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प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रत्येक पक्षकार तक मध्यस्थता की पहुंच सुनिश्चित करें

प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रत्येक पक्षकार तक मध्यस्थता की पहुंच सुनिश्चित करें

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Digital Bharat : छह मध्यस्थता केंद्रों के ई-लोकार्पण अवसर पर बोले मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ

Digital Bharat : हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने कहा कि हमें प्रकरणों के लिए निराकरण के लिए प्रत्येक पक्षकार तक मध्यस्थता की पहुंच सुनिश्चित करनी होगी। मध्यस्थता पक्षकारों के मध्य प्रकरणों के निराकरण की एक प्रक्रिया है। यह वास्तव में पक्षकारों के मध्य विवादों के निराकरण के साथ-साथ बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों के निराकरण में भी लंबे समय तक प्रभावी रहने वाली प्रक्रिया है। वे छह मध्यस्थता केंद्रों के ई-लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थे। ये मध्यस्थता केंद्र सागर जिले की रेहली व देवरी, देवास जिले की टोंकखुर्द, खंडवा जिले की हरसूद, भिंड जिले की मेहगांव व उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील विधिक सेवा समितियों में खोले गए हैं। इस दौरान मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्रारिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू की मौजूदगी उल्लेखनीय रही।

मुख्य न्यायाधीश मलिमठ ने कहा हम देखते हैं कि पक्षकारों के बीच मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण होने पर पक्षकारगण संतुष्ट होते हैं। हमें आशा व विश्वास है कि इन मध्यस्थता केंद्रों के ई-लोकार्पण के बाद अधिक से अधिक संख्या में मध्यस्थता के लिए प्रकरण रेफर किए जाकर बड़ी संख्या में उनका निराकरण संभव हो सकेगा। वहीं प्रशासनिक न्यायमूर्ति शील नागू ने कहा कि हमें आशा है कि इन मध्यस्थता केंद्रों का उपयोग न्याय की तलाश में खड़े अंतिम व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने में किया जाएगा। अब तक संपूर्ण प्रदेश में 58 मध्यस्थता केंद्रों का लोकार्पण किया जा चुका है।

मीडिएशन एक्शन प्लान के तहत शनिवार को न्यायालय में मध्यस्थता जागरुकता कार्यक्रम रखा गया। इसमें मध्यस्थता से पक्षकारों को प्रकरणों के निराकरण के लिए जागरुकता करने की जानकारी दी। इससे पक्षकारों को लाभ होगा। इस मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएस रघुवंशी, न्यायाधीश डॉ. महजबीन खान, जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष बीएम पाराशर, सदस्य रेवाराम पटेल मौजूद थे।

जागरुकता कार्यक्रम में अधिवक्ताओं को पक्षकारों के प्रकरणों के निराकरण को लेकर जानकारी दी। उन्हें बताया कि मध्यस्थता के जरिए प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। इसके लिए प्रकरणों को मीडिएशन सेंटर तक भेजा जाएगा। यहां पक्षकारों को समझाइश दी जाएगी। इसके अलावा जागरुकता के लिए अधिवक्ताओं और पैरालीगल वालेंटियर्स को प्रशिक्षण देने तथा मध्यस्थता पर भी चर्चा हुई। समन्वयक जिला मीडिएशन मॉनीटरिंग कमेटी और न्यायाधीश डॉ. खान ने बताया अधिवक्ताओं को मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों को होने वाले लाभों के बारे में बताया। इसके पूर्व दोपहर में बैठक भी रखी।

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भोपाल की बिटिया ने जीती दुनिया ,शॉट कपड़े धोने वाली थपकी से शुरुआत, जिद से मिला मौका

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भोपाल की सौम्या तिवारी भारतीय टीम की उप-कप्तान थीं. फाइनल मैच की तनाव भरी स्थिति में सौम्या ने 24 रनों की अहम पारीखेली

डिजिटल भारत | साउथ अफ्रीका का पोचेफ्रेस्ट्रूम का सेनवेस पार्क. भारत की बल्लेबाजी चल रही थी. 14वें ओवर की आखिरी गेंद पर हैना बेकर ने गेंदडाली जिसे सौम्या तिवारी ने कवर्स की ओर खेला, वो सिंगल रन लेने दौड़ी और भारत के क्रिकेट इतिहास में अपना नाम दर्ज करवालिया. मां की कपड़े धोने वाली थपकी से खेलने वाली सौम्या ने अब अपने देश को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया है. उनकी जिद, उनके जुनूनने न सिर्फ उनका बल्कि उनके पूरे परिवार का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है.

भोपाल की रहने वाली सौम्या को अंडर 19 वर्ल्ड कप के लिए चुनी गई भारतीय टीम का उप-कप्तान बनाया गया था. इस बैटिंगऑलराउंडर ने पूरे टूर्नामेंट में बहुत बड़ी पारियां तो नहीं खेली लेकिन उनकी छोटी-छोटी पारियां भी टीम की जीत में अहम साबित हुई. उन्होंने टूर्नामेंट में 112 रन बनाए और तीन विकेट भी झटके. सौम्या की किस्मत ऐसी रही कि फाइनल मुकाबले में विनिंग शॉट भी उन्हीं केबल्ले से आया.

भोपाल की बिटिया ने जीती दुनिया

अकेडमी में लड़कियां नहीं होती थी ऐसे में सौम्या लड़कों के साथ ही खेलती थीं. कई बार उन्हें लड़की होने के कारण क्रिकेट टूर्नामेंट्स मेंहिस्सा लेने का मौका नहीं मिलता था. सौम्या निराश जरूरत होती थीं लेकिन टीम की खातिर वो बेंच पर बैठने को तैयार रहती थीं. सौम्या की मेहनत बेकार नहीं गई. पहले उन्हें जूनियर वुमेन टी20 चैलेंज में खेलने का मौका मिला और फिर वर्ल्ड कप में. आज टीमइंडिया की जीत ने पूरे भोपाल को अपनी बेटी पर गर्व करने का मौका दिया है और वो जश्न में डूबे हुए हैं.

मां की थपकी से खेला करती थीं सौम्या

भोपाल की रहने वाली सौम्या के पिता जिला कलेकट्रेट में काम करते थे. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने बताया कि जब उनकापरिवार शाहजहानाबाद में रहता था तब सौम्या बहुत छोटी थीं. वो बचपन में अपनी मां की थपकी को बल्ला बनाती और कागज की गेंदसे क्रिकेट खेला करती थीं. सौम्या को क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था, वो मोहल्ले में भी अकसर क्रिकेट खेलती लेकिन जब भी लड़केउन्हें अपने साथ खेलने से मना करते तो वो काफी निराश हो जाती थीं.

सौम्या को ट्रेनिंग देना चाहते थे सुरेश

जब सौम्या का परिवार भोपाल में आकर रहने लगा तो पिता ने बेटी को क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलाने का फैसला किया. वो उसे सुरेश चैनानीकी अकेडमी में लेकर गए. हालांकि सुरेश ने सौम्या लड़की होने के कारण ट्रेनिंग देने से मना कर दिया. भारत की ऑफ स्पिनर का दिलटूट गया और वो दो दिन तक रोती रहीं. इसके बाद पिता फिर बेटी को लेकर गए और सौम्या की जिद और जुनून देखकर सुरेश ने उन्हेंअकेडमी में ट्रेनिंग करने का मौका दे दिया. सौम्या को जैसे बस इसी एक मौके का इंतजार था.

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सरकार ने जारी की चेतावनी, अब सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर की खैर नहीं

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डिजिटल भारत l सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया ‘इंफ्लूएंसर’ के लिए प्रोडक्ट्स और सर्विस का प्रचार करते समय अपने फिजिकल कनेक्शन और हितों का खुलासा करना अनिवार्य करते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने पर विज्ञापन को प्रतिबंधित करने जैसे सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। ये दिशानिर्देश भ्रामक विज्ञापनों पर अंकुश लगाने के साथ-साथ उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए जारी कोशिशों का हिस्सा हैं। यह इस लिहाज से अहम हैं कि वर्ष 2025 तक सोशल मीडिया ‘इंफ्लूएंसर’ का बाजार लगभग

2,800 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है।एक छोटी सी गलती पड़ेगी तीन सालों के लिए भारी
इसके अलावा प्राधिकरण किसी भ्रामक विज्ञापन का प्रचार करने वाले को एक साल तक किसी भी विज्ञापन से रोक सकता है जिसे तीन साल तक बढ़ाया भी जा सकता है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नए दिशानिर्देश उपभोक्ता अधिनियम के दायरे में जारी किए गए हैं जो अनुचित व्यापार तरीकों और भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए रूपरेखा प्रदान करता है।

इंफ्लूएंसर बाजार 1,275 करोड़ रुपये का था
कौन होते हैं इंफ्लूएंसर?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी उत्पाद या सेवाओं के बारे में अपनी राय रखकर जनमानस को प्रभावित करने वालों को ‘इंफ्लूएंसर’ कहते हैं। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सोशल मीडिया मंचों पर मशहूर हस्तियों, ‘इंफ्लूएंसर’ एवं ‘ऑनलाइन’ मीडिया ‘इंफ्लूएंसर’ के बारे में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) भ्रामक विज्ञापन के संबंध में उत्पादों के विनिर्माताओं, विज्ञापनदाताओं और प्रचारकों पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है। बार-बार नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की राशि बढ़ाकर 50 लाख रुपये तक की जा सकती है।

इंफ्लूएंसर बाजार 1,275 करोड़ रुपये का था
उन्होंने कहा, “यह बेहद अहम मुद्दा है। वर्ष 2022 में भारत में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बाजार 1,275 करोड़ रुपये का था, लेकिन वर्ष 2025 तक इसके लगभग 19-20 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2,800 करोड़ रुपये हो जाने की संभावना है।” सोशल मीडिया पर प्रभाव डालने वाले इंफ्लूएंसर की देश में संख्या एक लाख से अधिक हो चुकी है और इंटरनेट का प्रसार बढ़ने के साथ इसमें तेजी आने की ही उम्मीद है। उपभोक्ता मामलों के सचिव ने कहा, “ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया ‘इंफ्लूएंसर’ को जिम्मेदारी से बर्ताव करने की जरूरत है।

अब उन्हें उस उत्पाद या सेवा के बारे में अपने भौतिक जुड़ाव की जानकारी देनी होगी, जिसका वे सोशल मीडिया पर विज्ञापन कर रहे हैं।” इस अवसर पर सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा कि किसी भी रूप, प्रारूप या माध्यम में भ्रामक विज्ञापन करना कानूनन प्रतिबंधित है। इसी को ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया ‘इंफ्लूएंसर’ के लिए खुलासा की जरूरत एवं उसके तरीकों के बारे में निर्देश जारी किए गए हैं।

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कोई आ रहा तो कभी भी कोई जा रहा एक ही हफ्ते में हुई 3 विदाई, खेल का बना मज़ाक भई ये कैसा Big Boss!

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डिजिटल भारत l बिग बॉस का खेल जितना मजेदार हो रहा है उतना ही अजीब भी. कई हफ्तों तक कोई भी नॉमिनेशन ना करने के बाद अब शो के एक साथ कई लोगों की बेवजह ही विदाई हो गई जिसके कारण अब शो का मजाक बन रहा है.

बिग बॉस का शो एक फॉर्मेट शो है जिसमें एंट्री और एग्जिट की एक बराबर प्रक्रिया है. कम वोटों के आधार पर कंटेस्टेंट को घर से बाहर किया जाता है तो वहीं वाइल्ड कार्ड एंट्री के अलावा बीच में किसी की घर में कोई एंट्री नहीं कराई जाती.

लेकिन ये क्या इस बार का सीजन कई मानों में वाकई अलग हैं. कंटेस्टेंट तो नियमों को बार-बार ताक पर रख ही रहे हैं लेकिन घर के सर्वे सर्वा यानि बिग बॉस के भी क्या कहने. घर में किसी भी वक्त किसी की भी एंट्री करा देते हैं तो जब मन चाहे कोई भी मुंह उठाकर घर से निकल जाता है. वहीं कुछ टाइम के बाद फिर से उन्हीं की एंट्री करा दी जाती है. अब ये देख लोगों का दिमाग चकरा गया है.

बिग बॉस के घर में पिछला हफ्ता कुछ ऐसा ही रहा. अब तक अच्छे खासे चल रहे शो में ना जाने क्या हुआ कि एक के बाद एक 3 कंटेस्टेंट एक साथ घर से बेघर हो गए. खास बात ये थी कि इनके जाने की वजह भी किसी को समझ नहीं आई लिहाजा अब शो का खूब मजाक बन रहा है. सबस पहले कम वोटों के आधार पर श्रीजिता डे को घर से शुक्रवार को ही बाहर कर दिया. जिसके अगले दिन अब्दु की घर से विदाई हुई. इसकी वजह थी अब्दु के घर के बाहर के प्रोजेक्ट जिन्हें टाला नहीं जा सकता था. इतना ही नहीं अब्दु के बाद साजिद खान भी घर से बाहर आ गए जिसकी वजह बताई गई उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म होना. अब सवाल ये कि क्या साजिद महज इतने दिनों का कॉन्ट्रैक्ट करके ही घर के भीतर दाखिल हुए थे. क्या वो शो को जीतने के लिए घर नहीं आए थे.

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नेपाल में बड़ा विमान हादसा 68 की मौत: लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले पहाड़ी से टकराया,5 भारतीयों समेत 72 लोग सवार थे

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डिजिटल भारत l नेपाल में रविवार सुबह बड़ा विमान हादसा हुआ। यति एयरलाइंस का प्लेन काठमांडू से 205 किमी दूर पोखरा में क्रैश हो गया। यह ATR-72 प्लेन था, जिसमें 68 यात्री और चार क्रू मेंबर सवार थे। लैंडिंग से महज 10 सेकेंड पहले विमान पहाड़ी से टकरा गया। इससे प्लेन में आग लग गई और वह खाई में जा गिरा।

पोखरा के जिला अधिकारी टेक बहादुर केसी ने बताया कि विमान के मलबे से 68 शव निकाले जा चुके हैं। हालांकि चश्मदीदों का कहना है कि हादसे में कोई भी जिंदा नहीं बचा। विमान में पांच भारतीय यात्री भी सवार थे। घटनास्थल से दो लोगों को जीवित निकाला गया, दोनों मछुआरे थे।

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई।
नेपाल सरकार ने हादसे की जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है।
आर्मी बचाव और राहत कार्य में जुट गई है। एक पुलिसकर्मी ने बताया कि भीड़ के चलते एम्बुलेंस को रेस्क्यू साइट तक जाने में दिक्कत हो रही है।
भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नेपाल के हादसे पर दुख जताया है।
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड पहले पोखरा जाने वाले थे, लेकिन मौसम की खराबी और सुरक्षा कारणों से सिक्योरिटी टीम ने PM को पोखरा ना जाने की सलाह दी।
प्रचंड के पोखरा पहुंचने से पहले सुरक्षा का जायजा लेने गया हेलिकॉप्टर बीच रास्ते से ही वापस आ गया।

ग्राफिक से समझें, हादसा कहां हुआ
हादसा कासकी जिले के पोखरा में पुराने एयरपोर्ट और पोखरा एयरपोर्ट के बीच हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्लाइट ने काठमांडू से पोखरा जाने के लिए सुबह 10:30 बजे उड़ान भरी थी। पोखरा एयरपोर्ट काठमांडू से 200 किमी दूर है। यहां पहुंचने में 25 मिनट लगते हैं।

विमान में 5 भारतीय समेत 14 विदेशी नागरिक थे
विमान को कैप्टन कमल केसी उड़ा रहे थे। 68 यात्रियों में से 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, एक आयरिश, दो कोरियन, एक अफगानी और एक फ्रेंच नागरिक थे।

मैकेनिकल खराबी की वजह से क्रैश हुआ प्लेन
सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ नेपाल की तरफ से कहा गया है कि मैकेनिकल खराबी की वजह से दुर्घटना हुई है। उड़ान से पहले सभी टेक्निकल जांच और प्रोसेस को पूरा किया गया था और उसमें कोई भी टेक्निकल खराबी नहीं दिखाई दी थी।

सिविल एविएशन अथॉरिटी का कहना है कि लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले विमान में आग की लपटें दिखाई दी थीं, इसलिए मौसम की खराबी के कारण दुर्घटना होने की बात नहीं कही जा सकती है। शुरुआत में कहा गया था कि हादसा खराब मौसम की वजह से हुआ है।

पायलट ने 2 बार लैंडिंग की परमिशन मांगी
पोखरा एयरपोर्ट एटीसी के सोर्सेज के मुताबिक हादसा रनवे से महज कुछ मीटर दूर हुआ। पोखरा का रनवे पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर बना हुआ है। पायलट ने पहले पूर्व की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी थी और परमिशन मिल भी गई थी। थोड़ी देर में पायलट ने पश्चिम की तरफ से लैंडिंग की परमिशन मांगी और उसे दोबारा परमिशन दे दी गई, लेकिन लैंडिंग से 10 सेकेंड पहले ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

क्रैश होने के तीन घंटे बाद मिली हादसे की खबर
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, हादसा रविवार सुबह करीब 8 बजे हुआ। विमान पहाड़ी से टकराकर येति नदी के पास खाई में जा गिरा। स्थानीय लोग राहत और बचाव के लिए पहुंच गए। हालांकि मीडिया में यह खबर दोपहर करीब 12 बजे आई।

वही विमान क्रैश,
यति एयरलाइंस का 9N ANC विमान। इस विमान ने पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन यानी 1 जनवरी 2023 को डेमो फ्लाई किया था। इस विमान की क्षमता 70 यात्रियों की थी, इनमें क्रू शामिल नहीं है। इसकी मैक्सिमम स्पीड 309 मील यानी करीब 500 किलोमीटर/घंटा थी। दो इंजन वाले इस विमान में प्रैट एंड व्हिटनी PW 127 इंजन लगे हुए थे।

नेपाल में पिछले साल मई में भी प्लेन क्रैश होने से 19 पैसेंजर और 3 क्रू मेंबर्स की जान चली गई थी। इस विमान में 4 भारतीय भी थे। नेपाल आर्मी की सर्च एंड रेस्क्यू टीम को मुस्तांग के सैनोसवेयर इलाके की पहाड़ी पर मलबा मिला था। एयरक्राफ्ट 43 साल पुराना था। तारा एयरक्राफ्ट क्रैश की जांच के लिए नेपाल सरकार ने 5 सदस्यीय कमीशन बनाया था, जिसे प्लेन क्रैश की घटनाओं से बचने के लिए सुझाव देने का काम भी सौंपा गया था।

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सोशल मीडिया स्टार बनने का सीक्रेट

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डिजिटलभारत l Instagram Reels हों या फिर YouTube Videos  इन्हें देखते हुए बहुत से लोगों के मन में एक सवाल आता है. ‘ऐसा तो मैंभी कर सकता हूं’. सोशल मीडिया ने कई अनजान चेहरों को बड़ा नाम दिया. शायद फिल्मों की दुनिया में ये चेहरे कहीं खोकर रहजाते हैं और कुछ वक्त से साथ खो भी गए. बड़ा नाम ही नहीं बल्कि बहुत से लोगों के लिए ये प्लेटफॉर्म्स कमाई का भी एकजरिया हैं. इन प्लेटफॉर्म्स से कमाई के कई किस्से हर रोज सुनने को मिलते हैं. कोई कहता है कि एक वीडियो से लाखों मेंआमदनी होती है, तो कोई बताता है करोड़ों में, लेकिन क्या इस ‘नई मायानगरी’ के जो किस्से हम सुन रहे हैं वो सही हैं.

इस इंडस्ट्री को नई मायानगरी इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बहुत से लोग अब यहां करियर तलाश रहे हैं. कोई पॉपुलर होनाचाहता है, तो कोई यहां से कमाई. किसने सोचा था कि शॉर्ट वीडियो हो या फिर किसी डॉयलॉग को अपनी फोटो पर चिपकाना, एक दिन इन तरीकों से भी कमाई हो सकेगी. मगर अब ऐसा हो रहा है. 
आपने भी कई बार इनकी शुरुआत करने का सोचा होगा, लेकिन कभी आपका काम, तो कभी झिझक इन सब के बीच आ गई होगी. बहुत से लोगों के मन में इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े कईसवाल होते हैं. इन सवालों का जवाब कौन देगा?

ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर हम पॉपुलर यूट्यूबर्स और इंफ्लूएंसर्स के पास गए, जो शायद आपकी मदद कर सकते हैं. उससेपहले हम इस पूरे सफर को समझना होगा.

स्मार्टफोन और इंटरनेट की इस पीढ़ी में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बनना एक बड़ी आबादी का सपना है. सस्ते डेटा प्राइस ने लोगोंके लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को आसान बना दिया. 
वहीं YouTube, Instagram और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने लोगोंके लिए नई राह खोल दी. एक दशक पीछे जाएं, तो किसने सोचा था कि एक रोज इंस्टाग्राम और यू्ट्यूब लोगों की कमाई काजरिया बन जाएंगे.

सिर्फ कमाई का जरिया ही नहीं बहुत से लोगों के लिए ये प्लेटफॉर्म्स नई उम्मीद हैं, लेकिन क्या यही हकीकत है? जिस तरह से हरचमकती चीज सोना नहीं होती है, उसी तरह से सोशल मीडिया पर नजर आने वाली जिंदगी भी है. 
आज कोई पॉपुलर है, तो उसकेपीछे ब्रांड्स हैं. यहां कल क्या होगा कोई नहीं जानता है. मगर एक बात साफ है, इस भागती दौड़ती जिंदगी में किसी से लिए एकसफल कंटेंट क्रिएटर बनना इतना आसान भी नहीं है.

1. जिस चीज को लेकर आपको पैशन हो, उस पर फोकस करें। आइडियाज निकालें, उसे लिख लें और यह सुनिश्चित कर लें कि वहकंटेंट इंटरेस्टिंग या इंस्पाइरिंग होना चाहिए। जो आप वाकई दिल से करना चाहते हैं, वही चुनें।

2. अगर आप आइडियाज के साथ स्ट्रगल कर रहे हैं तो देखें कि अभी क्या लोकप्रिय है और उस हिसाब से अपने काम को प्रेरित करें।ट्रेंड्स क्या है इसका ध्यान रखें।

3. जरूरी नहीं कि फेसबुक या ट्विटर के लिए बनाया वीडियो यूट्यूब के हिसाब से अलग हो सकता है। या यूं कहें कि एकप्लेटफाॅर्म पर जो काम कर गया हो, वह दूसरे पर भी करेंगा। इसलिए सही प्लेटफाॅर्म का चयन करें।

4. अगर आप अपना काम प्रमोट कर रहे हैं तो टैग करना न भूलें। ऐसे टैग यूज करें जो कि आपके लिए कारगर साबित हो।

5. जरूरी नहीं है कि आप जो कर रहे हों, उसे हर कोई पसंद करें, इसलिए निगेटिव फीडबैक पर फोकस न करें। हालांकि यूट्यूब औरइंस्टाग्राम जैसे प्लेटफाॅर्म आपको नकारात्मक शब्दों को ब्लाॅक करने की अनुमति देचा है। आप कुछ शब्द या कमेंट्स बैन कर सकतेहैं।

6. एक बार आपको फाॅलोअर्स मिलने लगते हैं तो उनके साथ जुड़कर आपका चैनल आगे बढ़ेगा। आपको आपके आॅडियंस के साथसंपर्क में रहना चाहिए।

7. कोई भी रातोंरात सोशल मीडिया स्टार नहीं बन जाता है। असफल होने से मत डरिए। चीजें मन मुताबिक न हों तो उस पर विचारकीजिए और उसमें सुधार करें।

8. यूट्यूब पर चैनल्स विज्ञापनों के जरिए पैसा कमाते हैं लेकिन ब्रांड और स्पांसरशिप डील्स बड़ा पैसा लाती है। इसके जरिएकाफी पैसा कमाया जा सकता है इसलिए आपका कंटेंट इंटरेस्टिंग होना चाहिए।

एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के लिए सफल होने का क्या मतलब होता है? इंस्टाग्राम और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म्स परलाखों की तादाद में सब्सक्राइबर्स एक दिन में नहीं आते हैं. इसमें लंबा वक्त लगता है. वहीं बहुत से लोगों को लगता है कि इनप्लेटफॉर्म्स पर मौजूद हर शख्स लाखों में कमा रहा है. उसकी जिंदगी ऐशो आराम में गुजर रही है. क्या ये नई मायानगरी वास्तव मेंऐसी है, जैसा लोग सोचते हैं? इसका सबसे आसान तरीका है, उन लोगों से बात करना जो इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

उन्होंने बताया, ‘मैंने अपने दोस्तों, परिवार और परिचितों के लिए टेक्नोलॉजी को आसानी से समझाने वाले YouTube Videos बनाने से शुरुआती की थी. इन वीडियोज को बनाते हुए मैंने हमेशा कंटेंट को बेहतर करना जारी रखा. मेरे चैनल टेक बर्नर कीसफलता मेरी टीम और ऑडियंस की वजह से है. मेरा मानना है कि निरंतरता, रिलेटेबिलिटी और ऑथेंटिसिटी की वजह से ही मेरेवीडियोज लोगों ने पसंद किए.’

अपने शुरुआती दिनों पर बात करते हुए श्लोक बताते हैं, ‘कॉलेज के दिनों में मैं अपने पिता का ऑफिस लैपटॉप वीडियोज बनानेके लिए यूज करता था. मैंने वक्त से साथ सीखा कि कैमरे के सामने कैसे बोले और फिर टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी को सिंपलऔर एंटरटेनमेंट वाले ढंग से पेश करना शुरू किया. शुरुआती 4 साल में मेरे फॉलोओवर्स की संख्या सिर्फ 5 हजार ही पहुंच पाईथी और आज 5 करोड़ तक व्यूज हर महीने आते हैं. इन सब में वक्त लगा. मगर शुरुआत से ही मैंने सीखना और वीडियोज बनानाजारी रखा.

अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए सलोनी गौर ने बताया, ‘मैं पहली बार अपने पैरेंट्स से दूर रह रही थी और ये मेरे लिएआसान नहीं था. कॉलेज में दोस्ती मेरे लिए थोड़ी मुश्किल रही और उसी दौरान मुझे सोशल मीडिया ऐप्स के बारे में पताचला.पहली बार स्मार्टफोन मिलने के बाद मैंने इन सब के बारे में जाना. कंटेंट क्रिएटर बनने की रहा मुझे मेरे भाई ने दिखाई. मैंनेफैसला किया कि मैं अपने जोक्स को सिर्फ दोस्तों से ही नहीं बल्कि इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाकर भी शेयर करूंगी. मुजे याद हैकि हमारे हॉस्टल में सिर्फ एक टीवी होता था और बच्चों में अपने पसंद का चैनल देखने के लड़ाई तक होती थी. ऐसे में हमारे पासएंटरटेनमेंट का कोई दूसरा तरीका नहीं था.इसलिए मैंने सोचा कि कुछ अपना क्यों ना शुरू किया जाए.’

सलोनी बताती है कि शुरुआत में उनका इस सेक्टर में कोई प्लान नहीं था, वो बस अपना पैशन फॉलो कर रही थीं. उन्होंने हिम्मतदिखाते हुए अपने अकाउंट को पब्लिक किया और साल 2019 में उनका एक वीडियो वायरल हो गया. यहां से उनके पैशन सेकमाई की शुरुआत हुई. किसी भी प्लेटफॉर्म पर पैसे आना इतना आसान नहीं होता है. 

सलोनी ने इस बारे में बताया, ‘इंस्टाग्राम के लिए कंटेंट क्रिएट करने के बारे में मैंने बहुत ज्यादा प्लान नहीं किया था. बल्कि इधरभी करियर बन सकता है मुझे इस बारे में भी जानकारी नहीं थी. मैंने अपना पहला वीडियो साल 2017 में बनाया. तब तक मुझेलगता था कि सिर्फ YouTube Videos ही मॉनेटाइज होते हैं.’ उन्होंने बताया कि पहली कमाई इंस्टाग्राम एडवरटाइजमेंट से हुईथी. इसके बाद ब्रांड्स कोलैबोरेशन होने लगे और धीरे-धीरे इनकम बढ़ती गई. YouTube पर महेश केशवाला का अकाउंट भीकाफी चर्चित है. Thugesh के नाम से उनका YouTube चैनल है, जिस पर 4 मिलियन (40 लाख) से ज्यादा फॉलोअर हैं. 

अपने सफर के बारे में महेश बताते हैं, ‘साल 2015-16 में मैं भुवन बाम के वीडियोज देखा करता था.’ यहां से ही उन्हें अपने सफरको शुरू करने की प्रेरणा मिली और फिर उन्होंने अपना चैनल बनाया. मगर शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही. उन्होंने शुरुआत में बहुतकुछ ट्राई किया. मीम्स हो या फिर टॉप 10 प्लेस टू विजिट उन्होंने कई तरह के कंटेंट बनाए. घरवालों का बताना भी मुश्किल थाकि वो YouTube पर क्या कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने वीडियो बनाना जारी रखा.

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JEE मेंस के लिए रजिस्ट्रेशन हुए बंद, एनटीए की वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों का करना होगा कड़ाई से पालन

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डिजिटल भारत I जेईई मेंस के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जो छात्र परीक्षा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, उन्हें अब इन परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड का इंतजार है। जानकारी के मुताबिक यह एडमिट कार्ड अगले सप्ताह जारी किए जाएंगे। यह परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित करवाई जा रही हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक जेईई मेंस, परीक्षा केंद्रों में छात्रों को एडमिट कार्ड के साथ साथ अपनी मान्य फोटो आईडी भी लेकर आना होगा। ऐसे छात्र जो मान्य फोटो आईडी के बिना परीक्षा केंद्रों पर पहुंचेंगे उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।

24 जनवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं

गौरतलब है कि जेईई (मेंस) की परीक्षाएं इस माह जनवरी 24, 25, 27, 28, 29, 30 और 31 तारीख को आयोजित की जा रही हैं। सत्र 2023-24 के लिए जेईई (मेंस) दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा। पहले सत्र की परीक्षाएं जनवरी और दूसरे सत्र की परीक्षाएं अप्रैल में आयोजित की जाएंगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक जल्दी ही सभी छात्रों को परीक्षा के केंद्र संबंधित शहरों की जानकारी दे दी जाएगी और जनवरी के तीसरे सप्ताह में छात्र अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे।

शिक्षा मंत्रालय ने किया है अहम बदलाव

आईआईटी जैसे प्रसिद्ध इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली जेईई परीक्षा की पात्रता को लेकर पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक अहम बदलाव किया गया था। इस बदलाव के मुताबिक किसी भी शैक्षणिक बोर्ड के टॉप 20 परसेंटाइल वाले छात्र जेईई की परीक्षा दे सकेंगे। अभी तक कम से कम 75 परसेंट अंक हासिल करने वाले छात्र ही इन परीक्षाओं में शामिल हो सकते थे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व यह परीक्षाएं आयोजित करवाने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक अभी तक जेईई परीक्षाओं में शामिल होने का क्राइटेरिया 12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंक प्राप्त करना था। हालांकि पात्रता की शर्तों में किए गए बदलाव के बाद 12वीं कक्षा में सीबीएसई व राज्य बोर्ड के टॉप 20 पर्सेंटाइल में शामिल सभी छात्र जेईई की परीक्षा दे सकते हैं। एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए यह कट-ऑफ 65 फीसदी है।

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इंडिया अलर्ट- कोरोना बढ़ने लगी टेंसन पीएम मोदी आज करेंगे हाईलेवल मीटिंग, एक्शन में सीएम योगी-अरविंद केजरीवाल

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चीन के बाद जापान-अमेरिका में भी फूटा कोरोना बम, 24 घंटे में 5.37 लाख नए मरीज

Corona BF.7 Variant: भारत में कोरोना के नए वेरिएंट BF.7 की पुष्टि हो गई है. गुजरात और ओडिशा में नए मामले सामने आए हैं. हालांकि अच्छी खबर ये है कि ये तीनों मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है. इन मामलों के बाद भारत सरकार अलर्ट मोड पर है और टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दे रही है. पीएम नरेंद्र मोदी आज कोविड की स्थिति की समीक्षा करेंगे.

दिल्ली और यूपी सरकार ने भी आज कोरोना के नए वेरिएंट पर चर्चा करने के लिए हाइलेवल मीटिंग बुलाई गई है. नए वेरिएंट से बचाव पर डॉ वीके पॉल ने मास्क के इस्तेमाल और बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दी है. कोरोना को लेकर भारत के एयरपोर्ट पर भी रैंडिम चेकिंग की जा रही है.

भारत में 10 अलग वेरिएंट मौजूद

देश में फिलहाल कोरोना के 10 अलग-अलग वेरिएंट मौजूद हैं. इसमें सबसे ताजा वेरिएंट BF 7 है. देश में अभी भी सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट के कुछ केस मिल जाते हैं. भारत में ज्यादातर लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है और कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी भी बड़ी आबादी में मौजूद है. ऐसे में चीन की तरह डरने की ज़रूरत तो नहीं लेकिन सरकार सतर्क हो गई है. अभी कोविड गाइडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए ये निर्देश

•             सर्दी और फ्लू की जांच करवाएं

•             बूस्टर डोज़ की खुराक लें

•             सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें

•             भीड़ में मास्क का इस्तेमाल करें

अब कोरोना पर हर हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय की समीक्षा बैठक होगी. इसके अलावा देश में बाहर से आने वाले यात्रियों की भी रैंडम जांच शुरू की गई है. लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है.

चीन में कोरोना के तेज रफ्तार से फैलने की वजह कोरोना का नया वेरिएंट BF.7 है. आपको बताते हैं ये कितना ख़तरनाक है.

•             वेरिएंट BF.7 ओमिक्रॉन वेरिएंट से निकला है और ये ओमिक्रॉन का सबसे ताकतवार वेरिएंट है

•             वेरिएंट BF.7 बहुत जल्दी एक इंसान से दूसरे इंसान में ट्रांसफर होता है

•             संक्रमित होने के बाद इसके लक्षण भी तुरंत सामने आते हैं 

•             वेरिएंट BF.7  में 1 मरीज़ से 16 लोगों को संक्रमित करने की क्षमता है

•             वेरिएंट BF.7 कमज़ोर इम्युनिटी वालों पर घातक साबित होता है…इसलिए चीन में बुजुर्ग सबसे ज्यादा इंफेक्टेड हैं

•             वेरिएंट BF.7 इतना ताकतवर है कि चीन में फुली वैक्सीनेटेड लोगों को भी ये संक्रमित कर रहा है

चीन के बाद जापान-अमेरिका में भी फूटा कोरोना बम, 24 घंटे में 5.37 लाख नए मरीज

चीन ही नहीं दुनियाभर में कोरोना के केस तेजी से बढ़ने लगे हैं. पिछले 24 घंटे में दुनियाभर में 5.37 लाख केस सामने आए हैं. वहीं 1396 लोगों की जान इस दौरान गई है. पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा केस जापान में मिले हैं. इतना ही नहीं अमेरिका में भी 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. उधर, चीन में कोरोना से तबाही जारी है. यहां न सिर्फ तेजी से केस बढ़ रहे हैं, बल्कि महामारी से लोगों की जान भी जा रही है.

हालत ये हो गए हैं कि अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए जगह नहीं बची है. यह बात वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी मानी है. WHO ने कहा कि कोरोना की मौजूदा लहर के चलते चीन में अस्पताल भर गए हैं. चीन के अलावा अमेरिका, जापान समेत दुनिया के तमाम देशों में भी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में भारत सरकार के साथ साथ राज्य भी अलर्ट पर आ गए हैं. आईए जानते हैं कोरोना के 10 बड़े अपडेट्स-

1- 24 घंटे में दुनियाभर में कितने केस मिले?

कोरोना के आंकड़ों पर नजर रखने वाली संस्था worldometer के मुताबिक, दुनियाभर में पिछले 24 घंटे में 5.37 लाख केस सामने आए हैं. वहीं 1396 लोगों की मौत महामारी से हुई है. अब तक दुनियाभर में कोरोना के 659497698 केस मिल चुके हैं. वहीं 20 करोड़ एक्टिव केस हैं.

2- जापान में सबसे ज्यादा केस मिले

जापान में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2.06 लाख केस मिले हैं. वहीं, 296 लोगों की मौत हुई है. अमेरिका में भी 50 हजार से ज्यादा केस मिले हैं. जबकि 323 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इसके अलावा दक्षिण कोरिया में 88,172, फ्रांस में 54,613 और ब्राजील में 44415 केस मिले हैं. जबकि ब्राजील में महामारी से 197 लोगों की मौत हुई है.

3- भारत में कितने केस मिले?

भारत में पिछले 24 घंटे में 145 केस मिले हैं. हालांकि, इस दौरान किसी की जान नहीं गई है. अब तक देश में 44,677,594 केस मिल चुके हैं. वहीं, 5.3 लाख लोग अब तक महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं. देश में एक्टिव केस सिर्फ 4672 हैं.

4- चीन में कितने केस मिले?

चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में बुधवार को 3,030 केस मिले हैं. जबकि किसी की जान नहीं गई है. इससे पहले मंगलवार को कोरोना से चीन में 5 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, चीन से जो वीडियो और तस्वीरें सामने आ रही हैं, वे कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं. इतना ही नहीं WHO ने भी माना है कि चीन में मौजूदा लहर के चलते अस्पताल भर गए हैं.

दुनिया भर में कोरोना से जुड़े अपडेट्स

कोरोना वर्ल्ड स्पीडोमीटर के आंकड़ों का मानें तो अमेरिका में बीते 24 घंटे में 326, फ्रांस में 127, ब्राजील में 197, साउथ कोरिया में 59, जापान में 296, रूस में 59 मौतें दर्ज की गई हैं. ये आंकड़ा आठ बजे तक का है।

अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील, साउथ कोरिया और जापान में ज्यादा मौतें हो रही हैं. ऐसा लग रहा है कि चीन से बढ़कर वायरस यूरोप के कई देशों तक पहुंच गया है।

जर्मनी ने बुधवार को बर्लिन से बायोएनटेक कोविड वैक्सीन की पहली खेप चीन भेजी है। ये वैक्सनी पहले चीन में रह रहे 20 हजार जर्मन प्रवासियों को लगाई जाएगी।

अब जापान, दक्षिण कोरिया और फ्रांस में कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। Worldometers.info के डेटा के मुताबिक, इन देशों में मरीजों की संख्या 10 लाख 65 हजार, 4 लाख 61 हजार और 3 लाख 58 हजार है।

एक हफ्ते में दुनिया में कोरोना के 34 लाख 84 हजार मामले सामने आए हैं। 9 हजार 928 लोगों की मौत हुई है। भारत में 7 दिन में 1,081 मामले सामने आए हैं।

एक हफ्ते में दुनिया में कोरोना के 34 लाख 84 हजार मामले सामने आए हैं। 9 हजार 928 लोगों की मौत हुई है। भारत में 7 दिन में 1,081 मामले सामने आए हैं।

कोरोना के अंत की घोषणा करना होगी जल्दबाजी

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का कहना है कि कोरोना के वैश्विक अंत की घोषणा करना फिलहाल जल्दबाजी होगी। यानी कोरोना अब भी ग्लोबल इमरजेंसी बना रहेगा। WHO ने ये बात चीन में लॉकडाउन हटने के बाद बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए कही है।

चीन से कोविड डेटा भी मांगा

15 दिसंबर को WHO के चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने कहा था कि 2023 में कोरोना ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं रहेगा। उन्होंने कहा था- हम उम्मीद करते हैं कि अगले साल हम ये कह सकें की कोरोना का खतरा कम हो गया है और ये हेल्थ इमरजेंसी नहीं है।

उन्होंने चीन से कोरोना वायरस को लेकर डेटा शेयर करने के लिए भी कहा था। WHO ने एक बयान में कहा- कोरोना को बेहतर ढंग से समझने के लिए और इसके ओरिजन से जुड़ी जानकारी के लिए चीन से डेटा मांगा गया है। चीन के वुहान में ही कोरोना का पहला मामला सामने आया था।

चीन में 7 दिन में 15 हजार 548 केस और 7 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स को आशंका है कि सही आंकड़ा छुपाया जा रहा है। मरीजों की संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है।

चीन में 7 दिन में 15 हजार 548 केस और 7 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स को आशंका है कि सही आंकड़ा छुपाया जा रहा है। मरीजों की संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है।

फ्रांस में हालात बिगड़े, एक दिन में 57 हजार मामले मिले

फ्रांस में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 16 दिसंबर को यहां 57,849 मामले सामने आए थे। सरकार लोगों से मास्क लगाने की अपील कर रही है। लोगों को बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दी जा रही है। इधर, साउथ कोरिया में 20 दिसंबर को 87,759 मामले सामने आए थे। 56 लोगों की मौत हुई थी।

अमेरिका में नया खतरा

अमेरिका में भी एक बार फिर कोविड केस बढ़ने लगे हैं। बुधवार को कुल संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार हो गया। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक स्पेशल रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन के लिए सबसे बड़ी फिक्र बुजुर्गों का वैक्सीनेशन है।

रिपोर्ट के मुताबिक- 65 साल या इससे ज्यादा उम्र के 94% सीनियर सिटिजन्स ने शुरुआती दो वैक्सीन डोज लिए हैं। चिंता की बात यह है कि 36% बुजुर्ग ऐसे हैं जिन्होंने बूस्टर शॉट नहीं लगवाए और नई लहर में इन्हें खतरा माना जा रहा है। मेडिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सरकार के पास इस दिक्कत से निपटने का कोई पुख्ता प्लान भी नहीं है। दिक्कत इसलिए भी है क्योंकि 70 साल या इससे ज्यादा उम्र के अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों का आंकड़ा कम उम्र के लोगों से चार गुना ज्यादा रहा है।

चीन अनलॉक पर उतारू, कामगारों से कह रहा- संक्रमित हो तो भी काम पर लौटो

चीन में कोरोना संक्रमण जिस तरह से तांडव मचा रहा है और हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। इन हालातों में भी शी जिनपिंग चीन में लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं हैं। देश को अनलॉक करने के लिए चीन 3 साल पुरानी जीरो कोविड नीति को भी छोड़ चुका है। अलग-अलग माध्यमों से लोगों को यह समझा रहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट खतरनाक नहीं है। यह मौसमी फ्लू जैसा ही है। देश के सबसे प्रभावशाली महामारी विज्ञानी झोंग नानशान ने तो हाल ही में यह तक कह दिया कि ओमिक्रॉन वायरस जुकाम से ज्यादा कुछ नहीं है।

अधिकारियों का मानना है कि वायरस भले ही फैले लेकिन अर्थव्यवस्था की गति बनी रहनी चाहिए। मैन्यूफैक्चरिंग और फैक्ट्रियों में उत्पादन नहीं थमना चाहिए। इसी नीति के तहत शहरों में कामगारों से कहा जा रहा है कि भले ही वे संक्रमित हों, उन्हें काम पर लौटना चाहिए। अधिकारियों ने पश्चिमी महानगर चोंगकिंग में सरकारी कर्मचारियों से कहा है कि अगर वे गैर लक्षणों वाले कोरोना से संक्रमित हैं, तो उन्हें काम पर आना होगा। उधर पूर्वी तट पर मैन्यूफैक्चरिंग हब जेझियांग में अधिकारी ने कहा कि संक्रमित होने के बावजूद लोगों को काम करना चाहिए।

चीन में ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट ने बढ़ाया खतरा

चीन में ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट BF.7 फैल रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वैरिएंट है। BF.7 वैरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में एक खास म्यूटेशन से बना है जिसका नाम है R346T। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसी म्यूटेशन की वजह से इस वैरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता।

आसान शब्दों में कहें तो अगर किसी शख्स को पहले कोरोना हो चुका है या उसने वैक्सीन लगवाई है, तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। BF.7 वैरिएंट इस एंटीबॉडी को भी चकमा देकर शरीर में घुसने में सक्षम है।

इन चीजों का भी जरूर रखें ध्यान- सरकार ने भी जारी की है एडवाइजरी
Coronavirus Alert: कोरोना से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को जरूरी बताया गया है. इसके लिए दो गज की दूरी बनाने की बात कही गई थी. जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके.
कोरोना मामले कम होने पर हटाई गई थी पाबंदियां
भारत में कोरोना ने पहली और दूसरी लहर में जमकर तबाही मचाई, सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और अस्पतालों की व्यवस्था भी चरमरा गई. हालांकि इसके बाद हालात सुधरते गए और लगातार मामलों में कमी देखी गई. मामले कम होने के साथ ही कोरोना पाबंदियों में भी ढील शुरू हो गई. आखिरकार 1 अप्रैल 2022 से तमाम तरह की पाबंदियां हटा दी गईं.

अगर आप किसी से मिलते हैं तो बिना फिजिकल टच यानी बिना हाथ मिलाए या गले मिले उसे ग्रीट कीजिए. इसके लिए आप हाथ जोड़कर नमस्कार कर सकते हैं.
कोरोना से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को जरूरी बताया गया है. इसके लिए दो गज की दूरी बनाने की बात कही गई थी. जिससे कोरोना को फैलने से रोका जा सके.
सरकार की तरफ से लोगों को सलाह दी गई है कि हाथ से बने रीयूजेबल फेस मास्क का इस्तेमाल करें. खासतौर पर भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क जरूर पहनें.
अगर आप बाहर हैं तो अपने हाथों से अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें. इसके लिए आप पहले हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं. हाथों को लगातार धोते रहें.
सरकार की तरफ से कोरोना से बचाव के लिए खुले में थूकने से बचने की भी सलाह दी गई है. इससे कोरोना फैलने का खतरा ज्यादा बना रहता है.
कोरोना से बचाव के लिए बहुत जरूरी होने पर ही ट्रैवल करने की सलाह दी गई है. साथ ही कहा गया है कि भीड़भाड़ वाली जगह का हिस्सा न बनें, यानी भीड़ से खुद को अलग रखें.
सोशल मीडिया पर कोई भी ऐसा पोस्ट न डालें जिससे नेगेटिव जानकारी या डर फैलने का खतरा हो. कोरोना को लेकर कोई भी जानकारी लेनी हो तो उसके लिए क्रेडिबल सोर्स का इस्तेमाल करें.

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मध्य प्रदेश में हुक्का बार पर लगेगा प्रतिबंध, 13 दिसंबर को कैबिनेट में आएगा बिल, जानिए क्या है शिवराज सरकार का प्लान

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प्रदेश मध्य प्रदेश में हुक्का बार पर लगेगा प्रतिबंध, 13 दिसंबर को कैबिनेट में आएगा बिल, जानिए क्या है शिवराज सरकार का प्लानमें हुक्का बार का संचालन प्रतिबंधित करने के लिए सरकार ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के प्रविधानों का अध्ययन करके अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया है। गृह विभाग ने प्रस्तावित किया है कि कोई भी हुक्का बार का संचालन नहीं करेगा।

मध्‍य प्रदेश में हुक्का बार का संचालन प्रतिबंधित करने के लिए सरकार ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के प्रविधानों का अध्ययन करके अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया है

अभी हुक्का बार को बंद करने संबंधी कोई स्पष्ट प्रविधान नहीं है। पुलिस कार्रवाई होने पर हुक्का बार संचालक न्यायालय चले जाते हैं और उन्हें स्थगन भी मिल जाता है। गृह विभाग ने प्रस्तावित किया है कि कोई भी हुक्का बार का संचालन नहीं करेगा। इसका उल्लंघन किए जाने पर तीन वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया जाएगा। किसी भी स्थिति में कारावास की सजा एक साल से कम औैर अर्थदंड पचास हजार रुपये से कम नहीं होगा। पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को हुक्का बार की सामग्री या वस्तु की जब्ती करने का अधिकार होगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि विधानसभा में प्रस्तुत करने से पूर्व इसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।

नशा और आपराधिक गतिविधियों के केंद्र बन गए हुक्का बार चलाना प्रदेश में प्रतिबंधित होगा। सरकार सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 में हुक्का बार लाउंज को प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में संशोधन विधेयक 2022 लाएगी। इसे विधानसभा में प्रस्तुत करने से पहले राष्ट्रपति की अनुमति के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

प्रदेश में चल रहे 200 से ज्यादा हुक्का बार जल्द ही बंद होंगे. शिवराज सरकार 13 दिसंबर को अगली कैबिनेट मीटिंग में हुक्का बार बंद करने का बिल ला रही है, जिसे मंजूरी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को मध्य प्रदेश में लागू किया जाएगा. दरअसल, इस बिल के लागू होते ही राज्य में चल रहे हुक्का बार पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी. बिल पास होने के बाद मध्य प्रदेश में चल रहे हुक्का बार के खिलाफ शिकायत आने पर बिना किसी वारंट के पुलिस गिरफ्तार करेके तुरंत कार्रवाई करेगी

इसमें कार्रवाई का अधिकार पुलिस सब इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के अधिकारी को दिया गया है. शिकायत मिलने पर वे तुरंत हुक्का बार जाकर सामान जब्त करेंगे और शिकायत दर्ज करेंगे. इससे पहले गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुक्बाका बार बंद करने का प्दरावधान है. अब मध्य प्रदेश पांचवां राज्य होगा, जहां हुक्का बार बंद करने का प्रावधान लागू होगा. मध्य प्रदेश सरकार भी दूसरे राज्यों की तरह केंद्र के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद के विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन अधिनियम-2003 में संशोधन करके हुक्का बार बिल ला रही है.

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डिजिटल भारत l शनिवार अवकाश के दिन भी करदाताओं की सुविधा के लिए खुले रहेगें नगर निगम के सभी कैश काउंटर

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सभी राजस्व अमला वसूली और बिल वितरण का कार्य करेगें

31 दिसम्बर के बाद करों पर लगेगा 7 प्रतिशत अधिभार

अधिभार से बचने 31 दिसम्बर के पूर्व बकाया करों की राशि जमा करने करदाताओं से निगमायुक्त ने की अपील l

जबलपुर। करदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के द्वारा अवकाश दिवस शनिवार को भी नगर निगम के सभी संभागीय कार्यालयों एवं मुख्यालय के कैश काउंटर खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए निगमायुक्त श्री वशिष्ठ ने उपायुक्त पी.एन. सनखेरे को निर्देश दिये हैं। उपायुक्त श्री सनखेरे ने जानकारी दी है कि समस्त करदाता अपना सम्पत्ति कर, जलशुल्क एवं अन्य कर 31 दिसम्बर तक जमा करें। 31 दिसम्बर के पश्चात करों की राशि जमा करने पर 7 प्रतिशत का अधिकभार लगेगा। उन्होंने कहा कि करदाताओं की सुविधा के लिए दिसम्बर माह में सभी शनिवार अवकाश दिवस में भी सभी कैश काउंटर खुले रहेगें।
उपायुक्त राजस्व ने बताया कि करदाताओं को फोन व मैसेज कर शनिवार अवकाश में भी कैश काउंटर खुले होने की सूचना से अवगत कराया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक नागरिक टैक्स जमा कर सकें। उन्होंने बताया कि मैदानी अमले को निर्देश दिये गए हैं कि वे जितने भी करदाताओं को जानते हैं, उनसे सम्पर्क कर टैक्स जमा करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि बहुत से करदाता समय के आभाव के कारण कैश काउंटर्स तक नहीं पहुॅंच पाते और ऐसे में उनकी सहूलियत को ध्यान में रखकर समय-समय पर अवकाश के दिन काउंटर खोला जाता है। इसी कड़ी में दिसम्बर माह के सभी शनिवार अवकाश के दिन करदाताओं की सहूलियत के लिए कैश काउंटर खोले रखने का निर्णय लिया गया है, ताकि करदाता आसानी से अपना टैक्स जमा कर सकेगें। इसलिए नगर निगम के निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने सभी करदाताओं एवं सभी शासकीय विभागों एवं संस्थाओं के प्रमुखों से भी अपील की है कि दिसम्बर माह में सभी शनिवार अवकाश के दिन निगम प्रशासन द्वारा प्रदत सुविधा का लाभ उठाकर समस्त बकाया कारों की राशि का भुगतान करें।

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