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एक भारत उत्कृष्ट भारत

UP के लिए जानलेवा साबित हो रही ये गर्मी, अब तक २० लोगो की मौत का आकड़ा आया सामने

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डिजिटल भारत I यूपी में भीषण गर्मी से लोगों की बढ़ गई है परेशान, लू ने किया बेहाल
मिर्जापुर में सबसे अधिक चार लोगों की गई जान, पूर्वांचल में 11 की मौत, मौसम विभाग का अनुमान, 19-20 जून तक शुरू होगी मॉनसूनी बारिश
उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। शनिवार को कानपुर देश में सबसे गर्म रहा। कानपुर में दिन का तापमान 46.3 डिग्री रहा। 35.2 डिग्री सेल्सियस के साथ यहां की रात भी देश में सबसे गर्म रही।
भीषण गर्मी की चपेट में यूपी के ये शहर
उत्तर प्रदेश में आसमान से बरस रही आग में लोगों की परेशानी लगातार बढ़ी हुई है। भीषण गर्मी के कारण आगरा, झांसी, महोबा, ललितपुर, इटावा में लोगों में घरों में दुबकना पड़ रहा है। यूपी के 17 शहरों को आसमान से आग जैसी बरसती धूप ने हीट आइलैंड में बदल दिया है। कानपुर और प्रयागराज में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 46.7 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, भीषण गर्मी से कानपुर नगर, झांसी, बांदा, हमीरपुर, प्रयागराज, आगरा, बागपत, जालौन, इटावा, वाराणसी, ललितपुर, कानपुर देहात, फतेहपुर, गाजियाबाद और मैनपुरी जिले हीट आइलैंड बने हुए हैं।
कानपुर और बुंदेलखंड में गर्मी के चलते शनिवार को 20 लोगों की मौत हो गई। इनमें कानपुर में आठ, चित्रकूट में छह, महोबा में तीन और बांदा व हमीरपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसके अलावा वाराणसी और आसपास भी गर्मी से 14 लोगों की जान चली गई। इनमें वाराणसी में सात, बलिया में तीन, मिर्जापुर में दो और गाजीपुर व सोनभद्र में एक-एक की व्यक्ति की जान गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, 15 और 16 जून को पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी जैसी स्थिति रहने का अनुमान है। लू, तपिश और रात में भी गर्मी जैसी स्थिति रहने का अनुमान जताया गया है। दूसरी तरफ, गर्मी के कारण परेशान लोगों को जल्दी ही बारिश की फुहार का आनंद मिलने की भी खुशखबरी आई है। राहत वाली बारिश के अनुमान जताए जा रहे हैं। बंगाल की खाड़ी में हलचल तेज होने से अब उत्तर प्रदेश में समय पर मानसून आने का अनुमान है।

शहर अधिकतम तापमान
कानपुर 46.3
हमीरपुर 46.2
झांसी 46.1
वाराणसी 46.0
प्रयागराज 46.0
आगरा 45.5
उरई 45.4
बाराबंकी 45.4

सरकारी स्कूलों में बढ़ाई गई छुट्‌टी
भीषण गर्मी के बीच सरकार ने बच्चों को बड़ी राहत दे दी है। बेसिक शिक्षा परिषद के तहत चलने वाले कक्षा एक से आठ तक के परिषदीय स्कूलों एवं मान्यता प्राप्त विद्यालयों में छुट्टी 24 जून तक के लिए बढ़ा दी गई है। छात्र-छात्राओं की कक्षाएं अब 28 जून से चलेंगी। पहले यह 15 जून तक छुट्‌टी घोषित की गई थी। परिषद ने 25 जून से शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को विद्यालय आने का निर्देश दिया है। उम्मीद की जा रही है मॉनसून आने से भीषण गर्मी की स्थिति से लोगों को राहत मिलेगी।

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एक छोटी सी लॉन्ग के फायदे जानकर आप हो जाएंगे हैरान

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डिजिटल भारत I लौंग एक बंद फूल की कली होता है जो मर्टेसिआइ कुल के वृक्ष सिज्जीयम एरोमैटिकम पर उगता है। लौंग का रंग गहरा भूरा होता है और इसकी गंध बढ़िया होती है तथा यह गर्म, अत्यधिक मीठा, तीखा और थोड़ा कसैला होता है।
लौंग को सम्मान का प्रतीक माना जाता है और यह विश्व का एक मूल्यवान और महंगा मसाला है। सामान्य तौर पर इसका उपयोग गरम मसाला, सलाद, अचार और बिरयानी में किया जाता है।1 मुख्य रूप से लौंग का उत्पादन इंडोनेशिया, मलेशिया, भारत, श्रीलंका, तंज़ानिया और मेडागास्कर में किया जाता है। लौंग में एंटीऑक्सीडेंट, दर्द निवारक, एंटी-बैक्टीरियल और वायरसरोधी जैसे कई चिकित्सीय गुण पाए जाते हैं
पाचन के लिहाज से भी लौंग बहुत लाभकारी होती है. इसे रोज आप सुबह खाली पेट खाने लगें तो मेटाबॉलिज्म मजबूत हो जाएगा. यह कब्ज, एसिडिटी, अपच और पेट में अल्सर जैसी परेशानी में भी आराम दिलाने का काम करता है.
वहीं, लौंग खाने से दांत का दर्द भी दूर होता है. क्योंकि इसमें यूजेनॉल नाम का दर्द निवारक तत्व पाया जाता है. इससे साइनस की भी समस्या से निजात मिलती है. इसके अलावा लौंग लिवर की भी परेशानी से निजात दिलाने का काम करता है
गुप्तांगों में रक्त प्रवाह बढ़ता है
Erectile Dysfunction का कारण ही है गुप्तांगों में रक्त प्रवाह का कम होना । अगर गुप्तांगों तक ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं होगा तो स्तंभन दोष का सामना करना पड़ सकता है । आप जब भी इस समस्या के समाधान के लिए डॉक्टर के पास जायेंगे, तो वे ऐसी दवाइयां और तेल सुझाएंगे जिनसे पुरुष गुप्तांगों में रक्त का प्रवाह बेहतर हो सके
टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाता है
अगर आप रोजाना डॉक्टर की सलाह के साथ उचित मात्रा में लौंग का सेवन करते हैं तो आपके टेस्टोस्टेरोन लेवल में भी बढ़ोत्तरी होगी । दरअसल अगर आप ध्यान दें पुरुषों में सभी यौन समस्याएं टेस्टोस्टेरोन की कमी की ही वजह से होती हैं । यही पुरुष यौन विशेषताओं जैसे चेहरे के बाल, आवाज का गहरा होना और लिंग व अंडकोष की वृद्धि के लिए भी जिम्मेदार है । साथ ही Sperm Production से लेकर Libido को भी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है
प्रजनन क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव डालता है
वर्तमान समय में लगातार Infertile Males की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों ने बताया है कि भारत में हर साल 12 से 18 मिलियन से अधिक जोड़ों में बांझपन का निदान किया जाता है । उन्होंने बताया है कि जहां तीन दशक पहले एक सामान्य भारतीय वयस्क पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या 60 मिलियन/मिलीलीटर हुआ करती थी, वहीं अब यह लगभग 20 मिलियन/मिलीलीटर है ।

लीवर के लिए लौंग के संभावित उपयोग:
लीवर रक्षक गुण का पता लगाने के लिए एक जानवर मॉडल पर लौंग के अर्क का परीक्षण किया गया था। लौंग के अर्क ने सीरम में एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज़, एलेनिन ट्रांसएमिनेज और क्षारीय फॉस्फटेज एंजाइम की गतिविधि को पहले जैसा किया और इस प्रकार लिवर की रक्षा करने का गुण दिखाया।1 यद्यपि, यदि आप लीवर में किसी प्रकार की दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो दवा के रूप में लौंग का इस्तेमाल करने के पहले स्वास्थ्य सेवाप्रदाता से संपर्क करें।
एंटीऑक्सीडेंट के रूप में लौंग के संभावित उपयोग:
परीक्षणों में लौंग और यूजेनॉल ने जबरदस्त एंटीऑक्सीडेंट का गुण प्रदर्शित किया है। लौंग में लिपिड पेरोक्सीडेशन को कम करने और हाइड्रोजन छोड़ने की उच्च क्षमता होती है।1 संयुक्त राज्य के कृषि विभाग के साथ-साथ विश्वविद्यालयों और निजी कंपनियों के डाटाबेस से यह संकेत मिलता है कि लौंग में उच्च मात्रा में पॉलीफेनौल्स और अन्य एंटीऑक्सीडेंट यौगिक पाए जाते हैं। लौंग की कली के अर्क का इस्तेमाल एक खाद्य एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कर सकते हैं।

दर्द निवारक के रूप में लौंग के संभावित उपयोग:
13वीं शताब्दी से ही लौंग के दर्द निवारक गुण का दस्तावेजीकरण किया गया है। जोड़ों के दर्द, दांत के दर्द एवं स्पास्मोडिक दर्द में लौंग का तेल असरदार हो सकता है।2 डेंटल क्लिनिक में लौंग के तेल का एनालजेसिक (दर्द निवारक) एजेंट के रूप में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है क्योंकि यह दांत के दर्द में आराम दे सकता है। यह सूजन पैदा करने वाले मध्यस्थों (ल्यूकोट्रियन) और प्रोस्टाग्लैंडीन को दबा सकता है। इसके अतिरिक्त, यह माना जाता है
पेट संबंधी बीमारियों में लौंग के संभावित उपयोग:
लौंग का तेल पेट फूलने और गैस की समस्या से निजात पाने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, मोशन सिकनेस, मतली, हिचकी और उल्टी जैसी पेट की बीमारियों में लौंग का तेल एक असरदार औषधि का काम कर सकता है।

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क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना(PMAY),कब तक है जारी?

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डिजिटल भारत I प्रधानमंत्री आवास योजना एक योजना है जिसे भारत सरकार द्वारा 25 जून 2015 को शुरू किया गया था। इस योजना का मिशन उन गरीब लोगों के लिए घर बनाना है जिनके पास अपना घर नहीं है जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है। .
इससे पहले, इंद्र आवास योजना के नाम से जानी जाने वाली यह योजना वर्ष 1985 में शुरू की गई थी। 2015 में यह योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में बदल गई।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य मैदानी और समतल क्षेत्रों में घर बनाना और 120000 रुपये और पहाड़ी और कठिन क्षेत्रों के लिए 1300000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

प्रधानमंत्री आवास योजना 2024 का उद्देश्य भारतीय सरकार द्वारा गरीब और निचले वर्ग के लोगों को स्थायी आवास प्रदान करना है। यह योजना ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों को समर्थन प्रदान करती है ताकि वे स्वयं के लिए एक घर खरीद सकें और सुरक्षित रह सकें। इस योजना के तहत, आवास की तरह लाभार्थियों को स्थायी आवास प्रदान किया जाएगा। इस योजना का लाभ 31 दिसंबर 2024 तक मिलेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत, 1.22 करोड़ नए घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।
होम लोन पर ब्याज सब्सिडी
आवास मंत्रालय ने कौशल विकास पर केंद्रित ‘शहरी आजीविका मिशन’ के दूसरे चरण को शुरू करने की तैयारी में हैं। इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गरीबों को लोन देने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा, महीनों की चर्चा के बाद, यह शहरी गरीबों के लिए होम लोन के लिए ब्याज सब्सिडी योजना शुरू करने का इरादा रखता है। इसकी घोषणा पीएम मोदी ने 15 अगस्त को की थी। सभी मंत्रालयों और विभागों ने अपनी योजनाओं को अंतिम रूप दे दिया है। कैबिनेट सचिव उनकी समीक्षा कर रहे हैं। नई सरकार के पहले तीन महीनों के लिए निर्धारित किए जा रहे लक्ष्यों के विवरण में कई परियोजनाएं और प्लानिंग शामिल हैं।
पीएमएवाई क्या है?
1 जून 2015 को शुरू की गई पीएम आवास योजना शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके 2022 तक हाउसिंग फॉर आल मिशन के तहत भारत में आवास की कमी को खत्म करने का लक्ष्य रखती है। इसके दो घटक हैं –
पीएमएवाई शहरी
पीएमएवाई ग्रामीण
प्रधानमंत्री आवास योजना जारी है या नहीं?
केंद्र सरकार ने PMAY कार्यक्रम के दोनों घटकों की वैधता बढ़ा दी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2.95 करोड़ घरों के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पीएमएवाई-ग्रामीण कार्यक्रम की वैधता 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दी है। PMAY-G के लिए पहले की समय सीमा 31 मार्च, 2021 थी।

इसी तरह, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त 2022 में PMAY-शहरी योजना को दिसंबर 2024 तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी, जबकि पहले मार्च 2022 की समय सीमा थी।
हालांकि, योजना के तहत घर खरीदारों के लिए क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) का लाभ केवल 30 सितंबर, 2022 तक उपलब्ध था। इससे पहले, 31 मार्च, 2022 को CLSS के तहत लाभ प्राप्त करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। स्पष्टता की कमी के कारण, भारत में ज्यादातर बैंकों ने लोन लेने वालों को CLSS देना फिलहाल बंद कर दिया है।
हालांकि कुछ कार्यक्रमों की समय सीमा बढ़ा दी गई है, किफायती आवास को बढ़ावा देने के लिए धारा 80 EEA के तहत दिए जाने वाले लाभ 31 मार्च, 2022 को समाप्त हो गए, क्योंकि सरकार ने केंद्रीय बजट 2022-23 में इस धारा को जारी रखने की कोई घोषणा नहीं की।
PMAY: मुख्य विशेषताएं
पीएमएवाई का फुल फॉर्म प्रधानमंत्री आवास योजना
PMAY कार्यक्षेत्र PMAY-शहरी उर्फ ​​प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी
PMAY-ग्रामीण उर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण

आधिकारिक वेबसाइट – PMAY शहरी:
प्रक्षेपण की तारीख – 25 जून 2015
वैधता PMAY-शहरी: 30 सितंबर, 2022
PMAY-ग्रामीण: 31 मार्च, 2024
पता – प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) आवास और शहरी कार्य मंत्रालय निर्माण भवन, नई दिल्ली-110011
PMAY संघटक भाग सीटू स्लम पुनर्विकास में
क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना
साझेदारी में किफायती आवास
लाभार्थी के नेतृत्व वाली निर्माण योजना
टोल फ्री नंबर 1800-11-6163 – हुडको
1800 11 3377, 1800 11 3388 – एनएचबी

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गर्मी मैं कैसे रखे सेहत का खयाल,जानिय

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डिजिटल भारत l शरीर की गर्मी क्यों बढ़ती है?
आंतरिक और बाहरी दोनों प्रभावों के कारण आपके शरीर की गर्मी बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, धूप में बहुत अधिक समय बिताने से आपके शरीर का तापमान काफी बढ़ सकता है। भारी व्यायाम या सामान्य से अधिक घूमने-फिरने के कारण भी यह बढ़ सकता है। महिलाओं के लिए, पेरिमेनोपॉज़ और रजोनिवृत्ति जैसी स्थितियों के कारण शरीर की गर्मी बढ़ सकती है, जिसके दौरान उन्हें गर्मी की चमक या रात में पसीना आने का अनुभव हो सकता है। आपके शरीर की गर्मी बढ़ने का एक और महत्वपूर्ण लेकिन काफी असामान्य कारण कुछ दवाओं का उपयोग है। कुछ दवाएं आपके शरीर में अत्यधिक गर्मी पैदा कर सकती हैं, जिससे आपके शरीर की गर्मी बढ़ सकती है।

शरीर में गर्मी बढ़ने के सबसे सामान्य कारण यहां दिए गए हैं:शरीर की गर्मी को प्राकृतिक रूप से कम करने वाले खाद्य पदार्थ

1: नारियल पानी .
गर्मियों के दौरान सबसे अच्छा पेय. नारियल पानी में प्राकृतिक रूप से ठंडक पहुंचाने वाले गुण होते हैं जो आपको इस साल की चिलचिलाती गर्मी से लड़ने में मदद कर सकता है। यह आपके शरीर को हाइड्रेट कर सकता है और इस प्रकार तापमान पैदा करने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स को प्राकृतिक रूप से संतुलित कर सकता है। जैसा कि हम कहते हैं कि नारियल पानी में मलाई होने के कारण यह हमेशा मीठा होता है। अपने चेहरे को ठंडक देने के लिए आप पानी पी सकते हैं और बची हुई मलाई को अपने चेहरे पर लगा सकते हैं।

2: छाछ.
इस स्वस्थ पेय में अत्यधिक गर्मी में भी हमारे शरीर को ठंडा रखने के लिए आवश्यक प्रोबायोटिक्स, विटामिन और खनिज होते हैं। रोजाना या शायद दिन में दो बार छाछ पीने से आपके शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद मिल सकती है। अपनी ऊर्जा को बहाल करने और अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडा करने के लिए एक गिलास ठंडा छाछ पीने का प्रयास करें। तरबूज.
आम के अलावा , तरबूज एक और फल है जो अक्सर भारत में गर्मी के मौसम में पाया जाता है। आमतौर पर, तरबूज पीने में पानी की मात्रा 92% तक होती है, जो निर्जलीकरण को रोकने और शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगी। अगर इसका नियमित रूप से सेवन किया जाए तो यह आपके शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
3: खीरा.
तरबूज़ की तरह खीरे में भी पानी की मात्रा अधिक होती है। वे फाइबर से भी भरपूर होते हैं, जो कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं, जो गर्मियों के दौरान या जब आपके शरीर में गर्मी बढ़ जाती है तो आम समस्याओं में से एक है। खीरे का उपयोग आमतौर पर न केवल सलाद में किया जाता है, बल्कि आंखों को आराम देने के लिए चेहरे के तीव्र उपचार में भी किया जाता है। चूँकि इसमें 95% पानी होता है, इसलिए यह शरीर में अतिरिक्त कैलोरी को भी कम करने में मदद करता है। एक आदर्श ग्रीष्मकालीन साथी!शरीर की उच्च गर्मी का क्या प्रभाव पड़ता है? | (Garmi Se Bachne ke Upay)
शरीर की उच्च गर्मी सामान्य लग सकती है, लेकिन इसका हमारे स्वास्थ्य और शरीर पर भयानक प्रभाव पड़ता है।
अप्रिय लक्षण
प्रमुख प्रभावों में कूदने से पहले, गर्मी तनाव के कुछ सामान्य लक्षणों को देखना बेहतर होता है, जिसमें शामिल हैं,
पेट के अल्सर
गर्मी में ऐंठन
त्वचा पर चकते
चिड़चिड़ा मूड
शरीर की गर्मी बढ़ने से अत्यधिक पसीना आता है, इससे आसानी से एक मिनट में आपका मूड अच्छे से बुरे में बदल सकता है। बढ़ा हुआ चिड़चिड़ापन शरीर की गर्मी में वृद्धि के सबसे बुरे प्रभावों में से एक है। यह अच्छा नहीं है जब आपका मूड हमेशा बंद होता है, इसलिए अपनी इंद्रियों को खोलें और शरीर की गर्मी को कम करने के तरीके पर सतर्क रहें।
अनिद्रा
अब यह एक भयानक स्थिति है। नींद हम में से अधिकांश के लिए भोजन की तरह ही महत्वपूर्ण और प्रिय है! अपने शरीर को ठंडा नहीं होने देने से निश्चित रूप से आपकी रातों की नींद हराम हो जाएगी। जो बदले में आपके दिन के सभी स्वस्थ दिनचर्या को प्रभावित करता है।शरीर की उच्च गर्मी का क्या प्रभाव पड़ता है? | (Garmi Se Bachne ke Upay)
शरीर की उच्च गर्मी सामान्य लग सकती है, लेकिन इसका हमारे स्वास्थ्य और शरीर पर भयानक प्रभाव पड़ता है।
अप्रिय लक्षण
प्रमुख प्रभावों में कूदने से पहले, गर्मी तनाव के कुछ सामान्य लक्षणों को देखना बेहतर होता है, जिसमें शामिल हैं,
पेट के अल्सर
गर्मी में ऐंठन
त्वचा पर चकते
चिड़चिड़ा मूड
शरीर की गर्मी बढ़ने से अत्यधिक पसीना आता है, इससे आसानी से एक मिनट में आपका मूड अच्छे से बुरे में बदल सकता है। बढ़ा हुआ चिड़चिड़ापन शरीर की गर्मी में वृद्धि के सबसे बुरे प्रभावों में से एक है। यह अच्छा नहीं है जब आपका मूड हमेशा बंद होता है, इसलिए अपनी इंद्रियों को खोलें और शरीर की गर्मी को कम करने के तरीके पर सतर्क रहें।
अनिद्रा
अब यह एक भयानक स्थिति है। नींद हम में से अधिकांश के लिए भोजन की तरह ही महत्वपूर्ण और प्रिय है! अपने शरीर को ठंडा नहीं होने देने से निश्चित रूप से आपकी रातों की नींद हराम हो जाएगी। जो बदले में आपके दिन के सभी स्वस्थ दिनचर्या को प्रभावित करता है।शरीर की उच्च गर्मी का क्या प्रभाव पड़ता है? | (Garmi Se Bachne ke Upay)
शरीर की उच्च गर्मी सामान्य लग सकती है, लेकिन इसका हमारे स्वास्थ्य और शरीर पर भयानक प्रभाव पड़ता है।
अप्रिय लक्षण
प्रमुख प्रभावों में कूदने से पहले, गर्मी तनाव के कुछ सामान्य लक्षणों को देखना बेहतर होता है, जिसमें शामिल हैं,
पेट के अल्सर
गर्मी में ऐंठन
त्वचा पर चकते
चिड़चिड़ा मूड
शरीर की गर्मी बढ़ने से अत्यधिक पसीना आता है, इससे आसानी से एक मिनट में आपका मूड अच्छे से बुरे में बदल सकता है। बढ़ा हुआ चिड़चिड़ापन शरीर की गर्मी में वृद्धि के सबसे बुरे प्रभावों में से एक है। यह अच्छा नहीं है जब आपका मूड हमेशा बंद होता है, इसलिए अपनी इंद्रियों को खोलें और शरीर की गर्मी को कम करने के तरीके पर सतर्क रहें।
अनिद्रा
अब यह एक भयानक स्थिति है। नींद हम में से अधिकांश के लिए भोजन की तरह ही महत्वपूर्ण और प्रिय है! अपने शरीर को ठंडा नहीं होने देने से निश्चित रूप से आपकी रातों की नींद हराम हो जाएगी। जो बदले में आपके दिन के सभी स्वस्थ दिनचर्या को प्रभावित करता है।जानिए लू से बचने के घरेलू उपाय

* धूप में निकलते वक्त छाते का इस्तेमाल करना चाहिए. सिर ढक कर धूप में निकलने से भी लू से बचा जा सकता है.
* घर से

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कैसे रखे बच्चो को मोटिवेटेड, जाने कुछ अनोखे टिप्स

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डिजिटल भारत l कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो पढ़ाई से पूरी तरह विमूख होते हैं, जिन्‍हें पढ़ना-लिखना बिल्‍कुल अच्‍छा नहीं लगता। पढ़ाई के नाम से वो ऐसे भागते हैं जैसे उन्‍हें कितना बड़ा काम करने को दे दिया गया हो। कई बार ऐसा होता है कि माता-पिता को बच्चे को पढ़ाने का सही तरीका पता नहीं होता है और उन्हें लगता है कि बच्चे को डांट या मार देना ही एक ऐसा विकल्प है जिससे डरकर वह पढ़ाई करने लगेगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई में यह सही तरीका है। जी नहीं, यह सही तरीका नहीं है।
अगर आपके बच्चे को पढ़ाई करना बिल्कुल भी नहीं पसंद हैं उसे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने का सबसे पहला स्टेप यह होना चाहिए कि सबसे पहले आप उसकी समस्या को पहचानें, जैसे कि बच्चे को पढ़ाई के दौरान कौन सा सब्जेक्ट अच्छा लगता है और कौन सा नहीं लगता, उसे कौन सी चीज याद करने में दिक्कत होती है, क्‍या उसे लिखने में परेशानी होती है। जब तक आप पढ़ाई को लेकर उसकी समस्या को नहीं समझेंगी तब तक आप पढ़ाई को लेकर उसके नकारात्मक रवैये को नहीं समझ पाएंगी। एक बार जब आप समस्या की जड़ तक पहुंच जाएंगी तो फिर आप उसका समाधान भी निकाल लेंगी।
बच्चे को डेली कम से कम बीस मिनट तक पढ़ने की आदत डालवाएं। डेली पढ़ने से ना केवल बच्चे का विकास होगा, बल्कि उसकी शब्दावली में भी वृद्धि होगी और उसका लर्निंग प्रोसेस बढ़ेगा। बच्चे को हमेशा सही टाइम पर पढ़ना, ब्रेक लेना और सोना सिखाएं। बिना ब्रेक के लगातार पढ़ते रहने से वो तनावग्रस्त हो सकते हैं।
पढ़ाई में बच्चे को आपके मदद की जरूरत होती है इसलिए लर्निंग प्रोसेस में उनकी मदद जरूर करें। उन विषयों के बारे में जानने का कोशिश करें करें, जिनमें बच्चे की रुचि है, और साथ ही उन विषयों के बारे में भी जानने की कोशिश करें जिनमें उनकी रुचि नहीं है।
अगर आप अपने जीवन में सीखना चाहते हैं, तो ये आपके लिए बहुत अच्छा होगा क्योंकि गलतियां हर किसी से होती है। इसमें समय के साथ सुधार बहुत जरूरी है। खासकर, अपने बच्चे के भविष्य को स्वर्णिम बनाने के लिए आपको भी सीखने की आदत डाल देनी चाहिए। इससे आप अपने बच्चे को हर परिस्थिति में जीवन जीने की कला सीखा सकते हैं। आइए तरीके जानें।
अपने बच्चों के प्रति स्नेह रखें
हर एक रिश्ते में स्नेह की भावना जरूरी है। अगर आप अपने बच्चों के साथ हमेशा स्नेह और लगाव रखेंगे तो आपके बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे, और आपको सारी बातें बताएंगे। इसके लिए आप अपने बच्चे को हमेशा जादू की झप्पी दें, उसे गले लगाएं, उनके साथ खेलें। बच्चों को प्यार दिखाने में बिल्कुल संकोच न करें। अगर आप अपने बच्चों के साथ स्नेह न रखेंगे, तो वे अवसाद के शिकार हो सकते हैं।
कई बार माता पिता के कहने पर बच्चा पढ़ने तो बैठ जाते हैं लेकिन उनका ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता। माता पिता डांट फटकार कर बच्चों पर दबाव बनाते हैं। हालांकि डांटने या जबरन पढ़ाने से बच्चे की रुचि पढ़ाई में नहीं बढ़ती। यहां अभिभावकों को कुछ ऐसे तरीके बताए जा रहे हैं जो उन्हें पढ़ाई से मुंह चुराने नहीं देंगे और खुद ब खुद उनका मन पढ़ाई में लगने लगेगा।
बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करें लेकिन उन पर दबाव न डालें। पढ़ाई का दबाव बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस कारण उनको पढ़ाई बोझ की तरह लगती है। उनपर जरूरत से अधिक दबाव न बनाएं, हंसते-खेलते बच्चों को पढ़ाई की कठिन बातें समझाने की कोशिश करें।

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क्या आप भी शौकीन है फ़ास्ट फ़ूड के, जाने इसके हानिकारक प्रभाव

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डिजिटल भारत l जंक फूड के दीर्घकालिक प्रभाव
जंक फूड हमारे दैनिक आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। फास्ट फूड चेन से लेकर सुविधा स्टोर तक, इसे ढूंढना और खाने के लिए ललचाना आसान है। हालांकि, जंक फूड के हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यहां कुछ सबसे महत्वपूर्ण तरीके दिए गए हैं जिनसे जंक फूड हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को आहार की गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। हम जिस तरह की चीजों का सेवन करते हैं उसका सेहत पर सीधा असर होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि हमारे शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान फास्ट और प्रोसेस्ड फूड्स से होता है। इस तरह की चीजें न सिर्फ तेजी से शरीर के वजन को बढ़ाने वाली हो सकती हैं, साथ ही इसके कारण कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का खतरा भी हो सकता है। फास्ट फूड्स का शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत पर असर देखा जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को आहार की गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। हम जिस तरह की चीजों का सेवन करते हैं उसका सेहत पर सीधा असर होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि हमारे शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान फास्ट और प्रोसेस्ड फूड्स से होता है। इस तरह की चीजें न सिर्फ तेजी से शरीर के वजन को बढ़ाने वाली हो सकती हैं, साथ ही इसके कारण कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का खतरा भी हो सकता है। फास्ट फूड्स का शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत पर असर देखा जाता है।
कुंजी ले जाएं
जंक फूड, जिसे विवेकाधीन भोजन या वैकल्पिक भोजन के रूप में भी जाना जाता है, किसी भी आहार के हिस्से के रूप में आवश्यक नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको आवश्यक रूप से उन सभी स्वादिष्ट व्यंजनों को छोड़ना होगा, लेकिन आप इसे कभी-कभार और कम मात्रा में ही खा सकते हैं। इससे आपको अत्यधिक वजन बढ़ने और जंक फूड से जुड़ी अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं से बचने में मदद मिलेगी। लब्बोलुआब यह है कि, अन्य स्वस्थ आदतों के साथ संतुलित आहार न केवल पुरानी बीमारियों के जोखिम को रोकने या कम करने में मदद करेगा बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देगा।

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जाने कितने प्रकार के होते है आम, ये है सबसे मेहगा

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डिजिटल भारत l गर्मी का मौसम चल रहा है, ऐसे में अब आपने भी मौसमी फलों का सेवन शुरू कर दिया होगा। वहीं, जब भी फलों के राजा की बात होती है, तो आम का जिक्र होता है। इसमें भी आम की 14,00 प्रजातियां हैं। इसके अलावा कई जंगली प्रजातियां भी हैं। हालांकि, क्या आपको दुनिया के सबसे महंगे आम के बारे में पता है। खास बात यह है कि यह आम अब भारत में भी मौजूद है, जिसका दाम 3 लाख रुपये किलों तक चला जाता है।

उत्तर भारत समेत विभिन्न राज्य इस समय भीषण गर्मी झेल रहे हैं। ऐसे में लोग गर्मी से बचने के लिए ठंडी तासीर वाले फलों का सेवन कर रहे हैं, जिसमें खरबूज और तरबूज समेत अन्य फल शामिल हैं। वहीं, जब भी बात फलों के राजा की होती है, तो उसमें आम का नाम लिया जाता है। आम की प्रजातियों की बात करें, तो वे 1400 हैं, लेकिन हमें केवल कुछ ही प्रजातियों के बारे में जानकारी है, जिसमें लंगड़ा, चौसा, दशहरी और अल्फांसो शामिल है।
स्वादिष्ट होने के अलावा, आम कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं। वे विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली (Defence system) को बढ़ाता है, और आहार फाइबर में उच्च होता है, पाचन में सहायता करता है और कब्ज को भी रोकता है।
अल्फांसो आम
अल्फांसो आम, जिसे हापुस के नाम से भी जाना जाता है, इसे आमों का राजा माना जाता है। वे अपने मलाईदार बनावट, मीठे स्वाद और सुर्ख नारंगी रंग के लिए जाने जाते हैं। अल्फांसो आम मुख्य रूप से भारत के महाराष्ट्र के रत्नागिरी और देवगढ़ क्षेत्रों में उगाए जाते हैं। उनकी उच्च मांग और सीमित खेती उन्हें आम की सबसे महंगी किस्मों में से एक बनाती है।

ये आम मध्यम आकार के सुनहरे-पीले छिलके वाले होते हैं, जो कभी-कभी लाल रंग के हो सकते हैं। अल्फांसो आम का गूदा गहरा नारंगी, दृढ़ और रेशे रहित होता है, जो इसे अविश्वसनीय रूप से चिकना और रसदार बनाता है। अल्फांसो आम की सीमित मौसमी उपलब्धता होती है, आमतौर पर अप्रैल और जून के बीच पाए जाते हैं।

2. ताइयो नो तमागो आम
जापान के मियाजाकी प्रान्त में उगाए गए, ताइयो नो तमागो आमों को उनके असाधारण स्वाद के लिए जाना जाता है। यह अपने जीवंत रंग, स्वादिष्ट स्वाद और अनूठी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। इस फल ने अपने असाधारण स्वाद, सौंदर्य और मनमोहक सुगंध के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है। स्वाद, बनावट और सीमित आपूर्ति का अनूठा संयोजन इनकी उच्च कीमत का कारण है।

. सेकाई-इची मैंगो
सेकाई-इची का मतलब जापानी में “दुनिया का नंबर एक” है, और ये आम अपने नाम पर खरा उतरते हैं। जापान के मियाजाकी में उगाए जाने वाले सेकाई-इची आमों की सावधानी से खेती की जाती है और जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, उन्हें अलग-अलग सुरक्षात्मक थैलियों में लपेटा जाता है। ये
5. बॉम्बे ग्रीन मैंगो
बॉम्बे ग्रीन मैंगो, जिसे हिंदी में “कैरी” के रूप में भी जाना जाता है, भारत में आमतौर पर पाए जाने वाले कच्चे आम की एक किस्म है। यह अपने तीखे और खट्टे स्वाद और सुगंध के लिए लोकप्रिय है, जिससे वे अत्यधिक मूल्यवान और मांग में हैं।

मध्य प्रदेश हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के ज्वाइंट डायरेक्टर आर एस कटारा ने बताया कि कि इन आमों के पेड़ों को देखा है। इस पर लगने वाले आम भारत में दुलर्भ हैं। उन्होंने कहा कि ये आम महंगे इसलिए हैं, क्योंकि इनका उत्पादन बहुत कम होता है। इनका स्वाद बहुत टेस्टी होता है। यह दूसरे आमों से अलग हैं। दूसरे देशों में लोग इन्हें गिफ्ट के तौर पर देते हैं।

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जाने क्यों रियल स्टेट में निवेश है जरुरी, कैसे कर सकते है काम धन राशी से स्टार्ट

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डिजिटल भारत l प्राचीन काल से, अचल संपत्ति का मालिक होना हैसियत, धन और विश्वसनीयता से जुड़ा रहा है। सोने के साथ-साथ, यह किसी के धन को सुरक्षित रखने का सबसे सुरक्षित तरीका था। जैसे-जैसे हमने आधुनिक युग में कदम रखा, निवेश के कई अन्य विकल्प विकसित हुए। स्टॉक, बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड डिजिटल या क्रिप्टो करेंसी जैसे विकल्पों ने निवेशकों को अपना पैसा लगाने के कई विकल्प दिए। लेकिन इन सभी में से, रियल एस्टेट अभी भी दीर्घकालिक, लाभदायक निवेश के लिए सबसे सुरक्षित और लाभकारी तरीकों में से एक बना हुआ है।
रियल एस्टेट मूल्य हमेशा समय के साथ बढ़ते हैं। अच्छे निवेश के साथ, जब बेचने का समय हो तो कोई भी भारी मुनाफा कमा सकता है। समय के साथ किराया भी बढ़ता है, जिससे नकदी प्रवाह बढ़ता है। यह ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है कि आप अपनी अचल संपत्ति को जितने लंबे समय तक अपने पास रखेंगे, आप उतना ही अधिक पैसा कमाएंगे। आवास बाजार हमेशा उन बुलबुलों और संकटों से उबरता है जिनके कारण घर की सराहना कम हो जाती है। सबसे अनिश्चित समय के बाद भी, कीमतें हमेशा सामान्य हो जाती हैं, और मूल्यवृद्धि वापस पटरी पर आ जाती है। निवेश के अन्य तरीकों में, जैसे शेयर बाजार में, नुकसान का जोखिम सर्वव्यापी है, लेकिन रियल एस्टेट किसी के निवेश पर अधिक नियंत्रण प्रदान करता है।
नकदी प्रवाह बंधक भुगतान और परिचालन खर्चों को कवर करने के बाद रियल एस्टेट निवेश से होने वाली शुद्ध आय है। रियल एस्टेट नकदी प्रवाह उत्पन्न करने की काफी क्षमता प्रदान करता है। एक स्थिर मासिक किराये की आय निष्क्रिय आय का एक उत्कृष्ट प्रोत्साहन है और निवेशक को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
कर लाभ
रियल एस्टेट पर कर कटौती से आय में कमी आ सकती है और कुल कर में कमी आ सकती है। किराये की आय पर कोई स्व-रोज़गार कर नहीं है। साथ ही, सरकार संपत्ति के मूल्यह्रास, बीमा, रखरखाव और मरम्मत के खर्च, कानूनी शुल्क और यहां तक ​​कि बंधक पर भुगतान किए गए ब्याज के लिए कर छूट प्रदान करती है।
रियल एस्टेट निवेश का एक बहुत ही महत्वपूर्ण लाभ अपने स्वयं के पैसे का केवल एक छोटा सा हिस्सा निवेश करके और संपत्ति खरीदने के लिए बाकी पैसे उधार लेकर लीवरेज का उपयोग करने की क्षमता है। यदि आप अपनी बचत से डाउन पेमेंट करते हैं और संपत्ति की शेष लागत को कवर करने के लिए आवास ऋण लेते हैं, तो आप कुल खरीद मूल्य के कम से कम 15% के लिए प्राइम रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आपके अपने पैसे का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही संपत्ति में निवेश किया गया है, लेकिन फिर भी आप संपत्ति के मालिक बने रहेंगे।
संपत्ति एक मूर्त संपत्ति है, जिसका उपयोग पूंजीगत प्रशंसा का आनंद लेते हुए कई राजस्व धाराओं को भुनाने के लिए किया जा सकता है। उच्च मूर्त संपत्ति मूल्य चिरस्थायी सुरक्षा सुनिश्चित करता है क्योंकि अन्य निवेशों जैसे कि कम या कोई ठोस मूल्य वाले स्टॉक के विपरीत, रियल एस्टेट में हमेशा मूल्य रहेगा।

REITs का पूरा नाम रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट है। अगर कोई निवेश छोटी राशि से रियल एस्टेट में निवेश करना चाहता है तो ये निवेश करने के सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। REITs में यूनिट्स में निवेश किया जाता है। REITs उसी कंपनी की ओर से जारी किए जाते हैं जो कि देश में ऑफिस, मॉल्स, होटल्स या अन्य प्रकार की रियल एस्टेट संपत्तियों का संचालन करती हो। ये शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं। भारत में BROOKFIELD INDIA REIT,EMBASSY OFFICE REIT और MINDSPACE BUSINESS REIT आदि लिस्टेड REITs हैं।

ऑनलाइन रियल एस्टेट निवेश प्लेटफॉर्म का उपयोग करें
रियल एस्टेट निवेश प्लेटफ़ॉर्म डेवलपर्स को उन निवेशकों से जोड़ते हैं जो ऋण या इक्विटी के माध्यम से परियोजनाओं को वित्तपोषित करना चाहते हैं। निवेशकों को महत्वपूर्ण जोखिम उठाने और प्लेटफ़ॉर्म पर शुल्क का भुगतान करने के बदले में मासिक या त्रैमासिक वितरण प्राप्त होने की उम्मीद है। कई रियल एस्टेट निवेशों की तरह, ये सट्टा और अतरल हैं – आप इन्हें आसानी से उस तरह से उतार नहीं सकते जैसे आप किसी स्टॉक का व्यापार कर सकते हैं।

समस्या यह है कि पैसा कमाने के लिए आपको पैसे की आवश्यकता हो सकती है। इनमें से कई प्लेटफ़ॉर्म केवल मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए खुले हैं , जिन्हें प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा ऐसे लोगों के रूप में परिभाषित किया गया है, जिन्होंने पिछले दो वर्षों में प्रत्येक में $200,000 (पति/पत्नी के साथ $300,000) से अधिक की आय अर्जित की है या जिनकी कुल संपत्ति $1 मिलियन है। या अधिक, जिसमें प्राथमिक निवास शामिल नहीं है। जो लोग उस आवश्यकता को पूरा नहीं कर सकते उनके लिए विकल्पों में फंडराइज और रियल्टीमोगुल शामिल हैं ।
किराये की संपत्तियों में निवेश के बारे में सोचें
टिफ़नी एलेक्सी ने 21 साल की उम्र में जब अपनी पहली किराये की संपत्ति खरीदी थी, तब उनका रियल एस्टेट निवेशक बनने का इरादा नहीं था। तब उत्तरी कैरोलिना के रैले में एक कॉलेज सीनियर के रूप में, उन्होंने स्थानीय स्तर पर ग्रेजुएट स्कूल में भाग लेने की योजना बनाई और सोचा कि किराए पर लेने की तुलना में खरीदारी करना बेहतर होगा।

“मैं क्रेगलिस्ट पर गया और एक चार-बेडरूम, चार-बाथरूम वाला कॉन्डो पाया जो छात्र-आवास शैली में स्थापित किया गया था। मैंने इसे खरीदा, एक शयनकक्ष में रहा और अन्य तीन शयनकक्षों को किराए पर दे दिया,” एलेक्सी कहते हैं।

सेटअप ने उसके सभी खर्चों को कवर किया और प्रति माह अतिरिक्त $100 नकद लाया – एक स्नातक छात्र के लिए मामूली बदलाव से बहुत दूर, और इतना कि एलेक्सी ने रियल एस्टेट बग को पकड़ लिया।

एलेक्सी ने एक रणनीति का उपयोग करके बाजार में प्रवेश किया जिसे कभी-कभी हाउस हैकिंग कहा जाता है, यह शब्द बिगरपॉकेट्स द्वारा गढ़ा गया है, जो रियल एस्टेट निवेशकों के लिए एक ऑनलाइन संसाधन है। इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि आप अपनी निवेश संपत्ति पर या तो कमरे किराए पर ले रहे हैं, जैसा कि एलेक्सी ने किया था, या एक बहु-इकाई भवन में इकाइयों को किराए पर देकर। साइट पर डेटा और एनालिटिक्स के उपाध्यक्ष डेविड मेयर का कहना है कि हाउस हैकिंग निवेशकों को चार इकाइयों तक की संपत्ति खरीदने की सुविधा देती है और फिर भी आवासीय ऋण के लिए अर्हता प्राप्त करती है।

प्रॉपर्टी खरीदते समय किन बातों रखें ध्यान?
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपको पूरी रिसर्च करें, जिस इलाके में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। उस इलाके की कनेक्टिविटी शहरे के मुख्य इलाकों से अच्छी होनी चाहिए।
रियल एस्टेट में निवेश के लिए ऐसे इलाकों का चुनाव चाहिए। जहां सरकार की ओर से मेट्रो लाइन आदि बनाई जा रही है। कनेक्टिविटी सुधरने के साथ ही उस इलाके तक पहुंच आसान होने के कारण कीमतों में उछाल आ जाता है।
अगर संभव हो ते प्रॉपर्टी लीज पर लें, क्योंकि इससे प्रॉपर्टी की लागत कम हो जाती है।
अगर फ्लैट ले रहे है तो बिल्डर का सीसी सर्टिफिकेट जरूर चेक करें।
साथ ही जिस प्रॉपर्टी को आप खरीद रहे हैं। वह स्थानीय प्राधिकरण द्वारा एप्रूव होनी चाहिए।

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जाने कुछ सबसे मेहगे विशेष हीरे या उनसे बने आभूषण के बारे में

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डिजिटल भारत l दुनिया के सभी हीरों का राजा ‘कोहिनूर हीरा’ है. यह 106 कैरेट का बेहद ही खूबसुरत हीरा है. यह कई भारतीय शासकों के पास रहा. दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक 106 कैरेट के कोहिनूर हीरे को 19वीं सदी में भारत से ब्रिटेन ले जाया गया था. तब से आज तह यह हीरा ब्रिटिश शाही परिवार के मुकुट की शोभा है. लेकिन आपको बता दें कोहिनूर सबसे महंगा हीरा नहीं है, इससे भी कीमती हीरे दुनिया में मौजूद हैं. इन हीरों की कीमत इतनी है कि पूरा का पूरा शहर बस जाए.
विश्व का यह सबसे बड़ा नीला हीरा ‘द ओप्पेनहैमेयर ब्लू’ नाम से जाना जाता है जिसे क्रिस्टी ने यहां एक निजी संग्रहकर्ता को भेजा है। हालांकि खरीदने वाली की पहचान गुप्त रखी गई है।
दुनिया में कहां-कहां पाए जाते हैं हीरे
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि दुनिया में ऐसी कौन-सी जगह हैं, जहां हीरे पाए जाते हैं। आपको बता दें कि हीरे की करीब 50 फीसदी खानें दक्षिणी और मध्य अफ्रीक में मौजूद हैं। हालांकि, इसके अलावा यह भारत, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और रूस में भी पाया जाता है।
इतना है हीरे का वजन
कलिनन हीरा दुनिया का सबसे बड़ा हीरा है। इसके कुल वजन की बात करें, तो यह कैरेट में 3106.75 है, जो कि इसे अन्य हीरों से अलग बनाती है। इसकी तुलना में यदि कोहिनूर हीरे की बात करें, तो वह केवल 105.6 कैरेट का है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह हीरा क्यों दुनिया का सबसे बड़ा हीरा है।

कितनी होगी हीरे की कीमत
हीरे की कीमत की बात करें, तो यह हीरे के आकार, पॉलिशिंग तकनीक समेत अन्य कारकों पर निर्भर करती है। ऐसे में एक कैरेट की कीमत कम से कम एक लाख रुपये से लेकर 17 से 18 लाख रुपये तक हो सकती है। हालांकि, यह कीमत सफेद हीरे के लिए है।

यदि हीरे का रंग अलग है, यानि कि गुलाबी, लाल या पीला और हरा, तो इसकी कीमत और अधिक हो सकती है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कलिनन की कीमत क्या हो सकती है। हालांकि, बाद में इस हीरे को कई टुकड़ों में विभाजित कर दिया गया था।

इस हीरे को प्लैटिनम की एक अंगूठी में जड़ा गया है और नीलामी से पहले इसकी कीमत 3.8 से 4.5 करोड़ डॉलर तक आंकी गई थी।

सीएनएन की एक खबर के मुताबिक इस हीरे का नाम उसके पुराने मालिक फिलिप ओप्पेनहैमेयर के नाम पर रखा गया है जिनका परिवार हीरों का कारोबार करने वाली कंपनी डी बियर्स का स्वामित्व रखता है।

ब्लैक डायमंड ऑरलॉव
काले हीरे अपने आप में अदभुत होते हैं लेकिन जब ये तकिये के आकार का काला हीरा 67.49 कैरट का हो तो क्या कहना.

एक क़िस्से के मुताबिक इसे 19वीं शताब्दी में भारत के एक ब्रह्मा मंदिर से चुराया गया था.

कहते हैं तब से हीरा अभिशप्त है. इसे चुराने वाला वक्त से पहले मरा ही था, इसके बाद के तीन मालिकों ने आत्महत्या कर ली थी. इनमें एक नाडिया विगिन-ऑरलॉव नाम की रूसी प्रिंसेज़, उनके एक रिश्तेदार और अमेरिका में इस डायमंड को आयात करने वाला डीलर जे डब्ल्यू पेरिस भी शामिल है.

हालांकि हाल की कुछ रिसर्च ने इन क़िस्सों पर प्रश्चचिन्ह लगाए हैं. अब एक्सपर्ट ये भी कह रहे हैं कि इसमें भी संदेह है कि हीरा भारत से चोरी हुआ था.

एक्सपर्ट तो प्रिंसेज़ नाडिया के अस्तित्व पर भी सवाल उठा रहे हैं.

‘द होप’
अपने काले अतीत के लिए मशहूर एक और अभिशप्त हीरा है – होप डायमंड. ये अमेरिका के स्मिथसोनियन म्यूज़ियम की नेशनल जेम कलेक्शन की शान है.

लंदन में क्रिस्टीज़ की ज्वेलरी एक्सपर्ट अराबेला हिस्कॉक्स कहती हैं, “ये 45.52 कैरट का बहुत ही ख़ास और दुर्लभ नीला हीरा है. जब इसे अल्ट्रावॉयलेट रोशनी के सामने लाया जाता है तो इसका रंग सुर्ख़ लाल हो जाता है. ये इसे और रहस्यमयी बनाता है.”

वर्ष 1966 में आई कार्ल शुकर की किताब ‘द अनएक्सप्लेंड’ में इसके इतिहास की दिलकश कहानी दर्ज है. क़िस्सा कुछ यूँ है –

एक हिंदू पुजारी ने इसे बेईमानी से मंदिर की मूर्ति से उतार लिया था. वर्ष 1668 में फ़्रांस के सम्राट लूई 14वें ने इसे ख़रीदा और फिर से फ़्रांस के क्रांति के दौरान इसे किसी ने चुरा लिया.

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एम्बुलेंस ना मिलने के कारन गोद में उठा कर पत्नी को अस्पताल पहुंचाया…….वीडियो वाइरल

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डिजिटल भारत I सरई थाना क्षेत्र के बिलवानी गांव में एक युवक की पत्नी की तबीयत अचानक खराब हो गई, तमाम कोशिशों के बाद जब एंबुलेंस नहीं मिली तो वह कंधे पर लादकर अस्पताल ले गया.प्रदेश के उर्जाधानी जिले सिंगरौली से एक दुर्भाग्यपूर्ण खबर सामने आई है, यहां एक आदिवासी व्यक्ति को अपनी पत्नी को ईलाज कराने के लिए करीब 10 किलोमीटर तक कंधे पर लादकर चलना पड़ा,सरकारी एंबुलेंस के लिए उसने कई बार प्रयास किया लेकिन नहीं मिली, जिसके बाद उसे यह कदम उठाना पड़ा, घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो गया है, वीडियो वायरल होने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग की किरकिरी होने लगी है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र के बिलवानी गांव में आदिवासी युवक की पत्नी की तबीयत अचानक खराब हो गई। तमाम कोशिशों के बाद जब एम्बुलेंस नहीं मिली तो पत्नी को कंधे पर लादकर पैदल चल दिया। 10 किलोमीटर दूर सरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने इलाज किया। पत्नी की हालत तो अब सुधर गई, पर बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की ये तस्वीर कब सुधरेगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
घटना का वीडियो आया सामने
इस घटना को जिसने भी देखा दंग रह गया। स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो बना लिया और इसे सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। घटना गुरुवार की है। मामले में जब अमर उजाला की टीम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क करना चाहा तो कई बार कॉल करने के बाद फ़ोन रिसीव नही किया गया। बहरहाल इस तरह की शर्मनाक तस्वीर से एक बार फिर स्वास्थ्य की किरकिरी शुरू हो गई है।

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