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एक भारत उत्कृष्ट भारत

जाने तनाव के नुकसान और उससे बचने के उपाए

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डिजिटल भारत I क्या आपको पता है कि तनाव न सिर्फ आपके मस्तिष्क बल्कि शरीर की आंतरिक प्रणाली को भी नुकसान पहुंचाता है। ‘द अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन’ ने मानव शरीर की आंतरिक प्रणाली पर तनाव के प्रभावों के बारे में बताया है।

नर्वस सिस्टम

जब हम शारीरिक या मानसिक रूप से बहुत अधिक तनाव लेते हैं तो शरीर अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल इससे निपटने में करता है जिसे फाइट या फ्लाइट रिस्पांस कहते हैं। इसमें नर्वस सिस्टम एडरनल ग्लैंड को एड्रेनालिन और कॉर्टिसोल छोड़ने के निर्देश देते हैं। इन हार्मोन्स की वजह से दिल की धड़कन बढ़ जाती है, बीपी बढ़ जाता है, पाचन क्रिया प्रभावित होती है और रक्त के प्रवाह में ग्लूकोज का स्तर तेजी से बढ़ता है।

मांसपेशियां
तनाव के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव होता है। कई बार इसकी वजह से सिरदर्द, माइग्रेन या मांसपेशियों व हड्डियों से जुड़े परिवर्तन होते हैं।

श्वास संबंधी
तनाव की स्थिति में सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है। कुछ लोगों को इस वजह से कई बार पैनिक अटैक आते हैं।

हृदय पर प्रभाव
कई बार थोड़ा सा भी तनाव हार्ट रेट को बढ़ा देता है और हृदय की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं। ऐसे में हृदय द्वारा पंप किए गए रक्त को शरीर के दूसरे हिस्से में ले जाने वाली रक्त वाहिकाओं में अवरोध होता है। ऐसी स्थिति में दिल के दौरे की भी आशंका बढ़ जाती है।

इंटोक्राइन सिस्टम
जब शरीर तनाव में होता है तो दिमाग हाइपोथैलॉमस से सिग्नल भेजता है जिससे एडरनल ग्लैंड कॉर्टिसोल बनाता है और एडरनल मॉड्यूला इपाइनरफाइन नामक तनाव के हार्मोन बनाता है।

पर्याप्त नींद

रात में अगर आप एक अच्छी नींद नहीं लेते हैं तो दिनभर थका-हारा मेहसूस करते हैं। अपर्याप्त नींद आपके मूड, मेंटल अवेयरनेस, एनर्जी लेवल और फिजिकल हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसलिए अगर आप स्ट्रेस से छुटकारा पाना चाहते हैं तो पर्याप्त नींद जरूर लें।

रिलैक्स करने की तकनीक सीखें

मेडिटेशन, प्रोग्रेसिव मसल्स रिलैक्सेशन, गाइडेड इमेजरी, ब्रीदिंग एक्सरसाइज यानी गहरी सांस लेना जैसे व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। योग एक पॉवरफुल रिलैक्सेशन टेकनीक है और स्ट्रेस-बस्टर है।

सोशल नेटवर्क को मजबूत बनाएं
अपने स्कूल फ्रेंड्स से लेकर दफ्तर के साथियों के साथ संपर्क में रहें। इसके अतिरिक्त किसी संगठन में शामिल होकर या किसी तरह से सहायता कर अपना सोशल नेटवर्क बनाएं जिससे जरूरत पर लोग आपका साथ दें और आपकी समस्या सुनें।

वक्त मिलने पर अपनी स्किल को निखारें
अगर आपके व्यक्तित्व में कुछ स्किल है तो खाली समय मिलने पर उसे निखारने की कोशिश करें। कुछ लोग काफी क्रिएटिव होते हैं लेकिन तमाम दफा वे अपना पूरा वक्त टेंशन में जाया कर देते है, बेहतर होगा वे खुद को अपने पसंदीदा काम में बिजी रखें। जितना अधिक कुशलता से आप अपने काम और परिवार की मांगों को जोड़ सकते हैं, आपके तनाव का स्तर उतना ही कम होगा।

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ऐसे सहेजे रिस्तो को……. जाने कुछ बेहतरीन ट्टिप्स

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डिजिटल भारत I जीवन की खुशियों के लिए पति पत्नी के रिश्ते को प्यार, विश्वास और समझदारी के धागों से मजबूत बनाना पड़ता है। छोटी छोटी बातों को इग्नोर करना होता है। मुश्किल के समय एक दूसरे का सहारा बनना पड़ता है। लेकिन जब आप किसी के साथ नए रिश्ते की शुरुआत करते हैं तब आपको उसके साथ वक्त बिताना अच्छा लगता है। आप सोचते हैं कि कितनी जल्दी हम उसके बारे में सारी बातों को जान लें। लेकिन जैसे जैसे वक्त बीतता है आपके रिश्तों के बीच वो प्यार औऱ आत्मीयता की कमी हो जाती है। इस दौरान अपने रिश्तों में रोमांस और प्यार बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में आज हम इस लेख में आपको बताएंगे कि आप अपने रिश्ते को कैसे मजबूत बना सकते हैं।

एक दूसरे से सारी बातों को करें शेयर

यदि आप चाहते हैं कि आपके पार्टनर के साथ आपका रिश्ता मजबूत हो और आपके बीच कभी दूरियां ना आएं तो इसके लिए आप अपने पार्टनर से सभी बातों को शेयर करें। फिर चाहे वह परिवार की हों या दोस्तों के साथ। आपको अपने पार्टनर के साथ बातचीत कभी बंद नहीं होने देना चाहिए। अगर एक बार आपकी बातचीत बंद हो गई तो समझ लीजिए रिश्तों के बीच गलतफहमी पैदा होना वहीं से शुरु हो जाती है। इसलिए अपने पार्टनर के साथ सभी बातों को शेयर करें और आप उनसे कितना भी नाराज क्यूं ना हों बातचीत जारी रखें। उसे अपने नाराजगी की वजह बताएं और समझाएं। इससे आपका रिश्ता और मजबूत होगा और रिश्तों के बीच कभी कोई दरार नहीं आएगी।
पार्टनर की बात को सुनना सीखें
रिश्तों को कभी भी पैसों के बल पर न तौलें
रिश्तों के बीच कभी भी पैसों को न लेकर आएं। हमेसा शो ऑफ करने से बचें। एक मजबूत रिश्ता आप पैसों के बल पर नहीं बल्कि सच्चे दिल से और अपने अच्छे व्यवहार से बना सकते हैं। चाहे आप रिलेशनशिप में क्यों न हों हमेसा अपने पैसों का घमंड यदि अपने पार्टनर को दिखाएंगे तो ऐसे में रिश्ता टूटने जैसी नौबत भी आ सकती है। इसलिए एक अच्छे इंसान बनने कि कोशिश करें।
विश्वास-
यदि आप अपना विश्वास किसी के ऊपर भी कायम कर लेते हैं तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। विश्वास के बल पर ही रिश्ता मजबूत होता जाता है। यदि रिश्ते में विश्वास कि कमी होगी तो ऐसे में रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं चल सकता है। इसलिए रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए विश्वास का होना जरूरी है।

बातचीत किसी भी रिश्ते का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए रिश्तों को मजबूत बनाए रखने के लिए अपने पार्टनर की बात सुनना सीखें। उसकी बातों को सुन उस पर सही सलाह दें। कई बार क्या होता है कि आपका पार्टनर चाहता है कि आप उसकी बातों को सुनें। इसलिए आपको अपने पार्टनर की बातों को सुनना चाहिए। फिर चाहे वो बात फिजूल की ही क्यों ना हो। अपने पार्टनर को यह बिल्कुल भी महसूस ना होने दें कि आप उससे नजरअंदाज कर रहे हैं।

विश्वास करें

विश्वास रिश्तों की नींव होता है। रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए विश्वाश अहम होता है। यदि आपके रिश्ते में विश्वास है तो वह हमेशा अटूट बना रहेगा, लेकिन यदि अगर रिश्ते में बार बार संदेह या शक की स्थिति पैदा होती है तो रिश्तों को टूटने में ज्यादा समय नहीं लगता। ऐसे में रिश्तों में हमेशा विश्वास बनाए रखें।
रिश्तों के महत्व को जानना हमारे लिए बहुत जरूरी होता है। कभी न कभी आपको किसी न किसी कि जरूरत पड़ ही जाती है। ऐसे में यदि आपका व्यव्हार दूसरों के प्रति अच्छा नहीं होगा तो कोई आपका साथ नहीं देगा। व्यव्हारमें नम्रता,आदर, और प्यार का होना बहुत जरूरी है। यदि आप रिश्तों के महत्व को समझते हैं तो हमेसा बना कर ही चलेंगें। किसी भी रिश्ते का अनादर न करें क्योंकि वे टूट सकता है। और रिश्तों के टूटने के बाद ही उनकी अहमियत समझ आती है। इसलिए महत्व को समझें। हमेसा अपने से जुड़े लोगों का ख्याल रखें उनकी मदद करने से पीछे न हटें। यदि आप रिश्तों के महत्व को समझ लेते हैं तो एक बेहतर व्यक्ति के रूप में निकलकर सामने आते हैं।
सम्मान करना सीखें
किसी को सम्मान देकर ही आप उसका दिल जीत सकते हैं। हर एक रिश्ते में सम्मान का होना बहुत जरूरी होता है। इसलिए चाहे उम्र में लोग आपसे छोटे हो या बड़े हमेसा सबका सम्मान करना सीखें।
अकेले फैसला न लें
जब कोई भी बात दो व्यक्ति के बीच कि हो तो ऐसे में अकेले फैसला करने से बचना चाहिए। ऐसे में आप का रिश्ता खराब हो सकता है। सामने वाले कि बात भी सुनें। एक अंडरस्टैंडिंग बनाने की कोशिश करें। एक-दूसरे कि बात को सुनने और समझने से आपका रिश्ता मजबूत होता जाएगा।

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“रेलवे के लिए स्टार्टअप ” की शुरुआत करने महाप्रबंधक ने ली बैठक।

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डिजिटल भारत : भारतीय रेलवे ने स्टार्ट-अप और अन्य संस्थाओं की भागीदारी के माध्यम से नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की है। जिसका उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप्स/एमएसएमई/इनोवेटर्स/उद्यमियों द्वारा भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सरंक्षा में सुधार के लिए विकसित नवीन तकनीकों का लाभ उठाना है। पश्चिम मध्य रेल के मुख्यालय में महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता की अध्यक्षता मे दिनांक 22 जून को “रेलवे के लिए स्टार्टअप ” की शुरुआत हेतु इनोवेटर्स/उद्यमियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें भारत सरकार की नई भारतीय रेलवे नवाचार नीति – “रेलवे के लिए स्टार्टअप” नीति के विभिन्न पहलुओं और सरकार द्वारा दी जा रही प्रावधानों, प्रोसेस, टाइम लाइन एवं विशेष रियायतों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। इस बैठक में पश्चिम मध्य रेल मुख्यालय के अपर महाप्रबंधक शोभन चौधुरी, प्रमुख विभागाध्यक्ष एवं मण्डल रेल प्रबंधक जबलपुर संजय विश्वास उपस्थित रहे। इसके साथ ही लगभग 25 इनोवेटर्स/उद्यमियों ने भी बैठक में भाग लिया और रेलवे के लिए स्टार्टअप नीति पर सार्थक चर्चा कर नीति की बारीकियों को बताया। जिसमें कुछ मौजूदा इनोवेटर्स/उद्यमियों ने इस नीति के तहत रेलवे की परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार के लिए विकसित नवीन तकनीकों को विकसित करने में रूचि दिखाई है। इस बैठक में महाप्रबंधक ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्ट अप को रेलवे से जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा। इस कार्यक्रम के चरण-1 के लिए रेलवे के मंडलों एवं यूनिट्स से प्राप्त 11 समस्याओं जैसे रेल फ्रैक्चर, हेडवे रिडक्शन इत्यादि को लिया गया है। इन समस्याओं का नवीन समाधान खोजने के लिए स्टार्टअप्स के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। इस स्टार्टअप नवाचार के पहले चरण की प्रक्रिया को 90 दिनों में पूर्ण कर ली जाएगी ।
रेलवे के लिए स्टार्टअप नवाचार नीति का मुख्य विवरण इस प्रकार है

  • नवोन्मेषकों को रेलवे में तकनीकी समाधान के लिए 1.5 करोड़ रुपये तक की अनुदान राशि समान बंटवारे के आधार पर मुहैया कराई जाएगी।
  • रेलवे डिवीजनों/इकाइयों में अवधारणा का प्रमाण।
  • नवोन्मेषकों का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा।
  • रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रायल किया जाएगा। प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन पर उसे आगे बढ़ाने के लिए आगे की धनराशि प्रदान की जाएगी।
  • नियमित उपयोग के लिए सफलतापूर्वक विकसित उत्पाद/प्रौद्योगिकी को अपनाना।
  • 2-3 साल के लिए समर्थन।
  • विकसित बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) नवोन्मेषकों के पास ही रहेगा।
  • नवोन्मेषकों को विकासात्मक प्रणाली का आश्वासन दिया गया। इंडियन रेलवे इनोवेशनके लिए एक पोर्टल लॉन्च किया गया है जिसका वेब एड्रेस है: www.innovation.indianrailways.gov.in पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते है ।
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बच्चों को किया जागरूक, दी यौन शोषण तथा पॉस्को एक्ट के बारे में जानकारी

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डिजिटल भारत : महिला बाल विकास द्वारा संचालित कार्यक्रम बाल भवन कार्यालय में आयोजित हुआ। जिसमे महिला बाल विकास एवं पुलिस विभाग द्वारा बच्चो और अभिभावकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे यौन शोषण तथा पॉस्को एक्ट से सम्बंधित जानकारी दी गई।

क्या है पॉस्को एक्ट ?

यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो (POCSO) जिसका पूरा नाम है The Protection Of Children From Sexual Offences Act (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) अधिनियम बनाया गया है। इस अधिनियम (कानून) को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने साल 2012 पोक्सो एक्ट-2012 के नाम से बनाया था। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है।

आयोजित कार्यक्रम के दौरान सहायक संचलक महिला बाल विकास आशीष द्विवेदी ने शासन द्वारा बच्चो के कल्याण के लिए संचालित योजनाओ से संबन्धित जानकारी प्रदान की। वहीं महिला अपराध प्रकोष्ट प्रभारी उषा सिंह सोमवंशी ने बच्चो को गुड और बैड टच के बारे में बताया। उन्होंने कहा की बच्चो के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें और उनसे हर विषय पर बात करने की कोशिश करे जिससे वह आपके साथ हर बात के लिए सहज हों इस दौरान बच्चो को विरोध करने का तरीका भी सिखाया गया जिससे अगर उनके साथ कुछ गलत हो तो वो विरोध करने का साहस दिखा सके। बच्चो को यह विश्वास दिलाएं की आप हर कदम पर उनके साथ हैं ये जिम्मेदारी अभिभावकों की भी है की अभिभावक अपने बच्चो को यौन शोषण से बचाव के बारे में जरूर जानकारी दें इसके लिए पहले अभीभावकों को भी जागरूक होना पड़ेगा । इस कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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यूक्रेन के एक और शहर पर रूस का कब्जा, मेयर को भी कर लिया अगवा; जेलेंस्की ने किया दावा

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रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से क्या आ सकती है वैश्विक मंदी?

रूसी सेनाएं तेजी से कीव को कब्जा करने की ओर बढ़ रही हैं और उससे पहले आसपास के शहरों पर वह नियंत्रण करने में जुटी है। इस बीच यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि मेलिटोपोल पर कब्जा करने के साथ ही रूसी सेना ने शहर के मेयर इयान फेडोरोव को भी अगवा कर लिया है। यूक्रेन का कहना है कि फेडोरोव ने उनसे सहयोग करने से इनकार कर दिया था और उसके बाद उन्हें रूसी सेना ने अगवा कर लिया। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि मेयर को अगवा करना लोकतंत्र के खिलाफ है और वॉर क्राइम जैसा है।

राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, ‘मेलिटोपोल के मेयर की किडनैपिंग लोकतंत्र के खिलाफ युद्ध अपराध है। मैं बताना चाहता हूं कि रूस की इस हरकत के बारे में दुनिया के लोकतांत्रिक देशों के 100 फीसदी लोग जानेंगे।’ शनिवार को सुबह कीव में कई धमाकों की आवाज सुनी गई। शहर के बाहरी इलाकों इरपिन और होस्टोमेल में इस बीच कड़ा संघर्ष चल रहा है और रूसी सेना तेजी से आगे बढ़ रही है।

यूक्रेन के साथ संघर्ष में जेलेंस्की की ही रणनीति अपना ली है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वॉलंटियर्स को यूक्रेन के युद्ध में जाने की मंजूरी दे दी है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष का आज 17वां दिन है और लगातार युद्ध जारी है। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि युद्ध के चलते कोरोना वायरस के केसों में इजाफा हो सकता है। संस्था ने कहा कि इस युद्ध के चलते पलायन हो रहा है। यूक्रेन में वैक्सीनेशन का आंकड़ा बेहद कम है और उसके चलते दूसरे देशों में जाने वाले लोगों से कोरोना का विस्फोट हो सकता है।

वैश्विक मंदी?

 ‘स्टैगफ्लेशन’ और तेल की क़ीमतों पर असर

रूस और यूक्रेन में युद्ध के बीच दुनिया भर में अर्थव्यवस्था को लेकर भी चिंता जन्म ले रही है, मगर जानकारों का मानना है कि जंग के बावजूद इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था तरक्की की राह पर रहेगी. हालांकि उनका ये भी कहना है कि युद्ध का असर दुनिया के हर कोने में महसूस किया जाएगा.

लेकिन असर कितना बुरा रहेगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि युद्ध कितना लंबा खिंचता है, वैश्विक बाज़ार अभी जिस उथलपुथल से गुज़र रहा है वो कुछ समय की बात है या इसका असर लंबे वक्त तक रहेगा.

यहाँ हम ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इस युद्ध का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कितना बड़ा असर पड़ेगा, और क्या इस कारण वैश्विक मंदी आ सकती है.

अलग जगहों पर अलग असर

ब्रिटेन में मौजूद कंसल्टेन्सी कंपनी ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स के अनुसार रूस और यूक्रेन के लिए युद्ध का आर्थिक परिणाम ‘नाटकीय’ होगा लेकिन दुनिया के बाकी मुल्कों के लिए ये एक जैसा नहीं होगा.

ईंधन के मामले में पोलैंड अपनी ज़रूरत का आधा रूस से आयात करता है. वहीं तुर्की अपनी ज़रूरत का एक तिहाई कच्चा तेल रूस से लेता है.

इनके मुक़ाबले रूस के साथ अमेरिका का व्यापार उसके जीडीपी का केवल 0.5 फ़ीसदी है. चीन के लिए ये आंकड़ा 2.5 फ़ीसदी है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इन दोनों पर रूस-यूक्रेन संकट का अधिक असर नहीं पड़ेगा.

ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स में ग्लोबल मैक्रो रीसर्च के निदेशक बेन मे कहते हैं कि वैश्विक आर्थिक विकास की बात करें तो अनुमान लगाया जा रहा है कि युद्ध के कारण इसकी रफ़्तार 0.2 फ़ीसदी कम हो सकती है, यानी ये 4 फ़ीसदी से कम हो कर 3.8 फ़ीसदी रह सकती है.

वो कहते हैं, “लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि युद्ध कितना लंबा खिंचता है. स्पष्ट तौर पर अगर ये युद्ध अधिक दिन चला तो इसका असर भयानक हो सकता है.”

बढ़ेंगी खाद्यान्न की क़ीमतें

युद्ध का असर खाने के सामान की कीमतों पर भी पड़ सकता है, वो इसलिए क्योंकि रूस और यूक्रेन दोनों ही कृषि उत्पाद के मामले में आगे हैं.

स्टेलेनबॉश यूनवर्सिटी और जेपी मॉर्गन में कृषि अर्थशास्त्र में सीनियर रीसर्चर वेन्डिल शिलोबो के अनुसार दुनिया में गेहूं के उत्पादन का 14 फ़ीसदी रूस और यूक्रेन में होता है, और गेंहू के वैश्विक बाज़ार में 29 फ़ीसदी हिस्सा इन दोनों देशों का है. ये दोनों मुल्क मक्का और सूरजमुखी के तेल के उत्पादन में भी आगे हैं.

यहां से होने वाला निर्यात बाधित हुआ तो इसका असर मध्यपूर्व, अफ़्रीका और तुर्की पर पड़ेगा.

लेबनान, मिस्र और तुर्की गेहूं की अपनी ज़रूरत का बड़ा हिस्सा रूस या फिर यूक्रेन से खरीदते हैं. इनके अलावा सूडान, नाइज़ीरिया, तन्ज़ानिया, अल्ज़ीरिया, कीनिया और दक्षिण अफ्रीका भी अनाज की अपनी ज़रूरतों के लिए इन दोनों देशों पर निर्भर हैं.

दुनिया की बड़ी खाद कंपनियों में से एक यारा के प्रमुख स्वेन टोरे होलसेथर कहते हैं, “मेरे लिए सवाल ये नहीं है कि क्या वैश्विक स्तर पर खाद्य संकट पैदा हो सकता है, मेरे लिए सवाल है ये है कि ये संकट कितना बड़ा होगा.”

कच्चे तेल की कीमतों के कारण खाद की कीमतें पहले ही बढ़ गई हैं. खाद के मामले में भी रूस दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में शुमार है.

होलसेथर ने बीबीसी को बताया, “इस मामले में युद्ध से पहले भी हम मुश्किल स्थिति में हैं. दुनिया की आधी आबादी को अनाज मिल पाने की एक बड़ी वजह है खाद. अगर आप खेती से खाद को हटा देंगे तो कृषि उत्पादन घटकर आधा रह जाएगा.”

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क्या है एंग्जायटी अटैक, कैसे कर सकते है इसे नियंत्रित

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डिजिटल भारत I एंग्जाइटी  ये एक ऐसा शब्द है, जिसको आजकल हम लोगों को मुंह से खूब सुनते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये छोटा सा शब्द कितनी बड़ी बीमारी होती है.अक्सर लोग एंग्जाइटी को हल्के में लेते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं करना चाहिए, ये एक बड़ी बीमारी होती है. आजकल के युवाओं में ये बीमारी तेजी से फैलती जा रही है. कई रिचर्स में ये बात सामने आई है, जो लोग खुलकर अपनी बात किसी से नहीं कह पाते या फिर किसी हादसे को दिल में बैठा लेते हैं, वो ही एंग्जाइटी के शिकार ज्यादा होते हैं.

 एंग्जायटी अटैक में व्यक्ति हर वक्त चिंता, डर और बेचैनी का अनुभव करता है। उसकी दिल की धड़कन तेज होने लगती है और घुटन की हद तक सांस फूलने लगती है।

शरीर में अन्य तरह के बदलाव भी देखने को मिलते हैं। इस समय मन और शरीर कुछ अलग ही तरह से प्रतिक्रिया करते हैं। हालांकि चिंता के लक्षण बहुत आसानी से नजर नहीं आते, इन्हें पहचानना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए हम यहां आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन पर अगर आप थोड़ा ध्यान दें, तो एंग्जायटी अटैक से बच सकते हैं।

व्यक्ति को कभी न कभी किसी भी चीज को लेकर घबराहट हो सकती है। लेकिन जब घबराहट बहुत ज्यादा हो और लंबे समय तक बनी रहे, तो आप एंग्जायटी अटैक की गिरफ्त में आ सकते हैं। याद रखें, एंग्जायटी अटैक आने पर संभावना है कि बहुत पसीना आएगा या ठंड से कंपकपी होगी।

पैनिक अटैक को कैसे करें नियंत्रित

काउंसिलिंग या परामर्श- पहली बार में शायद आपको यह समझ न आए कि अचानक आपको क्या हुआ था लेकिन दूसरी-तीसरी बार में आपको यह समझ में आने लगेगा कि आपके व्यवहार में परिवर्तन हुआ था और आपका मन और शरीर दोनों ही नियंत्रण से बाहर थे। इसके बाद लक्षणों को जानकर और समझकर तुरन्त डॉक्टर से परामर्श करें और काउंसिलिंग शुरू करें। ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया लम्बी होगी इसलिए इलाज कभी भी बीच में न छोड़ें।

सांस वाले व्यायाम- गहरी सांस लेना और छोड़ना यानी डीप ब्रीदिंग एक बहुत ही अच्छा तरीका है दिमाग को संतुलित बनाए रखने का। इसके साथ ही यह शरीर को भी स्वस्थ बनाने में मददगार है। मानसिक स्तर पर चल रही उथल-पुथल में यह काफी राहत पहुंचा सकती है। इसलिए गहरी सांस लेने का अभ्यास निरंतर करें। इससे फेफड़ों को भी मजबूती मिलेगी और दिल भी स्वस्थ रहेगा।

नियमित फिजिकल एक्टिविटी- रेग्युलर एक्सरसाइज से मिलने वाला फायदा दीर्घकालिक होता है। यह एक दिन या एक महीने की बात नहीं है, इसलिए अपने एक्सरसाइज रूटीन को नियमित रखें। इससे शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी ऊर्जा मिलती है जिससे वह विपरीत परिस्थितियों में भी एकदम से नियंत्रण नहीं खोता।

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एलोरा कैलाश मंदिर जिसे बनाने में मात्र 18 वर्षों का समय लगा, जो किसी अजूबे से कम नहीं

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हिंदू धर्म में भगवान और मंदिरों का बड़ा महत्व है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान ही इस सृष्टि का संचालन करते हैं। उनकी ही इच्छा से धरती पर सबकुछ होता है। वैसे तो हिंदू धर्म की मान्यता है कि भगवान हर जगह मौजूद हैं, लेकिन भारत की संस्कृति ऐसी है कि यहां जगह-जगह आपको अलग-अलग देवताओं के मंदिर मिल जाएंगे। ऐसा सदियों से चला आ रहा है कि लोग अपनी श्रद्धा से मंदिरों का निर्माण करवाते हैं।

भारत के अलग-अलग हिस्सों में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने इतिहास और अपनी प्रचीन परंपराओं के साथ अपनी वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध हैं. इन मंदिरों आज भी नवीन तकनीकी और विज्ञान की सुविधाओं के बाद भी इस प्रकार की वास्तुकला को हकीकत में उतार पाना बहुत ही मुश्किल है. इसी कड़ी में आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसी अजूबे से कम नहीं है.


हम बात कर रहे हैं एलोरा के कैलाश मंदिर की जिसे बनाने में मात्र 18 वर्षों का समय लगा. लेकिन जिस तरीके से यह मंदिर बना है. जबकि पुरातत्वविज्ञानियों की मानें तो 4लाख टन पत्थर को काटकर किए गये इस मंदिर का निर्माण इतने कम समय में संभव ही नहीं है..
यह मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एलोरा की गुफाओं में है, जिसे एलोरा के कैलाश मंदिर के नाम से जाना जाता है। 276 फीट लंबे और, 154 फीट चौड़े इस मंदिर की खासियत ये है कि इसे केवल एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया है। ऊंचाई की अगर बात करें तो यह मंदिर किसी दो या तीन मंजिला इमारत के बराबर है।
कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में करीब 40 हजार टन वजनी पत्थरों को काटा गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसका रूप हिमालय के कैलाश की तरह देने का प्रयास किया गया है। कहते हैं कि इसे बनवाने वाले राजा का मानना था कि अगर कोई इंसान हिमालय तक नहीं पहुंच पाए तो वो यहां आकर अपने अराध्य भगवान शिव का दर्शन कर ले।
कहते हैं कि इसे बनवाने वाले राजा का मानना था कि अगर कोई इंसान हिमालय तक नहीं पहुंच पाए तो वो यहां आकर अपने अराध्य भगवान शिव का दर्शन कर ले. इस मंदिर का निर्माण कार्य मालखेड स्थित राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण (प्रथम) (757-783 ई.) ने शुरु करवाया था. और करीब 7000 मजदूरों ने दिन-रात एक करके इस मंदिर के निर्माण में अपना योगदान दिया था.
इस मंदिर में आज तक कभी पूजा हुई हो, इसका प्रमाण नहीं मिलता। यहां आज भी कोई पुजारी नहीं है। यूनेस्को ने 1983 में ही इस जगह को ‘विश्व विरासत स्थल’ घोषित किया है।

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प्रदेश को बनेगे इंडस्ट्री हब , 1  लाख  सरकारी नोकरिया ,प्रिवेट सेक्टर पर भी नौकरी के नए आसार:शिवराज सिंह चौहान  

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डिजिटल भारत I प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर इंदौर के नेहरू स्टेडियम में झंडावंदन किया। उन्होंने परेड की सलामी भी ली। सीएम ने कहा मध्यप्रदेश के हर एक गांव को अब हैंडपंप से आजादी दिलाएंगे। 2 करोड़ घरों में पानी पहुंचाने का टारगेट है। बीते डेढ़ साल में 44 लाख घरों में नलों का पानी पहुंचने लगा है। इसके लिए हम सभी गांवों में पाइप लाइन बिछाएंगे। नदी-तालाब के पास ही ट्रीटमेंट प्लांट लगाएंगे। भूमिगत जल का दोहन भी करेंगे।

मार्च पास्ट किया

समारोह में विभिन्न प्लाटूनों द्वारा मार्च पास्ट व परेड प्रस्तुत की। परेड का नेतृत्व ACP ट्रैफिक अजीत सिंह चौहान ने किया। उनके पीछे टूआईसी सूबेदार बृजराज अजनार चले। परेड में RAPTC, फर्स्ट बटालियन, पंद्रहवी वाहिनी, जिला पुलिस बल (पुरुष), जिला पुलिस बल (महिला), PTC इंदौर, होमगार्ड, फायर ब्रिगेड तथा यातायात पुलिस आदि प्लाटून के दल भी शामिल हुए। साथ ही BSF बैंड भी परेड में हुआ।

CM ने ये भी कहा –

दो लाख रोजगार के अवसर पर पैदा किए जाएंगे।

अगले साल तक एक लाख सरकारी नौकरियां और दी जाएंगी।

सरकारी के साथ प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरियों के अवसर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

यदि आपके पास स्टार्टअप का इनोवेटिव आइडिया है तो ऐसी नीति बनाएंगे कि युवाओं को धन की कमी नहीं आए।

इंदौर को स्टार्टअप के क्षेत्र में देश की राजधानी बनाएंगे।

जैविक खेती में काफी संभावनाएं हैं।

समारोह स्थल को विशेष रूप से सजाया-संवारा गया। समारोह में विभिन्न विभागों द्वारा राज्य शासन की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों पर आधारित नयनाभिराम झांकियां निकाली जाएंगी। इनमें मुख्य रूप से नगर निगम द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए नवाचार, आवासीय योजनाओं तथा अन्य विकास काम, जिला पंचायत द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए कामों, एमपी इण्डस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा आत्म निर्भर भारत एवं आत्म निर्भर मध्यप्रदेश की झांकिया लगाई गई हैं।

औद्योगिक विकास, इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा इंदौर के शहीदों के जीवन, कृषि विभाग द्वारा प्राकृतिक एवं जैविक खेती, उद्यानिकी विभाग द्वारा एक जिला एक उत्पाद, शिक्षा विभाग द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय, संस्कृति विभाग द्वारा हेमू कालानी सहित अन्य शहीदों पर आधारित, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा इंदौर में बनाए गए देश के दूसरे सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर, जेल विभाग द्वारा जेल के सुधार, वन विभाग द्वारा ईको पर्यटन, उद्योग विभाग द्वारा रोजगार मूलक योजनाओं, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना एवं निजी स्पॉन्सरशीप तथा यातायात विभाग द्वारा यातायात सुधार के लिए किए जा रहे कामों पर आधारित झांकियां शामिल हैं।

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अब घर बैठे बनवा सकते है आयुष्मान कार्ड, जाने कैसे

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डिजिटल भारत I आयुष्मान भारत योजना का कार्ड बनाने के लिए अब वसुधा केंद्र और पंचायत कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। अब घर बैठे ऑनलाइन ही कार्ड बन जाएगा। इसके लिए सरकार ने पोर्टल लांच किया है। इसी पोर्टल से अब कार्ड बनाया जा सकेगा। अभी वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय से कार्ड बनवाने में करीब एक से डेढ़ महीने का वक्त लगता है, लेकिन ऑनलाइन पोर्टल पर हफ्ते से दस दिन में बन जाएगा।

विद्या सागर ने बताया कि इस पोर्टल के जरिए लोग उनलोगों के नाम भी देख सकते हैं, जिनके आयुष्मान कार्ड बन गए हैं। आयुष्मान कार्ड उनलोगों के बनाए जाएंगे, जिनके पास प्रधानमंत्री का पत्र हो या राशन कार्ड में नाम हो।

आयुष्मान कार्ड बनाने में मुजफ्फरपुर 22वें स्थान पर

आयुष्मान कार्ड बनाने में मुजफ्फरपुर 22वें स्थान पर है। पहले स्थान पर अररिया है। मुजफ्फरपुर में 24 लाख 91 हजार 879 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, लेकिन अबतक तीन लाख 21 हजार 337 लोगों के ही आयुष्मान कार्ड बने हैं। यह आंकड़ा सिर्फ 13 प्रतिशत है। पूरे बिहार में पांच करोड़ 55 लाख 62 हजार 406 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, जिसमें 71 लाख 23 हजार 553 लोगों के ही कार्ड बने हैं।

डोर टू डोर जाकर भी बन रहा है कार्ड

कॉर्डिनेटर ने बताया आयुष्मान कार्ड लोगों के घर-घर जाकर भी बनाया जा रहा है। दिल्ली की एक एजेंसी को इसका काम दिया गया है। हमारा लक्ष्य गरीब परिवारों को आयुष्मान कार्ड बनवाना है। उन्होंने बताया कि कई लोग जानकारी के अभाव में वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय नहीं पहुंच पाते हैं।

आयुष्मान भारत के तहत निजी लैब को जोड़ने की भी योजना शुरू होने वाली है। इसके तहत सभी निजी अस्पताल और प्राइवेट लैब को डिजिटल प्लेटफार्म पर जोड़ा जाना है। इसके लिए अभी रूपरेखा तैयार की जा रही है। आयुष्मान भारत के तहत अभी जिले में 37 अस्पतालों को इलाज करने का लाइसेंस मिला है।

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एनिमेटेड मूवी हुई फिल्म फेस्टिवल में नॉमिनेट  

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चित्र भारती फिल्म समारोह 2022 में नॉमिनेट होकर जबलपुर शहर का गौरव बढ़ाया

डिजिटल भारत I  संस्कारधानी जबलपुर के बहुमुखी प्रतिभा के धनि धीर पाखुरिया का व्यंितव युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन रहा है। आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके सोशल मीडिया, आर्ट, एनीमेशन के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। कोरोना काल में जहां युवा हताश होकर बैठे थे, धीर पखुरिया ने समय का सदुपयोग कर एनीमेशन वर्ल्ड में धूम मचा रखी है। चित्र भारती फिल्म समारोह 2022 में नॉमिनेट होकर शहर का गौरव बढ़ाया है। चित्रभारती फिल्म समारोह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ पूरे भारत से लोग अपनी शार्ट मूवीज के साथ पार्टिसिपेट करते हैं।  इस वर्ष 2022 में इस फेस्टिवल में 750 से अधिक मूवीज ने भाग लिया,  जिनमे से लगभग 150 मूवीज को दिल्ली में नॉमिनेट किया I

पूरे भारत से आए हुए स्पेशलिस्ट व बॉलीवुड के कई दिग्गजों के टीम ने किया। ये समारोह 18, 19, 20फरवरी 2022 को भोपाल में होगा।  जिसमे संस्कारधानी के धीर पखुरिया की अपनी मूवी हग ऑफ़ लाइफ नॉमिनेट हुई , जिसका उन्होंने डायरेक्शन व एनीमेशन किया है I अपनी स्किल और टैलेंट के दम पर किसी भी क्षेत्र में प्रगति की जा सकती है ऑनलाइन प्लेटफार्म यूट्यूब में धूम मचा रहा है। ओश- अ सुपरहीरो विदिन बच्चो के बीच काफी प्रचलित हो रहा है। जिसमे वो हर एपिसोड में जबलपुर शहर से जुडी विशेषताएं, ऐतिहासक प्लेसेस व महान लोग व मान्यताओं के बारे में बताने से नहीं चूकते ये इसकी मदद से सोशल अवेयरनेस के वर्क भी करते रहते हैं ऐसे युवाओं को हम सभी को सपोर्ट करना चाहिए और हमारे शहर को गौरव होना चाहिए l

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