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एक भारत उत्कृष्ट भारत

टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा समेत 12 खिलाड़ियों को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया गया।

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हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और गोलकीपर पीआर श्रीजेश के साथ क्रिकेटर मिताली राज और राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री को खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।

12 खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं के अलावा, राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेताओं की जंबो सूची में इतिहास बनाने वाली फेंसर भवानी देवी, महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया सहित 39 एथलीट शामिल हैं, 16 पुरुष हॉकी खिलाड़ी उस टीम का हिस्सा हैं, जिसने ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था। टोक्यो ओलंपिक में चार दशकों के अंतराल के बाद, और पैरालंपिक पदक विजेता भावना पटेल को अर्जुन पुरस्कार दिया गया।

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च खेल सम्मान है और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है, जबकि अर्जुन पुरस्कार लगातार प्रदर्शन और नेतृत्व और अनुशासन जैसे गुणों को पहचानने के लिए दिया जाता है। दोनों पुरस्कार चार साल की अवधि में प्रदर्शन पर विचार करते हैं और इसमें एक ट्रॉफी, एक प्रशस्ति पत्र और एक नकद पुरस्कार शामिल होता है।

आम तौर पर, पुरस्कार 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर दिए जाते हैं लेकिन इस साल टोक्यो ओलंपिक खेलों और पैरालंपिक खेलों के कारण इसे टाल दिया गया था।

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अयोध्या में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम दीये जलाए जाएंगे

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है. आज अयोध्या में 12 लाख दीये जलाए जाएंगे. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम इनकी गिनती करेगी. बताया जा रहा कि 12 लाख दीयों में राम की पैड़ी पर 9 लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में 3 लाख दीपक प्रज्‍जवलित होगें.

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है. आज अयोध्या में 12 लाख दीये जलाए जाएंगे. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने गिनती शुरू कर दी है. बताया जा रहा कि 12 लाख दीयों में राम की पैड़ी पर 9 लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में 3 लाख दीपक प्रज्‍जवलित होंगे. इससे पहले डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने अयोध्या में भगवान राम की शोभा यात्रा को रवाना किया. अयोध्या में झांकियां भी निकाली जाएंगी. केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, राज्यपाल आनंदी बेन और सीएम योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. 

भगवान श्रीराम के लंका विजय के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाए जाने वाले दीपोत्सव को योगी सरकार ने भव्यता देनी शुरू की है। दिवाली से एक दिन पूर्व छोटी दिवाली दीपोत्सव का आयोजन शुरू किया। तब से हर वर्ष यह उत्सव नए-नए आयामों में भव्यता को स्पर्श करता रहा है। दीप जलाने के विश्व रिकॉर्ड भी बनते रहे हैं।

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धनतेरस भगवन 200 साल पुराना का मंदिर है मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में

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धनतेरस का पर्व आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान धनवंतरी की पूजा होती है. धनवंतरी देवताओं के वैद्य माने गए हैं. मान्यताओं के अनुसार धनवंतरी भगवान विष्णु के अवतार थे, जो समुद्र मंथन के दौरान पृथ्वी लोक पर अवतरित हुए. वैसे तो भगवान धनवंतरी के बहुत कम मंदिर हैं, धनतेरस के दिन यहां इंदौर के अलावा आस पास के वैद्य और बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी आते हैं. मान्यता है कि यहां दर्शन करने मात्र से बीमारियां दूर हो जात इंदौर के अलावा आस पास के वैद्य और बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी आते हैं. मान्यता है कि यहां दर्शन करने मात्र से बीमारियां दूर हो जाती हैं

भगवान धनवंतरी मंदिर के पुजारी मानवेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि धनतेरस पर आयुर्वेदिक की सभी संस्थाओं के पदाधिकारी मंदिर में आते हैं. ब्रह्म मुहूर्त में पंचामृत, जड़ी-बूटियों से अभिषेक किया जाता है. अभिषेक के बाद भगवान धनवंतरी का पूजन व आरती होती है. इसके बाद यहां प्रसाद वितरण होता है. इस दौरान गंभीरबीमारी वाले भक्त भी आते हैं और पूजन करते हैं. सुबह से रात तक दर्शन का क्रम चलता रहता है.  

 यहां की मान्यता है कि धनतेरस पर भगवान धनवंतरी का पूजन करने से लोगों को स्वास्थ्य लाभ होता है. पूजन करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और आरोग्य देह प्राप्त होती है. कई वैद्य दवाइयां और जड़ी-बूटी लेकर आते हैं. वे भगवान के समक्ष इन्हें रखते हैं.  माना जाता है कि ऐसा करने से दवाइयां व जड़ी-बूटी सिद्धहोती हैं.

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नदी से निकल रहा सोना इंडोनेशिया में

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इंडोनेशिया में एक ‘सोने का द्वीप’ मिला है. यहां से लोगों को सोने के जेवर, अंगूठियां, बौद्ध मूर्तियां और चीन के कीमती सिरेमिक बर्तन मिले हैं. कई सालों का द्वीप’ इंडोनेशिया के पालेमबैंग प्रांत की मूसी नदी में मिला है. नदी की तलहटी से सोने के आभूषण और कीमती वस्तुएं मिल रही हैं. इस द्वीप को लेकर इंडोनेशिया के पालेमबैंग प्रांत की मूसी नदी में मिला है. नदी की तलहटी से सोने के आभूषण और कीमती वस्तुएं मिल रही हैं. इस द्वीप को लेकर इंडोनेशिया में में लोक कथाएं चलती हैं कि यहां पर इंसान खाने वाले सांप रहते हैं. ज्वालामुखी फटता रहता है ‘सोने का द्वीप’ नाम से प्रसिद्ध यह जगह इंडोनेशिया के प्राचीन इतिहास में श्रीविजया शहर कहा जाता था एक समय में यह बेहद रईस शहर था. यह समुद्री व्यापारिक मार्ग के बीच में पड़ता था. यह दुनिया के पूर्व और पश्चिम के देशों को व्यापारिक स्तर पर जोड़ता था.

अब यही द्वीप मूसी नदी की तलहटी में मिला है. कहा जाता है कि यहां पर मलाका की खाड़ी पर राज करने वाले राजाओं ने का साम्राज्य था. जो साल 600 से 1025 के बीच था. भारतीय चोल साम्राज्य से हुए युद्ध में यह शहर बिखर गया.

अब तक गोताखोरों को सोने की तलवार, सोने और माणिक से बनी अंगूठी, नक्काशीदार जार, वाइन परोसने वाला जग और मोर के आकार में बनी बांसूरी मिली है. मरीन आर्कियलॉजिस्ट सीन किंग्सले ने कहा कि आजतक श्रीविजया को खोजने के लिए सरकार की तरफ किसी तरह का खनन कार्य नहीं किया गया है. न तो नदी के अंदर न ही उसके आसपास.जितने भी आभूषण या कीमती वस्तुएं इस नदी से निकलीं, उन्हें गोताखोरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले निजी लोगों को बेंच दिया. इसका मतलब ये है कि वहां पर आज भी पुराना शहर हो सकता है लेकिन जरूरत है उसे खोजने की

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कोर्ट के नियम अनुसार न बने पटाखे जलाने पर प्रति बंध है

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने में राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेशों और एजेंसियों की किसी भी तरह की चूक को बेहद गंभीरता से देखा जाएगा।

पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा कि सभी पटाखों पर बैन नहीं है। सिर्फ स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह पटाखों पर रोक लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने बेरियम (केमिकल एलिमेंट) से पटाखे और लड़िया बनाने तथा इन्हें बेचने और फोड़ने पर रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्सव की आड़ में प्रतिबंधित पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी। दूसरों की स्वास्थ्य की कीमत पर उत्सव नहीं मनाया जा सकता है। किसी भी प्राधिकारी को हमारे निर्देशों के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दीवाली और अन्य त्यौहारों जैसे गुरुपर्व वगैरह पर 8 से 10 बजे रात तक पटाखे फोड़े जा सकेंगे। क्रिसमस की रात और नए साल के अवसर पर 11.55 बजे से 12:30 बजे तक पटाखे फोड़ने की इजाज़त होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेश के उल्लंघन की स्थिति में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, जिले के एसपी, डीएम, थाना प्रभारी जैसे अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेश का राज्य सरकारें व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करें।

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धनतेरस का पर्व आज, बाजारों की चमक देखने लायक है , जोर सोर से होगी खरीदारी

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धनतेरस का पर्व मंगलवार को धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसकी तैयारियां पूर्ण हो गई हैं। शुभ मुहूर्त में खरीदारी के लिए जहां लोगों ने कई योजनाएं बनाई हैं वहीं दुकानदारों ने भी ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कमर कस ली है। मंगलवार को धनतेरस पर लोग दीपावली के लिए शुभ खरीदारी करेंगे। उधर, आकर्षक रोशनी और सामान से बाजार सज गए हैं। पर्व को लेकर लोगों और दुकानदारों में काफी उत्साह है।

कोविड के कारण दो साल बाद दीपावली पर्व पर बाजारों में उत्साह और तेजी दिख रही है। इससे कारोबारियों को काफी उम्मीद है। दीपवाली के लिए लोग ड्राई फ्रूट, गिफ्ट आईटम, मिठाइयां, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी कर रहे हैं।

ग्राहकों को आकर्षित करने दे रहे हैं लुभावने आफर

दीपावली, धनतेरस पर्व को लेकर व्यापारियों ने अपनी दुकानें सजा ली है। वहीं ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए दुकानदारों द्वारा तरह-तरह के लुभावने आफर भी ग्राहकों को दिए जा रहे हैं। इलेक्ट्रानिक सामग्री की खरीदी पर गिफ्ट दिया जा रहा है। तो अन्य सामग्री भी दुकानदारों ने आफर में रखी है।

धनतेरस के लिए सज गए बाजार धनतेरस पर सराफा, कपड़ा, बर्तन, टू व्हीलर शोरूम, इलेक्ट्रानिक की दुकानों पर जमकर खरीदी होगी। कोई नई बाईक खरीदेगा तो उसे उपहार दिया जाएगा। इसी प्रकार सोने-चांदी के सिक्के व प्रतिमाओं की भी जमकर खरीदी होगी।

शोरूम संचालक ने बताया कि दीपावाली से काफी उम्मीद है। लोगों को प्री-बुकिंग की सुविधा दी है, जिससे कारोबार में तेजी आने की उम्मीद है। रघुनाथ बाजार में ड्राई फ्रूट विक्रेता रोहित शर्मा ने बताया कि मार्केट में थोड़ी तेजी आई है। ऑनलाइन बुकिंग के तरफ लोगों का रूझान ज्यादा है। व्हट्सएप के माध्यम से ऑनलाइन बुकिंग ली जा रही है।

अब कोरोना महामारी का असर नहीं के बराबर है। इसके चलते लोग त्योहार मना रहे हैं। बाजारों में भीड़ है। व्यापारियों को मुताबिक लोग खरीदारी की तैयारियां कर रहे हैं। पिछले साल महामारी का असर था। इसके पहले नवरात्रि पर भी लोगों ने खरीदारी की। बाजार में पर्व को लेकर काफी चहल-पहल है। इससे अभी भी संक्रमण फैलने का डर सता रहा है। लोगों को अभी भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना चाहिए, ताकि इस वायरस से बचे रहें।

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पर्यावरण बचाना है तो पटाखे नहीं, दीये से मनाएं दीपावली

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 कोरोना वायरस शुरू होने के बाद देश भर में लगे लॉकडाउन से कई तरह के नुकसान तो हुए लेकिन दो फायदे भी हुए। सबसे बड़ा फायदा तो करोड़ो लोगों की इन जानलेवा बीमारी से जान बची और दूसरा कि देश के कई शहरों के आसमान सालों बाद इतने साफ दिखे।  खासतौर पर दिल्ली का आसमान, हवा साफ हो गई थी। ऐसा भले ही कुछ समय के लिए था लेकिन दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए यह बेहद खूबसूरत तोहफे से कम नहीं था।

हालांकि, यह खूबसूरत आसमान एक बार फिर ग़ायब होता दिख रहा है। वजह है लॉकडाउन का खुलना, ट्रैफिक का बढ़ना, कराखानों का फिर शुरू होना, पराली का जलाना और दिवाली का आना। हर साल इस वक्त दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद ख़राब होता जाता है।

पटाखों से बसाहटों, व्यावसायिक, औद्योगिक और ग्रामीण इलाकों की हवा में तांबा, कैल्शियम, गंधक, एल्यूमीनियम और बेरियम प्रदूषण फैलाते हैं। उल्लिखित धातुओं के अंश कोहरे के साथ मिलकर अनेक दिनों तक हवा में बने रहते हैं। उनके हवा में मौजूद रहने के कारण प्रदूषण का स्तर कुछ समय के लिए काफी बढ़ जाता है। 

पटाखों से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, बल्कि इससे निकले वाले धुएं से आपकी सेहत को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है। रिसर्च से पता चला है कि आतिशबाज़ी की वजह से इससे निकले वाले कैमिकल्स की वजह से हवा का स्तर बेहद ख़राब हो जाता है। यही वजह है कि हर साल पटाखों को न जलाने की सलाह दी जाती है। अगर आप भी अभी तक इससे होने वाले नुकसानों के बारे में नहीं अनजान थे और आइए जानते हैं कि पटाखों से किस तरह सेहत को ख़तरा रहता है।

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न्यूजीलैंड के खिलाफ विराट कोहली का ये रिकॉर्ड, दूर कर देगा फैंस की सारी चिंता

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टीम इंडिया रविवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच खेलेगी. भारत को सेमीफाइनल की राह आसान करने के लिए यहां जीतना जरूरी है,

लेकिन टीम इंडिया के साथ एक रिकॉर्ड ऐसा है, जो सभी चिंताओं को दूर कर सकता है. खास बात ये है कि विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ प, कप्तान विराट कोहली का एक रिकॉर्ड फैंस की मुश्किलें दूर कर सकता है

भारतीय टीम रविवार को कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में न्यूजीलैंड को मात देने उतरेगी. अगर भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए पिछले पांच मैचों को देखें तो सभी में टीम इंडिया ने बाज़ी मारी है. चार मैचों में विराट कोहली ही कप्तान थे. 

•    24 जनवरी, 2020 – भारत 6 विकेट से जीता
•    26 जनवरी, 2020 – भारत 7 विकेट से जीता
•    29 जनवरी, 2020 – मैच टाई, सुपरओवर में भारत जीता
•    3 जनवरी 1 2020- मैच टाई, सुपरओवर में भारत जीता

आईसीसी इवेंट्स में पैदा होती है दिक्कतें!

लांकि, टीम इंडिया के लिए चिंता की बात ये है कि साल 2003 के बाद से अभी तक भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ ऐसा कोई भी मैच नहीं जीता है, जो आईसीसी के इवेंट्स में खेला गया हो. यानी टी-20 वर्ल्डकप, 50 ओवर वर्ल्डकप और चैम्पियंस ट्रॉफी में अभी टीम इंडिया को न्यूजीलैंड का तिलिस्म तोड़ना है.

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भारत ने लांच किया मिशन, सागर की गहराई में खोजेगा रहस्य, ये हैं इस मिशन की खूबी

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मिशन की खूबी 
समुद्र के नीचे भारत का यह पहला मिशन है। इसलिए यह मिशन भारत के लिए और भी ज्यादा खास है। इस मिशन के तहत भारत लंबे समय तक समुद्र की गहराई में खोज करेगा और गूढ़ रहस्यों को दुनिया के सामने रखेगा। यह मिशन भारत के महासागर मिशन का हिस्सा है। 

धरती के ऊपर अंतरिक्ष जितने रहस्यों से पटा पड़ा है। उससे भी ज्यादा रहस्य धरती के नीचे भी है। और तो और समुद्री जीवन भी अपनेआप में गूढ़ रहस्य है। इसी रहस्य को जानने के लिए भारत ने अपना पहला मानवयुक्त समुद्री मिशन लांच कर दिया है। इस मिशन का उद्देश्य समुद्र की गहराई में अनुसंधान करना है। इस मिशन की शुरुआत करते ही भारत भी उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो समुद्र पर अध्ययन व अनुसंधान कर रहे हैं। 

छह हजार करोड़ रुपये का है मिशन 
समुद्रयान राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान के महासागर मिशन का हिस्सा है। इस पूरी समुद्रयान परियोजना के लिए 6 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। समुद्रयान मत्स्य-6000 टाइटेनियम धातु से बना है। इसका व्यास 2.1 मीटर है। यह यान तीन लोगों को समुद्र की गहराई में ले जाने में सक्षम है। 

मत्स्य-6000 दिसंबर 2024 तक अपने सभी परीक्षणों के लिए तैयार हो जाएगा। इसे 2022-23 के अंत तक 500 मीटर  तक के लिए तैयार कर लिया जाएगा। 

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मध्य प्रदेश को नई सौगात देगी शिवराज सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए लिखी नई इबारत – स्थापना दिवस पर विशेष

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ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एक नई इबारत लिखी जा रही है। स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, सड़क, रोजगार के साथ स्वच्छता के क्षेत्र में भी विशेष प्रयास लगातार जारी हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार की योजनाओं सहित राज्य सरकार की विकास एवं हितग्राही मूलक योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू कर ग्राम विकास की अवधारणा को साकार किया है। 
महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्‍कीम    कारोना काल में ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार उपलब्‍ध कराने में महात्‍मा गांधी नरेगा योजना ने बहुत महत्‍पूर्ण भूमिका निभाई है। कोविड काल में 18 लाख से अधिक नवीन जॉबकार्ड जारी किए गए। कोविड काल में 34 करोड़ से अधिक मानव दिवसों का सृजन हुआ, जो योजना के प्रारंभ से अभी तक का सर्वाधिक है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में माह सितम्‍बर 2021 तक 76 लाख से अधिक ग्रामीणों को रोजगार उपलब्‍ध कराया जाकर 19 करोड़ से अधिक मानव दिवस का सृजन हुआ है। इस अवधि में 2 लाख 24 हजार से अधिक सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक कार्य पूर्ण किए गए और 12 लाख 80 हजार से अधिक कार्य अभी प्रगतिरत हैं।
    मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में लगभग 20 लाख अनुसूचित जाति एवं जनजाति परिवारों को 8 करोड़ 50 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। अनुसूचित जनजाति के परिवारों को मनरेगा से रोजगार उपलब्ध कराने में मध्यप्रदेश पूरे देश में अग्रणी स्थान पर है।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन हैं।
    मिशन के माध्यम से लगभग 53 हजार ग्रामीण युवाओं को डी.डी.यू.जी.के.वाई. से रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण तथा 2 लाख 86 हजार युवाओं को आरसेटी के माध्यम से स्व-रोजगार प्रशिक्षण दिलाया गया। ग्रामीण युवाओं को रोजगार मेलों के माध्यम से भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में 2 लाख 4 हजार 261 ग्रामीणों को स्व-रोजगार शुरू करने के लिए ब्याज रहित ऋण वितरण किया गया है।

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