DIGITAL BHARAT

एक भारत उत्कृष्ट भारत

विस्फोट से ढहा मकान, पटाखों के गोदाम में धमाके से मां-बेटी सहित चार लोगों की जान गई

0 0
Read Time:1 Minute, 17 Second

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के बानमोर इलाके में एक घर में ज़ोरदार विस्फोट हुआ, जिसमें पटाखों का गोदाम था। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक मां और उसकी बेटी शामिल हैं, और छह अन्य लोग घायल हुए हैं। मकान पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गया, और इसके आसपास के दो अन्य मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है, और मलबे में दबे लोगों को निकालने का प्रयास जारी है।
घटना का प्राथमिक कारण पटाखों के गोदाम में विस्फोट बताया जा रहा है, हालांकि पुलिस और फॉरेंसिक टीम अभी भी जांच कर रही है कि विस्फोट का असली कारण क्या था। कुछ लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं, और राहत कार्य के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिस ने इस घटना के संबंध में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

स्कूल बसों से यातायात बाधित, मेडिकल इमरजेंसी में घर से निकलना मुश्किल: क्षेत्रीय निवासियों का आरोप

0 0
Read Time:3 Minute, 52 Second

डिजिटल भारत I नालंदा, बिहार के विजय नगर स्थित कचनार सिटी फेज-2 में एक निजी स्कूल द्वारा सार्वजनिक सड़क पर अतिक्रमण किए जाने से स्थानीय लोग परेशान हैं। स्कूल के संचालक द्वारा सड़क पर लोहे का गेट लगा दिया गया, जिससे क्षेत्रीय निवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने नगर निगम आयुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
विवाद की जड़:
विजय नगर इलाके में संचालित एक निजी स्कूल के द्वारा सार्वजनिक सड़क पर कब्जा कर लिया गया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि स्कूल की छुट्टी के समय बसों और वाहनों की कतार से यातायात बाधित होता है, जिससे उन्हें अपने घरों से बाहर निकलने में परेशानी होती है। यह स्थिति विशेष रूप से तब गंभीर हो जाती है, जब मेडिकल आपातकाल जैसी स्थिति पैदा होती है। क्षेत्रीय निवासी सदानंद ओझा और अन्य नागरिकों ने बताया कि जब उन्होंने स्कूल संचालक से इस मुद्दे पर बात की, तो उन्हें गाली-गलौज और धमकी दी गई।

सड़क पर गेट लगाने का विवाद:
बुधवार को स्थिति और भी गंभीर हो गई, जब स्कूल द्वारा मुख्य सड़क पर लोहे का गेट लगा दिया गया। स्थानीय लोगों ने इस कदम का जमकर विरोध किया और थाने में शिकायत दर्ज कराई। क्षेत्रीय नागरिकों ने बताया कि स्कूल द्वारा जब-तब होने वाले कार्यक्रमों के दौरान उनके घरों के सामने वाहनों को खड़ा कर दिया जाता है, और अब गेट लगाकर सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया है, जिससे उनका आवागमन बाधित हो रहा है।
प्रशासन से मांग:
क्षेत्रीय निवासियों ने थाने में जाकर हंगामा किया और चेतावनी दी कि यदि जल्द ही यह गेट नहीं हटाया गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इस विवाद के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाकर समझाने की कोशिश की, लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है।
शिकायत दर्ज:
स्थानीय निवासियों ने कलेक्ट्रेट और जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के कार्यालय में भी शिकायत दर्ज कराई है और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है। नागरिकों का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक सड़क के अतिक्रमण का नहीं है, बल्कि उनकी सुरक्षा और स्वतंत्र आवाजाही से भी जुड़ा हुआ है।
निष्कर्ष:
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं निकाला गया, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे। प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम न उठाने से लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

D2D कॉलिंग: सैटेलाइट से कनेक्ट होंगे स्मार्टफोन, बिना नेटवर्क भी होगी कॉलिंग

0 0
Read Time:4 Minute, 27 Second

डिजिटल भारत I 17 अक्टूबर 2024 मुख्य बिंदु: BSNL ने D2D (Direct-to-Device) कॉलिंग टेक्नोलॉजी का सफल ट्रायल पूरा किया।
D2D टेक्नोलॉजी से यूजर्स बिना सिम कार्ड और मोबाइल नेटवर्क के ऑडियो और वीडियो कॉल कर सकेंगे।
BSNL ने इस सेवा के लिए Viasat, एक ग्लोबल सैटेलाइट कम्युनिकेशन फर्म, के साथ साझेदारी की है।
D2D टेक्नोलॉजी एंड्रॉयड, iOS और स्मार्टवॉच सहित अन्य स्मार्ट डिवाइसों के लिए उपलब्ध होगी।
D2D टेक्नोलॉजी का परिचय: D2D (Direct-to-Device) एक नई और क्रांतिकारी तकनीक है, जो मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, और यहां तक कि कारों को सीधे सैटेलाइट नेटवर्क से जोड़ने में सक्षम बनाती है। यह तकनीक उन क्षेत्रों में भी काम करेगी, जहां कोई पारंपरिक नेटवर्क मौजूद नहीं है। इसका मतलब है कि दूरदराज के इलाकों, जंगलों, पहाड़ों, या नेटवर्क की समस्या वाले क्षेत्रों में भी आप फोन कॉल और मैसेजिंग कर सकेंगे।
BSNL और Viasat की साझेदारी: BSNL ने D2D सेवा की शुरुआत के लिए Viasat के साथ मिलकर काम किया है। ट्रायल के दौरान, Non-Terrestrial Network (NTN) का उपयोग करते हुए एक एंड्रॉयड स्मार्टफोन से सैटेलाइट के माध्यम से टू-वे मैसेजिंग और SOS मैसेजिंग की सफल टेस्टिंग की गई। 36,000 किलोमीटर दूर स्थित सैटेलाइट के जरिए कॉल भी सफल रही। इस ट्रायल को दिल्ली में आयोजित 8वें इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC 2024) के दौरान प्रदर्शित किया गया।
कैसे काम करती है D2D टेक्नोलॉजी?
D2D तकनीक सैटेलाइट नेटवर्क पर आधारित है, जिससे डिवाइस सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट हो सकते हैं। यह स्मार्टफोन या अन्य स्मार्ट गैजेट्स को बिना मोबाइल टावर या वायर्ड कनेक्शन के इस्तेमाल करने में सक्षम बनाता है। पहले के सैटेलाइट फोन की तरह, अब यह तकनीक हर रोज़ इस्तेमाल किए जाने वाले डिवाइस जैसे स्मार्टफोन और स्मार्टवॉच पर भी काम करेगी।

D2D टेक्नोलॉजी के फायदे:
बिना सिम कार्ड: यूजर्स बिना सिम कार्ड के ऑडियो और वीडियो कॉलिंग कर सकेंगे।
कहीं भी कनेक्टिविटी: इस तकनीक का उपयोग उन क्षेत्रों में भी किया जा सकता है, जहां कोई मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है, जैसे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में।
स्मार्ट डिवाइस समर्थन: यह तकनीक सिर्फ स्मार्टफोन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि स्मार्टवॉच और अन्य स्मार्ट गैजेट्स पर भी काम करेगी।
ट्रायल की सफलता:
BSNL और Viasat ने IMC 2024 में इस ट्रायल को प्रदर्शित किया, जहां उन्होंने सैटेलाइट के माध्यम से सफलतापूर्वक कॉलिंग और मैसेजिंग की। इस ट्रायल ने दिखाया कि D2D कॉलिंग न केवल व्यावहारिक है, बल्कि निकट भविष्य में इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
निष्कर्ष: D2D कॉलिंग की सफलता के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में यह तकनीक मोबाइल कम्युनिकेशन का चेहरा बदल सकती है। BSNL की इस नई पहल से दूरदराज और नेटवर्क रहित इलाकों में भी कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सकेगी, जिससे दुनिया के हर कोने में संवाद करना आसान हो जाएगा।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

खेत से लौटे परिजनों ने देखा खौफनाक मंजर, सीमा की हत्या और देवरानी बेहोश मिली

0 0
Read Time:4 Minute, 47 Second

डिजिटल भारत I कांठ थाना क्षेत्र के दरियापुर रफायतपुर गांव में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। 38 वर्षीय महिला सीमा की दिनदहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी गई, जबकि उसकी देवरानी सुधा (31) को बेहोश कर कमरे में बंद कर दिया गया। हत्यारों ने सुधा को इंजेक्शन देकर बेहोश किया और उसके हाथ-पैर बांध दिए। दोपहर में परिवार के अन्य सदस्य जब खेत से लौटे, तो उन्हें इस घटना की जानकारी हुई। पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
घटना का विवरण
दरियापुर रफायतपुर गांव के हरपाल सिंह और उनके तीन बेटे—राहुल, गौरव, और सौरभ—सोमवार सुबह 9 बजे पशुओं के लिए चारा लेने खेत पर गए थे। घर में उस समय राहुल की पत्नी सीमा और सौरभ की पत्नी सुधा मौजूद थीं। दोपहर करीब 12:30 बजे जब परिवार के सदस्य लौटे, तो उन्होंने घर में सन्नाटा पाया। गौरव जब अंदर गया, तो सुधा बेहोश हालत में फर्श पर पड़ी मिलीं, उसके मुंह और हाथ-पैर दुपट्टे से बंधे हुए थे। तुरंत सीमा की तलाश शुरू की गई, तो वह भूसे के कमरे में मृत अवस्था में पाई गई। धारदार हथियार से उसका गला रेता गया था।
परिवार की प्रतिक्रिया
परिजन सुधा को तुरंत इलाज के लिए स्योहारा कस्बे के एक निजी अस्पताल ले गए। घटना की सूचना मिलते ही एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह सहित फोरेंसिक, डॉग स्क्वाड और एसओजी की टीम मौके पर पहुंच गई और कई घंटे तक घटनास्थल की जांच की। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है।
हत्या के पीछे खुरपी का इस्तेमाल
पुलिस जांच में पाया गया कि सीमा के शव के पास खुरपी पड़ी थी, जिस पर खून के निशान मिले हैं। यह आशंका जताई जा रही है कि हत्यारों ने खुरपी से ही गला रेतकर हत्या की। इसके अलावा, नल के पास खून के छींटे भी मिले हैं, जिससे संदेह है कि हत्यारों ने घटना के बाद वहीं हाथ धोए।
जांच जारी
एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि मृतका के पति राहुल कुमार की तहरीर पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस सभी पहलुओं पर गहनता से जांच कर रही है। घटना के पीछे की वजह, अपराधियों की पहचान और अन्य साक्ष्यों की खोजबीन के लिए टीम काम कर रही है।
अन्य पहलू
हमलावरों की तैयारी: जिस तरह से सुधा को बेहोश कर उसके हाथ-पैर बांधकर रखा गया और सीमा की निर्ममता से हत्या की गई, इससे यह स्पष्ट होता है कि हमलावर पूरी तैयारी के साथ आए थे।
परिवार पर निगरानी: घटना के समय घर के पुरुष सदस्य खेत में काम कर रहे थे, और हत्या उस समय हुई जब घर में सिर्फ महिलाएं थीं। यह इंगित करता है कि हमलावरों को परिवार की दिनचर्या की जानकारी थी।
फॉरेंसिक जांच में सुराग: फॉरेंसिक टीम द्वारा घटनास्थल से जुटाए गए साक्ष्य हत्यारों की पहचान में अहम भूमिका निभा सकते हैं। विशेष रूप से, खून के छींटे और खुरपी पर लगे खून के नमूने का विश्लेषण किया जा रहा है।
पुलिस ने जांच में तेजी लाते हुए कई संदिग्धों से पूछताछ शुरू कर दी है। वहीं, ग्रामीणों में इस घटना के बाद भय का माहौल है, और हर कोई जल्द से जल्द न्याय की उम्मीद कर रहा है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

20 की उम्र में सफलता की ओर: 6 महीने में लाइफस्टाइल बदलने के 10 आसान स्टेप्स

0 0
Read Time:6 Minute, 25 Second

डिजिटल भारत I जीवन में बदलाव एक नियमित प्रक्रिया है, लेकिन अगर सही दिशा में कदम उठाए जाएं तो 6 महीनों में ही आप अपनी ज़िंदगी और लाइफस्टाइल में बड़ा सुधार ला सकते हैं। खासकर 20 की उम्र में, जब आप अपने करियर और भविष्य की नींव रख रहे होते हैं। यहाँ एक स्टेप-बाय-स्टेप गाइड दी जा रही है, जो आपको 6 महीनों में अपनी ज़िंदगी को नए सिरे से शुरू करने में मदद कर सकती है:

1. स्वयं का आत्मविश्लेषण करें
पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है कि आप अपनी वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करें। यह जानने की कोशिश करें कि आप कौन हैं, क्या चाहते हैं, और कहाँ जाना चाहते हैं। इससे आपको स्पष्टता मिलेगी और आप अपने लक्ष्यों को सही दिशा में सेट कर पाएंगे।
कैसे करें:
एक डायरी बनाएं और अपनी आदतों, इच्छाओं, और कमजोरियों के बारे में लिखें।
अपनी प्राथमिकताओं को समझें और तय करें कि आपको क्या बदलना है।
2. लक्ष्य निर्धारित करें (Goal Setting)
ज़िंदगी में बदलाव लाने के लिए आपको स्पष्ट और मापने योग्य लक्ष्यों की जरूरत होती है। अपने बड़े लक्ष्यों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें और 6 महीने का एक प्लान तैयार करें।

कैसे करें:
अपने करियर, सेहत, और व्यक्तिगत विकास के लिए तीन मुख्य लक्ष्य बनाएं।
हर महीने इन लक्ष्यों पर काम करने की योजना बनाएं।
3. नयी आदतें विकसित करें
आपकी आदतें ही आपका भविष्य तय करती हैं। अगर आप अपनी दिनचर्या में स्वस्थ और उत्पादक आदतें जोड़ते हैं, तो 6 महीने में आपकी लाइफस्टाइल पूरी तरह बदल सकती है।

कैसे करें:
सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। सुबह का समय सबसे प्रोडक्टिव होता है।
हर दिन 30 मिनट का व्यायाम करें।
पढ़ाई या काम के लिए रोज़ाना कुछ समय निर्धारित करें।
हेल्दी खाने की आदत डालें।
4. समय का सही इस्तेमाल (Time Management)
समय सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है। 6 महीनों में बदलाव लाने के लिए आपको समय का सही प्रबंधन करना आना चाहिए।

कैसे करें:
अपनी दिनचर्या को एक टाइमटेबल में बांटें और उसे फॉलो करें।
समय बर्बाद करने वाली गतिविधियों (जैसे सोशल मीडिया) पर नियंत्रण रखें।
हर हफ्ते अपने प्रोग्रेस को रिव्यू करें और अपनी प्लानिंग को अपडेट करें।
5. नए कौशल सीखें
नई चीजें सीखना आपके भविष्य में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह आपके करियर में भी मदद करेगा और आपकी आत्मविश्वास भी बढ़ाएगा।

कैसे करें:
हर महीने एक नया कौशल सीखने की कोशिश करें। जैसे कोई नई भाषा, डिजिटल स्किल्स, पब्लिक स्पीकिंग आदि।
ऑनलाइन कोर्सेस, किताबें और वीडियो की मदद लें।
6. स्वास्थ्य और फिटनेस पर ध्यान दें
स्वास्थ्य सबसे बड़ी पूंजी है। अगर आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे, तो आपकी उत्पादकता और मानसिक शांति में सुधार होगा।

कैसे करें:
रोज़ योग या ध्यान का अभ्यास करें।
हेल्दी डाइट को अपनाएं और पानी की पर्याप्त मात्रा लें।
अपने शरीर के संकेतों को समझें और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं।
7. आर्थिक अनुशासन (Financial Discipline)
20 की उम्र में सही आर्थिक निर्णय लेना ज़रूरी है। 6 महीनों में आर्थिक अनुशासन लाकर आप अपनी भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

कैसे करें:
हर महीने की बचत और निवेश के लिए योजना बनाएं।
अनावश्यक खर्चों को रोकें और पैसे का सही इस्तेमाल करें।
फाइनेंशियल लिटरेसी बढ़ाने के लिए आर्थिक पुस्तकों और कोर्सेस का सहारा लें।
8. सकारात्मक माहौल बनाएं
आपके आस-पास का माहौल आपकी सोच और लाइफस्टाइल पर गहरा असर डालता है। सकारात्मक और प्रेरणादायक लोगों के साथ समय बिताएं।

कैसे करें:
ऐसे दोस्तों का चुनाव करें जो आपको प्रेरित करें और आपको आगे बढ़ने में मदद करें।
सोशल मीडिया पर भी केवल उन्हीं पेजेज़ को फॉलो करें जो आपके लिए फायदेमंद हों।
प्रेरणादायक किताबें पढ़ें और पॉडकास्ट सुनें।
9. समय-समय पर रिव्यू करें
हर महीने अपने प्रोग्रेस का रिव्यू करें। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आप कहाँ गलत जा रहे हैं और किस दिशा में सुधार की ज़रूरत है।

कैसे करें:
अपनी उपलब्धियों और विफलताओं का आकलन करें।
अगर कोई योजना काम नहीं कर रही है तो उसे बदलें और नई रणनीति अपनाएं।
10. स्वयं पर विश्वास रखें
आत्मविश्वास सबसे बड़ी कुंजी है। खुद पर विश्वास रखें और यह सोचें कि आप बदलाव कर सकते हैं। कठिनाइयाँ आएंगी लेकिन आत्मविश्वास से आप उन्हें पार कर पाएंगे।
निष्कर्ष: 6 महीनों में अपनी ज़िंदगी और लाइफस्टाइल बदलना एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है, लेकिन अगर सही योजना और अनुशासन के साथ काम किया जाए तो यह बिल्कुल संभव है। आत्मविश्लेषण से लेकर नए कौशल सीखने और समय का सही इस्तेमाल करने तक, हर कदम आपको आपकी मंजिल के करीब ले जाएगा।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

ख़ास मुलाक़ात बातों का सफर

0 0
Read Time:3 Minute, 3 Second

डिजिटल भारत: आज ख़ास मुलाक़ात में जिले के मुखिया सुनील कुमार मेहता, पुलिस अधीक्षक सिवनी से डिजिटल भारत के संस्थापक प्रमोद पटेल एवं डिजिटल भारत के प्रदेश हेड संदीप सिंग ठाकुर ने सौजन्य भेंट की। इस बैठक में सिवनी जिले में पुलिस विभाग से संबंधित आगामी बड़े कार्यक्रमों की योजनाओं पर व्यापक चर्चा की गई। मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे शोषण को रोकने के उपाय, जिले की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना और ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाने के साथ-साथ इन योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने पर जोर दिया गया।

इसके साथ ही, उत्कर्ष कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों को प्रोत्साहित करने और सभी सामाजिक वर्गों को एक मंच पर लाने के लिए योजनाएं बनाई गईं। जल्द ही सिवनी जिले के लिए एक बड़े कार्यक्रम की योजना तैयार की जाएगी, जिससे जिले में सुरक्षा और सेवाओं को और अधिक सशक्त किया जा सकेगा।

श्री सुनील कुमार मेहता को उनके पुलिस करियर बहुत चुनता रही आप ने सफलता हासिल की साथ ही कई सम्मान प्राप्त हुए हैं। जब वे सीएसपी भिलाई, धार, अंबा और बालाघाट में एसडीओपी के रूप में कार्यरत थे, तो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में किए गए उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें दुर्गम सेवा पदक से सम्मानित किया गया था। उनकी प्राथमिकता हमेशा शांति और कानून व्यवस्था स्थापित करना रही है।

हाल ही में सिवनी जिले के धूमा, धनोरा और पलारी थाना क्षेत्रों में मवेशियों की हत्या की घटनाओं को गंभीरता से लिया। इन घटनाओं के कारण पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह को हटाकर श्री सुनील कुमार मेहता को सिवनी जिले का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया। उन्होंने इस चुनौतीपूर्ण स्थिति को शांतिपूर्ण और सख्त तरीके से संभाला। श्री मेहता ने सिवनी जिले को एक सुंदर और शांतिप्रिय स्थान बताया, जहां के लोग और जनप्रतिनिधि मिलकर जिले के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। जय हिन्द
प्रमोद पटेल – डिजिटल भारत 🇮🇳

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

अधारताल में कोचिंग से लापता हुई निधि नामदेव, पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट

0 0
Read Time:2 Minute, 51 Second

डिजिटल भारत I गुमशुदा: कुमारी निधि नामदेव उर्फ निधि बैंजामिन

पिता का नाम: मनोज नामदेव
उम्र: 22 साल
निवास स्थान: विवेक कालोनी, पाण्डे गैस एजेंसी के पास, थाना अधारताल, जबलपुर
गुमशुदगी की तारीख और समय: 20 सितंबर 2024, सुबह 8 बजे के करीब
गुमशुदगी का स्थान: कोचिंग सेंटर, मेन रोड, अधारताल, जबलपुर
रिपोर्ट दर्ज की गई: 20 सितंबर 2024, 13:07 बजे, रिपोर्ट नंबर रो.सा-017
मोबाइल नंबर: 9098062220 (जो गुमशुदगी के बाद से बंद है)
हुलिया:
रंग: गोरा
चेहरा: गोल
बदन: सामान्य
ऊंचाई: 4 फीट 6 इंच
पहनावा: काले रंग की जींस और सफेद रंग का टॉप
शिक्षा: 12वीं तक पढ़ी हुई
घटना का विवरण:
सूचनाकर्ता मनोज नामदेव, उम्र 45 वर्ष, निवासी विवेक कालोनी, पाण्डे गैस एजेंसी के पास, थाना अधारताल, जबलपुर ने अपनी बेटी कुमारी निधि नामदेव उर्फ निधि बैंजामिन के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि 20 सितंबर 2024 की सुबह करीब 8 बजे वे अपनी बेटी को डीसीए क्लास के लिए भारत गैस एजेंसी के पास स्थित कोचिंग सेंटर छोड़ने गए थे। जब वे उसे दोबारा लेने के लिए करीब 10 बजे कोचिंग सेंटर पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि निधि करीब 9 बजे कोचिंग सेंटर से निकल गई थी और उसके बाद से वापस नहीं लौटी।

मनोज नामदेव ने अपनी बेटी की खोजबीन आसपास के इलाकों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों में की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। निधि का मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है।

इस घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने गुम इंसान का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस द्वारा घटना की सूचना कंट्रोल रूम को भी भेज दी गई है।

पुलिस अधिकारी: प्र.आर.2004 बिनोद शर्मा, थाना अधारताल, जबलपुर

नोट: यदि किसी को कुमारी निधि नामदेव के बारे में कोई जानकारी मिले, तो कृपया नजदीकी पुलिस स्टेशन या सूचनाकर्ता मनोज नामदेव से संपर्क करें।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

दुनिया AI से डर रही है क्योंकि इसके संभावित खतरे और प्रभाव काफी बड़े हैं। कुछ मुख्य कारण हैं

0 0
Read Time:85 Minute, 19 Second

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) वह तकनीक है जो कंप्यूटर और मशीनों को मानव सीखने, समझने, समस्या समाधान, निर्णय लेने, रचनात्मकता और स्वायत्तता का अनुकरण करने में सक्षम बनाती है।
संभावित खतरे और प्रभाव
1. नौकरी का नुकसान: कई लोग चिंतित हैं कि AI उनकी नौकरियों को छीन सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां काम को स्वचालित किया जा सकता है।
2. नैतिक और कानूनी मुद्दे: AI का उपयोग करने के तरीके के बारे में कई नैतिक सवाल उठते हैं, जैसे कि प्राइवेसी, पूर्वाग्रह और जिम्मेदारी।
3. सुरक्षा चिंताएँ: AI का उपयोग खतरनाक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि साइबर हमले या स्वायत्त हथियारों में।
4. अनियंत्रित विकास: अगर AI को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह संभावित रूप से अनपेक्षित परिणाम उत्पन्न कर सकता है।
हालांकि, AI के फायदे भी हैं—जैसे कि स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, और उत्पादकता में सुधार। इसलिए, इसे दुश्मन या दोस्त कहना कठिन है; यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम इसे कैसे विकसित और लागू करते हैं। सही दिशा में काम करने से यह एक मित्र बन सकता है।

निपटना है AI की चुनौतियों से क्या है AI ?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) वह तकनीक है जो कंप्यूटर और मशीनों को मानव सीखने, समझने, समस्या समाधान, निर्णय लेने, रचनात्मकता और स्वायत्तता का अनुकरण करने में सक्षम बनाती है।
AI से लैस एप्लीकेशन और डिवाइस वस्तुओं को देख और पहचान सकते हैं। वे मानव भाषा को समझ सकते हैं और उस पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। वे नई जानकारी और अनुभव से सीख सकते हैं। वे उपयोगकर्ताओं और विशेषज्ञों को विस्तृत सिफारिशें कर सकते हैं। वे स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकते हैं, जिससे मानवीय बुद्धिमत्ता या हस्तक्षेप की आवश्यकता समाप्त हो जाती है (स्व-चालित कार इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है
लेकिन 2024 में, अधिकांश AI शोधकर्ता और व्यवसायी – और अधिकांश AI-संबंधित सुर्खियाँ – जनरेटिव AI (जनरेटिव AI) में सफलताओं पर केंद्रित हैं, एक ऐसी तकनीक जो मूल पाठ, चित्र, वीडियो और अन्य सामग्री बना सकती है। जनरेटिव AI को पूरी तरह से समझने के लिए, सबसे पहले उन तकनीकों को समझना ज़रूरी है जिन पर जनरेटिव AI उपकरण बनाए गए हैं: मशीन लर्निंग (ML) और डीप लर्निंग ।
यंत्र अधिगम
एआई के बारे में सोचने का एक सरल तरीका यह है कि इसे नेस्टेड या व्युत्पन्न अवधारणाओं की एक श्रृंखला के रूप में देखा जाए जो 70 से अधिक वर्षों में उभरी हैं:

अद्यतन किया गया : 16 अगस्त 2024
योगदानकर्ता : कोल स्ट्राइकर, एडा कावलाकोग्लू
एआई क्या है?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) वह तकनीक है जो कंप्यूटर और मशीनों को मानव सीखने, समझने, समस्या समाधान, निर्णय लेने, रचनात्मकता और स्वायत्तता का अनुकरण करने में सक्षम बनाती है।
AI से लैस एप्लीकेशन और डिवाइस वस्तुओं को देख और पहचान सकते हैं। वे मानव भाषा को समझ सकते हैं और उस पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। वे नई जानकारी और अनुभव से सीख सकते हैं। वे उपयोगकर्ताओं और विशेषज्ञों को विस्तृत सिफारिशें कर सकते हैं। वे स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकते हैं, जिससे मानवीय बुद्धिमत्ता या हस्तक्षेप की आवश्यकता समाप्त हो जाती है (स्व-चालित कार इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है)।
लेकिन 2024 में, अधिकांश AI शोधकर्ता और व्यवसायी – और अधिकांश AI-संबंधित सुर्खियाँ – जनरेटिव AI (जनरेटिव AI) में सफलताओं पर केंद्रित हैं, एक ऐसी तकनीक जो मूल पाठ, चित्र, वीडियो और अन्य सामग्री बना सकती है। जनरेटिव AI को पूरी तरह से समझने के लिए, सबसे पहले उन तकनीकों को समझना ज़रूरी है जिन पर जनरेटिव AI उपकरण बनाए गए हैं: मशीन लर्निंग (ML) और डीप लर्निंग ।
ई-पुस्तकसही AI फाउंडेशन मॉडल का चयन कैसे करें
डेटा सेट तैयार करने और AI मॉडल को नियोजित करने में सही दृष्टिकोण का चयन करना सीखें।
यंत्र अधिगम
एआई के बारे में सोचने का एक सरल तरीका यह है कि इसे नेस्टेड या व्युत्पन्न अवधारणाओं की एक श्रृंखला के रूप में देखा जाए जो 70 से अधिक वर्षों में उभरी हैं:

एआई के ठीक नीचे, हमारे पास मशीन लर्निंग है, जिसमें डेटा के आधार पर पूर्वानुमान या निर्णय लेने के लिए एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करके मॉडल बनाना शामिल है। इसमें तकनीकों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है जो कंप्यूटर को विशिष्ट कार्यों के लिए स्पष्ट रूप से प्रोग्राम किए बिना डेटा के आधार पर सीखने और निष्कर्ष निकालने में सक्षम बनाती है।
मशीन लर्निंग तकनीक या एल्गोरिदम के कई प्रकार हैं, जिनमें लीनियर रिग्रेशन , लॉजिस्टिक रिग्रेशन , डिसीजन ट्री , रैंडम फ़ॉरेस्ट , सपोर्ट वेक्टर मशीन (SVM) , k-निकटतम पड़ोसी (KNN), क्लस्टरिंग और बहुत कुछ शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक दृष्टिकोण विभिन्न प्रकार की समस्याओं और डेटा के लिए उपयुक्त है।
लेकिन मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के सबसे लोकप्रिय प्रकारों में से एक को न्यूरल नेटवर्क (या कृत्रिम न्यूरल नेटवर्क) कहा जाता है। न्यूरल नेटवर्क मानव मस्तिष्क की संरचना और कार्य के अनुसार बनाए गए हैं। न्यूरल नेटवर्क में नोड्स (न्यूरॉन्स के अनुरूप) की परस्पर जुड़ी परतें होती हैं जो जटिल डेटा को संसाधित करने और उसका विश्लेषण करने के लिए एक साथ काम करती हैं। न्यूरल नेटवर्क उन कार्यों के लिए उपयुक्त हैं जिनमें बड़ी मात्रा में डेटा में जटिल पैटर्न और संबंधों की पहचान करना शामिल है।
मशीन लर्निंग का सबसे सरल रूप सुपरवाइज्ड लर्निंग कहलाता है , जिसमें डेटा को वर्गीकृत करने या परिणामों की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करने के लिए लेबल किए गए डेटा सेट का उपयोग शामिल है। सुपरवाइज्ड लर्निंग में, मनुष्य प्रत्येक प्रशिक्षण उदाहरण को आउटपुट लेबल के साथ जोड़ते हैं। इसका लक्ष्य मॉडल को प्रशिक्षण डेटा में इनपुट और आउटपुट के बीच मैपिंग सीखना है, ताकि यह नए, अनदेखे डेटा के लेबल की भविष्यवाणी कर सके।
गहन अध्ययन
डीप लर्निंग मशीन लर्निंग का एक उपसमूह है जो बहुस्तरीय तंत्रिका नेटवर्क का उपयोग करता है, जिसे डीप न्यूरल नेटवर्क कहा जाता है, जो मानव मस्तिष्क की जटिल निर्णय लेने की शक्ति का अधिक बारीकी से अनुकरण करता है।
डीप न्यूरल नेटवर्क में एक इनपुट परत, कम से कम तीन लेकिन आमतौर पर सैकड़ों छिपी हुई परतें और एक आउटपुट परत शामिल होती है, जबकि पारंपरिक मशीन लर्निंग मॉडल में प्रयुक्त न्यूरल नेटवर्क में आमतौर पर केवल एक या दो छिपी हुई परतें होती हैं।
ये बहुस्तरीय परतें अपर्यवेक्षित शिक्षण को सक्षम बनाती हैं : वे बड़े, लेबल रहित और असंरचित डेटा सेटों से सुविधाओं के निष्कर्षण को स्वचालित कर सकते हैं, तथा डेटा क्या दर्शाता है, इसके बारे में स्वयं पूर्वानुमान लगा सकते हैं।
क्योंकि डीप लर्निंग में मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए यह मशीन लर्निंग को बहुत बड़े पैमाने पर सक्षम बनाता है। यह प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) , कंप्यूटर विज़न और अन्य कार्यों के लिए उपयुक्त है जिसमें बड़ी मात्रा में डेटा में जटिल पैटर्न और संबंधों की तेज़, सटीक पहचान शामिल है। डीप लर्निंग का कोई न कोई रूप आज हमारे जीवन में अधिकांश कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) अनुप्रयोगों को शक्ति प्रदान करता है।

अद्यतन किया गया : 16 अगस्त 2024
योगदानकर्ता : कोल स्ट्राइकर, एडा कावलाकोग्लू
एआई क्या है?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) वह तकनीक है जो कंप्यूटर और मशीनों को मानव सीखने, समझने, समस्या समाधान, निर्णय लेने, रचनात्मकता और स्वायत्तता का अनुकरण करने में सक्षम बनाती है।
AI से लैस एप्लीकेशन और डिवाइस वस्तुओं को देख और पहचान सकते हैं। वे मानव भाषा को समझ सकते हैं और उस पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। वे नई जानकारी और अनुभव से सीख सकते हैं। वे उपयोगकर्ताओं और विशेषज्ञों को विस्तृत सिफारिशें कर सकते हैं। वे स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकते हैं, जिससे मानवीय बुद्धिमत्ता या हस्तक्षेप की आवश्यकता समाप्त हो जाती है (स्व-चालित कार इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है)।
लेकिन 2024 में, अधिकांश AI शोधकर्ता और व्यवसायी – और अधिकांश AI-संबंधित सुर्खियाँ – जनरेटिव AI (जनरेटिव AI) में सफलताओं पर केंद्रित हैं, एक ऐसी तकनीक जो मूल पाठ, चित्र, वीडियो और अन्य सामग्री बना सकती है। जनरेटिव AI को पूरी तरह से समझने के लिए, सबसे पहले उन तकनीकों को समझना ज़रूरी है जिन पर जनरेटिव AI उपकरण बनाए गए हैं: मशीन लर्निंग (ML) और डीप लर्निंग ।
ई-पुस्तकसही AI फाउंडेशन मॉडल का चयन कैसे करें
डेटा सेट तैयार करने और AI मॉडल को नियोजित करने में सही दृष्टिकोण का चयन करना सीखें।
यंत्र अधिगम
एआई के बारे में सोचने का एक सरल तरीका यह है कि इसे नेस्टेड या व्युत्पन्न अवधारणाओं की एक श्रृंखला के रूप में देखा जाए जो 70 से अधिक वर्षों में उभरी हैं:

एआई के ठीक नीचे, हमारे पास मशीन लर्निंग है, जिसमें डेटा के आधार पर पूर्वानुमान या निर्णय लेने के लिए एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करके मॉडल बनाना शामिल है। इसमें तकनीकों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है जो कंप्यूटर को विशिष्ट कार्यों के लिए स्पष्ट रूप से प्रोग्राम किए बिना डेटा के आधार पर सीखने और निष्कर्ष निकालने में सक्षम बनाती है।
मशीन लर्निंग तकनीक या एल्गोरिदम के कई प्रकार हैं, जिनमें लीनियर रिग्रेशन , लॉजिस्टिक रिग्रेशन , डिसीजन ट्री , रैंडम फ़ॉरेस्ट , सपोर्ट वेक्टर मशीन (SVM) , k-निकटतम पड़ोसी (KNN), क्लस्टरिंग और बहुत कुछ शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक दृष्टिकोण विभिन्न प्रकार की समस्याओं और डेटा के लिए उपयुक्त है।
लेकिन मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के सबसे लोकप्रिय प्रकारों में से एक को न्यूरल नेटवर्क (या कृत्रिम न्यूरल नेटवर्क) कहा जाता है। न्यूरल नेटवर्क मानव मस्तिष्क की संरचना और कार्य के अनुसार बनाए गए हैं। न्यूरल नेटवर्क में नोड्स (न्यूरॉन्स के अनुरूप) की परस्पर जुड़ी परतें होती हैं जो जटिल डेटा को संसाधित करने और उसका विश्लेषण करने के लिए एक साथ काम करती हैं। न्यूरल नेटवर्क उन कार्यों के लिए उपयुक्त हैं जिनमें बड़ी मात्रा में डेटा में जटिल पैटर्न और संबंधों की पहचान करना शामिल है।
मशीन लर्निंग का सबसे सरल रूप सुपरवाइज्ड लर्निंग कहलाता है , जिसमें डेटा को वर्गीकृत करने या परिणामों की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करने के लिए लेबल किए गए डेटा सेट का उपयोग शामिल है। सुपरवाइज्ड लर्निंग में, मनुष्य प्रत्येक प्रशिक्षण उदाहरण को आउटपुट लेबल के साथ जोड़ते हैं। इसका लक्ष्य मॉडल को प्रशिक्षण डेटा में इनपुट और आउटपुट के बीच मैपिंग सीखना है, ताकि यह नए, अनदेखे डेटा के लेबल की भविष्यवाणी कर सके।

एआई बनाम मशीन लर्निंग (5:49)
संबंधित सामग्री
फाउंडेशन मॉडल पर गाइड के लिए पंजीकरण करें
गहन अध्ययन
डीप लर्निंग मशीन लर्निंग का एक उपसमूह है जो बहुस्तरीय तंत्रिका नेटवर्क का उपयोग करता है, जिसे डीप न्यूरल नेटवर्क कहा जाता है, जो मानव मस्तिष्क की जटिल निर्णय लेने की शक्ति का अधिक बारीकी से अनुकरण करता है।
डीप न्यूरल नेटवर्क में एक इनपुट परत, कम से कम तीन लेकिन आमतौर पर सैकड़ों छिपी हुई परतें और एक आउटपुट परत शामिल होती है, जबकि पारंपरिक मशीन लर्निंग मॉडल में प्रयुक्त न्यूरल नेटवर्क में आमतौर पर केवल एक या दो छिपी हुई परतें होती हैं।
ये बहुस्तरीय परतें अपर्यवेक्षित शिक्षण को सक्षम बनाती हैं : वे बड़े, लेबल रहित और असंरचित डेटा सेटों से सुविधाओं के निष्कर्षण को स्वचालित कर सकते हैं, तथा डेटा क्या दर्शाता है, इसके बारे में स्वयं पूर्वानुमान लगा सकते हैं।
क्योंकि डीप लर्निंग में मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए यह मशीन लर्निंग को बहुत बड़े पैमाने पर सक्षम बनाता है। यह प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) , कंप्यूटर विज़न और अन्य कार्यों के लिए उपयुक्त है जिसमें बड़ी मात्रा में डेटा में जटिल पैटर्न और संबंधों की तेज़, सटीक पहचान शामिल है। डीप लर्निंग का कोई न कोई रूप आज हमारे जीवन में अधिकांश कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) अनुप्रयोगों को शक्ति प्रदान करता है।

गहन शिक्षण से यह भी संभव होता है:
अर्ध-पर्यवेक्षित शिक्षण , जो वर्गीकरण और प्रतिगमन कार्यों के लिए एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए लेबल और लेबल रहित दोनों डेटा का उपयोग करके पर्यवेक्षित और अपर्यवेक्षित शिक्षण को जोड़ता है।

स्व-पर्यवेक्षित शिक्षण , जो पर्यवेक्षी संकेतों के लिए लेबल किए गए डेटा सेट पर निर्भर रहने के बजाय, असंरचित डेटा से अंतर्निहित लेबल उत्पन्न करता है।

सुदृढीकरण सीखना , जो छिपे हुए पैटर्न से जानकारी निकालने के बजाय परीक्षण-और-त्रुटि और पुरस्कार कार्यों द्वारा सीखता है।

स्थानांतरण अधिगम , जिसमें एक कार्य या डेटा सेट के माध्यम से प्राप्त ज्ञान का उपयोग किसी अन्य संबंधित कार्य या भिन्न डेटा सेट पर मॉडल के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।

जनरेटिव एआई
जनरेटिव एआई, जिसे कभी-कभी “जनरेटिव एआई” कहा जाता है , गहरे शिक्षण मॉडल को संदर्भित करता है जो उपयोगकर्ता के संकेत या अनुरोध के जवाब में जटिल मूल सामग्री बना सकता है – जैसे लंबे-फॉर्म टेक्स्ट, उच्च-गुणवत्ता वाली छवियां, यथार्थवादी वीडियो या ऑडियो और बहुत कुछ।
उच्च स्तर पर, जनरेटिव मॉडल अपने प्रशिक्षण डेटा का एक सरलीकृत निरूपण एनकोड करते हैं, और फिर उस निरूपण से नया कार्य तैयार करते हैं जो मूल डेटा के समान तो होता है, लेकिन बिल्कुल वैसा ही नहीं होता।
जनरेटिव मॉडल का इस्तेमाल सांख्यिकी में संख्यात्मक डेटा का विश्लेषण करने के लिए वर्षों से किया जा रहा है। लेकिन पिछले दशक में, वे अधिक जटिल डेटा प्रकारों का विश्लेषण और उत्पन्न करने के लिए विकसित हुए हैं। यह विकास तीन परिष्कृत डीप लर्निंग मॉडल प्रकारों के उद्भव के साथ हुआ:
वैरिएशनल ऑटोएनकोडर या VAEs, जिन्हें 2013 में पेश किया गया था, ने ऐसे मॉडलों को सक्षम किया जो किसी संकेत या निर्देश के जवाब में सामग्री के कई रूप उत्पन्न कर सकते थे।

प्रसार मॉडल, पहली बार 2014 में देखा गया, जो छवियों में तब तक “शोर” जोड़ता है जब तक कि वे पहचानने योग्य न हो जाएं, और फिर संकेतों के जवाब में मूल छवियां उत्पन्न करने के लिए शोर को हटा देता है।

ट्रांसफॉर्मर (जिसे ट्रांसफॉर्मर मॉडल भी कहा जाता है), जिन्हें अनुक्रमित डेटा पर प्रशिक्षित किया जाता है ताकि सामग्री के विस्तारित अनुक्रम उत्पन्न किए जा सकें (जैसे वाक्यों में शब्द, छवि में आकृतियाँ, वीडियो के फ़्रेम या सॉफ़्टवेयर कोड में कमांड)। ट्रांसफॉर्मर आज के अधिकांश हेडलाइन बनाने वाले जनरेटिव AI टूल के मूल में हैं, जिनमें ChatGPT और GPT-4, Copilot, BERT, Bard और Midjourney शामिल हैं।
जनरेटिव एआई कैसे काम करता है
सामान्यतः, जनरेटिव एआई तीन चरणों में काम करता है:
प्रशिक्षण, एक आधार मॉडल बनाने के लिए।
ट्यूनिंग, मॉडल को किसी विशिष्ट अनुप्रयोग के अनुकूल बनाना।
सटीकता में सुधार के लिए उत्पादन, मूल्यांकन और अधिक ट्यूनिंग ।
प्रशिक्षण

जनरेटिव एआई एक “आधारभूत मॉडल” से शुरू होता है; एक गहन शिक्षण मॉडल जो विभिन्न प्रकार के जनरेटिव एआई अनुप्रयोगों के लिए आधार के रूप में कार्य करता है।
आज सबसे आम आधार मॉडल बड़े भाषा मॉडल (LLM) हैं , जो टेक्स्ट जनरेशन अनुप्रयोगों के लिए बनाए गए हैं। लेकिन छवि, वीडियो, ध्वनि या संगीत निर्माण के लिए आधार मॉडल और मल्टीमॉडल आधार मॉडल भी हैं जो कई प्रकार की सामग्री का समर्थन करते हैं।
एक आधार मॉडल बनाने के लिए, व्यवसायी बड़ी मात्रा में प्रासंगिक कच्चे, असंरचित, लेबल रहित डेटा, जैसे कि टेराबाइट्स या पेटाबाइट्स डेटा टेक्स्ट या इंटरनेट से इमेज या वीडियो पर एक डीप लर्निंग एल्गोरिदम को प्रशिक्षित करते हैं। प्रशिक्षण से अरबों मापदंडों का एक तंत्रिका नेटवर्क प्राप्त होता है – डेटा में संस्थाओं, पैटर्न और संबंधों के एन्कोडेड प्रतिनिधित्व – जो संकेतों के जवाब में स्वायत्त रूप से सामग्री उत्पन्न कर सकते हैं। यह आधार मॉडल है।
यह प्रशिक्षण प्रक्रिया कम्प्यूट-गहन, समय लेने वाली और महंगी है। इसके लिए हजारों क्लस्टर्ड ग्राफ़िक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) और कई हफ़्तों की प्रोसेसिंग की ज़रूरत होती है, जिसकी कीमत आम तौर पर लाखों डॉलर होती है। ओपन सोर्स फ़ाउंडेशन मॉडल प्रोजेक्ट, जैसे कि मेटा का लामा-2, जेन एआई डेवलपर्स को इस चरण और इसकी लागत से बचने में सक्षम बनाता है।
ट्यूनिंग

इसके बाद, मॉडल को किसी विशिष्ट सामग्री निर्माण कार्य के लिए ट्यून किया जाना चाहिए। यह विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
फाइन-ट्यूनिंग, जिसमें मॉडल अनुप्रयोग-विशिष्ट लेबलयुक्त डेटा को फीड करना शामिल है – प्रश्न या संकेत जो अनुप्रयोग को प्राप्त होने की संभावना है, और वांछित प्रारूप में संगत सही उत्तर।

मानव प्रतिक्रिया के साथ सुदृढ़ीकरण सीखना (RLHF), जिसमें मानव उपयोगकर्ता मॉडल आउटपुट की सटीकता या प्रासंगिकता का मूल्यांकन करते हैं ताकि मॉडल खुद को बेहतर बना सके। यह लोगों को चैटबॉट या वर्चुअल असिस्टेंट को सुधार टाइप करने या वापस बात करने जितना सरल हो सकता है।
पीढ़ी, मूल्यांकन और अधिक ट्यूनिंग

डेवलपर्स और उपयोगकर्ता नियमित रूप से अपने जनरेटिव AI ऐप्स के आउटपुट का मूल्यांकन करते हैं, और मॉडल को और भी बेहतर बनाते हैं – यहाँ तक कि सप्ताह में एक बार भी – ताकि अधिक सटीकता या प्रासंगिकता मिल सके। इसके विपरीत, फाउंडेशन मॉडल को बहुत कम बार अपडेट किया जाता है, शायद हर साल या 18 महीने में।
जनरेशन एआई ऐप के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए एक अन्य विकल्प रिट्रीवल ऑगमेंटेड जेनरेशन (आरएजी) है, जो अधिक सटीकता या प्रासंगिकता के लिए मापदंडों को परिष्कृत करने के लिए प्रशिक्षण डेटा के बाहर प्रासंगिक स्रोतों का उपयोग करने के लिए आधार मॉडल का विस्तार करने की एक तकनीक है।
जनरेटिव एआई के बारे में अधिक पढ़ें
एआई के लाभ
AI विभिन्न उद्योगों और अनुप्रयोगों में अनेक लाभ प्रदान करता है। सबसे अधिक उद्धृत लाभों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
दोहराए जाने वाले कार्यों का स्वचालन.
डेटा से अधिक एवं तीव्र अंतर्दृष्टि।
निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि।
मानवीय त्रुटियाँ कम होंगी।
24×7 उपलब्धता.
शारीरिक जोखिम कम हो गया।

दोहराए जाने वाले कार्यों का स्वचालन

एआई नियमित, दोहराव वाले और अक्सर थकाऊ कार्यों को स्वचालित कर सकता है – जिसमें डेटा संग्रह, प्रविष्टि और प्रीप्रोसेसिंग जैसे डिजिटल कार्य और वेयरहाउस स्टॉक-पिकिंग और विनिर्माण प्रक्रियाओं जैसे भौतिक कार्य शामिल हैं। यह स्वचालन उच्च मूल्य, अधिक रचनात्मक कार्य करने के लिए स्वतंत्र करता है।

उन्नत निर्णय-प्रक्रिया

चाहे निर्णय समर्थन के लिए या पूरी तरह से स्वचालित निर्णय लेने के लिए उपयोग किया जाए, AI तेज़, अधिक सटीक भविष्यवाणियों और विश्वसनीय, डेटा-संचालित निर्णयों को सक्षम बनाता है। स्वचालन के साथ संयुक्त, AI व्यवसायों को अवसरों पर कार्य करने और संकटों का जवाब देने में सक्षम बनाता है, जैसे ही वे वास्तविक समय में और मानवीय हस्तक्षेप के बिना उभरते हैं।

कम मानवीय त्रुटियाँ

एआई विभिन्न तरीकों से मानवीय त्रुटियों को कम कर सकता है, किसी प्रक्रिया के उचित चरणों के माध्यम से लोगों का मार्गदर्शन करने से लेकर, संभावित त्रुटियों को होने से पहले ही चिह्नित करने तक, और मानवीय हस्तक्षेप के बिना प्रक्रियाओं को पूरी तरह से स्वचालित करने तक। यह स्वास्थ्य सेवा जैसे उद्योगों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ, उदाहरण के लिए, एआई-निर्देशित सर्जिकल रोबोटिक्स लगातार सटीकता को सक्षम बनाता है।
मशीन लर्निंग एल्गोरिदम लगातार अपनी सटीकता में सुधार कर सकते हैं तथा त्रुटियों को और कम कर सकते हैं, क्योंकि वे अधिक डेटा के संपर्क में आते हैं तथा अनुभव से “सीखते” हैं।

चौबीसों घंटे उपलब्धता और निरंतरता

AI हमेशा चालू रहता है, चौबीसों घंटे उपलब्ध रहता है, और हर बार लगातार प्रदर्शन करता है। AI चैटबॉट या वर्चुअल असिस्टेंट जैसे उपकरण ग्राहक सेवा या सहायता के लिए कर्मचारियों की मांग को कम कर सकते हैं। अन्य अनुप्रयोगों में – जैसे कि सामग्री प्रसंस्करण या उत्पादन लाइनें – AI दोहरावदार या थकाऊ कार्यों को पूरा करने के लिए उपयोग किए जाने पर लगातार काम की गुणवत्ता और आउटपुट स्तर बनाए रखने में मदद कर सकता है।

शारीरिक जोखिम में कमी

खतरनाक कामों को स्वचालित करके – जैसे कि जानवरों को नियंत्रित करना, विस्फोटकों को संभालना, गहरे समुद्र के पानी में, उच्च ऊंचाई पर या बाहरी अंतरिक्ष में काम करना – एआई मानव श्रमिकों को चोट लगने या इससे भी बदतर स्थिति में डालने की आवश्यकता को समाप्त कर सकता है। हालाँकि उन्हें अभी तक पूर्ण नहीं किया गया है, लेकिन स्व-चालित कारें और अन्य वाहन यात्रियों को चोट लगने के जोखिम को कम करने की क्षमता प्रदान करते हैं।

एआई उपयोग के मामले
एआई के वास्तविक दुनिया में कई अनुप्रयोग हैं। यहाँ विभिन्न उद्योगों में इसके संभावित उपयोग के कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

ग्राहक अनुभव, सेवा और समर्थन

कंपनियाँ ग्राहकों की पूछताछ, सहायता टिकट और अन्य चीज़ों को संभालने के लिए AI-संचालित चैटबॉट और वर्चुअल असिस्टेंट लागू कर सकती हैं। ये उपकरण ऑर्डर की स्थिति, उत्पाद विवरण और वापसी नीतियों के बारे में ग्राहकों के सवालों को समझने और उनका जवाब देने के लिए प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) और जनरेटिव AI क्षमताओं का उपयोग करते हैं।
चैटबॉट और वर्चुअल असिस्टेंट सदैव उपलब्ध सहायता प्रदान करते हैं, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के त्वरित उत्तर प्रदान करते हैं, मानव एजेंटों को उच्च-स्तरीय कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए स्वतंत्र करते हैं, तथा ग्राहकों को तीव्र, अधिक सुसंगत सेवा प्रदान करते हैं।

धोखाधड़ी का पता लगाना

मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग एल्गोरिदम लेन-देन के पैटर्न का विश्लेषण कर सकते हैं और असामान्य खर्च या लॉगिन स्थानों जैसी विसंगतियों को चिह्नित कर सकते हैं, जो धोखाधड़ी वाले लेन-देन का संकेत देते हैं। यह संगठनों को संभावित धोखाधड़ी पर अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया करने और इसके प्रभाव को सीमित करने में सक्षम बनाता है, जिससे उन्हें और ग्राहकों को अधिक मानसिक शांति मिलती है।

व्यक्तिगत विपणन

खुदरा विक्रेता, बैंक और अन्य ग्राहक-सामना करने वाली कंपनियाँ व्यक्तिगत ग्राहक अनुभव और मार्केटिंग अभियान बनाने के लिए AI का उपयोग कर सकती हैं जो ग्राहकों को प्रसन्न करती हैं, बिक्री में सुधार करती हैं और ग्राहकों को छोड़ने से रोकती हैं। ग्राहक खरीद इतिहास और व्यवहार के डेटा के आधार पर, डीप लर्निंग एल्गोरिदम उन उत्पादों और सेवाओं की सिफारिश कर सकते हैं जो ग्राहक चाहते हैं, और यहां तक कि वास्तविक समय में व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए व्यक्तिगत कॉपी और विशेष ऑफ़र भी तैयार कर सकते हैं।

मानव संसाधन और भर्ती

एआई-संचालित भर्ती प्लेटफ़ॉर्म रिज्यूमे की स्क्रीनिंग करके, उम्मीदवारों को नौकरी के विवरण से मिलाकर और यहां तक कि वीडियो विश्लेषण का उपयोग करके प्रारंभिक साक्षात्कार आयोजित करके भर्ती को सुव्यवस्थित कर सकते हैं। ये और अन्य उपकरण बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से जुड़े प्रशासनिक कागजी कार्रवाई के ढेर को नाटकीय रूप से कम कर सकते हैं। यह प्रतिक्रिया समय और भर्ती में लगने वाले समय को भी कम कर सकता है, जिससे उम्मीदवारों के लिए अनुभव बेहतर हो सकता है, चाहे उन्हें नौकरी मिले या नहीं।

अनुप्रयोग विकास और आधुनिकीकरण

जनरेटिव एआई कोड जनरेशन टूल और ऑटोमेशन टूल एप्लीकेशन डेवलपमेंट से जुड़े दोहराए जाने वाले कोडिंग कार्यों को सुव्यवस्थित कर सकते हैं, और बड़े पैमाने पर लीगेसी एप्लिकेशन के माइग्रेशन और आधुनिकीकरण (रीफॉर्मेटिंग और रीप्लेटॉर्मिंग) को गति दे सकते हैं। ये उपकरण कार्यों को गति दे सकते हैं, कोड की स्थिरता सुनिश्चित करने और त्रुटियों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

पूर्वानुमानित रखरखाव

मशीन लर्निंग मॉडल सेंसर, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) डिवाइस और ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी (OT) से डेटा का विश्लेषण करके यह अनुमान लगा सकते हैं कि कब रखरखाव की आवश्यकता होगी और उपकरण विफलताओं का पूर्वानुमान पहले ही लगा सकते हैं। AI-संचालित निवारक रखरखाव डाउनटाइम को रोकने में मदद करता है और आपको आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं से पहले ही आगे रहने में सक्षम बनाता है, इससे पहले कि वे अंतिम परिणाम को प्रभावित करें।

एआई चुनौतियां और जोखिम
संगठन नवीनतम AI तकनीकों का लाभ उठाने और AI के कई लाभों का लाभ उठाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह तेजी से अपनाना आवश्यक है, लेकिन AI वर्कफ़्लो को अपनाना और बनाए रखना चुनौतियों और जोखिमों के साथ आता है।

डेटा जोखिम

एआई सिस्टम ऐसे डेटा सेट पर निर्भर करते हैं जो डेटा पॉइज़निंग, डेटा छेड़छाड़, डेटा पूर्वाग्रह या साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं जो डेटा उल्लंघनों को जन्म दे सकते हैं। संगठन डेटा अखंडता की रक्षा करके और विकास से लेकर प्रशिक्षण और परिनियोजन और परिनियोजन के बाद पूरे एआई जीवनचक्र में सुरक्षा और उपलब्धता को लागू करके इन जोखिमों को कम कर सकते हैं ।

मॉडल जोखिम

खतरा पैदा करने वाले लोग चोरी, रिवर्स इंजीनियरिंग या अनधिकृत हेरफेर के लिए AI मॉडल को निशाना बना सकते हैं। हमलावर मॉडल की वास्तुकला, भार या मापदंडों के साथ छेड़छाड़ करके मॉडल की अखंडता से समझौता कर सकते हैं; मुख्य घटक जो मॉडल के व्यवहार, सटीकता और प्रदर्शन को निर्धारित करते हैं।

परिचालन जोखिम

सभी तकनीकों की तरह, मॉडल संचालन जोखिमों जैसे मॉडल बहाव, पूर्वाग्रह और शासन संरचना में टूटने के प्रति संवेदनशील होते हैं। अगर इन जोखिमों पर ध्यान न दिया जाए, तो ये सिस्टम विफलताओं और साइबर सुरक्षा कमजोरियों का कारण बन सकते हैं, जिनका उपयोग खतरे पैदा करने वाले लोग कर सकते हैं।

नैतिकता और कानूनी जोखिम

यदि संगठन AI सिस्टम विकसित और तैनात करते समय सुरक्षा और नैतिकता को प्राथमिकता नहीं देते हैं, तो वे गोपनीयता उल्लंघन करने और पक्षपातपूर्ण परिणाम उत्पन्न करने का जोखिम उठाते हैं। उदाहरण के लिए, भर्ती निर्णयों के लिए उपयोग किए जाने वाले पक्षपातपूर्ण प्रशिक्षण डेटा लिंग या नस्लीय रूढ़िवादिता को मजबूत कर सकते हैं और ऐसे AI मॉडल बना सकते हैं जो कुछ जनसांख्यिकीय समूहों को दूसरों पर तरजीह देते हैं।

एआई जोखिमों के बारे में अधिक जानें
एआई नैतिकता और शासन
एआई नैतिकता एक बहुविषयक क्षेत्र है जो जोखिम और प्रतिकूल परिणामों को कम करते हुए एआई के लाभकारी प्रभाव को अनुकूलित करने के तरीकों का अध्ययन करता है। एआई नैतिकता के सिद्धांतों को एआई शासन की एक प्रणाली के माध्यम से लागू किया जाता है जिसमें गार्डरेल शामिल होते हैं जो यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि एआई उपकरण और सिस्टम सुरक्षित और नैतिक बने रहें।
एआई गवर्नेंस में जोखिमों को संबोधित करने वाले निरीक्षण तंत्र शामिल हैं। एआई गवर्नेंस के लिए एक नैतिक दृष्टिकोण के लिए डेवलपर्स, उपयोगकर्ताओं, नीति निर्माताओं और नैतिकतावादियों सहित हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला की भागीदारी की आवश्यकता होती है, जो यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि एआई से संबंधित प्रणालियों को समाज के मूल्यों के अनुरूप विकसित और उपयोग किया जाता है।
यहां एआई नैतिकता और जिम्मेदार एआई से जुड़े सामान्य मूल्य दिए गए हैं :
व्याख्यायित्व और व्याख्यायित्व
जैसे-जैसे AI अधिक उन्नत होता जा रहा है, मनुष्यों को यह समझने और समझने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है कि एल्गोरिदम किस तरह से परिणाम पर पहुंचा। व्याख्यात्मक AI प्रक्रियाओं और विधियों का एक समूह है जो मानव उपयोगकर्ताओं को एल्गोरिदम द्वारा बनाए गए परिणामों और आउटपुट की व्याख्या, समझने और उन पर भरोसा करने में सक्षम बनाता है।
निष्पक्षता और समावेशन
हालाँकि मशीन लर्निंग, अपनी प्रकृति से, सांख्यिकीय भेदभाव का एक रूप है, लेकिन यह भेदभाव तब आपत्तिजनक हो जाता है जब यह विशेषाधिकार प्राप्त समूहों को व्यवस्थित लाभ पर और कुछ वंचित समूहों को व्यवस्थित नुकसान पर रखता है, जिससे संभावित रूप से विभिन्न नुकसान हो सकते हैं। निष्पक्षता को प्रोत्साहित करने के लिए, व्यवसायी डेटा संग्रह और मॉडल डिज़ाइन में एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रह को कम करने और अधिक विविध और समावेशी टीमों का निर्माण करने का प्रयास कर सकते हैं।
मजबूती और सुरक्षा
मजबूत एआई असाधारण परिस्थितियों जैसे इनपुट में असामान्यता या दुर्भावनापूर्ण हमलों को प्रभावी ढंग से संभालता है, बिना अनजाने में नुकसान पहुँचाए। इसे उजागर कमजोरियों से सुरक्षा प्रदान करके जानबूझकर और अनजाने में किए गए हस्तक्षेप का सामना करने के लिए भी बनाया गया है।
जवाबदेही और पारदर्शिता
संगठनों को AI सिस्टम के विकास, परिनियोजन और परिणामों के लिए स्पष्ट ज़िम्मेदारियों और शासन संरचनाओं को लागू करना चाहिए। इसके अलावा, उपयोगकर्ताओं को यह देखने में सक्षम होना चाहिए कि AI सेवा कैसे काम करती है, इसकी कार्यक्षमता का मूल्यांकन करें और इसकी ताकत और सीमाओं को समझें। बढ़ी हुई पारदर्शिता AI उपभोक्ताओं को यह बेहतर ढंग से समझने के लिए जानकारी प्रदान करती है कि AI मॉडल या सेवा कैसे बनाई गई थी।
गोपनीयता और अनुपालन
GDPR सहित कई विनियामक ढाँचे यह अनिवार्य करते हैं कि संगठन व्यक्तिगत जानकारी संसाधित करते समय कुछ गोपनीयता सिद्धांतों का पालन करें। AI मॉडल की सुरक्षा करने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है जिसमें व्यक्तिगत जानकारी हो सकती है, यह नियंत्रित करना कि कौन सा डेटा पहले मॉडल में जाता है, और अनुकूलनीय सिस्टम बनाना जो विनियमन और AI नैतिकता के आसपास के दृष्टिकोण में बदलावों को समायोजित कर सकते हैं।
कमज़ोर AI बनाम मज़बूत AI
जटिलता और परिष्कार के विभिन्न स्तरों पर एआई के उपयोग को संदर्भित करने के लिए, शोधकर्ताओं ने एआई के कई प्रकारों को परिभाषित किया है जो इसके परिष्कार के स्तर को संदर्भित करते हैं:
कमज़ोर AI : इसे “संकीर्ण AI” के रूप में भी जाना जाता है, यह एक विशिष्ट कार्य या कार्यों के एक सेट को करने के लिए डिज़ाइन किए गए AI सिस्टम को परिभाषित करता है। उदाहरणों में “स्मार्ट” वॉयस असिस्टेंट ऐप शामिल हो सकते हैं, जैसे कि अमेज़ॅन का एलेक्सा, ऐप्पल का सिरी, एक सोशल मीडिया चैटबॉट या टेस्ला द्वारा वादा किए गए स्वायत्त वाहन।
मजबूत एआई : जिसे “कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता” (एजीआई) या “सामान्य एआई” के रूप में भी जाना जाता है, मानव बुद्धिमत्ता के बराबर या उससे बेहतर स्तर पर कार्यों की एक विस्तृत श्रृंखला में ज्ञान को समझने, सीखने और लागू करने की क्षमता रखता है। एआई का यह स्तर वर्तमान में सैद्धांतिक है और कोई भी ज्ञात एआई सिस्टम परिष्कार के इस स्तर तक नहीं पहुंचता है। शोधकर्ताओं का तर्क है कि अगर एजीआई भी संभव है, तो इसके लिए कंप्यूटिंग शक्ति में बड़ी वृद्धि की आवश्यकता है। एआई विकास में हाल की प्रगति के बावजूद, विज्ञान कथाओं की आत्म-जागरूक एआई प्रणालियाँ उस दायरे में मजबूती से बनी हुई हैं।
एआई का इतिहास
“सोचने वाली मशीन” का विचार प्राचीन ग्रीस से आया है। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटिंग के आगमन के बाद से (और इस लेख में चर्चा किए गए कुछ विषयों के सापेक्ष) AI के विकास में महत्वपूर्ण घटनाएँ और मील के पत्थर निम्नलिखित हैं:

1950
एलन ट्यूरिंग ने कंप्यूटिंग मशीनरी एंड इंटेलिजेंस (लिंक ibm.com के बाहर है) प्रकाशित किया। इस पेपर में, ट्यूरिंग – द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मन ENIGMA कोड को तोड़ने के लिए प्रसिद्ध और अक्सर “कंप्यूटर विज्ञान के पिता” के रूप में संदर्भित – निम्नलिखित प्रश्न पूछते हैं: “क्या मशीनें सोच सकती हैं?”
वहां से, वह एक परीक्षण प्रदान करता है, जिसे अब “ट्यूरिंग टेस्ट” के रूप में जाना जाता है, जहां एक मानव पूछताछकर्ता कंप्यूटर और मानव पाठ प्रतिक्रिया के बीच अंतर करने की कोशिश करेगा। हालाँकि इस परीक्षण को प्रकाशित होने के बाद से बहुत जांच से गुजरना पड़ा है, यह एआई के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और दर्शन के भीतर एक चल रही अवधारणा है क्योंकि यह भाषा विज्ञान के आसपास के विचारों का उपयोग करता है।

1956
जॉन मैकार्थी ने डार्टमाउथ कॉलेज में पहली बार आयोजित एआई कॉन्फ्रेंस में “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” शब्द गढ़ा। (मैकार्थी ने लिस्प भाषा का आविष्कार किया।) उसी वर्ष बाद में, एलन न्यूवेल, जेसी शॉ और हर्बर्ट साइमन ने लॉजिक थियोरिस्ट बनाया, जो पहला चलने वाला एआई कंप्यूटर प्रोग्राम था।

1967
फ्रैंक रोसेनब्लैट ने मार्क 1 परसेप्ट्रॉन बनाया, जो एक न्यूरल नेटवर्क पर आधारित पहला कंप्यूटर था जो परीक्षण और त्रुटि के माध्यम से “सीखा” था। ठीक एक साल बाद, मार्विन मिंस्की और सेमोर पैपर्ट ने परसेप्ट्रॉन नामक एक पुस्तक प्रकाशित की, जो न्यूरल नेटवर्क पर एक ऐतिहासिक कार्य बन गया और, कम से कम कुछ समय के लिए, भविष्य के न्यूरल नेटवर्क अनुसंधान पहलों के खिलाफ एक तर्क बन गया।

1980
न्यूरल नेटवर्क, जो स्वयं को प्रशिक्षित करने के लिए बैकप्रोपेगेशन एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं, का एआई अनुप्रयोगों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाने लगा।

1995
स्टुअर्ट रसेल और पीटर नॉरविग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: ए मॉडर्न अप्रोच (लिंक ibm.com के बाहर है) प्रकाशित किया, जो AI के अध्ययन में अग्रणी पाठ्यपुस्तकों में से एक बन गया। इसमें, वे AI के चार संभावित लक्ष्यों या परिभाषाओं पर गहराई से विचार करते हैं, जो तर्कसंगतता और सोच बनाम अभिनय के आधार पर कंप्यूटर सिस्टम को अलग करता है।

1997
आईबीएम के डीप ब्लू ने शतरंज मैच (और पुनर्मैच) में तत्कालीन विश्व शतरंज चैंपियन गैरी कास्पारोव को हराया।

2004
जॉन मैकार्थी ने एक पेपर लिखा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है? (लिंक ibm.com के बाहर है), और AI की अक्सर उद्धृत परिभाषा प्रस्तावित की। इस समय तक, बड़े डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग का युग चल रहा है, जो संगठनों को कभी-कभी बड़े डेटा एस्टेट का प्रबंधन करने में सक्षम बनाता है, जिसका उपयोग एक दिन AI मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाएगा।

2011
IBM Watson® ने Jeopardy में चैंपियन Ken Jennings और Brad Rutter को हराया! इसके अलावा, इस समय के आसपास, डेटा विज्ञान एक लोकप्रिय विषय के रूप में उभरना शुरू होता है।

2015
बायडू का मिन्वा सुपरकंप्यूटर एक विशेष गहरे तंत्रिका नेटवर्क का उपयोग करता है, जिसे कन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क कहा जाता है, ताकि औसत मानव की तुलना में अधिक सटीकता के साथ छवियों की पहचान और वर्गीकरण किया जा सके।

2016
डीपमाइंड का अल्फागो प्रोग्राम, जो डीप न्यूरल नेटवर्क द्वारा संचालित है, ने विश्व चैंपियन गो खिलाड़ी ली सोडोल को पांच गेम के मैच में हराया। खेल के आगे बढ़ने के साथ संभावित चालों की बड़ी संख्या को देखते हुए यह जीत महत्वपूर्ण है (केवल चार चालों के बाद 14.5 ट्रिलियन से अधिक)। बाद में, Google ने कथित तौर पर 400 मिलियन अमरीकी डॉलर में डीपमाइंड को खरीद लिया।

2022 ओपनएआई के चैटजीपीटी जैसे बड़े भाषा मॉडल
या एलएलएम में वृद्धि , एआई के प्रदर्शन और उद्यम मूल्य को बढ़ाने की इसकी क्षमता में बहुत बड़ा बदलाव लाती है। इन नई जनरेटिव एआई प्रथाओं के साथ, डीप-लर्निंग मॉडल को बड़ी मात्रा में डेटा पर प्रीट्रेन किया जा सकता है।

2024
नवीनतम AI रुझान निरंतर AI पुनर्जागरण की ओर इशारा करते हैं। मल्टीमॉडल मॉडल जो इनपुट के रूप में कई प्रकार के डेटा ले सकते हैं, वे अधिक समृद्ध, अधिक मजबूत अनुभव प्रदान कर रहे हैं। ये मॉडल कंप्यूटर विज़न इमेज रिकग्निशन और NLP स्पीच रिकग्निशन क्षमताओं को एक साथ लाते हैं। छोटे मॉडल भी बड़े पैरामीटर काउंट वाले विशाल मॉडल के साथ घटते रिटर्न के युग में प्रगति कर रहे हैं।
संबंधित उत्पाद और समाधान
आईबीएम® watsonx.ai™
आईबीएम watsonx.ai एआई स्टूडियो, आईबीएम watsonx™ AI और डेटा टेक्नोलॉजी का हिस्सा है,जो मॉडल मॉडलऔर पारंपरिक मशीन लर्निंग (एमएल) द्वारा संचालित नई जनरेटिव एआई (जनरेटिव एआई) मजबूती को एआई जीवनचक्र में एक शक्तिशाली स्टूडियो में एक साथ लाया गया है।
watsonx.ai खोजें
एआई समाधान
आईबीएम की इंडस्ट्री-अग्रणी आभूषण और सोल्जर्स के पोर्टफोलियो के साथ अपने व्यवसाय में होटल को काम में लाना।
AI समाधान खोजें
ग्राहक सेवा के लिए एआई
मानक को मौलिक देखभाल में स्केल जब आप अपने उपकरणों को संवादात्मक एआई के साथ किसी भी समय, अन्यत्र भी, जातीय देखभाल प्रदान करते हैं।

ग्राहक सेवा के लिए AI का अन्वेषण करें
एआई सेवाएं
अनुभव, वास्तविक समय निर्णय लेने और व्यावसायिक मूल्य को मुख्य रूप से करने के लिए महत्वपूर्ण वर्कशॉप और संचालन को नया रूप देना।
AI सेवाओं का अन्वेषण करें
साइबर सुरक्षा के लिए एआई
मुस्लिम साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में बदलाव आ रहा है, जो जोखिम भरी भारी मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर प्रतिक्रिया समय में तेजी से ला रहा है और संसाधन कम वाले सुरक्षा कार्य को बढ़ाया जा रहा है।
AI डेवलपर्स के लिए हमारा अगली पीढ़ी का एंटरप्राइज़ स्टूडियो
IBM® watsonx.ai™ AI स्टूडियो IBM watsonx ™ AI और डेटा प्लेटफ़ॉर्म का हिस्सा है, जो फ़ाउंडेशन मॉडल और पारंपरिक मशीन लर्निंग (ML) द्वारा संचालित नई जनरेटिव AI (जनरेटिव AI) क्षमताओं को AI जीवनचक्र में फैले एक शक्तिशाली स्टूडियो में एक साथ लाता है। प्रदर्शनकारी प्रॉम्प्ट बनाने और उन्हें परिष्कृत करने के लिए उपयोग में आसान टूल के साथ अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अपने एंटरप्राइज़ डेटा के साथ मॉडल को ट्यून और गाइड करें। watsonx.ai के साथ, आप बहुत कम समय में और बहुत कम डेटा के साथ AI एप्लिकेशन बना सकते हैं। Watsonx.ai ऑफ़र करता है:
बहु-मॉडल विविधता और लचीलापन: आईबीएम द्वारा विकसित ग्रेनाइट मॉडल , ओपन-सोर्स और तीसरे पक्ष के मॉडल में से चुनें, या अपना स्वयं का कस्टम फाउंडेशन मॉडल लाएं।
विभेदित ग्राहक संरक्षण: आईबीएम, आईबीएम द्वारा विकसित ग्रेनाइट मॉडल के पीछे खड़ा है और तीसरे पक्ष के आईपी दावों के खिलाफ ग्राहक को क्षतिपूर्ति प्रदान करता है।
संपूर्ण एआई गवर्नेंस: उद्यम विश्वसनीय डेटा के साथ एआई के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं और उसमें तेजी ला सकते हैं, चाहे डेटा कहीं भी हो।
हाइब्रिड, मल्टी-क्लाउड परिनियोजन: आईबीएम आपके एआई कार्यभार को आपकी पसंद के हाइब्रिड-क्लाउड स्टैक में एकीकृत और परिनियोजित करने की सुविधा प्रदान करता है।
क्या है AI चुनौतिया..?
अब तक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता , या आप इसके संक्षिप्त नाम “एआई” से अधिक परिचित हैं, ने केवल सरल कार्यों को संभालने और स्वचालित करने में सक्षम होने से लेकर अधिक जटिल क्षमताओं के ढेर में मनुष्यों से बेहतर प्रदर्शन करने तक महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसे यहाँ तक पहुँचाने के लिए, मशीन इंटेलिजेंस तकनीकों ने कई बिल्ड-अप और पुनरावृत्तियों से गुज़रा है।
2022 की शरद ऋतु में, पूरी दुनिया को ChatGPT द्वारा उन्माद में भेज दिया गया था। संक्षेप में, यह एक जनरेटिव AI मॉडल है जो सूचना पुनर्प्राप्ति और सामग्री निर्माण को सक्षम बनाता है। बातचीत के रूप में, ChatGPT एक संकेत प्राप्त करता है और उसके अनुसार प्रतिक्रिया देता है। इस तरह के AI सिस्टम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह इंसानों जैसी प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न कर सकता है।
निकट भविष्य में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानव जीवन के हर पहलू से जुड़ी हो सकती है । वहां, एआई सॉफ्टवेयर और बुद्धिमान प्रणालियों की बहुत मांग होगी। इसलिए, एआई विकास उन लोगों के लिए असीमित संभावनाओं का एक पैंतरा है जो कंप्यूटिंग शक्ति का लाभ उठाना चाहते हैं। अब भी, बहुत सी तकनीकी कंपनियाँ और संगठन एआई विकास की ओर बढ़ रहे हैं। हालाँकि, इसकी अपार संभावनाओं के साथ-साथ कई चुनौतियाँ भी आती हैं, जिन्हें एआई को अपनी पूरी क्षमता तक पहुँचने और वास्तव में सर्वव्यापी बनने से पहले संबोधित करने की आवश्यकता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकास में आने वाली प्रमुख चुनौतियाँ
कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकास में आने वाली प्रमुख चुनौतियाँ

आजकल, AI अनुप्रयोगों को प्रौद्योगिकियों के एक व्यापक स्पेक्ट्रम के साथ शामिल पाया जाता है, जैसे कि बिजनेस प्रोसेस ऑटोमेशन (BPA), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) , रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन , ऑटोनॉमस व्हीकल्स, साइबर सिक्योरिटी , इंटेलिजेंट वर्चुअल असिस्टेंट (IVA), कॉग्निटिव कंप्यूटिंग और बिग डेटा । AI अधिकांश उद्योग क्षेत्रों में अगली विघटनकारी क्रांति को आगे बढ़ाएगा, जैसे कि स्वास्थ्य सेवा , वित्त और बैंकिंग, खुदरा, शिक्षा, स्वचालन, बिक्री, परिवहन और रसद, मीडिया और मनोरंजन , और कई अन्य।
जैसा कि बताया गया है, तकनीकी दिग्गजों सहित कई कंपनियाँ अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर उत्पाद बनाने की इच्छा से AI अनुसंधान और विकास में भारी निवेश कर रही हैं। उदाहरण के लिए, Microsoft का AI-संवर्धित Bing और Google का Bard (या अब Gemini )। AI क्षेत्र में वर्चस्व स्थापित करने और सबसे पहले AI तकनीक लाने की होड़ में कंपनियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
एल्गोरिद्मिक पूर्वाग्रह

एआई और मशीन लर्निंग मॉडल के संदर्भ में , एल्गोरिदम को किसी विशेष कार्य को करने या किसी विशेष समस्या को हल करने के लिए डिज़ाइन किए गए निर्देशों और नियमों के एक सेट के रूप में परिभाषित किया जाता है। ये तथाकथित एल्गोरिदम एआई मॉडल बनाने के प्रमुख भाग के रूप में काम करते हैं। उन्हें बड़े पैमाने पर डेटासेट पर प्रशिक्षित किया जाता है और अनुकूलित किया जाता है ताकि वे निर्णय लेने की प्रक्रिया को सशक्त बनाने के लिए डेटा के भीतर पैटर्न और रुझानों से सीख सकें।
उदाहरण के लिए, धोखाधड़ी वाले क्रेडिट कार्ड लेनदेन का पता लगाने के लिए पूर्वानुमान मॉडल बनाते समय, डेवलपर्स को भारी मात्रा में डेटा – यानी, पिछले धोखाधड़ी वाले लेनदेन – के साथ एल्गोरिदम को प्रशिक्षित और परिष्कृत करने की आवश्यकता होती है, ताकि यह संभावित धोखाधड़ी की पहचान कर सके और भविष्य के लेनदेन में सटीक परिणाम दे सके।
किसी AI सिस्टम की प्रभावशीलता और संचालन दक्षता मॉडल-प्रशिक्षण डेटासेट के आधार पर एल्गोरिदम की परिष्कार और सटीकता पर बहुत अधिक निर्भर करती है जिसे इसे खिलाया जाता है। क्या होगा यदि प्रशिक्षण डेटा शुरू से ही पक्षपाती हो? तब, हमारे पास AI पूर्वाग्रह का मामला है। निस्संदेह, यह एक अड़चन है जो विभिन्न मोर्चों पर संभावित रूप से हानिकारक हो सकती है, जो आम तौर पर AI आउटपुट की ओर ले जाती है जो भेदभाव और अनुचित प्रथाओं को कायम रख सकती है।
समाधान:
एल्गोरिथम संबंधी पूर्वाग्रह को ठीक करना एक कठिन कार्य हो सकता है; सौभाग्य से, इस बाधा को आपको परेशान करने से रोकने या इसे पूरी तरह से दूर करने के कई तरीके हैं:
विविध प्रशिक्षण डेटा सेट का उपयोग करें जो मोटे तौर पर विभिन्न जनसांख्यिकी और दृष्टिकोणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
किसी भी संभावित पूर्वाग्रह का पता लगाने और आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए एल्गोरिदम के परिणामों की निरंतर निगरानी और ऑडिट करें।
निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एआई मॉडल को डिजाइन और निर्माण करते समय नैतिक ढांचे और दिशानिर्देशों को अपनाएं।
एआई मॉडल प्रशिक्षण के लिए डेटा की गुणवत्ता और उपलब्धता

जैसा कि ऊपर बताया गया है, AI और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम डेटा पर ही निर्भर करते हैं। इसलिए, कार्यात्मक AI मॉडल बनाने के लिए डेटा की पहुँच और गुणवत्ता आवश्यक है। मानकीकृत डेटा की कमी या अनुपस्थिति बाधा बन सकती है।
डेवलपर्स किसी मॉडल को प्रशिक्षित करने और उसे बेहतर बनाने के लिए जितना ज़्यादा गुणवत्तापूर्ण डेटा इस्तेमाल कर सकते हैं, उसके बदले में उतने ही बेहतर नतीजे मिल सकते हैं। प्रशिक्षण डेटा उच्च गुणवत्ता वाला, प्रासंगिक और पूर्वाग्रह से मुक्त होना चाहिए।
दुर्भाग्य से, अच्छे डेटा स्रोतों का उपयोग करना एक चुनौती बनी हुई है। यह आंशिक रूप से इसलिए है क्योंकि मूल्यवान डेटा अक्सर गोपनीयता या स्वामित्व अधिकारों के कारण साइलो में बंद या दुर्गम होता है। अन्यथा, वास्तविक दुनिया का डेटा आमतौर पर खंडित या अधूरा होता है, जो एआई मॉडल प्रशिक्षण की बात आने पर एक समस्या उत्पन्न करता है।
समाधान:
ऐसी डेटा-संबंधी चुनौतियों को हल करने की कुंजी डेटा प्रबंधन और चयन में निहित है:
डेटा गवर्नेंस और प्रबंधन प्रथाओं में निवेश करें जो डेटा की गुणवत्ता, पहुंच और सुरक्षा सुनिश्चित करें।
अधिक विविध और प्रासंगिक डेटासेट तक पहुंचने के लिए डेटा साझेदारों और अन्य संगठनों के साथ सहयोग करें।
प्रशिक्षण डेटा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए डेटा प्रीप्रोसेसिंग तकनीकों, जैसे डेटा क्लीनिंग और सामान्यीकरण, का उपयोग करें।
वगैरह।
डेटा सुरक्षा और गोपनीयता

चूंकि AI अपने पूर्वानुमानों और निर्णयों के लिए डेटा पर बहुत अधिक निर्भर करता है, इसलिए डेटा को चोरी या हेरफेर से बचाना अनिवार्य है, खासकर वर्तमान AI उद्योग में। यदि AI मॉडल को हैक किया जाता है, तो इसका उपयोग दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि सेवा से इनकार करने वाले हमले, उदाहरण के लिए। सबसे खराब परिदृश्य अभी तक नहीं आए हैं; हालाँकि, आपके लिए यह कल्पना करना कठिन नहीं है कि डेटा चोरी और गोपनीयता उल्लंघन AI-आधारित सिस्टम को कैसे खतरे में डाल सकते हैं।
डेटा गोपनीयता के संबंध में, इस तकनीक में गोपनीयता अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए वर्तमान में कोई संघीय विनियमन नहीं हैं। इस प्रकार, यदि आप अपने लिए कोई कार्य करने के लिए AI सिस्टम का उपयोग करते हैं, तो यह आपकी अनुमति के बिना या आपको इसकी जानकारी दिए बिना आपकी व्यक्तिगत जानकारी एकत्र कर सकता है क्योंकि AI मॉडल आपकी ओर से काम करेगा।
समाधान:
यदि डेटा गोपनीयता और सुरक्षा को सावधानी से नहीं संभाला गया तो ये गंभीर मुद्दे बन सकते हैं।
जागरूकता बढ़ाने और एआई प्रणालियों और डेटा दोनों की सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल और तंत्र (जैसे, एन्क्रिप्शन, बहु-कारक प्रमाणीकरण, आदि) को लागू करना।
यह सुनिश्चित करने के लिए अनुपालन और जवाबदेही ढांचे की स्थापना करें कि डेटा को नैतिक मानकों और जिम्मेदार तरीके से संभाला जाए।
किसी भी संभावित सुरक्षा उल्लंघन या कमजोरियों के लिए नियमित रूप से एआई प्रणालियों का ऑडिट और निगरानी करें।
संवेदनशील डेटा को संभालने के लिए उचित प्रशिक्षण और प्रोटोकॉल के साथ डेटा सुरक्षा और गोपनीयता की संगठनात्मक संस्कृति को बढ़ावा दें। अपने गोपनीय डेटा को अलग करें और सुनिश्चित करें कि यह केवल विशेष सिस्टम या व्यक्तियों के लिए ही सुलभ हो।
एंटरप्राइज़ क्लाउड समाधान या निजी/अनुमति प्राप्त ब्लॉकचेन का उपयोग करें ।
अपनी संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए एआई का लाभ उठाएं, जैसे व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को गुमनाम बनाना, तथा गोपनीयता से समझौता किए बिना मशीन लर्निंग पूर्वानुमान प्रदान करना।
वगैरह।
एआई प्रतिभा की कमी

चूंकि AI एक ऐसी तकनीक है जो हमेशा के लिए यहां रहने वाली है, इसलिए आपको AI समाधान बनाने के लिए आवश्यक लोगों और तकनीकी स्टैक में निवेश करके अपनी AI विधियों/रणनीतियों को विकसित करना शुरू कर देना चाहिए। आजकल, कई संगठन इस तकनीकी विशेषज्ञता वाले कुशल इंजीनियरों की कमी से जूझ रहे हैं।
समाधान:
सौभाग्य से, संसाधनों से संबंधित ऐसी चुनौतियों पर काबू पाने के कई अच्छे तरीके हैं।
सबसे पहले, व्यवसाय के मालिक स्थानीय विश्वविद्यालयों और शैक्षिक प्लेटफार्मों के साथ संबंध बना सकते हैं ताकि वे नए एआई डेवलपर्स का अपना नेटवर्क बना सकें जो न केवल जानकार हों बल्कि सीखने के लिए उत्सुक भी हों।
दूसरा, व्यवसाय के नेता उन कर्मचारियों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश कर सकते हैं जो अपने तकनीकी कौशल को बढ़ाना चाहते हैं। इस तरह, आप अपने आंतरिक प्रतिभा पूल को समृद्ध कर सकते हैं और अपनी AI विकास टीम के लिए एक मजबूत नींव रख सकते हैं ।
अंतिम लेकिन कम महत्वपूर्ण नहीं, ज्ञान अंतर को पाटने के लिए किसी तकनीकी प्रतिभा एजेंसी या सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट आउटसोर्सिंग कंपनी के साथ साझेदारी करें। ये सभी सेवा प्रदाता हैं जो डेटा वैज्ञानिकों, मशीन लर्निंग इंजीनियरों और अन्य सहित योग्य आईटी और एआई विशेषज्ञों के साथ आपकी परियोजना को बढ़ा सकते हैं।
उच्च विकास लागत

जाहिर है, AI समाधान विकसित करना और लागू करना महंगा हो सकता है। जब आप कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति की कामना करते हैं तो यह एक बाधा से ज़्यादा एक तथ्य है। AI विकास का खर्च सिर्फ़ आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले संसाधनों के अलावा कई अन्य कारकों पर व्यापक रूप से भिन्न होता है। वे परियोजना की जटिलता, विकसित किए जा रहे AI के प्रकार और चल रहे रखरखाव से लेकर कार्यान्वयन के पैमाने तक होते हैं।
शायद कुछ आँकड़े किसी तरह से AI पहल की लागत को प्रदर्शित करेंगे। यह अनुमान लगाया गया है कि एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्लेटफ़ॉर्म के न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद (MVP) को विकसित करने, परीक्षण करने और तैनात करने में $8,000 से $15,000 के बीच कहीं भी खर्च हो सकता है। एक AI सिस्टम के लिए वार्षिक रखरखाव की औसत लागत $5,000 और $100,000 के बीच होती है।
समाधान:
“वित्तीय दीवार” के सामने खड़े होकर, जो व्यवसाय मालिक अभी भी इसे पार करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें तैयार रहना चाहिए:
अपने मॉडल विकसित करने के लिए ओपन-सोर्स टूल्स और प्लेटफॉर्म का लाभ उठाएं/कोड या मौजूदा एल्गोरिदम का पुनः उपयोग करें।
ऑफ-द-शेल्फ एआई समाधान या कस्टम विकास सेवाओं का विकल्प चुनें ।
अपनी इन-हाउस AI विकास टीम बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों और पाठ्यक्रमों में निवेश करें।
ऐसे AI प्लेटफॉर्म का उपयोग करें जो लागत-प्रभावी मूल्य निर्धारण मॉडल प्रदान करते हैं, जैसे कि प्रति उपयोग भुगतान या सदस्यता-आधारित योजनाएं।
एआई प्रणालियों के लिए अवास्तविक अपेक्षाएँ
AI क्षमताओं में वर्तमान प्रगति के साथ, आकाश सीमा है। लेकिन रुकिए। कृत्रिम बुद्धिमत्ता वास्तव में नवाचारों के लिए एक शक्तिशाली आधार है; हालाँकि, यह कोई जादू नहीं है।
निवेशक और हितधारक एआई इंजीनियरिंग के साथ शुरुआत करते समय बहुत अधिक लक्ष्य रखने के लिए अतिसंवेदनशील हो सकते हैं । यह प्रवृत्ति समझ में आती है क्योंकि अवास्तविक अपेक्षाएँ अक्सर मीडिया में प्रचार (तथ्यात्मक जानकारी के बजाय) और तकनीक में सीमित ज्ञान या अनुभव से उत्पन्न होती हैं।
इसे कभी भी हल्के में न लें, क्योंकि आपकी धारणा और वास्तविकता के बीच का अंतर आगे चलकर आपको निराश कर सकता है, या इससे भी बदतर, आपकी परियोजना की विफलता का कारण बन सकता है, जब परिणाम आपके प्रारंभिक अतिरंजित मानदंडों पर खरा नहीं उतरता।
समाधान:
इसका जवाब सरल है: यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें। कुछ सुझावों के साथ आगे बढ़ें:
छोटी शुरुआत करें और जल्दबाजी में बहुत आगे न बढ़ें। किसी पायलट प्रोजेक्ट या MVP से शुरुआत करें ताकि स्थिति का परीक्षण किया जा सके और आगे बढ़ने से पहले जानकारी हासिल की जा सके।
गहन अनुसंधान और विश्लेषण करें।
सलाह और मार्गदर्शन के लिए AI विशेषज्ञों से परामर्श करें।
प्रमुख प्रदर्शन मीट्रिक्स को परिभाषित करें और अपनी प्रगति पर नियमित रूप से नज़र रखें।
परियोजना की आवश्यकताओं तथा इसकी प्रगति के बारे में निवेशकों और हितधारकों के साथ शुरू से ही स्पष्ट संवाद सुनिश्चित करें।
किसी भी असफलता या रुकावट से सीखें, अपने लक्ष्यों को तदनुसार समायोजित करें और आगे बढ़ते रहें।
एआई व्याख्यात्मकता और पारदर्शिता

एआई सिस्टम, खास तौर पर डीप लर्निंग मॉडल और तकनीक को अक्सर ब्लैक बॉक्स कहा जाता है, जिसका मतलब है कि भविष्यवाणियों और निर्णयों में उनका तर्क अपारदर्शी, जटिल और गैर-तकनीकी लोगों के लिए समझने में मुश्किल हो सकता है। पारदर्शिता और व्याख्या की कमी (उद्देश्य और व्यक्तिपरक कारणों से) उपयोगकर्ताओं के बीच चिंता और संदेह ला सकती है, खासकर जब एआई समाधान स्वास्थ्य सेवा या आपराधिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनाए जाते हैं।
समाधान:
ब्लैक बॉक्स संबंधी समस्याओं का समाधान निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
निर्णय वृक्ष या नियम-आधारित प्रणालियों जैसे अधिक पारदर्शी और व्याख्या योग्य AI मॉडल का उपयोग करना।
व्याख्या योग्य एआई (एक्सएआई) तकनीकों में निवेश करना, जैसे कि विज़ुअलाइज़ेशन का उपयोग करना या भविष्यवाणियों के लिए तर्क प्रदान करना।
पारदर्शिता और जवाबदेही की गारंटी के लिए यह सुनिश्चित करें कि आपकी AI विकास टीम की पृष्ठभूमि विविध हो और इसमें नैतिकता, कानून, मनोविज्ञान या किसी अन्य प्रासंगिक क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हों।
गैर-तकनीकी उपयोगकर्ताओं को यह शिक्षित करना कि एआई प्रणालियाँ कैसे काम करती हैं और उनकी सीमाएँ क्या हैं।
वगैरह।
नैतिक निहितार्थ

डेटा विज्ञान के युग में AI का आगमन वास्तव में मानव जाति के लिए एक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है। इसके लाभों के बावजूद, AI कानूनी और नैतिक मुद्दों, जैसे भेदभाव, दुरुपयोग, नौकरी विस्थापन , गोपनीयता और सुरक्षा आदि के बारे में जनता को चिंतित करना शुरू कर रहा है। AI नैतिकता के बारे में बढ़ती चिंताओं के साथ , AI चिकित्सकों और रचनाकारों दोनों के लिए ऐसी शक्तिशाली तकनीक के साथ बेहद सतर्क रहना आवश्यक है।
ईमानदारी से कहें तो यह एक बड़ा, जटिल विषय है जिसके लिए गहन चर्चा और उचित प्रबंधन की आवश्यकता हो सकती है, इसलिए हम इसे केवल एक लेख के दायरे में ठीक से संबोधित करने में असमर्थ हैं। हालाँकि, AI विकास और संचालन में नैतिक और कानूनी मुद्दों के बारे में जागरूक होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि तकनीक को समझना। कम से कम, हम मामले को और खराब नहीं करेंगे।
ये चुनौतियाँ एआई विकास में आने वाली अनेक बाधाओं का मात्र एक अंश मात्र हैं। एक महत्वपूर्ण चिंता पर्यावरणीय प्रभाव, विशेष रूप से एआई विकास और संचालन से जुड़ी ऊर्जा खपत से उत्पन्न कार्बन फुटप्रिंट के इर्द-गिर्द घूमती है।
ओरिएंट सॉफ्टवेयर – एआई प्रौद्योगिकियों और सेवाओं के लिए आपका विश्वसनीय भागीदार
जैसा कि आप देख सकते हैं, हमने आपको उन शीर्ष चुनौतियों के बारे में बताया है जो आपको AI विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोक सकती हैं, और हम प्रत्येक के लिए संभावित समाधान भी सुझाते हैं। उम्मीद है कि आप अपने उद्यम के सभी क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकियों का प्रभावी उपयोग कर सकते हैं।
AI समाधानों के विकास पर आगे की सहायता और मार्गदर्शन के लिए, आप ओरिएंट सॉफ्टवेयर से परामर्श कर सकते हैं । हम आपकी मदद करने के लिए सबसे अच्छे भागीदार हैं:
एआई विकास और एकीकरण: अपनी एआई प्रणाली को शुरू से ही बनाएं या एआई समाधानों को अपनी मौजूदा प्रणालियों या प्रक्रियाओं में एकीकृत करें।
एआई रणनीति: एआई कार्यान्वयन में आपकी सहायता करना या आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के अनुरूप एआई रणनीति तैयार करने में आपके साथ काम करना।
एआई परामर्श: हमारे पास आपकी आवश्यकताओं का विश्लेषण करने, एआई प्रौद्योगिकियों, उपकरणों, तकनीकों और विकास प्रक्रियाओं पर सलाह देने और आपकी परियोजना योजना को बेहतर बनाने के लिए एक विशेषज्ञ टीम है।

निपटना है AI की चुनौतियों से, अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर पढ़िए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला
अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस हर साल 15 सितंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम ‘सुशासन के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस’ है। भारत में AI का उपयोग प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुधारने और पारदर्शिता
ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष

साल 2007 से अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा हर साल 15 सितंबर को मनाया जाने वाला ‘अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस’ लोकतंत्र के सतत सिद्धांतों और मूल्यों का उत्सव है। आज यह दिवस मानवाधिकार, शांति और सतत विकास सुनिश्चित करने में लोकतंत्र के महत्व का पर्याय बन गया है। भारत दुनिया का प्राचीनतम और विशालतम लोकतंत्र है। अपनी इसी प्राचीन लोकतांत्रिक विरासत की वजह से भारत को लोकतंत्र की जननी कहते हैं। प्राचीन काल में ही हमारे देश में सभा और समिति जैसी लोकतांत्रिक संस्थाएं मौजूद थीं, जहां नागरिक सामूहिक रूप से लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुरूप लोकहित में फैसले लेते थे। आज से लगभग 2600 साल पहले हमारे देश के सभी हिस्सों में गणराज्यों का उदय हो चुका था, जहां सार्वजनिक भागीदारी और साझे ढंग से फैसले लिए जाते थे। हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी चर्चा, आम सहमति और समावेशिता के माध्यम से शासन करने की भारत की दीर्घकालिक परंपरा को रेखांकित किया गया है। हमारे लिए यह बहुत गौरव की बात है कि अपने देश में इतनी बड़ी भौगोलिक, भाषाई, खानपान और रहन-सहन की विविधताएं होने के बावजूद हमने दुनिया में लोकतंत्र के मूल्यों और आदर्शों की स्थापना की है।

अपनी इसी लोकतांत्रिक विरासत से शक्ति पा कर हमने साल 1947 में आजादी पाने के बाद सहज रूप से देश में आधुनिक संसदीय लोकतंत्र की स्थापना की। जिस वक्त भारत ने आजादी पाई थी, उसी समय कई दूसरे राष्ट्र भी आजाद हुए थे, लेकिन उनमें से कुछ राष्ट्रों में लोकतांत्रिक प्रणाली सफल नहीं हो सकी थी। इसलिए हमारे नव-स्वतंत्र राष्ट्र के लिए तमाम चुनौतियों और मुश्किलों के बावजूद लोकतंत्र के आधार पर शासन प्रणाली की स्थापना करना बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
आजादी पाने के बाद अपने संविधान के मार्गदर्शन में और लोकतांत्रिक निर्णय प्रणाली के आधार पर, सहमति-असहमति के बावजूद हमने अलग-अलग तरह की चुनौतियों का समाधान निकाला है और आज हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। हमारे लिए गौरव की बात है कि भारत एक ऐसा देश है जहां गांव से राष्ट्रीय स्तर तक- सभी स्तरों पर लोकतंत्र स्थापित किया गया है। हमारे देश में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक संस्थाएं स्थापित हैं जिन्हें संवैधानिक दर्जा मिला हुआ है। लोकतंत्र को सही मायनों में जन-जन तक सफलता से पहुंचाना, भारतीय लोकतंत्र की उत्कृष्ट उपलब्धि है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

केंद्र सरकार की लेटरल एंट्री योजना पर कांग्रेस की आलोचना: पूर्व टेक्नोक्रेट्स का तर्क

0 0
Read Time:6 Minute, 5 Second

डिजिटल भारत I लेटरल एंट्री के माध्यम से पद भरने पर सरकारी और विपक्षी दलों के बीच विवाद हाल ही में, केंद्र सरकार ने 45 मध्य-स्तरीय पदों को भरने के लिए लेटरल एंट्री के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस कदम पर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सरकार की आलोचना की है, जबकि सरकार ने इन आलोचनाओं को नकारते हुए कहा है कि यह प्रक्रिया नई नहीं है और पूर्व की सरकारों द्वारा भी अपनाई गई है।
विवाद की पृष्ठभूमि
लेटरल एंट्री, जिसमें बाहरी पेशेवरों को सरकारी सेवाओं में शामिल किया जाता है, एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है। सरकार ने यूपीएससी के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए हैं ताकि 45 मध्य-स्तरीय पदों को भरा जा सके। इस निर्णय की कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आलोचना की है, उनका कहना है कि यह सरकारी नौकरी में बाहरी लोगों की भर्ती को बढ़ावा देने की एक चाल है, जो स्वदेशी कैंडीडेट्स के अवसरों को कम करता है।
सरकारी पक्ष
सरकारी सूत्रों का कहना है कि लेटरल एंट्री की प्रक्रिया नई नहीं है और इसका उपयोग विभिन्न सरकारों द्वारा समय-समय पर किया गया है। केंद्र सरकार का तर्क है कि कांग्रेस के शासन के दौरान भी कई प्रमुख टेक्नोक्रेट, अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ सरकारी पदों पर नियुक्त किए गए थे। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व योजना आयोग के सदस्य एनके सिंह, सैम पित्रोदा, वी कृष्णमूर्ति, बिमल जालान, कौशिक बसु, अरविंद विरमानी, रघुराम राजन, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, और नंदन नीलेकणि शामिल हैं।
कांग्रेस और विपक्ष की आपत्ति
कांग्रेस और विपक्षी दलों का कहना है कि लेटरल एंट्री का उपयोग स्वदेशी कैंडीडेट्स के अधिकारों की अनदेखी कर किया जा रहा है और इससे सरकारी सेवाओं में बाहरी प्रभाव बढ़ेगा। उनका आरोप है कि यह कदम सरकारी पदों पर भर्ती की पारदर्शिता और मेरिट को प्रभावित कर सकता है।
भर्ती की पृष्ठभूमि में टेक्नोक्रेट और विशेषज्ञ
1. सैम पित्रोदा: 1980 के दशक में राजीव गांधी के प्रशासन के दौरान भारत सरकार में लाए गए सैम पित्रोदा ने देश की दूरसंचार क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें राष्ट्रीय ज्ञान आयोग का अध्यक्ष और पीएम के सलाहकार के रूप में भी काम करने का अनुभव है।
2. बिमल जालान: बिमल जालान ने आईएमएफ और विश्व बैंक में मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर कार्य किया। वे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे (1997-2003) और उनके अनुभव ने उन्हें एक महत्वपूर्ण सरकारी भूमिका में रखा।
3. कौशिक बसु: प्रमुख अर्थशास्त्री कौशिक बसु को 2009 में सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया और बाद में वे विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री बने।
4. रघुराम राजन: रघुराम राजन ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में 2013 से 2016 तक कार्य किया। उन्हें 2012 में वित्त मंत्रालय में सीईए के रूप में नियुक्त किया गया।
5. अन्य विशेषज्ञ: वी कृष्णमूर्ति, अरविंद विरमानी, मोंटेक सिंह अहलूवालिया और नंदन नीलेकणि जैसे विशेषज्ञों ने विभिन्न महत्वपूर्ण सरकारी और अंतर्राष्ट्रीय पदों पर कार्य किया है।
आगे की दिशा
लेटरल एंट्री की प्रक्रिया की उपयोगिता और प्रभाव पर गंभीर विचार-विमर्श की आवश्यकता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य सरकारी सेवाओं में विविधता लाना और विशेषज्ञता का लाभ उठाना है, लेकिन इसे लागू करने की पद्धति और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। भविष्य में यह आवश्यक होगा कि सरकारी भर्ती की प्रक्रियाओं में सुधार किया जाए ताकि सभी पक्षों के हितों की रक्षा की जा सके और सभी योग्य कैंडीडेट्स को समान अवसर प्रदान किया जा सके।
निष्कर्ष
लेटरल एंट्री एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो सरकारी सेवाओं में विशेषज्ञता और विविधता लाने में मदद करती है। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर विपक्ष की चिंताओं और आलोचनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एक पारदर्शी और प्रभावी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है, ताकि सभी प्रतिभाशाली कैंडीडेट्स को समान अवसर मिल सकें और सरकारी सेवाओं में उच्चतम गुणवत्ता बनी रहे।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

भूकंप ने जापान को हिला दिया: क्यूशू में 6.9 और 7.1 तीव्रता के झटके, तटीय क्षेत्रों में सुनामी अलर्ट

0 0
Read Time:7 Minute, 22 Second

डिजिटल भारत I जापान में भूकंप के भयानक झटके जापान में बृहस्पतिवार को एक के बाद एक दो भयानक भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर पहले भूकंप की तीव्रता 6.9 मापी गई, जबकि इसके कुछ देर बाद आए दूसरे भूकंप की तीव्रता 7.1 थी। यह भूकंप जापान के दक्षिणी द्वीप क्यूशू में आया और इसके बाद सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई है।
भूकंप की तीव्रता और सुनामी चेतावनी अमेरिकन जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, ये भूकंप लगातार दो प्रमुख झटकों के रूप में सामने आए हैं। पहला भूकंप 6.9 तीव्रता का था, जिसे हल्का खतरनाक माना जाता है, जबकि इसके कुछ समय बाद आए दूसरे भूकंप ने 7.1 की तीव्रता दर्ज की, जिसे खतरनाक श्रेणी में रखा गया है। इन भूकंपों के बाद जापान के तटीय इलाकों जैसे मियाजाकी, कोची, इहिमे, कागोशिमा, और आइता में सुनामी अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में समुद्री लहरों की ऊँचाई में अचानक वृद्धि हो सकती है, जिससे जनजीवन और संपत्ति को खतरा उत्पन्न हो सकता है।
भूकंप की कैटेगरी और उनका प्रभाव
भूकंपों को उनकी तीव्रता के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है:
माइनर भूकंप (2.5 से 5.4 तीव्रता): ये भूकंप सामान्यतः मामूली होते हैं और इनमें कोई महत्वपूर्ण नुकसान नहीं होता।
हल्का खतरनाक भूकंप (5.5 से 6 तीव्रता): इनमें मामूली नुकसान की संभावना होती है, लेकिन इनका असर महसूस किया जाता है।
खतरनाक भूकंप (6 से 7 तीव्रता): इन भूकंपों से इमारतों में दरारें आ सकती हैं या कुछ संरचनाओं को नुकसान हो सकता है।
विनाशकारी भूकंप (7 से 7.9 तीव्रता): इस श्रेणी के भूकंप से व्यापक नुकसान हो सकता है, इमारतें गिर सकती हैं और जनहानि भी हो सकती है।
महाविनाशकारी भूकंप (8 और उससे ऊपर की तीव्रता): इन भूकंपों से बड़ा पैमाना पर तबाही होती है, जिसमें गंभीर संरचनात्मक नुकसान और जनहानि होती है।
भूकंप का वैज्ञानिक कारण
भूकंप पृथ्वी की टैक्टोनिक प्लेटों के आपसी टकराव और आंदोलन के कारण होते हैं। पृथ्वी की सतह टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है और इसके नीचे तरल लावा होता है। ये प्लेटें लगातार गति में रहती हैं और कभी-कभी आपस में टकराती हैं।
जब ये प्लेटें टकराती हैं या उनके कोने मुड़ जाते हैं, तो इनमें दबाव बनता है। इस दबाव के बढ़ने पर प्लेटें टूटने लगती हैं और नीचे से निकलने वाली ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर भूकंप के रूप में महसूस होती है। इस ऊर्जा का विस्फोट भूकंप की वजह बनता है और यह डिस्टरबेंस भूकंप के झटकों के रूप में प्रकट होता है।
भूकंप के पहले और बाद की तैयारी
भूकंप की स्थिति में सुरक्षा के उपाय महत्वपूर्ण होते हैं। भूकंप से पहले तैयार रहना और आपातकालीन योजनाओं को तैयार करना बहुत जरूरी है।

भूकंप से पहले:
आपातकालीन किट तैयार करें: इसमें पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री, और जरूरी दवाएं शामिल हों।
सुरक्षित स्थान का चयन करें: घर में एक सुरक्षित स्थान का चयन करें जहां भूकंप के समय पनाह ली जा सके।
भूकंप के संकेतों को पहचानें: भूकंप के आगमन से पहले अक्सर कुछ संकेत होते हैं, जैसे धरती की हल्की कंपन या अजीब आवाजें।
भूकंप के दौरान:
सुरक्षित स्थान पर जाएं: यदि आप घर में हैं, तो मजबूत मेज या टेबल के नीचे जाकर ढक जाएं। यदि बाहर हैं, तो खुली जगह पर रहें और ऊँची वस्तुओं से दूर रहें।
भूकंप के बाद की स्थिति की निगरानी करें: भूकंप के बाद की स्थिति को ध्यान से देखें और सुनामी, आग या अन्य खतरों के प्रति सजग रहें।
भूकंप के प्रभाव और राहत प्रयास
भूकंप के झटके के बाद राहत प्रयासों की आवश्यकता होती है। स्थानीय प्रशासन, बचाव दल और अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा मिलकर राहत कार्य किए जाते हैं। भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में फौरन चिकित्सा सहायता, राहत सामग्री और पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है।
भूकंप के प्रभावी राहत कार्यों में शामिल हैं:
चिकित्सा सहायता: घायल लोगों को फौरन चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है।
राहत सामग्री: प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, पानी और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाती है।
पुनर्वास और पुनर्निर्माण: क्षतिग्रस्त संरचनाओं की मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य शुरू किया जाता है।
निष्कर्ष
जापान में आए हालिया भूकंप ने एक बार फिर से भूकंप के प्रभाव और तैयारियों की महत्ता को उजागर किया है। भूकंप की तीव्रता और उसके परिणामों को देखते हुए, यह जरूरी है कि भूकंप से संबंधित सभी सावधानियों और तैयारियों को समझा जाए। जापान के तटीय इलाकों में सुनामी चेतावनी के साथ, राहत और पुनर्वास कार्यों की त्वरित शुरुआत की गई है ताकि प्रभावित लोगों की सहायता की जा सके।
भूकंप के कारण होने वाली तबाही और उसके प्रभाव को कम करने के लिए निरंतर जागरूकता और सावधानी आवश्यक है। इन घटनाओं से सीखकर, भविष्य में भूकंप के प्रभाव को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है और प्रभावित लोगों को त्वरित राहत प्रदान की जा सकती है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %