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एक भारत उत्कृष्ट भारत

सोशल मीडिया स्टार बनने का सीक्रेट

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डिजिटलभारत l Instagram Reels हों या फिर YouTube Videos  इन्हें देखते हुए बहुत से लोगों के मन में एक सवाल आता है. ‘ऐसा तो मैंभी कर सकता हूं’. सोशल मीडिया ने कई अनजान चेहरों को बड़ा नाम दिया. शायद फिल्मों की दुनिया में ये चेहरे कहीं खोकर रहजाते हैं और कुछ वक्त से साथ खो भी गए. बड़ा नाम ही नहीं बल्कि बहुत से लोगों के लिए ये प्लेटफॉर्म्स कमाई का भी एकजरिया हैं. इन प्लेटफॉर्म्स से कमाई के कई किस्से हर रोज सुनने को मिलते हैं. कोई कहता है कि एक वीडियो से लाखों मेंआमदनी होती है, तो कोई बताता है करोड़ों में, लेकिन क्या इस ‘नई मायानगरी’ के जो किस्से हम सुन रहे हैं वो सही हैं.

इस इंडस्ट्री को नई मायानगरी इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बहुत से लोग अब यहां करियर तलाश रहे हैं. कोई पॉपुलर होनाचाहता है, तो कोई यहां से कमाई. किसने सोचा था कि शॉर्ट वीडियो हो या फिर किसी डॉयलॉग को अपनी फोटो पर चिपकाना, एक दिन इन तरीकों से भी कमाई हो सकेगी. मगर अब ऐसा हो रहा है. 
आपने भी कई बार इनकी शुरुआत करने का सोचा होगा, लेकिन कभी आपका काम, तो कभी झिझक इन सब के बीच आ गई होगी. बहुत से लोगों के मन में इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े कईसवाल होते हैं. इन सवालों का जवाब कौन देगा?

ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर हम पॉपुलर यूट्यूबर्स और इंफ्लूएंसर्स के पास गए, जो शायद आपकी मदद कर सकते हैं. उससेपहले हम इस पूरे सफर को समझना होगा.

स्मार्टफोन और इंटरनेट की इस पीढ़ी में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बनना एक बड़ी आबादी का सपना है. सस्ते डेटा प्राइस ने लोगोंके लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को आसान बना दिया. 
वहीं YouTube, Instagram और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने लोगोंके लिए नई राह खोल दी. एक दशक पीछे जाएं, तो किसने सोचा था कि एक रोज इंस्टाग्राम और यू्ट्यूब लोगों की कमाई काजरिया बन जाएंगे.

सिर्फ कमाई का जरिया ही नहीं बहुत से लोगों के लिए ये प्लेटफॉर्म्स नई उम्मीद हैं, लेकिन क्या यही हकीकत है? जिस तरह से हरचमकती चीज सोना नहीं होती है, उसी तरह से सोशल मीडिया पर नजर आने वाली जिंदगी भी है. 
आज कोई पॉपुलर है, तो उसकेपीछे ब्रांड्स हैं. यहां कल क्या होगा कोई नहीं जानता है. मगर एक बात साफ है, इस भागती दौड़ती जिंदगी में किसी से लिए एकसफल कंटेंट क्रिएटर बनना इतना आसान भी नहीं है.

1. जिस चीज को लेकर आपको पैशन हो, उस पर फोकस करें। आइडियाज निकालें, उसे लिख लें और यह सुनिश्चित कर लें कि वहकंटेंट इंटरेस्टिंग या इंस्पाइरिंग होना चाहिए। जो आप वाकई दिल से करना चाहते हैं, वही चुनें।

2. अगर आप आइडियाज के साथ स्ट्रगल कर रहे हैं तो देखें कि अभी क्या लोकप्रिय है और उस हिसाब से अपने काम को प्रेरित करें।ट्रेंड्स क्या है इसका ध्यान रखें।

3. जरूरी नहीं कि फेसबुक या ट्विटर के लिए बनाया वीडियो यूट्यूब के हिसाब से अलग हो सकता है। या यूं कहें कि एकप्लेटफाॅर्म पर जो काम कर गया हो, वह दूसरे पर भी करेंगा। इसलिए सही प्लेटफाॅर्म का चयन करें।

4. अगर आप अपना काम प्रमोट कर रहे हैं तो टैग करना न भूलें। ऐसे टैग यूज करें जो कि आपके लिए कारगर साबित हो।

5. जरूरी नहीं है कि आप जो कर रहे हों, उसे हर कोई पसंद करें, इसलिए निगेटिव फीडबैक पर फोकस न करें। हालांकि यूट्यूब औरइंस्टाग्राम जैसे प्लेटफाॅर्म आपको नकारात्मक शब्दों को ब्लाॅक करने की अनुमति देचा है। आप कुछ शब्द या कमेंट्स बैन कर सकतेहैं।

6. एक बार आपको फाॅलोअर्स मिलने लगते हैं तो उनके साथ जुड़कर आपका चैनल आगे बढ़ेगा। आपको आपके आॅडियंस के साथसंपर्क में रहना चाहिए।

7. कोई भी रातोंरात सोशल मीडिया स्टार नहीं बन जाता है। असफल होने से मत डरिए। चीजें मन मुताबिक न हों तो उस पर विचारकीजिए और उसमें सुधार करें।

8. यूट्यूब पर चैनल्स विज्ञापनों के जरिए पैसा कमाते हैं लेकिन ब्रांड और स्पांसरशिप डील्स बड़ा पैसा लाती है। इसके जरिएकाफी पैसा कमाया जा सकता है इसलिए आपका कंटेंट इंटरेस्टिंग होना चाहिए।

एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के लिए सफल होने का क्या मतलब होता है? इंस्टाग्राम और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म्स परलाखों की तादाद में सब्सक्राइबर्स एक दिन में नहीं आते हैं. इसमें लंबा वक्त लगता है. वहीं बहुत से लोगों को लगता है कि इनप्लेटफॉर्म्स पर मौजूद हर शख्स लाखों में कमा रहा है. उसकी जिंदगी ऐशो आराम में गुजर रही है. क्या ये नई मायानगरी वास्तव मेंऐसी है, जैसा लोग सोचते हैं? इसका सबसे आसान तरीका है, उन लोगों से बात करना जो इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

उन्होंने बताया, ‘मैंने अपने दोस्तों, परिवार और परिचितों के लिए टेक्नोलॉजी को आसानी से समझाने वाले YouTube Videos बनाने से शुरुआती की थी. इन वीडियोज को बनाते हुए मैंने हमेशा कंटेंट को बेहतर करना जारी रखा. मेरे चैनल टेक बर्नर कीसफलता मेरी टीम और ऑडियंस की वजह से है. मेरा मानना है कि निरंतरता, रिलेटेबिलिटी और ऑथेंटिसिटी की वजह से ही मेरेवीडियोज लोगों ने पसंद किए.’

अपने शुरुआती दिनों पर बात करते हुए श्लोक बताते हैं, ‘कॉलेज के दिनों में मैं अपने पिता का ऑफिस लैपटॉप वीडियोज बनानेके लिए यूज करता था. मैंने वक्त से साथ सीखा कि कैमरे के सामने कैसे बोले और फिर टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी को सिंपलऔर एंटरटेनमेंट वाले ढंग से पेश करना शुरू किया. शुरुआती 4 साल में मेरे फॉलोओवर्स की संख्या सिर्फ 5 हजार ही पहुंच पाईथी और आज 5 करोड़ तक व्यूज हर महीने आते हैं. इन सब में वक्त लगा. मगर शुरुआत से ही मैंने सीखना और वीडियोज बनानाजारी रखा.

अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए सलोनी गौर ने बताया, ‘मैं पहली बार अपने पैरेंट्स से दूर रह रही थी और ये मेरे लिएआसान नहीं था. कॉलेज में दोस्ती मेरे लिए थोड़ी मुश्किल रही और उसी दौरान मुझे सोशल मीडिया ऐप्स के बारे में पताचला.पहली बार स्मार्टफोन मिलने के बाद मैंने इन सब के बारे में जाना. कंटेंट क्रिएटर बनने की रहा मुझे मेरे भाई ने दिखाई. मैंनेफैसला किया कि मैं अपने जोक्स को सिर्फ दोस्तों से ही नहीं बल्कि इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाकर भी शेयर करूंगी. मुजे याद हैकि हमारे हॉस्टल में सिर्फ एक टीवी होता था और बच्चों में अपने पसंद का चैनल देखने के लड़ाई तक होती थी. ऐसे में हमारे पासएंटरटेनमेंट का कोई दूसरा तरीका नहीं था.इसलिए मैंने सोचा कि कुछ अपना क्यों ना शुरू किया जाए.’

सलोनी बताती है कि शुरुआत में उनका इस सेक्टर में कोई प्लान नहीं था, वो बस अपना पैशन फॉलो कर रही थीं. उन्होंने हिम्मतदिखाते हुए अपने अकाउंट को पब्लिक किया और साल 2019 में उनका एक वीडियो वायरल हो गया. यहां से उनके पैशन सेकमाई की शुरुआत हुई. किसी भी प्लेटफॉर्म पर पैसे आना इतना आसान नहीं होता है. 

सलोनी ने इस बारे में बताया, ‘इंस्टाग्राम के लिए कंटेंट क्रिएट करने के बारे में मैंने बहुत ज्यादा प्लान नहीं किया था. बल्कि इधरभी करियर बन सकता है मुझे इस बारे में भी जानकारी नहीं थी. मैंने अपना पहला वीडियो साल 2017 में बनाया. तब तक मुझेलगता था कि सिर्फ YouTube Videos ही मॉनेटाइज होते हैं.’ उन्होंने बताया कि पहली कमाई इंस्टाग्राम एडवरटाइजमेंट से हुईथी. इसके बाद ब्रांड्स कोलैबोरेशन होने लगे और धीरे-धीरे इनकम बढ़ती गई. YouTube पर महेश केशवाला का अकाउंट भीकाफी चर्चित है. Thugesh के नाम से उनका YouTube चैनल है, जिस पर 4 मिलियन (40 लाख) से ज्यादा फॉलोअर हैं. 

अपने सफर के बारे में महेश बताते हैं, ‘साल 2015-16 में मैं भुवन बाम के वीडियोज देखा करता था.’ यहां से ही उन्हें अपने सफरको शुरू करने की प्रेरणा मिली और फिर उन्होंने अपना चैनल बनाया. मगर शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही. उन्होंने शुरुआत में बहुतकुछ ट्राई किया. मीम्स हो या फिर टॉप 10 प्लेस टू विजिट उन्होंने कई तरह के कंटेंट बनाए. घरवालों का बताना भी मुश्किल थाकि वो YouTube पर क्या कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने वीडियो बनाना जारी रखा.

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JEE मेंस के लिए रजिस्ट्रेशन हुए बंद, एनटीए की वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों का करना होगा कड़ाई से पालन

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डिजिटल भारत I जेईई मेंस के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जो छात्र परीक्षा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, उन्हें अब इन परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड का इंतजार है। जानकारी के मुताबिक यह एडमिट कार्ड अगले सप्ताह जारी किए जाएंगे। यह परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित करवाई जा रही हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक जेईई मेंस, परीक्षा केंद्रों में छात्रों को एडमिट कार्ड के साथ साथ अपनी मान्य फोटो आईडी भी लेकर आना होगा। ऐसे छात्र जो मान्य फोटो आईडी के बिना परीक्षा केंद्रों पर पहुंचेंगे उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।

24 जनवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं

गौरतलब है कि जेईई (मेंस) की परीक्षाएं इस माह जनवरी 24, 25, 27, 28, 29, 30 और 31 तारीख को आयोजित की जा रही हैं। सत्र 2023-24 के लिए जेईई (मेंस) दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा। पहले सत्र की परीक्षाएं जनवरी और दूसरे सत्र की परीक्षाएं अप्रैल में आयोजित की जाएंगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक जल्दी ही सभी छात्रों को परीक्षा के केंद्र संबंधित शहरों की जानकारी दे दी जाएगी और जनवरी के तीसरे सप्ताह में छात्र अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे।

शिक्षा मंत्रालय ने किया है अहम बदलाव

आईआईटी जैसे प्रसिद्ध इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली जेईई परीक्षा की पात्रता को लेकर पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक अहम बदलाव किया गया था। इस बदलाव के मुताबिक किसी भी शैक्षणिक बोर्ड के टॉप 20 परसेंटाइल वाले छात्र जेईई की परीक्षा दे सकेंगे। अभी तक कम से कम 75 परसेंट अंक हासिल करने वाले छात्र ही इन परीक्षाओं में शामिल हो सकते थे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व यह परीक्षाएं आयोजित करवाने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक अभी तक जेईई परीक्षाओं में शामिल होने का क्राइटेरिया 12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंक प्राप्त करना था। हालांकि पात्रता की शर्तों में किए गए बदलाव के बाद 12वीं कक्षा में सीबीएसई व राज्य बोर्ड के टॉप 20 पर्सेंटाइल में शामिल सभी छात्र जेईई की परीक्षा दे सकते हैं। एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए यह कट-ऑफ 65 फीसदी है।

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इंडिया अलर्ट- कोरोना बढ़ने लगी टेंसन पीएम मोदी आज करेंगे हाईलेवल मीटिंग, एक्शन में सीएम योगी-अरविंद केजरीवाल

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चीन के बाद जापान-अमेरिका में भी फूटा कोरोना बम, 24 घंटे में 5.37 लाख नए मरीज

Corona BF.7 Variant: भारत में कोरोना के नए वेरिएंट BF.7 की पुष्टि हो गई है. गुजरात और ओडिशा में नए मामले सामने आए हैं. हालांकि अच्छी खबर ये है कि ये तीनों मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है. इन मामलों के बाद भारत सरकार अलर्ट मोड पर है और टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दे रही है. पीएम नरेंद्र मोदी आज कोविड की स्थिति की समीक्षा करेंगे.

दिल्ली और यूपी सरकार ने भी आज कोरोना के नए वेरिएंट पर चर्चा करने के लिए हाइलेवल मीटिंग बुलाई गई है. नए वेरिएंट से बचाव पर डॉ वीके पॉल ने मास्क के इस्तेमाल और बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दी है. कोरोना को लेकर भारत के एयरपोर्ट पर भी रैंडिम चेकिंग की जा रही है.

भारत में 10 अलग वेरिएंट मौजूद

देश में फिलहाल कोरोना के 10 अलग-अलग वेरिएंट मौजूद हैं. इसमें सबसे ताजा वेरिएंट BF 7 है. देश में अभी भी सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट के कुछ केस मिल जाते हैं. भारत में ज्यादातर लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है और कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी भी बड़ी आबादी में मौजूद है. ऐसे में चीन की तरह डरने की ज़रूरत तो नहीं लेकिन सरकार सतर्क हो गई है. अभी कोविड गाइडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए ये निर्देश

•             सर्दी और फ्लू की जांच करवाएं

•             बूस्टर डोज़ की खुराक लें

•             सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें

•             भीड़ में मास्क का इस्तेमाल करें

अब कोरोना पर हर हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय की समीक्षा बैठक होगी. इसके अलावा देश में बाहर से आने वाले यात्रियों की भी रैंडम जांच शुरू की गई है. लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है.

चीन में कोरोना के तेज रफ्तार से फैलने की वजह कोरोना का नया वेरिएंट BF.7 है. आपको बताते हैं ये कितना ख़तरनाक है.

•             वेरिएंट BF.7 ओमिक्रॉन वेरिएंट से निकला है और ये ओमिक्रॉन का सबसे ताकतवार वेरिएंट है

•             वेरिएंट BF.7 बहुत जल्दी एक इंसान से दूसरे इंसान में ट्रांसफर होता है

•             संक्रमित होने के बाद इसके लक्षण भी तुरंत सामने आते हैं 

•             वेरिएंट BF.7  में 1 मरीज़ से 16 लोगों को संक्रमित करने की क्षमता है

•             वेरिएंट BF.7 कमज़ोर इम्युनिटी वालों पर घातक साबित होता है…इसलिए चीन में बुजुर्ग सबसे ज्यादा इंफेक्टेड हैं

•             वेरिएंट BF.7 इतना ताकतवर है कि चीन में फुली वैक्सीनेटेड लोगों को भी ये संक्रमित कर रहा है

चीन के बाद जापान-अमेरिका में भी फूटा कोरोना बम, 24 घंटे में 5.37 लाख नए मरीज

चीन ही नहीं दुनियाभर में कोरोना के केस तेजी से बढ़ने लगे हैं. पिछले 24 घंटे में दुनियाभर में 5.37 लाख केस सामने आए हैं. वहीं 1396 लोगों की जान इस दौरान गई है. पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा केस जापान में मिले हैं. इतना ही नहीं अमेरिका में भी 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. उधर, चीन में कोरोना से तबाही जारी है. यहां न सिर्फ तेजी से केस बढ़ रहे हैं, बल्कि महामारी से लोगों की जान भी जा रही है.

हालत ये हो गए हैं कि अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए जगह नहीं बची है. यह बात वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी मानी है. WHO ने कहा कि कोरोना की मौजूदा लहर के चलते चीन में अस्पताल भर गए हैं. चीन के अलावा अमेरिका, जापान समेत दुनिया के तमाम देशों में भी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में भारत सरकार के साथ साथ राज्य भी अलर्ट पर आ गए हैं. आईए जानते हैं कोरोना के 10 बड़े अपडेट्स-

1- 24 घंटे में दुनियाभर में कितने केस मिले?

कोरोना के आंकड़ों पर नजर रखने वाली संस्था worldometer के मुताबिक, दुनियाभर में पिछले 24 घंटे में 5.37 लाख केस सामने आए हैं. वहीं 1396 लोगों की मौत महामारी से हुई है. अब तक दुनियाभर में कोरोना के 659497698 केस मिल चुके हैं. वहीं 20 करोड़ एक्टिव केस हैं.

2- जापान में सबसे ज्यादा केस मिले

जापान में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2.06 लाख केस मिले हैं. वहीं, 296 लोगों की मौत हुई है. अमेरिका में भी 50 हजार से ज्यादा केस मिले हैं. जबकि 323 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इसके अलावा दक्षिण कोरिया में 88,172, फ्रांस में 54,613 और ब्राजील में 44415 केस मिले हैं. जबकि ब्राजील में महामारी से 197 लोगों की मौत हुई है.

3- भारत में कितने केस मिले?

भारत में पिछले 24 घंटे में 145 केस मिले हैं. हालांकि, इस दौरान किसी की जान नहीं गई है. अब तक देश में 44,677,594 केस मिल चुके हैं. वहीं, 5.3 लाख लोग अब तक महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं. देश में एक्टिव केस सिर्फ 4672 हैं.

4- चीन में कितने केस मिले?

चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में बुधवार को 3,030 केस मिले हैं. जबकि किसी की जान नहीं गई है. इससे पहले मंगलवार को कोरोना से चीन में 5 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, चीन से जो वीडियो और तस्वीरें सामने आ रही हैं, वे कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं. इतना ही नहीं WHO ने भी माना है कि चीन में मौजूदा लहर के चलते अस्पताल भर गए हैं.

दुनिया भर में कोरोना से जुड़े अपडेट्स

कोरोना वर्ल्ड स्पीडोमीटर के आंकड़ों का मानें तो अमेरिका में बीते 24 घंटे में 326, फ्रांस में 127, ब्राजील में 197, साउथ कोरिया में 59, जापान में 296, रूस में 59 मौतें दर्ज की गई हैं. ये आंकड़ा आठ बजे तक का है।

अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील, साउथ कोरिया और जापान में ज्यादा मौतें हो रही हैं. ऐसा लग रहा है कि चीन से बढ़कर वायरस यूरोप के कई देशों तक पहुंच गया है।

जर्मनी ने बुधवार को बर्लिन से बायोएनटेक कोविड वैक्सीन की पहली खेप चीन भेजी है। ये वैक्सनी पहले चीन में रह रहे 20 हजार जर्मन प्रवासियों को लगाई जाएगी।

अब जापान, दक्षिण कोरिया और फ्रांस में कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। Worldometers.info के डेटा के मुताबिक, इन देशों में मरीजों की संख्या 10 लाख 65 हजार, 4 लाख 61 हजार और 3 लाख 58 हजार है।

एक हफ्ते में दुनिया में कोरोना के 34 लाख 84 हजार मामले सामने आए हैं। 9 हजार 928 लोगों की मौत हुई है। भारत में 7 दिन में 1,081 मामले सामने आए हैं।

एक हफ्ते में दुनिया में कोरोना के 34 लाख 84 हजार मामले सामने आए हैं। 9 हजार 928 लोगों की मौत हुई है। भारत में 7 दिन में 1,081 मामले सामने आए हैं।

कोरोना के अंत की घोषणा करना होगी जल्दबाजी

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का कहना है कि कोरोना के वैश्विक अंत की घोषणा करना फिलहाल जल्दबाजी होगी। यानी कोरोना अब भी ग्लोबल इमरजेंसी बना रहेगा। WHO ने ये बात चीन में लॉकडाउन हटने के बाद बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए कही है।

चीन से कोविड डेटा भी मांगा

15 दिसंबर को WHO के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने कहा था कि 2023 में कोरोना ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं रहेगा। उन्होंने कहा था- हम उम्मीद करते हैं कि अगले साल हम ये कह सकें की कोरोना का खतरा कम हो गया है और ये हेल्थ इमरजेंसी नहीं है।

उन्होंने चीन से कोरोना वायरस को लेकर डेटा शेयर करने के लिए भी कहा था। WHO ने एक बयान में कहा- कोरोना को बेहतर ढंग से समझने के लिए और इसके ओरिजन से जुड़ी जानकारी के लिए चीन से डेटा मांगा गया है। चीन के वुहान में ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था।

चीन में 7 दिन में 15 हजार 548 केस और 7 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स को आशंका है कि सही आंकड़ा छुपाया जा रहा है। मरीजों की संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है।

चीन में 7 दिन में 15 हजार 548 केस और 7 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स को आशंका है कि सही आंकड़ा छुपाया जा रहा है। मरीजों की संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है।

फ्रांस में हालात बिगड़े, एक दिन में 57 हजार मामले मिले

फ्रांस में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 16 दिसंबर को यहां 57,849 मामले सामने आए थे। सरकार लोगों से मास्क लगाने की अपील कर रही है। लोगों को बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दी जा रही है। इधर, साउथ कोरिया में 20 दिसंबर को 87,759 मामले सामने आए थे। 56 लोगों की मौत हुई थी।

अमेरिका में नया खतरा

अमेरिका में भी एक बार फिर कोविड केस बढ़ने लगे हैं। बुधवार को कुल संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार हो गया। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक स्पेशल रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन के लिए सबसे बड़ी फिक्र बुजुर्गों का वैक्सीनेशन है।

रिपोर्ट के मुताबिक- 65 साल या इससे ज्यादा उम्र के 94% सीनियर सिटिजन्स ने शुरुआती दो वैक्सीन डोज लिए हैं। चिंता की बात यह है कि 36% बुजुर्ग ऐसे हैं जिन्होंने बूस्टर शॉट नहीं लगवाए और नई लहर में इन्हें खतरा माना जा रहा है। मेडिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार के पास इस दिक्कत से निपटने का कोई पुख्ता प्लान भी नहीं है। दिक्कत इसलिए भी है क्योंकि 70 साल या इससे ज्यादा उम्र के अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का आंकड़ा कम उम्र के लोगों से चार गुना ज्यादा रहा है।

चीन अनलॉक पर उतारू, कामगारों से कह रहा- संक्रमित हो तो भी काम पर लौटो

चीन में कोरोना संक्रमण जिस तरह से तांडव मचा रहा है और हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। इन हालातों में भी शी जिनपिंग चीन में लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं हैं। देश को अनलॉक करने के लिए चीन 3 साल पुरानी जीरो कोविड नीति को भी छोड़ चुका है। अलग-अलग माध्यमों से लोगों को यह समझा रहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट खतरनाक नहीं है। यह मौसमी फ्लू जैसा ही है। देश के सबसे प्रभावशाली महामारी विज्ञानी झोंग नानशान ने तो हाल ही में यह तक कह दिया कि ओमिक्रॉन वायरस जुकाम से ज्यादा कुछ नहीं है।

अधिकारियों का मानना है कि वायरस भले ही फैले लेकिन अर्थव्यवस्था की गति बनी रहनी चाहिए। मैन्यूफैक्चरिंग और फैक्ट्रियों में उत्पादन नहीं थमना चाहिए। इसी नीति के तहत शहरों में कामगारों से कहा जा रहा है कि भले ही वे संक्रमित हों, उन्हें काम पर लौटना चाहिए। अधिकारियों ने पश्चिमी महानगर चोंगकिंग में सरकारी कर्मचारियों से कहा है कि अगर वे गैर लक्षणों वाले कोरोना से संक्रमित हैं, तो उन्हें काम पर आना होगा। उधर पूर्वी तट पर मैन्यूफैक्चरिंग हब जेझियांग में अधिकारी ने कहा कि संक्रमित होने के बावजूद लोगों को काम करना चाहिए।

चीन में ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट ने बढ़ाया खतरा

चीन में ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट BF.7 फैल रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वैरिएंट है। BF.7 वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है जिसका नाम है R346T। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वैरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता।

आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। BF.7 वैरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में घुसने में सक्षम है।

इन चीजों का भी जरूर रखें ध्यान- सरकार ने भी जारी की है एडवाइजरी
Coronavirus Alert: कोरोना से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को जरूरी बताया गया है. इसके लिए दो गज की दूरी बनाने की बात कही गई थी. जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके.
कोरोना मामले कम होने पर हटाई गई थी पाबंदियां
भारत में कोरोना ने पहली और दूसरी लहर में जमकर तबाही मचाई, सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और अस्पतालों की व्यवस्था भी चरमरा गई. हालांकि इसके बाद हालात सुधरते गए और लगातार मामलों में कमी देखी गई. मामले कम होने के साथ ही कोरोना पाबंदियों में भी ढील शुरू हो गई. आखिरकार 1 अप्रैल 2022 से तमाम तरह की पाबंदियां हटा दी गईं.

अगर आप किसी से मिलते हैं तो बिना फिजिकल टच यानी बिना हाथ मिलाए या गले मिले उसे ग्रीट कीजिए. इसके लिए आप हाथ जोड़कर नमस्कार कर सकते हैं.
कोरोना से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को जरूरी बताया गया है. इसके लिए दो गज की दूरी बनाने की बात कही गई थी. जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके.
सरकार की तरफ से लोगों को सलाह दी गई है कि हाथ से बने रीयूजेबल फेस मास्क का इस्तेमाल करें. खासतौर पर भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क जरूर पहनें.
अगर आप बाहर हैं तो अपने हाथों से अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें. इसके लिए आप पहले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं. हाथों को लगातार धोते रहें.
सरकार की तरफ से कोरोना से बचाव के लिए खुले में थूकने से बचने की भी सलाह दी गई है. इससे कोरोना फैलने का खतरा ज्यादा बना रहता है.
कोरोना से बचाव के लिए बहुत जरूरी होने पर ही ट्रैवल करने की सलाह दी गई है. साथ ही कहा गया है कि भीड़भाड़ वाली जगह का हिस्सा न बनें, यानी भीड़ से खुद को अलग रखें.
सोशल मीडिया पर कोई भी ऐसा पोस्ट न डालें जिससे नेगेटिव जानकारी या डर फैलने का खतरा हो. कोरोना को लेकर कोई भी जानकारी लेनी हो तो उसके लिए क्रेडिबल सोर्स का इस्तेमाल करें.

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प्यार में सिरफिरे आशिक ने ली बिलिंग के चौथी मंजिल से फेक कर जान , फिर शव लेकर फरार : नोएडा

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डिजिटल भारत l सिरफिरे आशिक ने एकतरफा प्यार के प्रस्ताव को ठुकराने पर हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं. युवती को चौथी मंजिल से फेंक दिया और उसके शव को लेकर भाग गया. पुलिस ने आरोपी को मेरठ के पास से एंबुलेंस में शव के साथ गिरफ्तार कर लिया है.
युवती के परिजनों का कहना है कि यह सिरफिरा आशिक युवती को लगातार तंग कर रहा था. इसकी शिकायत पुलिस में भी की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से उसके हौसले बढ़ गए थे और उसने इस घटना को अंजाम दे दिया.
योगी की सरकार के लाख दावों के बाद भी प्रदेश महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.

इसकी बानगी एक बार फिर नोएडा में देखने को मिली, जब एक सिरफिरे आशिक ने एकतरफा प्यार के प्रस्ताव को ठुकराने पर हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए युवती को चौथी मंजिल से फेंक उसकी जान ले ली. फिर उसके शव को लेकर भाग गया. पुलिस ने आरोपी को मेरठ के पास से एंबुलेंस में शव के साथ गिरफ्तार किया है. युवती के परिजनों का कहना है कि यह सिरफिरा आशिक युवती को लगातार तंग कर रहा था. इसकी शिकायत पुलिस में भी की गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से उसके हौसले बढ़ गए थे और उसने इस घटना को अंजाम दे दिया.

सिरफिरे आशिक का नाम गौरव है. गौरव विवाहित है और कोतवाली 49 क्षेत्र के होशियारपुर गांव में रहने वाली 22 वर्षीय युवती शीतल से एकतरफा प्यार करता था. शीतल के भाई कुणाल ने बताया कि शीतल और उसके परिजन गौरव की हरकतों से परेशान थे और इस बात को लेकर पहले थाने में और पुलिस चौकी पर शिकायत कर चुके थे, लेकिन पुलिस ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की बल्कि दबाव डालकर समझौता करा दिया और कहा कि गौरव अब कुछ नहीं करेगा.


कुणाल ने बताया कि उसकी बहन होशियारपुर स्थित शर्मा मार्केट में इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी करती थी और जहां आज गौरव उसके पीछे पहुंच गया. शीतल ने जब उसके प्रेम प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो गौरव ने उसे चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया. फिर वह नीचे आया और खुद को शीतल का भाई बताते हुए अस्पताल ले जाने के नाम पर उसके शव को कार में लेकर भाग गया.

इस बीच युवती के चौथी मंजिल से गिरने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की तो परिजनों ने बताया कि गौरव युवती का भाई नहीं है बल्कि सिरफिरा आशिक है, जो लगातार उसे तंग कर रहा था.

जब युवती नोएडा के अस्पतालों में काफी तलाश करने के बाद नहीं मिली, तब पुलिस ने गौरव के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया और फिर मेरठ कंकरखेड़ा के पास एंबुलेंस में शव के साथ उसे पकड़ लिया. गौरव ने बताया कि उसकी शीतल के शव को बिजनौर ले जाकर जलाने की योजना थी. उसका कहना था कि उसने युवती से शादी की थी. अब वह उससे दूर जा रही थी, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया.

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56” joined Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी को मिला पूजा भट्ट का साथ ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का 56वां दिन

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पूजा भट्ट, बुधवार को हैदराबाद में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं, पूजा यात्रा में हिस्सा लेने वाली पहली बॉलीवुड सेलेब्रिटी हैं
बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट सिनेमाई दुनिया से थोड़ा दूर ही रहती हैं, लेकिन अक्सर किसी न किसी वजह से खबरों में रहती हैं। ऐसे में अब पूजा, भारत जोड़ो यात्रा के साथ जुड़ गई हैं। पूजा भट्ट, बुधवार को हैदराबाद में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं, पूजा यात्रा में हिस्सा लेने वाली पहली बॉलीवुड सेलेब्रिटी हैं, उन्हें यात्रा में राहुल के साथ पैदल चलते समय बातचीत करते हुए भी देखा गया।
https://twitter.com/ANI/status/1587646588205559808?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1587646588205559808%7Ctwgr%5Ebaef3f7aebcbcccc1e32e7c804e8bf5cf488d584%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.livehindustan.com%2Fentertainment%2Fstory-pooja-bhatt-joined-rahul-gandhi-and-walked-along-with-the-march-for-a-brief-period-on-the-56th-day-of-bharat-jodo-yatra-7295955.html

बता दें कि पूजा भट्ट अक्सर की देश विदेश से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखती हैं। ऐसे में अब वो राहुल के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं, जहां उन्हें राहुल के साथ तेज गति से पैदल चलते देख यात्रा मार्ग में मौजूद लोग काफी खुश नजर आए। भारत जोड़ो यात्रा बुधवार को हैदराबाद सिटी स्थित बालानगर मेन रोड के एमजीबी बजाज शोरूम से फिर से शुरू हुई। यह राहुल गांधी की अगुवाई वाली इस यात्रा का 56वां दिन है।
याद दिला दें कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। यात्रा पिछले सप्ताह तेलंगाना में प्रवेश करने से पहले तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से गुजरी। वहीं तेलंगाना में भारत जोड़ो यात्रा का आज आठवां दिन है। कांग्रेस की तेलंगाना इकाई ने यात्रा के समन्वय के लिए 10 विशेष समितियों का गठन किया है।
पूर्व मंत्री राउत की आंख और हाथ पैर में चोट
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हैदराबाद में पुलिस के धक्के से महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नितिन राउत घायल हो गए हैं। उन्हें हैदराबाद के वसावी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी एक आंख व हाथ-पैर में चोट आई है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को हैदराबाद की पहचान चार मीनार के सामने तिरंगा फहराया था। करीब 32 साल पहले उनके पिता और तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष राजीव गांधी ने भी उसी स्थान से ‘सदभावना यात्रा’ की शुरुआत की थी। राहुल गांधी ने जब राष्ट्रीय ध्वज फहराया तब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, वरिष्ठ पार्टी नेता दिग्विजय सिंह, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति (टीपीसीसी) के अध्यक्ष रेवंथ रेड्डी भी मौजूद थे। राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो’ के नारे और सड़क किनारे खड़ी भीड़ के बीच चारमीनार पहुंचे। इस दौरान चारमीनार जाने वाली सड़कों पर बड़ी संख्या में पार्टी के झंडे के साथ कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इस मौके पर राहुल गांधी ने मंच पर पिता राजीव गांधी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि जिस स्थान पर राहुल गांधी ने तिरंगा फहराया है, उसी स्थान से 19 अक्टूबर 1990 को उनके पिता राजीव गांधी ने ‘सद्भावना यात्रा’ शुरू की थी। उन्होंने कहा कि हर साल उस दिन कांग्रेस यहां तिरंगा फहराती है। रमेश ने कहा कि इस बार 19 अक्टूबर को हम यहां तिरंगा नहीं फहरा सके थे, इसलिए मंगलवार को राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।

भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु़ के कन्याकुमारी से 7 सितंबर 2022 को शुरू हुई है। यह तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश से गुजरते हुए तेलंगाना पहुंच चुकी है। करीब 150 दिन चलने वाली यह यात्रा जम्मू-कश्मीर में खत्म होगी।

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“वन नेशन, वन यूनिफॉर्म” यह देश की एकता और अखंडता से भी उतना ही जुड़ा: PM मोदी

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प्रधानमंत्री ने कहा कि यद्यपि संविधान के हिसाब से कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है लेकिन यह देश की एकता और अखंडता से भी उतना ही जुड़ा हुआ है.

विचार का प्रस्‍ताव रखा

पांच, 50 या 100 साल में यह हो सकता है. लेकिन हमें इसके बारे में विचार करना चाहिए.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस के लिए ‘एक देश, एक यूनिफॉर्म’ के विचार का प्रस्‍ताव रखा. विभिन्‍न बलों के बीच एकरूपता को लेकर अपनी बात रखते हुए पीएम ने कहा कि यह केवल एक विचार है और वह इसे राज्यों पर थोपने का प्रयास नहीं कर रहे हैं. उन्‍होंने राज्‍यों से सुझाव के तौर पर इस बारे में विचार करने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने कहा, “पुलिस के लिए  ‘वन नेशन, वन यूनिफॉर्म” केवल एक विचार है. मैं इसे आप पर इसे थोपने की कोशिश नहीं कर रहा हूं. बस इस पर विचार करें. यह हो सकता है.

देशभर में पुलिस की पहचान एक जैसी हो सकती है.

यहां राज्यों के गृह मंत्रियों के दो दिवसीय ‘‘चिंतन शिविर” को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए राज्यों के बीच निकट सहयोग की वकालत की. उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद ना सिर्फ संविधान की भावना है बल्कि यह केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी भी है. पीएम ने कहा कि उनका मानना है कि देशभर में पुलिस की पहचान एक जैसी हो सकती है. उन्होंने सभी राज्य सरकारों से पुराने कानूनों की समीक्षा करने और आज के संदर्भ में उनमें सुधार करने का आग्रह किया. उन्होंने कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की उभरती चुनौतियों के समाधान के लिए सभी एजेंसियों के बीच समन्वित कार्रवाई की भी गुजारिश की.मोदी ने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना ‘‘बहुत महत्वपूर्ण” है और इस राह में जो खामियां विद्यमान हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए.

कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध

प्रधानमंत्री ने कहा कि यद्यपि संविधान के हिसाब से कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है लेकिन यह देश की एकता और अखंडता से भी उतना ही जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘हर एक राज्य एक दूसरे से सीखे, एक दूसरे से प्रेरणा ले और आंतरिक सुरक्षा के लिए मिलकर काम करे. आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का साथ मिलकर काम करना संवैधानिक अनिवार्यता है और साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है.”पीएम ने कहा कि सभी एजेंसियों को, वह चाहे केंद्र की हों या राज्यों की, सभी को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए ताकि दक्षता बढ़े, बेहतर परिणाम सामने आए और आम जन को सुरक्षा मिले. उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है.

कानून-व्यवस्था के पूरे तंत्र के लिए भरोसेमंद होना बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए आम जन से पुलिस का संबंध और संवाद बेहतर होना चाहिए ताकि उनके बारे में अच्छी धारणा बने.पिछले वर्षों में भारत सरकार के स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े सुधार हुए हैं, जिसने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने का काम किया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रौद्योगिकी के लिए एक साझा मंच के बारे में सोचने की जरूरत है जिसे सभी के द्वारा साझा किया जा सके. राज्यों की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को भी एक दूसरे से साझा किया जा सकता है. साइबर अपराध हो या फिर ड्रोन प्रौद्योगिकी का हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई प्रौद्योगिकी पर काम करते रहना होगा. स्मार्ट प्रौद्योगिकी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा.”फर्जी खबरों के प्रवाह का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि ऐसी खबरों की सच्चाई सामने लाया जाना आवश्यक है और इसमें प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका है.उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी खबरों को जाचंने की प्रक्रिया या तंत्र के बारे में लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है ताकि किसी और से साझा करने से पहले वह उसे जांच सकें.”इस शिविर में राज्यों के गृह मंत्रियों के अलावा वहां के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय सुरक्षा बलों के महानिदेशक भी शामिल हुए.

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It is known to the public at large Shri Sanjeev Singh celebrity designer had planned to organize an event in Dubai on 06 Aug 2022 to 12 Aug 2022 under the name of Fashion Runway Night and invited to the varlous contestants payment but unfortunately due to unavoidable circumstances and lack of cooperation by the team of Dubai, event could not organized as per schedule and the same was postponed for any convenient date and time. T+ is pertinent to mention here that the contestants who had deposited participation fee shall not be returned in any condition as per the Rules and Requlation of Dubai team. It is further known to the public at large that the contestants who have filed their form of participation are requested to wait for fresh schedule of event and not to make any complaint against my client failing which they shall be responsible for cost, risk and consequences. A. K. DANISH navocaro . DELHI HIGH COURT Ch. No. K-35, Tis Hazari, Delhi-54 [email protected] Mobile No • 9810706377 A.K. DANISH

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विधायक दल का नया नेता चुनेगी कांग्रेस, सोनिया ने मुकुल वासनिक को भेजा, पांच विधायक ‘लापता’

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गोवा में विपक्षी दल कांग्रेस ने रविवार को बताया कि राज्य में उसके 11 में से पांच विधायकों से ‘‘संपर्क नहीं हो पा रहा है.
उसने अपने 2 MLA माइकल लोबो और पूर्व CM दिगंबर कामत पर BJP के साथ मिलकर पार्टी के खिलाफ ‘‘साजिश’’ का आरोप लगाया.

कांग्रेस को गोवा में बड़ा झटका लगा है। माइकल लोबो सहित उसके पांच विधायक लापता हैं। कयास हैं कि ये विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इस घटनाक्रम के बीच कांग्रेस ने माइकल लोबो को गोवा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) के पद से हटा दिया। पार्टी ने उन पर और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर भाजपा के साथ मिलकर पार्टी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के गोवा डेस्क प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा कि लोबो और कामत के अलावा पार्टी के तीन अन्य विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुकुल वासनिक को गोवा जाने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट करके यह जानकारी दी।

गोवा में विपक्षी दल कांग्रेस ने रविवार को बताया कि राज्य में उसके 11 में से पांच विधायकों से ‘‘संपर्क नहीं हो पा रहा है और उसने अपने दो विधायकों माइकल लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर BJP के साथ मिलकर पार्टी के खिलाफ ‘‘साजिश’’ रचने का आरोप लगाया. यह घटनाक्रम इन अटकलों के बीच सामने आया है कि 40 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के कुछ विधायक BJP में शामिल हो सकते हैं.

राज्य विधानसभा सत्र की पूर्व संध्या पर यह घोषणा करते हुए, कांग्रेस के गोवा डेस्क प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा कि लोबो और कामत के अलावा, पार्टी के तीन अन्य विधायकों से ‘‘संपर्क नहीं हो पा रहा है.’’ राव ने कहा कि पार्टी के पांच विधायक – लोबो, कामत, केदार नाइक, राजेश फलदेसाई और डेलियाला लोबो से संपर्क नहीं हो पा रहा है, जबकि पांच अन्य – एल्टन डी’कोस्टा, संकल्प अमोनकर, यूरी अलेमाओ, कार्लोस अल्वारेस फरेरा, रुडोल्फ फर्नांडीस संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे.

राव ने कहा, ‘‘एलओपी माइकल लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत गोवा में कांग्रेस में दलबदल सुनिश्चित करने के लिए भाजपा के साथ मिलकर साजिश रच रहे थे. पार्टी ने लोबो को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाने का फैसला किया है.’ उन्होंने कहा, ‘‘छठे विधायक एलेक्सो सिकेरा पार्टी नेताओं के संपर्क में है और कांग्रेस के साथ हैं.’’ सत्तारूढ़ भाजपा के पास वर्तमान में 20 विधायक हैं और उसे पांच अन्य का भी समर्थन प्राप्त है. इस साल फरवरी में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 11 सीट पर जीत हासिल की थी.

नेता प्रतिपक्ष से हटाया लोबो को

कांग्रेस ने लोबो को गोवा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) के पद से हटा दिया है. राज्य विधानसभा सत्र की पूर्व संध्या पर यह घोषणा करते हुए, कांग्रेस के गोवा डेस्क प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा कि लोबो और कामत के अलावा, पार्टी के तीन अन्य विधायकों से ‘‘संपर्क नहीं हो पा रहा है.’’ गौरतलब है कि गोवा में यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब हाल में पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सत्तारूढ़ शिवसेना के कुछ विधायकों के बागी हो जाने के कारण महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई.
सत्ता का लुत्फ उठाने वाले लोग आज लालची हो गए
कांग्रेस गोवा प्रभारी दिनेश गुंडू राव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी से सत्ता का लुत्फ उठाने वाले लोग आज लालची हो गए हैं। मैं माइकल लोबो और दिगंबर कामत से बहुत निराश हूं। राजनीति में आपको सिद्धांतों के लिए लड़ना होता है न कि सत्ता के लिए।

सत्ता आती है और जाती है।

राव ने कहा कि पार्टी के पांच विधायक लोबो, कामत, केदार नाइक, राजेश फलदेसाई और डेलियाला लोबो से संपर्क नहीं हो पा रहा है। पांच अन्य विधायक एल्टन डी कोस्टा, संकल्प अमोनकर, यूरी अलेमाओ, कार्लोस अल्वारेस फरेरा, रुडोल्फ फर्नांडीस हमारे साथ मौजूद हैं। छठे विधायक एलेक्सो सिकेरा पार्टी नेताओं के संपर्क में है और कांग्रेस के साथ हैं।

गुंडू राव बोले, भाजपा के साथ मिलकर हमारे कुछ नेताओं ने साजिश रची
दिनेश गुंडू राव ने बताया कि हमारे कुछ नेताओं ने भाजपा के साथ मिलकर यह साजिश रची थी कि गोवा में कांग्रेस पार्टी को कमजोर किया जाए और दलबदल का प्रयास किया जाए। इस साजिश का नेतृत्व हमारे ही दो नेताओं एलओपी माइकल लोबो और दिगंबर कामत ने किया था। ये दोनों लोग बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे थे। दिगंबर कामत पर कई मामले दर्ज हैं, इसलिए उन्होंने खुद को बचाने के लिए ऐसा किया और माइकल लोबो ने सत्ता और स्थिति के लिए यह कदम उठाया। हम जल्द ही नए नेता का चुनाव करेंगे। इस प्रकार के दलबदल के खिलाफ कानून और पार्टी विरोधी काम के लिए जो भी उचित होगा कार्रवाई की जाएगी। देखते हैं कितने लोग रुकेंगे या चले जाएंगे।

दिनेश गुंडू राव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी निराश या कमजोर नहीं होगी। हम इस मुद्दे को और आक्रामक तरीके से उठाएंगे। सत्ता और निजी फायदे के लिए दो लोगों द्वारा किए जा रहे इस विश्वासघात को हम लोगों तक पहुंचाएंगे।

भाजपा का धनतंत्रदिग्विजय बोले,
गोवा में कांग्रेस के कुछ विधायकों के सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र नहीं है, बल्कि भगवा पार्टी की धन शक्ति है। वह आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर सोलापुर जिले के पंढरपुर में भगवान विट्ठल की पूजा करने के बाद पुणे में पत्रकारों से बात कर रहे थे। कांग्रेस के 11 विधायकों में से कुछ के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस बात की जांच करने की जरूरत है कि इनमें से कितने विधायक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग द्वारा मामलों का सामना कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यदि आप इसके बारे में जानते हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि यह लोकतंत्र नहीं है, बल्कि यह भाजपा का धनतंत्र है।

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भारतीय दूतावास ने दी सफाई, सुब्रमण्‍यम स्‍वामी की भारतीय सेना भेजने की सलाह पर भड़के श्रीलंकाई

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डिजिटल भारत: भारतीय सेना भेजने की सुब्रमण्‍यम स्‍वामी की मांग पर श्रीलंका के लोग भड़क गए हैं। यही नहीं श्रीलंका में भारतीय दूतावास ने स्‍वामी के बयान से पल्‍ला झाड़ लिया है और कहा कि यह भारत सरकार की स्थिति के अनुरूप नहीं है। इससे पहले राजपक्षे परिवार के बेहद करीबी स्‍वामी ने कहा था कि गोटाबाया और महिंदा राजपक्षे स्‍वतंत्र चुनाव में शानदार बहुमत के साथ चुने गए हैं। उन्‍होंने सवाल किया कि कैसे भारत एक भीड़ को एक वैध सरकार को पलटने की अनुमति दे सकता है ?

स्‍वामी के इस बयान पर श्रीलंका के सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गरम हो गया। इन अफवाहों को खत्‍म करने के लिए श्रीलंका में भारतीय दूतावास ने बयान जारी करके स्‍वामी के बयान पर सफाई दी। भारतीय दूतावास ने साफ किया, ‘उच्‍चायोग मीडिया और सोशल मीडिया के एक धड़े में अटकलों के आधार पर चल रही रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज करता है कि भारत श्रीलंका में अपनी सेना भेजने जा रहा है। ये खबरें और इस तरह के विचार भारत सरकार की स्थिति के अनुसार नहीं हैं।’ राजपक्षे सैन्‍य मदद चाहते हैं तो भारत करे: स्‍वामी
भारतीय दूतावास ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने स्‍पष्‍ट रूप से जोर देकर कहा है कि भारत का रुख श्रीलंका के लोगों के साथ है जो समृद्धि के लिए अपनी आकांक्षाओं को वास्‍तविक रूप देना चाहते हैं और लोकतांत्रिक तरीके और मूल्‍यों के जरिए प्रगति चाहते हैं।’ इससे पहले श्रीलंका के हालात को देखते हुए स्‍वामी ने यह भी कहा था कि अगर ऐसा रहा तो पड़ोस में कोई भी लोकतांत्रिक देश सुरक्ष‍ित नहीं रहेगा। स्‍वामी ने कहा, ‘अगर राजपक्षे भारत की सैन्‍य मदद चाहते हैं तो हमें उन्‍हें निश्चित रूप से देना चाहिए।’
स्‍वामी ने यह भी दावा किया कि श्रीलंका में वर्तमान संकट को पैदा किया गया है। भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह भीड़ भारत में शरणार्थी न बन जाए। भारतीय सेना को भेजने की सलाह पर स्‍वामी के खिलाफ श्रीलंका के लोग सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल करने लगे। इस पर स्‍वामी भड़क गए। उन्‍होंने कहा कि यह अच्‍छी बात है कि भारतीय ट्विटर पर आमतौर पर सभ्‍य भाषा का इस्‍तेमाल कर रहे हैं लेकिन श्रीलंकाई भीड़ बहुत क्रूर, अश्‍लील और असभ्‍य है। स्‍वामी और राजपक्षे परिवार के बीच बहुत ही करीबी संबंध रहे हैं। अक्‍सर राजपक्षे परिवार के निमंत्रण पर स्‍वामी श्रीलंका जाते रहते थे।

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यूक्रेन के एक और शहर पर रूस का कब्जा, मेयर को भी कर लिया अगवा; जेलेंस्की ने किया दावा

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रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से क्या आ सकती है वैश्विक मंदी?

रूसी सेनाएं तेजी से कीव को कब्जा करने की ओर बढ़ रही हैं और उससे पहले आसपास के शहरों पर वह नियंत्रण करने में जुटी है। इस बीच यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि मेलिटोपोल पर कब्जा करने के साथ ही रूसी सेना ने शहर के मेयर इयान फेडोरोव को भी अगवा कर लिया है। यूक्रेन का कहना है कि फेडोरोव ने उनसे सहयोग करने से इनकार कर दिया था और उसके बाद उन्हें रूसी सेना ने अगवा कर लिया। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि मेयर को अगवा करना लोकतंत्र के खिलाफ है और वॉर क्राइम जैसा है।

राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, ‘मेलिटोपोल के मेयर की किडनैपिंग लोकतंत्र के खिलाफ युद्ध अपराध है। मैं बताना चाहता हूं कि रूस की इस हरकत के बारे में दुनिया के लोकतांत्रिक देशों के 100 फीसदी लोग जानेंगे।’ शनिवार को सुबह कीव में कई धमाकों की आवाज सुनी गई। शहर के बाहरी इलाकों इरपिन और होस्टोमेल में इस बीच कड़ा संघर्ष चल रहा है और रूसी सेना तेजी से आगे बढ़ रही है।

यूक्रेन के साथ संघर्ष में जेलेंस्की की ही रणनीति अपना ली है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वॉलंटियर्स को यूक्रेन के युद्ध में जाने की मंजूरी दे दी है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष का आज 17वां दिन है और लगातार युद्ध जारी है। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि युद्ध के चलते कोरोना वायरस के केसों में इजाफा हो सकता है। संस्था ने कहा कि इस युद्ध के चलते पलायन हो रहा है। यूक्रेन में वैक्सीनेशन का आंकड़ा बेहद कम है और उसके चलते दूसरे देशों में जाने वाले लोगों से कोरोना का विस्फोट हो सकता है।

वैश्विक मंदी?

 ‘स्टैगफ्लेशन’ और तेल की क़ीमतों पर असर

रूस और यूक्रेन में युद्ध के बीच दुनिया भर में अर्थव्यवस्था को लेकर भी चिंता जन्म ले रही है, मगर जानकारों का मानना है कि जंग के बावजूद इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था तरक्की की राह पर रहेगी. हालांकि उनका ये भी कहना है कि युद्ध का असर दुनिया के हर कोने में महसूस किया जाएगा.

लेकिन असर कितना बुरा रहेगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि युद्ध कितना लंबा खिंचता है, वैश्विक बाज़ार अभी जिस उथलपुथल से गुज़र रहा है वो कुछ समय की बात है या इसका असर लंबे वक्त तक रहेगा.

यहाँ हम ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इस युद्ध का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कितना बड़ा असर पड़ेगा, और क्या इस कारण वैश्विक मंदी आ सकती है.

अलग जगहों पर अलग असर

ब्रिटेन में मौजूद कंसल्टेन्सी कंपनी ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स के अनुसार रूस और यूक्रेन के लिए युद्ध का आर्थिक परिणाम ‘नाटकीय’ होगा लेकिन दुनिया के बाकी मुल्कों के लिए ये एक जैसा नहीं होगा.

ईंधन के मामले में पोलैंड अपनी ज़रूरत का आधा रूस से आयात करता है. वहीं तुर्की अपनी ज़रूरत का एक तिहाई कच्चा तेल रूस से लेता है.

इनके मुक़ाबले रूस के साथ अमेरिका का व्यापार उसके जीडीपी का केवल 0.5 फ़ीसदी है. चीन के लिए ये आंकड़ा 2.5 फ़ीसदी है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इन दोनों पर रूस-यूक्रेन संकट का अधिक असर नहीं पड़ेगा.

ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स में ग्लोबल मैक्रो रीसर्च के निदेशक बेन मे कहते हैं कि वैश्विक आर्थिक विकास की बात करें तो अनुमान लगाया जा रहा है कि युद्ध के कारण इसकी रफ़्तार 0.2 फ़ीसदी कम हो सकती है, यानी ये 4 फ़ीसदी से कम हो कर 3.8 फ़ीसदी रह सकती है.

वो कहते हैं, “लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि युद्ध कितना लंबा खिंचता है. स्पष्ट तौर पर अगर ये युद्ध अधिक दिन चला तो इसका असर भयानक हो सकता है.”

बढ़ेंगी खाद्यान्न की क़ीमतें

युद्ध का असर खाने के सामान की कीमतों पर भी पड़ सकता है, वो इसलिए क्योंकि रूस और यूक्रेन दोनों ही कृषि उत्पाद के मामले में आगे हैं.

स्टेलेनबॉश यूनवर्सिटी और जेपी मॉर्गन में कृषि अर्थशास्त्र में सीनियर रीसर्चर वेन्डिल शिलोबो के अनुसार दुनिया में गेहूं के उत्पादन का 14 फ़ीसदी रूस और यूक्रेन में होता है, और गेंहू के वैश्विक बाज़ार में 29 फ़ीसदी हिस्सा इन दोनों देशों का है. ये दोनों मुल्क मक्का और सूरजमुखी के तेल के उत्पादन में भी आगे हैं.

यहां से होने वाला निर्यात बाधित हुआ तो इसका असर मध्यपूर्व, अफ़्रीका और तुर्की पर पड़ेगा.

लेबनान, मिस्र और तुर्की गेहूं की अपनी ज़रूरत का बड़ा हिस्सा रूस या फिर यूक्रेन से खरीदते हैं. इनके अलावा सूडान, नाइज़ीरिया, तन्ज़ानिया, अल्ज़ीरिया, कीनिया और दक्षिण अफ्रीका भी अनाज की अपनी ज़रूरतों के लिए इन दोनों देशों पर निर्भर हैं.

दुनिया की बड़ी खाद कंपनियों में से एक यारा के प्रमुख स्वेन टोरे होलसेथर कहते हैं, “मेरे लिए सवाल ये नहीं है कि क्या वैश्विक स्तर पर खाद्य संकट पैदा हो सकता है, मेरे लिए सवाल है ये है कि ये संकट कितना बड़ा होगा.”

कच्चे तेल की कीमतों के कारण खाद की कीमतें पहले ही बढ़ गई हैं. खाद के मामले में भी रूस दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में शुमार है.

होलसेथर ने बीबीसी को बताया, “इस मामले में युद्ध से पहले भी हम मुश्किल स्थिति में हैं. दुनिया की आधी आबादी को अनाज मिल पाने की एक बड़ी वजह है खाद. अगर आप खेती से खाद को हटा देंगे तो कृषि उत्पादन घटकर आधा रह जाएगा.”

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