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एक भारत उत्कृष्ट भारत

जबलपुर के सरकारी कॉलेज में छात्रों को मिलेगा केवल 1 रुपया प्रतिदिन में बस की सुविधा

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डिजिटल भारत I शासकीय प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस महाकोशल कालेज में बस की सुविधा प्रारंभ हो रही है। यहा पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हर रोज एक रुपये के खर्च पर घर से कालेज तक बस की सुविधा उपलब्ध होगी। यानि माह में विद्यार्थी को 30 रुपये इस सुविधा के लिए देना होगा।
जनभागीदारी समिति से वहन हाेगा खर्च
सरकारी कॉलेजों में जनभागीदारी समिति कार्य करती है। जो कॉलेज स्तर पर होने वाले कार्यों के संबंध में निर्णय लेती है। लेकिन, इस समिति के लिए वैसे तो जनसहयोग से राशि जुटाई जानी चाहिए लेकिन विद्यार्थियों से भी जनभागीदारी मद में राशि ली जाती है। इसी फंड से कॉलेज स्तर पर विभिन्न डेवलपमेंट कार्य और मानव संसाधन को वेतन का भुगतान किया जाता है।
जना का संचालन
कालेज प्रबंधन ने यह घोषणा की है कि यह सुविधा जनभागीदारी मद से संचालित की जाएगी। इसका मतलब है कि इस योजना को सफल बनाने के लिए समुदाय और कॉलेज प्रशासन दोनों का योगदान महत्वपूर्ण होगा। कालेज प्रबंधन ने छात्रों के रूट के हिसाब से बस की सुविधा प्रदान करने की तैयारी भी शुरू कर दी है।

तैयारियां और व्यवस्थाएं
कालेज प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया है कि एक जुलाई से सत्र प्रारंभ होते ही बस का संचालन प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए कालेज प्रबंधन ने विभिन्न रूटों का सर्वेक्षण किया है और उन रूटों की पहचान की है, जिन पर छात्रों की अधिकतम संख्या यात्रा करती है। इसके आधार पर, बसों की संख्या और उनके समय का निर्धारण किया जा रहा है।

लाभ और उद्देश्य
यह योजना छात्रों के लिए कई तरह के लाभ प्रदान करेगी:

आर्थिक सहायता: केवल 1 रुपया प्रतिदिन में बस की सुविधा होने से छात्रों को आर्थिक रूप से बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
समय की बचत: बस सेवा के माध्यम से छात्रों को कॉलेज आने-जाने में कम समय लगेगा, जिससे उनका अध्ययन समय बच सकेगा।
सुरक्षा: बस सेवा से यात्रा करने पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, खासकर उन छात्रों के लिए जो दूरदराज के इलाकों से आते हैं।
छात्रों की प्रतिक्रिया
इस घोषणा से छात्रों में उत्साह का माहौल है। कई छात्रों ने कालेज प्रबंधन की इस पहल की सराहना की है और इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जिससे उनकी शैक्षिक यात्रा सुगम और सुरक्षित हो सकेगी।

निष्कर्ष
सरकारी कॉलेज द्वारा उठाया गया यह कदम न केवल छात्रों के लिए आर्थिक और समय की दृष्टि से लाभकारी होगा, बल्कि यह छात्रों को उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कालेज प्रबंधन के इस प्रयास से अन्य शैक्षिक संस्थानों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी अपने छात्रों के हित में ऐसी योजनाओं का संचालन कर सकेंगे।

बस के दोनों तरफ स्थायी बेनर लगाया जाएगा
महाविद्यालय द्वारा जिला परिवहन कार्यालय से वाहन सुरक्षा, वाहन फिटनेस, चालक, कंडक्टर की योग्यता आदि के संबंध में शर्तें प्राप्त कर उनका उल्लेख ‘बस सेवा’ प्रदाता के लिए निविदा जारी करने में किया जाएगा। प्रत्येक प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की बस में, बस के दोनों तरफ स्थायी बेनर लगाया जाएगा, इसकी डिजाइन पृथक से सूचित की जाएगी।

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नीला रंग सिर्फ एक रंग नहीं पीछे छिपी है कई गहरी बातेँ

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डिजिटल भारत I नीले रंग का मनोविज्ञान
10 देशों में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि नीला रंग वैश्विक स्तर पर लोगों के लिए सबसे लोकप्रिय “पसंदीदा रंग” है, जिसमें पुरुष महिलाओं की तुलना में नीला रंग अधिक पसंद करते हैं (संयुक्त राज्य अमेरिका के विषयों में क्रमशः 40% बनाम 24%)। 2 लेकिन इस रंग का हम पर मनोवैज्ञानिक रूप से क्या प्रभाव पड़ता है?
शांत, संयमित और संयमित
अपने शांत स्वभाव के लिए प्रसिद्ध, नीला रंग एक शांत उपस्थिति है। यह हस्तक्षेप या परेशान नहीं करता है। इसके बजाय, यह केवल खुद को प्रकट करता है। मानस के संदर्भ में, नीला रंग मन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए जाना जाता है। नीला रंग धैर्य और समझ का प्रतिनिधित्व करता है, यही कारण है कि हम इसके आस-पास इतना सहज महसूस करते हैं। जब भारी भावनाएं हमें घेर लेती हैं, तो हमें नीले रंग के साथ तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह आमतौर पर समुद्र से भी जुड़ा होता है, जो इसके सुखदायक सार को और उजागर करता है।

रंग मनोविज्ञान हमें इस बारे में बहुत कुछ बताता है कि कुछ रंग किसी व्यक्ति के मूड, भावनाओं और व्यवहार पर क्या प्रभाव डाल सकते हैं। नीले रंग के मनोविज्ञान के बारे में हम जो जानते हैं, वह इस प्रकार है:

क्योंकि नीला रंग बहुत से लोगों को पसंद है, इसे अक्सर एक गैर-खतरनाक रंग के रूप में देखा जाता है जो रूढ़िवादी और पारंपरिक लग सकता है ।
नीला रंग मन में शांति और आराम की भावना लाता है । 3 इसे अक्सर शांतिपूर्ण, शांत, सुरक्षित और व्यवस्थित के रूप में वर्णित किया जाता है।
नीले रंग को स्थिरता और विश्वसनीयता का प्रतीक माना जाता है। जो व्यवसाय सुरक्षा की छवि पेश करना चाहते हैं, वे अक्सर अपने विज्ञापन और विपणन प्रयासों में नीले रंग का उपयोग करते हैं।
नीला रंग उदासी या अलगाव की भावना भी पैदा कर सकता है। विचार करें कि कैसे एक पेंटिंग जिसमें नीले रंग का अत्यधिक उपयोग किया गया हो, जैसे कि पिकासो द्वारा उनके “नीले काल” के दौरान बनाई गई पेंटिंग, एकाकी, उदास या निराश लग सकती है।
नीले रंग का उपयोग अक्सर कार्यालयों को सजाने के लिए किया जाता है क्योंकि शोध से पता चला है कि नीले कमरे में काम करने वाले लोग अधिक उत्पादक और रचनात्मक होते हैं ।

नीली भावनाएं
इस लेख के साथ दी गई छवि में नीले रंग के उपयोग को देखें। नीला रंग आपको कैसा महसूस कराता है? क्या आप नीले रंग को कुछ खास गुणों या स्थितियों से जोड़ते हैं? साथ ही, इस बात पर भी विचार करें कि भाषा में नीले रंग का उपयोग कैसे किया जाता है: नीला चाँद, नीला सोमवार, नीला खून, ब्लूज़ और नीला रिबन
तनाव दूर करता है
चिंता और बेचैनी धोखेबाज़ मालकिन हैं। जबकि वे हमें भय से भरने की कोशिश करते हैं, नीला रंग विपरीत प्रभाव पैदा करता है। नीले रंग में निराधार भय के लिए समय नहीं है। नीला रंग हमें वर्तमान में जीने और हमारे तनाव को अलविदा कहने के लिए प्रेरित करता है। शांति का माहौल बनाकर, यह बस यही करता है। किसी विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण दिन पर, आसमान की ओर देखने पर विचार करें। बादलों को देखते हुए आपको शांति का नखलिस्तान मिलेगा
नीला रंग का अर्थ
नीले रंग को हम जो अर्थ देते हैं वह कई कारकों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है, जिनमें हमारी संस्कृति, आध्यात्मिकता, प्रतीकवाद आदि शामिल हैं।

सांस्कृतिक अर्थ
कुछ रंगों से उत्पन्न होने वाली भावनाएँ ज़रूरी नहीं कि सार्वभौमिक हों। सांस्कृतिक अंतर कभी-कभी इस बात में भूमिका निभाते हैं कि लोग रंगों को किस तरह समझते हैं। शोध के अनुसार, दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में नीले रंग का क्या अर्थ है: 7

भारत : नीला रंग सत्य, दया और प्रेम का प्रतिनिधित्व करता है
लैटिन अमेरिका : नीला रंग शोक से जुड़ा है, लेकिन साथ ही विश्वास और शांति से भी जुड़ा है
उत्तरी अमेरिका : नीला रंग सुखदायक है और एक भरोसेमंद व्यक्ति या आधिकारिक व्यवसाय का प्रतीक है
यूनाइटेड किंगडम : नीला रंग शांति, गरिमा और शिष्टाचार का प्रतीक है
पश्चिमी यूरोपीय देश : नीला रंग सत्य, शांति, विश्वसनीयता, जिम्मेदारी और निष्ठा का प्रतीक है

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ऐसे बेचने पर सब बिक जायेगा बेस्ट सेल्स टिप फ्रॉम एक्सपर्ट्स

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डिजिटल भारत I सेल्स और मार्केटिंग किसी भी कंपनी का वो स्तंभ होता है, जिस पर पूरी कंपनी टिकी होती है. जाहिर है इस विभाग को संभालने वाली टीम भी खास होनी चाहिए. सेल्स की दुनिया रिजल्ट आधारित है. यहां किसी की भी इंट्री हो सकती है, बस वो खुद को साबित करके दिखाए. किसी प्रोडक्ट को बेचना आसान नहीं होता, क्योंकि कारोबार के इसी स्टेज पर आपको अपने ग्राहक की जेब से पैसे निकलवाने होते हैं
यदि आप भी अपने संगठन या कंपनी में एक अच्छा सेल्समेन बनना चाहते हैं। इस लेख के माध्यम से हम ऐसे ही Sales Tips के बारे में बता रहे हैं, जो आपको सबसे अच्छा परफॉरमेंस देने वाले सेल्सपर्सन बनने के लिए मदद कर सकते हैं।
1. प्रोडक्ट को खरीदें और आजमाएं
अपने प्रोडक्ट व सर्विस के बारे में जानने का यह अब तक का सबसे बेहतर तरीका है। अगर आपने खुद कुछ भी नहीं आज़माया है तो आप अपने कस्टमर के अनुभव को कैसे समझेंगी और उन्हें कैसे बताएंगी कि उससे क्या उम्मीद करें।
तो क्यों ना बेचने की कोशिश करने से पहले आप खुद उन प्रोडक्ट्स को खरीदे और आजमाएं?

खुद आज़माने के कारण आप अपने प्रोडक्ट को बहुत ही आश्वस्त होकर बेचेंगे और अपने अनुभव से अपने कस्टमर के जरूरत के अनुसार किस प्रोडक्ट से उन्हें अधिक लाभ होगा, वह चुनने में उनकी मदद कर सकेंगे।

2. प्रोडक्ट ट्रेनिंग में हिस्सा ले
आप जब SHECO partner Program से जुड़ेंगी तो आप SHECO Academy में हर रोज प्रोडक्ट ट्रेनिंग में हिस्सा ले सकेंगी। इन फ्री लाइव ट्रेनिंग सेशन में जो प्रोडक्ट डेवलपर्स है वह खुद-ब-खुद आपको सारे सवालों के जवाब देंगे ताकि आप उनके प्रोडक्ट्स के बारे में और अधिक जानें।

जो खुद अपना प्रोडक्ट डेवलप और मार्केट कर रहे हैं उनसे बेहतर ज्ञान का स्रोत क्या होगा जिससे आप लाभ उठाएंगे?

3. ऑनलाइन रिसर्च (ब्रांड की वेबसाइट, फोरम, और भी बहुत कुछ)

अगर किसी कारण से आप प्रोडक्ट ट्रेनिंग को मिस कर देते हैं तो वह आपके लिए अनजान बने रहने का कोई बहाना नहीं है वह भी तब जब आपके पास इंटरनेट है जिससे आपको हाथों-हाथ मनचाही जानकारी मिल सकती है।

अपने प्रोडक्ट के बारे में ऑनलाइन रिसर्च करें। ब्रांड की वेबसाइट पर जाएं, उनके ब्लोग्स को पढ़ें और ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाकर प्रोडक्ट के बारे में खरीदारों के रिव्यू को पढ़ें

अनुभवी सेलर से सीखे
लर से सीखे
SHECO Partner Program इसलिए सबसे अलग है क्योंकि यहां पर अनुभवी और सफल SHECO सेलर, नए सेलर का मार्गदर्शन करने के लिए बुलाए जाते हैं ताकि वह अपनी पहली बिक्री कर सकें।
मेंटरिंग के अलावा आप मस्ती भरी प्रतियोगिताओं एवं प्रचार से भी लाभ उठाएंगी और साथ ही जब आप एक सफल सेलर बन जाएंगी तो आपको बोनस और सर्टिफिकेट भी मिलेगा। यह सब कितना मजेदार है, है ना?

अपने कंफर्टजोन से बाहर आइए
मैं उन लोगों को पसंद करता हूं जो नई चुनौतियों से डरते नहीं और नई चीज सीखने के लिए तैयार रहते हैं. जो लोग ये समझते हैं कि ‘आरामदायक स्थिति प्रगति की दुश्मन है.’ अपनी कमजोरियों का पता लगाइए और कुछ प्रशिक्षण की मदद से उन्हें अपनी ताकत में बदल दीजिए.

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क्या है पेपर लीक कानून, सजा सुनकर आप होजाएंगे हैरान

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डिजिटल भारत I पेपर लीक विवाद के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात एक सख्त कानून लागू कर दिया जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकना है। इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 वर्ष कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
10 साल की कैद से लेकर 1 करोड़ जुर्माना तक का प्रावधान NEET और UGC-NET जैसी परीक्षाओं में गड़बड़ियों के बीच यह कानून लाने का फैसला सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है। इस कानून के लागू होने के बाद अब पेपर लीक करने का दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की कैद से लेकर 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
एक दिन पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से पूछा गया था कि यह कानून कब लागू होगा, तब उन्होंने कहा था कि कानून मंत्रालय नियम बना रहा है।
सर्विस प्रोवाइडर के दोषी होने पर लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना
परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर अगर दोषी होता है तो उस पर 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना होगा। सर्विस प्रोवाइडर अवैध गतिविधियों में शामिल है, तो उससे परीक्षा की लागत वसूली जाएगी। साथ ही, सेवा प्रदाता को 4 साल की अवधि के लिए किसी भी सार्वजनिक परीक्षा के संचालन की जिम्मेदारी से भी रोका जा सकता है।
ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटा जाएगा
केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने पूर्व में कहा था कि यह अधिनियम अभ्यर्थियों की इसके प्रविधानों से सुरक्षा करता है। इस कानून से पहले केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में शामिल विभिन्न संस्थाओं द्वारा अपनाए गए अनुचित साधनों या अपराधों से निपटने के लिए कोई विशिष्ट ठोस कानून नहीं था।
12 फरवरी को मिली थी कानून को मंजूरी
पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, इसी साल 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 12 फरवरी को बिल को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया गया था।

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यूजीसी नेट परीक्षा में गड़बड़ी,परीक्षा के एक दिन बाद किया पेपर रद्द

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डिजिटल भारत l शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित कराए गई यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने का एलान कर दिया है। परीक्षा आयोजित होने के एक दिन बाद ही सरकार ने परीक्षा रद्द करने का एलान कर सभी को चौंका दिया है। एनटीए द्वारा कराई जाने वाली नीट की मेडिकल एंट्रेस परीक्षा भी सवालों के घेरे में है और फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इसकी समीक्षा कर रहा है। अब यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द होने से गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। गौरतलब है कि एनटीए ने इस बार ऑफलाइन तरीके से ओएमआर शीट पर परीक्षा कराई। देशभर में 317 केंद्रों पर 11.21 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी। हालांकि परीक्षा रद्द होने के बाद अब पूरी कवायद फिर से होगी।

सीबीआई जांच का निर्णय लिया गया

यूजीसी नेट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा निर्णय लिया है. इसकी जांच सीबीआई को देने का निर्णय लिया गया. NEET -UG परीक्षा का विवाद अभी थमा ही नहीं था कि यह एक दूसरा मामला आ गया है. मेडिकल में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एनटीए के द्वारा आयोजित होने वाली NEET-UG परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक और ग्रेस मार्क देने का विवाद पहले से ही चल रहा है.
क्या है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एक स्वायत्त निकाय है, जो देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है। परीक्षा पेपर तैयार करने से लेकर इसे परीक्षा केंद्र तक वितरित करने और परीक्षा पेपर जांच की जिम्मेदारी भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ही संभालती है। केंद्र सरकार ने साल 2017 में इसका एलान किया था और दिसंबर 2018 में एनटीए ने पहली यूजीसी-नेट की परीक्षा कराई थी। यूजीसी-नेट, नीट के अलावा एनटीए इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (मेन) भी आयोजित कराती है। इसी परीक्षा के आधार पर देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन मिलते हैं।
क्या है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एक स्वायत्त निकाय है, जो देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है। परीक्षा पेपर तैयार करने से लेकर इसे परीक्षा केंद्र तक वितरित करने और परीक्षा पेपर जांच की जिम्मेदारी भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ही संभालती है। केंद्र सरकार ने साल 2017 में इसका एलान किया था और दिसंबर 2018 में एनटीए ने पहली यूजीसी-नेट की परीक्षा कराई थी। यूजीसी-नेट, नीट के अलावा एनटीए इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (मेन) भी आयोजित कराती है। इसी परीक्षा के आधार पर देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन मिलते हैं।

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नालंदा में 20 देशों के छात्र कर रहे पढ़ाई,नालंदा विश्वविद्यालय ज्ञान का पुराना वैभव :प्रधान मंत्री मोदी

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डिजिटल भारत l सरकार नालंदा विश्वविद्यालय को पुराना वैभव दिलाने के प्रयास में जुट गई है। इसी क्रम में पीएम मोदी ने आज प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पास नए कैंपस का आज उद्घाटन किया। 2010 में इस विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना होने के बाद से ही यह अस्थाई भवन में चल रहा था। जिसके बाद 2017 में नए कैंपस का निर्माण शुरू किया गया था।
इस दौरान पीएम ने कहा कि मै इसे भारत की विकास के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं। नालंदा केवल नाम नहीं, यह पहचान है। नालंदा मंत्र, गौरव और गाथा है। आग की लपटों में पुस्तकें में भले जल जाए, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती।
प्राचीन अवशेषों के समीप नालंदा का नया कैंपस विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। नालंदा भारत के अतीत का पुनर्जागरण नहीं है। इसमें एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है।
प्राचीन वैभव लौटाएगी सरकार
विदेश मंत्रालय के अनुसार मौजूदा नालंदा विश्वविद्यालय को सरकार वैसा ही वैभव दिलाना चाहती है, जैसा 800 साल पहले था। सरकार विश्वविद्यालय को शिक्षा का नया केंद्र बनाना चाहती है। नालंदा विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना साल 2010 में की गई थी, जिसके लिए सरकार ने बकायदा कानून भी बनाया था। हालांकि तब से अब तक यह अस्थाई भवन में ही चल रहा था। बताया गया कि विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में करीब 8 लाख किताबें रहेंगी।

नालंदा प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विख्यात केन्द्र था। महायान बौद्ध धर्म के इस शिक्षा-केन्द्र में हीनयान बौद्ध-धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के तथा अनेक देशों के छात्र पढ़ते थे। वर्तमान बिहार राज्य में पटना से ८८.५ किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और राजगीर से ११.५ किलोमीटर उत्तर में एक गाँव के पास अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा खोजे गए इस महान बौद्ध विश्वविद्यालय के भग्नावशेष इसके प्राचीन वैभव का बहुत कुछ अंदाज़ करा देते हैं। अनेक पुराभिलेखों और सातवीं शताब्दी में भारत के इतिहास को पढ़ने आया था के लिए आये चीनी यात्री ह्वेनसांग तथा इत्सिंग के यात्रा विवरणों से इस विश्वविद्यालय के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। यहाँ १०,००० छात्रों को पढ़ाने के लिए २,००० शिक्षक थे। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने ७ वीं शताब्दी में यहाँ जीवन का महत्त्वपूर्ण एक वर्ष एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया था। प्रसिद्ध ‘बौद्ध सारिपुत्र’ का जन्म यहीं पर हुआ था।
परिसर
अत्यंत सुनियोजित ढंग से और विस्तृत क्षेत्र में बना हुआ यह विश्वविद्यालय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना था। इसका पूरा परिसर एक विशाल दीवार से घिरा हुआ था जिसमें प्रवेश के लिए एक मुख्य द्वार था। उत्तर से दक्षिण की ओर मठों की कतार थी और उनके सामने अनेक भव्य स्तूप और मंदिर थे। मंदिरों में बुद्ध भगवान की सुन्दर मूर्तियाँ स्थापित थीं। केन्द्रीय विद्यालय में सात बड़े कक्ष थे और इसके अलावा तीन सौ अन्य कमरे थे। इनमें व्याख्यान हुआ करते थे। अभी तक खुदाई में तेरह मठ मिले हैं। वैसे इससे भी अधिक मठों के होने ही संभावना है। मठ एक से अधिक मंजिल के होते थे। कमरे में सोने के लिए पत्थर की चौकी होती थी। दीपक, पुस्तक इत्यादि रखने के लिए आले बने हुए थे। प्रत्येक मठ के आँगन में एक कुआँ बना था।
नालंदा पुरातात्विक संग्रहालय
विश्वविद्यालय परिसर के विपरीत दिशा में एक छोटा सा पुरातात्विक संग्रहालय बना हुआ है। इस संग्रहालय में खुदाई से प्राप्त अवशेषों को रखा गया है। इसमें भगवान बुद्ध की विभिन्न प्रकार की मूर्तियों का अच्छा संग्रह है। इनके साथ ही बुद्ध की टेराकोटा मूर्तियां और प्रथम शताब्दी के दो मर्तबान भी इस संग्रहालय में रखा हुआ है। इसके अलावा इस संग्रहालय में तांबे की प्लेट, पत्थर पर खुदे अभिलेख, सिक्के, बर्त्तन तथा १२वीं सदी के चावल के जले हुए दाने रखे हुए हैं।

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योग दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, इसके फायदे !

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डिजिटल भारत l वजन में कमी, एक मजबूत एवं लचीला शरीर, सुन्दर चमकती त्वचा, शांतिपूर्ण मन, अच्छा स्वास्थ्य-जो आप चाहते हैं, योग आपको देता है। योग को केवल कुछ आसनो द्वारा आंशिक रूप से समझा जाता हैं परंतु इसके लाभ का आंकलन केवल शरीर स्तर पर समझा जाता हैं। हम ये जानने में असफल रहते हैं कि योग हमें शारीरिक, मानसिक रूप से तथा श्वसन में लाभ देता हैं। जब आप सुन्दर विचारो के संग होते हैं तो जीवन यात्रा शांति, ख़ुशी और अधिक ऊर्जा से भरी होती हैं।जानें क्यों है हमारे शरीर के लिए जरूरी21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाएगा। हम आपको इस मौके पर योग के कुछ ऐसे फायदों से रूबरू करवा रहे हैं, जिनका नियमित रूप से अभ्यास करअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस [International Yoga Day 2024 ]जल्द आने वाला है। इस दिवस को पूरी दुनिया में 21 जून को मनाया जाता है। योग को ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी दिनचर्या में शामिल करें और इसके परिणाम से लाभान्वित हों, इसी के मद्देनजर योग दिवस मनाना शुरू किया गया।

कुछ शालो से लोगों में बहुत तनाव पैदा हुआ है। आप मानें या न मानें , लेकिन योग का तनाव खत्म करने में बहुत अहम योगदान देता है। योग फिजिकल और मेंटल
के लिए बहुत फायदेमंद है। हम आपको यहां कुछ कारण बता रहे हैं जिन्हें जानकर आप कभी भी योग को मना नहीं कर पाएंगे।
अच्छी नींद में मददगार लॉकडाउन में कई लोगों का पूरा शेड्यूल बदल जाने की वजह से नींद खराब हुई है। रिसर्च से पता चला है कि योग और उसके फायदों की वजह से इंसोमेनिया वाले लोगों को मदद मिलती है। नियमित रूप से अभ्यास करने पर दिमाग को आराम मिलता है और शरीर आराम लेने के लिए तैयार होता है। दीवार तक पैर करके आगे की ओर झुकते हुए (विपरीतकरणी), शवासन, रिक्लाइनिंग बटरफ्लाई कुछ योग मुद्रा हैं, जिनसे रात में अच्छी नींद आने में मदद मिल सकती है।शरीर और मन दोनों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दिनचर्या में योगासनों को शामिल करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है। योगासन, शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देने के साथ मन को शांत करते हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए योगासनों का नियमित अभ्यास आपके लिए काफी मददगार हो सकता है। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है। समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योगासनों में शारीरिक मुद्राओं, सांस लेने के व्यायाम और ध्यान का संयोजन किया जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कई तरह की बीमारियों के जोखिम को कम करने से लेकर सेहत को बूस्ट देने तक के लिए योगासनों का अभ्यास करना सहायक हो सकता है। प्राणायाम से लेकर कई तरह की योग मुद्राओं का अभ्यास आपको शारीरिक-मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार हो सकते हैं। आइए आगे की स्लाइडों में इसके फायदों के बारे में जानते हैं। नियमित योग के क्या फायदे हैं?
योग आपके संपूर्ण फिटनेस स्तर में सुधार करके आपके शरीर की मुद्रा और लचीलेपन को भी बेहतर बनाता है। कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिमों को कम करने के लिए योगासनों का रोजाना अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है।
रक्तचाप और हृदय गति को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
शरीर को आराम मिलता है।
आपके आत्मविश्वास में सुधार होता है।
तनाव की समस्या कम होती है।
शरीर के समन्वय में सुधार होता है।
आपकी एकाग्रता में सुधार होता है।
बेहतर नींद प्राप्त करने में मदद करता है।
पाचन और डायबिटीज की समस्या से राहत दिला सकता है। ये योगासन माने जाते हैं फायदेमंद
शरीर में रक्त के संचार को बढ़ावा देने के साथ कमर-पीठ के दर्द को कम करने के लिए सेतुबंधासन और भुजंगासन योग का अभ्यास काफी फायदेमंद हो सकता है। वहीं सूर्य नमस्कार, वृक्षासन जैसे अभ्यास शारीरिक समन्वय और एकाग्रता को बढ़ावा देते हैं। प्राणायाम का अभ्यास आपके मानसिक स्वास्थ्य को बूस्ट देने के साथ कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को कम करने में मददगार हो सकता है।इन बातों का रखें विशेष ध्यान
वैसे तो योग आमतौर पर सुरक्षित होते हैं, फिर भी यदि आप गलत मुद्रा में इसका अभ्यास करते हैं तो इससे मांसपेशियों में खिंचाव आने की दिक्कत हो सकती है। योग करते समय सुरक्षित रहने के लिए इसका सही तरीके से अभ्यास किया जाना आवश्यक है। पहले धीरे-धीरे इसकी शुरुआत करें और समय के साथ इसे बढ़ाते जाएं। अपनी सेहत के हिसाब से योग का चयन करने के लिए किसी विशेषज्ञ की सहायता ले लें।
नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।

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बीजेपी-कांग्रेस को कितनी सीट, कहां जीता कौन, किसे मिली हार? देखें पूरी लिस्ट

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नतीजों और रुझानों में बीजेपी अपने बूते बहुमत हासिल करने में असफल दिख रही है. हालांकि एनडीए 292 सीटों पर आगे चल रहा है. इस बीच सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर ये भी आ रही है कि TDP अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू शरद पवार और उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं. वहीं बीजेपी भी सरकार बनाने के लिए ‘N’ फैक्टर यानी नीतीश और नायडू के सहारे दिख रही है!
बीजेपी-कांग्रेस को कितनी सीट, कहां जीता कौन, किसे मिली हार? देखें पूरी लिस्ट
Lok Sabha Election Winner List LIVE: लोकसभा चुनाव के नतीजे अब धीरे-धीरे साफ होने लगे हैं और विजेताओं की लिस्ट अब आने लगी है. अमित शाह ने गांधीनगर सीट जीत ली है, वहीं स्मृति ईरनी अमेठी सीट हार गई हैं. उधर राहुल गांधी भी रायबरेली और वायनाड से जीत चुके हैं. इसके अलावा नार्थ ईस्ट दिल्ली से बीजेपी के मनोज तिवारी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं. यहां देखें विजेताओं की पूरी लिस्ट…

देखें किस सीट से कौन हारा, किसने हासिल की जीत…

लोकसभा सीट कौन जीता पार्टी कौन हारा पार्टी
वाराणसी नरेंद्र मोदी बीजेपी अजय राय कांग्रेस
नागपुर नितिन गडकरी बीजेपी विकास ठाकरे कांग्रेस
गांधीनगर अमित शाह बीजेपी सोनल रमनभाई पटेल कांग्रेस
वायनाड राहुल गांधी कांग्रेस एनी राजा सीपीआई
रायबरेली राहुल गांधी कांग्रेस दिनेश प्रताप सिंह बीजेपी
चंडीगढ़ मनीष तिवारी कांग्रेस संजय टंडन बीजेपी
अमेठी किशोरीलाल शर्मा कांग्रेस स्मृति ईरानी बीजेपी
गुना ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी यादवेंद्र सिंह कांग्रेस
पाटलीपुत्र मीसा भारती आरजेडी रामकृपाल यादव बीजेपी
कृष्णनगर महुआ मोइत्रा टीएमसी अमृता रॉय बीजेपी
तिरुवनंतपुरम शशि थरूर कांग्रेस राजीव चंद्रशेखर बीजेपी
बहरमपुर यूसुफ पठान टीएमसी अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस
लखनऊ राजनाथ सिंह बीजेपी रविदास मेहरोत्रा सपा
गोरखपुर रवि किशन बीजेपी काजल निषाद सपा
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली मनोज तिवारी बीजेपी कन्हैया कुमार कांग्रेस
हैदराबाद असदुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम माधवी लता बीजेपी
सुलतानपुर रामभुआल निषाद सपा मेनका गांधी बीजेपी
जालंधर चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस सुशील रिंकू बीजेपी
मंड्या एचडी कुमारास्वामी जेडीएस स्टार चंद्रू कांग्रेस
नागौर हनुमान बेनीवाल आरएलपी ज्योति मिर्धा बीजेपी
आरा सुदामा प्रसाद भाकपा माले आरेक सिंह बीजेपी
मंडी कंगना रनौत बीजेपी विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस
हासन श्रेयस पटेल कांग्रेस प्रज्वल रेवन्ना जेडीएस
धारवाड़ प्रह्लाद जोशी बीजेपी विनोद असूती कांग्रेस
मैनपुरी डिंपल यादव सपा जयवीर सिंह बीजेपी
कन्नौज अखिलेश यादव सपा सुब्रत पाठक बीजेपी
खीरी उत्कर्ष वर्मा मधुर सपा अजय मिश्र टेनी बीजेपी
बारामूला अब्दुल राशिद शेख निर्दलीय उमर अब्दुल्ला एनसी
मुंबई नार्थ वर्षा एकनाथ कांग्रेस उज्जवल निकम बीजेपी
खदूर साहिब अमृतपाल सिंह निर्दलीय कुलबीर सिंह जीरा कांग्रेस
बाड़मेर उम्मेदराम बेनीवाल कांग्रेस रविंद्र सिंह भाटी निर्दलीय
पोरबंदर मनसुख मंडाविया बीजेपी ललित बसोया कांग्रेस
डायमंड हार्बर अभिषेक बनर्जी टीएमसी अभिजीत दास कांग्रेस
विदिशा शिवराज सिंह चौहान बीजेपी प्रतापभानु शर्मा कांग्रेस
हमीरपुर अनुराग ठाकुर बीजेपी सतपाल रायजादा कांग्रेस
सिरसा कुमारी शैलजा कांग्रेस अशोक तंवर बीजेपी
अरुणाचल पश्चिम किरेन रिजिजू बीजेपी नाबाम तुकी कांग्रेस
बारामती सुप्रिया सुले एनसीपी (SP) सुनेत्रा पवार एनसीपी
अमरावती बलवंत वानखेड़े कांग्रेस नवनीत राणा बीजेपी
गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) महेश शर्मा बीजेपी महेंद्र सिंह नागर सापा
छपरा राजीव प्रताप रूडी बीजेपी रोहिणी आचार्य राजद
जालौर लुंबाराम बीजेपी वैभव गहलोत कांग्रेस
गौरतलब है कि अब तक के रुझानों के मुताबिक, बीजेपी 542 सीटों में से 239 पर आगे है, जबकि कांग्रेस ने 99 पर बढ़त बना रखी है. इन रुझानों को देखें तो भाजपा को काफी नुकसान होता दिख रहा है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इसने अपने दम पर 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस 52 सीटों पर सिमट गई थी. उसे इस चुनाव में खासी बढ़त मिलने के संकेत मिल रहे हैं. अगर यही रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो लोकसभा में एनडीए पहले के मुकाबले कमजोर स्थिति में रहेगा, जबकि विपक्ष अब मजबूत भूमिका में दिख सकता है.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पूर्ण बहुमत हासिल करता दिख रहा है. हालांकि एनडीए अब 292 सीटों पर आगे चल रही है. इसमें बीजेपी अकेले 240 सीटें हासिल करती दिख रही है. हालांकि उसकी सीटों में इस बार बड़ी कमी आई है. वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी इंडिया गठबंधन ने उसे कड़ी टक्कर दी है. इंडिया ब्लॉक 233 सीटों पर आगे चल रहा है.

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मन को शांत कैसे रख,निगेटिविटी से कैसे बचे

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डिजिटल भारत l दिमाग से नकारात्मक विचारों को दूर करना है तो दिनचर्या में अपनाएं ये 7 तरीके
Remove Negative Thoughts रोज सुबह उठकर ध्यान व प्राणायाम जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से दिमाग शांत रहता है।Remove Negative Thoughts। भागदौड़ भरी जिंदगी में आजकल कई लोग मानसिक तनाव से जूझते हैं और दिमाग में कई तरह के नकारात्मक विचार भी आते हैं। यदि आप भी नेगेटिविटी के शिकार है और मानसिक शांति चाहते हैं तो वरिष्ट आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक और मेडिटेशन एक्सपर्ट ऋतुराज असाटी कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं -Remove Negative Thoughts। भागदौड़ भरी जिंदगी में आजकल कई लोग मानसिक तनाव से जूझते हैं और दिमाग में कई तरह के नकारात्मक विचार भी आते हैं। यदि आप भी नेगेटिविटी के शिकार है और मानसिक शांति चाहते हैं तो वरिष्ट आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक और मेडिटेशन एक्सपर्ट ऋतुराज असाटी कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं -Remove Negative Thoughts। भागदौड़ भरी जिंदगी में आजकल कई लोग मानसिक तनाव से जूझते हैं और दिमाग में कई तरह के नकारात्मक विचार भी आते हैं। यदि आप भी नेगेटिविटी के शिकार है और मानसिक शांति चाहते हैं तो वरिष्ट आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक और मेडिटेशन एक्सपर्ट ऋतुराज असाटी कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं -Remove Negative Thoughts। भागदौड़ भरी जिंदगी में आजकल कई लोग मानसिक तनाव से जूझते हैं और दिमाग में कई तरह के नकारात्मक विचार भी आते हैं। यदि आप भी नेगेटिविटी के शिकार है और मानसिक शांति चाहते हैं तो वरिष्ट आर्ट ऑफ लिविंग प्रशिक्षक और मेडिटेशन एक्सपर्ट ऋतुराज असाटी कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं -अपने अस्थिर मन को शांत करने के लिए करें ये अद्भुत उपाय
मन में हमेशा आपके जीवन से संबंधित बातें चलती रहती हैं। लेकिन शायद आप यह बात नहीं जानते कि मन व दिमाग हमेशा अशांत रहने से आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। जब तक कोई अपने मन को शांत करना न सीख ले तब तक वह कुछ और सही से नहीं सीख सकता है।

आज की दौड़-भाग भरी जिन्दगी में मन और दिमाग का अशांत रहना एक आम बात है। मन को शांत करना नामुमकिन तो नहीं होता है लेकिन मन को शांत करने के लिए टिप्स और उपाय को सही तरीके से इस्तेमाल करना जरुरी होता है। जब तक कोई अपने मन को शांत करना न सीख ले तब तक वह कुछ और सही से नहीं सीख सकता है। मन अशांत रहने के कारण हम कई बार बड़े फैसले नहीं ले पाते हैं और छोटी-छोटी बातों में गलतियां करते हैं। हमारा दिमाग हमारा मन उस तरफ आकर्षित रहता है जहां हम नहीं सोचना चाहते। इन्हीं गलतियों से बचने और मन को शांत करने में मन को शांत करने के उपाय काफी लाभकारी हो सकते हैं। मन की दुविधा को दूर करने तथा मन व दिमाग को शांत रखने के लिए कुछ उपाय अपनाये जा सकते हैं, जिनके बारे में हम यहाँ बताने जा रहें हैं।ये 5 उपाय आपको शांतचित्त होने में मदद करेंगे1. ध्यान केंद्रित करें
किसी चित्र पर, या ऐसी वस्तु पर अपना ध्यान केंद्रित करें जिसे देख कर आपका मन हो। ये उपाय मैडिटेशन की तरह काम करती है, लेकिन इस उपाय में किसी शब्द या विचार को सोचने और सुनने की जगह केवल शांति या ख़ुशी देने वाले दृश्य और वस्तु पर अपना ध्यान केंद्रित करना है। जैसे – “आप सुबह उठे और उस वस्तु को देखे जिसे आप पाना चाहते थे तो आप मन अपने आप ख़ुशी से झूम उठता है”।ठीक इसी तरह के करीब 10 मिनट तक किसी सकरात्मक दृश्य को देखने से भी आपका मन को शांत होता है।

2. लम्बी और गहरी सांस लें
गहरी और लम्बी सांस मन को शांत रखने का अचूक और सरल उपाय है। जब हम अपना ध्यान सांस लेने पर केंद्रित करते हैं, तब हमारे मस्तिष्क में अच्छे रसायन स्रावित होते हैं, जो मन को नियंत्रित करने और मन को खुश रखने में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं।जब भी आपका मन अशांत हो तो आप पांच बार गहरी और लम्बी सांस लेना शुरू करें और जब तक संभव हो रोकने के बाद धीरे-धीरे छोड़ दें। सांस भरते वक़्त अपना ध्यान फेफड़ों पर केंद्रित करना चाहिए। ऐसा करने से मन और मस्तिष्क में भावनात्मक विचार नहीं आते हैं, और शांति का अनुभव होता है।3. योग है जरूरी
ये बात तो सभी जानते है कि योग से न सिर्फ तन बल्कि मन भी स्वस्थ्य और शांत रहते हैं। इसलिए मन को शांत करने के लिए योग करना एक बेहतरीन उपाय है।नियमित रूप से योग करने से व्यक्ति हेल्दी रहता है। शांत दिमाग और मन के लिए बॉडी का हेल्दी होना बहुत जरूरी है। इसलिए प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक योग चाहिए।4. हमेशा सकारात्मक रहें
आपका मन जब भी परेशान होता है तो नकारात्मक विचार आपके दिमाग पर हावी होने लगते हैं। इसलिए जरूरी है हमेशा सकारात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करें। ऐसा करने से आपका मन शांत होगा और अच्छे नतीजे हासिल होंगे। जब हमेशा सकारात्मक रहते हैं और जीवन के प्रति सकारात्मक विचार रखते हैं तो आप कामयाबी भी हासिल करते हैं और ऐसा होने पर आपके मन को ख़ुशी मिलती है और वो शांत रहता है।

5. म्यूजिक करेगा मैजिक
एक कहावत है की म्यूजिक इस बेस्ट मेडिसिन और ये सच भी है। आप जब भी परेशान हो या अशांत हो तो बस अपने पसंदीदा म्यूजिक को ऑन करें और उसे एन्जॉय करें। ये सुनने में शायद अजीब है लेकिन ये कुछ ही मिनटों में आपके उदास और परेशान मन को ख़ुशी से भर देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप संगीत सुनते हैं तो आपके दिमाग में नकारत्मक विचार नहीं आते हैं। और मन शांत रहता है।नकारात्मक सोच पर नियंत्रण पाने के लिए रोजाना दिन में 10 मिनट का वक्त निकालें और इनकी समीक्षा करें। नकारात्मक विचार समय (NTT) 10 मिनट होना चाहिए और हर दिन होना चाहिए। जब दिन के दौरान आपके मन में कोई नकारात्मक विचार आए, तो उसे लिख लें और खुद से कहें कि आप एनटीटी के दौरान उनकी समीक्षा करेंगे। समय के साथ, आप नियंत्रण हासिल कर लेंगे और नकारात्मक सोच बंद हो जाएगी

2. नकारात्मक विचारों को बदलें

हम नकारात्मक विचार पैटर्न को दूर नहीं करते हैं, हम उन्हें बदल देते हैं। हम में से अधिकांश के लिए, वे नकारात्मकविचार पैटर्न अच्छी तरह से पहने हुए तंत्रिका मार्ग हैं। चार सरल चरण:

1. ध्यान दें कि आपने पैटर्न कब शुरू किया है।

2. स्वीकार करें कि यह एक पैटर्न है जिसे आप बदलना चाहते हैं।

3. स्पष्ट करें कि आप क्या अलग करना चाहते हैं।

4. कोई भिन्न व्यवहार चुनें — ऐसा व्यवहार जो आपके लक्ष्यों को पूरा करता हो।

3. सोचने के बजाय लिखेंलिखें कि नकारात्मक विचार क्यों मौजूद हैं। लेखन बनाम सोच विचार को शुद्ध करने में मदद करता है, और जब आप

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शब्दों को कागज या स्क्रीन पर देख सकते हैं तो इसका अर्थ निकालना और आगे बढ़ना आसान हो जाता है।

4. मॉर्निंग न्यूज देखना बंद करें
शोध से पता चला है कि सुबह केवल तीन मिनट की नकारात्मक खबरें दिन के दौरान आपके नकारात्मक अनुभव की

संभावना को काफी बढ़ा देती हैं। शोध से यह भी पता चला है कि सकारात्मक मानसिकता त्रुटियों की दर को कम करते

हुए उत्पादकता और संतुष्टि को बढ़ाती है। मानसिकता एक विकल्प है, लेकिन हमेशा आसान नहीं होता है। नकारात्मक

प्रभावों को दूर करने के लिए देखें और सुबह के समाचार देखना बंद करें!

5. आभार पर ध्यान दें
अधिकांश लोगों द्वारा कृतज्ञता को कम आंका जाता है लेकिन एक सुखी जीवन के लिए यह आवश्यक है। जीवन आसान

नहीं होता है, लेकिन हम मजबूत हो जाते हैं क्योंकि हम अपने चारों ओर चल रही सभी छोटी अच्छी चीजों को पहचान

कर कठिनाइयों को सुधारते हैं। एक अच्छी सूची रखें और इसे रोजाना देखें। साथ ही, आप जो वास्तव में चाहते हैं उस

पर ध्यान केंद्रित करें और बहुत विशिष्ट बनें। एक केंद्रित, सकारात्मक दिमाग समय के साथ जो चाह रहा है

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शिक्षा अधिकारी और शिक्षा केंद्र के डीपीसी प्राइवेट स्कूल सिंडिकेट में सम्मिलित होने का खुलासा -जबलपुर

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डिजिटल भारत I प्राइवेट स्कूल फीस वसूली और बुक, ड्रेस, फिक्सिंग के मामले में लगातार पोल खोली जा रही है स्कूल संचालक सिंडिकेट बनाकर फीस वृद्धि से लेकर पुस्तक बदलना, ड्रेस बदलने और तो और स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने आदि में अभिभावकों से अवैध वसूली को लेकर एक नई नई बात सामने आ रही है इन सभी मामलों का कमीशन जिले के जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, जिला शिक्षा केंद्र के जिला समन्वयक डीपीसी “योगेश शर्मा” को भी पहुंचता था। प्राइवेट स्कूलों के सिंडिकेट में न केवल जिले स्तर पर बलिक राजधानी स्तर पर डीपीआई एवं प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा को भी इसका हिस्सा बराबरी से पहुंचता है। इसके साथ-साथ शिक्षा का अधिकार (आरटीई) में प्रत्येक निजी स्कूलों में 25% बच्चों के आवंटन में भी डीपीसी के द्वारा अवैध वसूली कर फर्जी बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति प्रतिवर्ष स्कूलों को उनके खातों में डाली जाती थी। जो लाखो रुपए हुआ करते है।2015 से लगातार जिला शिक्षा केंद्र में डीपीसी शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत एक ही प्रबंधक के द्वारा चलाए जा रहे एक से अधिक स्कूलों में बहुत आसानी से डबल डबल बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति कर डीपीसी के द्वारा अवैध वसूली कमीशन के रूप में की जाती रही है। आश्चर्य की बात यह है कि डीपीसी अकेला नहीं जिला पंचायत की सीईओ एवं जिले के कलेक्टर एवं मिशन संचालक के हस्ताक्षर से ही राशि स्कूलों के खाते में जमा की जाती है। मतलब सीधा साफ है की, डीपीसी जिला पंचायत की सीईओ एवं कलेक्टर को अंधेरे में रखकर प्राइवेट स्कूलों से आरटीई को लेकर डार्क में रख कर किया करते थे। इसी सैटिंग के चलते कभी इन अधिकारियों के द्वारा इन निजी स्कूलों का निरीक्षण भी नहीं किया गया और ना ही शासन के आदेशों निर्देशो से निजी स्कूलों को अवगत कराया गया। हर महीने प्राइवेट स्कूलों से मोटी रकम लेकर अपना उल्लू सीधा करते रहे। इस बाबत कई शिकायत है, डीपीसी की न केवल कलेक्ट्रेट में बलिक शासन में तथा साथ-साथ लोकायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक एवं आर्थिक अपराध (SP EOW) को भी की जाती रही है किंतु किसी के भी कान में “जू नहीं रेगी” जब आज वर्तमान कलेक्टर एवं मिशन संचालक स्वयं “दीपक सक्सेना” ने सब की आंखें खोल दी। तो राज्य स्तर पर उनका सम्मान कर दिया गया और पूरे प्रदेश में जबलपुर की नजीर देते हुए निजी स्कूलों पर गाज गिराई जा रही है। अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग “अखिल भारतीय मजदूर अधिकार संगठन” ने जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह से ज्ञापन के माध्यम से की है संगठन के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह चड्ढा ने आरोप लगाया है कि जिला शिक्षा अधिकारी की लापरवाही की वजह से फीस वसूली और बूक कमीशन खोरी बड़े पैमाने पर हुई है इस मामले में शिक्षा विभाग की भूमिका संदिग्ध है इसलिए अधिकारियों की भी जांच की जानी चाहिए।*

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