दिल्ली / मुम्बई – आम आदमी पार्टी के नेता-सांसद राघव चड्ढा और बॉलीवुड ऐक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा आज यानी शनिवार को दिल्ली में सगाई करने जा रहे हैं। यह कार्यक्रम दिल्ली के कपूरथला हाउस में आयोजित होने जा रहा है। रिंग सेरेमनी के लिए परिणीति की बहन प्रियंका चोपड़ा भी दिल्ली पहुंच चुकी हैं। हालांकि प्रियंका के पति निक जोनस नहीं आ रहे हैं।
दिल्ली में बॉलीवुड थीम पर रखी गई इस पार्टी में राघव चड्ढा डिजाइनर पवन सचदेवा की डिजाइन की गई अचकन पहनेंगे, वहीं परिणीति चोपड़ा बॉलीवुड स्टार्स के डिजाइनर मनीष मल्होत्रा की डिजाइनर ड्रेस में दिखेंगीं। इस पार्टी में पंजाब और दिल्ली के आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता दिखेंगे, वहीं बॉलीवुड के कई सेलिब्रिटीज के भी पार्टी में पहुंचने की संभावना है।
बीते दिनों कई मौकों पर साथ दिखे हैं दोनों हाल ही में इस कपल को डिनर डेट पर देखा गया था। दोनों एक रेस्टोरेंट से निकलते हुए स्पॉट किए गए थे। परिणीति जहां ब्लैक आउटफिट में दिखी थीं, वहीं राघव ब्लैक पैंट और कैजुअल शर्ट में नजर आए थे। इसके बाद ही दोनों के बीच चुपके से शादी किए जाने की अफवाहें शुरू हो गई थीं, लेकिन परिणीति ने इसे नकार दिया था।
इसके बाद दोनों कभी लंदन तो कभी मुंबई में एक-दूसरे के साथ दिखे। दोनों मोहाली में पंजाब और मुंबई के बीच IPL मैच भी देखने पहुंचे थे।
कुछ ऐसा रहने वाला है पार्टी शेड्यूल जानकारी के मुताबिक कार्यक्रम की शुरुआत शाम तकरीबन 5 बजे से होगी। सबसे पहले सुखमनी साहिब का पाठ किया जाएगा। इसके बाद अरदास और फिर सगाई होगी। डिनर का कार्यक्रम भी रखा गया है। परिवार और क्लोज फ्रेंड्स मिलाकर करीब 150 लोगों को न्योता दिया गया है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हैं।
चमकीला फिल्म में नजर आएंगीं परिणीति – राघव चड्ढा एक जाना-माना नाम हैं। वहीं परिणीति चोपड़ा बॉलीवुड में कई हिट फिल्में दे चुकी हैं। फिलहाल वे इम्तियाज अली की निर्देशित ‘चमकीला’ में दिलजीत दोसांझ के साथ स्क्रीन साझा करती नजर आएंगीं। बताया जा रहा है कि यह फिल्म पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला से प्रेरित है।
दिल्ली –सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला देते हुए ये तय कर दिया कि दिल्ली में सर्वेसर्वा चुनी हुई सरकार ही है. इस फैसले के आने के बाद आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की सरकार में जश्न का माहौल है, लेकिन इसी बीच नौकरशाही अमले में खलबली सी मची हुई है.
मुम्बई -इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में शुक्रवार रात को मुंबई इंडियंस (MI) ने डिफेंडिंग चैंपियन गुजरात टाइंटस (GT) को 27 रन से हरा दिया। सूर्यकुमार यादव ने पहली पारी की आखिरी बॉल पर छक्का लगाकर टूर्नामेंट में अपना पहला शतक पूरा किया।
सूर्या के शतक पर गुजरात के कप्तान हार्दिक पंड्या ने उन्हें गले लगाया, वहीं विराट कोहली ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सूर्या की तारीफ की। विष्णु विनोद के एक शॉट पर सचिन तेंदुलकर ने तालियां बजाईं और मुंबई के 2 गेंदबाजों ने पहली-पहली गेंद पर विकेट लिए। मैच के ऐसे ही टॉप मोमेंट्स और उनका मैच पर इम्पैक्ट इस खबर में हम जानेंगे।
सूर्या ने लास्ट बॉल पर छक्का लगाकर पूरा किया शतक – मुंबई के सूर्यकुमार यादव ने पहली पारी में 49 गेंदों पर 103 रन की नॉटआउट पारी खेली। उन्होंने पहली पारी के 20वें ओवर में अल्जारी जोसेफ की फुलर लेंथ बॉल को स्वीप कर स्क्वेयर लेग की दिशा में छक्का लगाकर अपना शतक पूरा किया। यह पारी की आखिरी गेंद थी। शतकीय पारी में सूर्या ने 11 चौके और 6 छक्के लगाए। सूर्या का यह IPL इतिहास का हाईएस्ट स्कोर है। उन्होंने तीन दिन के अंदर ही अपना रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पहले 9 मई को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ 35 गेंदों पर 83 रन की पारी खेल का IPL में अपना बेस्ट स्कोर बनाया था। सूर्या इस IPL सीजन में शतक लगाने वाले चौथे बैटर बने। उनका यह IPL करियर में पहला शतक है। वे टी-20 इंटरनेशनल में भारत के लिए 3 शतक लगा चुके हैं।
इम्पैक्ट: सूर्यकुमार के शतक से मुंबई ने 20 ओवर में 218 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह मुंबई का इस सीजन बेस्ट स्कोर है।
डिजिटल भारत । वैदिक परिवार मंडला द्वारा सन 2016 से लगातार प्रतिवर्ष विशाल होलिका दहन समारोह एवं संगीत निशा का आयोजन किया जा रहा है बीच में कोरोना काल के 2 वर्षों को यदि छोड़ दें तो बाकी सभी वर्षों में संगीत निशा का आयोजन भी लगातार जारी है। वैदिक परिवार मंडला का मुख्य उद्देश हमारे बच्चों को हमारे संस्कारों से जोड़ना था साथ ही होलिका दहन को लेकर जो भ्रांतियां प्रचलित थी उन्हें दूर करना भी समिति ने एक लक्ष्य बना लिया है। वैदिक परिवार द्वारा किए जा रहे इस होलिका दहन में दहन पूर्णतः गोबर के उपलों (कंडो) द्वारा किया जाता है। इस दहन में लगभग 3000 से 5000 उपलों का उपयोग किया जाता है। वैदिक परिवार मण्डला के इस आयोजन ने 8वे वर्ष में सफलता पूर्वक प्रवेश कर लिया है, जिसमे शहरवासियों का विशेष सहयोग रहता है ।
वैदिक परिवार मंडला द्वारा होलिका दहन का आयोजन प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी किया गया जिसमे विशाल होलिका दहन समारोह अग्रसेन चोक तहसील तिराहा में आयोजित किया गया। 5 मार्च को साम 7 बजे होलिका मूर्ति की स्थापना की गयी। 6 मार्च को रात्रि 7 बजकर 30 मिनट से संगीत निशा का आयोजन किया गया, जिसमे धार्मिक, देशभक्ति एवं होली के गीतों ने समा बाँध दिया । आयोजन के दौरान बाहर से आये हुए कलाकारो द्वारा भक्तिमय झाँकिया भी प्रस्तुत की गयी। 6 मार्च को रात्री 8 बजकर 45 मिनट पर होलिका दहन किया गया। होलिका दहन गोबर के कंडो से किया गया। आयोजन समिति का मुख्य उद्देश हमारी वैदिक परम्पराओ को जीवित रखना है, इस आयोजन में होलिका दहन पूर्णत वैदिक रीती रिवाजों से किया जाता है, रात्रि 8 बजकर 45 पर पंडित द्वारा वैदिक मन्त्र उच्चारण, पूजन प्रसाद अर्पण कर होलिका दहन कराया गया। इस बीच शहर के नागरिको द्वारा अपनी सहभागिता दर्ज करायी गयी। होलिका दहन के दौरान जागरूकता सन्देश भी दिए गए। दहन में मुख्य रूप से गोबर के कन्डो, कपूर, इलायची, हवन सामग्री, देशी घी का उपयोग किया गया। 5000 कन्डो से होलिका दहन किया गया। यह दहन 8 बजकर 45 मिनट से प्रारंभ होकर रात्रि 10 बजकर 30 मिनट तक चला, जिसमे शहर के नागरिको ने दहन स्थल की परिक्रमा की साथ ही समिति द्वारा नज़र उतरने के सामग्री चोकर, लाल मिर्च की भी व्यवस्था की गयी थी। कार्यक्रम के दौरान नगरपालिका प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं यातायात विभाग का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ। आयोजन स्थल के चारो और विशेष पुलिस व्यवस्था दिखाई दी, आयोजक समिति वैदिक परिवार मंडला द्वारा आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी नगर वासियों का आभार प्रगट किया गया है।
भारत में होली ऐसा इकलौता त्यौहार है ,जिसका मूलमंत्र ही है कि -‘ बुरा न मानो ‘ और यकीन मानिये कि हम हिंदुस्तानी अक्सर ही होली मनाते हैं और किसी बात का बुरा नहीं मानते .होली मेल-मिलाप और रंगों का त्यौहार है. हमारे देश में जमकर होली खेली जाती है. आम आदमी से लेकर ख़ास आदमी तक होली के रंगों में सराबोर होना चाहता है. होली पर हमें सबसे ज्यादा याद अपने लालू प्रसाद यादव की आती है, न कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी की भारत में एक जमाना था जब होली खेलने वाले ख़ास आदमियों की लम्बी फेहरिस्त हुआ करती थी. धीरे-धीरे ये फेहरिस्त छोटी होती गयी और अब तो ये अदृश्य होती दिखाई दे रही है. लालू जी बीमार हैं, इसलिए शायद अब वे भी पहले की तरह होली न खेल पाएं .सुषमा स्वराज रहीं नहीं, अन्यथा वे होली पर नाचती-जाती नजर आतीं थी .होली पर राहुल गांधी विदेश में हैं और वहीं से हमारी लोकप्रिय सरकार पर कीचड़ उछाल रहे हैं. पूरी सरकारी पार्टी राहुल की इस हरकत से परेशान है, लेकिन चूंकि होली है इसलिए बुरा नहीं मान रही, होली पर अब पहले जैसा माहौल नहीं रहा, लेकिन रंग एकदम फीके भी नहीं हुए हैं, भले ही रसोईगैस के दाम फिर से बढ़ गए हैं. रसोई गैस के दाम बढ़ने से गुझिया,पपरिया ही तो नहीं बनेंगी ? भांग घोंटने से तो किसी ने मना नहीं किया. ठंडाई बनाइये,पीजिये,पिलाइये. अपनों को भी और गैरों को भी. होली पर अपना-पराया होतो ही कहाँ है ? होना भी नहीं चाहिए. होली आम आदमी का ही नहीं हमारी सरकारों का भी प्रिय शौक है . सरकार जब चाहे तब किसी के साथ भी होली खेल सकती है. सरकार का हर खेल ‘होली’ [पावन] होता है. इस बार सरकार ने दिल्ली से ही होली खेलने की शुरुवात की और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को होली खेलने जेल भेज दिया. अब उनके साथ जांच एजेंसियां होली खेल रहीं हैं. सत्येंद्र जैन तो पहले से जेल की होली का आनंद ले रहे हैं. जेल की होली का अलग ही आनंद है. जिन्होंने जेल की होली खेली है वे ही इसे समझ सकते हैं .जेल की होली हर किसी के नसीब में नहीं होती. ये तो उसे ही नसीब होती है जिसके ऊपर सरकार की कृपा हो.
आज से पचास साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कल के जनसंघ के नेताओं समेत पूरे विपक्ष को जेल की होली खेलने का मौक़ा दिया था, लेकिन आज की भाजपा कभी भी इंदिरा गांधी से इस होली का बदला नहीं ले पायी . खमियाजा इंदिरा गाँधी के पौत्र राहुल गांधी को भुगतना पड़ रहा है. राहुल यानी भाजपा के लिए ‘पप्पू’ लगातार सरकार के निशाने पर हैं. गनीमत है कि अभी जेल नहीं भेजे गए.कायदे से उन्हें केम्ब्रिज में होली खेलने के बजाय बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय में होली खेलना चाहिए थी. कोई बुरा नहीं मानता की उन्होंने वहां क्या कहा ? केम्ब्रिज में कहे का बुरा सभी मान रहे हैं .राहुल को समझना चाहिए औरों के मन की बात. होली पर अक्सर सरकारें फुहारें छोड़तीं हैं. हमारे सूबे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बहनों को होली गिफ्ट के तौर पर हजार रूपये महीने देने के लिए ‘लाड़ली बहना योजना’ बना डाली है .लाड़ली लक्ष्मी तो पहले से ही थी ही.देश भर में किसी ने बहनों को होली पर ऐसा उपहार दिया क्या ? ये भाजपा वाले ही कर सकते हैं. कांग्रेस वाले करें भी तो कैसे करें ,उनके पास तो ज्यादा सरकारें भी नहीं हैं .कांग्रेस की सरकारों में कांग्रेसी आपस में ही होली खेलते रहते हैं.जैसे राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट से और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल राजा साहब से हिमाचल में भी कमोवेश ये ही हालात हैं .वहां की जनता ने इस बार भाजपा के साथ होली खेली. होली पर मै अक्सर अपने माननीय प्रधानमंत्री जी की रंग-बिरंगी होली वाली तस्वीरें खोजता हूँ,किन्तु वे मिलती नहीं. शायद उन्हें चाय बेचने से कभी फुरसत मिली ही नहीं होली खेलने के लिए. वे होली खेलते भी तो आखिर किसके साथ? जशोदा बहन से तो उन्होंने पहले ही दूरी बना ली थी. इस बार तो वैसे भी उनके यहां होली ‘अनरहे ‘ की है. हमारे बुंदेलखंड में ऐसी होली पर उत्साह का प्रदर्शन नहीं किया जाता. बल्कि दिवंगत के प्रति श्रृद्धांजलि अर्पित की जाती है. केवल रंग डालने की औपचारिकता की जाती है . तमाम मुसीबतों के बावजूद जनता होली खेलने को आतुर रहती है. उसे फर्क नहीं पड़ता की देश में लोकतंत्र या स्वतंत्रता को खतरा है या नहीं ? जनता इन खतरों को पहचानती नहीं,ये खतरे तो केवल विपक्ष को नजर आते हैं ,इसीलिए विपक्षलागतार जनता को इन खतरों के प्रति आगाह करता रहता है. कांग्रेस ने तो होली से ठीक पहले रायपुर अधिवेशन में ‘ लोकतंत्र और आजादी’ के नवीनीकरण का नारा दिया है .कांग्रेस का ये नारा भी जनता की समझ में आएगा या नहीं, कहना कठिन है.
अखबार वाले हमेशा की तरह सूखी होली खेलने का राग अलापते हैं. अखबार वालों को गीली होली से पता नहीं क्या ‘अनुख’ [ एलर्जी ] है. अरे भाई होली भी अगर गीली नहीं होगी तो फिर क्या गीला होगा ? आम आदमी की जिंदगी में वैसे ही अब सब सूखा ही सूखा है. मै तो कहता हूँ कि हम हिन्दुस्तानियों को होली दोगुना ज्यादा उमंग के साथ मनाना चाहिए, क्योंकि हम लगातार ‘विश्व गुरु’ बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. हम विश्व के गुरु बनें या न बनें लेकिन ‘गुरुघंटाल’ तो बन ही सकते हैं. हमारे पास क्षमता है, जनसंख्या बल है. अकेले 80 करोड़ लोग तो अकेले सरकार की कृपा पर पल रहे हैं हमारे यहां. दुनिया में कोई और सरकार है जो ये सब कर सके ?
होली भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है इसलिए हमारे राष्ट्रीय नेताओं का ये नैतिक दायित्व बनता है कि वे लालू जी की तरह खुलकर जनता कि साथ होली खेलें. कंजूसी न करें. होली खेलने से ‘मन का मैल ‘ धुल जाता है. ‘ मन की बात ‘ करने में आसानी होती है. जिन्हें रेग्युलर ‘ मन की बात ‘ करना पड़ती है उनके लिए तो होली कि रंग रामबाण का काम करते हैं. होली पर मन को मारना नहीं चाहिए. मन का कहना भी नहीं टालना चाहिए. होली पर जिसका मन रंगों से खेलने का न होता हो तो समझ लीजिये कि वो दुनिया का सबसे ज्यादा नीरस आदमी है. बहरहाल आप सब खुलकर होली खेलिए. वास्तविक दुनिय में भी और आभासी दुनिया में भी. मेरी और से सभी को होली की ढेरों शुभकामनाएं और हार्दिक बधाइयां ।
भोपाल में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के शुभारंभ,
लाडली बहना आवेदन आय प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं
एमपी लाडली बहना योजना क्या है, ऑनलाइन आवेदन कैसे करें, पात्रता एवं लाभ देखें
समाज में महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जीके द्वारा महिलाओं के लिए मध्यप्रदेशलाडलीबहनायोजना 2023 लागू करने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहानजी के द्वारा शनिवार को नर्मदा जयंती के अवसर पर सीहोर जिले के गौरव दिवस और नर्मदा पुरम गौरव दिवस कार्यक्रम में एमपीलाडलीबहनायोजना को आरंभ करने का ऐलान किया गया है। मध्यप्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना की तरह ही MP लाडली बहनायोजना का संचालन किया जाएगा।
Ladli Behna Yojana Form के तहत राज्य की निम्न मध्यमवर्गीय और गरीब महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।इस योजना के तहत राज्य की बहनों को प्रतिवर्ष 12000 रुपए की आर्थिक सहायता राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। अगर आपमध्य प्रदेश लाडली बहना योजना 2023 से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको यह आर्टिकल विस्तार पूर्वकअंत तक पढ़ना होगा।
https://ladlilaxmi.mp.gov.in/llyhome.aspx
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MP Ladli Bahana Yojana 2023 लाडली बहना योजना के तहत नहीं होगी आय प्रमाणपत्र की जरूरत Ladli Behna Yojana आवेदन प्रक्रिया कल से शुरू होगी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना के लिए जारी की गाइडलाइन लाडली बहना योजना के तहत 5 मार्च से भरे जाएंगे फॉर्म 60,000 करोड़ रुपए का पड़ेगा बोझ लाडली बहना योजना का लाभ 60 वर्ष से अधिक की पेंशन नहीं लेने वाली महिलाओं को भी मिलेगा जून 2023 से लागू होगी Ladli Behna Yojana 2023 5 साल में खर्च होंगे 60 हजार करोड़ रुपए एमपी लाडली बहना योजना 2023 Key Highlights एक करोड़ महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ Ladli Bahana Yojana का उद्देश्य प्रतिवर्ष 12000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी मध्य प्रदेश लाडली बहना योजना के लाभ एवं विशेषताएं MP Ladli Bahana Yojana 2023 के लिए पात्रता मध्यप्रदेश लाडली बहना योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज MP Ladli Bahana Yojana 2023 के तहत आवेदन कैसे करें
MP Ladli Bahana Yojana 2023
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के द्वारा नर्मदा जयंती के अवसर पर राज्य की गरीब बहनों के लिए MP लाडलीबहनायोजना 2023 को शुरू करने की घोषणा की गई है। इस योजना के तहत राज्य की निम्न मध्यम वर्ग की बहनों और गरीब महिलाओंको राज्य सरकार द्वारा प्रतिमाह आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह आर्थिक सहायता राशि गरीब बहनों को 1000 रूपएप्रतिमाह प्रदान की जाएगी। यानी इस तरह 1 वर्ष में इस योजना के तहत महिलाओं को 12000 रुपए की धनराशि वितरित की जाएगी।जोकि लाभार्थी बहनों के सीधे बैंक खातों में अंतरित की जाएगी।
भोपाल में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी के उद्बोधन के बिन्दु
मेरी बहनों, मैं चाहता हूँ कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को लागू करने में आपको कोई दिक्कत या समस्या न आए।
ये लाड़ली बहना योजना क्यों?
हमारे देश की धरती पर माँ, बहन और बेटी का हमेशा सम्मान रहा है। हम बेटियों और बहनों को दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती मानते हैं।
अगर विष्णु जी का नाम लेना है तो लक्ष्मीनारायण कहते हैं, कृष्ण जी का नाम लेना हो तो राधाकृष्ण कहते हैं और श्रीराम का नाम लेनाहो तो कहते हैं सीताराम।
लेकिन कालांतर में बेटियाँ भेदभाव का शिकार हो गईं।
मैंने अपने परिवार और अपने गाँव में देखा, बेटा पैदा हुआ तो ढोल बजते थे, गीत गाया करते थे, लड्डू बाँटे जाते थे!
अगर बेटी आ जाए, तो मुँह उतर जाता था! पढ़ेगा कौन, भैया पढ़ेगा और बेटी क्या करेगी?
यह देखकर मेरे मन में पीड़ा होती थी। मैं जब छोटा था, तब मेरी आवाज कोई नहीं सुनता था। मैं भाषण देता था कि बेटी है तो कल है, बेटी को आने दो!
एक बूढ़ी माँ ने कहा कि अगर बेटी आ गई, तो उसकी पढ़ाई और शादी का खर्च तू उठाएगा?
तब मैंने सोचा कि केवल भाषण से काम नहीं चलेगा, इसलिए जब विधायक-सांसद बना, तो अपने भत्ते से बेटियों की शादी करवानेलगा।
जैसे ही आपके आशीर्वाद से मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने सबसे पहले कन्या विवाह योजना बनाई। मैंने तय कर दिया कि गरीब बेटियों कीशादी भाजपा सरकार करवाएगी!
ये अलग बात है कि जब कमलनाथ की सरकार आ गई, तो ये योजना बंद कर दी और शादी करवाने के बाद भी पैसा नहीं दिया।
मुझे लगा कि केवल कन्या विवाह से काम नहीं चलेगा। बेटी को बोझ नहीं, वरदान बनाना है। इसके लिए तय किया कि बेटी लखपतिपैदा होगी।
इसलिए बनी लाड़ली लक्ष्मी योजना। इसमें तय किया कि बेटी के पैदा होने पर उसके खाते में 30,000 रुपये डालेंगे, 21 साल की होनेपर 1 लाख 18 हजार रुपये मिल जाएंगे। आज 44 लाख से ज्यादा लाड़ली लक्ष्मी मध्यप्रदेश में हैं।
इसके बाद तय किया कि स्कूल जाने के लिए किताबें, यूनिफ़ॉर्म और साइकिल की व्यवस्था भी बेटियों के लिए की जाएगी।
हमने गरीब गर्भवती मजदूर बहन को 16,000 रुपये देने की योजना बनाई।
हमने लगातार योजनाएँ बनाई लेकिन कमलनाथ ने सभी योजनाओं को बंद कर दिया।
मेरे मन को शांति नहीं मिली। गरीब बहन हजार-हजार रुपये के लिए परेशान हो जाती है, मैंने देखा है। मायके जाने के लिए भी कई बारपतिदेव पैसे नहीं देते थे।
मैं यही सोचता था कि वो दिन कब आएगा, जब मेरी बहनों को हजार रुपये के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
मैंने सोचा कि सगा भैया साल में एक बार रक्षाबंधन पर आता है और बहनों को उपहार देता है। मेरे मन में आया कि तू भी तो कुछ दे। मैंनेये भी सोचा कि साल में एक बार नहीं, सालभर कुछ दूंगा।
इसी विचार में से मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना बनी। भाजपा की सरकार ने तय किया कि जितनी भी गरीब और निम्न मध्यमवर्गीयबहनें हैं, जिनके परिवार की आमदनी ढाई लाख रुपये प्रतिवर्ष से कम है, या जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है, तो और कोई शर्तनहीं है, ऐसी सभी बहनों को हर महीने 1,000 रुपये भेजूँगा।
साल में मिलेंगे 12,000 रुपये, दो बहूएँ हुईं तो 24,000 रुपये, घर में सास हुई तो उनकी पेंशन को 1,000 रुपये कर दूंगा, अगर पतिकिसान हैं तो उनको किसान सम्मान निधि के 10,000 रुपये मिलेंगे, इससे साल में एक परिवार को 56,000 रुपये की मदद मिलजाएगी।
इससे मेरी बहनों की इज्जत भी बढ़ेगी और सास-बहू का प्रेम भी बढ़ जाएगा। बहनें इन पैसों का सदुपयोग करेंगी और जरूरत पड़ने परअपने पति को भी पैसे दे देंगी।
ये बहनों की जिंदगी बदलने का महाअभियान है।
जब कमलनाथ आए तो उन्होंने बैगा, भारिया और सहरिया बहनों को आहार अनुदान राशि देना बंद कर दिया था।
मेरी बहनों, आपको कोई भी प्रमाणपत्र बनवाने की जरूरत नहीं है, केवल लिख देना, तुम्हारा भैया मान लेगा।
शहर में तुम्हारे वॉर्ड में शिविर लगेगा। गाँव में भी शिविर लगाऊँगा। किसी दलाल के चक्कर में मत आना। कोई भी दलाली करे, तो 181 पे फोन कर देना, हथकड़ी लगवाकर जेल भिजवा दूंगा।
एक ही दिन में फॉर्म नहीं भरवाना। हम अपने कर्मचारियों और भाजपा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगे। एक दिन में 30 आवेदन भरे जाएंगे।जब तक आवेदन पूरे नहीं भरे जाएंगे, तब तक शिविर लगे रहेंगे। आपको आपके मोहल्ले में सूचना दी जाएगी। परेशान होने की जरूरतनहीं है।
25 मार्च से आवेदन भरवाना शुरू होंगे। सभी के पास बैंक खाते हैं, कोई रह गई हो, तो चिंता मत करना, खाते भी खुलवा दूंगा।
25 मार्च से 30 अप्रैल तक आवेदन भरे जाएंगे, जरूरत पड़ी, तो इसे आगे बढ़ा दूंगा। 23 से लेकर 60 साल तक की बहनों के फॉर्म भरेजाएंगे।
10 जून को 1,000 रुपये की पहली किश्त बहनों के खाते में आ जाएगी।
आप सभी बहनों को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
मैंने सारी शराब दुकानों के अहाते बंद करने का निर्णय लिया है। अगर कोई मासूम बेटी के साथ दुराचार करेगा, तो उसे फाँसी पर लटकादूंगा।
मेरी बहनें इज्जत और मान-सम्मान से जियेंगी, तो मेरा मुख्यमंत्री बनना सफल हो जाएगा। बहनें मेरे लिए दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती हैं।
तुम्हारी जितनी तकलीफें हैं, भगवान उन्हें मुझे दे दें और तुम्हारी आँखों में कभी आँसू न आएँ, मेरी ऐसी प्रार्थना भगवान से है।
सभी बहनें अगर मुझ से सहमत हैं, तो संकल्प लें कि अपने भैया का साथ देंगी और प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार केसाथ चलेंगी!
छाछ सेवन से आप आसानी से शरीर में जमा गंदगी और खराब कोलेस्ट्रॉल को दूर कर सकते हैं.
इसके पीछे आज के समय की खराब जीवनशैली और खान-पान का बहुत बड़ा हाथ है. लेकिन गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में आपका वजन तेजी से बढ़ने लगता है इसके कई कारण होते हैं ज्यादा ऑयली चीजों का सेवन और फिजीकली एक्टिव न होना आदि. अगर आप समय रहते ही शरीर में बढ़ते खराब कॉलेस्ट्रोल को कंट्रोल नहीं करते हैं तो इससे आपको दिल से जुड़ी बीमारियां जैसे- हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में आज हम आपको कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए छाछ के फायदे बताने जा रहे हैं जिसके सेवन से आप आसानी से शरीर में जमा गंदगी और खराब कोलेस्ट्रॉल को दूर कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं (Dairy product in cholesterol) खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में छाछ कैसे होती है मददगार…..
छाछ कैसे करती है कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल (how to control cholesterol)
छाछ कैसे करती है कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल (how to control cholesterol)
छाछ में कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, प्रोटीन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, गुड बैक्टीरिया, लैक्टिक एसिड और कैल्शियम जैसे सेहतमंद गुण मौजूद होते हैं जोकि आपके शरीर में बढ़े हुए खराब कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मददगार साबित होते हैं. ऐसे में आप कोलेस्ट्रॉल को मेंटेंन करने के लिए छाछ को डाइट में जरूर शामिल करें.
अगर आप छाछ का बहुत ज्यादा सेवन करते हैं तो इससे आपकी सेहत को फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है. छाछ में सोडियम की अधिक मात्रा मौजूद होती है, जो किडनी रोग से जूझ रहे लोगों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.
अगर आपको सर्दी जुकाम है तो भी छाछ का सेवन करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. अगर आपको एलर्जी की समस्या है तो भी छाछ पीने से परहेज करें. इसके अलावा एग्जिमा की समस्या में छाछ के सेवन से आपकी स्किन पर जलन और खुजली बढ़ सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें.
डिजिटल भारत I मैथ्यू कुहनेमन और नाथन लायन ने 3-3 विकेट चटकाए, जबकि टॉड मर्फी को एक सफलता मिली।
ऐसे गिरा टीम इंडिया का विकेट
पहला: छठे ओवर की आखिरी बॉल को रोहित शर्मा आगे निकलकर बड़ा शॉट खेलना चाहते थे, लेकिन मैथ्यू कुहनेमन की बॉल ऑफ स्टंप के बाहर निकली और रोहित चूक गए और उन्हें एलेक्स कैरी ने उन्हें स्टंपिंग कर दिया। दूसरा : मैथ्यू कुहनेमन की बॉल गिल के बल्ले का बाहरी किनारा छूकर कीपर के हाथ में गई। तीसरा : नौवें ओवर की दूसरी बॉल में नाथन लायन ने चेतेश्वर पुजारा को क्लीन बोल्ड कर दिया। चौथा : नाथन लायन की बॉल पर कुहनेमन ने जडेजा को शार्ट एक्स्ट्रा कवर में कैच किया। पांचवां : कुहनेमन को तीसरा विकेट मिला। धीमी पिच पर बॉल बैट का इनर एज लेकर स्टंप्स से लगी। छठा : विराट कोहली टॉड मर्फी की बॉल पर LBW हो गए। सातवां : 26वें ओवर की आखिरी बॉल पर नाथन लायन ने श्रीकर भरत को LBW कर दिया।
फिर फ्लॉप रहा टॉप ऑर्डर टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर इंदौर में भी फ्लॉप रहा। यहां कप्तान रोहित शर्मा 12 रन बनाकर आउट हुए, जबकि केएल राहुल की जगह टीम में शामिल किए गए शुभमन गिल 21 रन बना सके। चेतेश्वर पुजारा एक रन, रवींद्र जडेजा 4 रन बनाकर आउट हुए। श्रेयस अय्यर तो अपना खाता भी नहीं खोल सके।
पिच पढ़ने में गलती कर गए रोहित भारतीय कप्तान रोहित शर्मा एक बार फिर पिच पढ़ने में गलती कर बैठे। उन्होंने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया, जबकि पिच स्पिन फ्रेंडली बनाई गई थी, जो पहले ही सेशन से स्पिनर्स को मदद कर रही है। भारतीय टीम के शुरुआती 5 विकेट दोनों स्पिनर्स ने चटकाए हैं।
डिजिटल भारत I होली का त्योहार आने से ठीक पहले रसोई गैस सिलेंडर ने महंगाई की ‘आग’ भड़का दी है. घरेलू बाजार में बुधवार सुबह रसोई गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ गए हैं. सरकारी तेल कंपनियों ने कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है. कॉमर्शियल सिलेंडर आज से 350.50 रुपये महंगा हो गया है.
सरकारी तेल कंपनियों की ओर से जारी 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में आज 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई. राजधानी दिल्ली में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर का दाम अब 1103 रुपये पहुंच गया है. पहले यहां 1053 रुपये में सिलेंडर मिलता था. घरेलू सिलेंडर की कीमतों में करीब 8 महीने बाद बढ़ोतरी की गई है.
इससे पहले 6 जुलाई, 2022 को घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए थे. मुंबई में रसोई गैस सिलेंडर 1052.50 रुपये के बजाए अब 1102.5 रुपये में मिलेगा. कोलकाता में भी एलपीजी सिलेंडर 1079 रुपये से बढ़कर 1129 पहुंच गया है. वहीं, चेन्नई में 1068.50 रुपये की जगह 1118.5 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर बिक रहा है.
कॉमर्शियल सिलेंडर ने भी दिया झटका सरकारी तेल कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम भी 350 रुपये से ज्यादा बढ़ा दिए हैं. दिल्ली में अब कॉमर्शियल सिलेंडर 1769 रुपये के बजाए 2119.50 रुपये में मिलेगा. कोलकाता में 1870 रुपये में मिल रहा कॉमर्शियल सिलेंडर अब 2221.50 रुपये में मिलेगा. मुंबई में अभी तक 1721 रुपये में मिल रहा कॉमर्शियल गैस सिलेंडर अब 2071.50 रुपये में मिलेगा. चेन्नई में भी अभी तक 1917 रुपये में मिल रहा कॉमर्शियल गैस सिलेंडर अब बढ़कर 2268 रुपये में पहुंच गया है.
यूपी में अभी नहीं बदले रेट सरकारी तेल कंपनियों ने 1 मार्च से नई दरें लागू कर दी हैं, लेकिन यूपी में अभी रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं दिख रही. राजधानी लखनऊ में 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1090.50 रुपये ही दिख रही, जबकि नोएडा में भी रसोई गैस 1050.50 के पुराने रेट पर ही मिल रहा. हालांकि, जयपुर में यह बढ़कर 1106.50 रुपये, पटना में 1201 रुपये, 1111.50 रुपये और बैंगलोर में 1105.50 रुपये पहुंच गया है.
सबसे ज्यादा खपत रसोई में अगर एलपीजी सिलेंडर के खपत की बात की जाए तो सबसे ज्यादा इस्तेमाल रसोई में होता है. सरकारी तेल कंपनियों की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में एलपीजी की 90 फीसदी खपत रसोई में हुई, जबकि 8 फीसदी इंडस्ट्रियल यूज रहा. इसके अलावा वाहनों में भी 2 फीसदी एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल किया गया. सरकार उज्ज्वला योजना के तहत करीब 8 करोड़ लाभार्थियों को सालभर में 12 सिलेंडर सब्सिडी पर मुहैया कराती है.
डिजिटल भारत l गवाहों ने बताया कि पूर्व मंत्री पटेरिया ने जानबूझकर अल्पसंख्यकों को भड़काने के लिए किया था ऐसी भाषा का इस्तेमाल जबलपुर हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपित पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजा पटेरिया की जमानत अर्जी सोमवार को मंजूर कर ली। उल्लेखनीय है कि पूर्व में हाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया था कि राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जैसे देश के उच्च पदस्थ व्यक्तियों के लिए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करना किसी भी जननेता को शोभा नहीं देता। कोर्ट ने कहा कि राजनेताओं को सार्वजनिक भाषण देते समय अपनी भाषा के प्रति सावधान रहना चाहिए। यदि इस अपराध के लिए जमानत दी गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा। हालांकि आवेदक को 30 दिन बाद जमानत के लिए दोबारा अर्जी दायर करने स्वतंत्र है। इसी आधार पर नए सिरे से अर्जी दायर की गई थी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद पन्ना के पवई थाने में राजा पटेरिया के विरुद्ध केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने 13 दिसंबर को राजा पटेरिया को पुलिस गिरफ्तार किया था। पवई कोर्ट और उसके बाद ग्वालियर जिले की विशेष (एमपी-एमएलए) कोर्ट से दो बार जमानत अर्जी निरस्त हुई। इसके बाद पटेरिया ने हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में जमानत अर्जी दायर की थी। वहां से यह याचिका हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर स्थानांतरित कर दी गई थी।
इस मामले की सुनवाई के दौरान राजा पटेरिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने पक्ष रखा था। उन्होंने दलील दी थी कि आवेदक के विरुद्ध जो धाराएं लगाई गई हैं, उनमें कोई तथ्य नहीं हैं। यह मामला राजनीति से प्रेरित है। पटेरिया ने जो वक्तव्य दिया था, उसी में मंतव्य भी स्पष्ट कर दिया था। उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था। वहीं राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता प्रमोद ठाकरे ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी थी कि कई गवाहों ने बताया है कि पूर्व मंत्री पटेरिया ने जानबूझकर अल्पसंख्यकों को भड़काने के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया था।