के बीच इलाके में पार्टी की जमीनी स्थिति को समझ रहे हैं। प्रदेश संगठन दूतों से एक-एक रिपोर्ट लेकर उस पर मंथन कर रहा हैं। शहर की तीन विधानसभा सीटों पर यह कवायद शुरू हो चुकी है।

सक्रिय के साथ घर बैठे नेताओं से मेलजोल-

भाजपा के विधानसभा प्रभारियों का काम क्षेत्र में लगातार प्रवास करना है। हफ्ते-दस दिन सुविधा के अनुसार इलाकों के कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचना और समय बिताना है। उत्तर-मध्य विधानसभा में सबसे पहले प्रभारी भेजे गए। छिंदवाड़ा से भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य संतोष जैन को पार्टी ने यह जिम्मेदारी दी। जिसके बाद संतोष जैन लगातार यहां प्रवास कर रहे हैं। वे कार्यकर्ताओं के घर जाकर उनसे अकेले मिलते हैं। पार्टी की स्थिति और कार्यकर्ताओं का मन टटोलते हैं। कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर भी बात की जाती है। पुराने कार्यकर्ताओं से उनकी नाराजगी की वजह समझी जा रही है। चुनावी हार के अहम बिंदुओं पर बात होती हैं। स्थानीय संगठन को लेकर चल रही राजनीतिक उठापटक पर भी बात की जा रही है। प्रभारी अपनी रिपोर्ट प्रदेश संगठन के अध्यक्ष और संगठन महामंत्री को दे रहे हैं।

दावेदार भी बना रहे पैठ-

विधानसभा प्रभारी की सक्रियता और संगठन से जिस तरह भेजा गया है उससे दावेदार भी आशंकित है कि टिकट वितरण के वक्त इनकी रायशुमारी भी अहम हो सकती है। इस संभावना को समझते हुए विधानसभा क्षेत्र में दावेदार लगातार प्रभारियों पर प्रभाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। कई ने अपने दावे के लिए बायोडाटा तक सौंप दिया है। कार्यक्रमों का आयोजन कर प्रभारियों को विशेष रूप से आंमत्रित किया जा रहा है।

ग्रामीण में जल्द घोषणा-

जबलपुर ग्रामीण की विधानसभा सीटों में भी इसी तरह प्रभारी नियुक्त होने हैं। अभी पार्टी हारी हुई सीट पर फोकस कर रही है। क्योंकि संगठन के पास यहां नेतृत्व करने वाला जनप्रतिनिधि नहीं है। इसके बाद पार्टी जीती हुई सीट पर भी प्रभारी भेजने की तैयारी में है। ग्रामीण अध्यक्ष सुभाष तिवारी रानू ने बताया कि एक दो दिन के भीतर बरगी विधानसभा के लिए प्रभारी की नियुक्ति की जाएगी।

इन सीटों पर ये प्रभारी-

उत्तर मध्य- संतोष जैन, छिंदवाड़ा

पश्चिम विधानसभा- श्याम महाजन, खरगौन

पूर्व विधानसभा- कन्हीराम रघुवंशी, छिंदवाड़ा

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महापौर मॉं नर्मदा की महाआरती कर समस्त संस्कारधानी वासियों को नर्मदा जयंती की शुभकामनाएॅं

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डिजिटल भारत | नगर निगम द्वारा महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ के निर्देशानुसार मॉं नर्मदा के सभी तटों क्रमशः ग्वारीघाट, उमाघाट, सिद्धघाट, जिलेहरी घाट, तिलवारा घाट, के साथ-साथ अन्य घाटों पर आज श्रद्धालुओं एवं मॉं नर्मदा के भक्तों के लिए महापौर जगत बहादुर सिंह‘‘अन्नू’’ के द्वारा विशेष साफ-सफाई, प्रकाश, पार्किंग व्यवस्था के अलावा हेल्प डेस्क आदि की सुविधाएॅं भी कराई गयी जिसकानिरीक्षण करने खुद सभी घाटों पर महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ पहुॅंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। 

व्यवस्थाओं का मुआयना करने दौरान महापौर द्वारा मॉं नर्मदा के दर्शन करने तटों पर पहुॅंचे श्रद्धालुओं से भी बातचीत की औरव्यवस्थाओं का फीडबैक लिया। इस दौरान निगम प्रशासन के द्वारा की गई व्यवस्थाओं के संबंध में सभी श्रद्धालुओं एवं नागरिकों केद्वारा सराहना की गयी। 

महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ ने व्यवस्थाओं के निरीक्षण के उपरांत मॉं नर्मदा के चरणों में माथा टेक संस्कारधानी के प्रत्येकपरिवारों एवं घरों में सुख समृद्धि एवं शांति की बरसांत हो सभी का जीवन सुखमय एवं हर्षोल्लास के साथ व्यतीत हो, के लिए मॉं नर्मदाके चरणों में अर्जी लगाई। महापौर ने मॉं नर्मदा की आरती के साथ विधि विधान से पूजन अर्चन भी की और जबलपुर के सभी सम्माननीयनागरिकों को जीवन दायनी पुण्य सलीला मॉं नर्मदा अवतरण दिवस की शुभकामनाएॅं एवं बधाईयॉं दी। इसके उपरांत महापौर नेप्रशासन द्वारा घाटों पर की गई व्यवस्थाओं की भी प्रशंसा की और उनके प्रति आभार प्रगट किया।

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भोपाल की बिटिया ने जीती दुनिया ,शॉट कपड़े धोने वाली थपकी से शुरुआत, जिद से मिला मौका

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भोपाल की सौम्या तिवारी भारतीय टीम की उप-कप्तान थीं. फाइनल मैच की तनाव भरी स्थिति में सौम्या ने 24 रनों की अहम पारीखेली

डिजिटल भारत | साउथ अफ्रीका का पोचेफ्रेस्ट्रूम का सेनवेस पार्क. भारत की बल्लेबाजी चल रही थी. 14वें ओवर की आखिरी गेंद पर हैना बेकर ने गेंदडाली जिसे सौम्या तिवारी ने कवर्स की ओर खेला, वो सिंगल रन लेने दौड़ी और भारत के क्रिकेट इतिहास में अपना नाम दर्ज करवालिया. मां की कपड़े धोने वाली थपकी से खेलने वाली सौम्या ने अब अपने देश को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया है. उनकी जिद, उनके जुनूनने न सिर्फ उनका बल्कि उनके पूरे परिवार का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है.

भोपाल की रहने वाली सौम्या को अंडर 19 वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई भारतीय टीम का उप-कप्तान बनाया गया था. इस बैटिंगऑलराउंडर ने पूरे टूर्नामेंट में बहुत बड़ी पारियां तो नहीं खेली लेकिन उनकी छोटी-छोटी पारियां भी टीम की जीत में अहम साबित हुई. उन्होंने टूर्नामेंट में 112 रन बनाए और तीन विकेट भी झटके. सौम्या की किस्मत ऐसी रही कि फाइनल मुकाबले में विनिंग शॉट भी उन्हीं केबल्ले से आया.

भोपाल की बिटिया ने जीती दुनिया

अकेडमी में लड़कियां नहीं होती थी ऐसे में सौम्या लड़कों के साथ ही खेलती थीं. कई बार उन्हें लड़की होने के कारण क्रिकेट टूर्नामेंट्स मेंहिस्सा लेने का मौका नहीं मिलता था. सौम्या निराश जरूरत होती थीं लेकिन टीम की खातिर वो बेंच पर बैठने को तैयार रहती थीं. सौम्या की मेहनत बेकार नहीं गई. पहले उन्हें जूनियर वुमेन टी20 चैलेंज में खेलने का मौका मिला और फिर वर्ल्ड कप में. आज टीमइंडिया की जीत ने पूरे भोपाल को अपनी बेटी पर गर्व करने का मौका दिया है और वो जश्न में डूबे हुए हैं.

मां की थपकी से खेला करती थीं सौम्या

भोपाल की रहने वाली सौम्या के पिता जिला कलेकट्रेट में काम करते थे. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने बताया कि जब उनकापरिवार शाहजहानाबाद में रहता था तब सौम्या बहुत छोटी थीं. वो बचपन में अपनी मां की थपकी को बल्ला बनाती और कागज की गेंदसे क्रिकेट खेला करती थीं. सौम्या को क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था, वो मोहल्ले में भी अकसर क्रिकेट खेलती लेकिन जब भी लड़केउन्हें अपने साथ खेलने से मना करते तो वो काफी निराश हो जाती थीं.

सौम्या को ट्रेनिंग देना चाहते थे सुरेश

जब सौम्या का परिवार भोपाल में आकर रहने लगा तो पिता ने बेटी को क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलाने का फैसला किया. वो उसे सुरेश चैनानीकी अकेडमी में लेकर गए. हालांकि सुरेश ने सौम्या लड़की होने के कारण ट्रेनिंग देने से मना कर दिया. भारत की ऑफ स्पिनर का दिलटूट गया और वो दो दिन तक रोती रहीं. इसके बाद पिता फिर बेटी को लेकर गए और सौम्या की जिद और जुनून देखकर सुरेश ने उन्हेंअकेडमी में ट्रेनिंग करने का मौका दे दिया. सौम्या को जैसे बस इसी एक मौके का इंतजार था.

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फिर बदला मौसम का मिजाज, हो सकती है बूंदाबांदी

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डिजिटल भारत | दो दिनों तक सुधरा रहा मौसम रविवार को दोपहर बाद फिर बिगड़ गया। है। सुबह से धूप निकली रही। दो किमी की गति से चली उत्तरीहवाओं से हल्की ठंडक घुली रही। लेकिन दोपहर होते ही हल्के बादल छाने लगे और शाम होते-होते बादल गहराने लगे। बादलों के फेरमें ठंड का असर कम हो गया। मौसम विभाग की मानें तो पहाड़ी क्षेत्रों में एक नया पश्चिमी विक्षेाभ सक्रिय हो रहा है। हवा के ऊपरी भागमें चक्रवात बना हुआ है इसके असर से जबलपुर सहित संभाग के जिलों में बादल छा रहे हैं सोमवार को छिटपुट वर्षा के संकेत भी मिलरहे हैं।

ठंड का असर हुआ कम

बहरहाल दो दिनों तक निकली रही धूप के असर से ठंड का अहसास कम रहा। अधिकतम तापमान में करीब चार डिग्री तक बढ़ गया।न्यूनतम तापमान में जरूर आंश्किा गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार बादलों के असर से अधिकतम तापमान में आंशिकवृद्धि हो सकती है जबकि आस-पास छिटपुट वर्षा होने से ठंड का असर भी कुछ बढ़ जाएगा।

पमान में घट-बढ़ का दौर जारी-

मौसम में आए बदलाव के चलते तापमान में घट-बढ़ का दौर जारी है। शनिवार को अधिकतम तापमान 28.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्डकिया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 11.7 डिग्री पर रहा। आने-वाले दिनों में तापमान में इसी तरह घटबढ़ देखी जा सकेगी।

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अर्शदीप सिंह की बढ़ी टेंशन, दूसरे टी20 मैच से कटेगा पत्ता!

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डिजिटल भारत l भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज का दूसरा मैच 29 जनवरी को खेला जाएगा. दोनों टीमों के बीच खेले गए पहले टी20 में भारत को हार का सामना करना पड़ा था. इस मैच में युवा तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह काफी महंगे साबित हुए थेस जिसके चलते कहीं ना कहीं टीम को हार का सामना करना पड़ा. अगले मैच में 29 साल का एक घातक गेंदबाज प्लेइंग 11 में अर्शदीप की जगह लेने का बड़ा दावेदार माना जा रहा है.

अर्शदीप सिंह की बढ़ी टेशन

अर्शदीप सिंह ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे में 4 ओवर में सिर्फ 1 विकेट हासिल कर 51 रन खर्च कर दिए थे. इस दौरान उन्होंने न्यूजीलैंड की पारी का आखिरी ओवर भी फेंका. इस ओवर में अर्शदीप सिंह ने 1 नो-बॉल के साथ कुल 27 रन खर्च किए. अर्शदीप सिंह के इसी ओवर के चलते टीम इंडिया को मुकाबला जीतने के लिए 177 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे भारतीय बल्लेबाज हासिल नहीं कर सके थे.

ये घातक खिलाड़ी छीन सकता है जगह

दूसरे टी20 मैच में अर्शदीप सिंह की जगह मुकेश कुमार को टीम में शामिल कर सकते हैं. मुकेश कुमार ने टीम इंडिया के लिए अभी तक अपना डेब्यू मैच नहीं खेला है. उन्हें इस सीरीज से पहले श्रीलंका के खिलाफ भी टी20 स्क्वॉड में भी शामिल किया गया था, लेकिन उस सीरीज में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था. मुकेश कुमार भारतीय टेस्ट टीम में भी शामिल किए जा चुके हैं, लेकिन उन्हें टेस्ट में भी अभी तक खेलने का मौका नहीं मिला है.

बिहार के गोपालगंज में जन्मे मुकेश कुमार बांग्लादेश-ए के खिलाफ खेली गई सीरीज में इंडिया ए के लिए खेले थे, उस सीरीज में उन्होंने 2 मैचों में उन्होंने कुल 9 विकेट लिए थे. मुकेश कुमार ने अभी तक 35 फर्स्ट क्लास मैचों में 134 विकेट लिए हैं. लिस्ट-ए में उनके नाम 24 मैचों में 26 विकेट हैं. वह इस बार आईपीएल में भी नजर आने वाले हैं. दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें 5.50 करोड़ रुपये में खरीदा है.

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निगमायुक्त ने नर्मदा प्रकटोत्सव की तैयारियों की समीक्षा में दिए निर्देश

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डिजिटल भारत l नर्मदा प्रकटोत्सव पर नर्मदा तटों में सफाई व्यवस्था बेहतर बनाए रखने सहित श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किए गए इंतजामों की निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने समीक्षा की। इस दौरान उन्होेंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नर्मदा तटों मुस्तैद रखने और नर्मदा तटों को स्वच्छ रखने के निर्देश दिए। उन्होंने नागरिकों से भी आग्रह किया है कि नर्मदा नदी व तटों में गंदगी न करें।

निगमायुक्त ने कहा जहां-जहां पूजन सामग्री, प्रसाद एवं भंडारे के आयोजन के दौरान होने वाले कचरे एवं गंदगी को तत्काल हटाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

विभिन्ना पालियों में कर्मचारियों की तैनाती करने एवं उनके कार्यों की सघन निगरानी किए जाने पर भी बल दिया। बैठक में अपर आयुक्त महेश कुमार कोरी, आरपी मिश्रा, उपायुक्त मनोज श्रीवास्तव के साथ-साथ सभी सहायक आयुक्त, विभागीय प्रमुख आदि उपस्थित रहे।

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