DIGITAL BHARAT

एक भारत उत्कृष्ट भारत

कंट्रोल होगा High BP, वेट लॉस और अन्य बीमारियों में भी असरदार ये चॉकलेट

0 0
Read Time:3 Minute, 57 Second

चॉकलेट खाना तो लगभग सभी को पसंद होता है. लेकिन डार्क चॉकलेट के अपने अलग फायदे होते हैं. इसके सेवन से हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है. आज जानेंगे डार्क चॉकलेट के अन्य फायदे
डिजिटल भारत l आजकल ज्यादातर लोगों के गलत खानपान, खराब दिनचर्या और तनाव की वजह से कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप की समस्या बढ़ने लगी है. साथ ही हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल से हृदय रोग का खतरा अधिक रहता है. इसके लिए जरूरी है कि हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल पूरी तरह से कंट्रोल में रहे. अगर आप भी हाई बीपी के मरीज हैं, और इसे कंट्रोल करना चाहते हैं, तो इसमें डार्क चॉकलेट असरदार साबित हो सकती है. इसके सेवन से हाई बीपी, मोटापा, हृदय रोग समेत कई अन्य बीमारियों में फायदा मिलता है. आइए, जानें डार्क चॉकलेट खाने के अन्य फायदे के बारे में…

  1. मूड स्विंग्स में फायदेमंद

कई बार शरीर में हार्मोनल असंतुलन के चलते लोग मूड स्विंग्स का शिकार हो जाते हैं. इससे व्यक्ति मानसिक रूप से व्यथित रहता है. उसके मन और मस्तिष्क में कई प्रकार के विचार एक साथ उमड़ते रहते हैं. साथ ही मन में उथल-पुथल रहती है. पल में वह खुश होता है, तो पल में बैचेन रहने लगता है. इससे निजात पाने के लिए आप डार्क चॉकलेट का सेवन कर सकते हैं. जानकारों के अनुसार, डार्क चॉकलेट मूड स्विंग्स में बहुत फायदेमंद होती है.

  1. वेट लॉस में सहायक

आजकल मोटापा लोगों की एक अलग समस्या हो गई है. इस समय 10 में से हर 8 व्यक्ति मोटापे से परेशान है. वेट लॉस करने के लिए लोग क्या-क्या जतन नहीं करते, लेकिन मोटापा कम नहीं होता है. अगर आप भी बढ़ते वजन को कंट्रोल करना चाहते हैं, तो डार्क चॉकलेट का सेवन शुरू कर दें. इससे क्रेविंग की समस्या से निजात मिलता है. साथ ही इसमें कैलोरी बहुत कम होती है. डार्क चॉकलेट में फाइबर पाया जाता है.

  1. हाई बीपी को कंट्रोल करता है

डार्क चॉकलेट खाने से हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं. आसान शब्दों में कहें तो डार्क चॉकलेट में फ्लेवानोल्स पाया जाता है, जो उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करने में सहायक होता है. इसके लिए हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल के रोगी रोजाना डार्क चॉकलेट का सेवन करें.

  1. तनाव में राहत

अगर आप तनाव से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो डार्क चॉकलेट खाएं. एक शोध में पाया गया है कि डार्क चॉकलेट में गुणकारी आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो तनाव के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं. इसमें सेरोटोनिन, डोपामाइन और फेनाइलेथैलामाइन के गुण पाए जाते हैं, जो तनाव से राहत दिलाते हैं.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

जीरा खाने के फायदे… डायबिटीज समेत कई बीमारियों में कारगर है जीरा, इस तरह करें सेवन

0 0
Read Time:4 Minute, 2 Second

डिजिटल भारत l भोजन में तड़का देने के लिए अधिकतर जीरे का इस्तेमाल किया जाता है. खासकर दाल में हम जीरे का तड़का बेहद पसंद करते हैं. मसाले के तौर पर भोजन में इस्तेमाल होने वाला जीरा न सिर्फ हमारे भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि कई तरह की समस्याओं से भी हमें दूर रखता है. जीरा एंटीऑक्सीडेंट और इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, इसलिए इसे खाने से हमें कई तरह के फायदे मिलते हैं. जीरे का सेवन मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाता है, साथ ही पाचन संबंधी कई समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है. तो चलिए जानते हैं

दिमाग तेज होता है
अगर आप अपने दिमाग को तेज करना चाहते हैं, तो इसके लिए जीरे का सेवन बेहतर होगा. जीरा राइबोफ्लेविन, विटामिन बी6, जेक्सैन्थिन, नियासिन जैसे खनिजों और विटामिन्स से भरपूर होता है, जो हमारा दिमाग तेज करने में काफी कारगर होता है. जीरे के सेवन से न सिर्फ मेमोरी सेविंग पावर बढ़ती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है. आप रातभर पानी में जीरा भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट इसे खाएं.

वजन कम करने में कारगर
मोटापे से परेशान लोग अगर जल्द ही अपना वजन घटाना चाहते हैं, तो इसके लिए जीरे को सेवन करें. आप भुने हुए जीरे को एक ग्लास गर्म पानी में शहद और नींबू मिलाकर पिएं. इससे वजन कम करने में मदद मिलेगी. आप चाहें तो भुने हुए जीरे का पाउडर बनाकर भी रख सकते हैं. जीरा खाने से मोटापे के कारण आने वाले पसीने की समस्या से भी राहत मिलती है.

त्‍वचा के लिए फायदेमंद
अगर आपको त्वचा संबंधी दिक्कतें रहती हैं, तो इससे निजात पाने के लिए आप जीरे का इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आप प‍िंपल्‍स, एक्‍ने, दाग-धब्‍बे जैसी समस्‍याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इसके लिए भुना जीरा फायदेमंद होगा. भुने जीरे के पाउडर का पेस्ट चेहरे पर लगाने से इन समस्याओं से राहत मिलेगी. साथ ही इससे चेहरे की चमक और कसावट भी बढ़ती है.

पाचन संबंधी समस्याओं में असरदार
सर्दियों में ज्यादातर लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं. अगर आप इससे परेशान रहते हैं, तो इसके लिए आप जीरे का सेवन शुरू करें. जीरे में मौजूद थाइमोल और आवश्यक तेल पाचन को आसान करते हैं. साथ ही इसके सेवन से भोजन तेजी से पचता है. इतना ही नहीं जारी मेटाबोलिज्म तेज कर कब्ज की समस्या को खत्म करता है. ऐसे में अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है या फिर आपको पेट फूलना की समस्या है, तो सुबह खाली पेट जीरा जरूर खाएं.

डायबिटीज में असरदार
डायबिटीज के मरीजों के लिए जीरा बहुत कारगर माना जाता है. कुछ शोध में सामने आया है कि जीरा खाने से रक्त शर्करा के स्तर को कम करने मदद मिलती है. सात से आठ चम्मच भुना जीरा पाउडर दिन में दो बार खाने से डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

खाली पेट ग्रीन टी पीने से मिलते हैं चौंकाने वाले फायदे, दूर रहता है इन बीमारियों का खतरा रहता है

0 0
Read Time:4 Minute, 12 Second

डिजिटल भारत | ज्यादातर लोगों के दिन की शुरुआत चाय की चुस्कियों के साथ होती है. अगर आप चाय के बजाय ग्रीन टी (Green Tea) से दिन शुरूकरें तो ये आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. आजकल बहुत से लोग ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं. कई लोग दूधऔर चाय छोड़कर ग्रीन टी को अपनी डाइट का हिस्सा बना चुके हैं. आमतौर पर लोगों को ये गलतफहमी होती है कि ग्रीन टी वे लोग पीतेहैं जो वजन कम (Weight Loss) करना चाहते हैं. हम आपको बता दें कि ग्रीन टी न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती है. इसे पीने से सिर्फ वजनही कम नहीं होता है, बल्कि कई बीमारियों का खतरा दूर हो जाता है. आइए जानते हैं कि ग्रीन टी पीने से क्या फायदे होते हैं. 

वजन कम करने में फायदेमंद

ग्रीन टी वेट लॉस (Weight Loss) के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है. ये ऐसा ड्रिंक है जो सुबह-सुबह शरीर को एनर्जी भी देता हैऔर कैलोरी बर्न करने में भी मदद करता है. ग्रीन टी एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है. खाली पेट इसे पीने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है औरवजन कम करने में मदद मिलती है.

हार्ट की बीमारियां दूर करे

हार्ट (Heart) के मरीजों के लिए भी ग्रीन टी बहुत फायदेमंद मानी जाती है. अगर आप कॉफी या चाय पीते हैं तो इसके बजाय ग्रीन टीपिएं. इससे कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी मदद मिलती है. ग्रीन टी पीने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा दूर रहता है.

डायबिटीज कंट्रोल करे

डायबिटीज (Diabetes) को कंट्रोल करने में भी ग्रीन टी फायदेमंद है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं. ग्रीन टी पीने से शुगरकंट्रोल में रहती है. डायबिटीज के मरीजों को ग्रीन टी पीना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. 

दिमाग बनाए एक्टिव

ग्रीन टी दिमाग (Brain) के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है. ये एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है और ब्रेन को एक्टिव बनाने में मददकरती है. ग्रीन टी दिमाग के लिए रिफ्रेशमेंट का काम करती है. 

हड्डियां मजबूत करे

ग्रीन टी में मौजूद गुण हड्डियों (Bones) को मजबूत बनाने में मदद करती है. ये ओस्टियोपोरोसिस जैसी खतरनाक बीमारियों के जोखिमको कम करती है.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

प्रकृति ने हमें खाने के लिए कई प्रकार के फल दिए हैं। बस इन्हें खाने का सही समय जान कर हम अपने आप को सेहतमंद बना सकते हैं

0 0
Read Time:3 Minute, 59 Second

डिजिटल भारत l सुबह खाली पेट खाने के लिए पपीता सबसे अच्छा फल है। पहले तो, ये आपके शरीर के पीएच को बैलेंस रखता है और दूसरा इसका फाइबर पेट का मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है। फिर ये आपकी आंतों को साफ करता है और कब्ज की समस्या नहीं होने देता। इसी तरह कुछ ऐसे फल भी हैं जिनका असमय सेवन करना शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। जैसे कि विटामिन सी से भरपूर फल एसिडिटी पैदा कर सकते हैं, तो कुछ शुगर बढ़ा सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप जानें कौन सा फल कब खाना चाहिए?

कौन सा फल कब खाना चाहिए

  1. सेब खाने का सही समय नाश्ता
    सुबह नाश्ते में फल सेब खाने के कई फायदे हैं। इसमें इतने एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कि आपकी इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। साछ ही इसका फाइबर और विटामिन ए जैसे तत्व पेट, आंखों और स्किन की समस्याओं से बचाव में मदद करते हैं।

इस 1 चीज की कमी से पत्तों की तरह झड़ सकते हैं आपके बाल, आज ही जानें और दूर करें इसकी कमी

  1. सुबह 10 बजे के करीब खाएं संतरा
    संतरे और अंगूर जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थ या एसिडिक फूड्स (acidic foods) को खाना एसिड रिफ्लक्स को ट्रिगर कर सकता है, इससे एसिडिटी और अपच की समस्या हो सकती है। ऐसे में कोशिश करें कि दिन की शुरुआत और रात में संतरा ना खाएं। इसकी जगह आप दिन में 10 बजे के करीब खाएं और इसका विटामिन सी और डी पाएं।
  2. दिन में खाएं शरीफा
    शरीफा बहुत ही मीठा फल है। अगर आपको डायबिटीज नहीं हो आप इसे नाश्ते में या इसके बाद खाएं ताकि जिन भर के समय में इसका शुगर शरीर पचा ले। साथ ही शरीर को इसके तमाम फाइबर, कैल्शियम और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिल जाएं।
  3. दोपहर में खाएं केला
    दोपहर में लंच के बाद केला खाना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इस दौरान आप इसे काला नमक के साथ खाएं ताकि ये तेजी से पच जाए, पाचन क्रिया को तेज करे और बॉवेल रेट बढ़ाए। इससे आप ब्लोटिंग और कब्ज की समस्या से बचे रहेंगे।

सुबह खाली पेट भीगे हुए चने के फायदे कर देंगे हैरान, मोटापा, डायबिटीज सहित इन गंभीर बीमारियों से भी होगा बचाव,

  1. शाम में स्नैक्स के समय खाएं अंगूर और अनार
    शाम में स्नैक्स के समय अंगूर और अनार (pomegranate and grapes) जैसे फलों को खाना शरीर में फाइबर, कैल्शियम, विटामिन सी, आयरन और पानी की मात्रा बढ़ाने में मदद कर सकता है। ये शरीर में हार्मोनल गड़बड़ियों को कम करते हैं, भूख को नियमित रखते हैं, पेट को सही मात्रा में भरते हैं और रात में ज्यादा खाने से बचाते हैं।
  2. रात में खाएं कीवी
    रात में कीवी खाने के फायदे अलग ही हैं। दरअसल, कीवी फ्रूट सेरोटोनिन (serotonin) और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो सोने से पहले खाए जाने पर नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। तो, इस तरह आप इन तमाम फलों को अलग-अलग खा कर इनके फायदे पा सकते हैं।
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

जबलपुर में कोरोना ने फिर दी दस्तक,अमेरिका से लौटी महिला कोविड पॉजिटिव

0 0
Read Time:2 Minute, 33 Second

डिजिटल भारत l मध्य प्रदेश के जबलपुर में अमेरिका से लौटी एक महिला के COVID-19 टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद एक बार फिर से कोरोना वायरस का मामला सामने आया है.

चीन में कोरोना का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से पूरी दुनिया में इस महामारी को लेकर टेंशन शुरू हो गई है. जिससे भारत सरकार और तमाम राज्यों की सरकारें अलर्ट मोड में हैं. अब इन सब के बीच मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है.

जबलपुर में कोरोना संक्रमण का एक मामला सामने आया है.अमेरिका से लौटी महिला कोरोना पॉजिटिव निकली है. बता दें कि महिला का इलाज चल रहा है.56 लोगों के सैंपल जांच में एक महिला कोरोना पॉजिटिव निकली.हाल ही में महिला अमेरिका से लौटी थी. महिला जबलपुर के बिलहरी इलाके की रहने वाली है.जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया सैंपल.

महिला 23 दिसम्बर को भारत आई
आज जबलपुर में एक महिला जो बिलहेरी क्षेत्र में है ये कोविड पॉजिटिव पाई गई है . इनकी ट्रेवल हिस्ट्री है.ये अमेरिका से 23 दिसम्बर को भारत आई है और दिल्ली से आगरा होते हुए जबलपुर आई है. यहां इनके पैरेंटस रहते हैं.महिला को कुछ कफ और कोल्ड था तो इन्होंने अपना टेस्ट कराया था .अभी उनके पति और बिटिया का टेस्ट नहीं हुआ है. इनके कल सैम्पल लिए जाएंगे. इन महिला का भी कल सैम्पल पुनः लिया जाएगा जो जिनोम सीक्वेंसिग के लिए ग्वालियर डीआरडीओ भेजा जाएगा.

इसके अलावा उनके परिवार में और भी सदस्य, दो सदस्य हैं. जिनका कल सैम्पल और लिया जाएगा और उनकी भी जांच की जाएगी क्योंकि कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करना आवश्यक होता है .घबराने की आवश्यकता नहीं है. सब एतिहात बरतें और कोविड प्रोटोकॉल का जो पालन करने के लिए कहां गया है वो करें.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

कई बीमारियों से बचाता है अदरक

0 0
Read Time:2 Minute, 37 Second

विशेषज्ञों के अनुसार अदरक, दालचीनी, अलसी, अर्जुन प्राकृतिक ब्लड थिनर हैं।

इनके नियमित सेवन से ब्लड पतला रहेगा और हाईपर टेंशन, ब्लॉकेज, हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।

डिजिटल भारत l अस्पतालों में आ रहे मरीजों को चिकित्सक अदरक, लहसुन से लेकर मसाले के रूप में उपयोग होने वाली हल्दी के नियमित उपयोग की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि अदरक, दालचीनी, अलसी, अर्जुन प्राकृतिक ब्लड थिनर हैं। इनके नियमित सेवन से ब्लड पतला रहेगा और हाईपर टेंशन, ब्लॉकेज, हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।

इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढऩे से मौसमी बीमारियां नहीं होंगी। वे शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दो-तीन कली लहसुन के उपयोग की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी से पीडि़त लोग एक बार चिकित्सक से जांच कराकर दवा की मात्रा का पुनर्निधारण करा लें।

अदरक, दालचीनी, अर्जुन प्राकृतिक रूप से ब्लड को पतला करते हैं। अलसी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। ठंड के सीजन में चाय से लेकर सब्जी, लड्डू, हलवा में इन सामग्रियों का उपयोग करना फायदेमंद है। हृदय रोग से बचाव में ये सामग्री बहुत कारगर हैं।
डॉ जीएल टिटोनी, आयुर्वेद विशेषज्ञ

अदरक, लहसुन, दालचीनी, हल्दी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ सर्दी-जुकाम व खांसी से बचाव में कारगर हैं। हल्दी एंटी बायोटिक का भी काम करती है। दैनिक रूप से इन सामग्रियों का चाय, दूध के साथ या भोजन में किसी न किसी रूप में अवश्यक उपयोग करें।
डॉ अमित मुखर्जी, आयुर्वेद चिकित्सक

कड़ाके की ठंड में सर्दी, जुकाम, खांसी और वायरल बुखार से लोग पीडि़त हो रहे हैं। ऐसे में आयुर्वेद के विशेषज्ञों का कहना है कि घर की रसोई में रखी सामग्री का उपयोग कर बीमारियों से बचा जा सकता है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

इंडिया अलर्ट- कोरोना बढ़ने लगी टेंसन पीएम मोदी आज करेंगे हाईलेवल मीटिंग, एक्शन में सीएम योगी-अरविंद केजरीवाल

0 0
Read Time:19 Minute, 19 Second

चीन के बाद जापान-अमेरिका में भी फूटा कोरोना बम, 24 घंटे में 5.37 लाख नए मरीज

Corona BF.7 Variant: भारत में कोरोना के नए वेरिएंट BF.7 की पुष्टि हो गई है. गुजरात और ओडिशा में नए मामले सामने आए हैं. हालांकि अच्छी खबर ये है कि ये तीनों मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है. इन मामलों के बाद भारत सरकार अलर्ट मोड पर है और टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दे रही है. पीएम नरेंद्र मोदी आज कोविड की स्थिति की समीक्षा करेंगे.

दिल्ली और यूपी सरकार ने भी आज कोरोना के नए वेरिएंट पर चर्चा करने के लिए हाइलेवल मीटिंग बुलाई गई है. नए वेरिएंट से बचाव पर डॉ वीके पॉल ने मास्क के इस्तेमाल और बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दी है. कोरोना को लेकर भारत के एयरपोर्ट पर भी रैंडिम चेकिंग की जा रही है.

भारत में 10 अलग वेरिएंट मौजूद

देश में फिलहाल कोरोना के 10 अलग-अलग वेरिएंट मौजूद हैं. इसमें सबसे ताजा वेरिएंट BF 7 है. देश में अभी भी सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट के कुछ केस मिल जाते हैं. भारत में ज्यादातर लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है और कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी भी बड़ी आबादी में मौजूद है. ऐसे में चीन की तरह डरने की ज़रूरत तो नहीं लेकिन सरकार सतर्क हो गई है. अभी कोविड गाइडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए ये निर्देश

•             सर्दी और फ्लू की जांच करवाएं

•             बूस्टर डोज़ की खुराक लें

•             सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें

•             भीड़ में मास्क का इस्तेमाल करें

अब कोरोना पर हर हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय की समीक्षा बैठक होगी. इसके अलावा देश में बाहर से आने वाले यात्रियों की भी रैंडम जांच शुरू की गई है. लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है.

चीन में कोरोना के तेज रफ्तार से फैलने की वजह कोरोना का नया वेरिएंट BF.7 है. आपको बताते हैं ये कितना ख़तरनाक है.

•             वेरिएंट BF.7 ओमिक्रॉन वेरिएंट से निकला है और ये ओमिक्रॉन का सबसे ताकतवार वेरिएंट है

•             वेरिएंट BF.7 बहुत जल्दी एक इंसान से दूसरे इंसान में ट्रांसफर होता है

•             संक्रमित होने के बाद इसके लक्षण भी तुरंत सामने आते हैं 

•             वेरिएंट BF.7  में 1 मरीज़ से 16 लोगों को संक्रमित करने की क्षमता है

•             वेरिएंट BF.7 कमज़ोर इम्युनिटी वालों पर घातक साबित होता है…इसलिए चीन में बुजुर्ग सबसे ज्यादा इंफेक्टेड हैं

•             वेरिएंट BF.7 इतना ताकतवर है कि चीन में फुली वैक्सीनेटेड लोगों को भी ये संक्रमित कर रहा है

चीन के बाद जापान-अमेरिका में भी फूटा कोरोना बम, 24 घंटे में 5.37 लाख नए मरीज

चीन ही नहीं दुनियाभर में कोरोना के केस तेजी से बढ़ने लगे हैं. पिछले 24 घंटे में दुनियाभर में 5.37 लाख केस सामने आए हैं. वहीं 1396 लोगों की जान इस दौरान गई है. पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा केस जापान में मिले हैं. इतना ही नहीं अमेरिका में भी 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. उधर, चीन में कोरोना से तबाही जारी है. यहां न सिर्फ तेजी से केस बढ़ रहे हैं, बल्कि महामारी से लोगों की जान भी जा रही है.

हालत ये हो गए हैं कि अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए जगह नहीं बची है. यह बात वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी मानी है. WHO ने कहा कि कोरोना की मौजूदा लहर के चलते चीन में अस्पताल भर गए हैं. चीन के अलावा अमेरिका, जापान समेत दुनिया के तमाम देशों में भी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में भारत सरकार के साथ साथ राज्य भी अलर्ट पर आ गए हैं. आईए जानते हैं कोरोना के 10 बड़े अपडेट्स-

1- 24 घंटे में दुनियाभर में कितने केस मिले?

कोरोना के आंकड़ों पर नजर रखने वाली संस्था worldometer के मुताबिक, दुनियाभर में पिछले 24 घंटे में 5.37 लाख केस सामने आए हैं. वहीं 1396 लोगों की मौत महामारी से हुई है. अब तक दुनियाभर में कोरोना के 659497698 केस मिल चुके हैं. वहीं 20 करोड़ एक्टिव केस हैं.

2- जापान में सबसे ज्यादा केस मिले

जापान में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2.06 लाख केस मिले हैं. वहीं, 296 लोगों की मौत हुई है. अमेरिका में भी 50 हजार से ज्यादा केस मिले हैं. जबकि 323 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इसके अलावा दक्षिण कोरिया में 88,172, फ्रांस में 54,613 और ब्राजील में 44415 केस मिले हैं. जबकि ब्राजील में महामारी से 197 लोगों की मौत हुई है.

3- भारत में कितने केस मिले?

भारत में पिछले 24 घंटे में 145 केस मिले हैं. हालांकि, इस दौरान किसी की जान नहीं गई है. अब तक देश में 44,677,594 केस मिल चुके हैं. वहीं, 5.3 लाख लोग अब तक महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं. देश में एक्टिव केस सिर्फ 4672 हैं.

4- चीन में कितने केस मिले?

चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में बुधवार को 3,030 केस मिले हैं. जबकि किसी की जान नहीं गई है. इससे पहले मंगलवार को कोरोना से चीन में 5 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, चीन से जो वीडियो और तस्वीरें सामने आ रही हैं, वे कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं. इतना ही नहीं WHO ने भी माना है कि चीन में मौजूदा लहर के चलते अस्पताल भर गए हैं.

दुनिया भर में कोरोना से जुड़े अपडेट्स

कोरोना वर्ल्ड स्पीडोमीटर के आंकड़ों का मानें तो अमेरिका में बीते 24 घंटे में 326, फ्रांस में 127, ब्राजील में 197, साउथ कोरिया में 59, जापान में 296, रूस में 59 मौतें दर्ज की गई हैं. ये आंकड़ा आठ बजे तक का है।

अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील, साउथ कोरिया और जापान में ज्यादा मौतें हो रही हैं. ऐसा लग रहा है कि चीन से बढ़कर वायरस यूरोप के कई देशों तक पहुंच गया है।

जर्मनी ने बुधवार को बर्लिन से बायोएनटेक कोविड वैक्सीन की पहली खेप चीन भेजी है। ये वैक्सनी पहले चीन में रह रहे 20 हजार जर्मन प्रवासियों को लगाई जाएगी।

अब जापान, दक्षिण कोरिया और फ्रांस में कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। Worldometers.info के डेटा के मुताबिक, इन देशों में मरीजों की संख्या 10 लाख 65 हजार, 4 लाख 61 हजार और 3 लाख 58 हजार है।

एक हफ्ते में दुनिया में कोरोना के 34 लाख 84 हजार मामले सामने आए हैं। 9 हजार 928 लोगों की मौत हुई है। भारत में 7 दिन में 1,081 मामले सामने आए हैं।

एक हफ्ते में दुनिया में कोरोना के 34 लाख 84 हजार मामले सामने आए हैं। 9 हजार 928 लोगों की मौत हुई है। भारत में 7 दिन में 1,081 मामले सामने आए हैं।

कोरोना के अंत की घोषणा करना होगी जल्दबाजी

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का कहना है कि कोरोना के वैश्विक अंत की घोषणा करना फिलहाल जल्दबाजी होगी। यानी कोरोना अब भी ग्लोबल इमरजेंसी बना रहेगा। WHO ने ये बात चीन में लॉकडाउन हटने के बाद बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए कही है।

चीन से कोविड डेटा भी मांगा

15 दिसंबर को WHO के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने कहा था कि 2023 में कोरोना ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं रहेगा। उन्होंने कहा था- हम उम्मीद करते हैं कि अगले साल हम ये कह सकें की कोरोना का खतरा कम हो गया है और ये हेल्थ इमरजेंसी नहीं है।

उन्होंने चीन से कोरोना वायरस को लेकर डेटा शेयर करने के लिए भी कहा था। WHO ने एक बयान में कहा- कोरोना को बेहतर ढंग से समझने के लिए और इसके ओरिजन से जुड़ी जानकारी के लिए चीन से डेटा मांगा गया है। चीन के वुहान में ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था।

चीन में 7 दिन में 15 हजार 548 केस और 7 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स को आशंका है कि सही आंकड़ा छुपाया जा रहा है। मरीजों की संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है।

चीन में 7 दिन में 15 हजार 548 केस और 7 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स को आशंका है कि सही आंकड़ा छुपाया जा रहा है। मरीजों की संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है।

फ्रांस में हालात बिगड़े, एक दिन में 57 हजार मामले मिले

फ्रांस में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 16 दिसंबर को यहां 57,849 मामले सामने आए थे। सरकार लोगों से मास्क लगाने की अपील कर रही है। लोगों को बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दी जा रही है। इधर, साउथ कोरिया में 20 दिसंबर को 87,759 मामले सामने आए थे। 56 लोगों की मौत हुई थी।

अमेरिका में नया खतरा

अमेरिका में भी एक बार फिर कोविड केस बढ़ने लगे हैं। बुधवार को कुल संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार हो गया। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक स्पेशल रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन के लिए सबसे बड़ी फिक्र बुजुर्गों का वैक्सीनेशन है।

रिपोर्ट के मुताबिक- 65 साल या इससे ज्यादा उम्र के 94% सीनियर सिटिजन्स ने शुरुआती दो वैक्सीन डोज लिए हैं। चिंता की बात यह है कि 36% बुजुर्ग ऐसे हैं जिन्होंने बूस्टर शॉट नहीं लगवाए और नई लहर में इन्हें खतरा माना जा रहा है। मेडिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार के पास इस दिक्कत से निपटने का कोई पुख्ता प्लान भी नहीं है। दिक्कत इसलिए भी है क्योंकि 70 साल या इससे ज्यादा उम्र के अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का आंकड़ा कम उम्र के लोगों से चार गुना ज्यादा रहा है।

चीन अनलॉक पर उतारू, कामगारों से कह रहा- संक्रमित हो तो भी काम पर लौटो

चीन में कोरोना संक्रमण जिस तरह से तांडव मचा रहा है और हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। इन हालातों में भी शी जिनपिंग चीन में लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं हैं। देश को अनलॉक करने के लिए चीन 3 साल पुरानी जीरो कोविड नीति को भी छोड़ चुका है। अलग-अलग माध्यमों से लोगों को यह समझा रहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट खतरनाक नहीं है। यह मौसमी फ्लू जैसा ही है। देश के सबसे प्रभावशाली महामारी विज्ञानी झोंग नानशान ने तो हाल ही में यह तक कह दिया कि ओमिक्रॉन वायरस जुकाम से ज्यादा कुछ नहीं है।

अधिकारियों का मानना है कि वायरस भले ही फैले लेकिन अर्थव्यवस्था की गति बनी रहनी चाहिए। मैन्यूफैक्चरिंग और फैक्ट्रियों में उत्पादन नहीं थमना चाहिए। इसी नीति के तहत शहरों में कामगारों से कहा जा रहा है कि भले ही वे संक्रमित हों, उन्हें काम पर लौटना चाहिए। अधिकारियों ने पश्चिमी महानगर चोंगकिंग में सरकारी कर्मचारियों से कहा है कि अगर वे गैर लक्षणों वाले कोरोना से संक्रमित हैं, तो उन्हें काम पर आना होगा। उधर पूर्वी तट पर मैन्यूफैक्चरिंग हब जेझियांग में अधिकारी ने कहा कि संक्रमित होने के बावजूद लोगों को काम करना चाहिए।

चीन में ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट ने बढ़ाया खतरा

चीन में ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट BF.7 फैल रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वैरिएंट है। BF.7 वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है जिसका नाम है R346T। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वैरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता।

आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। BF.7 वैरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में घुसने में सक्षम है।

इन चीजों का भी जरूर रखें ध्यान- सरकार ने भी जारी की है एडवाइजरी
Coronavirus Alert: कोरोना से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को जरूरी बताया गया है. इसके लिए दो गज की दूरी बनाने की बात कही गई थी. जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके.
कोरोना मामले कम होने पर हटाई गई थी पाबंदियां
भारत में कोरोना ने पहली और दूसरी लहर में जमकर तबाही मचाई, सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और अस्पतालों की व्यवस्था भी चरमरा गई. हालांकि इसके बाद हालात सुधरते गए और लगातार मामलों में कमी देखी गई. मामले कम होने के साथ ही कोरोना पाबंदियों में भी ढील शुरू हो गई. आखिरकार 1 अप्रैल 2022 से तमाम तरह की पाबंदियां हटा दी गईं.

अगर आप किसी से मिलते हैं तो बिना फिजिकल टच यानी बिना हाथ मिलाए या गले मिले उसे ग्रीट कीजिए. इसके लिए आप हाथ जोड़कर नमस्कार कर सकते हैं.
कोरोना से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को जरूरी बताया गया है. इसके लिए दो गज की दूरी बनाने की बात कही गई थी. जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके.
सरकार की तरफ से लोगों को सलाह दी गई है कि हाथ से बने रीयूजेबल फेस मास्क का इस्तेमाल करें. खासतौर पर भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क जरूर पहनें.
अगर आप बाहर हैं तो अपने हाथों से अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें. इसके लिए आप पहले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं. हाथों को लगातार धोते रहें.
सरकार की तरफ से कोरोना से बचाव के लिए खुले में थूकने से बचने की भी सलाह दी गई है. इससे कोरोना फैलने का खतरा ज्यादा बना रहता है.
कोरोना से बचाव के लिए बहुत जरूरी होने पर ही ट्रैवल करने की सलाह दी गई है. साथ ही कहा गया है कि भीड़भाड़ वाली जगह का हिस्सा न बनें, यानी भीड़ से खुद को अलग रखें.
सोशल मीडिया पर कोई भी ऐसा पोस्ट न डालें जिससे नेगेटिव जानकारी या डर फैलने का खतरा हो. कोरोना को लेकर कोई भी जानकारी लेनी हो तो उसके लिए क्रेडिबल सोर्स का इस्तेमाल करें.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में हुआ सराहनीय कार्य केन्द्र सरकार के दल ने मैदानी क्षेत्र का भ्रमण कर दिया प्रतिवेदन

0 0
Read Time:3 Minute, 28 Second

डिजिटल भारत l प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में सराहनीय कार्य हुआ है। यह जानकारी केन्द्र शासन के विशेष दल
द्वारा सीधी एवं सिंगरौली जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के निरीक्षण के बाद दिये प्रतिवेदन में दी गई। केन्द्र
सरकार के विशेष दल द्वारा इस वर्ष सीधी और सिंगरौली जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं का भ्रमण किया गया। भ्रमण
के बाद दल ने दिये प्रतिवेदन में बताया कि आयुष, एचडब्ल्यूसी, स्वास्थ्य संस्थाओं में पैथालॉजी लेब, डायलिसिस
उपकरण के रख-रखाव, योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही एनआरसी में भर्ती कुपोषित बच्चों की प्रगति की
मॉनीटरिंग के लिये एनआरसी, एमआईसी पोर्टल का संधारण बहुत अच्छे से किया गया है। दल द्वारा बताया गया
कि स्वास्थ्य संस्थाओं में शाम की ओपीडी लाभदायक है। जाँच दलों ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थाओं में डिजिटल
हीमोग्लोबिन मीटर से खून की जाँच की जा रही है, जिससे एनीमिया का समय पर पता कर उपचार किया जा रहा
है। एमपी आरोग्यम से सीएचओ की परफार्मेंस को मॉनीटर किया जा रहा है।
ममता कॉर्नर, सुमन डेस्क और जननी एक्सप्रेस महिलाओं के लिये मददगार साबित हो रही हैं। जाँच दल ने बताया कि टी.बी. मुक्त भारत बनाये जाने के
लिये टी.बी. की जाँच और उपचार की व्यवस्था ग्राम स्तर तक सुनिश्चित की जाए। विभागीय संरचना में हेल्थ एण्ड
वेलनेस सेंटर पर पदस्थ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की भूमिका को सशक्त बनाया जाए। इनके माध्यम से स्वास्थ्य
सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जिससे कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। प्रतिवेदन
में जाँच दल ने बताया कि जिले और राज्य की जरूरतों के लिये आईटी पोर्टल का विकास किया जाए।

केन्द्र सरकार
के विशेष जाँच दल ने प्रतिवेदन का प्रस्तुतिकरण एम.डी. एनएचएम सुश्री प्रियंका दास की अध्यक्षता में एनएचएम
मुख्यालय में हुई कॉमन रिव्यू मीटिंग में दिया गया। केन्द्र सरकार के विशेष दल द्वारा जिलों में 5 दिवसीय
भ्रमण किया गया। एम.डी. एनएचएम सुश्री दास ने बताया कि मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये
निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये स्टेट टॉस्क कम्युनिटी बनाई गई है, जिसके द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु
दर में कमी लाने के कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग की जा रही है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

जीरो कोविड पॉलिसी से ‘हैंग’ हुआ चीन में Apple का प्लांट, कंपनी को यह इंतजार पहुंचा रहा चोट

0 0
Read Time:4 Minute, 27 Second

डिजिटल भारत l चीन में कोविड-19 पर काबू पाने के लिए शहरों में बार-बार लॉकडाउन लगाया गया है। लॉकडाउन की पाबंदियों से चीन के लोग इस कदर परेशान हैं कि वे इससे बचने के लिए अपनी जान भी जोखिम में डालने को तैयार हैं। ताजा मामला चीन में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी एप्पल फैक्ट्री का है। मध्य चीनी शहर झेंग्झौ (Zhengzhou) में बनी iPhone फैक्ट्री में कोरोना लॉकडाउन और संक्रमण के डर से घबराए हुए श्रमिक पलायन कर रहे हैं। लॉकडाउन के चलते फैक्ट्री के अंदर न फंसे रह जाएं इस डर से लोग दीवारें फांद कर भाग रहे हैं। चीनी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, आने वाले महीनों में Apple के प्रमुख डिवाइस का उत्पादन धीमा हो सकता है।

चीनी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की सबसे बड़ी एप्पल फैक्ट्री में 2 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। यह चीन के सेंट्रल हेनान प्रांत के Zhengzhou City में स्थित है। अन्य रिपोर्टों में कहा गया है कि फैक्ट्री के अंदर कुछ समय से हालात बिगड़ते जा रहे थे जिसके बाद लोग वहां से भागने को मजबूर हुए हैं। शहर में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद फैक्ट्री पर लॉकडाउन का साया मंडरा रहा है। कोरोना ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए चीनी सरकार ने देश में फिर से जीरो कोविड पॉलिसी लागू कर रखी है. कई शहरों में लॉकडाउन लगा हुआ है. इस लॉकडाउन और जीरो कोविड पॉलिसी से लोगों के साथ-साथ कंपनियों को भी नुकसान पहुंच रहा है. इसी कड़ी में मोबाइल की दिग्गज कंपनी Apple का कहना है कि कोविड प्रतिबंधों की वजह से चीन स्थित उसके प्लांट में iPhone का उत्पादन कम हो गया है. इस वजह से उसके प्रोडक्ट की शिपमेंट प्रभावित हो रही है.
सबसे लेटेस्ट मॉडल की बिक्री पर ज्यादा असर

ऐपल ने ये भी कहा है कि उत्पादन प्रभावित होने से आईफोन 14 मॉडल भी कम बन पा रहा है. इससे मार्केट में उसकी उपलब्धता पर अशर पड़ रहा है. लोगों को इसकी बुकिंग के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. कंपनी को यह इंतजार काफी चोट पहुंचा रहा है. दरअसल, Apple पहले ही बढ़ती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों के कारण खर्च में कटौती से पस्त है.
कई कंपनियों ने चीन में बंद किया काम

बता दें कि चीन के मौजूदा हालात ठीक नहीं हैं. जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से वहां सबकुछ ठप होता दिख रहा है. लोग सरकार के विरोध में आवाज उठाने लगे हैं, लेकिन शी जिपिंग ने इस पॉलिसी को हटाने से इनकार कर दिया है. इस बीच चीन में खराब हालात की वजह से एस्टर लॉडर कंपनी इंक और कनाडा गूज होल्डिंग्स इंक सहित कई वैश्विक फर्मों ने चीन में अपने स्टोर बंद करने और पूरे साल कटौती करने का फैसला किया है. कई और कंपनियां चीन से अपना कारोबार समेटने की तैयारी कर रही हैं.
Apple ने रविवार को दी जानकारी

चीन के मौजूदा संकट को लेकर ऐपल ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘उनके प्लांट में काफी कम क्षमता पर काम हो रहा है, इससे उनका उत्पादन काफी कम हो गया है. हालांकि कंपनी ने ये नहीं बताया कि उत्पादन कितना प्रभावित हुआ है.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

सर्दियों में अपनी डाइट में शामिल करे इस चीजों का सेवन – टिप्स फॉर विंटर

0 0
Read Time:7 Minute, 1 Second

डिजिटल भारत l सर्दियों के मौसम आते ही लोग अपने भोजन में बहुत तरह के बदलाव करना शुरू कर देते है। जैसे ठंडी चीजे की तरह गर्म खाना केवल पसंद करते है। सर्दियों में भारत में हरी सब्जियों की पैदावार अधिक होती है, जिसके कारण लोग अधिकतर हरी सब्जिया लेना सही समझते है। हरी सब्जिया में भरपूर मात्रा में विटामिन और खनिज होता है जो कई तरह के रोगो से बचाने का काम करती है। इसके अलावा हरी सब्जिया हड्डिया की कमजोरी व आयरन की कमी को दूर करने में मदद करता है। अक्सर लोग समझते है, भोजन में थोड़ा धनिया डालने से एंटीऑक्सीडेंट की पूर्ति कर सकते है। लेकिन यह संभव नहीं है, क्योंकि हरी पत्तेदार सब्जियों में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट एव कैल्शियम, फाइबर होता है। इसलिए सर्दियों में मौसमी सब्जियों का आंनद लेना चाहिए। इस लेख में सर्दिया के मौसम में हरी सब्जियों के फायदे के बारे में विस्तार से बतायेंगे।


मेथी – मेथी के बीज घरेलु उपचार के लिए उपयोग किये जाते है, उसी तरह मेथी की पत्तिया सेहत के लिए फायदेमंद है। इसमें घुलनशील फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन भरपूर मात्रा होता है। इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। मेथी की पत्तिया स्तनपान वाली महिलाओं के दूध उत्पादक उत्पन्न करता है। इसके अलावा मेथी पुरुषो में होने वाले टेस्टोटेरियन के स्तर को बढ़ाता है। डायबिटीज के मरीज के लिए मेथी जड़ी बूटी की तरह काम करता है।


सरसो का साग – सरसो के साग और मक्के की रोटी का नाम अपने कई पंजाबियो से सुना होगा। सर्दियों में सरसो के साग और मक्के की रोटी के साथ थोड़ा धी डालकर सेवन करना स्वाद को दुगना करता है। सरसो की पत्तिया में विटामिन ए, सी, ई, और के उपस्थित है। इसके अलावा कैल्शियम, मैग्नीशियम, मेगनीज, जिंक, घुलनशील फाइबर है। यह पाचन शक्ति को मजबूत कर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है।


बथुआ – सर्दियों के मौसम में बथुआ की पैदावार अधिक होती है। बथुआ को उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल व राजस्थान में बहुत चाव से खाया जाता है। बथुआ पत्तियों वाली सब्जी है, इसमें उच्च मात्रा में विटामिन ए, सी व बी काम्प्लेक्स है। इसके अलावा आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस्क होता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने में एव लिवर के स्वास्थ्य को बेहतर करता है।


हल्दी – हल्दी में अनेको औषधीय गुणों का समावेश होता है जो कई तरह के रोगो की रोकथाम करने में मदद करता है। इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, एन्टीबैक्टिरीयल व एंटी बायोटिक गुण मौजूद होता है, यह शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। हल्दी की पत्तिया अधिक लाभदायक होती है। यह


बदलता मौसम अपने साथ कई प्रकार की बीमारियों जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार आदि को भी साथ में लेकर आता है। इस सब से बचने के लिए आपको ठंड के मौसम में क्या खाना चाहिए इसकी जानकारी होना बहुत आवश्यक है।

सर्दी के मौसम में केवल गर्म कपड़े पहनकर ठंड से नहीं बचा जा सकता। ठंड से बचने के लिए शरीर की अंदरूनी गर्मी जरूरी होती है, जो हमें किसी स्वेटर, शॉल या जैकेट से नहीं, बल्कि स्वस्थ भोजन खाने से मिलती है।

शीतकालीन भोजन यानि विंटर फूड में आपको शहद का सेवन करना चाहिए। यह अनेक प्रकार के पोषक तत्वों से भरा हुआ है जो आपके शरीर को ऊर्जा देता है। शहद प्राकृतिक रूप से गर्म होता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर में गर्माहट आ जाती है और ठंड कम लगती है। इसी वजह से गर्मियों में कभी भी शहद खाने की सलाह नहीं दी जाती। यह आपको सर्दी, जुकाम और फ्लू से दूर रखता है। इसलिए सर्दियों में सुबह एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद डालकर पीएं।

शुद्ध देसी घी कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरा होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होते है। ठंड में घी खाने से आपकी सेहत को बहुत फायदा पहुंचता है। हालांकि, कई लोगों को लगता है कि घी मोटापा बढ़ाता है, लेकिन ये भी सच है कि ठंड के दिनों में शरीर को गर्माहट देने के लिए यह बहुत अच्छा है। रोजाना 15 ग्राम घी का सेवन आप किसी भी रूप में कर सकते हैं। चाहे, रोटी पर लगाकर या सब्जी में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। शरीर को गर्माहट देने के साथ ही यह सर्दियों में स्किन को ड्राय होने से भी बचाता है।

सर्दियों ने बॉडी को गर्म रखने के लिए आप गुड़ का सेवन करें यह आपके लिए फायदेमंद होता है। आपने देखा होगा कि सर्दियों में गुड़ की मांग बढ़ जाती है। ऐसा यूं ही नहीं होता, बल्कि अपने कई गुणों के कारण सर्दियों में गुड़ बहुत फायदा करता है। ये न सिर्फ आपकी पाचन क्रिया को दुरूस्त रखता है, बल्कि मौसम सर्दी-जुकाम व खांसी से आपको बचाता है। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन होने के कारण यह माइग्रेन, अस्थमा के अलावा कफ की समस्या से भी निजात दिलाता है। सर्दियों में अगर कफ जम जाए, तो गुड़ को अदरक के साथ जरूर खाएं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %