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एक भारत उत्कृष्ट भारत

सिसोदिया की गिरफ्तारी का दिन काला दिन बन गया

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डिजिटल भारत l दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तारी से उनकी पार्टी ‘ आप’ का हलकान होना स्वाभाविक है, लेकिन इसे मौजूदा दौर में लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत माना जाना चाहिए कि घोटाले करने पर नेता पकडे जाते हैं भले ही कारोबारी छुट्टा घूमते रहते हों. .इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता बिना कोई घोटाला किये गिरफ्तार किये जा चुके हैं .
भारत कृषि प्रधान देश था ,लेकिन बाद में घोटाला प्रधान देश बन गया. कांग्रेस के जमाने में जमकर घोटाले हुए,बाद में भाजपा की सरकारों ने घोटालों के नए कीर्तिमान बनाये .अब इस फेहरिस्त में यदि ‘आप’ का नाम जुड़ता है तो किसी को हैरान होने की जरूरत नहीं है .मनीष सिसोदिया अगर निर्दोष होंगे तो अदालत उन्हें भीतर रहने नहीं देगी और दोषी होंगे तो भाजपा उन्हें बाहर आने नहीं देगी .आप सवाल कर सकते हैं कि यदि ‘ आप ‘ भाजपा की ‘ बी ‘ टीम है तो फिर सिसोदिया के खिलाफ ये कार्रवाई कैसे हो सकती है ? तो जबाब बहुत आसान है की अब ये ‘ बी ‘ टीम ‘ ए ‘ टीम बनने की कोशिश कर रही है ,इसलिए उसे उसके पायजामें में रखना भाजपा की विवशता है .
देश पर साढ़े आठ साल राज करने के बाद भाजपा मजबूत पार्टी बनने के बजाय एक बेबस पार्टी बन गयी है .भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए न सिर्फ अपने सहयोगी दलों से किनारा करना पड़ा बल्कि अपने शुभचिंतक दलों के भी पर कतरना पड़ रहे हैं ‘ आप ‘ ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है. ‘आप ‘ दूसरे राजनीतिक दलों की तरह केवल अपने जन्मस्थल पर ही सीमित कर नहीं रही बल्कि उसने पंजाब जैसे राज्य में अपनी सरकार भी बनाई .’ आप ” की तरह सपा,बसपा,जेडीयू ,तृमूकां जैसे तमाम दल ये करिश्मा नहीं कर पाए .भाजपा के लिए इसी वजह से ‘ आप ‘ खतरे की घंटी लगने लगी है .
दिल्ली के कथित शराब घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. इस मामले में आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि मनीष सिसोदिया की तरफ से जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा था लेकिन सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि मनीष सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे इस कारण उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा.आपको याद होगा कि मार्च 2021 में मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति का एलान किया था .दिल्ली सरकार की शराब नीति के मुताबिक़ शराब बस निजी क्षेत्र में बेची जा सकती है. .शराब बेचने के लिए न्यूनतम 500 वर्ग फ़ुट क्षेत्र में खुलेगी दुकान होना चाहिए. दुकान का कोई भी काउंटर सड़क पर नहीं बनाया जाएगा. दिल्ली में कुल दुकाने 850 थीं, उन्हें बढ़ाया नहीं गया.
दिल्ली सरकार को नई नीति से राजस्व 1500-2000 करोड़ रु बढ़ने की उम्मीद थी,लेकिन भाजपा को इस नीति में खोट नजर आयी .मनीष सिसोदिया पर आरोप लगे कि उन्होंने जो शराब नीति बनाई उसमें थोक लाइसेंस धारकों का कमीशन बढ़ाकर 12 फीसदी फ़िक्स किया बड़ी कंपनियों का एकाधिकार बढ़ाया ,केंद्र के एजेंट लेफ्टिनेंट गवर्नर ने इस मामले में मुख्य सचिव से जांच कराई और बाद में मामला सीबीईआई को सौंप दिया .जाहिर है सब भाजपा सरकार के इशारे पर हुआ .
दुनिया जानती है कि इस देश में राज्यों की सरकारें शराब के पैसे से ही चलती हैं. भाजपा शासित मध्य प्रदेश में ही सरकार शराब से जितना राजस्व कमाती है वो दिल्ली के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है . भाजपा शासित राज्यों में भी शराब नीति शराब कारोबारियों के हिसाब से बनाई जाती है. घोटाले यहां भी होते हैं लेकिन उनकी न शिकायत होती है और न जांच .जिनकी जांच होती है उनमें किसी की गिरफ्तारी नहीं होती .फिर भाजपा को जिसे निबटना होता है वो निबट ही जाता है..जैसे मध्य प्रदेश में सबसे अधिक विनम्र और लोकप्रिय मंत्री रहे लक्ष्मीकान्त शर्मा को निबटाया गया था .वे भी एक भर्ती घोटाले में जेल भेजे गए थे और मुकदमे का फैसला होने से पहले ही चल बसे थे.
बहरहाल बात दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की है .अब क्या भाजपा को इस गिरफ्तारी से कोई लाभ होगा या उसके खिलाफ देश में एक नया वातावरण बनेगा .अब देश में ऐसा कोई राजनीतिक दल नहीं बचा है जिसने भाजपा के हाथों कोई न कोई जख्म न पाया हो. सब तिलमिलाए हुए हैं. सब भाजपा से हिसाब बराबर करना चाहते हैं,किन्तु कर नहीं पा रहे क्योंकि सब बिखरे-बिखरे हुए हैं .इसी बिखराव की वजह से भाजपा एक-एक कर सबका शिकार कर रही है.’ आप ‘ के लिए आप अब देशभर में भाजपा के खिलाफ आंदोलन खड़ा करना चाहेगी. करेगी भी .ऐसा स्वाभाविक भी है .लेकिन क्या अकेले आप ,भाजपा का मुकाबला कर सकेगी ?
मुझे लगता है कि इस बुरे वक्त में ‘आप ‘ को चाहे अनचाहे कांग्रेस की शरण में जाना पडेगा. उस कांग्रेस की शरण में जिसे ‘आप ‘ लगातार धोखा देती आ रही है. ‘आप’ की वजह से भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई हल्की और निष्प्रभावी हो जाती है .जब-जब कांग्रेस भाजपा पर भारी पड़ती दिखाई देती है ,तब-तब ‘आप ‘ भाजपा के लिए परदे के पीछे से सहायक की भूमिका में खड़ी होती आयी है .अब जब भाजपा ही ‘आप ‘ को ‘ ब्लैकमेल करने पर आमादा है तब ‘ आप ‘ की मजबूरी है कि वो विपक्षी एकता के लिए अपने आपको प्रस्तुत करे .
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री शराब घोटाले में दोषी हैं या नहीं ,ये कहने का अभी वक्त नहीं है. वे यदि दूध के धुले होंगे तो आज नहीं तो कल जेल के बाहर आ ही जायेंगे.और यदि नहीं होंगे तो कुछ दिन जेल में रहकर जमानत पा लेंगे .क्योंकि हमारे देश में किसी भी घोटाले के लिए कोई हमेशा के लिए जेल में नहीं रखा जाता. माननीय लालू यादव इसकी जीती -जागती मिसाल है.अब सोचने की बात ये है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी भाजपा के विनाशकाल को इंगित कर रही है या फिर लोकतंत्र के लिए खतरा है ,या भाजपा इसके जरिये देश को घोटालों से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है .भाजपा किसी अडाणी के घोटाले को घोटाला नहीं मानती.लेकिन सिसोदिया के घोटाले को घोटाला मानती है जो किसी भी सरकार के लिए बहुत साधारण सी कार्रवाई है .
शराब घोटाले के मामले में सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद मेरी या कसी कि कोई सहानुभूति नहीं होना चाहिए ,बशर्ते कि क़ानून अपना काम करे न कि भाजपा अपना मिशन 2024 पूरा करने के लिए इस तरह की कार्रवाइयां कराये .’भय बिन प्रीति’ का फार्मूला अब पुराना हो चुका है. भय से प्रीति नहीं नफरत पैदा होती है .दुर्भाग्य से कुछ राजनीतिक विचारधाराओं में नफरत ही राजनीति का मूलमंत्र है.

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कुमार विश्वास को मध्य प्रदेश में बैन करने की मांग, बीजेपी नेता ने सीएम को लिखा पत्र

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डिजिटल भारत l RSS पर टिप्पणी को लेकर विवादों में फंसे कुमार विश्वास, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को कहा था अनपढ़, वामपंथियों को बताया
हिंदी के सुपरिचित कवि डॉ. कुमार विश्वास अपनी टिप्पणी के बाद विवादों में घिर चुके हैं। आरएसएस पर विवादित बयान देने के बाद अब मध्य प्रदेश में उनको बैन करने की मांग उठने लगी है। बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की है कि कवि कुमार विश्वास को प्रदेश के किसी भी सरकारी कार्यक्रम में आमंत्रित न किया जाए। उन्होने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को शासकीय आयोजनों में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

बता दें कि सुप्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास अपने बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं। ये बयान उन्होने उज्जैन में रामकथा के दौरान दिया और यहां वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कह गए। कालिदास अकादमी परिसर में विक्रमोत्सव के तहत आयोजित रामकथा में कुमार विश्वास रामकथा सुना रहे थे और इसी दौरान उन्होने कहा कि ‘बजट से पहले बच्चे ने पूछा कि कैसा बजट आना चाहिए, मैंने कहा कि तुमने तो रामराज्य की सरकार बनाई है तो रामराज्य का बजट आना चाहिए। तो वो बोला रामराज्य में कहां बजट होता था।’ इसके बाद उन्होने जो कहा उसपर अब बवाल हो रहा है। कुमार विश्वास ने कहा कि ‘समस्या यही है कि वामपंथी कुपढ़ है और आरएसएस वाले अनपढ़ हैं। इस देश में दो ही लोगों का झगड़ा चल रहा है। एक तो वामपंथी हैं जिन्होने पढ़ा सब है लेकिन गलत पढ़ा है और एक ये वाले (आरएसएस) वाले हैं जिन्होने पढ़ा ही नहीं है।


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दुनिया का सबसे खतरनाक देश जहां जाना मौत के मुंह में जाने के बराबर है

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डिजिटल भारत l दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां जाना मौत के मुंह में जाने के बराबर है. इन देशों में हर कदम पर मौत आपका इंतजार कर रही होती. जहां जिंदगी हर तरफ से खौफ के साए में पलती है. लोग बाजार जाते हैं, तो उन्हें ये पता नहीं होता कि वो वापस लौटकर आ सकेंगे भी या नहीं.

मेंइराक: इराक लंबे समय से दुनिया का सबसे खतरनाक देश बना हुआ है. आईएसआईएस के खात्‍मे के लिए दुनिया की कई सेनाएं यहां सक्रिय है. ऐसे में यह एक खतरनाक देश है।सन 2002 से ही बोको हरम सामूहिक हत्याओं में जुटा है. नाइजीरिया में महिलाओं का अपहरण और उनके साथ बलात्कार आम बात हो चली है।

नाइजीरिया: अफ्रीकी देश नाइजीरिया में आतंकी संगठन बोको हरम का हल्‍ला है. ये देश सबसे खतरनाक देशों में दूसरे स्थान पर है. यहां सन 2002 से ही बोको हरम सामूहिक हत्याओं में जुटा है. नाइजीरिया में महिलाओं का अपहरण और उनके साथ बलात्कार आम बात हो चली है।

अफगानिस्तान: दुनिया में कभी सबसे खतरनाक देश रहा अफगानिस्तान अब भी हर कदम पर मौत को थामे खड़ा है. यहां हर दिन-हर पल आतंकी हमलों की खबर आती रहती हैं।

यमन: लंबे समय तक अस्‍थिरता का शिकार रहा है यमन गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतर चुकी है; विद्रोह को कुचला जा रहा है. हैती विद्रोहियों ने देश की महत्वपूर्ण जगहों पर कब्जा कर लिया है. इस देश में तो बोलने की आजादी पर भी बैन लगा हुआ है।

सोमालिया: अव्यवस्थित सरकार और प्रशासन इस अफ्रीकी देश की सबसे बड़ी समस्या है. सोमालिया में किडनैपिंग, चोरी और डकैती सबसे बड़ा धंधा बन चुका है. यहां समुंदर में जहाज लूटना और फिर दुनिया के देशों से फिरौती मांगना बड़ा व्यवसाय है. यहां हीरों की अवैध खानें भी हैं।

लीबिया: मौजूदा समय में भी लीबिया पूरी तरह से अशांत है. लीबिया में गद्दाफी के खिलाफ क्रांति के बाद कई आतंकी ग्रुप पैदा हुए हैं, जो कत्लेआम और लूट में शामिल हैं. यहां मानव के मौलिक अधिकारों की बात नहीं की जा सकती, तो पूरे देश में हत्या, अपहरण के मामलों की भरमार है. इस देश में जिसकी लाठी, उसी का राज चल रहा है।

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धोनी ने खेतों में चलाया ट्रेक्टर, क्रिकेट से दूर अब खेतीबाड़ी में जुटे धोनी

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क्रिकेट से दूर अब खेतीबाड़ी में जुटे धोनी, फैंस को पसंद आया देसी अंदाज

डिजिटल भारत l क्रिकेट की दुनिया के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक महेंद्र सिंह धोनी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है। बता दें महेंद्र सिंह धोनी की फैन फॉलोइंग बहुत ही जबरदस्त है और वह क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में बसते हैं। बता दें, महेंद्र सिंह धोनी ना केवल क्रिकेट की दुनिया में एक्टिव है, बल्कि वह फिल्म इंडस्ट्री में भी नाम कमाने में जुट गए हैं।

इसी बीच महेंद्र सिंह धोनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह खेतों में ट्रैक्टर चलाते हुए नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर धोनी का यह वीडियो खूब पसंद किया जा रहा है जिस पर ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा से लेकर कई फैंस ने कमेंट कर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की।

वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है कि महेंद्र सिंह धोनी खेतों में ट्रैक्टर चलाते दिखाई दिए। इस वीडियो को साझा करते हुए महेंद्र सिंह धोनी ने कैप्शन में लिखा कि, “कुछ नया सीखना अच्छा है लेकिन काम खत्म करने के में लंबा समय लगा।” खास बात यह है कि, एमएस धोनी ने करीब 2 साल बाद इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर की है। ऐसे में फैंस के बीच एक गजब उत्साह देखने को मिला।

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आपके शरीर में हो सकती blood (हीमोग्लोबिन) की कमी, ऐसे करें पूरा

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डिजिटल भारत l अगर आप भोजन करने में विकल्‍प खोजते हैं तो हो जाएं सावधान, आपके शरीर में खून यानी हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है। जिसके कारण कई रोग आपको घेर लेंगे। भारतीय भोजन में खाने पीने की कई सामग्री उपलब्‍ध हैं। जिन्‍हें खाकर हम हीमोग्लोबिन की कमी दूर कर सकते हैं।

सबसे ज्‍यादा चुकंदर का सेवन करने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है। इसके साथ ही अगर आप चुकंदर की पत्तियों को खाएंगे तो ज्यादा आयरन मिलेगा। चुकंदर की तुलना में इसकी पत्तियों में तीन गुना अधिक आयरन होता है। इसी तरह आंवले और जामुन का रस मिलाकर पीने से हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ता है। पिस्ते में 30 अलग-अलग तरह के विटामिन्स के अलावा आयरन भरपूर होता है।

नींबू में विटामिन सी भरपूर होता है। इससे भी हीमोग्लोबिन बढ़ता है। अनार में मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन सी के अलावा आयरन भी अच्छा होता है। एक गिलास गुनगुने दूध में दो चम्मच अनार का पाउडर डालकर पीएं। सेब अनीमिया जैसी बीमारी में काफी लाभदायक होता है। इसका सेवन करने से लाभ होता है। पालक खाने से इसकी कमी पूरी होती है। आयरन की मात्रा काफी अधिक होती है। विटामिन बी काम्प्लेक्स की कमी को किशमिश पूरा करती है। आयरन से भरपूर सूखी काली किशमिश का सेवन करके आप अपना हीमोग्लोबिन बढ़ा सकते हैं।

अंजीर में विटामिन ए, बी1, बी2, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, मैगनीज, सोडियम, पोटेशियम और क्लोरीन पाया जाता है। दो अंजीर रात को पानी में भिगोकर, सुबह उसका पानी पी लें। अंजीर और पका अमरूद खाने से हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती है। शहद या आंवले के रस के साथ केला खाने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है। सुबह मूंग, चना, मोठ और गेहूं इत्यादि में नींबू का रस मिलाकर खाना भी लाभप्रद होता है। 10 ग्राम ड्राई रोस्टेड बादाम में 0.5 मिलीग्राम आयरन होता है। कैल्शियम, मैग्नीशियम भी होता है और कैलरी मात्र 163 होती है।

10 ग्राम काजू में 0.3 मिलीग्राम आयरन से आपका हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ता है। अखरोट में ओमेगा-3 फैटी ऐसिड की मात्रा काफी अच्छी होती है। अखरोट में कैल्शियम, मैग्नीशियम फाइबर और विटामिन-बी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। तुलसी की पत्तियों का नियमित सेवन करने से हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती है।

गुड़ और मूंगफली के दाने चबा-चबा कर खाने से खून की कमी नहीं होती है। तिल से भी लाभ होता है।

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फोन को रात भर चार्जिंग पर लगा छोड़ना कितना सही? बैटरी पर क्या होता है असर,

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डिजिटल भारत l फोन हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा हो गया है, और यही वजह है कि हम कभी नहीं चाहते कि ये डिस्चार्ज हो. फोन डिस्चार्ज होना, मतलब कई काम रुक जाना. कई बार हम दिनभर इतना फोन यूज कर लेते हैं कि इसे चार्ज करने का टाइम नहीं मिलता है. यही वजह होती है कि बाद में हम पूरी रात के लिए फोन को चार्ज पर लगा कर छोड़ देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पूरी रात के लिए फोन को चार्जिंग पर छोड़ देने से क्या होता है, और क्या इसका असर हमारे फोन और बैटरी पर पड़ता है? आइए जानते हैं…
ज़्यादातर विशेषज्ञ एक बात पर सहमत हैं कि स्मार्टफोन इतने स्मार्ट होते हैं कि वे ओवरलोड नहीं होने देते. टैबलेट या स्मार्टफोन या लैपटॉप के अंदर लगी एक्सट्रा प्रोटेक्शन चिप सुनिश्चित करती है कि ओवरलोडिंग न हो. एक बार इंटरनल लिथियम-आयन बैटरी अपनी क्षमता के 100% तक पहुंच जाती है, तो चार्जिंग बंद हो जाती है.
अगर आप स्मार्टफोन को रात भर प्लग इन रहने देते हैं, तो यह हर बार बैटरी के 99% तक गिरने पर थोड़ी एनर्जी का लगातार इस्तेमाल करेगा. इसके आपके फोन के लाइफ पर असर पड़ेगा.
यानी कि एक बार जब फोन की बैटरी 100% चार्ज हो जाती है तो मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक्स ऑटोमैटिकली करंट खींचना बंद कर देते हैं. हालांकि, अपने स्मार्टफोन को हर बार फुल चार्ज करना बैटरी की लंबी उम्र के लिए ठीक नहीं है.
फोन को ओवरचार्ज करने का मिथक एक आम है. आपके डिवाइस में कितनी मात्रा में चार्ज जा रहा है, यह कोई समस्या नहीं है, क्योंकि डिवाइस ज़्यादा स्मार्ट होते हैं जो एक बार फुल होने पर चार्ज लेना बंद कर देते हैं, बस 100 प्रतिशत रहने के लिए ज़रूरत के हिसाब से टॉप अप करते हैं.इसलिए हो सकती है दिक्कत: समस्या तब होती है जब बैटरी ज़्यादा गरम हो जाती है, जिससे नुकसान हो सकता है. इससे बचने के लिए रात भर चार्ज करते समय अपने फोन पर लगे किसी भी केस को हटाना सबसे अच्छा है. फोन को सपाट, सख्त सतह पर छोड़ना भी सबसे अच्छा होता है ताकि गर्मी आसानी से दूर हो सके.
इसलिए अपने फोन को रात भर चार्ज करना पूरी तरह से सुरक्षित है, बस यह सुनिश्चित कर लें कि यह ओवरहीट न हो. इसके अलावा आजकल तो फोन इतनी तेजी से चार्ज हो सकते हैं कि असल में आपको इसे 7-8 घंटे तक चार्ज करने की जरूरत ही नहीं है.

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मनीष सिसोदिया को किया जाएगा गिरफ्तार ? CBI के समन पर आम आदमी पार्टी का दावा

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डिजिटल भारत I मनीष सिसोदिया ने दिल्ली बजट का हवाला देकर सीबीआई से फरवरी के बाद पेश होने की मोहलत मांगी थी. अब सीबीआई इस मामले में उन्हें नए सिरे से समन जारी करेगी.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए रविवार 19 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के कार्यालय में बुलाया गया था. उन्होंने बजट बनाने की बात कहकर सीबीआई से थोड़ा और समय देने की मांग की. अब इस मामले में सिसोदिया ने एक और बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि अगर आज उनसे पूछताछ की जाती तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता था
सिसोदिया ने कहा ‘मुझे आज गिरफ्तार किया जा सकता था’ आप नेता ने दावा किया कि उन्हें डर है कि बीजेपी उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है. उन्होंने कहा, ‘मैं गिरफ्तारी से नहीं डरता और सवालों से नहीं भागता”. उन्होंने बजट का हवाला देते हुए केंद्रीय एजेंसी से पूछताछ को किसी और तारीख तक टालने का अनुरोध किया है. अब सीबीआई इस मामले में उन्हें नए सिरे से समन जारी करेगी.

इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के करीब तीन महीने बाद सिसोदिया को रविवार 19 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री होने के नाते उन्होंने कहा कि वह बजट बनाने में व्यस्त हैं, इसलिए एक सप्ताह के बाद पूछताछ के लिए उपलब्ध हो सकेंगे.

आबकारी विभाग का प्रभार भी संभालने वाले आप नेता से पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी और मामले के सिलसिले में उनके घर और बैंक लॉकरों की भी तलाशी ली गई थी. चार्जशीट में उन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है क्योंकि उनके और अन्य संदिग्धों के खिलाफ जांच अभी भी चल रही है.

सीबीआई ने शनिवार 18 फरवरी को सिसोदिया के खिलाफ ताजा सबूतों के आधार पर उन्हें समन जारी किया था. यह मामला आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है.

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बेंगलुरू में दिखाई जबलपुर के बमों ने अपनी ताकत

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डिजिटल भारत l आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में बनाए जा रहे बमों का प्रदर्शन बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2023 में किया गया।इस दौरान देश की विभिन्ना आयुध निर्माता कंपनियों ने अपने उत्पादों को रखा। एमआइएल के सीएमडी रविकांत भी 14 से 16 फरवरी तक आयोजित शो में भाग लेने के लिए बेंगलुरु में मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि देश की विभिन्ना आयुध निर्माणियों में एमआइएल द्वारा निर्मित कराए गए पांच उत्पादों को इस शो में प्रदर्शित किया गया। इनमें 250 केजी, 245 केजी, 1000 पाउंडर और 500 केजीजीपी बम शामिल रहे।

ओएफके में बने जो बम एयरो इंडिया में प्रदर्शित किए गए वो वायुसेना के अत्यंत उपयोगी हैं। 500 केेजीजीपी बम को छोड़कर वायुसेना सभी बमों का उपयोग कर चुकी है। इसलिए भारतीय वायुसेना के लिए तो वो बम परिचय की विषयवस्तु नहीं हैं, लेकिन विदेशों से जो प्रतिनिधि इस एयर शो में भाग लेने आए उनके लिए एमआइएल के उत्पाद खास रहे। फिलहाल यह तो साफ नहीं हो पाया है कि ओएफके के किसी उत्पाद को विदेश से आर्डर मिलने की दिशा में बात आगे बढ़ी है या नहीं, लेकिन बेंगलुरु में उनका प्रदर्शन निर्माणी के लिए बड़ी बात है।

एमआइएल के दो खास ड्रोन

सीएमडी रविकांत ने बताया कि एमआइएल दो तरह के ड्रोन भी बना रही है। एक ड्रोन 100 किलोमीटर दूर तक जाकर अपने लक्ष्य को निशाना बनाकर खुद समाप्त होने वाला है। जबकि दूसरा ऐसा है जो दुर्गम इलाकों में 18 किलोमीटर दूर तक जाकर 50 किलो वजनी आयुध सामग्री पहुंचा सकता है।

ऐसा है थाउजेंड पाउंडर बम

यह इतना घातक है कि पलक झपकते ही किसी भी बड़े भवन को ढेर में तब्दील कर सकता है। इस बम में आरडीएक्स के साथ कई अन्य प्रकार के प्रोपलेन मिलाए जाते हैं। इस बम का उपयोग वायु सेना ही नहीं बल्कि थल और जल-सेना भी करती है। देश में सिर्फ आयुध निर्माणी खमरिया ही सेना के लिए इस तरह के बमों का निर्माण करती है।

500 केजी जीपी बम

यह बम आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया के सबसे अपडेटेेड हैं। इनहें 500 किलोग्राम जनरल परपज बम भी कहा जाता है। इसका उपयोग वायुसेना ही करती है। इस बम की विशेषता है कि जहां भी लक्ष्य करके इस बम का इस्तेमाल होता है, वहां 200 मीटर के दायरे में यह सब कुछ समाप्त कर देता है और वहां करीब 25 मीटर गहरा गड्ढा हो जाता है।

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स्वच्छता अभियान के कार्यो में किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं – निगमायुक्त स्वप्लिन वानखड़े

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डिजिटल भारत l नगर निगम के द्वारा स्वच्छता अभियान 2023 में जबलपुर को पहले पायदान पर पहुॅंचाने के संबंध में नव पदस्थ निगमायुक्त स्वप्निल जी वानखड़े पदभार ग्रहण के दूसरे दिन ही अपने प्रयास तेज कर दिये हैं। उन्होंने आज शहर की सफाई व्यवस्था के निरीक्षण के साथ-साथ कठौंदा स्थित प्लांटों का भी तावड़तोड़ निरीक्षण किया और सभी प्लांटों को अभी से अपडेट रखने के निर्देश दिये। निगमायुक्त श्री वानखड़े ने अधिकारियों को कहा कि इस वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान के कार्यो में किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने निर्देशित किया कि हर हाल में इस वर्ष की स्वच्छता प्रतियोगिता में जबलपुर की रैंकिंग में बड़े पैमाने पर सुधार लाया जायेगा। इसके लिए आप सभी लोग अभी से कमर कस लें। उन्होंने शहर के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण कर कठौंदा प्लांट पहुॅंचे जहॉं पर स्वच्छता टीम के सदस्यों के साथ सी एण्ड डी, कम्पोस्ट प्लांट, एम.आर.एफ. प्लांट, होम कम्पोस्ट प्लांट, बायोमेट्रिक डोमेस्टिक प्लांट का निरीक्षण किया और सभी प्लांटों को प्रभावी रूप से संचालित करने तथा अपडेट रखने के निर्देश दिये। निरीक्षण के समय सहायक आयुक्त संभव अयाची, स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।

नवनियुक्त निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े ने यह भी कहा कि शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को सुदृढ करने, स्वच्छता की रैंकिंग सुधारने के अलावा शहर के नागरिकों को अन्य आवश्यक मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना भी हमारी प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा है कि नगर निगम का कार्य नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है इसलिए वे इस दिशा में भी विशेष प्रयास करेंगे। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा रीवा में सी.ई.ओ. जिला पंचायत के पद पर पदस्थ रहे आई.ए.एस. अधिकारी स्वप्निल जी वानखड़े को नगर निगम जबलपुर में निगम आयुक्त के पद पर स्थानांतरित किया है। शासन के निर्देशों के अनुरूप उन्होंने गुरूवार को जबलपुर पहुंचकर नगर निगम आयुक्त का पदभार ग्रहण किया।

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शिवसेना विवाद पर चुनाव आयोग का फैसला, एकनाथ शिंदे गुट को सौंपा गया शिवसेना का प्रतीक तीर-कमान

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डिजिटल भारत l महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से उठापटक जारी है. शिवसेना के नाम और पार्टी के सिंबल पर हक को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही थी. इसी बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान उद्धव ठाकरे से छिन गया है. EC ने एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी का नाम और शिवसेना का प्रतीक तीर कमान सौंप दिया है.

चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि इसकी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार थी. देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है. जबकि कहा गया था कि नतीजा हमारे पक्ष में होगा. लेकिन अब एक चमत्कार हो गया है. लड़ते रहो. संजय राउत ने कहा कि ऊपर से नीचे तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया है. हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है. लेकिन हम जनता के दरबार में नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर से शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे, ये लोकतंत्र की हत्या है.

उद्धव ठाकरे गुट के नेता आनंद दुबे ने कहा कि वहीं आदेश आया है, जिसका हमें अंदेशा था. उन्होंने कहा कि हम कहते रहे हैं कि हमें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है. जब मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है और कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, तो चुनाव आयोग द्वारा यह जल्दबाजी दिखाती है कि यह केंद्र सरकार के तहत भाजपा एजेंट के रूप में काम करता है. हम इसकी निंदा करते हैं.

दरअसल, पिछले साल जून में जब एकनाथ शिंदे ने तख्तापलट किया था तो पार्टी में दो गुट उभर आए थे. पार्टी उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के समर्थकों के बीच बंट गई थी. शिंदे गुट की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में एकनाथ शिंदे ने सीएम औऱ देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी.

इसके बाद उद्धव गुट औऱ एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना की पहचान के लिए आमने सामने आ गए थे. जहां एकनाथ शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं उद्धव गुट शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा था.

महाराष्ट्र में सत्ता में बदलाव के बाद उद्धव गुट औऱ एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना की पहचान के लिए आमने सामने आ गए थे. जहां एकनाथ शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं उद्धव गुट शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा था.

इसके बाद उद्धव गुट और शिंद गुट ने शिवसेना के नाम और पार्टी के प्रतीक चिह्न तीर कमान को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था. अक्टूबर 2022 में शिंदे गुट को पार्टी के प्रतीक के रूप में दो तलवार और ढाल के साथ बालासाहेबंची शिवसेना (बालासाहेब की शिवसेना) नाम दिया गया था. जबकि उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम दिया गया था और प्रतीक चिह्न मशाल दिया गया था.

दरअसल, शिवसेना के धनुष और बाण चिन्ह के स्वामित्व पर अंतिम सुनवाई जनवरी में हुई थी. चुनाव आयोग का आखिरी फैसला शुक्रवार को आया. हालांकि इस फैसले से जहां शिंदे गुट में जश्न का माहौल है, तो वहीं, उद्धव गुट के लिए ये बड़ा झटका है. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद उद्धव गुट के नेताओं ने कहा कि हमें पहले ही इस आदेश का अंदेशा था

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