DIGITAL BHARAT

एक भारत उत्कृष्ट भारत

1500 करोड़ रूपए की लागत के आईटीसी की खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों का शिलान्यास 5000 लोगों को मिलेगा रोजगार

0 0
Read Time:5 Minute, 35 Second

डिजिटल भारत l 5000 लोगों को मिलेगा रोजगारमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सीहोर के औद्योगिक क्षेत्र बडियाखेड़ी में आईटीसी कम्पनी की कुल 1500 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित होने वाली दो इकाइयों- इंटीग्रेटेड फूड मैन्यूफैक्चरिंग एंड लॉजिस्टिक्स फैसिलिटी और सस्टेनेबल पैकेजिंग प्रोडक्ट्स मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी का शिलान्यास किया। ये दोनों इकाइयाँ 57 एकड़ में लगेंगी। इससे 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इस फूड प्लांट में आईटीसी के विश्वस्तरीय भारतीय ब्रांड जैसे देश का नंबर-1 आटा ब्रांड आशीर्वाद, सनफीस्ट बिस्कुट और यिप्पी नूडल्स का उत्पादन होगा, जबकि मोल्डेड फाइबर प्रोडक्ट्स प्लांट सस्टेनेबल पैकेजिंग के क्षेत्र में नए मानक बनाएगा। इससे इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, एफएमसीजी और फूड एवं बेबरेज सेक्टर में पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक का विकल्प मिलेगा।
सीहोर में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में आईटीसी का यह निवेश राज्य के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में मूल्य सृजित करेगा और एग्री-वैल्यू
चेन में सहयोग देगा। शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खेती में मध्यप्रदेश ने देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। मध्यप्रदेश ने डेढ़ दशकों तक 18 प्रतिशत की कृषि विकास दर प्राप्त कर चमत्कार किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि फसल नुकसान से बचने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए फसल उत्पादन के पैटर्न को
बदलना होगा। परंपरागत फसलों के साथ-साथ व्यावसायिक फसलों जैसे औषधीय फसलों का भी उत्पादन भी आवश्यक है।

खेती आधारित उद्योग लगाने के प्रयास

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खरीफ की फसल में अधिकतर सोयाबीन और धान ही लगाते है और कई बार एक फसल पर संकट आने से किसान को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग फसलों की किस्मों से किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो सके। इसके लिए आईटीसी ने 7000 एकड़ में तुलसी, अश्वगंधा, कलौंजी की खेती की है। उन्होंने कहा कि खेती पर आधारित उद्योग धंधे लगाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है, ताकि किसानों को अपनी फसलों का अच्छा दाम और स्थानीय नागरिकों को रोजगार मिले।

15 लाख 42,750 करोड़ के निवेश प्रस्तावमुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 15 लाख 42 हजार 750 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव आए हैं। आईटीसी कंपनी ने भी प्रस्ताव दिया था जिसके तहत बड़ियाखेड़ी में 1500 करोड रुपए का निवेश हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आईटीसी किसानों के साथ मिलकर उद्योग और खेती के विकास दोनों के लिए काम कर रही है। इस पहल से सीहोर और आसपास के 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा। निरंतर प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा उद्योग स्थापित हों और ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिले। मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अल्प वर्षा होने के कारण किसान चिंतित है। किसान चिंता न करें, सरकार हर संकट से निपटने के लिए उनके साथ में है। उन्होंने कहा कि बारिश कम होने के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है। पहले 7 हजार मेगावाट की आवश्यकता थी जो बढ़कर 15000 मेगावाट की मांग बढ़ गई है। आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन श्संजीव पुरी ने सीहोर में आईटीसी की नई निवेश परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में इछावर विधायक करण सिंह वर्मा, सीहोर विधायक सुदेश राय, आष्टा विधायक रघुनाथ मालवीय, जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर, सीहोर जनपद अध्यक्ष नावड़ी बाई बारेला, नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर उपस्थित थे।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

मतदाता सूची में नाम जुड़वाने 11 सितंबर तक किये जा सकेंगे आवेदन

0 0
Read Time:2 Minute, 15 Second

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत दावा-आपत्ति दर्ज
कराने की अवधि 11 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। अब कोई भी नागरिक मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, विलोपित कराने और
नाम में संशोधन के लिए 11 सितंबर तक आवेदन कर सकता है।
फोटो मतदाता सूची के व्दितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और
संशोधन के लिए जिले के प्रत्येक मतदान केंद्र पर 2 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया था और 31
अगस्त दावा-आपत्ति प्राप्त करने की अंतिम तिथि तय की गई थी।
निर्वाचन आयोग द्वारा दावा-आपत्ति प्राप्त करने की अवधि बढ़ा दिये जाने के बाद अब 11 सितंबर तक प्रत्येक कार्य
दिवस पर कार्यालयीन समय में सभी बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्र पर उपस्थित रहेंगे तथा मतदाता सूची में नाम जोड़ने,
हटाने और संशोधन के लिए आए आवेदनों को प्राप्त करेंगे।
ऐसे नागरिक जिनका नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं वे अपने मतदान केंद्र के बीएलओ को निर्धारित प्रारूप में
नाम जुड़वाने का आवेदन दे सकेंगे । नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर भी मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वा सकते हैं । इसके
लिए नागरिकों को voters.eci.gov.in अथवा Voter Helpline APP के माध्यम से आवेदन करना होगा। साथ ही ऐसे युवा जो 1
अक्टूबर 2023 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर रहे हैं वे भी अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए 11 सितंबर तक अग्रिम
रूप से आवेदन कर सकते हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

खुले आम बेचीं जाती है यहाँ लड़किया आलू लेलो प्याज लेलो की तरह लड़की लेलो के लगती है अबाज

0 0
Read Time:3 Minute, 51 Second

डिजिटल भारत l आमतौर पर शादी में लडके वाले दहेज लेते है। लडकी वालों को लडके वालो की मांग के अनुसार नगदी और गाडी दी जाती है। लेकिन आज आपको एक ऐसे देश के बारे में बता रहे है जहां इसका बिल्कुल उल्टा होता है। यहां लडक़े को लडक़ी के परिवार को पैसे देने पड़ते हैं। बाजार में लडक़े को पसंद आई लडक़ी को उसके परिवारवालों को भी बहू मानना होता है। इस नियम का पालन सख्ती से होता है।

क्या आपने कभी दुल्हन की मंडी देखी है? आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा कहीं होता है? क्या आज के समय में कहीं महिलाओं को बेचना अलाउड भी है? तो आपको बता दें कि हम मजाक नहीं कर रहे हैं. बुल्गारिया में एक ऐसी जगह है, जहां बिलकुल लीगल है दुल्हन का बाजार. जी हां, इस मार्केट में लोग घूमकर अपने लिए पत्नी खरीदते हैं.

हम बात कर रहे हैं बुल्गारिया में लगने वाली मंडी की, जहां दुल्हन बिकती है. बुल्गारिया के स्तारा जागोर नाम की जगह पर दुल्हन की ये मंडी लगती है. इस जगह पर मर्द अपने परिवार के साथ आता है और अपने लिए पसंद की लड़की चुनता है. जो लड़की लड़के को पसंद आती है, उसकी मोल-मोलाई की जाती है. लड़की के घरवाले जब दिए जा रहे दाम से संतुष्ट हो जाते हैं, तब उस कीमत में अपनी बेटी को लड़के के हवाले कर दिया जाता है. लड़का उस लड़की को घर ले आता है और उसे अपनी पत्नी का दर्जा दे देता है.
गरीबों के लिए लगता है बाजार
कई पुश्‍तों से लग रहा है ये बाजार दुल्हन खरीदने का चलन गरीब परिवारों में यहां कई पुश्तों से चला आ रहा है। इस पर कानूनी रोक भी नहीं। गर्मियों या सर्दियों के दौरान बुल्गारिया के स्टारा जागोर में ये बाजार लगाया जाता है।

दुल्हन का ये बाजार गरीब लड़कियों के लिए लगाया जाता है. आमतौर पर शादियों में काफी खर्च होता है. ऐसे परिवार जो अपनी बेटी की शादी नहीं करवा पाते, वो इस मंडी में अपनी बेटी को ले कर जाते हैं. इसके बाद लड़के वाले आते हैं और पसंद की लड़की को छांट लेते हैं. लड़की के घरवालों के हिसाब से पैसे देकर वो उस लड़की को खरीद लेते हैं. ये प्रथा बुल्गारिया में सालों से चली आ रही है. इस बाजार को लगाने के लिए सरकार भी इजाजत देती है. फिर भी लोग नहीं मानते.
अलग-अलग है कीमत
इस बाजार में बिकने वाली लड़कियों की कीमत अलग तय होती है. जिस लड़की ने इससे पहले किसी मर्द नहीं बनाया है, उसकी ज्यादा कीमत होती है. साथ ही मार्केट में बिकी दुल्हन को घर ले जाने से पहले भी कई नियम का पालन करना पड़ता है. इस मार्केट में कलाइदझी समुदाय के लोग अपनी बेटी बेचते हैं. उन्हें खरीदने वाले का भी इसी समुदाय का होना अनिवार्य है. साथ ही लड़की वालों का गरीब होना जरुरी है. आर्थिक रूप से मजबूत परिवार अपनी बेटी को नहीं बेच सकते. साथ ही खरीदी गई लड़की को बहू का दर्जा देना जरुरी है.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

भारत-पाकिस्तान मैच में लगी रिकॉर्ड्स की झड़ी… टूटे सालों पुराने रिकॉर्ड IND Vs PAK Asia Cup 2023:

0 0
Read Time:2 Minute, 27 Second

डिजिटल भारत । भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप मुकबला बेनतीजा रहा. भारत ने पाकिस्तान को जीत के लिए 267 रनों का टारगेट दिया था, लेकिन बारिश के चलते पाकिस्तानी पारी में एक भी गेंद नहीं फेंकी गई. पल्लेकेल में खेले गए इस महामुकाबले में ईशान किशन और हार्दिक पंड्या का जलवा देखने को मिला.

एशिया कप 2023 में 2 सितंबर (शनिवार) को भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए महामुकबले का कोई नतीजा नहीं निकल पाया. पल्लेकेल में हुए इस मैच में भारत ने पाकिस्तान को जीत के लिए 267 रनों का टारगेट दिया था, लेकिन लगातार बारिश के चलते पाकिस्तानी पारी में एक भी गेंद नहीं फेंकी गई. नतीजतन दोनों टीमों को एक-एक अंक मिले. भारत अपना आखिरी ग्रुप मैच 4 सितंबर को नेपाल के खिलाफ खेलेगा.

पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और हार्दिक पंड्या का जलवा देखने को मिला. हार्दिक पंड्या ने 90 गेंदों पर 87 रन बनाए, जिसमें सात चौके और एक सिक्स शामिल रहा. वहीं ईशान किशन के बल्ले से 82 रन निकले. ईशान ने 81 गेंदों का सामना किया और 9 चौके के अलावा दो छक्का लगाया.

ईशान-हार्दिक ने तोड़ा 18 साल पुराना रिकॉर्ड

ईशान किशन और हार्दिक पंड्या ने पांचवें विकेट के लिए 138 रनों की साझेदारी की. यह पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच में भारत की ओर से पांचवें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी रही. हार्दिक-ईशान ने राहुल द्रविड़ और मोहम्मद कैफ का रिकॉर्ड तोड़ दिया. द्रविड़-कैफ की जोड़ी ने साल 2005 में कानपुर वनडे में पांचवें विकेट के लिए 135 रन जोड़े थे.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

मुख्यमंत्री श्री चौहान बड़नगर में लाड़ली बहना सम्मेलन में शामिल हुएकिया 150 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमि-पूजन

0 0
Read Time:9 Minute, 44 Second

डिजिटल भारत | मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बहनों के सशक्तिकरण के लिये सामाजिक क्रांति हो रही है।मेरी जिंदगी का मकसद है बहनों के चेहरे पर मुस्कराहट लाना। मैं किसी बहन को दुखी नहीं रहने दूँगा। आज बड़नगर की जनता ने जो मुझे प्यार और विश्वास दिया है, बहनों ने जिस राखी के कच्चे धागे से मुझे बांधा है, उस विश्वास को कभी नहीं टूटने दूँगा। बहनों की जिंदगी खुशहाल बनाने के लिये हरसंभव प्रयास करूँगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज उज्जैन जिले के बड़नगर में
लाड़ली बहना सम्मेलन में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने 150 करोड़ रूपये के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमि-
पूजन किया। विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ भी वितरित किये। सम्मेलन का शुभारंभ कन्या-पूजन और दीप
प्रज्ज्वलन से हुआ। मुख्यमंत्री ने पुष्प-वर्षा कर विशाल संख्या में उपस्थित बहनों का अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बहन-बेटियों को सशक्त करने के कार्य निरंतर किये जा रहे हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना और अब लाड़ली बहना योजना ने समाज में बहनों की स्थिति को बहुत मजबूत कर दिया है। अब बेटियाँ बोझ नहीं वरदान बन गई हैं। प्रदेश में 21 वर्ष आयु की बहनों और ट्रेक्टर वाले परिवारों की बहनों के नाम जुड़ जाने के बाद अब लाड़ली बहनों की संख्या एक करोड़ 32 लाख हो गई है। जो बहनें छूट गई हैं, उनके नाम भी जोड़े जायेंगे।


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अभी राखी पर बहनों को 250 रूपये भिजवाये थे। लाड़ली बहना योजना की राशि अब
1250 रूपये कर दी गई है। इसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 3000 रूपये तक किया जायेगा। पहले बहनों को अपनी छोटी-छोटी
आवश्यकताओं के लिये परेशान होना पड़ता था। मैंने उनके इस दर्द को समझा और लाड़ली बहना योजना बनाई। लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है। इससे बहनों की परिवार में इज्जत बढ़ी है। सरकार का प्रयास है कि हर बहन की
आमदनी 10 हजार रूपये महीना हो और इसके लिये आजीविका मिशन में उन्हें विभिन्न गतिविधियों के लिये सहायता दी जा
रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब बहनों को टोल बेरियर भी संचालन के लिये दिये जा रहे हैं। टोल टैक्स से प्राप्त
राशि की 30 प्रतिशत राशि बहनों को आमदनी के रूप में मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम नया जमाना ला रहे हैं।
प्रदेश में सरकारी संसाधनों का उपयोग गरीबों और किसानों के लिये किया जा रहा है। हर व्यक्ति को पक्की छत की व्यवस्था की जा रही है। जिनके पास रहने की जमीन नहीं है उन्हें आवासीय भू-अधिकार योजना में पट्टे दिये जा रहे हैं। जिन व्यक्तियों के
नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में नहीं आये हैं, उनका सर्वे करवाकर उनके लिये नई योजना मुख्यमंत्री आवास योजना बनाई जा
रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस बार बारिश कम होने बिजली का उत्पादन कम हो रहा है। फिर भी सरकार द्वारा
गरीबों को राहत के लिये 31 अगस्त तक के एक किलोवाट तक के बिजली के बिल शून्य किये जा रहे हैं ।

और आगामी माह से हर माह (100 यूनिट तक) 100 रूपये बिजली का बिल आयेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहनें अपने बच्चों को अवश्य पढ़ायें। अब उच्च शिक्षा की मंहगी फीस भी मामा भरवायेगा। शिक्षा के लिये हर आवश्यक व्यवस्था सरकार द्वारा करवाई जा रही है। साइकिल के लिये 4500 रूपये सरकार देती है, अब 12वीं में स्कूल में टॉप करने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूटी भी दी जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पुरानी सरकार ने कन्या विवाह, तीर्थ-दर्शन, प्रसूति सहायता, शून्य प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण, मेधावी विद्यार्थियों को लेपटॉप आदि योजनाएँ बंद कर दी थी। हमारी सरकार ने फिर से इन्हें चालू किया है। अब सरकार बुजुर्गों को हवाई जहाज से भी तीर्थ-यात्रा करवा रही है। किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही 6 हजार रूपये की सम्मान निधि के अलावा राज्य सरकार भी 6 हजार रूपये प्रति वर्ष दे रही है। किसानों के ब्याज की राशि सरकार ने भरी है और उन्हें शून्य प्रतिशत ब्याज पर पुन: फसल ऋण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बड़नगर क्षेत्र के विकास के लिये कई घोषणाएँ कीं।

इनमें बड़नगर में 20 करोड़ रूपये की लागत से मल्टीपर्पज इंडोर स्टेडियम एवं स्वीमिंग पूल बनवाने और क्षेत्र के जो गाँव नर्मदा जल से वंचित रह गये हैं, उन सभी गाँवों में नर्मदा जल पहुँचाना प्रमुख है। मुख्यमंत्री ने नगर व आसपास के विभिन्न
मार्गों और पुल-पुलियाओं के निर्माण की भी घोषणा की। कार्यक्रम में प्रदेश के वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री और जिले के प्रभारी श्री जगदीश देवड़ा, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री बहादुर सिंह चौहान, श्री बहादुर सिंह बोरमुंडला, अन्य जन-प्रतिनिधिऔर बड़ी संख्या में लाड़ली बहनों सहित जन-समुदाय उपस्थित था।

जनदर्शन यात्रा में उमड़ा जनता का अभूतपूर्व सैलाब

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बड़नगर में जनदर्शन भी किया। बड़नगर की धरती पर चहुंओर त्यौहार-सा
नजारा नजर आया। जनदर्शन के दौरान जनता ने मुख्यमंत्री का अपार स्नेह एवं उत्साह से स्वागत किया और घरों से, घर की
छतो से, गलियारों से, सड़क के दोनों ओर कतारबद्ध होकर पुष्पों की वर्षा की। मुख्यमंत्री का लाड़ली बहनों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने रास्ते के दोनों ओर जगह-जगह स्वागत मंच बनाकर अपार उत्साह से स्वागत किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान का खाचरौदअधिकार मंच, अतिथि विद्वान नियमितिकरण संघर्ष समिति, सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं एवं शिक्षकों ने मुख्यमंत्री का सभा मंच से स्वागत किया। वहीं सुराज कॉलोनी, विभिन्न ग्राम पंचायत के निवासियों, प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण एवं शहरी) के हितग्राहियों, महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों ने सड़क के दोनों ओर कतारबद्ध और अनुशासित होकरअपूर्व जोश और उत्साह से स्वागत किया।

लाड़ली बहनें “धन्यवाद भैया” एवं भांजियाँ “प्यारे मामा” के नाम की तख्तियां लिये हुए थी। महिलाओं ने लाड़ली बहना योजना का लाभ देने के लिये पुष्प-वर्षा कर मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति आभार और हर्ष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री का काफिला विभिन्न मार्गों से होते हुए निकला तब हर गली एवं मोहल्ले में ढोल-नगाड़ों से मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। लाड़ली बहनें दोपहिया वाहन पर सवार थीं। वे सभी मुख्यमंत्री के पीछे उत्साह से चल रही थीं।

जगह-जगह जनता ने “प्यारे मामा, प्यारे भैया जिन्दाबाद” के नारे लगाये। जनदर्शन यात्रा में वित्त मंत्री एवं उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा भी शामिल हुए।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

क्या आप जानते है भारत में कितने प्रकार की चाय मिलती है …?

0 0
Read Time:6 Minute, 24 Second

चाय पानी के बाद ऐसा पेय है जिसे दुनिया में सर्वाधिक पीया जाता है। चाय सदियों से चली आ रही है और हमारे देश की 80 फीसदी जनसंख्या अपने दिन की शुरुआत चाय के साथ करती है। यह कहना भी अनुचित न होगा कि चाय
हमारी दिनचर्या का एक अहम हिस्सा है।

भारत विश्व में चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इंडिया में 563.98 हजार हेक्टेयर में चाय के बागान हैं, जिसमें से असम (304.40 हजार हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (140.44 हजार हेक्टेयर), तमिलनाडु (69.62 हजार हेक्टेयर) और केरल (35,000 हजार हेक्टेयर) में चाय उत्पादन होता है। लेकिन क्या आप जानते है भारत में चाय के बगान, चाय उत्पादन के साथ साथ इंडिया के पर्यटन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है जहाँ हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक अपनी फैमली, फ्रेंड्स के साथ घूमने और हनीमून मनाने के लिए आते है।

क्या आप एक चाय प्रेमी हैं? यदि हाँ, तो आपको इस बार की छुट्टियों में अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ चाय बागान घूमने जाने का प्लान बनाना चाहिये। इस तरह की यात्रा के दौरान, आप मनमोहक वादियों के बीचो बीच चाय कारखानों का पता लगा सकते हैं और अपनी पसंद के चाय एस्टेट में कुछ दिन बिता सकते हैं।


चाय कितने प्रकार की होती है?


1-सामान्य चाय
सामान्य चाय आपको हर चाय के होटलो में आसानी से मिल जाएगी जोकि स्वाद में बेहतरीन विकल्प है । इसे घर पारर भी तैयार करना बेहद आसान है । 1 कप उबलते हुए पानी(Boiled Water) में चाय की पत्ती(Leaf) और शक्कर(Sugar) स्वाद अनुसार डालने के बाद दूध(Milk) डालकर अच्छे से पकने तक उबला जाता है और तैयार होने पर गरमा-गर्म परोसी जाती है ।

2-अदरक वाली चाय
-यह अधिकांश रूप से सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली चाय है जोकि होती तो सामान्य चाय की तरह ही है लेकिन इसमें अदरक की मात्रा ज्यादा होती है । अधिकांश घरो में बनने वाली चाय अदरक वाली कड़क चाय ही होती है ।अदरक वाली चाय पीने में तो अच्छी होती है बल्कि स्वाथ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है इसको पीने से शारीरिक व मानसिक थकान कुछ कम हो जाती है ।

3-इलाईची वाली चाय
इलाईची वाली चाय भी अदरक वाली चाय की तरह ही बनाई जाती है बस इसमें अदरक के जगह इलाईची का इस्तेमाल किया जाता है और इसका स्वाद आपको चाय पीने में ही अनुभव होगा चुकी इलाईची-अदरक की अपेछा एक कीमती चयन है ।

4-मसाला चाय
-अगर आप सामान्य चाय पी कर थक चुके है और चाय में कुछ नया स्वाद चाहते है तो आपको मसाला चाय जरूर पीनी चाहिए । सामान्य रूप से बनने वाली चाय में अदरक-इलाइची के आलावा एक चाय मसाला भी प्रयोग किया जाता है । यह चाय मसाला कंपनियों के भी उपलब्ध है जैसे एवेरेस्ट मसाला अशोक मसाला आदि ।
मुख्य रूप से चाय मसाला में काली मिर्च ,लॉग, दालचीनी और अनेक प्रकार के मसलो का प्रयोग होता है जो चाय को एक उत्कृट स्वाद देता है ।

5-लेमन टी
-लेमन चाय मतलब नीबू की चाय बनाने के लिए 1 कप पानी में उसमे 1/2 चम्मच चाय की पत्ती ड़ालकर अच्छी तरह उबाल लेते है लेमन चाय में शुगर की मात्रा को बढ़ा कर लेते है चाय को गिलास में छानने के बाद लेमन डालते है ।
आज की युवा पीढ़ी को जो अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत सचेत रहती है उन्हें यह लेमन चाय काफी पसंद आती है और लेमन चाय पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती है ।

6-ग्रीन टी
आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, वजन कम करने और अपने शरीर को अंदर से स्वच्छ करने में आपका सबसे अच्छा दोस्त ग्रीन टी होगा। अपनी चाय की पत्तियों को पानी में मिलाएं और इसे उबलने दें। एक बार जब यह काफी उबल जाए तो चाय को छान लें।
हरी चाय का सबसे अच्छा हिस्सा यह है कि आप इससे जो भी जोड़ते हैं, वह अच्छी तरह से मिल जाता है। आप अपने ग्रीन टी में फ्लेवर जोड़ने के लिए चीनी, अदरक, पुदीने की पत्तियां, नींबू या मसाले डाल सकते हैं।

7-शुगर फ्री चाय
आज के दौर में हर व्यक्ति अपने स्वाथ्य को लेकर बहुत सचेत है । जो व्यक्ति डॉयबिटीज़ के मरीज है वो तो शुगर फ्री चाय लेना पसंद करते है मगर जिन्हे डॉयबिटीज़ नहीं भी है वो व्यक्ति भी शुगर फ्री चाय को अधिक पसंद कर रहे है ।
शुगर फ्री टेबलेट्स या बिना शक्कर की चाय इसका एक विकल्प है ।
यह इंडिया में आम-तोर पर मिलने वाली कुछ चाय है जिनका लुफ्त आप किसी भी रेस्टॉरेंट होटल या चाय की दुकानों पर ले सकते है ।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

क्या आप जानते है कितने जायके समेटे हुए है मध्य प्रदेश अपने अंदर…..?

0 0
Read Time:12 Minute, 21 Second

डिजिटल भारत l भारत के इस राज्य की राजधानी भोपाल शहर है। इस राज्य का कुल क्षेत्रफल 308,245 वर्ग किलोमीटर है। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पाँच राज्यों की सीमाओं से मिलती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात, तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है।

वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार यहाँ की कुल आबादी 7.33 करोड़ (MP Total Population) है। जिनमे से 90.9% लोग हिंदू धर्म को मानते हैं, जबकि अन्य में मुस्लिम (6.6%), जैन(1%),ईसाई (0.3%), बौद्ध (0.3%), और सिख (0.2%) आदि आते है।

आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की 01 नवंबर, 2000 तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इसके बाद इस दिन मध्यप्रदेश राज्य से 16 जिले अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई थी।
मध्य प्रदेश पूरे भारत में अपने बेहरतीन इतिहास और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है की यही इस राज्य की खासियत हो. बल्कि इससे अलग काफी कुछ है जो मध्य प्रदेश राज्य को खास पहचान दिलाता है. और उस में से एक है यहां का स्वादिष्ट खाना. हर राज्य का वहां के लोगों के हिसाब से अपना अलग खाना-पान और रहन सहन होता है. जिसमें उनकी संस्कृति और वहां के खूबसूरत विचार झलकते हैं. मध्य प्रदेश जायको की जमीन के नाम से भी जाना जाता है. और बहुत सी ऐसी टेस्टी और स्पेशल रेसिपीज है जिनकी यहीं की जमीन से शुरुआत हुई है. यहां पर नॉनवेज और वेज खाने के शौकीनों के लिए कई तरह के फूड आइटम खाने को मिल जाते हैं. राज्य की राजधानी भोपाल की गलियों में आपको वो सभी खाने के व्यंजन मिल जाएंगे जिसका स्वाद आप भूले नहीं भुलाएंगे. तो इस बार अगर आप मध्य प्रदेश जाने का प्लेन बना रहे हैं तो वहां के स्वादिष्ट खाने का स्वाद लिए बिना वापस ना आएं. और इसी लिए इस लेख में मैं आप को बताऊंगा की मध्य प्रदेश में ऐसी कौन सी खास खाने की चीजें मिलती हैं जिनका स्वाद आप वहां जा कर ले सकते हैं.

  1. इंदौरी नमकीन
    मध्य प्रदेश में बनने वाली इंदौरी नमकीन पूरे भारतवर्ष में फेमस है जो आपको और बाकी किसी भी शहर में देखने को नहीं मिलती. जब आप इसको खाएंगे तो इसका स्वाद आपका दिल जीत लेगा. इसके साथ ही यहां के रतलामी सेंव का स्वाद भी आपको काफी पसंद आएगा. इस नमकीन को और नमकीन की तरह की बेसन से बनाकर तैयार करने के बाद मुंगफली के ततेल में तला जाता है. इंदौर का सराफा बाजार सबसे अच्छी जगह है इंदौरी नमकीन को खरीदने के लिए.
  2. पोहा-जलेबी
    क्या आपने कभी पोहा और जलेबी का स्वाद एक साथ लिया है. और क्या इस कॉम्बिनेशन को एक साथ ट्राय करने के बारे में सोचा है. अगर नहीं तो बता दूं की मध्य प्रदेश के लोगों के लिए पोहा जलेबी सबसे पसंदीदा नाश्ता है. पोहे और जलेबी का कॉम्बिनेशन इस रेसेपी को काफी अनोखा बनाता है. यही कारण है की उत्तर भारत के कई लोग इसके दिवाने है. अकसर यहां के लोग इसे नाश्ते में खाते हैं. अगर आप भोपाल जाएंगे तो यहां के सुलैमानी चाय के साथ पोहा जलेबी का टेस्ट लेना ना भुलिएगा. अगर आपको इसका स्वाद लेना है तो आप इतवारा रोड पर कल्यान सिंह का स्वाद भंडार और पीर गेट एरिया पर राजू टी स्टॉल पर जा सकते हैं. यहां आपको पूरे मध्य प्रदेश की सबसे बेस्ट और स्वादिष्ट पोहा जलेबी खाने को मिल जाएगी. इंदौर में भी काफी शानदार स्ट्रीट फूड खाने और देखने को मिल जाते हैं. अगर आप यहां है और तो आपको नाश्ते में क्या खाना है इसकी जिंता कभी नहीं होगी. आप यहां के सराफा बाजार में जय भोले जलेबी भंडार का स्वाद दूध के साथ ले सकते हैं. यहां बिकने वाली जलेबी का तोड़ पूरे भारत में नहीं है.
  3. भोपाली गोश्त कोरमा
    नॉनवेज लोगों के लिए भोपाल में काफी कुछ है. यहां के खाने में मुगलाई खाने की झलकी साफ दिखती है. यहां का भोपाली गोश्त कोरमा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. भोपाली गोश्त कोरमा यहां के नवाबी रेसिपीज का एक अनोखा हिस्सा मानी जाती रही है. इसको बनाने के लिए मटन को तरह तरह के स्पेशल मसालों की ग्रेवी में कम आंच में पकाया जाता है. अगर आप नॉन वेज लवर हैं और भोपाल की यात्रा करने वाले हैं तो चटोरी गली में आप भोपाली गोश्त कोरमा आ आनंद ले सकते हैं.
  4. चक्की की शाक
    चक्की की शाक को बनाने के लिए गेहूं के आटे को स्टीम कर के तैयार किया जाता है. और इसे करी और दही के साथ परोसा जाता है. आपको पहली बार सुनने में ये डिश काफी बोरिंग लग सकती है. लेकिन इसका शानदार टेस्ट आपको अपना दिवाना बना देगा. राजस्थानी कल्चल से प्रेरित चक्की की शाक पूरे मध्य प्रदेश में काफी पसंद की जाती है. चक्की की शाक मध्य प्रदेश में किसी खास पार्टी, त्यौहार या फिर स्पेशल मौके पर बनाई जाती है. इस लिए भी ये यहां की सबसे खास डिशों में आती है
  5. दाल बाफला
    राजस्थान की दाल बाटी के नाम पर पड़ा मध्य प्रेदश का दल बाफला यहां के लोगों के दिलों और जुबां पर अपनी एक अलग जगह बना चुका है. दाल बाफला और दाल बाटी का टेस्ट लगभग एक जैसा ही होता है. और दोनों ही मध्य प्रदेश में आपको देखने को मिल जाती है. गेहूं के आटो के कुरकुरे बॉल्स को घी में डालकर उसे मसालेदार दाल, करी, अचार और मसालों के साथ परोसा जाता है. और यह कॉम्बिनेशन आपको पल भर में ही आपको राजस्थान के खाने की याद दिला देता है. अगर आपको भी दाल बाफला खाना है तो आप इसके लिए रतलाम जहां के व्यास दाल बाटी की दुकान पर जा सकते हैं. आपको यहां ऐसे दाल बाफला खाने को मिलेगा जिसका स्वाद आप कभी नहीं भूल पाएंगे. अगर बात भोपाल की कि जाए तो आप हबीबगंज के पधारो सा में दाल बाफले का स्वाद ले सकते हैं. इंदौर में आपको सबसे बेस्ट दाल बाफला सराफा बाजार में राझन्स में मिलेगा.
  6. बिरयानी पिलाफ
    अगर आप भी मेरी ही तरह फूड लवर हैं और बिरयानी आपको सबसे ज्यादा पसंद है तो इसका स्वाद लेने के लिए आपको भोपाल सबसे अच्छी जगह रहेगी. हैदराबाद के बाद भोपाल ही अपने स्पेशल बिरयानी के लिए जाना जाता रहा है. भोपाली बिरयारी यहां अपने एक अलग खासियत रखती है. इसमें मटन बिरयानी सबसे अच्छी होती है. सबसे अच्छी बात है की इस बिरयानी में आपको चिकन का स्वाद भी मिल जाएगा. यह एक ऐसी देशी डिश है. जिसका स्वाद अलग अलग इलाके के हिसाब से बदलता है. और इसको भारत के हर कोने में पूराने कई समय से पसंद भी किया जाता रहा है. भोपाल की इस शानदार बिरयानी को मटन पुलाव या फिर बिरयानी पिलाफ या सिंपल बिरयान के नाम से ही जाना जाता है. इसे अकसर जरदे के साथ परोसा जाता है. जो कि एक पारंपरिक एशियाई मीठा खाने का व्यंजन है. अगर आपको भी इस स्पेशल स्वादिष्ट बिरयानी का टेस्ट लेना है तो आप भोपाल की चटोरी गली में जा सकते हैं. इसके साथ ही आपको इमामी गेट के जिशान कॉम्प्लेक्स में इसका मजा ले सकते हैं.

अपने शहर में कैसे खोले खुद का फूड स्टोल
अगर आप इस राज्य में घूमने आएं है. और यहां के खाने के दिवाने हो गए हैं. और आपको भी मेरी तरह खाने और खिलाने का शौक है तो आप भी यहां के स्पेशल फूड आईटम को अपने शहर में बेच कर अपना खुद का छोटा मोटा खाने का बिजनेस शुरु कर सकते हैं. शुरु से ही लोग खाने के हमेशा से ही शौकीन रहे है. और नई नई चीजें ट्राई करना हर किसी को पसंद होता है. लेकिन अगर आप सच में मध्य प्रदेश के खाने या किसी भी खाने का काम शुरु करना चाहते हैं तो एक बात का ख्याल करना होगा. और वो है यहां के जैसे टेस्टी खाने और क्वालीटी का. जिसके लिए लोग आपकी दुकान में आएंगे. फिर चाहे आप देश के किसी भी शहर के किसी भी कोने में अपने कितनी भी बड़ी दुकान खोल लें. अगर आपके खाने में टेस्ट नहीं है तो आप किसी भी खाने की दुकान में सफलता हासिल नहीं कर पाओगे. आपको यहां जो भी स्ट्रीट फूड पसंद आया हो आप उस दुकान से उसकी स्पेशल रेसिपी पूछ सकते हैं. क्या पता वो आप को अपने खाने के स्वाद का राज बता दें. और आप भी अपने शहर में कोई फेमस फूड के लिए नाम कमा लें.

भारत की संस्कृति में मध्यप्रदेश जगमगाते दीपक के समान है, जिसकी रोशनी की सर्वथा अलग प्रभा और प्रभाव है। यह विभिन्न संस्कृतियों की अनेकता में एकता का जैसे आकर्षक गुलदस्ता है, मध्यप्रदेश, जिसे प्रकृति ने राष्ट्र की वेदी पर जैसे अपने हाथों से सजाकर रख दिया है, जिसका सतरंगी सौन्दर्य और मनमोहक सुगन्ध चारों ओर फैल रही है। यहाँ के जनपदों की आबोहवा में कला, साहित्य और संस्कृति की मधुमयी सुवास तैरती रहती है। यहाँ के लोक समूहों और जनजाति समूहों में प्रतिदिन नृत्य, संगीत, गीत की रसधारा सहज रूप से फूटती रहती है। यहाँ का हर दिन पर्व की तरह आता है

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

रक्षा बंधन पर मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया बहनों को विशेष उपहार

0 0
Read Time:7 Minute, 45 Second

डिजिटल भारत l रक्षा बंधन के त्‍यौहार के पूर्व आज 27 अगस्‍त का दिन लाड़ली बहना योजना की लाभार्थी बहनों के लिए खास बन गया। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में आयोजित राज्‍य स्‍तरीय लाड़ली बहना सम्‍मेलन में करीब सवा
करोड़ बहनों के खाते में 250-250 रूपये के मान से कुल 312 करोड़ 64 लाख 1 हजार 250 रूपये जमा कर उन्‍हें रक्षा बंधन
का विशेष उपहार दिया। इसमें जबलपुर जिले की 3 लाख 78 हजार 493 लाड़ली बहने शामिल है। लाड़ली बहना योजना की जिले की इन लाभार्थी बहनों के खाते में रक्षा बंधन के उपहार के तौर पर मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 9 करोड़ 46 लाख
23 हजार 250 रूपये की राशि अंतरित की गई।
राजधानी भोपाल के जम्‍बूरी मैदान में आयोजित इस राज्‍य स्‍तरीय लाड़ली बहना सम्‍मेलन का जबलपुर जिले में
ग्राम पंचायतों से लेकर नगरीय निकायों में वार्ड स्‍तर तक लाइव प्रसारण किया गया था। लाइव प्रसारण के इन कार्यक्रमों से
उत्‍साह से भरी लाड़ली बहना योजना की लाभार्थी महिलाओं के साथ-साथ लाड़ली बहना सेना की सदस्‍यों ने भी शिरकत की।
लाइव प्रसारण के दौरान बहनों ने भैया मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन को न केवल ध्‍यान से सुना बल्कि
उनकी हर घोषणा का तालियां बजाकर स्‍वागत किया। बहनों ने कार्यक्रमों में भजनों और लाड़ली बहना थीम पर गीत भी गाये।
लाड़ली बहना के राज्‍य स्‍तरीय सम्‍मेलन के बाद बहनों ने मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से रक्षा बंधन
पर मिले 250 रूपये के विशेष उपहार की प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की और इसे भाई-बहन के बीच स्‍नेह का प्रतीक बताया। उन्‍होनें
कहा कि भैया शिवराज से उपहार में मिली ढाई सौ रूपये की राशि से वे बच्‍चों के लिए मिठाई, भाइयों के लिये राखी और रूमाल खरीदेंगी। साथ ही एक राखी बहनों को सहातु बनाने का फर्म निभाने के लिए एक राखी भैया शिवराज को भी भेजेंगी। बहनों ने अक्‍टूबर माह से लाड़ली बहना योजना की राशि एक हजार से बढ़ाकर साढे बारह सौ रूपये करने की मुख्‍यमंऋी की घोषणा का भी स्‍वागत किया। बहनों ने कहा कि भैया शिवराज की इस घोषणा से बहनें और सशक्‍त बनेंगी।
जबलपुर जिले में आयोजित लाड़ली बहना सम्‍मेलन के लाइव प्रसारण के कार्यक्रमों में घाना में आयोजित कार्यक्रम में
पनागर के विधायक सुशील कुमार तिवारी ‘‘इंदू’’ को लाड़ली बहना योजना की लाड़ली बहनों ने राखी बांधी। विधानसभा क्षेत्र
जबलपुर केन्‍ट के अंतर्गत बिलहरी स्थित स्‍पोर्टस क्‍लब में विधायक अशोक रोहाणी एवं नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज
विज की उपस्थिति में आयोजित लाड़ली बहनों के राज्‍य स्‍तरीय सम्‍मेलन के लाइव प्रसारण के दौरान बहनों की मंडली ने
भजन कीर्तन प्रस्‍तुत किये और भैया शिवराज को आशीर्वाद दिया।
स्‍पोर्टस क्‍लब रांझी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई कटिया घाट निवासी शकुंतला मरावी ने मुख्‍यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान द्वारा बहनों को रक्षा बंधन पर 250 रूपये का उपहार देने तथा अक्‍टूबर माह से लाड़ली बहना योजना की
राशि 1250 रूपये करने पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की। बिलहरी निवासी आकांक्षा राजपूत, जमतरा निवासी प्रीति माइकल, बिलहरी
निवासी वैजयंती प्रधान, बसंती यादव, ज्योति चड़ार एवं राखी यादव, गौर निवासी गायत्री काछी एवं सरिता पटैल ने भी भोपाल में

आयोजित राज्‍य स्‍तरीय सम्‍मेलन में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणाओं का स्‍वागत किया। उन्‍होनें कहा कि
मुख्‍यमंत्री बहनों को सशक्‍त बनाने का अपना फर्ज निभा रहे है। योजना की राशि बढ़ने बहने आर्थिक रूप से और मजबूत
होगी, साथ ही घर की जरूरतें पूरी करने उनके हाथ में ज्‍यादा राशि होगी। बहनों ने कहा कि भैया शिवराज से मिले 250 रूपये
के विशेष उपहार ने रक्षा बंधन के त्‍यौहार को खास बना दिया है। वे इस राशि से बच्‍चों के लिए मिठाई, भाइयों के लिए राखी
और रूमाल खरीदेंगी।
जबलपुर शहर के गढ़ा वार्ड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सुनने आई बहन कौशल्या बेन
ने बताया कि उनके पति ऑटो चालक हैं। पर्याप्त आमदनी न होने के कारण उनका जीवन सुख सुविधाओं से वंचित था परंतु
लाडली बहना योजना के अंतर्गत प्रतिमाह मिलने वाली एक हजार रुपए की राशि से परिवार की जरूरतें पूरी हो पा रहीं है।
मुख्यमंत्री से रक्षाबंधन पर मिले 250 रूपये के उपहार से कौशल्या बहुत खुश नज़र आई। उन्होंने कहा कि वे इस राशि
से अपने भाइयों के लिये राखी, रूमाल और मिठाई खरीदेगी। एक राखी भैया शिवराज को भी भेजेंगी।
इसी कार्यक्रम का हिस्सा बनीं राम नगर शाहनाला निवासी पूजा सिंह झारिया रक्षा बंधन पर मिले 250 रूपये के विशेष
उपहार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया। पूजा ने अक्‍टूबर माह से योजना की राशि साढ़े बारह सौ
रूपये करने की भैया शिवराज की घोषणा का स्‍वागत करते हुये कहा कि इससे वह बच्‍चों की पढ़ाई के साथ-साथ घर की छोटी- छोटी जरूरतों की पूर्ति भी कर लेगी। वार्ड के कार्यक्रम में आईं बहन मुस्कान पांडे, सविता विश्वकर्मा, रचना बेन और रानू चौधंरी ने भी लाडली बहना योजना की राशि एक हजार रुपए से बढ़ाकर 1 हज़ार 2 सौ 50 करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हृदय से आभार व्यक्त किया। बहनों ने कहा कि वे हमेशा शिवराज भैया का साथ देंगी।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

सैयद हुसैन और विजयलक्ष्मी पंडित आज़ादी के हीरो की कहानी

0 0
Read Time:4 Minute, 55 Second

डिजिटल भारत l सैयद फिदा हुसैन का जन्म 1904 ई. में जहानाबाद जिला में हुआ था। इनके पिता सैयद अहमद अब्दुल अजीज पिंजौरा गाँव के निवासी थे।

1917 ई. के रॉलेट अधिनियम और 1919 ई. में जालियाँवाला बाग जैसी नृशंस घटनाओं ने उनके मन-मस्तिष्क को स्वतंत्रता आंदोलन में कूदने के लिए उद्वेलित किया। अप्रैल 1920 ई. में गया में आयोजित खिलाफत आंदोलन में इन्होंने भाग लिया और हिन्दू-मुस्लिम एकता की जबरदस्त वकालत की। महात्मा गाँधी ने असहयोग आंदोलन के क्रम में अपने सहयोगी शौकत अली, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, स्वामी सत्यदेव आदि के साथ 5 दिसम्बर, 1920 ई. को गया में प्रथम पदार्पण किया। ईद-उल जोहा के पावन अवसर पर मजहवी मिल्लत तथा शांति कायम और कौमी एकता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से महात्मा गाँधी ने 12 अगस्त, 1921 से मोहम्मद अली अब्दुल कादिर आजाद सोमानी, जमना लाल बजाज आदि सहयोगियों के साथ सम्पूर्ण मगध क्षेत्र का भ्रमण किया। फिदा हुसैन ने भी एक स्वयंसेवक की हैसियत से उनके साथ भ्रमण किया और युवकों को स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय होने के लिए शंखनाद किया। गया के केन्दुई गाँव में आर. एन. मधोलकर की अध्यक्षता में काँग्रेस का 38 वाँ अधिवेशन प्रारंभ हुआ। इस अधिवेशन को सफल बनाने हेतु फिदा हुसैन स्वयंसेवक के रूप में दिन-रात लगे रहे। इनकी सेवा भावना की लोगों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की और मगध क्षेत्र के स्थापित काँग्रेसी नेता के रूप में उन्हें जनमानस में ख्याति मिली। महात्मा गाँधी के मार्गदर्शन में ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह और दाण्डी मार्च हुआ। फिदा हुसैन ने भी अपने सहकर्मियों के साथ सम्पूर्ण जहानाबाद क्षेत्र में विदेशी कपड़ा, गाँजा, भाँग, ताड़ी तथा शराब की दुकानों पर शांतिपूर्ण ढंग से पिकेटिंग का तांता लगा दिया। फलतः वे अपने अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार हुए और छह माह के बाद इनकी जेल से रिहाई संभव हुई। किसान आंदोलन में सक्रिय होकर इन्होंने पण्डित यदुनन्दन शर्मा, रामानन्द मिश्र, मोहनलाल गौतम कृषक नेताओं के सहयोग से किसानों के हित में उल्लेखनीय कार्य किया। भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना के स्वर्ण जयन्ती समारोह में डा. राजेन्द्र प्रसाद के मार्गदर्शन में 28-30 दिसम्बर, 1935 ई. को जहानाबाद में प्रभात फेरी, व्याख्यान, खादी प्रर्दशनी, काँग्रेस की उपलब्धियाँ, शहीदों की कुर्बानियाँ जैसे विषयों पर अनेक कार्यक्रमों के आयोजन में इनकी भूमिका सराहनीय रही।
मिस्र की राजधानी काहिरा में एक क़ब्रिस्तान है ‘अल-अराफ़ा’ जिसे अंग्रेज़ी में कहा जाता है ‘द सिटी ऑफ़ द डेड’.

इस क़ब्रिस्तान में एक अकेला भारतीय दफ़्न है जो अपने ज़माने में एक बहुत बड़ा अध्येता, पत्रकार और देश प्रेमी था और जिसने सालों तक भारत के बाहर रहकर उसकी आज़ादी के लिए बहुत पसीना बहाया था.

इस शख़्स का नाम था सैयद हुसैन जिसका जन्म सन 1888 में ढाका में हुआ था. होसैन मामूली शख़्स नहीं थे.

एनएस विनोध उनकी जीवनी ‘अ फ़ॉरगॉटेन एमबेसेडर इन काएरो द लाइफ़ एंड टाइम्स ऑफ़ सैयद हुसैन’ में लिखते हैं, “सैयद अपने समय के निहायत ही आकर्षक, विद्वान और सुसंस्कृत शख्स थे जिनमें अपने भाषणों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देने की ग़ज़ब की क्षमता थी. वो एक असाधारण लेखक और धर्मनिरपेक्ष देशभक्त थे.”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

प्रदेश की 2792 कॉलोनियॉं हुईं वैध घोषित प्रदेश के हर गरीब के पास होगा अपना मकान

0 0
Read Time:5 Minute, 49 Second

डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश के हर गरीब के पास खुद का प्लाट और मकान हो। उन्होंने कहा कि सभी अवैध कॉलोनियॉं जहां लोगों ने अपने खून-पसीने की कमाई से घर बनाये हैं वैध की जा रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश भर की 2792 अवैध कालोनियों को वैध करने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे इन कालोनियों के 30 लाख से अधिक रहवासियों को बुनियादी सुविधायें मिल सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि माफियाओं से मुक्त जमीन पर सुराज कालोनी बना रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान ने यह बात आज यहां जबलपुर में सु-राज कॉलोनी योजना के शुभारंभ एवं अनाधिकृत कालोनियों में अधोसंरचना विकास एवं भवन अनुज्ञा प्रदान करने के राज्यस्तरीय कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम से नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह वर्चुअली जुड़े थे।
​मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहॉं 130 करोड़ 15 लाख रूपये की लागत वाले विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कन्यापूजन से हुआ। मुख्यमंत्री ने मदन महल पहाड़ी के विस्थापितों को प्रतीकात्मक रूप से आवासीय पट्टा प्रदान किया।
माफियाओं से मुक्त जमीन पर बनेगी सुराज कालोनी
​शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को वैध घर के अधिकार का उपहार देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में बुलडोजर चलाकर भू-माफिया के अवैध कब्जे से जमीन मुक्त कराई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की 23 हजार एकड़ भूमि को भू-माफियाओं और अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराकर हम गरीबों के लिए सुराज कालोनी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जबलपुर में भू-माफिया के अतिक्रमण से मुक्त कराई जमीन पर 900 से अधिक मकान बनाये जा रहे हैं। इसमें इंदौर और भोपाल में भी भवनों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुराज कालोनी में सभी जरूरी अधोसंरचनात्मक बुनियादी जरूरतें जैसे- सड़क, पीने का पानी, बिजली, सामुदायिक भवन, स्कूल, डिस्पेंसरी बनाई जायेंगी।
413 नगरीय निकायों को मिलेगी राशि
​मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों में कायाकल्प अभियान के तहत सड़कों, नालियों व पार्कों के विकास व निर्माण के लिए राशि दी जायेगी।
आज सारी अवैध कालोनियों को वैध करते हुए मेरा मन प्रसन्न और आनंदित है। उन्होंने मंच से कहा कि शहरों, महानगरों, मझोले शहरों में रहने वाले भाई-बहनों ने जैसे-तैसे मेहनत और खून-पसीने की कमाई से प्लाट खरीदा, मकान बनवाया और तब पता चला की ये कालोनी अवैध हैं। हर व्यक्ति की खुद के मकान की हसरत होती है। इसलिए आज से सभी अवैध कॉलोनियों को वैध कर दिया गया है।
बिल्डर अनुमति लेकर ही कॉलोनी करें विकसित
भविष्य में बिल्डर सभी अनुमतियॉं लेकर ही कालोनी विकसित करें, बिल्डर की गलतियों का खामियाजा जनता नहीं भुगतेगी। बल्कि बिल्डर को कार्यवाही भुगतनी पड़ेगी।
समारोह को संबोधित करते हुए सांसद राकेश सिंह ने कहा कि जबलपुर के जनदर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक अभिनंदन हुआ है। उन्होंने प्रदेश की अवैध कालोनियों को वैध करने के मुख्यमंत्री के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जनता के सुख-दुख और परिवार की जिम्मेदारी को सरकार की जिम्मेदारी बनाया है।
राज्यस्तरीय कार्यक्रम का प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों में लाइव टेलीकास्ट किया गया। जहॉं लोगों ने मुख्यमंत्री के संबोधन को देखा और सुना।
​कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीक, विधायक सर्वश्री अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी, नंदनी मरावी, सुशील तिवारी सहित नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज विज, पूर्व मंत्री अंचल सोनकर, हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू, शरद जैन, जिला भाजपा अध्यक्ष प्रभात साहू, कमलेश अग्रवाल, पूर्व महापौर स्वाति गोडबोले मौजूद रहे।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %