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व्लादिमिर पुतिन हिटलिस्ट में टॉप पर हैं

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रूस । रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने गुरुवार को कहा कि रूसी सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी थी कि क्या हो रहा है, जब यूक्रेन के शीर्ष खुफिया अधिकारी ने कहा था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन उस सूची में टॉप पर थे, जिनकी लिस्ट हत्या करने के लिए बनाई गई थी.यूक्रेन की सैन्य खुफिया सेवा के उपप्रमुख वादिम स्किबिट्स्की ने जर्मनी के ‘डाई वेल्ट’ अख़बार से एक इंटरव्यू में कहा कि यूक्रेन व्लादिमिर पुतिन की हत्या करना चाहता था, ‘क्योंकि वही युद्ध की निगरानी करते हैं, और सभी फ़ैसले करते हैं’ और रूसी राष्ट्रपति को भी जानकारी थी कि वह यूक्रेन की हत्या सूची में सबसे ऊपर हैं.

रिपोर्ट में वादिम स्किबिट्स्की के हवाले से कहा गया, “लेकिन आखिरकार, सभी को अपनी हरकतों के लिए जवाब देना होगा…”वादिम स्किबिट्स्की ने ‘डाई वेल्ट’ से कहा, “पुतिन देख रहे हैं कि हम उनके करीब आते जा रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने ही लोगों द्वारा मारे जाने का भी डर है…”स्किबिट्स्की ने अन्य रूसी नागरिकों के भी नाम लिए, जो हिटलिस्ट में हैं – मर्सिनरी के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन, रूसी रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु, जनरल स्टाफ चीफ़ वालेरी गेरासिमोव और सैन्य कमांडर सर्गेई सुरोविकिन, जिन्हें रूसी मीडिया ने ‘जनरल आर्मागेडन’ नाम दिया है.

स्किबिट्स्की ने यह भी कहा कि व्लादिमिर पुतिन मुश्किल टारगेट हैं, क्योंकि वह बहुत ज़्यादा वक्त तक ‘छिपे’ रहते हैं, लेकिन अब वह पहले के मुकाबले ज़्यादा सार्वजनिक रूप से दिखने लगे हैं.यह पूछे जाने पर कि क्या स्किबिट्स्की के इंटरव्यू के बाद व्लादिमिर पुतिन की सुरक्षा इंतज़ान बढ़ाए जा रहे हैं, क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “भरोसा कीजिए, हमारी सुरक्षा एजेंसियां अपना काम जानती हैं, और उन्हें पता है, क्या करना है…”पेसकोव ने कहा कि स्किबिट्स्की का इंटरव्यू इस बात की पुष्टि करता है कि रूस ने 15 महीने पहले यूक्रेन में जो ‘विशेष सैन्य अभियान’ शुरू किया था, वह सही था.इस महीने की शुरुआत में क्रेमलिन पर हुए एक ड्रोन हमले को रूस ने यूक्रेन द्वारा पुतिन को मारने की कोशिश करार दिया, लेकिन उस वक्त यूक्रेन ने इसका खंडन किया था.

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अमेरिका और रूस के बीच फंसे भारत के सामने बढ़ रही है तटस्थ बने रहने की चुनौती

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नई दिल्ली । अमेरिका और रूस कूटनीति की पिच पर जोर अजमाइश कर रहे हैं। रूस इस समय सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय और आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। बदले में रूस-यूक्रेन के बीच में टकराव अमेरिका की नाक का सवाल बना हुआ है। यूरोप में अमेरिका के दबदबे का भी मामला है। माना जा रहा है कि इसी सिलसिले में एशिया के चीन के बाद सबसे शक्तिशाली देश भारत की अमेरिकी पैरोकार जमकर तारीफ कर रहे हैं। जी-7 के शिखर नेताओं की बैठक में राष्ट्रपति बाइडन ने भी कुछ ऐसा किया कि प्रधानमंत्री मोदी अंतरराष्ट्रीय जगत में चर्चा में आ गए।प्रधानमंत्री आस्ट्रेलिया गए, तो वहां के राष्ट्राध्यक्ष ने पलक पावड़े बिछा दिए। प्रधानमंत्री मोदी को न केवल बॉस कहा बल्कि उनकी तुलना रॉकस्टार तक से कर डाली। आस्ट्रेलिया क्वैड का सदस्य देश है। प्रधानमंत्री की इतनी तारीफ कूटनीति के जानकारों के बीच में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने केवल इतना कहा कि अच्छी बात है। हम कुछ अच्छा होते हुए देख रहे हैं। लेकिन इसके बाद रूस और भारत के संबंधों पर बात की गई, तो वह अधिक जवाब नहीं दे सके। एक लाइन का बस सधा सा जवाब था कि भारत और रूस के रिश्ते अच्छे हैं।

विदेश मामलों के जानकार और पूर्व वायुसेना अधिकारी एयरवाइस मार्शल एनबी सिंह कहते हैं कि भारत और रूस के बीच बहुत कुछ ठीक नहीं चल रहा है। रूस अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। भारत के साथ कारोबार थोड़ा तनाव के दौर से गुजर रहा है। एनबी सिंह आशंका जाहिर कर रहे हैं कि यही स्थिति बनी रही तो भारत को रूस से सस्ती दर पर ईधन तेल मिलना बंद हो सकता है। दूसरा बड़ा असर रक्षा क्षेत्र में हथियारों के सौदे और आपूर्ति पर पड़ सकता है। वरिष्ठ पत्रकार और विदेश मामलों के जानकार रंजीत कुमार का भी कहना है कि भारत और रूस के संबंधों की अग्निपरीक्षा चल रही है। एस-400 मिसाइल प्रतिरक्षी प्रणाली की आपूर्ति में भी रूस की तरफ से देरी हो रही है।दरअसल, रूस इन दिनों भारत पर काफी दबाव बना रहा है। ब्लूमबर्ग रिपोर्ट भी कुछ इसी तरफ इशारा कर रही है। रूस भारत से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में मदद चाहता है। रूस का दारोमदार भारत, चीन और ताइवान पर है। चीन रूस का साथ दे रहा है। रूस चाहता है कि भारत उसकी सहायता करे। एफएटीएफ में भारत की मौजूदगी अहमियत रखती है। वहां भारत का स्पष्ट रुख रूस को एफएटीएफ के निगरानी के दायरे से बाहर रख सकता है। इसके समानांतर भारत की तटस्थ रहने की नीति को लेकर रूस के रणनीतिकार आशंकित भी हैं।  

यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम समीकरण बदले हैं। जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन समेत अन्य के सामने स्वतंत्र नीति बनाए रखने की चुनौती है। ब्रिटेन अमेरिका के साथ है, लेकिन जर्मनी और फ्रांस की चुनौती बढ़ रही है। दूसरी तरफ चीन ने अपनी यूरोप नीति को लेकर काफी दबाव बना रखा है। माना जा रहा है कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखकर भारत के साथ रिश्ते को नया आयाम दे रहा है। कूटनीति के जानकारों का कहना है कि अमेरिका भारत और रूस के रिश्ते की मजबूरी को समझता है, लेकिन उसकी कोशिश अब इसे निर्णायक मोड़ पर ले जाने की भी है। इसलिए ऐसा नहीं है कि भारत पर रूस के अधिकारियों का ही दबाव है। अमेरिकी अधिकारी भी अपनी कूटनीतिक शैली में लगातार दबाव बना रहे हैं।

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भजन गायक अनूप जलोटा बोले पाकिस्तान भी मोदी जी से करता है प्यार

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ऑस्ट्रेलिया । प्रसिद्ध भजन और गजल गायक अनूप जलोटा का कहना है कि दुनिया भर में लोग पीएम मोदी से प्यार करते हैं. उन्होने कहा, यहां तक कि पाकिस्तान भी उन्हें प्यार करता है. पाकिस्तान में लोग कहते हैं कि उन्हें मोदी जी जैसे नेता की जरूरत है.जलोटा सिडनी के कुडोस बैंक एरिना में मीडिया से बात कर रहे थे जहां पीएम का सामुदायिक कार्यक्रम जल्द ही आयोजित जाने वाला है  जलोटा ने कहा, ‘सिडनी में जितने भी लोग हैं वे सब मोदी जी को बहुत प्यार करते हैं, उनके मन में एक ही इच्छा है कि मोदी देश के परमानेंट बन जाएं.’बता दें पीएम मोदी तीन दिवसीय ऑस्ट्रेलिया के दौर पर हैं. पीएम मोदी राजकीय अतिथि के रूप में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा कर रहे हैं।

पीएम मोदी ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज के साथ सिडनी के क्यूडोस बैंक एरीना में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करेंगे.कार्यक्रम के आयोजक इंडियन ऑस्ट्रेलियन डायस्पोरा फाउंडेशन (आईएडीएफ) को बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है.आईएडीएफ के निदेशकों में से एक जय शाह ने ऑस्ट्रेलिया के एक सार्वजनिक सेवा प्रसारक को बताया, ‘भारतीय ऑस्ट्रेलियाई समुदाय नौ साल बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करने को लेकर उत्साहित है. वह 2014 में ऑस्ट्रेलिया आए थे और सिडनी के सामुदायिक स्वागत समारोह में एक बड़ी भीड़ ने उनका स्वागत किया था.’पीएम मोदी के समर्थकों ने ब्रिसबेन और कैनबरा से लोगों के सिडनी पहुंचने के लिए विशेष बसों की व्यवस्था की है।ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो की 2016 की जनगणना के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में 6,19,164 लोगों ने घोषित किया कि वे भारतीय मूल के हैं. ये ऑस्ट्रेलियाई आबादी का 2.8 प्रतिशत हैं. उनमें से 5,92,000 भारत में पैदा हुए थे. प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार 2014 में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की थी.

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पेसमेकर वाली भारतीय महिला पर्वतारोही की आधारशिविर में बीमार पड़ने के बाद मौत

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काठमांडू नेपाल में माउंट एवरेस्ट के आधारशिविर में बीमार पड़ने के बाद 59 वर्षीय एक भारतीय पर्वतारोही की गुरुवार को मृत्यु हो गई. वो दुनिया की इस सबसे ऊंची चोटी को फतह करने वाली एशिया की पेसमेकर वाली पहली महिला बनने का विश्व रिकार्ड बनाना चाहती थीं. नेपाल के पर्यटन विभाग के निदेशक युवराज खातिवादा ने बताया कि माउंट एवरेस्ट आधारशिविर में अनुकूलन अभ्यास के दौरान मुश्किलें होने पर सुजाने लियोपोल्डिना जीसस (59) को सोललुखुंबू जिले के लुकला इलाके के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गईखातिवादा ने बताया कि आधारशिविर में अनुकूलन अभ्यास के दौरान सामान्य रफ्तार नहीं बनाये रख पाने तथा चढ़ने में परेशानी होने पर सुजाने को माउंट एवरेस्ट फतह करने की कोशिश छोड़ देने को कहा गया था. सुजाने को पेसमेकर लगा था. निदेशक ने बताया कि सुजाने ने यह सलाह मानने से इनकार कर दिया और कहा कि वह 8,848.86 मीटर ऊंची चोटी पर चढ़ेगी ही, क्योंकि वह इस चोटी पर चढ़ने की अनुमति पाने के लिए पहले ही शुल्क दे चुकी हैं.

पर्वतारोहण आयोजक ग्लेशियर हिमालयन के अध्यक्ष डेंडी शेरपा ने कहा कि सुजाने को 5800 मीटर तक चढ़ाई करनी थी, लेकिन उन्हें बुधवार को जबरन हेलीकॉप्टर से लुकला शहर ले जाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्होंने कहा, “हमने पांच दिन पहले ही उनसे यह पर्वतारोहण छोड़ देने को कहा था, लेकिन वह एवरेस्ट फतह करने पर अड़ी हुई थी. अनुकूलन के दौरान पाया गया कि सुजाने चढ़ने के लिए फिट नहीं है.”

शेरपा ने कहा , “वह पेसमेकर के साथ एवरेस्ट फतह करने वाली पहली एशियाई महिला बनने और ऐसा कर नया विश्व रिकार्ड बनाना चाहती थी. उनके गले में दिक्कत थी और वह आसानी से खाना भी नहीं निगल पा रही थी.”उन्होंने कहा कि सुजाने का शव गुरुवार दोपहर को काठमांडू और फिर पोस्टमार्टम के लिए महाराजगंज नगरपालिका में त्रिभुवन विश्वविद्यालय अध्यापन अस्तपाल ले जाया गया. शेरपा के अनुसार उनके परिवार के सदस्यों को सूचना दी गई है और शुक्रवार शाम तक उनके काठमांडू पहुंचने की संभावना है

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पहली बार पूरा दिखा टाइटैनिक 200 घंटे में ली गईं 7,00,000 डिजिटल तस्वीरें

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लंदन । एक सदी से भी ज़्यादा वक्त पहले अटलांटिक महासागर में डूबे टाइटैनिक के मलबे का पहला पूर्णाकार 3डी स्कैन बुधवार को प्रकाशित किया गया, जिससे इस जहाज़ के उस दुर्भाग्यशाली सफ़र के बारे में ज़्यादा जानकारी हासिल हो सकती है.BBC द्वारा प्रकाशित की गईं हाई-रिसॉल्यूशन तस्वीरों के ज़रिये समुद्र में लगभग 4,000 मीटर (13,100 फुट) की गहराई पर पड़े मलबे का बारीकी से अध्ययन किया जा सकता है, और इन्हें डीप-सी मैपिंग का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है.यह लग्ज़री यात्री जहाज़ अप्रैल, 1912 में इंग्लैंड के साउथैम्प्टन से न्यूयॉर्क तक अपनी पहली यात्रा पर निकला था, और रास्ते में एक आइसबर्ग से टकराने के बाद डूब गया था, जिससे 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे.

वर्ष 1985 में पहली बार कनाडा के तट से लगभग 650 किलोमीटर (400 मील) की दूरी पर खोजे जाने के बाद से जहाज़ के मलबे को बड़े पैमाने पर खंगाला गया है, लेकिन कैमरे कभी भी समूचे जहाज़ को लेंस की जद में लाने में कामयाब नहीं हो पाए

वर्ष 2022 में डीप-सी मैपिंग कंपनी मैगेलन लिमिटेड और अटलांटिक प्रोडक्शन्स द्वारा जहाज़ का पुनर्निर्माण किया गया, जो इसके बारे में एक डॉक्यूमेंटरी बना रहे हैं.एक स्पेशलिस्ट जहाज़ से रिमोट के ज़रिये नियंत्रित किए जाने वाले सबमर्सिबल अटलांटिक की तलहटी में भेजे गए, जिन्होंने 200 घंटे से भी अधिक नीचे बिताकर मलबे का सर्वेक्षण किया, और समूचा स्कैन तैयार करने के उद्देश्य से 7,00,000 से ज़्यादा तस्वीरें खींचीं.इस अभियान की योजना बनाने के काम का नेतृत्व करने वाले मैगेलन के गेरहार्ड सीफर्ट ने BBC को बताया कि उन्हें कुछ भी छूने की अनुमति नहीं थी, ‘ताकि मलबे को नुकसान न पहुंचे…’

सीफर्ट ने कहा, “दूसरी चुनौती यह रही कि आपको हर वर्ग सेंटीमीटर – यहां तक ​​कि अरुचिकर हिस्सों को भी मैप करना होगा, जैसे मलबे पर जमी मिट्टी का भी नक्शा बनाना होगा, लेकिन बाकी दिलचस्प चीज़ों के बीच में अंतर को भरने के लिए आपको उसकी भी ज़रूरत हैतस्वीरों में मलबे को इस तरह देखा जा सकता है – जहाज़ के स्टर्न और बो अलग-अलग पड़े थे, पूरी तरह मलबे से घिरे हुए – जैसे इसे पानी से ऊपर उठा लिया गया हो, और उन तस्वीरों में छोटा-छोटी डिटेल भी साफ नज़र आती है, जैसे एक प्रोपेलर पर पड़ा हुआ सीरियल नंबर.अब नए स्कैन इस बात पर अधिक रोशनी डाल सकते हैं कि वास्तव में जहाज़ के साथ क्या हुआ था, क्योंकि इतिहासकारों और विज्ञानियों के पास ज़्यादा समय नहीं है, क्योंकि जहाज़ खत्म हो रहा है.

कई सालों तक टाइटैनिक का अध्ययन करने वाले पार्क्स स्टीफेन्सन ने BBC को बताया, “अब हम आखिरकार इंसानी व्याख्या के बिना टाइटैनिक को सीधे देख पा रहे हैं, और जानकारी सीधे सबूतों और आंकड़ों से हासिल हो रही है…”स्टीफेन्सन ने कहा, मलबे से “अब भी बहुत कुछ सीखना बाकी है, जो दरअसल, इस हादसे का आखिरी जीवित चश्मदीद गवाह है, और उसके पास बताने के लिए बहुत-सी कहानियां हैं

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इमरान के करीबी हैं फवाद चौधरी, गिरफ्तारी के डर से रफूचक्कर

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लाहौर । पाकिस्तान में जारी सियासी जोर-आजमाइश के बीच मंगलवार को एक अजीब वाकया सामने आया। यहां इमरान खान की पार्टी के सीनियर लीडर और पूर्व कैबिनेट मंत्री फवाद चौधरी ने पुलिस को सामने देखकर कार से उतरकर दौड़ लगा दी।चौधरी के साथ उनके वकील भी भागे और इन सबने इस्लामाबाद हाईकोर्ट की बिल्डिंग में पहुंचकर ही सांस ली। दरअसल, चौधरी जैसे ही हाईकोर्ट से बाहर निकले तो उन्होंने पुलिस को अपनी कार की तरफ बढ़ते देखा। घबराए फवाद को गिरफ्तारी से बचने का कोई और तरीका नहीं सूझा।

9 और 10 मई को मुल्क के कई हिस्सों में इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों ने जबरदस्त तोड़फोड़ और आगजनी की थी। इसके बाद से पुलिस को कई नेताओं की तलाश है। फवाद चौधरी इनमें से एक हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैफवाद को पुलिस ने दो दिन पहले 9 और 10 मई को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर वर्कर्स को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप है। दो दिन पुलिस कस्टडी में गुजारने के बाद फवाद को मंगलवार को ही हाईकोर्ट में पेश किया गया था। यहां से उन्हें एक मामले में जमानत मिल गई।

जमानत मिलने के बाद फवाद चौधरी अपने वकीलों के साथ हाईकोर्ट से बाहर निकले और कार में जाकर बैठ गए। इस दौरान मीडिया ने उनसे बात करनी चाही, लेकिन चौधरी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।इस दौरान उनके वकीलों ने कहा- चौधरी साहब को अभी जमानत मिली है, वो काफी थके हुए हैं और बाद में मीडिया से बात करेंगे। फवाद की कार के पीछे वाली गाड़ी में उनका परिवार भी था।फवाद आगे की सीट पर बैठे और पीछे की सीट पर उनके वकील बैठ गए। गाड़ी चंद कदम आगे बढ़ी तो फवाद ने घबराते हुए ड्राइवर से रुकने को कहा। फिर कार का गेट खोला और तेजी से भागने लगे। फवाद के पीछे उनके वकील भी भागे। वकीलों ने भागते-भागते कहा- चौधरी साहब हाईकोर्ट की तरफ…।

इसके बाद सभी अंदर चले गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- कई घंटे गुजरने के बाद भी चौधरी हाईकोर्ट की बिल्डिंग में ही मौजूद थे।हाईकोर्ट बिल्डिंग के अंदर से मिले फुटेज में देखा जा सकता है कि फवाद किस कदर हांफ रहे हैं और उनके वकील आसपास मौजूद लोगों से पानी लाने को कह रहे हैं।दरअसल, जमानत के बाद जैसे ही फवाद हाईकोर्ट से बाहर निकले और कार में बैठे। ठीक उसी वक्त उनकी गाड़ी के सामने एंटी टेररिज्म स्क्वॉड की गाड़ी आकर खड़ी हो गई। उसमें से कुछ पुलिसवाले फवाद की गाड़ी की तरफ बढ़े। फवाद समझ गए कि उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।9 मई को इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बायोमेट्रिक्स रूम से गिरफ्तार किया गया था। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा करते हुए ऑर्डर दिया था कि किसी भी शख्स को पाकिस्तान की किसी भी अदालत के अंदर से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। ऐसा हुआ तो पुलिस पर एक्शन होगा। फवाद ने इसीलिए हाईकोर्ट के अंदर भागना ही मुनासिब समझा।

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पुलिसकर्मियों ने हिरासत में रखे गए व्यक्ति को जेल में किया टॉर्चर

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नई दिल्ली । गुजरात के बोटाड जिले में 28 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित रूप से हिरासत में पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में तीन पुलिस कांस्टेबलों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।एक अधिकारी ने बताया कि 14 अप्रैल को एक मामले के संबंध में पूछताछ के लिए बोटाद टाउन पुलिस स्टेशन से जुड़े तीन कांस्टेबल मजदूर कालू पधरशी को उसके घर से ले गए थे। बाद में, पधरशी ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पूछताछ के बहाने उसको बुरी तरह से पीटा था। वहीं, 14 मई को अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बोटाड जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) किशोर बलोलिया ने बताया कि तीन आरोपियों-अमीराज बोरिचा, राहिल सिदातार और निकुल सिंह जाधव पर पधरशी की हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
एसपी ने कहा कि पधरशी ने सोमवार को शिकायत दी थी कि तीन कांस्टेबल एक मामले की जांच कर रहे थे। उन्हें एक व्यक्ति के बारे में जानना था। जब पधरशी ने शख्स के बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही तो पुलिस ने उससे मोटरसाइकिल के पंजीकरण के कागजात दिखाने को कहा। चूंकि, पुलिस सभी सिविल ड्रेस में थे। इसलिए पधरशी ने उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा। प्राथमिकी में कहा गया है कि उसकी मांग से नाराज कांस्टेबलों ने कथित तौर पर उसकी पिटाई शुरू कर दी और उसे थाने ले गए। 

हालांकि, पुलिस ने उसी दिन उसे छोड़ भी दिया था। बताया जा रहा है, मजदूर ने अपने घरवालों को बताया था कि हिरासत के दौरान उसे बेरहमी से पीटा गया और पूछताछ के दौरान उसका सिर दीवार से मार दिया था। बाद में उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो उन्हें पहले 17 अप्रैल को बोटाद के एक अस्पताल और फिर भावनगर शहर के एक सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसे ब्रेन हेमरेज है। 20 अप्रैल को उन्हें अहमदाबाद सिविल अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसकी ब्रेन सर्जरी की गई। इलाज के दौरान 14 मई को उसकी मौत हो गई।

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mahila divas

दुनिया में मौजूद हर एक महिला की ताकत का जश्न 

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International Women’s Day 2023

https://www.facebook.com/DIGITALBHARATNEWSJABALPUR

8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा. यह दिन महिलाओं की उन्नति, उन्हें विकास के अवसर प्रदान करने और समाज में पुरुषों के समान खड़े होने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से मनाते हैं । दुनिया के कई देशों की महिलाओं को लिंग भेद के कारण असमानता का सामना करना पड़ता है । पिछड़ी महिलाओं को समाज के प्रथम पायदान पर लाने और महिला अधिकारों के बारें में जागरूक करने के लिए अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं । इस मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों, जागरुकता अभियानों का आयोजन होता है, जिसमें देश-विदेश की कई ऐसी महिलाएं शामिल होती हैं, जिनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा और आदर्श बन गया है। फोब्स 2022 में 100 सबसे दमदार महिलाओं की लिस्ट जारी की है । विश्व महिला दिवस पर विश्व की सबसे सशक्त महिलाओं के बारे में जानेंगे। ये रहीं दुनिया की पांच दमदार महिलाएं, जो हमेशा चर्चा में रहती हैं। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

दुनिया की 100 सशक्त महिलाओं की सूची में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम लगातार चौथी बार आया है । वह सूची में 36वें नंबर पर रहीं। सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं जो लगातार वित्त मामलों को संभाल रही हैं। वह इसके पहले देश के रक्षा मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल चुकी हैं। 

किरण मजूमदारशॉ

किरण मजूमदार शाॅ भारत की सबसे बड़ी लिस्टेड बायोफार्मास्युटिकल कंपनी बायोकॉन की फाउंडर हैं। ये दवा उत्पादन के क्षेत्र की बड़ी कंपनी है। इस कंपनी की स्थापना 1978 में हुई थी। किरण मजूमदार भारत की सबसे अमीर महिलाओं में शामिल हैं । उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। 

फाल्गुनी नायर

नायका की संस्थापक फाल्गुनी नायर का जन्म महाराष्ट्र के मुंबई में 19 फरवरी 1963 को हुआ था। फाल्गुनी नायर एक बिजनेस विमेन हैं जिनकी कंपनी इन दिनों देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल हो गई है। खुद फाल्गुनी नायर देश की सबसे अमीर महिलाओं में शामिल हो चुकी हैं। 

कमला हैरिस

दुनिया की सबसे सशक्त महिलाओं की सूची में कमला हैरिस का नाम शामिल है। कमला हैरिस भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक हैं, जो वर्तमान में अमेरिका की उपराष्ट्रपति पद पर कार्यरत हैं। कमला हैरिस पहली एशियाई अमेरिकी महिला हैं, जो अमेरिका की उपराष्ट्रपति नियुक्त हुई हैं।

आजादी के बाद भी भारतीय राजनीति में महिलाओं का खूब दबदबा, सियासत में है इनकी चमक बरकरार

International Womens Day 2023: भारतीय राजनीति में महिलाओं का दबदबा पुराने समय से रहा है. आज भी हर पार्टी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. इन्‍होंने बड़ी-बड़ी जिम्‍मेदारियों को बखूबी निभाया भी है. आजादी के पहले से लेकर आज तक राजनीति में महिला नेत्रियों का डंका देशभर में बजता रहा है. सोनिया गांधी, स्‍वर्गीय शीला दीक्षित, प्रतिभा देवी पाटिल, मीरा कुमार जैसी दिग्‍गज महिला नेताओं ने समाज में यह भरोसा दिलाया है कि महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतर कर सकती हैं. ‘अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस’ के अवसर पर जानते हैं, देश की कुछ प्रचलित राजनीतिक महिला नेताओं के बारे में.

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आज मुकाबले का पहला दिन है और पहले सेशन का खेल जारी

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डिजिटल भारत I मैथ्यू कुहनेमन और नाथन लायन ने 3-3 विकेट चटकाए, जबकि टॉड मर्फी को एक सफलता मिली।

ऐसे गिरा टीम इंडिया का विकेट

पहला: छठे ओवर की आखिरी बॉल को रोहित शर्मा आगे निकलकर बड़ा शॉट खेलना चाहते थे, लेकिन मैथ्यू कुहनेमन की बॉल ऑफ स्टंप के बाहर निकली और रोहित चूक गए और उन्हें एलेक्स कैरी ने उन्हें स्टंपिंग कर दिया।
दूसरा : मैथ्यू कुहनेमन की बॉल गिल के बल्ले का बाहरी किनारा छूकर कीपर के हाथ में गई।
तीसरा : नौवें ओवर की दूसरी बॉल में नाथन लायन ने चेतेश्वर पुजारा को क्लीन बोल्ड कर दिया।
चौथा : नाथन लायन की बॉल पर कुहनेमन ने जडेजा को शार्ट एक्स्ट्रा कवर में कैच किया।
पांचवां : कुहनेमन को तीसरा विकेट मिला। धीमी पिच पर बॉल बैट का इनर एज लेकर स्टंप्स से लगी।
छठा : विराट कोहली टॉड मर्फी की बॉल पर LBW हो गए।
सातवां : 26वें ओवर की आखिरी बॉल पर नाथन लायन ने श्रीकर भरत को LBW कर दिया।


फिर फ्लॉप रहा टॉप ऑर्डर
टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर इंदौर में भी फ्लॉप रहा। यहां कप्तान रोहित शर्मा 12 रन बनाकर आउट हुए, जबकि केएल राहुल की जगह टीम में शामिल किए गए शुभमन गिल 21 रन बना सके। चेतेश्वर पुजारा एक रन, रवींद्र जडेजा 4 रन बनाकर आउट हुए। श्रेयस अय्यर तो अपना खाता भी नहीं खोल सके।

पिच पढ़ने में गलती कर गए रोहित
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा एक बार फिर पिच पढ़ने में गलती कर बैठे। उन्होंने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया, जबकि पिच स्पिन फ्रेंडली बनाई गई थी, जो पहले ही सेशन से स्पिनर्स को मदद कर रही है। भारतीय टीम के शुरुआती 5 विकेट दोनों स्पिनर्स ने चटकाए हैं।

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रूस-यूक्रेन युद्ध को हुए 12 माह पूरे, पश्चिमी देशों को दी ये चेतावनी

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डिजिटल भारत l रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरा होने से ठीक पहले आज देश को संबोधित करने जा रहे हैं। बाइडन के अचानक से यूक्रेन दौरे के बाद पुतिन के इस भाषण पर दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। इस बीच यूक्रेन ने कहा है कि रूस ने अपनी परमाणु सेना को पूरी तरह से अलर्ट पर रखा हुआ है। यूक्रेन ने कहा कि रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन पश्चिमी देशों को ब्‍लैकमेल करना चाहते हैं और इसी वजह से वह परमाणु ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच यूक्रेन के राष्‍ट्रपति जेलेंस्‍की ने चेतावनी दी है कि अगर चीन रूस के साथ जाता है तो दुनिया में तीसरा विश्‍वयुद्ध छिड़ जाएगा

24 फ़रवरी 2022 को व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ विशेष सैन्य अभियान की घोषणा की. इस युद्ध को आज एक साल पूरा हो रहा है.
युद्ध के एक साल पूरे होने के एक दिन पहले फरवरी 23 को संयुक्त राष्ट्र आम सभा में रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव लाया गया. इसमें मांग की गई कि रूस जल्द से जल्द यूक्रेन से बाहर निकले.
प्रस्ताव के पक्ष में 141 वोट पड़े, इसके विरोध में 7 वोट पड़े. रूस, बेलारूस, उत्तर कोरिया, सीरिया, माली, एरिट्रिया और निकारागुआ ने प्रस्वात के विरोध में वोट किया.
भारत, चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, बोलिविया, क्यूबा, कांगो, दक्षिण अफ़्रीका और ईरान समेत 32 देशों में इस प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं की.
शुक्रवार यानी 24 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन वर्चुअल कॉन्फ्रेसिंग के ज़रिए जी7 देशों के नेताओं से मुलाक़ात करने वाले हैं. इस दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की भी मौजूद होंगे. व्हाइट हाउस का कहना है कि इस दौरान रूस के ख़िलाफ़ और प्रतिबंध लगाए जाने की उम्मीद है.
युद्ध को एक साल पूरे होने के क़रीब दो दिन पहले चीनी के विदेश मंत्रालय के आला नेता वांग यी मॉस्को पहुंचे और रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाक़ात की. उन्होंने शांति वार्ता पर ज़ोर दिया और कहा जो देश यूक्रेन को हथियार दे रहे हैं वो शांति तक पहुंचने के रास्ते को और कठिन बना रहे हैं.।

युद्ध को बताया जायज
युद्ध को जायज बताते हुए पुतिन ने दावा किया कि उनकी सेना यूक्रेन के क्षेत्रों में नागरिकों की रक्षा कर रही है. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम लोगों के जीवन, अपने घर की रक्षा कर रहे हैं…और पश्चिम वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास कर रहा है.’’ पश्चिमी देशों पर रूस को धमकाने का आरोप लगाकर पुतिन ने अक्सर यूक्रेन पर अपने आक्रमण को सही ठहराया है.

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