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एक भारत उत्कृष्ट भारत

दुनिया के वेल्थ से भी दुगना सोना दवा है समुद्र के अंदर

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डिजिटल भारत I नेशनल ओशन सर्विस के अनुसार , समुद्र में लगभग 333 मिलियन क्यूबिक मील पानी है। एक क्यूबिक मील 4.17 * 10 9 क्यूबिक मीटर के बराबर होता है। इस रूपांतरण का उपयोग करके, हम यह निर्धारित कर सकते हैं कि लगभग 1.39 * 10 18 क्यूबिक मीटर समुद्र का पानी है। पानी का घनत्व 1000 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है, इसलिए समुद्र में 1.39 * 10 21 किलोग्राम पानी है।
Sonstadt की इस खोज ने ,उस समय के कई वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को, सोने को समुद्र से निकालने के, तरीकों को ढूंढने के लिए प्रेरित किया। बहराल , तबसे लेकर अब तक कई researchers ने समुद्र में मौजूद सोने की मात्रा को नापने के कई प्रयास किये पर exact measurement बता पाना काफी मुश्किल काम था क्योंकि seawater में मौजूद gold यानि सोना , काफी dilute concentration यानी बेहद कम मात्रा में मौजूद होता है।

हालांकि उस समय technology इतनी बेहतर नहीं थी कि सोने को निकालने की प्रक्रिया को सही तरीके से अपनाया जा सके और इसके साथ ही, सबसे पहले तो सवाल ये था कि आखिर समुद्र में सोना कितनी मात्रा में मौजूद है, और उसको किस तरह से नापा जा सकता है !!

यदि हम यह मान लें कि 1) महासागर में सोने की सांद्रता 1 भाग प्रति ट्रिलियन है, 2) सोने की यह सांद्रता समस्त महासागरीय जल पर लागू होती है, तथा 3) भाग प्रति ट्रिलियन द्रव्यमान के अनुरूप है, तो हम निम्नलिखित विधि का उपयोग करके महासागर में सोने की अनुमानित मात्रा की गणना कर सकते हैं:

एक ट्रिलियन का एक भाग पूरे के एक ट्रिलियनवें भाग के बराबर होता है, या 1/10 12 ।
इस प्रकार, यह पता लगाने के लिए कि समुद्र में कितना सोना है, हमें समुद्र में पानी की मात्रा, 1.39 * 10 21 किलोग्राम, जैसा कि ऊपर गणना की गई है, को 10 12 से विभाजित करना होगा ।
इस गणना के अनुसार समुद्र में 1.39 * 10 9 किलोग्राम सोना है।
1 किलोग्राम = 0.0011 टन के रूपांतरण का उपयोग करते हुए, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि महासागर में लगभग 1.5 मिलियन टन सोना है (यह मानते हुए कि सांद्रता 1 भाग प्रति ट्रिलियन है)।
यदि हम यही गणना हालिया अध्ययन में पाए गए सोने की सांद्रता, 0.03 भाग प्रति ट्रिलियन, पर लागू करें, तो हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि समुद्र में 45 हजार टन सोना है ।
वाष्पीकरण के माध्यम से पानी निकालना , या पानी को जमाकर और फिर परिणामी बर्फ को उर्ध्वपातित करके । हालाँकि, समुद्री जल से पानी निकालने पर सोडियम और क्लोरीन जैसे लवणों की बड़ी मात्रा बच जाती है, जिन्हें आगे के विश्लेषण से पहले सांद्रण से अलग करना चाहिए।
विलायक निष्कर्षण , एक ऐसी तकनीक जिसमें नमूने में कई घटकों को अलग-अलग विलायकों में उनकी घुलनशीलता के आधार पर अलग किया जाता है, जैसे पानी बनाम कार्बनिक विलायक। इसके लिए, सोने को ऐसे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है जो किसी एक विलायक में अधिक घुलनशील हो।
सोखना , एक ऐसी तकनीक जिसमें रसायन सक्रिय कार्बन जैसी सतह पर चिपक जाते हैं। इस प्रक्रिया के लिए, सतह को रासायनिक रूप से संशोधित किया जा सकता है ताकि सोना चुनिंदा रूप से उससे चिपक सके।
अन्य यौगिकों के साथ प्रतिक्रिया करके सोने को घोल से बाहर निकालना । इसके लिए अतिरिक्त प्रसंस्करण चरणों की आवश्यकता हो सकती है जो सोने से युक्त ठोस में अन्य तत्वों को हटाते हैं।

1872 में, ब्रिटिश रसायनज्ञ एडवर्ड सोनस्टेड ने समुद्री जल में सोने के अस्तित्व की घोषणा करते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की। समुद्र के पानी में सोना जरूर होता है, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि वास्तव में कितना है। समुद्र के पानी में सोना इतना पतला है कि इसकी एकाग्रता बहुत कम है। एक अध्ययन में पाया गया कि अटलांटिक और उत्तरी प्रशांत महासागर में हर 100 मिलियन मीट्रिक टन समुद्र के पानी के लिए केवल एक ग्राम सोना है।

समुद्र तल में/पर (अघुलित) सोना भी है। हालाँकि, समुद्र गहरा है, जिसका अर्थ है कि सोने के भंडार पानी के नीचे एक या दो किमी पानी के नीचे हैं। और समुद्र तल पर सोने के भंडार भी चट्टान में समाए हुए हैं, जिसको निकालनेके लिए खनन जरुरी है जो इतना आसान नहीं है। वर्तमान में, लाभ कमाने के लिए समुद्र से सोना निकालने का कोई लागत प्रभावी तरीका नहीं है।कुछ देश समुद्र के तलसे सोना निकलनेके लिए प्रयत्नशील हैं।

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ऐसे बेचने पर सब बिक जायेगा बेस्ट सेल्स टिप फ्रॉम एक्सपर्ट्स

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डिजिटल भारत I सेल्स और मार्केटिंग किसी भी कंपनी का वो स्तंभ होता है, जिस पर पूरी कंपनी टिकी होती है. जाहिर है इस विभाग को संभालने वाली टीम भी खास होनी चाहिए. सेल्स की दुनिया रिजल्ट आधारित है. यहां किसी की भी इंट्री हो सकती है, बस वो खुद को साबित करके दिखाए. किसी प्रोडक्ट को बेचना आसान नहीं होता, क्योंकि कारोबार के इसी स्टेज पर आपको अपने ग्राहक की जेब से पैसे निकलवाने होते हैं
यदि आप भी अपने संगठन या कंपनी में एक अच्छा सेल्समेन बनना चाहते हैं। इस लेख के माध्यम से हम ऐसे ही Sales Tips के बारे में बता रहे हैं, जो आपको सबसे अच्छा परफॉरमेंस देने वाले सेल्सपर्सन बनने के लिए मदद कर सकते हैं।
1. प्रोडक्ट को खरीदें और आजमाएं
अपने प्रोडक्ट व सर्विस के बारे में जानने का यह अब तक का सबसे बेहतर तरीका है। अगर आपने खुद कुछ भी नहीं आज़माया है तो आप अपने कस्टमर के अनुभव को कैसे समझेंगी और उन्हें कैसे बताएंगी कि उससे क्या उम्मीद करें।
तो क्यों ना बेचने की कोशिश करने से पहले आप खुद उन प्रोडक्ट्स को खरीदे और आजमाएं?

खुद आज़माने के कारण आप अपने प्रोडक्ट को बहुत ही आश्वस्त होकर बेचेंगे और अपने अनुभव से अपने कस्टमर के जरूरत के अनुसार किस प्रोडक्ट से उन्हें अधिक लाभ होगा, वह चुनने में उनकी मदद कर सकेंगे।

2. प्रोडक्ट ट्रेनिंग में हिस्सा ले
आप जब SHECO partner Program से जुड़ेंगी तो आप SHECO Academy में हर रोज प्रोडक्ट ट्रेनिंग में हिस्सा ले सकेंगी। इन फ्री लाइव ट्रेनिंग सेशन में जो प्रोडक्ट डेवलपर्स है वह खुद-ब-खुद आपको सारे सवालों के जवाब देंगे ताकि आप उनके प्रोडक्ट्स के बारे में और अधिक जानें।

जो खुद अपना प्रोडक्ट डेवलप और मार्केट कर रहे हैं उनसे बेहतर ज्ञान का स्रोत क्या होगा जिससे आप लाभ उठाएंगे?

3. ऑनलाइन रिसर्च (ब्रांड की वेबसाइट, फोरम, और भी बहुत कुछ)

अगर किसी कारण से आप प्रोडक्ट ट्रेनिंग को मिस कर देते हैं तो वह आपके लिए अनजान बने रहने का कोई बहाना नहीं है वह भी तब जब आपके पास इंटरनेट है जिससे आपको हाथों-हाथ मनचाही जानकारी मिल सकती है।

अपने प्रोडक्ट के बारे में ऑनलाइन रिसर्च करें। ब्रांड की वेबसाइट पर जाएं, उनके ब्लोग्स को पढ़ें और ई-कॉमर्स वेबसाइट पर जाकर प्रोडक्ट के बारे में खरीदारों के रिव्यू को पढ़ें

अनुभवी सेलर से सीखे
लर से सीखे
SHECO Partner Program इसलिए सबसे अलग है क्योंकि यहां पर अनुभवी और सफल SHECO सेलर, नए सेलर का मार्गदर्शन करने के लिए बुलाए जाते हैं ताकि वह अपनी पहली बिक्री कर सकें।
मेंटरिंग के अलावा आप मस्ती भरी प्रतियोगिताओं एवं प्रचार से भी लाभ उठाएंगी और साथ ही जब आप एक सफल सेलर बन जाएंगी तो आपको बोनस और सर्टिफिकेट भी मिलेगा। यह सब कितना मजेदार है, है ना?

अपने कंफर्टजोन से बाहर आइए
मैं उन लोगों को पसंद करता हूं जो नई चुनौतियों से डरते नहीं और नई चीज सीखने के लिए तैयार रहते हैं. जो लोग ये समझते हैं कि ‘आरामदायक स्थिति प्रगति की दुश्मन है.’ अपनी कमजोरियों का पता लगाइए और कुछ प्रशिक्षण की मदद से उन्हें अपनी ताकत में बदल दीजिए.

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क्या है पेपर लीक कानून, सजा सुनकर आप होजाएंगे हैरान

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डिजिटल भारत I पेपर लीक विवाद के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात एक सख्त कानून लागू कर दिया जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकना है। इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 वर्ष कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
10 साल की कैद से लेकर 1 करोड़ जुर्माना तक का प्रावधान NEET और UGC-NET जैसी परीक्षाओं में गड़बड़ियों के बीच यह कानून लाने का फैसला सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है। इस कानून के लागू होने के बाद अब पेपर लीक करने का दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की कैद से लेकर 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
एक दिन पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से पूछा गया था कि यह कानून कब लागू होगा, तब उन्होंने कहा था कि कानून मंत्रालय नियम बना रहा है।
सर्विस प्रोवाइडर के दोषी होने पर लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना
परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर अगर दोषी होता है तो उस पर 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना होगा। सर्विस प्रोवाइडर अवैध गतिविधियों में शामिल है, तो उससे परीक्षा की लागत वसूली जाएगी। साथ ही, सेवा प्रदाता को 4 साल की अवधि के लिए किसी भी सार्वजनिक परीक्षा के संचालन की जिम्मेदारी से भी रोका जा सकता है।
ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटा जाएगा
केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने पूर्व में कहा था कि यह अधिनियम अभ्यर्थियों की इसके प्रविधानों से सुरक्षा करता है। इस कानून से पहले केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में शामिल विभिन्न संस्थाओं द्वारा अपनाए गए अनुचित साधनों या अपराधों से निपटने के लिए कोई विशिष्ट ठोस कानून नहीं था।
12 फरवरी को मिली थी कानून को मंजूरी
पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, इसी साल 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 12 फरवरी को बिल को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया गया था।

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अग्रिम भुगतान के बाद भी इवेंट में नहीं आई महिला डीजे रीना बरोत, आयोजकों को भारी नुकसान”-जबलपुर

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डिजिटल भारत l हाल ही में एक शो के लिए फीमेल डी जे को बुक करना पड़ गया आयोजक को महंगा प्रतिष्ठित नर्मदा इवेंट मालिक को न केवल भारी आर्थिक नुकसान पहुँचाया, बल्कि उनकी प्रतिष्ठा पर भी गंभीर आघात किया है। एक महिला डीजे रीना बरोत (उर्फ लेडी) ने अग्रिम भुगतान लेने के बावजूद, निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होने ही नहीं पहुची। इसके परिणामस्वरूप, आयोजन स्थल पर हंगामा हुआ और आयोजकों को अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा।
घटना का विवरण
आयोजन के दिन, सब कुछ सही दिशा में जाता प्रतीत हो रहा था। दर्शकों का उत्साह चरम पर था, संगीत प्रेमी बड़ी संख्या में स्थल पर पहुँच रहे थे। सबकी निगाहें उस पल का इंतजार कर रही थीं जब महिला डीजे मंच पर आएंगी और अपने बेहतरीन प्रदर्शन से समां बांधेंगी।
क्या है आयोजक का कहना
इस मामले में विपुल पांडेय पिता आशीष पांडे निवासी गढ़ा रोड ने बताया कि उनकी नर्मदा इवेंटस नाम से एक पंजीकृत कम्पनी है। जिसके माध्यम से वे शहर भर में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाते है। विगत 15 जून को उनके और होटल बिग बी बिग इवेंट के दिन नहीं पहुंची शहर, थाने पहुंचा मामला(रसल चौक) के क्लावा पब क्लब के द्वारा डीजे पार्टी का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसके चलते उन्होंने मुंबई से डीजे कलाकार रीना बरोत (उर्फ लेडी बरोत) को शुल्क 35 हजार देकर बुक किया था। रीना बरोत के कहे अनुसार उन्होंने एडवांस के तौर पर 15 हजार रूपए ऑनलाइन पेमेंट भी की थी। इसके अलावा फ्लाईट की आने-जाने की 22 हजार की टिकिट तथा विजन महल होटल में रूकने की व्यवस्था कराई गई थी।
डीजे की गैरहाजिरी
आयोजन का समय आने पर, जब आयोजक ने डीजे से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला। कई बार संपर्क करने के बाद भी, आयोजक को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। समय बीतने के साथ, दर्शकों का धैर्य जवाब देने लगा और धीरे-धीरे आयोजन स्थल पर हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। आयोजकों ने स्थिति को संभालने की पूरी कोशिश की, लेकिन डीजे की गैरहाजिरी ने सभी योजनाओं पर पानी फेर दिया।
आयोजकों पर प्रभाव
इस घटना के परिणामस्वरूप आयोजकों को भारी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा। न केवल अग्रिम भुगतान व्यर्थ गया, बल्कि टिकटों की बिक्री से होने वाली आय भी प्रभावित हुई। साथ ही, आयोजन स्थल की बुकिंग, साउंड सिस्टम, लाइटिंग और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च की गई राशि भी बर्बाद हो गई।
इसके अलावा, इस घटना ने आयोजकों की प्रतिष्ठा को भी गहरा धक्का पहुँचाया। इस विफल आयोजन ने उनके ग्राहकों और दर्शकों के बीच उनकी विश्वसनीयता को कम कर दिया। कई प्रशंसक और दर्शक इस बात से नाराज थे कि आयोजन में इतनी बड़ी कमी क्यों रही और उन्होंने आयोजकों की कड़ी आलोचना की।
कानूनी कार्रवाई
आयोजकों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कानूनी कदम उठाने का निर्णय लिया। उनके खिलाफ स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज की है । लेकिन अब तक, डीजे की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है और न ही उन्होंने अग्रिम राशि वापस की है। बहरहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी
डी जे रीना की धमकी
शो के आयोजक विपुल पांडेय ने बताया की रीना बरोल (उर्फ लेडी बरोल) से अपने पैसे व नुकसान वापस माँगने पर हम लोगों की छवि सोशल मीडिया पर खराब करने की धमकी दी जा रही है। साथ ही हम लोगो को गलत इल्ज़ाम लगा कर फसाने की धमकी दी जा रही है ओर रीना दवारा कहा जा रहा है की हमने तो कई लोगों के पैसे खा लिये है वो हमारा कुछ नहीं कर पाये तो तुम क्या कर लोगे, जहां शिकायत करना है कर दो
पहले भी दे चुकी है धोखा
शिकायतकर्ता विपुल पांडेय ने बताया कि उनके सहयोगी इवेंट कंपनी सॉर्टेड सेशन के को फाउंडर लखन खत्री से पता चला करने पर ज्ञात हुआ की रीना बरोत ने बीते साल जबलपुर में एक बार और धोखाधड़ी कर के एडवांस 20 हजार ले लिए थे। जिसके बाद वह उस कार्यक्रम में भी नहीं पहुंची थी।
निष्कर्ष
यह घटना आयोजकों के लिए एक बड़ी सीख है कि किसी भी कलाकार के साथ अनुबंध करने से पहले उनकी विश्वसनीयता और पेशेवर रवैये की अच्छी तरह से जांच की जाए। इस प्रकार की घटनाएँ न केवल आर्थिक रूप से हानिकारक होती हैं, बल्कि प्रतिष्ठा पर भी गंभीर प्रभाव डालती हैं। आयोजकों को भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए अधिक सतर्क और चौकस रहने की आवश्यकता है।
आगे की रणनीति
आयोजकों ने अपने ग्राहकों और दर्शकों को आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द ही इसके समाधान के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। वे इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए अपने अनुबंधों को और भी सख्त बनाने की योजना बना रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति का सामना न करना पड़े।
इस घटना ने सभी इवेंट ऑर्गेनाइज़र्स के लिए एक चेतावनी दी है कि किसी भी कलाकार या सेवा प्रदाता के साथ अनुबंध करने से पहले उनकी पृष्ठभूमि और पेशेवर रिकार्ड की पूरी जाँच-पड़ताल आवश्यक है। इस प्रकार की सतर्कता और तैयारी से ही भविष्य में ऐसी अप्रिय स्थितियों से बचा जा सकता है।

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21 जून इंटरनेशनल योग दिवस आज, जाने कितना चमत्कारी योग साधना

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डिजिटल भारत I 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के विशेष अवसर पर बेंगलुरु स्थित अक्षर योग केंद्र योग की परिवर्तनकारी शक्ति को उजागर करते हुए एक नई श्रृंखला आयोजित करने जा रहा है जो पूरी दुनिया में एक विशेष रिकॉर्ड स्थापित करने जा रहा है. योग एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करता है. इस आर्टिकल में हम ऐसे ही कुछ रिकॉर्ड की चर्चा करने जा रहे है जो International Day of Yoga 2024 को और भी प्रासंगिक बनाता है.
देश से लेकर विदेश तक 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उत्साह देखा जा रहा है। अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर भी योग को लेकर लोगों में एक अलग ही उत्साह देखते बन रहा है। यहां हजारों योग प्रेमी जमा हुए हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर यहां पूरे दिन कार्यक्रम चलने वाले हैं
एशियन योग चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता, 20 वर्षीय भूमि तिवारी ने बुधवार को मोती महल के लॉन में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन के दौरान रामदूत आसन (Ramdoot Asana posture) की मुद्रा को 35 मिनट और 27 सेकंड तक बनाए रखते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया. यह विशेष कार्यक्रम जश्न-ए-आजादी ट्रस्ट और भारतीय आदर्श योग संस्थान के संयुक्त प्रयास में आयोजित किया गया था. भूमि तिवारी द्वारा बनाए गए इस नए रिकॉर्ड की सूचना योगासन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड काउंसिल (Yogasana Book of World Record Council) को दी गई है.
एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड की तैयारी:
International yoga day 2024 in hindi: चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान स्नातकोत्तर संस्थान (PGIMER) ने 21 जून को 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सबसे अधिक संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ योग करके एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की गयी है.
योग का मतलब क्या है? “योग” शब्द संस्कृत शब्द “युज” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “एकसाथ होना।” यह हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ने का एक तरीका है। यह जीवन जीने का एक तरीका है जो हमें शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ रहने में मदद करता है।
योग करने के फायदे
योग केवल शरीर की कुछ मुद्राओं या आसन तक सिमित नहीं है। बल्कि यह हमें स्वस्थ और संतुलित जीवन जीना सिखाता है। यह हमें अपनी सांसें, विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करना सिखाता है। इससे हम सभी परिस्थितियों में शांत रहना और अपना ध्यान केंद्रित करना सीखते हैं।
योग बच्चों के लिए भी फायदेमंद है। यह बच्चों की एकाग्रता, याददाश्त और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही यह उनकी शारीरिक फिटनेस, मानसिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक जागरूकता को बेहतर बनाने में भी उनकी मदद करता है।

आज, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हुए, आइए हम सभी योग को अपनी डेली लाइफ में अपनाने का संकल्प लें। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन की ओर कदम बढ़ाएं। इसके साथ-साथ योग का संदेश अन्य लोगों तक पहुंचाने का भी प्रयास करें।

इस अवसर पर 2,000 प्रतिभागी रॉक गार्डन में योग दिवस की तैयारियों में लगे हुए थे जिनमें आईटीबीपी, पुलिस रक्षा बल, चंडीगढ़ नवीकरण ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन सोसायटी, और स्कूली बच्चे शामिल थे. साथ ही राष्ट्रीय नर्सिंग शिक्षा संस्थान, PGIMER के निदेशक द्वारा योग केंद्र के एक नए विंग का उद्घाटन भी किया जायेगा.

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यूजीसी नेट परीक्षा में गड़बड़ी,परीक्षा के एक दिन बाद किया पेपर रद्द

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डिजिटल भारत l शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित कराए गई यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने का एलान कर दिया है। परीक्षा आयोजित होने के एक दिन बाद ही सरकार ने परीक्षा रद्द करने का एलान कर सभी को चौंका दिया है। एनटीए द्वारा कराई जाने वाली नीट की मेडिकल एंट्रेस परीक्षा भी सवालों के घेरे में है और फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इसकी समीक्षा कर रहा है। अब यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द होने से गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। गौरतलब है कि एनटीए ने इस बार ऑफलाइन तरीके से ओएमआर शीट पर परीक्षा कराई। देशभर में 317 केंद्रों पर 11.21 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी। हालांकि परीक्षा रद्द होने के बाद अब पूरी कवायद फिर से होगी।

सीबीआई जांच का निर्णय लिया गया

यूजीसी नेट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा निर्णय लिया है. इसकी जांच सीबीआई को देने का निर्णय लिया गया. NEET -UG परीक्षा का विवाद अभी थमा ही नहीं था कि यह एक दूसरा मामला आ गया है. मेडिकल में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एनटीए के द्वारा आयोजित होने वाली NEET-UG परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक और ग्रेस मार्क देने का विवाद पहले से ही चल रहा है.
क्या है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एक स्वायत्त निकाय है, जो देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है। परीक्षा पेपर तैयार करने से लेकर इसे परीक्षा केंद्र तक वितरित करने और परीक्षा पेपर जांच की जिम्मेदारी भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ही संभालती है। केंद्र सरकार ने साल 2017 में इसका एलान किया था और दिसंबर 2018 में एनटीए ने पहली यूजीसी-नेट की परीक्षा कराई थी। यूजीसी-नेट, नीट के अलावा एनटीए इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (मेन) भी आयोजित कराती है। इसी परीक्षा के आधार पर देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन मिलते हैं।
क्या है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एक स्वायत्त निकाय है, जो देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है। परीक्षा पेपर तैयार करने से लेकर इसे परीक्षा केंद्र तक वितरित करने और परीक्षा पेपर जांच की जिम्मेदारी भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ही संभालती है। केंद्र सरकार ने साल 2017 में इसका एलान किया था और दिसंबर 2018 में एनटीए ने पहली यूजीसी-नेट की परीक्षा कराई थी। यूजीसी-नेट, नीट के अलावा एनटीए इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (मेन) भी आयोजित कराती है। इसी परीक्षा के आधार पर देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन मिलते हैं।

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नालंदा में 20 देशों के छात्र कर रहे पढ़ाई,नालंदा विश्वविद्यालय ज्ञान का पुराना वैभव :प्रधान मंत्री मोदी

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डिजिटल भारत l सरकार नालंदा विश्वविद्यालय को पुराना वैभव दिलाने के प्रयास में जुट गई है। इसी क्रम में पीएम मोदी ने आज प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पास नए कैंपस का आज उद्घाटन किया। 2010 में इस विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना होने के बाद से ही यह अस्थाई भवन में चल रहा था। जिसके बाद 2017 में नए कैंपस का निर्माण शुरू किया गया था।
इस दौरान पीएम ने कहा कि मै इसे भारत की विकास के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं। नालंदा केवल नाम नहीं, यह पहचान है। नालंदा मंत्र, गौरव और गाथा है। आग की लपटों में पुस्तकें में भले जल जाए, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकती।
प्राचीन अवशेषों के समीप नालंदा का नया कैंपस विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। नालंदा भारत के अतीत का पुनर्जागरण नहीं है। इसमें एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है।
प्राचीन वैभव लौटाएगी सरकार
विदेश मंत्रालय के अनुसार मौजूदा नालंदा विश्वविद्यालय को सरकार वैसा ही वैभव दिलाना चाहती है, जैसा 800 साल पहले था। सरकार विश्वविद्यालय को शिक्षा का नया केंद्र बनाना चाहती है। नालंदा विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना साल 2010 में की गई थी, जिसके लिए सरकार ने बकायदा कानून भी बनाया था। हालांकि तब से अब तक यह अस्थाई भवन में ही चल रहा था। बताया गया कि विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में करीब 8 लाख किताबें रहेंगी।

नालंदा प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विख्यात केन्द्र था। महायान बौद्ध धर्म के इस शिक्षा-केन्द्र में हीनयान बौद्ध-धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के तथा अनेक देशों के छात्र पढ़ते थे। वर्तमान बिहार राज्य में पटना से ८८.५ किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और राजगीर से ११.५ किलोमीटर उत्तर में एक गाँव के पास अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा खोजे गए इस महान बौद्ध विश्वविद्यालय के भग्नावशेष इसके प्राचीन वैभव का बहुत कुछ अंदाज़ करा देते हैं। अनेक पुराभिलेखों और सातवीं शताब्दी में भारत के इतिहास को पढ़ने आया था के लिए आये चीनी यात्री ह्वेनसांग तथा इत्सिंग के यात्रा विवरणों से इस विश्वविद्यालय के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है। यहाँ १०,००० छात्रों को पढ़ाने के लिए २,००० शिक्षक थे। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने ७ वीं शताब्दी में यहाँ जीवन का महत्त्वपूर्ण एक वर्ष एक विद्यार्थी और एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया था। प्रसिद्ध ‘बौद्ध सारिपुत्र’ का जन्म यहीं पर हुआ था।
परिसर
अत्यंत सुनियोजित ढंग से और विस्तृत क्षेत्र में बना हुआ यह विश्वविद्यालय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना था। इसका पूरा परिसर एक विशाल दीवार से घिरा हुआ था जिसमें प्रवेश के लिए एक मुख्य द्वार था। उत्तर से दक्षिण की ओर मठों की कतार थी और उनके सामने अनेक भव्य स्तूप और मंदिर थे। मंदिरों में बुद्ध भगवान की सुन्दर मूर्तियाँ स्थापित थीं। केन्द्रीय विद्यालय में सात बड़े कक्ष थे और इसके अलावा तीन सौ अन्य कमरे थे। इनमें व्याख्यान हुआ करते थे। अभी तक खुदाई में तेरह मठ मिले हैं। वैसे इससे भी अधिक मठों के होने ही संभावना है। मठ एक से अधिक मंजिल के होते थे। कमरे में सोने के लिए पत्थर की चौकी होती थी। दीपक, पुस्तक इत्यादि रखने के लिए आले बने हुए थे। प्रत्येक मठ के आँगन में एक कुआँ बना था।
नालंदा पुरातात्विक संग्रहालय
विश्वविद्यालय परिसर के विपरीत दिशा में एक छोटा सा पुरातात्विक संग्रहालय बना हुआ है। इस संग्रहालय में खुदाई से प्राप्त अवशेषों को रखा गया है। इसमें भगवान बुद्ध की विभिन्न प्रकार की मूर्तियों का अच्छा संग्रह है। इनके साथ ही बुद्ध की टेराकोटा मूर्तियां और प्रथम शताब्दी के दो मर्तबान भी इस संग्रहालय में रखा हुआ है। इसके अलावा इस संग्रहालय में तांबे की प्लेट, पत्थर पर खुदे अभिलेख, सिक्के, बर्त्तन तथा १२वीं सदी के चावल के जले हुए दाने रखे हुए हैं।

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बून्द बून्द को तरस रहा है दिल्ली, AAP पर जल व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश का आरोप

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डिजिटल भारत I दिल्ली जल संकट दिन- प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वहीं अब इस बीच दिल्ली की जलमंत्री आतिशी मार्लेना ने आज दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखा और आरोप लगाया कि दिल्ली की पानी की व्यवस्था को बिगाड़ने की साजिश की जा रही है|
दिल्ली प्यासी है, जनता बूंद बूंद पानी के लिए तरस रही है. भीषण गर्मी में प्यासी जनता सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है. जलसंकट पर सियासी पारा भी गर्म हैं. बीजेपी का कहना है कि दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण जल संकट है, वहीं आम आदमी पार्टी कह रही है कि पानी की व्यवस्था को लेकर साजिश रची जा रही है.
जल मंत्री अतिशी ने कहा, ‘अभी दिल्ली में गंभीर हीटवेव भी चल रही है और पानी की कमी भी हो रही है। इस सब के दौरान ऐसा लग रहा है कि कुछ लोग पानी की पाइपलाइन तोड़ कर इस पानी की कमी को और बदतर बनाने का षड्यंत्र रच रहे हैं। कल साउथ दिल्ली की सप्लाई पाइप लाइन में बहुत बड़ा लीकेज हुआ। जब हमारी टीम को पता चला तो रिपेयर के लिए टीम भेजी गई तो वहां यह पाया गया कि बहुत बड़े-बड़े बोल्ट को काट कर छेद किया गया है। मैंने इसी संदर्भ में आज पुलिस कमिश्नर को लिखा है कि हमारी मुख्य पाइप लाइन को पुलिस द्वारा सुरक्षा दी जाए।’
साउथ दिल्ली में 25 फीसदी कम पहुंचा पानी
उन्होंने कहा, ‘यह पानी की पाइपलाइन रिपेयर करने में दिल्ली जल बोर्ड को 6 घंटे लगे. शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक रिपेयर चला. इस दौरान साउथ दिल्ली की पानी की सप्लाई को बंद करना पड़ा. इसका नतीजा है कि तकरीबन 25 फीसदी कम पानी आज साउथ दिल्ली पहुंचा. यह कौन लोग हैं जो दिल्ली की पानी की व्यवस्था बिगाड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं?
दिल्ली सरकार में मंत्री व आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘कुछ दिनों पहले कुछ वीडियो को कुछ खास तरह के लोगों ने वायरल किया कि दिल्ली में बहुत लीकेज हो रही है। मुझे नहीं लगता कि वह लीकेज प्राकृतिक है, मुझे लगता है कुछ लोग जानबुझकर लीकेज कर रहे हैं। कल दक्षिण दिल्ली में पाइप को बांधने वाले नट-बोल्ट कटे हुए मिले, वह किसने काटे? उसकी वजह से आज पूरे दक्षिण दिल्ली में पानी नहीं आया। मैं जनता से निवेदन करूंगा कि वे इसपर निगरानी रखें क्योंकि कुछ लोग इन पाइपलाइनों को तोड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं।’
दिल्ली में कहां-कहां पानी संकट?
दिल्ली में मुनिरका, वसंत कुंज, मीठापुर, किराड़ी, संगम विहार, छतरपुर, बलजीत नगर, संजय कैंप, गीता कॉलोनी, रोहिणी, बेगमपुर, वसंत कुंज, इंद्र एन्क्लेव, सराय रोहिल्ला, मानकपुरा, डोलीवालान, प्रभात रोड, रैगरपुरा, बीडनपुरा, देवनगर, बापा नगर और बलजीत नगर में पानी का संकट है.

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UP के लिए जानलेवा साबित हो रही ये गर्मी, अब तक २० लोगो की मौत का आकड़ा आया सामने

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डिजिटल भारत I यूपी में भीषण गर्मी से लोगों की बढ़ गई है परेशान, लू ने किया बेहाल
मिर्जापुर में सबसे अधिक चार लोगों की गई जान, पूर्वांचल में 11 की मौत, मौसम विभाग का अनुमान, 19-20 जून तक शुरू होगी मॉनसूनी बारिश
उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। शनिवार को कानपुर देश में सबसे गर्म रहा। कानपुर में दिन का तापमान 46.3 डिग्री रहा। 35.2 डिग्री सेल्सियस के साथ यहां की रात भी देश में सबसे गर्म रही।
भीषण गर्मी की चपेट में यूपी के ये शहर
उत्तर प्रदेश में आसमान से बरस रही आग में लोगों की परेशानी लगातार बढ़ी हुई है। भीषण गर्मी के कारण आगरा, झांसी, महोबा, ललितपुर, इटावा में लोगों में घरों में दुबकना पड़ रहा है। यूपी के 17 शहरों को आसमान से आग जैसी बरसती धूप ने हीट आइलैंड में बदल दिया है। कानपुर और प्रयागराज में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 46.7 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, भीषण गर्मी से कानपुर नगर, झांसी, बांदा, हमीरपुर, प्रयागराज, आगरा, बागपत, जालौन, इटावा, वाराणसी, ललितपुर, कानपुर देहात, फतेहपुर, गाजियाबाद और मैनपुरी जिले हीट आइलैंड बने हुए हैं।
कानपुर और बुंदेलखंड में गर्मी के चलते शनिवार को 20 लोगों की मौत हो गई। इनमें कानपुर में आठ, चित्रकूट में छह, महोबा में तीन और बांदा व हमीरपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसके अलावा वाराणसी और आसपास भी गर्मी से 14 लोगों की जान चली गई। इनमें वाराणसी में सात, बलिया में तीन, मिर्जापुर में दो और गाजीपुर व सोनभद्र में एक-एक की व्यक्ति की जान गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, 15 और 16 जून को पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी जैसी स्थिति रहने का अनुमान है। लू, तपिश और रात में भी गर्मी जैसी स्थिति रहने का अनुमान जताया गया है। दूसरी तरफ, गर्मी के कारण परेशान लोगों को जल्दी ही बारिश की फुहार का आनंद मिलने की भी खुशखबरी आई है। राहत वाली बारिश के अनुमान जताए जा रहे हैं। बंगाल की खाड़ी में हलचल तेज होने से अब उत्तर प्रदेश में समय पर मानसून आने का अनुमान है।

शहर अधिकतम तापमान
कानपुर 46.3
हमीरपुर 46.2
झांसी 46.1
वाराणसी 46.0
प्रयागराज 46.0
आगरा 45.5
उरई 45.4
बाराबंकी 45.4

सरकारी स्कूलों में बढ़ाई गई छुट्‌टी
भीषण गर्मी के बीच सरकार ने बच्चों को बड़ी राहत दे दी है। बेसिक शिक्षा परिषद के तहत चलने वाले कक्षा एक से आठ तक के परिषदीय स्कूलों एवं मान्यता प्राप्त विद्यालयों में छुट्टी 24 जून तक के लिए बढ़ा दी गई है। छात्र-छात्राओं की कक्षाएं अब 28 जून से चलेंगी। पहले यह 15 जून तक छुट्‌टी घोषित की गई थी। परिषद ने 25 जून से शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को विद्यालय आने का निर्देश दिया है। उम्मीद की जा रही है मॉनसून आने से भीषण गर्मी की स्थिति से लोगों को राहत मिलेगी।

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योग दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, इसके फायदे !

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डिजिटल भारत l वजन में कमी, एक मजबूत एवं लचीला शरीर, सुन्दर चमकती त्वचा, शांतिपूर्ण मन, अच्छा स्वास्थ्य-जो आप चाहते हैं, योग आपको देता है। योग को केवल कुछ आसनो द्वारा आंशिक रूप से समझा जाता हैं परंतु इसके लाभ का आंकलन केवल शरीर स्तर पर समझा जाता हैं। हम ये जानने में असफल रहते हैं कि योग हमें शारीरिक, मानसिक रूप से तथा श्वसन में लाभ देता हैं। जब आप सुन्दर विचारो के संग होते हैं तो जीवन यात्रा शांति, ख़ुशी और अधिक ऊर्जा से भरी होती हैं।जानें क्यों है हमारे शरीर के लिए जरूरी21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाएगा। हम आपको इस मौके पर योग के कुछ ऐसे फायदों से रूबरू करवा रहे हैं, जिनका नियमित रूप से अभ्यास करअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस [International Yoga Day 2024 ]जल्द आने वाला है। इस दिवस को पूरी दुनिया में 21 जून को मनाया जाता है। योग को ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी दिनचर्या में शामिल करें और इसके परिणाम से लाभान्वित हों, इसी के मद्देनजर योग दिवस मनाना शुरू किया गया।

कुछ शालो से लोगों में बहुत तनाव पैदा हुआ है। आप मानें या न मानें , लेकिन योग का तनाव खत्म करने में बहुत अहम योगदान देता है। योग फिजिकल और मेंटल
के लिए बहुत फायदेमंद है। हम आपको यहां कुछ कारण बता रहे हैं जिन्हें जानकर आप कभी भी योग को मना नहीं कर पाएंगे।
अच्छी नींद में मददगार लॉकडाउन में कई लोगों का पूरा शेड्यूल बदल जाने की वजह से नींद खराब हुई है। रिसर्च से पता चला है कि योग और उसके फायदों की वजह से इंसोमेनिया वाले लोगों को मदद मिलती है। नियमित रूप से अभ्यास करने पर दिमाग को आराम मिलता है और शरीर आराम लेने के लिए तैयार होता है। दीवार तक पैर करके आगे की ओर झुकते हुए (विपरीतकरणी), शवासन, रिक्लाइनिंग बटरफ्लाई कुछ योग मुद्रा हैं, जिनसे रात में अच्छी नींद आने में मदद मिल सकती है।शरीर और मन दोनों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दिनचर्या में योगासनों को शामिल करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है। योगासन, शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देने के साथ मन को शांत करते हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए योगासनों का नियमित अभ्यास आपके लिए काफी मददगार हो सकता है। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है। समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योगासनों में शारीरिक मुद्राओं, सांस लेने के व्यायाम और ध्यान का संयोजन किया जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कई तरह की बीमारियों के जोखिम को कम करने से लेकर सेहत को बूस्ट देने तक के लिए योगासनों का अभ्यास करना सहायक हो सकता है। प्राणायाम से लेकर कई तरह की योग मुद्राओं का अभ्यास आपको शारीरिक-मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में मददगार हो सकते हैं। आइए आगे की स्लाइडों में इसके फायदों के बारे में जानते हैं। नियमित योग के क्या फायदे हैं?
योग आपके संपूर्ण फिटनेस स्तर में सुधार करके आपके शरीर की मुद्रा और लचीलेपन को भी बेहतर बनाता है। कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिमों को कम करने के लिए योगासनों का रोजाना अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है।
रक्तचाप और हृदय गति को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
शरीर को आराम मिलता है।
आपके आत्मविश्वास में सुधार होता है।
तनाव की समस्या कम होती है।
शरीर के समन्वय में सुधार होता है।
आपकी एकाग्रता में सुधार होता है।
बेहतर नींद प्राप्त करने में मदद करता है।
पाचन और डायबिटीज की समस्या से राहत दिला सकता है। ये योगासन माने जाते हैं फायदेमंद
शरीर में रक्त के संचार को बढ़ावा देने के साथ कमर-पीठ के दर्द को कम करने के लिए सेतुबंधासन और भुजंगासन योग का अभ्यास काफी फायदेमंद हो सकता है। वहीं सूर्य नमस्कार, वृक्षासन जैसे अभ्यास शारीरिक समन्वय और एकाग्रता को बढ़ावा देते हैं। प्राणायाम का अभ्यास आपके मानसिक स्वास्थ्य को बूस्ट देने के साथ कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को कम करने में मददगार हो सकता है।इन बातों का रखें विशेष ध्यान
वैसे तो योग आमतौर पर सुरक्षित होते हैं, फिर भी यदि आप गलत मुद्रा में इसका अभ्यास करते हैं तो इससे मांसपेशियों में खिंचाव आने की दिक्कत हो सकती है। योग करते समय सुरक्षित रहने के लिए इसका सही तरीके से अभ्यास किया जाना आवश्यक है। पहले धीरे-धीरे इसकी शुरुआत करें और समय के साथ इसे बढ़ाते जाएं। अपनी सेहत के हिसाब से योग का चयन करने के लिए किसी विशेषज्ञ की सहायता ले लें।
नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।

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