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एक भारत उत्कृष्ट भारत

1971 में भारत-पाक युद्ध में मैं अपने मोहल्ले का गार्ड होता था,सायरन बजते ही गड्ढे में छिपना पड़ता

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मुंबई । कलाकार अनुपम खेर अपने बचपन में एनसीसी कैडेट हुआ करते थे और फौज में जाने की तमन्ना भी रखते थे। हालांकि एक्टिंग की दुनिया में आने के चलते वह अपना सपना पूरा नहीं कर पाए। हमसे खास बातचीत में अनुपम ने यी भी बताया कि वह अपनी मां के साथ सोशल मीडिया पर विडियो क्यों पोस्ट करते हैं।1947 में देश आजाद हुआ था और 1955 में मेरा जन्म हुआ था। इस तरह मैं अपने देश से 8 साल छोटा हूं। सन 62 के चाइना युद्ध की भी कुछ यादें हैं मेरे पास। इसके अलावा सन 65 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध की भी कुछ यादें हैं। मगर 1971 में तो मेरी उम्र 16 साल की थी और मैं एनसीसी में हुआ करता था। मैं अपने मोहल्ले का गार्ड हुआ करता था। हमारा काम था कि जब रात को सायरन बजता था, तो जो हमने गड्ढे खोदकर जगह बनाई थी छुपने की वहां छुप जाना, हमने जो रोशनदान पर अखबार लगाए थे, उसे चेक करना और सब तरफ दौरा करना। मैं उस समय खुद को बहुत जिम्मेदार नागरिक महसूस करता था। इसलिए जब भी देश के बारे में कोई बात होती है, तो मैं बढ़-चढ़ कर बोलता हूं, क्योंकि मैंने वो दौर देखा है। मैंने बतौर युवा वह समय देखा है। मेरे जहन में वह सब है।

शिमला में वेस्टर्न कमांड का हेड ऑफिस था, मैंने अपने फौजियों को देखा है। लोगों को जवानों के लिए खून देते देखा है। लेकिन मुझे आईबी 71 वाली घटना के बारे में नहीं पता, क्योंकि ये अनसंग हीरोज हैं, जिनके बारे में कोई नहीं जानता। हाल ही में किसी ने मुझे मेसेज भेजकर बताया कि इस मिशन का जो पायलट था, वह एक कश्मीरी पंडित था। 50 साल लग गए हमें इन 30 लोगों की कहानी सुनाने में। मेरे चाचा प्यारे लाल खेर जी मेरे पिता के सबसे छोटे भाई वह खुद इंटेलिजेंस ब्यूरो में असिस्टेंट डायरेक्टर पद से रिटायर हुए, लेकिन मुझे या मेरे पिता-मां व परिवार में से किसी को नहीं पता था कि वह क्या करते थे। वो 30 लोग जो पाकिस्तान चले गए, इस हाइजैक प्लेन में, जो खुद इंटेलिजेंस ब्यूरो ने ही कराया था, उनको फिल्म में देखने के बाद हमारे तो रोंगटे खड़े हो गए थे कि कैसे उन्होंने ये किया बिना किसी हथियार के। 30 के 30 लोग वापस भारत वापस आ गए थे। क्या दिमाग था उनका, उनके बारे में कोई जानता नहीं है। हमें अपनी सेनाओं पर गर्व है, साथ ही हमें इंटेलिजेंस ब्यूरो पर भी गर्व है।मैं सेना में जाना चाहता था, लेकिन मुझे ऐक्टिंग ज्यादा अच्छी लगती थी। हां लेकिन मैं जाना चाहता था। मैंने जवानों के लिए खून भी दिया। 1971 वॉर के दौरान हमारे कॉलेज में एक मेजर आए और उन्होंने एक स्पीच दी। उस समय मैं बहुत पतला हुआ करता था एक स्टिक की तरह। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आप देश के जवानों के लिए खून दें, वे आपके लिए लड़ रहे हैं। वहां एक बस आई थी, जो छात्रों और टीचर को ब्लड डोनेशन कैंप ले जाने वाली थी। मैं उस बस में चढ़ने लगा, तो मेजर बोले कि क्या आपको लगता है कि आप खून दे पाएंगे? मैंने कहा कि हां मैं खून देना चाहता हूं। जब मैं डॉक्टर के पास पहुंचा, तो उन्होंने भी यही पूछा कि क्या आप सच में खून देना चाहते हैं? तब भी मैंने कहा कि मैं देश के जवानों के लिए खून देना चाहता हूं। उन्होंने मेरा थोड़ा ही खून निकाला, तो मैं उठ ही नहीं पाया। फिर मुझे वापस खून चढ़ाया, तब जाकर मैं उठ पाया। कहने का मतलब यह है कि मैंने यह सब अनुभव किया है। आज की जेनरेशन को भी यह महसूस करना चाहिए और जानना चाहिए।

दरअसल, ये क्लासिफाइड चीजें हैं। मुझे नहीं लगता कि लोग इस बारे में बात करना चाहते हैं। लेकिन अब ये कहानी बन रही हैं, तो यह बड़ी बात है। मुझे खुशी है कि विद्युत जामवाल ने इस स्टोरी को प्रड्यूस किया है। ठीक है अब इसको बनाने में समय लग गया, तो कोई बात नहीं। हमें कश्मीर फाइल्स को बनाने में 32 साल लग गए, जबकि वो घटना सबके सामने थी।माता-पिता का आशीर्वाद सबसे अच्छा तोहफा होता है, जो बच्चों को मिल सकता है। यह बहुत अच्छा है कि इस उम्र में मुझे अपनी मां के साथ वक्त बिताने का मौका मिलता है। मां-बाप अकेले ऐसे दुनिया के अजूबे होते हैं, तो हर हालात में आपके साथ होते हैं, फिर चाहे बुरा हो या अच्छा। वो कभी आपसे कुछ उम्मीद नहीं करते हैं। वे सिर्फ आपके लिए अच्छा ही सोचते हैं। मेरी मां रोज सुबह 8:30 बजे मुझे फोन करती हैं। अगर मैं कहीं बाहर होता हूं, तो उन्हें फिक्र हो जाती है। मुझे अच्छा लगा कि मैं अपनी मां दुलारी जी के साथ जो विडियो बनाता हूं, वह दुनिया का एक प्रतिशत लोगों का भी मन बदल पाएं, तो मुझे अच्छा लगेगा और ऐसा हुआ भी है। मुझे ऐसे लोग अच्छे नहीं लगते, जो सिर्फ इसलिए अपने मां-बाप को कोने में बैठाकर रखते हैं, क्योंकि वे बुजुर्ग हो गए हैं। भगवान के बाद मां-बाप का दर्जा होता है। जैसे मंदिर होता है, वैसे ही अगला दर्जा उनका भी होना चाहिए।

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कैटरीना-प्रियंका और आलिया की बढ़ी बेताबी रेकी के बाद भी शूटिंग में देरी

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मुंबई आलिया भट्ट, प्रियंका चोपड़ा और कैटरीना कैफ स्टारर फिल्म ‘जी ले जरा’ अगस्त 2021 से ही खबरों में बनी हुई है। फिल्म को लेकर कुछ न कुछ अपडेट जरूर सामने आते रहते हैं। लेकिन फिल्म की शूटिंग कब और कहां से शुरू होगी इस बारे में अभी तक कुछ निश्चित नहीं है।जोया अख्तर, फरहान अख्तर और रीमा कागती द्वारा लिखित इस वुमेन बेस्ड कहानी के लिए फैंस लंबे वक्त से इंतजार कर रहे हैं। इन्हीं सब के बीच स्क्रिप्ट राइटर रीमा कागती ने खुलासा किया है कि ‘जी ले जरा’ की टीम कब शूटिंग शुरू करेगी। फरहान अख्तर  के निर्देशन बनने जा रही इस फिल्म में पहली बार आलिया,आलिया और कैटरीना को एक साथ देखने को मिलेगा। फिल्म ये तीनों रोड ट्रिप को बखूबी दिखाया जाएगा। खास बात ये है कि यह एक ऐसी फिल्म है, जिसके जरिए प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड में वापसी करेगीं। इससे पहले प्रियंका को आखिरी बार द व्हाइट टाइगर फिल्म में देखा गया था।

यह फिल्म 2021 में रिलीज हुई थी। इसी बीच फिल्म को लेकर स्क्रिप्ट राइटर रीमा कागती ने जो अपडेट शेयर किया है वह फैंस का एक्साइटमेंट बढ़ाने के लिए काफी है।  रीमा कागती को फिल्म के बारे में अपडेट दिया। उन्होंने कहा, हम साल के अंत तक शूटिंग शुरू कर देंगे। हम इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं और वास्तव में उत्साहित हैं। बता दें कि इस साल मार्च में, निर्देशक फरहान अख्तर ने जी ले जरा की रेकी शुरू करते हुए इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा की थी। तस्वीर में वह राजस्थान के रेगिस्तान को एक्सप्लोर करते नजर आए थे। फरहान अख्तर ने तस्वीर में आलिया, प्रियंका और कैटरीना को टैग किया और लिखा, सोने की तलाश में #लोकेशनस्काउट #जीलेजारा #राजस्थान ।

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मुसीबत में फंसे अमिताभ बच्चन और अनुष्का शर्मा, हरकत में आई मुंबई पुलिस

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मुम्बई । इस अमिताभ बच्चन और अनुष्का शर्मा काफी चर्चा में है इसका कारण है कि दोनों को हाल ही में एक बाइक पर सवार देखा गया था और यही उनके लिए एक मुसीबत का कारण बन गया है।दरअसल अमिताभ बच्चन न ट्रैफिक से बचने के लिए एक फैन से लिफ्ट मांगी थी और बाइक पर बैठकर निकल गए थे। हालांकि इस दौरान उन्होने हेलमेट नहीं लगाया था। अब इसको लेकर मुंबई पुलिस हरकत में आई है और दोनों को लेकर एक्शन लेने की बात कह रही है।वरिंदर चावला ने इसको लेकर एक पोस्ट किया है और लिखा है, ”कई शिकायतें मिलने के बाद, मुंबई पुलिस ने अभिनेता अमिताभ बच्चन और अनुष्का शर्मा के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, जिन्हें हाल ही में अलग-अलग बाइक चलाते देखा गया था

लेकिन बिना हेलमेट के। जहां अमिताभ ने सोमवार को अपने काम के स्थान पर पहुंचने के लिए एक प्रशंसक से लिफ्ट ली, वहीं अनुष्का शर्मा अपने अंगरक्षक के साथ एक सड़क पर बाइक पर सवार हो गईं। दोनों ही स्थितियों में न तो उनमें से और न ही उनके सवारों ने हेलमेट पहना हुआ था।” हालांकि इसपर किसी तरह का रिएक्शन अमिताभ बच्चन और अनुष्का शर्मा की तरफ से नहीं आया है लेकिन इतना तय है कि कुछ फाइन तो दोनों पर लगने वाला है क्योंकि दोनों ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है।लेकिन बिना हेलमेट के। जहां अमिताभ ने सोमवार को अपने काम के स्थान पर पहुंचने के लिए एक प्रशंसक से लिफ्ट ली, वहीं अनुष्का शर्मा अपने अंगरक्षक के साथ एक सड़क पर बाइक पर सवार हो गईं। दोनों ही स्थितियों में न तो उनमें से और न ही उनके सवारों ने हेलमेट पहना हुआ था।” हालांकि इसपर किसी तरह का रिएक्शन अमिताभ बच्चन और अनुष्का शर्मा की तरफ से नहीं आया है लेकिन इतना तय है कि कुछ फाइन तो दोनों पर लगने वाला है क्योंकि दोनों ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है।

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थिएटर्स में रिकॉर्डतोड़ कमाई कर रही ‘रियल’ केरल स्टोरी

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मुंबई । केरल की लड़कियों की कहानी कहने का दावा करती ‘द केरल स्टोरी’ जमकर बिजनेस कर रही है. लेकिन दूसरी तरफ साउथ इंडिया में एक दूसरी फिल्म रिकॉर्डतोड़ बिजनेस करसाउथ के सबसे पॉपुलर यंग स्टार्स में से एक टोविनो थॉमस को नेटफ्लिक्स की सुपरहीरो फिल्म ‘मिन्नल मुरली’ ने इंडिया भर में जबरदस्त पहचान दिलाई थी. फिल्म मे टोवीनो थॉमस, कनचाको बाम, आसिफ अली स्टारर ‘2018’, केरल में 5 साल पहले आई उस भयानक बाढ़ की कहानी है, जिसे पिछले 100 साल में राज्य की सबसे बड़ी आपदा कहा जा

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राघव चड्‌ढा-परिणीति चोपड़ा की सगाई आज:दिल्ली के कपूरथला हाउस में पहनाएंगे एक दूसरे को रिंग

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दिल्ली / मुम्बई – आम आदमी पार्टी के नेता-सांसद राघव चड्ढा और बॉलीवुड ऐक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा आज यानी शनिवार को दिल्ली में सगाई करने जा रहे हैं। यह कार्यक्रम दिल्ली के कपूरथला हाउस में आयोजित होने जा रहा है। रिंग सेरेमनी के लिए परिणीति की बहन प्रियंका चोपड़ा भी दिल्ली पहुंच चुकी हैं। हालांकि प्रियंका के पति निक जोनस नहीं आ रहे हैं।

दिल्ली में बॉलीवुड थीम पर रखी गई इस पार्टी में राघव चड्‌ढा डिजाइनर पवन सचदेवा की डिजाइन की गई अचकन पहनेंगे, वहीं परिणीति चोपड़ा बॉलीवुड स्टार्स के डिजाइनर मनीष मल्होत्रा की डिजाइनर ड्रेस में दिखेंगीं। इस पार्टी में पंजाब और दिल्ली के आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता दिखेंगे, वहीं बॉलीवुड के कई सेलिब्रिटीज के भी पार्टी में पहुंचने की संभावना है।

बीते दिनों कई मौकों पर साथ दिखे हैं दोनों
हाल ही में इस कपल को डिनर डेट पर देखा गया था। दोनों एक रेस्टोरेंट से निकलते हुए स्पॉट किए गए थे। परिणीति जहां ब्लैक आउटफिट में दिखी थीं, वहीं राघव ब्लैक पैंट और कैजुअल शर्ट में नजर आए थे। इसके बाद ही दोनों के बीच चुपके से शादी किए जाने की अफवाहें शुरू हो गई थीं, लेकिन परिणीति ने इसे नकार दिया था।

इसके बाद दोनों कभी लंदन तो कभी मुंबई में एक-दूसरे के साथ दिखे। दोनों मोहाली में पंजाब और मुंबई के बीच IPL मैच भी देखने पहुंचे थे।

कुछ ऐसा रहने वाला है पार्टी शेड्यूल
जानकारी के मुताबिक कार्यक्रम की शुरुआत शाम तकरीबन 5 बजे से होगी। सबसे पहले सुखमनी साहिब का पाठ किया जाएगा। इसके बाद अरदास और फिर सगाई होगी। डिनर का कार्यक्रम भी रखा गया है। परिवार और क्लोज फ्रेंड्स मिलाकर करीब 150 लोगों को न्योता दिया गया है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हैं।

चमकीला फिल्म में नजर आएंगीं परिणीति – राघव चड्‌ढा एक जाना-माना नाम हैं। वहीं परिणीति चोपड़ा बॉलीवुड में कई हिट फिल्में दे चुकी हैं। फिलहाल वे इम्तियाज अली की निर्देशित ‘चमकीला’ में दिलजीत दोसांझ के साथ स्क्रीन साझा करती नजर आएंगीं। बताया जा रहा है कि यह फिल्म पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला से प्रेरित है।

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अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा ने ग्लैमर की दुनिया में रखा कदम, वीडियो वायरल, लोगों ने मारा नेपोटिज्म का ताना

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मुम्बई-अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा यूं तो एक्टिंग की दुनिया से दूरी बनाकर रखती है। न्यूयॉर्क से ग्रैजुशन पूरी करने के बाद नव्या ने बिजनेस की दुनिया में कदम रखा। लेकिन गाहे बगाहे बच्चन परिवार की ये बेटी किसी विज्ञापन या शो में दिख ही जाती हैं। बता दें, नव्या नवेली नंदा L’Oréal ब्रांड की ब्रांड एंबेसडर बनी हैं और इसे लेकर लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया है। अमिताभ बच्चन की नातिन ने अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर उनके विज्ञापन का वीडियो शेयर किया है और तब से इंटरनेट पर उन्हें काफी अलग अलग तरह की प्रतिक्रिया मिल रही है।

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आज आमिर खान के जन्मदिन पर जाने पहली फिल्म के पोस्टर खुद चिपकने के साथ – साथ उनकी लाइफ के कुछ अनसुने किस्से

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डिजिटल भारत l आज बॉलीवुड के परफेक्शनिस्ट आमिर खान 58 साल के हो गए हैं। उनके फिल्मी करियर के 50 साल भी हो चुके हैं। 8 साल की उम्र में फिल्म यादों की बारात से शुरू हुआ उनका एक्टिंग करियर आज तक जारी है। ये बात अलग है कि आमिर के पिता नहीं चाहते थे कि वो फिल्मों में आएं। चाचा नासिर हुसैन ने उनके अंदर के एक्टर को पहचाना और अपनी फिल्म से ब्रेक दिया।

कयामत से कयामत तक से लेकर लाल सिंह चड्ढा तक आमिर 50 फिल्में कर चुके हैं। उनकी जिंदगी काफी दिलचस्प रही है। एक लड़की ने रिजेक्ट किया तो आमिर ने अपना सिर मुंडवा लिया था, वो भी तब जब उनकी पहली फिल्म का ऑडिशन था। फिल्म गुलाम के क्लाईमैक्स के लिए वो 12 दिन तक नहाए नहीं थे।
पहले उन्होंने ‘यादों की बारात’ निकाली, फिर ‘कयामत’ ने उनकी किस्मत ही पलट दी. वैसे तो वह कभी एक्टिंग करने के तलबगार नहीं थे, लेकिन दस्तूर आया तो पहली फिल्म के पोस्टर भी खुद ही चिपकाए. बात हो रही है बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की
महज आठ साल की उम्र में शुरू की एक्टिंग

14 मार्च 1965 के दिन मुंबई में जन्मे आमिर के बारे में एक बात हर कोई जानता है, वह यह कि आमिर जो कुछ भी करते हैं पूरे ‘मन’ से करते हैं. वह कभी ‘इश्क’ में पड़े तो कभी ‘गुलाम’ भी बने, लेकिन वह अदाकारी में इस कदर ‘फना’ हुए कि ‘तारे जमीन पर’ ले आए. आमिर ने महज आठ साल की उम्र में अभिनय के सफर की शुरुआत कर दी थी. सबसे पहले वह 1973 के दौरान यादों की बारात में नजर आए थे


टेनिस प्लेयर बनना चाहते थे आमिर

एक्टर बनने से पहले आमिर ने सिर्फ एक ही सपना देखा था. दरअसल, वह टेनिस प्लेयर बनना चाहते थे. स्कूल के दिनों में वह इतनी अच्छी तरह टेनिस खेलते थे कि अपने स्कूल के लिए कई राज्यस्तरीय लॉन टेनिस चैंपियनशिप में दमखम दिखाया था. आमिर खान के पसंदीदा टेनिस प्लेयर रोजर फेडरर हैं.

असिस्टेंट डायरेक्टर रहकर अमरीश पुरी से खाई सेट पर डांट

नासिर हुसैन के निर्देशन में बनी 1985 की फिल्म जबरदस्त में अमरीश पुरी ने काम किया। इस फिल्म में डायरेक्टर नासिर हुसैन के भतीजे आमिर उन्हें असिस्ट कर रहे थे। आमिर सेट पर उस समय कंटीन्यूटी देखते थे। एक दिन अमरीश एक्शन सीन शूट करते हुए बार-बार जगह बदल रहे थे और आमिर उन्हें बार-बार टोक रहे थे।

अमरीश नहीं जानते थे आमिर, डायरेक्टर नासिर के बेटे हैं। जब आमिर पर ध्यान देने से अमरीश को बार-बार एक ही सीन शूट करना पड़ा तो वो गुस्से में चिढ़ गए और उन्होंने आमिर को खूब डांटा। सेट पर सन्नाटा छा गया था।


जब खुद चिपकाए अपनी ही फिल्म के पोस्टर

आमिर खान ने जब फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ से बॉलीवुड में कदम रखा तो उन्होंने अपने जुनून के दीदार भी करा दिए. दरअसल, इस फिल्म का बजट काफी कम था. ऐसे में आमिर खान खुद ही बसों और ऑटो के पीछे फिल्म के पोस्टर चिपकाते थे. साथ ही, लोगों को बताते थे कि इस फिल्म में वह हीरो बने हैं.

अवॉर्ड शो में जाना नहीं पसंद

आमिर खान को अवॉर्ड फंक्शन में शिरकत करना भी पसंद नहीं है. इसकी वजह साल 1990 के एक अवॉर्ड फंक्शन को बताया जाता है, जिसमें फिल्म ‘घायल’ के लिए सनी देओल को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया था. आमिर का मानना है कि ऑस्कर के अलावा कोई भी दूसरा अवॉर्ड शो विश्वास करने लायक नहीं है.

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सेल्फी की असफलता से शॉक में फिल्म इंडस्ट्री! 10 सालों में अक्षय ने दीं इतनी फ्लॉप

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डिजिटल भारत l शाह रुख खान की फिल्म पठान की बेतहाशा कामयाबी के बाद कार्तिक आर्यन की शहजादा और अक्षय कुमार की सेल्फी के खराब प्रदर्शन से फिल्म इंडस्ट्री शॉक में है। कहीं ऐसा तो नहीं कि 2023 में बॉक्स ऑफिस पर 2022 की पुनरावृत्ति होने जा रही है?

जिस तरह पिछले साल कुछ चुनिंदा फिल्मों को सफलता मिली और बाकी ढेर रहीं, कुछ वैसा ही पैटर्न इस बार भी बनते दिख रहा है। खासकर, सितारों से सजी फिल्मों की असफलता निर्माताओं के लिए चिंता का विषय है।

‘सेल्फी’ का बुरा हाल, बनी एक दशक में अक्षय कुमार की सबसे फ्लॉप फिल्म
24 फरवरी को रिलीज हुई सेल्फी का निर्देशन राज मेहता ने किया है, जिन्होंने अक्षय कुमार के साथ 2019 में गुड न्यूज जैसी सुपर हिट फिल्म दी थी। सेल्फी में इमरान हाशमी ने पैरेलल लीड रोल निभाया है। डायना पेंटी और नुसरत भरूचा ने फीमेल लीड रोल्स निभाये।

बलबॉटम से भी खराब प्रदर्शन?
जोरदार प्रमोशंस के बीच रिलीज हुई सेल्फी ने लगभग ढाई करोड़ का नेट कलेक्शन पहले दिन किया। इंडस्ट्री के लिए यह बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि 2021 में पैनडेमिक की अनिश्चितताओं के बीच रिलीज हुई अक्षय की बेलबॉटम ने भी लगभग 2.75 करोड़ की ओपनिंग ले ली। अभी तो हालात पूरी तरह सामान्य हैं और दर्शक भी सिनेमाघरों में जाने के लिए तैयार हैं।

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जाने अभिताभ के बिग बी बनने तक सफर, कुछ अनसुने किस्से

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डिजिटल भारत l हिंदी के मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन और बॉलीवुड के अभिनेता अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन का नाम तो हर कोई जानता है। पति हिंदी साहित्य के धुरंधर और बेटे अभिनय के शहनशाह हैं, लेकिन तेजी बच्चन इस परिचय से अलग अपनी पहचान रखती हैं। तेजी बच्चन को एक समाज सेविका और मनोविज्ञान प्रोफेसर के तौर पर भी जाना जाता है। 12 अगस्त 1914 में जन्मी तेजी बच्चन का आज के दिन निधन हुआ था। 21 दिसंबर 2007 को 93 साल की उम्र में तेजी बच्चन ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। लोग तेजी बच्चन को अमिताभ के मां के तौर पर जानते हैं लेकिन तेजी बच्चन अपने आप में ही एक बड़ा व्यक्तित्व हैं। वह एक सरल व्यवहार, कुशल सामाजिक कार्यकर्ता थीं। तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी के बीच अच्छी दोस्ती थी अमिताभ बच्चन (जन्म-11 अक्टूबर, 1942) भारतीय फिल्म जगत बॉलीवुड के अभिनेता और प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन के सुपुत्र हैं[12]। 1970 के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की[13] और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में प्रमुख व्यक्तित्व बन गए[14]। अमिताभ ने अपने करियर में अनेक पुरस्कार जीते हैं, जिनमें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सम्मिलित हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है।
अमिताभ ने फ़िल्मों में अपने कैरियर की शुरूआत ख्वाज़ा अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी फिल्म सात हिन्दुस्तानी के सात कलाकारों में एक कलाकार के रूप में की,[19] उत्पल दत्त, मधु और जलाल आगा जैसे कलाकारों के साथ अभिनय कर के। फ़िल्म ने वित्तीय सफ़लता प्राप्त नहीं की पर बच्चन ने अपनी पहली फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ नवागंतुक का पुरूस्कार जीता।[20]इस सफल व्यावसायिक और समीक्षित फ़िल्म के बाद उनकी एक और आनंद (१९७१) नामक फ़िल्म आई जिसमें उन्होंने उस समय के लोकप्रिय कलाकार राजेश खन्ना के साथ काम किया। डॉ॰ भास्कर बनर्जी की भूमिका करने वाले बच्चन ने कैंसर के एक रोगी का उपचार किया जिसमें उनके पास जीवन के प्रति वेबकूफी और देश की वास्तविकता के प्रति उसके दृष्टिकोण के कारण उसे अपने प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।
नवंबर 2005 में, अमिताभ बच्चन को एक बार फिर लीलावती अस्पताल की आईसीयू में विपटीशोथ के छोटी आँत [54] की सर्जरी लिए भर्ती किया गया। उनके पेट में दर्द की शिकायत के कुछ दिन बाद ही ऐसा हुआ। इस अवधि के दौरान और ठीक होने के बाद उसकी ज्यादातर परियोजनाओं को रोक दिया गया जिसमें कौन बनेगा करोड़पति का संचालन करने की प्रक्रिया भी शामिल थी। भारत भी मानो मूक बना हुआ यथावत जैसा दिखाई देने लगा था और इनके चाहने वालों एवं प्रार्थनाओं के बाद देखने के लिए एक के बाद एक, हस्ती देखने के लिए आती थीं। इस घटना के समाचार संतृप्त कवरेज भर अखबारों और टीवी समाचार चैनल में फैल गए। अमिताभ मार्च २००६ में काम करने के लिए वापस लौट आए।[5

बाराबंकी भूमि प्रकरण
के लिए भागदौड़ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, २००७, अमिताभ बच्चन ने एक फ़िल्म बनाई जिसमें मुलायम सिंह सरकार के गुणगाणों का बखान किया गया था। उसका समाजवादी पार्टी मार्ग था और मायावती सत्ता में आई। २ जून, २००७, फैजाबाद अदालत ने इन्हें आदेश दिया कि इन्होंने भूमिहीन दलित किसानों के लिए विशेष रूप से आरक्षित भूमि को अवैध रूप से अधिग्रहीत किया है।[57] जालसाजी से संबंधित आरोंपों के लिए इनकी जांच की जा सकती है। जैसा कि उन्होंने दावा किया कि उन्हें कथित तौर पर एक किसान माना जाए[58] यदि वह कहीं भी कृषिभूमि के स्वामी के लिए उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं तब इन्हें 20 एकड़ फार्महाउस की भूमि को खोना पड़ सकता है जो उन्होंने मावल पुणे.[57] के निकट खरीदी थी। १९ जुलाई २००७ के बाद घेटाला खुलने के बाद बच्चन ने बाराबंकी उत्तर प्रदेश और पुणे में अधिग्रहण की गई भूमि को छोड़ दिया। उन्होंने महाराष्ट्र, के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को उनके तथा उनके पुत्र अभिषेक बच्चन द्वारा पुणे[59] में अवैध रूप से अधिग्रहण भूमि को दान करने के लिए पत्र लिखा। हालाँकि, लखनऊ की अदालत ने भूमि दान पर रोक लगा दी और कहा कि इस भूमि को पूर्व स्थिति में ही रहने दिया जाए।
राज ठाकरे की आलोचना
जनवरी 2008 में राजनीतिक रैलियों पर, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने अमिताभ बच्चन को अपना निशाना बनाते हुए कहा कि ये अभिनेता महाराष्ट्र की तुलना में अपनी मातृभूमि के प्रति अधिक रूचि रखते हैं। उन्होंने अपनी बहू अभीनेत्री एश्वर्या राय बच्चन के नाम पर लड़कियों का एक विद्यालय महाराष्‍ट्र[64] के बजाय उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में उद्घाटन के लिए अपनी नामंजूरी दी.मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमिताभ के लिए राज की आलोचना, जिसकी वह प्रशंसा करते हैं, अमिताभ के पुत्र अभिषेक का ऐश्वर्या के साथ हुए विवाह में आमंत्रित न किए जाने के कारण उत्पन्न हुई जबकि उनसे अलग रह रहे चाचा बाल और चचेरे भाई उद्धव को आमंत्रित किया गया था।[
पुरस्कार :

1) पद्म भूषण
2) फिल्म फेयर पुरस्कार
3) राष्ट्रीय पुरस्कार
4) पदमश्री

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बॉलीवुड के सबसे ख़ूबसूरत चेहरों मधुबाला का नाम सुमार

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डिजिटल भारत l भारतीय बॉलीवुड के सबसे ख़ूबसूरत चेहरों की जब भी बात होती है तो लोग मधुबाला का नाम सबसे पहले लेते हैं.

और मधुबाला का नाम लेते ही आपके जेहन में उनकी कई छवियां उभर आती हैं. महल में सस्पेंस जगाने वाली मधुबाला हों या फिर मिस्टेर एंड मिसेज 55 की शहरी बाला. या फिर हावड़ा ब्रिज की मादक डांसर हो या फिर मुगले आज़म की कनीज अनारकली जिसका जलवा किसी शहजादी से कम नहीं लगता.

मोहक, ख़ूबसूरत, दिलकश और ताज़गी से भरपूर, जिसके चेहरे से नूर टपकता रहा हो, तो आप मधुबाला के अलावा शायद ही किसी दूसरे चेहरे के बारे में सोच पाएं.

14 फरवरी 1933 को जन्मी मधुबाला के चाहने वाले आज भी अनगिनत हैं.
मधुबाला की ख़ूबसूरती का अंदाज़ा लगाना हो तो 1990 में एक फ़िल्मी पत्रिका मूवी के बॉलीवुड की आल टाइम ग्रेटेस्ट अभिनेत्रियों की लोकप्रियता वाले सर्वेक्षण को देखिए, उसमें 58 फ़ीसदी लोगों के वोट के साथ मधुबाला नंबर एक पर रहीं थीं, उनके आसपास कोई दूसरा नहीं पहुंच पाया था. इसमें नरगिस 13 फ़ीसदी वोटों के साथ दूसरे पायदान पर रहीं थीं.
सबसे ख़ूबसूरत मधुबाला
मधुबाला के साथ ही अपना डेब्यू करने वाले राजकपूर ने मधुबाला के बारे में एक बार कहा था लगता है कि ईश्वर ने खुद अपने हाथों से संगमरमर से उन्हें तराशा है. पेंगुइन इंडिया से प्रकाशित और भाईचंद पटेल की संपादित बॉलीवुड टॉप 20- सुपरस्टार्स ऑफ़ इंडिया में राजकपूर का ये बयान दर्ज है. इसी पुस्तक के मुताबिक शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने अपने फ़िल्मी जगत में काम करने के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब एक दिन उन्होंने शूटिंग करते हुए मधुबाला को देखा था उन्हें लगा कि उनका दिन बन गया.

शम्मी कपूर ने अपनी ऑटोबोयोग्राफी शम्मी कपूर द गेम चेंजर में एक पूरा चैप्टर मधुबाला को समर्पित किया है. इसका शीर्षक है- फेल मेडली इन लव विद मधुबाला. शम्मी कपूर इसमें कहते हैं- मैं ये जानता था कि मधु किसी और के प्यार में हैं, लेकिन इसके बाद भी मैं ये स्वीकार करना चाहता हूं कि मैं उनसे पागलों की तरह प्यार करने लगा था. इसके लिए किसी को दोष नहीं दिया जा सकता था, क्योंकि मैं ने उनसे ख़ूबसूरत औरत कभी नहीं देखी.
दिलीप कुमार-मधुबाला की प्रेम कहानी
दोनों को एक समय में भारतीय फिल्म इतिहास की सबसे रोमांटिक जोड़ी माना जाता था, दोनों एक दूसरे से प्यार भी करते थे. 1955 में पहली बार फ़िल्म इंसानियत के प्रीमियर के दौरान मधुबाला दिलीप कुमार के साथ सार्वजनिक तौर पर नज़र आईं थीं. ये पहला और इकलौता मौका था जब दिलीप कुमार और मधुबाला एक साथ सार्वजनिक तौर पर साथ नजर आए थे.
इस मौके को कवर करने वाले पत्रकार के. राजदान ने बाद में लिखा था कि मधुबाला इससे ज़्यादा ख़ुश पहले कभी नज़र नहीं आई थीं. रॉक्सी सिनेमा में हुए इस प्रीमियर में मधुबाला हमेशा दिलीप कुमार के बांह थामे हुए नज़र आती रहीं.

शम्मी कपूर ने इस बात का जिक्र भी किया है कि किस तरह से दिलीप कुमार केवल मधुबाला को देखने के लिए मुंबई से पूना तक कार चला कर आया करते थे और दूर खड़े होकर मधुबाला को देखा करते थे.

बहरहाल, एक आम धारणा ये है कि मुधबाला के पिता नहीं चाहते थे कि मधुबाला और दिलीप कुमार की शादी हो. इसको लेकर फ़िल्मी पत्र पत्रिकाओं में काफ़ी कुछ छपता भी रहा है. लेकिन दिलीप कुमार ने अपनी आत्मकथा दिलीप कुमार- द सब्सटेंस एंड द शैडो में इससे उलट बात कही है.
मधुबाला-दिलीप ऐसे हुए अलग?
उन्होंने लिखा है, “जैसा कि कहा जाता है, उसके उलट मधु और मेरी शादी के ख़िलाफ़ उनके पिता नहीं थे. उनके अपनी प्रॉडक्शन कंपनी थी और वे इस बात से बेहद ख़ुश थे कि एक ही घर में दो बड़े स्टार मौजूद होंगे. वे तो चाहते थे कि दिलीप कुमार और मधुबाला एक दूसरे की बाहों में बाहें डाले अपने करियर के अंत तक उनकी फिल्मों में डूएट गाते नजर आएं.”
दिलीप कुमार के मुताबिक उनकी यही बात मधुबाला के पिता अयातुल्ला ख़ान को पसंद नहीं आई और उन्होंने दिलीप कुमार को जिद्दी और अड़ियल मानना शुरू कर दिया. दिलीप के मुताबिक मधुबाला का रुझान हमेशा अपने पिता की तरफ़ रहा और वो कहती रहीं कि शादी होने के बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा.

ऐसा भी नहीं था कि दिलीप शादी के लिए तैयार नहीं थे, 1956 में ढाके की मलमल फ़िल्म की शूटिंग के दौरान एक दिन उन्होंने मधुबाला से कहा भी काज़ी इंतज़ार कर रहे हैं चलो मेरे घर आज शादी कर लेते हैं. लेकिन उनकी बातों पर मुधबाला रोने लगीं. दिलीप कुमार कहते रहे कि अगर आज तुम नहीं चली तो मैं तुम्हारे पास लौटकर नहीं आऊंगा, कभी नहीं आऊंगा.

किशोर कुमार से शादी
इस अलगाव के चलते ही मधुबाला ने शादी करने का मन बनाया होगा. लेकिन वो किशोर कुमार से एक दिन शादी कर लेंगी, इसका भरोसा किसी को नहीं था. लेकिन जिस वक्त मधुबाला और दिलीप कुमार की राहें अलग होने लगी थीं, उसी वक्त किशोर कुमार का अपनी पहली पत्नी रोमा देवी से तलाक़ हुआ था. और दोनों एक साथ कई फ़िल्मों में काम कर रहे थे.

इस वजह से दोनों के बीच एक आकर्षण हुआ हो और 1960 में किशोर कुमार और मधुबाला ने आपस में शादी कर ली. किशोर कुमार के साथ शादी के फ़ैसले ने मधुबाला को दिलीप कुमार से अलग होने के तुलना में कहीं ज़्यादा आघात पहुंचाया.

किशोर कुमार को मधुबाला की बीमारी के बारे में पता तो था लेकिन उसकी गंभीरता का अंदाजा नहीं था. वे मधुबाला को इलाज़ के लिए लंदन ले गए, जहां डॉक्टरों ने जवाब देते हुए कहा कि अब ज्यादा से ज्यादा मधुबाला एक से दो साल ही जी पाएंगी.

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