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एक भारत उत्कृष्ट भारत

बच्चो को ऐसे बिलकुल न खिलाये दबाई ,जाने सही तरीका

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बच्चे (Kids) जब बीमार हो जाते हैं तो माता-पिता की रातों की नींद उड़ जाती है. खासकर बदलते मौसम में बच्चे अचानक से बीमार हो जाते हैं. बुखार, खांसी, जुकाम, सिर दर्द, उल्टी, दस्त आदि बीमारियां हो जाने पर पैरेंट्स घबरा जाते हैं. कई बार वो कुछ सोच समझ नहीं पाते और खुद ही उनका इलाज करना शुरू कर देते हैं. माता- पिता बच्चों के बीमार हो जाने पर दवाई देने में छोटी -छोटी गलतियां कर देते हैं. जो उनको बिलकुल नहीं करनी चाहिए. इससे बच्चे की दिक्कत बढ़ सकती है. इसलिए जजरूरी है बच्चे जब बीमार हों तो उनको सबसे पहले डॉक्टर (Doctor) को दिखाएं.

डॉक्टर के परामर्श के अनुसार कब, कौन सी दवा देनी है, वो देते रहें. आइये जानते हैं कुछ बातें जिससे  पेरेंट्स बच्चों को दवा देने में गलतियां करने से बच सकें

सही खुराक देना:- बच्चे के बीमार होने पर माता-पिता जिम्मेदारी होती है कि बोतल पर लिखे गए इंस्ट्रक्शन्स के हिसाब से उनको दवा दें. आमतौर पर डाक्टर की सलाह के अनुसार ही बच्चों को दवा देनी चाहिए. फिर अगर बच्चों को डॉक्टर द्वारा दी गई दवा से आराम नहीं मिल रहा है तो फौरन डॉक्टर से मिलकर अपने बच्चे की सारी परेशानियां बतानी चाहिए.

दवा खुराक को दोहराना:- खांसी आने पर अक्सर ऐसा होता है. पैरेंट्स बच्चों को अगर बार- बर खांसी आ रही है, तो हर बार खांसी का सिरप पिला देते हैं. ताकि बच्चों की खांसी बंद हो सके. ऐसा करने से बचें क्योंकि ज्यादातर कफ सिरप पीने के बाद सुस्ती आती है. जो बच्चे की सेहत के लिए ठीक नहीं है.

दर्द से मिले आराम:- बच्चे जब बाहर खेलते हैं या थक-हार कर घर आते हैं, उनको अगर पैर में दर्द हो या सिर दर्द आदि की शिकायत होती है तो अक्सर कुछ पैरेंट्स बच्चों को पेन किलर दे देतें हैं. जो बिल्कुल नहीं करना चाहिए. दर्द निवारक दवा खाने से बच्चों को आगे चल कर गंभीर दिक्कतें हो सकती ंहै. ऐसे में पैरेंट्स बच्चों को घरेलू नुस्खे अपनाकर दर्द से निजात पा सकते हैं. बच्चे का दर्द भी दूर हो जाएगा.

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PM Modi ने की गति शक्ति योजना की शुरुआत, जानें क्या है ये

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डिजिटल भारत I PM मोदी बुधवार को ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’  की शुरुआत करेंगे. इसके द्वारा करीब 100  लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को फुल स्पीड मिलेगी.

              प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने बुधवार को आर्थिक क्षेत्रों से बहुस्तरीय संपर्क के लिए गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान  की शुरुआत की और कहा कि 21वीं सदी का भारत, सरकारी व्यवस्थाओं की उस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है.

प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर  प्लान  रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है. इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं. इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या साल 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको गति शक्ति योजना के तहत डाल दिया जाएगा. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) के तहत भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N) ने गति शक्ति योजना की निगरानी के लिए प्लेटफार्म विकसित किया है. आज  13 अक्टूबर को एक राष्ट्रीय स्तर के कॉन्फ्रेंस के द्वारा इसे लॉन्च किया जाएगा, साथ ही देश के 36 स्थानों पर इसका वर्चुअल लिंक होगा.

क्या होगा इस योजना के तहत  यह डिजिटल मंच बुनियादी ढांचा विकास कार्यों को फुल स्पीड से चलाने में मदद करेगा. इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में  मदद होगी, स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा. यह उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में भी मदद करेगा. 

कहां से आया कॉन्सेप्ट ,

असल में साल 2014 में सत्ता में आने के बाद ही पीएम मोदी ने एक ही तरह के काम करने वाले कई मंत्रालय एक मंत्री को सौंपकर ‘सुपर . मिनिस्टर्स’ की अवधारणा पेश की थी ताकि बेहतर सिनर्जी तैयार हो सके. लेकिन ब्यूरोक्रेसी का सिस्टम इस तरह का है कि उसमें अलग-अलग खांचों में काम होता है.  इससे निपटने के लिए गति शक्ति योजना का प्रस्ताव रखा गया ताकि साल 2024-25 तक सभी बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के लक्ष्य… एक तरह से यह कहा जा सकता है कि गतिशक्ति योजना ‘सरकारी वर्क कल्चर’ में आमूल बदलाव का एक प्रयास है जिसमें अभी तक होता यह था कि दाहिने हाथ को . भी नहीं पता होता था कि बायां हाथ क्या कर रहा है.

सभी राज्यों को शामिल करने की योजना

सभी राज्यों से इस पहल में शामिल होने का आग्रह किया गया है, क्योंकि इससे देश भर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उचित कार्यान्वयन में मदद मिलेगी और आगे.

चलकर मंच का आंकड़ा निजी क्षेत्र को भी दिया जा सकता है. सड़क, रेलवे, दूरसंचार, तेल और गैस जैसे मंत्रालयों की परियोजनाएं इस मंच पर हैं, और इससे कपड़ा  तथा खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालयों को भी अपने पार्कों की योजना बनाने में मदद मिल सकती है.

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पंजाब CM के बेटे की सादे अंदाज में शादी, खुद कार चलाकर बेटे को गुरुद्वारे लेकर पहुंचे चन्नी

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पंजाब CM के बेटे की सादे अंदाज में शादी, खुद कार चलाकर बेटे को गुरुद्वारे लेकर पहुंचे चन्नी , आज पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का बेहद साधारण अंदाज नजर आया। अपने बड़े बेटे नवजीत सिंह की शादी में वे खुद कार चलाकर अपने आवास से गुरुद्वारा सच्चा धन साहिब पहुंचे। नवजीत सिंह की शादी डेराबस्सी के पास अमलाला गांव की रहने वाली इंजीनियरिंग ग्रेजुएट सिमरंधीर कौर से हुई। दोनों का विवाह बेहद सादगी अंदाज में हुआ। इस मौके पर पंजाब कैबिनेट के कई मंत्री भी पहुंचे।

आज पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बेटे नवजीत सिंह की शादी गुरुद्वारा सच्चा धन साहिब में संपन्न हुई। नवजीत ने एमबीए की पढ़ाई कर रही डेराबस्सी के पास अमलाला गांव की रहने वाली इंजीनियरिंग ग्रेजुएट सिमरंधीर कौर से शादी की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री चन्नी का बेहद साधारण अंदाज नजर आया। वे खुद कार चलाकर अपने बेटे को कार्यक्रम स्थल तक ले गए। समारोह एक साधारण कार्यक्रम के तहत संपन्न हुआ। हालांकि सीएम प्रोटोकोल के तहत मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतेजाम थे।
विवाह की सभी रस्में गुरुद्वारे में ‘आनंद कारज’ समारोह आयोजित की गई। रिसेप्शन सोमवार को खरार के पास एक होटल में होगा।

शादी के बाद सीएम चन्नी ने पूरे परिवार संग मिलकर गुरुद्वारे में लंगर चखा. इस दौरान सीएम चन्नी, और नवविवाहित जोड़ा भी पंगत में बैठे और लंगर का आनंद लिया.

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हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ ‘पुष्पांजलि’ और ‘सिंदूर खेला’ की दी अनुमति

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डिजिटल भारत: बंगाल: कलकत्ता हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ ‘पुष्पांजलि’ और ‘सिंदूर खेला’ की दी अनुमति, बड़े पंडाल में अधिकतम 60 लोगों को प्रवेश कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सशर्त दुर्गा पूजा पंडालों में ‘पुष्पांजलि’ की पेशकश करने और ‘सिंदूर खेला’ की अनुमति दे दी है। लेकिन इसके लिए संपूर्ण टीकाकरण जरूरी है देश के किसी राज्य में सबसे अधिक धूमधाम से नवरात्रि मनाई जाती है तो वह है पश्चिम बंगाल लेकिन इस बार कोरोना की वजह से राज्य सरकार ने कई प्रतिबंध भी लगा दिए हैं।

लोगों को माता के दर्शन के लिए कोरोना नियमों का पालन करना होगा। हालांकि इन प्रतिबंधों के बीच आज यहां के भक्तों के लिए एक अच्छी खबर आई है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सशर्त दुर्गा पूजा पंडालों में ‘पुष्पांजलि’ की पेशकश करने और ‘सिंदूर खेला’ की अनुमति दे दी है। लेकिन इसके लिए संपूर्ण टीकाकरण जरूरी है, यानी की आपको वैक्सीन की दोनों डोज लगवानी होगी। वहीं अदालत ने पंडालों में लोगों की संख्या सीमित कर दी है। बड़े पूजा पंडाल में 45 से लेकर 60 लोगों को तो छोटे पंडाल में 10 से15 लोगों को प्रवेश मिल सकेगा।

विजयादशी पर बंगाल में क्यों होती है सिंदूर खेला की रस्म? जानें क्या है 

धुनुची डांस का महत्व बंगाल के लोग दुनिया के किसी भी कोने में हों, वे नवरात्रि के त्यौहार को पूरी भव्यता के साथ मनाते हैं. बंगाल के लोग नवरात्रि में मां दुर्गा की पांरपरिक रीति-रिवाज से आराधना करते हैं. यहां दुर्गा बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाने का रिवाज है

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तीसरी लहर और त्योहारों की भीड़ को लेकर  बीएमसी ने जारी किया अलर्ट  मुंबई में 84 दिन के पीक पर कोरोना केस

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तीसरी लहर और त्योहारों की भीड़ को लेकर  बीएमसी ने जारी किया अलर्ट  मुंबई में 84 दिन के पीक पर कोरोना केस

Coronavirus in India Latest Updates: भारत में कोरोना के नए मामलों में तेजी से कमी आई है. लेकिन केरल और मुंबई जैसे कुछ राज्य अभी भी ऐसे हैं, . जहां संक्रमितों का आंकड़ा सबसे अधिक है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में देश में 22,431 नए मामले सामने आए हैं, . इसके साथ ही देशभर में अब तक संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,38,94,312 पहुंच गई है. वहीं, पिछले 24 घंटे में 318 को. वहीं, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या में फिर तेजी से इजाफा हो रहा है. बीते 24 घंटे में यहां 624 मामले सामने आए हैं. आंकड़ों क. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बीते 24 घंटे में देशभर के सक्रिय मरीजकोविड मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर यानी रिकवरी रेट (Recovery Rate) 97.95 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे ज्यादा है. केंद्रीय स्वास्थ्य , के मुकाबले 19.1 प्रतिशत ज्यादा है.

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लखीमपुर खीरी कांड मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में CJI की बेंच करेगी सुनवाई

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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया. इस मामले में SC आज सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन वी रमना की बेंच यह सुनवाई करेगी.


उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया. इस मामले में SC आज (गुरुवार को) सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन वी रमना की बेंच यह सुनवाई करेगी. CJI के अलावा जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली भी बेंच में शामिल हैं. केस का टाइटल ‘लखीमपुर खीरी में हिंसा के चलते जान का नुकसान’ है. मीडिया रिपोर्टस और चिट्ठी पर सुप्रीम कोर्ट ने यह संज्ञान लिया है.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. हजारों की संख्या में किसान यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में केंद्रीय मंत्रियों का विरोध करने के लिए जमा हुए थे. किसानों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में रविवार को हुई हिंसा को लेकर केस दर्ज कराया है.


किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि मंत्री के बेटे के काफिले में शामिल वाहनों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचला. इसके बाद हिंसा भड़क उठी और 4 किसानों के अलावा काफिले में शामिल चार अन्य लोग भी मारे गए थे. यूपी पुलिस ने लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. धारा 302, 120बी और अन्य धाराओं में यह केस दर्ज किया गया है.केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने मंगलवार को स्वीकार किया था कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जिस कार ने किसानों को कुचला था वह उनकी थी लेकिन वे या उनका बेटा (आशीष मिश्रा) घटना के समय मौजूद नहीं थे.
अजय मिश्रा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था, ‘पहले दिन से ही हम इस बारे में स्पष्ट है कि वह Thar (वाहन) हमारी है, यह हमारे नाम पर दर्ज है. यह वाहन, कुछ कार्यकर्ताओं को लेकर किसी को लेने के लिए जा रहा था. मेरा बेटा दूसरी जगह पर था. सुबह 11 बजे से शाम तक, वह एक अन्य इवेंट को आयोजित कर रहा था. मेरा बेटा (आशीष मिश्रा) वहां मौजूद था, वहां हजारों की संख्या में लोग थे. इसके फोटो और वीडियो भी हैं. यदि आप उसका कॉल रिकॉर्ड और CDR, लोकेशन जानना चाहते हैं….तो सब चेक कर सकते हैं. हजारों लोग यह हलफनामा देने को तैयार है कि आशीष मिश्रा वहां (दूसरे आयोजन में) था. ‘

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जकरबर्ग की संपत्ति 52 हजार करोड़ रु. कम हो गई, फेसबुक के डाउन होने से, जानिए फेसबुक के डाउन होने की वजह

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सोमवार की रात फेसबुक, वाट्सऐप और इंस्टाग्राम करीब 6 घंटे तक डाउन रहे। इस दौरान तीनों प्लेटफॉर्म्स के अरबों यूजर्स को परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्विटर पर मीम्स और शिकायतों का अंबार लग गया। यह समस्या सोमवार रात करीब 9.15 बजे सामने आई थी। इसका असर अमेरिकी बाजार में फेसबुक के शेयर और मार्क जकरबर्ग की कमाई पर भी पड़ा है।

समझते हैं, फेसबुक क्यों बंद हुआ था? किस तकनीकी समस्या वजह से ये परेशानी आई थी? क्या वाकई ये एक तकनीकी समस्या थी या इसके पीछे कोई और वजह थी और फेसबुक को इससे कितना नुकसान हुआ है…

फेसबुक के डाउन होने के बाद से ही इसकी वजह को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। सायबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसके पीछे बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल (BGP) की वजह से दिक्कत आई थी।बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल (BGP) क्या होता है?

आसान भाषा में समझें तो बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल से ही इंटरनेट काम करता है। बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल इंटरनेट पर मौजूद सभी नेटवर्क्स को एक-दूसरे के साथ बाइंड करता है। दरअसल इंटरनेट नेटवर्क का एक जाल होता है। जब आप किसी वेबसाइट को ओपन करते हैं, तो BGP ही नेटवर्क के इस जाल में वेबसाइट को तेजी से ओपन करने का रास्ता पता करता है। BGP में दिक्कत आने की वजह से फेसबुक का नेटवर्क पाथ मिल नहीं पाया और यही फेसबुक के डाउन होने की वजह बना।

ये परेशानी आई क्यों?

हाल ही में फेसबुक ने कई सारे राउंटिंग चेंजेस किए थे इस वजह से फेसबुक का डोमेन नेम सिस्टम (DNS) सर्वर बंद हो गया था। DNS सर्वर को आप इंटरनेट की डायरेक्टरी समझिए। DNS में हर वेबसाइट का एड्रेस स्टोर होता है। आप किसी भी वेबसाइट को जब इंटरनेट पर सर्च करते हैं, तो आप डोमेन नेम डालते हैं, जैसे www.bhaskar.com। DNS इस डोमेन नेम को वेबसाइट के IP एड्रेस में चेंज कर देता है। फेसबुक के किए चेंजेस की वजह से DNS सर्वर बंद हो गया था इसी वजह से ये परेशानी आई।

क्या ये केवल तकनीकी गड़बड़ी थी?

इस मामले को डिजिटल प्राइवेसी और सायबर सिक्योरिटी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल फेसबुक के डाउन होने से कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी चैनल CBS पर फ्रांसेस होगन का एक इंटरव्यू टेलीकास्ट हुआ था। फ्रांसेस फेसबुक की पूर्व कर्मचारी रही हैं और फिलहाल एक व्हिसल ब्लोअर के तौर पर फेसबुक के इंटरनल इन्वेस्टिगेशन की रिपोर्ट्स को लीक कर रही हैं। फ्रांसेस का आरोप है कि फेसबुक जनता को नुकसान पहुंचा रहा है और सख्त कदम उठाने की बजाय ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने पर ध्यान दे रहा है। उनकी रिपोर्ट्स पिछले कुछ दिनों से वॉल स्ट्रीट जर्नल में ‘द फेसबुक फाइल्स’ नाम से पब्लिश भी हो रही है।

फेसबुक के डाउन होने को इस इंटरव्यू से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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‘रामायण’ में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का 83 साल की उम्र में निधन

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अरविंद त्रिवेदी के भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने उनके निधन के खबर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी, हालांकि उन्हें कोई बड़ी बीमारी नहीं थी।

दूरदर्शन पर प्रसारित हुए रामानंद सागर के बेहद लोकप्रिय पौराणिक धारावाहिक ‘रामायण’ में रावण का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का मंगलवार की रात को मुंबई के कान्दिवली स्थित घर पर निधन हो गया। अभिनेता की मौत की खबर की उनके एक करीबी रिश्तेदार ने पुष्टि की है। वह 83 साल के थे और लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।

अरविंद त्रिवेदी के भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने उनके निधन के खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि ‘मंगलवार (5 अक्तूबर) रात करीब 10 बजे उनका निधन हो गया है। उन्होंने बताया कि ‘चाचाजी पिछले कुछ सालों से लगातार बीमार चल रहे थे। पिछले तीन साल से उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब रहने लगी थी। ऐसे में उन्हें दो-तीन बार अस्पताल में भी दाखिल कराना पड़ा था। एक महीने पहले ही वो अस्पताल से एक बार फिर घर लौटे थे। मंगलवार की रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने कांदिवली स्थित अपने घर में ही दम तोड़ दिया।’

मई में उड़ी थीं अरविंद त्रिवेदी की मौत की अफवाह                                                              

इस साल मई में अरविंद त्रिवेदी के निधन की खबरें सामने आई थीं, जिन पर उनके भतीजे कौस्तुभ ने इसे अफवाह बताते हुए विराम लगा दिया था। इसके अलावा रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने इन अफवाहों का खंडन करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी। सुनील लहरी ने लोगों से कहा था कि वे इस तरह के फेक न्यूज न फैलाएं। 

अरविंद त्रिवेदी ने रामानंद सागर द्वारा बनाई गई रामायण में रावण का दमदार रोल निभाया था। उन्होंने इस तरह से रोल प्ले किया था कि आज तक लोगों की आंखों के सामने उनकी वही छवि बनी हुई है।

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स्मार्ट फ़ोन में है जासूसी का ख़तरा

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आप स्मार्ट फ़ोन भी रखें और उसकी जासूसी से बचे रहें, ये दोनों बातें साथ-साथ मुमकिन नहीं हैं और लोगों को ये बात समझने की ज़रूरत है.’

तकनीकी कंपनी आर्मा (ARMA) के प्रमुख पिम डोनकर्स स्मार्ट फोन्स की सुरक्षा की कमज़ोरियां बताते हुए ऐसा कहते हैं.

स्विट्ज़रलैंड स्थित उनकी कंपनी अति सुरक्षित संचार उपकरण तैयार करती है.

डोनकर्स स्मार्ट फ़ोन्स की तुलना मधुमक्खी के छत्ते से करते हैं जिसमें कोई भी तीसरा पक्ष आसानी से आ-जा सकता है और उड़ाए गए डेटा का ग़लत इस्तेमाल कर सकता है, उसे बेच भी सकता है.

स्मार्टफ़ोन्स की सुरक्षा को लेकर उन जैसे लोगों की चिंता को हाल में सामने आए मामले जैसे पेगासस कांड से और बल मिला है.

इस सॉफ़्टवेयर को इसराइल की एनएसओ ग्रुप तैयार करती है.

जुलाई में ये बात सामने आई कि स्पाई सॉफ़्टवेयर पेगासस को एंड्राएड और आईफ़ोन में इंस्टॉल किया जा सकता है और उसकी मदद से मोबाइल से मैसेज, तस्वीरों और ई-मेल्स को निकाला जा सकता है.

सिक्योर कैमरा बनाने वाली कंपनी लोटेक्स के बिज़नेस हेड लैरी पेंग कहते हैं, “हम दिन रात इस तरह की ख़बरें पढ़ते हैं जिसमें डेटा ब्रीच, हैक, और दूसरे तरह की घुसपैठ की बातें होती हैं जिससे अंदाज़ा होता है कि बड़ी-बड़ी कंपनियां और सरकारें जिन्होंने हमें सुरक्षित रखने का वादा किया हुआ है, वो अपने फ़ायदे के लिए हमारी पीठ पीछे इस तरह के काम कर रही हैं.”

ऐसी आशंकाओं के बाद कंपनियां इस तरह के मोबाइल डिवाइसेज़ बेच रही हैं जिन्हें वो अल्ट्रा सिक्योर बताती हैं.

ये कॉल्स की रिकार्डिंग भी कर सकता है और इसके सहारे माइक्रोफोन और कैमरा को भी संचालित किया जा सकता है, जिससे उस डिवाइस को इस्तेमाल करने वाले की बातों को सुना जा सकता या उसकी तस्वीरें या वीडियो तैयार की जा सकती हैं.

पहले समझा जाता था कि इस तरह की तकनीक कुछ ही देशों के पास है लेकिन अब बहुत सारे देश, व्यक्ति और छोटे समूहों तक इनकी पहुंच है.

इन चिंताओं के बाद, ग्राहकों में ऐसे प्रोडक्ट्स को लेकर दिलचस्पी पैदा हुई है जो सुरक्षित होने के नाम पर बेचे जा रहे हैं. इनमें वैसे स्मार्टफ़ोन्स भी शामिल हैं जिन्हें इंक्रिप्ट किया जाता है और उनमें ऑनलाइन सर्च, मैप्स को लेकर भी विकल्प होते हैं.

हाल में अमेरिका के एक रिसर्च में सामने आया कि क़रीब 50% लोगों को ये लगता है कि उनकी ऑनलाइन गतिविधि पर सरकार की नज़र है. 72% का कहना था कि वो महसूस करते हैं कि जब वो अपने फ़ोन का प्रयोग करते हैं तो उनपर विज्ञापन, तकनीक और दूसरी तरह की कंपनियों की नज़र रहती है.

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कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर बदले सुर , भारत के ऐक्शन से ‘सकते’ में ब्रिटिश सरकार,

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भारत के ऐक्शन से ‘सकते’ में ब्रिटिश सरकार, कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर बदले सुर

कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता न देने पर भारत की कार्रवाई से ब्रिटिश सरकार सकते है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारत में ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा है कि हम भारतीय कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देने के लिए मोदी सरकार को तकनीकी सहयोग जारी रखेंगे।

बता दें कि ब्रिटेन ने भारत के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को अब तक मान्यता नहीं दी है, जिस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत सरकार ने आज ऐलान किया कि ब्रिटेन से आने वाले लोगों के लिए भारत में 10 दिनों तक क्वारंटीन में रहना जरूरी होगा। हले ब्रिटेन ने भारत में लगने वाली कोविशील्ड वैक्सीन को ही मंजूरी प्राप्त टीकों से बाहर रखा था, जिस पर भारत ने उसे ‘जैसे को तैसा’ रवैया अपनाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने वैक्सीन को तो मंजूरी दे दी, लेकिन तकनीकी पेच फंसाते हुए सर्टिफिकेट पर सवाल उठा दिया था i
ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के लिए यह जरूरी होगा कि सफर से 72 घंटे पहले तक के कोरोना आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट उनके पास हो।

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